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जय हिन्द
बोलो न मुन्ना क्या सोचा तुमने?
जुम्मन बोले-यह अलगू चौधरी की इच्छा पर निर्भर है।
पोखर के रास्ते में उसे चोरु मिल गया|
की दूरी पर नागरकोविल है।
एक दिन उस चील के अंडों में से एक अंडा नीचे गिरा
हमें गुझिया और पूरी खाने को मिलेंगी.
उसने सीढ़ी छोड़ दी और गुस्से से मेरी तरफ़ देखा,
पंडित जी उनके साथ बड़ी उदारता से पेश आते।
रजनी ने यह भी बताया कि वहाँ बर्फ़ के पुतले बनाने की प्रतियोगिता होती है|
अवश्य ही महाराज का दिमाग फिर गया है|
सिद्धेश्वरी फिर झूठ बोल गई,
वो किसी भी नागरिक को केवल चरमपंथ
तुम्हें हार मान लेनी चाहियें पर वो मेंढक शायद उनकी बात नहीं सुन पा रहा था
लड्डू की खुशबू अचानक महके,
वह टूटे फाटक से सीधे बाहर निकल गया।
कभी जमीन पर गिरते हुए.
लहरों के धक्के एक-दूसरे को स्पर्श से पुलकित कर रहे थे।
नगर नारियल के वृक्षों से ढका है।
उन्हें बहुत अफसोस हो रहा था|
इसको बंद कर देना चाहिए।'
ज़रूर चित्रकारी की कक्षा ने चंदा किया होगा।
निर्दयता और विश्वास-घातकता का
उन्होंने तेनालीराम से पूछा कि यदि वह वापस आया तो तुम इस लिस्ट का क्या करोगे|
'ये भूरा वाला ले लेते हैं!' अनिल ने कहा।
लड़के वहाँ से एक फर्लांग पर हैं.
और जैसे ही बात करने के लिए मुँह खोलती हूँ,
और माँ ने कहा है कि कल वे पूड़ियाँ बनाने वाली हैं!
लड्डू की खुशबू अचानक महके,
मैं थक चुका था।
अब बस्ती घनी होने लगी थी.
क्या वे कह सकती हैं कि इस आठ वर्ष की मुद्दत में
उसके क्षतों को अपनी स्निग्ध दृष्टि और
कहो न दीदी, हूँ न मैं समझदार?
के फिर उड़ ना पाया
तब भी हवस नहीं मानती।
'नाम तो तुम्हारा खास अच्छा नहीं है लेकिन, इस मामले में मैं कुछ नहीं कर सकता|
वह जानती थी कि वह इसी दिन के लिए बनी है।
वह भी दोपहर तक, किसी ने वह भी नहीं,
'मोरू!' शिक्षक ने कड़क के कहा, 'तुम कुछ करते क्यों नहीं हो?'
वे पहले आने वाले मज़दूर जैसे नहीं, दफ्तर में मेज़-कुर्सी पर काम करनेवाले लोग थे और
ऐश्वर्य का फल क्या है?-मान और मर्यादा।
यमुना किनारे उनका अंतिम
और आवाज़ भी बढ़ा सकती हूँ…?
मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था लेकिन मैंने बड़े-बड़े लोगों के इंटरव्यू देखे थे,
जैसे बिजली की लाखों बत्तियाँ एक साथ प्रदीप्त हों और
मैंने एक कदम पीछे हटाया।
काका ने जवाब दिया।
जज ने खड़े होकर कहा-यह कानून का न्याय नहीं, ईश्वरीय न्याय है!
इस वक्त राजा का क्रोध भी शांत हो चुका था|
पशु-बल और धन के उपासक के मन में किसी
हम आपको बता रहे हैं 'मिल्कमैन ऑफ इंडिया'
के ख़िलाफ़ आंदोलन शुरू किया.
ठहरने का स्थान नागरकोविल से कन्याकुमारी की
धनी सोच कर परेशान हो रहा था।'
यह आदेश सुनकर तेलानीराम से नफरत करने वालों के चेहरे पर रौनक आ गई और
जिस पर जाजिम बिछा हुआ है और
ठहरने का स्थान नागरकोविल से कन्याकुमारी की
'हाँ, हम तुमको आदेश देते हैं कि पेड़ से उतर जाओ!'
आस-पास के गाँवों में ऐसा कौन था,
एक मतवाले नाविक के शरीर से टकराती हुई
उसके गले तथा छाती की हडि्डयाँ साफ दिखाई देती थीं।
चंपा के दूसरे भाग में एक मनोरम शैलमाला थी।
मैं चिल्ला-चिल्लाकर उनसे नीचे आने के लिए कहने लगा।
बहुत से दीन दुखी,
इसके प्रतिकूल दो सभ्य मूल के
नाहीं घरे श्याम, घेरि आये बदरा।
'लेकिन यह तो सरासर नाइंसाफ़ी है!
अज्जी ने कहा, 'तुम ये लड्डू खा सकते हो।'
दर्द में कराहती कांता को सांत्वना देती रही।
आशीर्वाद के फूलों और खीलों को बिखेर दिया।
उन बेकसों के साथ दगा दिया है,
वह बड़ा ही होशियार हो गया है।
रामचंद्र ने कुछ नहीं कहा।
'विश्वास? कदापि नहीं, बुधगुप्त!
किंतु, लगभग दस मिनट बीतने के
मीनू की फोटोज लाजवाब थी।
चंपा के एक उच्चसौध पर बैठी हुई
'अभी नहीं, अभी नहीं। तुम्हें थोड़ा रुकना पड़ेगा!'
उसका मुख खुला हुआ था और
फिर सिर पर हाथ रखकर देखा,
'धनी ने सीधे काम की बात पूछी।
स्वाभाविक प्रवृत्ति पाप की ओर होती है,
धनी को उससे बातें करना अच्छा लगता था।
दोपहर के खाने में अक्सर सबके आधे पेट रह जाने पर ख़त्म हो जाने वाले चावल से नहीं, उन दोस्तों से नहीं जिन्हें खेल जमते ही
वह पतली सी चारपाई पर कस के आँखें मूँदे पड़ा रहा।
शाम-सबेरे एक आदमी खरहरे करता, पोंछता और सहलाता था।
यदि पेड़ कट जाएँगे तो यहाँ की सुन्दरता खत्म हो जाएगी।
खाना खाया कुछ देर बाहर घूमने गए ।
चौंककर नायक ने कहा और अपना कृपाण टटोेलने लगा!
यही कारण है कि मुंशी जी के मृदुभाषी मातहतों को
आनन्द साहब ने खुशी से सिर हिलाया|
'क्या तुम इन्हें बाहर निकालने में मेरी मदद करोगे?' शिक्षक ने पूछा।
‘ठीक-ठाक पाँच पैसे लगेंगे, लेना हो लो,
वह बैठ गई, आँखों को मल-मलकर इधर-उधर देखा और
इस अजीब स्थिति से मुझे खुद ही निबटना था।
मैं अपनी हँसी सुन सकती हूँ
मुझे क्या बेचेगा रुपय्या
मैं सड़क की ओर देखने लगा।
'सर मैं भी मॉडल का ही ऑडिशन देने आई हूं।'

Rajasthani Hindi Speech Dataset

This dataset consists of audio recordings of participants reading out stories in Rajasthani Hindi, one sentence at a time. They had 98 participants from Soda, Rajasthan. Each participant read 30 stories. In total, we have 426872 recordings in this dataset. They had roughly 58 male participants and 40 female participants.

Point to Note: While random sampling suggests that most users have to their best effort tried to accurately read out the sentences, we have not performed any quality analysis on the data. There could be errors in some of the recordings.

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