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'लगान' के नन्हें 'टीपू' को पहचान पाना हुआ मुश्किल, 21 साल में इतने बदल गए हैं एक्टर- देखें PICS - lagaan child actor amin gazi new photo went viral – News18 हिंदी देश भाषा चुनें हिन्दी ENGLISHবাংলা मराठीગુજરાતીঅসমীয়া ಕನ್ನಡ தமிழ் മലയാളം తెలుగు ਪੰਜਾਬੀ اردو ଓଡ଼ିଆ लाइव टीवी News18 इंडियाNews18 उत्तर प्रदेश, उत्तराखंडNews18 पंजाब, हरियाणा,हरियाणाNews18 बिहार, झारखंडNews18 मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़News18 राजस्थान ऐप डाउनलोड करें हमें फॉलो करें Trending Topics :#pm-modi#IND-BAN#assembly-elections#UPSC Result होम /न्यूज /राष्ट्र /'लगान' के नन्हें 'टीपू' को पहचान पाना हुआ मुश्किल, 21 साल में इतने बदल गए हैं एक्टर- देखें PICS 'लगान' के नन्हें 'टीपू' को पहचान पाना हुआ मुश्किल, 21 साल में इतने बदल गए हैं एक्टर- देखें PICS लगान के नन्हे टीपू (फोटो साभार: @amingazi1485/instagram) आमिर खान (Aamir Khan) और ग्रेसी सिंह (Gracy Singh) की सुपरहिट फिल्म 'लगान' (Lagaan) में 'टीपू' के रोल को एक्टर अमीन गाज ...अधिक पढ़ें News18Hindi Last Updated : March 31, 2022, 10:10 IST Follow us on written by :Radha Sharma फिल्म ‘लगान’ (Lagaan) में नन्हें ‘टीपू’ के किरदार को निभाकर दर्शकों पर छा जाने वाले अमीन गाजी (Amin Gazi) को अब पहचान पाना लोगों के लिए मुश्किल है रहा है. एक्टर की सोशल मीडिया पर एक लेटेस्ट फोटो सामने आई है, जिसमें उनका लुक ट्रांसफॉर्मेशन इतना उम्दा लग रहा है कि लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि वह ‘लगान’ के चाइल्ड आर्टिस्ट ‘टीपू’ हैं. गौरतलब है कि अमीन ने जब आमिर खान (Aamir Khan) और ग्रेसी सिंह (Gracy Singh) के साथ फिल्म ‘लगान’ का स्क्रीन स्पेस शेयर किया था, तब उनकी उम्र 13 साल की थी. यह फिल्म साल 2001 में रिलीज हुई थी. फिल्म की कहानी साल 1893 पर आधारित थी और यह ऑस्कर अवॉर्ड पाने के बेहद करीब पहुंच गई थी. लगभग 21 साल बाद अमीन गाजी अपने लुक की वजह से एक बार फिर से खबरों में हैं. अमीन गाजी की लेटेस्ट फोटो वायरल दरअसल, इंस्टाग्राम पर अमीन गाजी (Amin Gazi) की एक तस्वीर उनके चाहने वालों को खूब पसंद आ रही है. हालांकि उनकी ये फोटो थ्रोबैक है लेकिन फैन उनके लुक को देखकर खूब प्यार लुटा रहे हैं. फोटो में अमीन एक फिट और स्मार्ट लग रहे हैं. फिल्म ‘लगान’ (Lagaan) के टीपू उर्फ अमीन गाजी (फोटो साभार: @amingazi1485/instagram) फोटो में उनके एक्सप्रेसन्स को देखकर लगा रहा है कि वह फोन पर बात करते हुए किसी पर रौंब जमा रहे हैं. कर्ली हेयर, गुस्से में लाल हुईं आंखें और चढ़ी हुई उनकी नाक को देखकर लग रहा है कि वह एक्टिंग और एक्सप्रेसन्स देने के मामले में किसी से कम नहीं है. फिल्म ‘लगान’ (Lagaan) के टीपू उर्फ अमीन गाजी (फोटो साभार: @amingazi1485/instagram) फिल्म ‘हनक’ में दिखेंगे अमीन गाजी अमीन गाजी (Amin Gazi) को ‘लगान’ के बाद 2003 में आई कॉमेडी फिल्म ‘हंगामा’ में देखा गया. इस फिल्म में उन्होंने ‘भोलू’ का रोल प्ले किया था और इस रोल से वह एक बार फिर से फेमस हो गए. इनकी तीसरी फिल्म ‘खेले हम जी जान से’ रही. अब आने वाले दिनों में अमीन को गैंगस्टर विकास दुबे पर बन रही फिल्म ‘हनक’ में देखने को मिलेगा. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Aamir khan, Bollywood, Lagaan FIRST PUBLISHED : March 31, 2022, 06:30 IST विज्ञापन ट्रेंडिंग जनवरी में वाराणसी से चलेगा क्रूज, 50 दिन में करेगा 4,000 किलोमीटर की यात्रा गुजरात चुनाव: भाजपा ने कांग्रेस के 17 बागियों को अपना बनाया, थमाया टिकट दुनिया की आधी घरेलू संपत्ति के मालिक ये दो बड़े देश, जानें कहां खड़ा है भारत लालू यादव को किडनी देने को कैसे तैयार हुईं बेटी रोहिणी, कैसे राजी हुए RJD चीफ? 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(15.05.2020)। कैम्पिंग ट्रैकिंग या आर्गनाइज्ड ट्रैकिंग (Camping Trekking / Full Organized Trekking)। कच्चे तेल के लिए इसका क्या अर्थ है? जैसा कि आप उपरोक्त चार्ट पर देखते हैं, अतीत में कई बार (हमने उन्हें हरे रंग के साथ चिह्नित किया) अनुपात में स्थानीय बोतलों कच्चे तेल में स्थानीय शीर्ष के अनुरूप है। इसलिए, यदि हम यहां से एक रिबाउंड और रैली देखते हैं, तो कमोडिटी में पुलबैक की संभावना बढ़ जाएगी।
अल्पसंख्यक होना लगभग अपराधी होना बन गया है- अशोक वाजपेयी ⋆ Jankipul Home ब्लॉग अल्पसंख्यक होना लगभग अपराधी होना बन गया है- अशोक वाजपेयी By prabhat Ranjan - October 8, 2015 7 24 Tweet on Twitter tweet अशोक वाजपेयी अपनी जनतांत्रिकता के लिए जाने जाते रहे हैं. देश की जनतांत्रिक परम्पराओं पर जब भी संकट के बादल मंडराए हैं उन्होंने आगे बढ़कर उका प्रतिकार किया. 2002 में हुए गुजरात दंगों के समय उन्होंने सरकारी सेवा में रहते हुए खुलकर सरकार का विरोध किया था और प्रतिरोध की एक मिसाल पेश की थी. देश में खराब होते सांप्रदायिक माहौल, उसमें शासन की चुप्पी आज परेशान करने वाली है. अचानक से ऐसा लग रहा है जैसे देश का साम्प्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण किया जा रहा हो. ऐसे अशोक वाजपेयी ने साहित्य अकादेमी पुरस्कार वापस कर हम युवाओं में ऊर्जा का संचार किया है. यह चिंता की बात है कि जो प्रतिरोध के पुरोधा माने जाते रहे हैं वे ऐसे माहौल में चुपचाप हैं. जबकि अशोक जी जैसे लेखक ने उस चुप्पी को तोड़ने का काम किया है. हम युवाओं को तनकर खड़े होने की प्रेरणा दी है. लेखक के रूप में अपनी भूमिका को समझने का सन्देश दिया है. अशोक जी सच में आज के युवा लेखकों के लिए अन्धकार में एक प्रकाश की तरह हैं. जानकी पुल के पाठकों के लिए अशोक जी ने विशेष वक्तव्य दिया है- "यह साहित्य, कलाओं, परम्परा और संस्कृति सबके लिए बहुत कठिन समय है. जिस बहुलता, समावेश और खुलेपन को, बहुभाषिकता और बहुधार्मिकता को हम पोसते और उससे शक्ति पाते रहे हैं, उस पर लगातार आक्रमण हो रहे हैं. हम इकहरेपन की तानाशाही के कगार पर पहुँच रहे हैं और संकीर्णता, हिंसा, हत्या, असहिष्णुता, प्रतिबन्ध सब लगातार बढ़ रहे हैं. अल्पसंख्यक होना लगभग अपराधी होना बन गया है. ऐसे समय में हम सृजनसम्प्रदाय के लोग चुप और उदासीन नहीं बैठ सकते हैं." TAGSashok vajpeyiअशोक वाजपेयी SHARE tweet Previous articleवो हमसफ़र था मगर उससे हमनवाई न थीNext articleतीसरा शैलप्रिया स्मृति सम्मान अनीता रश्मि को prabhat Ranjanhttps://plus.google.com/115749723993772049314 RELATED ARTICLESMORE FROM AUTHOR Virod nayochit hona chahiye sach hai ki musalimo ko kuchh log sak ki najaro se dekhate hai Jo gal at hai ap sahi bol rahe hai ashok jee.ham apke bato se sahmat hu.lagta he hai jaise ham is desh ke nagrik he na hai aisa ab bewahar hota hai अशोक बाजपेई उस बुद्धिजीवी वर्ग से आते हैं जिन्हें उनकी औकात से जड़ मिल गया। सांप्रदायिक माहौल को लेकर शासनतंत्र में कब चुपी नहीं रही…..? 2002 से पहले देश में कुछ भी अजनतांत्रिक नहीं हुआ था क्या? जो विरोध 2002 से शुरू हुआ? सर ये कहना पूर्णतया गलत है। किसी एक उदहारण विशेष को उठाकर ऐसे गम्भीर मुद्दे से जोड़ना ठीक नहीं। अशोक जी ने 2002 में गुजरात दंगो का विरोध किया ये अच्छा था। पर उन्हें ये भी पता होता की गोधरा में मारे गये बच्चे साधू सन्त क्यों मारे गये तो क्या दोष था उनका? केवल एक पक्ष की बात कहना उचित नहीं। मैं कानपुरका रहने वाला हूँ। अखबार रोज पढता हूँ। कानपुर में हुये दंगो के इतिहास खंगलेगे तो पता लगेगा। की दंगो कब कैसे और कहाँ से शुरू होते है। आप खुद विद्वान् है। आज़ादी से पहले गणेश शंकर की मृत्यु से लेकर आज 2015 तक बहुत सारे सच देश से केवल इस लिये छिपाये गए की सौहार्द बना रहे। कुल मिलाकर अशोक जी की राय गलत और सवालिया है। व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है की अल्पसंस्खयक होने का केवल लाभ उठाया जा रहा है। हम अशोक जी के साथ हैं और सहमत भी Reply LEAVE A REPLY Cancel reply Please enter an answer in digits:3 − one = साप्ताहिक लोकप्रियAllFeaturedAll time popularMore
खाली घर का रहस्य (शेरलॉक होम्स की जासूसी कहानी) : आर्थर कॉनन डायल - HindiYug.com खाली घर का रहस्य (शेरलॉक होम्स की जासूसी कहानी) : आर्थर कॉनन डायल Khali Ghar ka Rahasya - Sherlock Holmes ki Jasusi kahani in Hindi by Arthur Conan Doyle सन् 1894 के वसंत का समय था, परंतु सारे लंदन की फैशनपरस्त दुनिया माननीय रोनाल्ड एडेयर की असामान्य और विचित्र सी परिस्थितियों में हुई मौत से दुःखी थी और इसमें पर्याप्त रुचि भी ले रही थी। पुलिस की छानबीन में इस अपराध के जो भी ब्योरे सामने आए, जनता उनको पहले से ही जान चुकी थी। इसमें से बहुत कुछ दबाया भी जा चुका था, चूँकि अभियोजन का मुकदमा इतना मजबूत था कि सभी तथ्यों को सामने लाने की जरूरत ही नहीं पड़ी। अब केवल दस सालों के बाद, मैं उन खोई हुई कडि़यों को ला रहा हूँ, जिनसे मिलकर एक बेहतरीन शृंखला बनेगी। यह अपराध अपने आप में ही रोचक था, मगर मेरे लिए यह रोचकता उस अविश्वसनीय परिणाम की तुलना में कुछ भी नहीं थी। इस घटनाचक्र ने मेरे साहसिक जीवन में मुझे एक गहरा धक्का और अचरज से भर दिया। अभी भी इतना समय बीत जाने के बाद जब से भर मैं इसके बारे में सोचता हूँ तो मुझे प्रसन्नता, आश्चर्य और अविश्वास की एक बाढ़ सी नजर आती है, जिसमें मेरा मन डूब जाता है। मुझे लोगों को यह बताना है कि जिस अद्भुत व्यक्ति के कामों और विचारों को मैंने प्रस्तुत किया है, लोगों ने उनमें रुचि दिखाई है, वे मुझे इस बात के लिए दोषी नहीं ठहराएँगे कि मैंने उनको अपनी जानकारियों में हिस्सेदार नहीं बनाया, क्योंकि यह मेरा पहला कर्तव्य था और ऐसा करने के लिए मुझे होम्स ने स्वयं ही मना किया था। अभी पिछले महीने की तीसरी तारीख को ही उन्होंने मुझे इस बंधन से आजाद किया है। इस चीज की कल्पना की जा सकती है कि शेरलॉक होम्स के साथ मेरी अति घनिष्ठता ने अपराध के क्षेत्र में मेरी गहरी रुचि जगा दी थी। उनकी गैर-मौजूदगी में लोगों के सामने आनेवाली कई तरह की समस्याओं को ध्यानपूर्वक समझने में मैं कभी भी असफल नहीं हुआ। यहाँ तक कि कई बार अपने खुद के संतोष और उसके समाधान के लिए मैंने उन तरीकों का इस्तेमाल भी किया; हालाँकि मैं सफलता से तटस्थ ही रहा, परंतु एडेयर की त्रासदी के अलावा उनमें से ऐसी कोई भी चीज नहीं थी, जिसने मुझे प्रभावित किया। इनकी जाँच के प्रमाण मुझे किसी ऐसे व्यक्ति या अनजाने व्यक्तियों के खिलाफ ले गए, जिन्होंने जान-बूझकर हत्या की थी। शेरलॉक होम्स की मौत से समाज को जो नुकसान हुआ था, उसे मैंने इतनी शिद्दत से महसूस किया, जितना कि पहले कभी नहीं किया था। इस विचित्र से मामले में इस तरह के बिंदु थे, जिनका मुझे यकीन था कि वे उन्हें खासतौर से लुभाते और वे पुलिस की सहायता भी कर रहे होते या जहाँ तक भी मुमकिन है, यूरोप के प्रथम प्रशिक्षित अपराध एजेंट के सजग दिमाग का पूर्वानुमान भी पाते। जब मैं सारे दिन घूम रहा था, तब मेरे दिमाग में वह केस भी चक्कर काट रहा था, परंतु मुझे इसका कोई भी उचित समाधान नहीं मिला। कहानी की पुनरावृत्ति के जोखिम से बचने के लिए मैं इसके तथ्यों को संक्षेप में ही दुहराऊँगा, क्योंकि वे लोगों को जाँच के परिणाम के रूप में पहले से ही पता हैं। माननीय रोनाल्ड एडेयर मैनूथ के अर्ल के दूसरे बेटे थे, जो कि उस समय ऑस्ट्रेलिया के उपनिवेशों में से किसी एक के गर्वनर थे। एडेयर की माँ को ऑस्ट्रेलिया से वापस लौटना पड़ा, क्योंकि उन्हें मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना था। वे अपने बेटे रोनाल्ड और बेटी हिल्डा के साथ 427, पार्क लेन में ही रहती थीं। ये युवा समाज के संभ्रांत लोगों के बीच उठते-बैठते थे और इनकी न तो किसी के साथ दुश्मनी थी और न ही इनमें कोई खास गंदी आदतें थीं। इनकी सगाई क्रस्टेयर्स की मिस एडिथ वुडले के साथ हुई थी, मगर कुछ ही महीने पहले उनके आपसी समझौते से यह सगाई टूट गई। इस घटना ने अपने पीछे किसी तरह के भावनात्मक चिह्न भी नहीं छोड़े थे। चूँकि इनकी आदतें और स्वभाव भावुकताविहीन थीं, इसीलिए इनका बचा हुआ जीवन संकीर्ण और रूढि़गत सामाजिकता में ही गुजरता था। ऐसा होने पर भी इस अभिजात वर्गीय आराम से जिंदगी जीनेवाले व्यक्ति की विचित्र और आकस्मिक मौत 30 मार्च, 1894 को रात दस और ग्यारह बजकर बीस मिनट के बीच हो गई। रोनाल्ड एडेयर को ताश खेलने का शौक था, पर वह ऐसे दाँव नहीं लगाता था, जिससे उसे नुकसान हो। वह बाल्डविन, कैवेंडिश और बैग्टेल ताश क्लबों का सदस्य था। यह पता चला था कि अपनी मौत वाले दिन खाना खाने के बाद उसने अंतिम वाले क्लब में ताश भी खेला था। वहीं पर उसने दोपहर में भी ताश खेला था। इसके गवाह वही लोग थे, जिन्होंने उसके साथ ताश खेले, जैसे मि. मरे, सर जान हार्डी और कर्नल मोरान। इन्होंने बताया कि खेल बराबरी पर ही छूटा था। एडेयर अधिक नहीं, शायद पाँच ही पाउंड हारे थे। उसकी तकदीर ने उसका साथ दिया और इतने नुकसान से उस पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था। वह करीब-करीब हर रोज किसी एक या दूसरे क्लब में ताश जरूर खेलता था और अकसर जीतकर ही उठता था। सबूतों से यह भी जानकारी मिली थी कि कर्नल मोरान का पार्टनर बनकर उसने कुछ ही हफ्ते पहले एक ही बैठक में चार सौ बीस पाउंड गाडफ्रे मिलनर और लार्ड वालमोर से जीते थे। उसकी मौत के बाद की छानबीन से उसका इतना ही इतिहास पता चला। जिस दिन यह हत्या हुई, उस दिन वह क्लब से रात को दस बजे ही लौट आया था। उसकी माँ और बहन उस शाम किसी संबंधी के घर गई हुई थीं। वहाँ मौजूद नौकरानी ने बताया कि उसने एडेयर को दूसरी मंजिल पर सामने वाले कमरे में घुसते हुए देखा, जिसको सामान्यतया वह अपने बैठक-कक्ष के रूप में ही इस्तेमाल करता था। उस नौकरानी ने आतिशदान के जलाए जाने की आवाज भी सुनी और धुआँ होने पर उसने खिड़की खोल दी। ग्यारह बजकर बीस मिनट तक, जब तक कि मैडम मैनूथ और उनकी बेटी वापस नहीं आ गईं, उसने कोई भी आवाज नहीं सुनी थी। 'शुभ रात्रि' कहने की चाहत से उसने उनके बेटे के कमरे में घुसने की कोशिश की, पर कमरे का दरवाजा भीतर से बंद था और उसके आवाज देने और थपथपाने पर भी भीतर से कोई जवाब नहीं आया। दूसरों की सहायता लेकर दरवाजा जबरदस्ती खोला गया। वह बेचारा युवक टेबल के पास पड़ा हुआ था, रिवॉल्वर की गोली से उसके सिर के चिथड़े उड़ गए थे, परंतु कमरे में किसी तरह का हथियार नहीं मिला। टेबल पर दस पाउंड और सत्रह पाउंड के सोने व चाँदी की कीमत वाले बैंक नोट पड़े हुए थे और यह सारा धन छोटी-छोटी गड्डियों में था। वहाँ कागज पर भी कुछ अंक लिखे थे और उनके सामने उसके क्लब के कुछ मित्रों के नाम भी थे। इन सबसे यह अनुमान लगाया जा सकता था कि अपनी मौत से पहले वह ताश के खेल में हुई अपनी हार या जीत का हिसाब लगा रहा था। परिस्थितियों को देखने के बाद यह मामला कुछ अधिक ही जटिल लगता था। सबसे पहले तो इस बात का कोई कारण नहीं मिला कि इस युवक ने कमरा अंदर से बंद क्यों कर रखा था। यह भी मुमकिन था कि शायद हत्यारे ने ही ऐसा किया हो और फिर खिड़की से भाग गया हो। कूदने के लिए यह ऊँचाई करीब बीस फीट की थी और नीचे केसर की क्यारियों के मसले जाने तथा घर से सड़क तक की घास की पतली पट्टी पर भी कोई चिह्न नहीं थे। इसका मतलब यह था कि इस युवक ने खुद ही दरवाजा भीतर से बंद किया था। मगर उसकी मौत कैसे हुई? बिना कोई निशान छोड़े कोई भी खिड़की तक नहीं पहुँच सकता था। मान लें किसी आदमी ने खिड़की से गोली चलाई, तब वह गोली असाधारण ढंग से चली होगी, तभी इसने इतनी घातक चोट की। हालाँकि पार्क लेन एक बहुत ही चहल-पहल वाली जगह है और इस मकान से सौ गज की ही दूरी पर घोड़ागाड़ी का एक स्टैंड भी है। किसी ने भी गोली चलने की आवाज नहीं सुनी। फिर भी एक आदमी तो मरा ही था और रिवॉल्वर से एक गोली भी निकली थी। यह गोली इतनी नुकीली और घातक थी कि इससे कोई भी तुरंत ही मर सकता था। यही था पार्क लेन का रहस्य, जिसमें किसी भी कारण का अभाव नजर आ रहा था, क्योंकि जैसा कि मैं पहले ही बता चुका हूँ, युवक एडेयर की किसी से भी दुश्मनी नहीं थी और इस कमरे से धन और कीमती चीजें हटाने की भी कोशिश नहीं की गई थी। सारे दिन मैं इन्हीं तथ्यों को अपने दिमाग में उलटता-पलटता रहा और किसी ऐसे विचार पर पहुँचने का प्रयास करता रहा, जो कि उन्हें आपस में मिला सके। साथ-ही-साथ मैं कम-से-कम रुकावटवाली दिशा भी ढूँढ़ता रहा, जिसे मेरा साथी प्रत्येक छानबीन का शुरुआती बिंदु बताता था। मैं यह मानता हूँ कि मैंने इस मामले में बहुत ही कम प्रगति की है। शाम को छह बजे मैं टहलता हुआ पार्क लेन के आखिर में ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट तक आ पहुँचा। वहीं फुटपाथ पर कुछ निठल्ले लोग खड़े थे और मुझे वह मकान दिखाकर उस खिड़की की ओर इशारा कर रहे थे। यह वही मकान था, जिसे मैं देखने पहले भी आ चुका था। एक लंबा पतला सा आदमी, जिसने रंगीन चश्मा लगा रखा था, मेरे अनुमान से वह सादे कपड़ों में कोई जासूस ही था और अपनी ही कोई कहानी सुना रहा था। वह जो कुछ भी कह रहा था, वहाँ खड़ी भीड़ उसे सुन रही थी। मैंने उसके पास पहुँचकर उसे सुना, पर उसका आकलन मुझे बिलकुल बेहूदा लगा। इसीलिए मैं कुछ निराश होकर वापस मुड़ा। जैसे ही मैं वापस मुड़ा, में ठीक मेरे पीछे खड़े एक बुजुर्ग विकलांग आदमी से टकरा गया और उसकी कई किताबें जमीन पर बिखर गईं, जिन्हें लेकर वह कहीं जा रहा था। मुझे याद है कि जब मैं उन किताबों को उठा रहा था, तभी मैंने उनमें से एक का शीर्षक देखा, 'वृक्ष पूजन का मूल', और इसने मुझे थोड़ा सा अचंभित किया कि या तो यह बेचारा पुस्तकप्रेमी है या व्यापारी या शायद शौकिया ही ऐसी दुर्बोध पुस्तकें इकट्ठा कर रहा है। मैंने इस दुर्घटना के लिए उससे माफी माँगी, पर ऐसा लग रहा था कि जिन किताबों के साथ मैंने दुर्व्यवहार किया था, वे उसके लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण थीं। गुस्से में गुर्राता हुआ वह दूसरी ओर मुड़ गया और मैंने देखा कि उसकी सफेद गलमुच्छें लोगों की भीड़ में कहीं खो गईं। 427, पार्क लेन की मेरी छानबीन, जिसमें कि मेरी भी रुचि थी, ने अब मेरी समस्या को थोड़ा स्पष्ट कर दिया था। इस मकान के चारों ओर एक दीवार और रेलिंग थी, इसकी ऊँचाई पाँच फीट से अधिक नहीं थी। किसी भी आदमी के लिए इसे फाँदकर बगीचे में जाना कोई मुश्किल नहीं था, पर खिड़की तक पहुँचना आसान नहीं था, क्योंकि वहाँ पानी का पाईप तक नहीं था, जिससे कि किसी बहुत तेज आदमी को चढ़ने में सहायता मिल सकती। सबसे अधिक आश्चर्य की बात तो तब हुई जब मैं वापस केनसिंग्टन पहुँचा। मुझे अपने अध्ययन-कक्ष में पहुँचे अभी पाँच मिनट भी नहीं बीते थे कि मेरी नौकरानी यह बताने के लिए आई कि कोई आदमी मुझसे मिलने आया है। तब मुझे आश्चर्य हुआ जब मैंने देखा कि वह और कोई नहीं, बल्कि वही बूढ़ा है, जो किताबें इकट्ठी कर रहा था और उसके दाहिने हाथ में कम-से-कम एक दर्जन किताबें थीं। उसने अपनी टूटती हुई, अपरिचित आवाज में पूछा, ''आप मुझे देखकर चकित हैं, सर!'' मैंने स्वीकार कर लिया कि मैं वाकई चकित हूँ। ''मेरे पास भी दिमाग है और जब मैंने आपको इस घर में घुसते हुए देखा, तब मैं आपके पीछे लँगड़ाता हुआ आ गया। मैंने सोचा कि मैं अंदर आ जाऊँ और उस भले आदमी को देखूँ और बताऊँ कि यदि मेरा व्यवहार थोड़ा रूखा था, तब भी मेरा आशय आपको नुकसान पहुँचाने का नहीं था, और आपने जो किताबें उठाकर मुझे दी थीं, मैं उसके लिए आपका एहसानमंद हूँ।'' मैंने कहा, ''आपने बहुत तकलीफ उठाई, क्या मैं जान सकता हूँ कि आपको कैसे पता चला कि मैं कौन हूँ?'' ''जी हाँ, सर! मैं आपका ही पड़ोसी हूँ। चर्च स्ट्रीट के कोने पर मेरी किताबों की एक छोटी सी दुकान है और मुझे यकीन है कि आपको वहाँ देखकर मुझे बहुत ही खुशी होगी। आपको वहाँ बड़ा सुकून मिलेगा, सर। यहाँ मेरे पास कुछ किताबें हैं, जैसे ब्रिटिश बर्ड्स, द होली वार, कैटल्स। आप इन्हें रख सकते हैं, केवल पाँच खंडों में ही आपकी आलमारी का दूसरा खाना भर जाएगा। पर यह बहुत ही अस्त-व्यस्त है, क्यों है न?'' मैंने अपना सिर पीछे की ओर घुमाया और आलमारी की ओर देखा। जैसे ही मैं वापस मुड़ा, मैंने देखा कि शेरलॉक होम्स मेरी पढ़नेवाली टेबल के बगल में खड़े होकर मुसकरा रहा था। मैं तुरंत ही खड़ा हो गया और आश्चर्य से उनकी तरफ कुछ सेकेंड तक देखता ही रहा और मुझे ऐसा लगा कि मैं बेहोश हो जाऊँगा। ऐसा अनुभव मुझे जीवन में पहली और आखिरी बार हुआ था। वाकई मेरी आँखों के सामने धुँधलका सा छा गया और जब यह साफ हुआ, तब मैंने महसूस किया कि मेरे कॉलर के बटन खोले जा चुके थे और ब्रांडी के बादवाला तीखा स्वाद मेरे होंठों पर पड़ा हुआ था। होम्स मेरी कुरसी पर झुका हुआ था और उनके हाथ में उनका मुखौटा॒था। जो आवाज मुझे अच्छी तरह से याद थी, उसी आवाज में उन्होंने कहा, ''प्रिय वाटसन! मैं तुमसे हजार बार माफी माँगता हूँ, मुझे इस बात का अंदाज नहीं था कि तुम पर इतना अधिक असर होगा।'' मैंने उसे अपनी बाँहों में भर लिया। मैं रो पड़ा। ''होम्स, क्या वाकई आप हैं? क्या आप सचमुच जिंदा हैं? क्या यह वाकई मुमकिन था कि आप उस भयानक खाई से बाहर निकल आए?'' उन्होंने कहा, ''एक मिनट रुको। क्या तुम इन बातों को सुन सकते की हालत में हो? मैंने तुम्हें अचानक प्रकट होकर बड़ा धक्का पहुँचाया है।'' ''मैं बिलकुल ठीक हूँ, पर होम्स! मुझे अपनी आँखों पर मुश्किल से ही विश्वास हो रहा है। हे भगवान्! मैं सोच नहीं पा रहा हूँ कि आप मेरे कमरे में खड़े हैं।'' मैंने उनकी बाँह को कसकर पकड़ा और अपने हाथ के नीचे उनकी पतली पर हट्टी-कट्टी बाँह को महसूस किया। मैंने कहा, ''तुम कोई रूह नहीं हो और मैं तुम्हें देखकर बहुत ही खुश हूँ। बैठ जाओ और मुझे बताओ कि तुम उस भयानक खाई से कैसे बाहर निकले?'' वे ठीक मेरे सामने बैठ गए और अपने उसी पुराने आराम-आराम वाले तरीके से सिगरेट सुलगाई। उसने किताबों के दुकानदार की तरह ही फ्रॉकवाला कोट पहन रखा था, पर उनके बाल सफेद थे और मेज पर पुरानी किताबों का ढेर लगा हुआ था। होम्स एक बूढ़े से कहीं अधिक सजग और पतला दिख रहा था, पर उसकी गरुड़ सरीखी आकृति पर एक सफेदी सी झलक रही थी, जिससे पता चलता था कि उसका हाल का जीवन स्वस्थ नहीं था। होम्स ने कहा, ''वाटसन! मुझे अपने आपको सीधा करने में बहुत मजा आ रहा है। एक लंबे आदमी के लिए अपने शरीर को घंटों तक झुकाए रखना कोई मजाक बात नहीं है। हाँ तो मेरे प्यारे दोस्त, अपने इस सारे किस्से के साथ क्या अब मैं अपने सामने आनेवाली एक कठिन व खतरनाक रात के काम के लिए तुम्हारा सहयोग प्राप्त कर सकता हूँ? उस काम को पूरा करने के लिए शायद यह अच्छा होगा कि मैं तुम्हें सारी स्थिति से परिचित करा दूँ।'' ''मैं बहुत ही उत्सुक हूँ और इसे तुरंत सुनना भी पसंद करूँगा।'' ''आज रात तुम मेरे साथ चलोगे?'' ''तुम जब भी चाहो और जहाँ भी चाहो।'' ''यह तो वाकई उन पुराने दिनों की ही तरह है। चलने से पहले हमारे पास भरपेट खाना खाने का समय है। और उस खाईवाले झरने से मुझे बाहर निकलने में कोई परेशानी नहीं हुई, क्योंकि इसका कारण बहुत ही सीधा है, मैं इसमें गिरा ही नहीं था।'' ''आप इसमें गिरे ही नहीं?'' ''नहीं, वाटसन! मैं इसमें कभी गिरा ही नहीं था। मैंने तुमको जो नोट लिखा था, वह बिलकुल सच था। मुझे इस बात का शक हो गया था कि मैं अपने पेशे की समाप्ति पर पहुँच चुका हूँ, तभी मैंने उस बद्शक्ल स्वर्गीय प्रोफेसर मोरिआर्टी की आकृति देखी, जो कि उस सँकरे रास्ते पर खड़ी थी और यह रास्ता सीधा सुरक्षा की तरफ जाता है। मैंने उसकी स्लेटी आँखों में एक दृढ़ उद्देश्य देखा। मैंने उसके साथ कुछ बातचीत भी की और उसकी सहज अनुमति से एक आदेश भी लिखा, जो कि बाद में तुमको मिला, जिसे मैंने अपनी सिगरेट की डिब्बी और छड़ी के साथ छोड़ दिया था। मैं फिर सँकरे रास्ते पर चल दिया, मोरिआर्टी अभी भी मेरे पीछे आ रहा था और जब मैं अंतिम छोर पर पहुँचा तो देखा कि मैं एक घाटी पर खड़ा हूँ। उसने कोई हथियार नहीं निकाला, पर वह मेरी तरफ दौड़ा और मुझे अपनी लंबी बाँहों में जकड़ लिया। वह जानता था कि उसका खेल खत्म हो चुका था और वह केवल मुझसे बदला लेना चाहता था। हम ऊपर झरने के किनारे एक साथ गुँथे हुए लड़खड़ा रहे थे। मुझे जापानी कुश्ती की कुछ जानकारी है, जो कि कई बार मेरे काम भी आ चुकी है। मैं किसी तरह उसकी पकड़ से बाहर आ चुका था, पर वह एक तेज चीख के साथ मुझ पर पागलों की तरह कुछ देर तक ठोकर मारता रहा और हवा में अपने पंजे लहराता रहा। उसके इन सारे प्रयासों के दौरान वह अपना संतुलन न बना सका और नीचे खाई में गिर गया। ऊपर किनारे से मैंने देखा कि वह काफी नीचे तक गिरता चला गया और फिर एक चट्टान से टकराया, उछला और नीचे गहरे पानी में गिर गया।'' मैंने इस कहानी को आश्चर्य के साथ सुना, जो कि होम्स ने अपनी सिगरेट के कश लेते हुए मुझे सुनाई। मैं जोर से चीखा, ''पर वे पैरों के निशान, जिन्हें मैंने अपनी आँखों से देखा था, जो कि रास्ते पर सिर्फ जाने के ही थे, वे वापस नहीं लौटे।'' यह इस प्रकार हुआ कि जब प्रोफेसर गायब हो गया, तब मैंने सोचा कि भाग्य ने मुझे कितना अद्भुत अवसर दिया है। मैं जानता था कि मोरीआर्टी ही वह अकेला शख्स नहीं था, जिसने मेरी मौत की कसम खाई थी। वहाँ कम-से-कम तीन और भी लोग थे, जिनकी मुझसे बदला लेने की चाहत और भी बढ़ जाएगी, जब वे जानेंगे कि उनके नेता की मौत हो चुकी है। वे सब बहुत ही खतरनाक आदमी हैं। उनमें से कोई एक मुझे जरूर ढूँढ़ लेगा और दूसरी तरफ दुनिया मान चुकी है कि मेरी मौत हो गई। इस तरह वे निश्चिंत हो जाएँगे। वे लोग खुद ही सामने आ जाएँगे और कभी-न-कभी मैं उन्हें नष्ट कर दूँगा। तभी उस घोषणा का समय आएगा कि मैं अभी जीवित हूँ। इसीलिए मेरे दिमाग ने तेजी से काम किया और मुझे लगता है कि जब तक प्रोफेसर मोरिआर्टी नीचे रेंचबाख झरने में पहुँचा होगा, इतनी ही देर में मैंने इस पर सोच लिया था। ''मैं खड़ा हुआ और अपने पीछे उस चट्टानवाली दीवार को देखा। तुम्हारे उस सजीव चित्रण के साथ वह विवरण जिसे मैंने कुछ महीनों बाद पढ़ा था और जिसमें तुमने इस बात पर जोर दिया था कि वह दीवाल बिलकुल ही सीधी- सपाट थी, पर वह बात पूरी तरह से सही नहीं थी। दीवाल पर कहीं-कहीं पैर टिकाने के लिए अपने आप छोटे-छोटे खाँचे बन गए थे। वह चट्टानी चढ़ाई बिलकुल असंभव सी मालूम पड़ती थी और इसीलिए गीले रास्ते के बगल से गुजरते हुए मेरे पैरों के निशान का मिलना भी असंभव था। यह हो सकता था कि वापसी के मेरे जूतों के निशान तुम्हें मिल जाते, पर तीन-तीन जोड़ी पैरों के एक ही दिशा में जाते निशानों ने वाकई एक धोखा पैदा कर दिया होगा। एक चीज और सबसे अच्छी हुई कि मैंने ऊपर चढ़ने का जोखिम उठाया। वाटसन! इस काम में कोई मजा नहीं आ रहा था। नीचे झरने के गरजने की आवाज आ रही थी। मैं कोई कल्पनाशील व्यक्ति नहीं हूँ, मगर मैं तुमको बताना चाहता हूँ कि मुझे उस खाई में मोरिआर्टी की मुझ पर चीखने की आवाज महसूस हो रही थी। एक छोटी सी भी गलती मेरे लिए खतरा बन सकती थी। कई बार मेरे हाथों में घास का गुच्छा आया या मेरा पाँव भीगे हुए चट्टानी खाँचों से फिसला और मुझे लगा कि मैं गया, पर मैंने ऊपर चढ़ने के लिए संघर्ष किया और कई फीट नीचे की चट्टान पर पहुँच गया, जो कि मुलायम हरी काई से भरी हुई थी और जहाँ मैं दिखाई न देकर बहुत ही आराम की हालत में लेट सकता था। मैं वहीं लेटा हुआ था, जहाँ प्रिय वाटसन, तुम और तुम्हारे सहयोगी बहुत ही दयनीय तरीके से मेरी मौत की स्थितियों की छानबीन कर रहे थे। ''अंत में जब तुम सभी ने अपनी कभी न बदलनेवाली गलत धारणा को बना लिया और तुम वापस होटल चले आए, तब भी मैं वहीं अकेला पड़ा रहा। मैंने सोचा कि मैं अपने रोमांचकारी कारनामों की समाप्ति पर पहुँच चुका हूँ, परंतु एक बिना उम्मीदवाली घटना ने मुझे दिखाया कि अभी भी मेरे लिए कुछ आश्चर्यजनक चीजें बची हुई हैं। तभी एक बड़ी सी चट्टान ऊपर से गिरी, मेरे पीछे जोर की आवाज करते हुए रास्ते पर टकराई और फिर उछलकर झरने में गिर गई। एक मिनट के लिए तो मुझे लगा कि यह एक दुर्घटना थी, पर अगले ही पल मुझे अँधेरे आसमान की तरफ एक आदमी का सिर दिखाई पड़ा और फिर एक दूसरा पत्थर वहीं पर गिरा, जहाँ मैं लेटा हुआ था। इस पत्थर से मेरे सिर की दूरी सिर्फ एक फीट की ही थी। इसका मतलब बिलकुल साफ था। मोरिआर्टी अकेला नहीं था, इसका पूरा गिरोह था और यहाँ तक कि एक झलक ने ही मुझे दिखा दिया कि इस आदमी का गिरोह कितना खतरनाक है। जब प्रोफेसर मुझ पर आक्रमण कर रहा था तो उसकी सुरक्षा के लिए उसके साथ एक गार्ड भी था। बहुत दूर से वह मुझे दिख नहीं रहा था, पर वह अपने साथी की मौत और मेरे बचे रहने का भी गवाह था। उसने थोड़ा इंतजार किया और फिर ऊपर चट्टान का चक्कर लगाने की भी कोशिश की, जो कि उसका साथी नहीं कर सका था। ''वाटसन! मैंने इस बारे में बहुत देर तक नहीं सोचा, फिर मैंने ऊपर पहाड़ी पर उस कठोर चेहरेवाले को देखा। मैं समझ गया कि वह दूसरा पत्थर उठाने ही वाला था। मैं रास्ते पर रेंगता हुआ आगे बढ़ा। मुझे ऐसा नहीं लगा कि मैं यह कठिन काम होशो-हवास में कर रहा था। मेरे लिए उठ पाना काफी कठिन था, पर मेरे पास खतरे की बात सोचने का भी वक्त नहीं था कि तभी एक दूसरा पत्थर मेरे पीछे गिरा और मैं उस खाँचे को पकड़ किनारे की तरफ हाथों के बल लटक गया। आधी दूरी तक मैं फिसलता रहा, पर ईश्वर की कृपा से मैं रास्ते पर आ गया। मेरे शरीर से खून बह रहा था और मेरे कपड़े भी फट गए थे। मैं पहाड़ में करीब दस मील तक अँधेरे में भागता रहा और एक हफ्ते के बाद मैं इस विश्वास के साथ फ्लोरेंस पहुँचा कि दुनिया में अब कोई भी यह नहीं जान पाएगा कि मेरे साथ क्या हुआ था। ''मुझे केवल अपने भाई माइक्राफ्ट पर ही भरोसा था। प्रिय वाटसन, तुम मुझे माफ कर दो, परंतु यह इतना जरूरी था कि इस बात का दुनिया को पता चल जाए कि मैं मर गया हूँ। यह बात बिलकुल ही तय थी कि यदि तुम यह न सोचते कि मेरी मौत की बात सच है, तब तुमने इतने यकीन से मेरी मौत के बारे में उस दुःखद अंत को न लिखा होता। पिछले तीन सालों में तुमको लिखने के लिए मैं हमेशा डरता था कि तुम मुझसे अपने लगाव की वजह से कुछ असावधानी न कर बैठो, जिससे मेरी यह गोपनीयता भंग हो जाए। इसीलिए मैं आज शाम को भी तुमसे मिलकर वापस चला गया, जबकि तुमने मेरी किताबें गिरा दी थीं। मैं उस समय भी खतरे में था और तुम्हारी थोड़ी सी भी जिज्ञासा और भावना मेरी पहचान पर लोगों का ध्यान खींच लेती, जिसका बहुत ही दुःखद और न सुधरनेवाला परिणाम सामने आता। जहाँ तक माइक्राफ्ट का सवाल है, मुझे उसे इसलिए बताना पड़ा कि जब भी मुझे जरूरत हो तो मैं उससे धन ले सकूँ। लंदन के हालात इस समय ठीक नहीं हैं और मारिआर्टी गिरोह के दो बहुत ही खतरनाक आदमी जेल जाने से अभी बचे हुए हैं। मुझसे बदला लेनेवाले मेरे दो दुश्मन भी आजाद हैं। मैं दो सालों तक तिब्बत में घूमता रहा और ल्हासा में आनंद लेते हुए मैंने कुछ दिन प्रमुख लामा के साथ भी बिताए। तुमने नॉर्वे के सिगरसन की असाधारण खोजों के बारे में पढ़ा, पर मुझे पक्का यकीन है कि तुमने अपने साथी की शायद ही कोई खबर पढ़ी होगी। इसके बाद मैं पर्शिया से होकर मक्का पहुँचा और थोड़ा ही, पर रोचक समय खलीफा के साथ खार्टोम में गुजारा, जिसका परिणाम यह हुआ कि मैंने विदेश कार्यालय में भी बात कर ली। फ्रांस के लिए वापस आते समय मैंने कुछ महीने कोलतार निकासी के अनुसंधान में भी बिताए और जिसका संचालन मैंने दक्षिण फ्रांस के मांटपेलियर की एक प्रयोगशाला में भी किया था। अपने खुद के संतोष और यह जानकर कि मेरा एक दुश्मन लंदन में है, मैं वापस जाने ही वाला था कि तभी पार्क लेन के इस खास रहस्य की खबर ने मुझे जल्दबाजी के लिए मजबूर कर दिया। इस खबर ने अपनी खासियत से मुझे लुभाया ही नहीं, बल्कि इसने मुझे कुछ खास निजी अवसरों के लिए भी आमंत्रित किया। मैं तुरंत ही लंदन आ गया और बैकर स्ट्रीट में मैंने अपने लोगों से संपर्क किया, जिसमें मिसेज हडसन पर तो दौरा ही पड़ गया। माइक्राफ्ट ने मेरा कमरा और मेरे कागज बिलकुल उसी हालत में रखे थे जैसे कि वे पहले रखे जाते थे। प्रिय वाटसन, देखो, आज ठीक दो बजे मैं अपने उसी पुरानी कुरसी पर बैठा हूँ और केवल यही चाहता हूँ कि मैं अपने पुराने साथी वाटसन को दूसरी कुरसी पर बैठा देखूँ, जिसकी वह अकसर शोभा बढ़ाता है।'' यही वह अद्भुत विवेचना थी, जिसे मैंने अप्रैल की उस शाम को सुना था। यदि यह विवेचना उस लंबे, अलग तरह के शरीर, सजग व जिज्ञासु शक्लवाले व्यक्ति के द्वारा नहीं सुनाई जाती, जिसे मैंने सोचा भी नहीं था कि मैं फिर से देखूँगा, तब यह एक ऐसी विवेचना होती, जो कि मेरे लिए बिलकुल ही अविश्वसनीय होती। होम्स के व्यवहार से यह मालूम पड़ता था कि उसने मेरी पीड़ा को समझ लिया था और उसकी करुणा शब्दों से अधिक उनके व्यवहार में झलक रही थी। होम्स ने कहा, ''वाटसन! काम ही दुःख की सबसे बड़ी ओषधि है और आज की रात हम दोनों के पास एक छोटा सा काम है, जिसे यदि हम सफलता के परिणाम तक पहुँचा देते हैं, तब यह कार्य हमारे जीवन को पृथ्वी पर पूरी तरह चरितार्थ कर देगा।'' मैं कुछ समझ नहीं सका और मैंने उससे खुलकर बताने के लिए कहा। होम्स ने कहा, ''तुम सुबह से पहले काफी कुछ देख और सुन पाओगे। हमारे पास बातचीत करने के लिए अतीत के तीन साल हैं। साढ़े नौ बजने दो, तभी हम खाली मकान के रहस्य पर बातें शुरू करेंगे।'' जब मैंने खुद को घोड़ागाड़ी में उसके पीछे बैठा हुआ पाया, मेरी रिवॉल्वर जेब में थी और दिल में उत्साह भरा हुआ था, तब यह समय वाकई उन पुराने दिनों की तरह ही लग रहा था। होम्स बिलकुल शांत और स्थिर बैठे हुए थे। जैसे ही सड़क पर लगे खंभों की रोशनी उनके गंभीर चेहरे पर पड़ी, तभी मैंने देखा कि विचार में डूबे होने की वजह से उनकी भौंहें सिकुड़ गई हैं और उनके पतले होंठ भिंचे हुए हैं। मैं यह तो नहीं जानता था कि लंदन में अपराधियों के घने जंगल में हम किस जंगली जानवर का शिकार करनेवाले हैं, पर मुझे अपने शिकारी की स्थिति से इस बात का पक्का यकीन था कि मामला काफी गंभीर है। उनकी अर्थपूर्ण मुसकराहट कभी-कभी उनके चेहरे पर हमारी खोज के लिए एक अच्छे शकुन की तरह दिखती थी। मैंने सोचा कि हम बेकर स्ट्रीट जा रहे हैं, पर होम्स ने घोड़ागाड़ी कैवेंडिश स्क्वायर के कोने पर ही रोक दी। मैंने देखा कि जैसे ही वे उतरे, उन्होंने अपने दाहिने व बाईं ओर एक खोजी निगाह डाली और फिर पास की गलियों की तरफ भी देखा। उन्होंने यह जानने के लिए थोड़ी कोशिश भी की कि कोई उनका पीछा तो नहीं कर रहा है। हमारा रास्ता एकदम सुनसान था। लंदन के छोटे-छोटे रास्तों के बारे में होम्स की जानकारी अद्भुत थी और ऐसे मौके पर तो वे छोटे-छोटे घुड़सालों और अस्तबलों के जाल के बीच से होकर गुजर जाते थे, जिनकी मौजूदगी के बारे में मुझे कुछ भी पता नहीं था। हम अब एक पतली सी सड़क पर आ गए, जहाँ किनारे पुराने और बदरंग से घर कतार में बने हुए थे। यह रास्ता हमें मेनचेस्टर स्ट्रीट और फिर ब्लैंडफोर्ड स्ट्रीट की तरफ ले जाता था। यहीं पर वे एक सँकरे से रास्ते की तरफ मुड़े और हम खुले मैदान से होकर एक लकड़ी के मकान के भीतर पहुँचे। यहाँ पहुँचकर उन्होंने चाभी से उस मकान के पीछे का दरवाजा खोला। हम मकान के भीतर साथ-साथ ही घुसे और घुसते ही होम्स ने दरवाजा बंद कर दिया। यहाँ बहुत अँधेरा था, पर मुझे ऐसा लग रहा था कि यह मकान बिलकुल ही खाली था। नंगे फर्श पर हमारे जूतों से चलने की आवाज आ रही थी और हमारे फैले हाथों ने तभी दीवार को छुआ, जिस पर कागज के फीते लटके हुए थे। होम्स की पतली और ठंडी उँगलियों ने मेरी कलाई को जकड़ रखा था। वह मुझे एक बड़े से हॉल की तरफ ले गया, जहाँ दरवाजे के ऊपर रोशनदान से आती धुँधली रोशनी दिखाई पड़ रही थी। ठीक यहीं पर होम्स अचानक दाहिनी तरफ मुड़ा और हम एक बड़े चौकोर कमरे में आ गए, जिसके कोनों में काफी अँधेरा था, पर दूर सड़क से आती धुँधली रोशनी बीच में पड़ रही थी। खिड़कियों पर मोटी धूल जमी हुई थी और वहाँ लैंप भी नहीं था। हम आपस में एक-दूसरे को उँगलियों के सहारे ही पहचान सकते थे। मेरे साथी ने अपना हाथ मेरे कंधे पर रखा और अपने होंठों को मेरे कान के पास ले आए और फुसफुसाते हुए बोले, ''क्या तुम्हें पता है कि हम कहाँ हैं?'' उस धुँधली खिड़की की तरफ घूरते हुए मैंने कहा, ''यह जगह पक्के तौर पर बेकर स्ट्रीट ही है।'' ''बिलकुल ठीक! हम अपने पुराने क्वार्टर के ठीक सामने कैंडेन हाउस में हैं।'' ''पर हम यहाँ क्यों हैं?'' ''क्योंकि यहाँ से बहुत ही अच्छा दृश्य दिखाई पड़ता है। प्रिय वाटसन, थोड़ी सी तकलीफ उठाओ और इस खिड़की के पास आओ, पर इस बात का ध्यान रखो कि तुम बाहर न दिखाई पड़ो। अब अपने पुराने कमरे की तरफ देखो, बिलकुल परियों की कहानी की तरह लगेगा। हम देखेंगे कि तीन सालों की मेरी गैर-मौजूदगी ने मेरी तुमको चौंका देनेवाली शक्ति पूरी तरह से खो दी है क्या?'' मैं धीरे से आगे सरक आया और जैसे ही मेरी आँखें अपनी उस जानी-पहचानी खिड़की पर पड़ी, मैंने एक गहरी साँस ली और आश्चर्य से चीख पड़ा। खिड़की खुली हुई थी और कमरे में एक तेज रोशनी जल रही थी। खिड़की के परदे पर एक व्यक्ति की आकृति की परछाईं दिख रही थी, जो कि कुरसी पर बैठा हुआ था। उसके सिर का संतुलन, कंधों की चौड़ाई और चेहरे के तीखेपन में कोई भी गलती नहीं थी। उसका चेहरा आधा झुका हुआ था, जिसका प्रभाव उस छाया पर पड़ रहा था। यह छाया ठीक वैसी ही थी, जैसी कि मेरे दादाजी फोटो फ्रेम में पसंद करते थे। यह होम्स की बिलकुल हू-ब-हू मूर्ति थी। मैं इतना आश्चर्यचकित था कि मैंने अपना हाथ अपने पीछे खड़े आदमी की तरफ बढ़ाकर अपना यकीन पक्का कर लिया। वे धीमे से हँसते हुए हिल रहे थे। ''देखा?'' मैंने जोर से कहा, ''हे भगवान्! यह तो अद्भुत है।'' होम्स ने कहा, ''मुझे यकीन है कि उम्र मुझे न तो बुढ़ा सकेगी और न ही मेरी अनंत विविधताओं की परंपरा को बासी होने देगी।'' मैंने उसकी आवाज में वही खुशी और गर्व महसूस किया, जो कि किसी कलाकार को अपनी रचना पर होता है। ''यह वाकई मेरी ही तरह है न?'' ''मैं इस बात को कसम खाकर कह सकता था कि यह तुम ही हो।'' ''इसे बनाने का श्रेय ग्रीनोबल के मौंसीयर ऑस्कर म्युनियर को जाता है, जिन्होंने इसको बनाने में अपने कुछ दिन लगाए थे। यह मूर्ति मोम की है। बाकी सबकुछ मैंने आज दोपहर में बेकर स्ट्रीट पहुँचकर किया है।'' ''क्योंकि, प्रिय वाटसन! मेरे पास इस बात के पक्के कारण हैं कि मैं यह चाहता हूँ, जब भी मैं यहाँ न रहूँ तब कुछ लोग यह सोचें कि मैं यहीं हूँ।'' ''तुम्हें लगता है कि तुम्हारे कमरों पर निगरानी रखी जाती है?'' ''मैं जानता था कि वे निगरानी रख रहे हैं।'' ''मेरे पुराने दुश्मन, वाटसन! वही गिरोह, जिसका नेता रेंचबाख झरने में डूबकर मर गया था। तुम्हें याद होगा कि केवल वही लोग जानते थे कि मैं जिंदा बच गया हूँ। उनको यह विश्वास होगा कि मैं कभी-न-कभी अपने कमरे में वापस लौटूँगा। उन्होंने लगातार निगरानी रखी और आज सुबह उन्होंने मुझे आते हुए देखा था।'' मेरे साथी की योजनाएँ अब धीरे-धीरे खुद ही खुलती जा रही थीं। इसी सुविधाजनक एकांत जगह से देखनेवाले देखे जा रहे थे और रास्ता चलनेवालों पर ध्यान रखा जा रहा था। उधर से आती हुई एक पतली सी छाया हमें लुभा रही थी और हम इसके शिकारी थे। हम अँधेरे में चुपचाप खड़े थे और जल्दी-जल्दी आती-जाती आकृति, जो कि हमारे सामने से कई बार गुजरी, उसे हम ध्यान से देख रहे थे। होम्स बिलकुल ही शांत और स्थिर थे, पर मैं कह सकता हूँ कि वे बहुत ही सजग थे और उनकी आँखें हर आने-जाने वाले आदमी पर टिकी हुई थीं। आज की रात बहुत ही ठंडी थी और नीचे सड़क पर तेज हवा सीटी की आवाज के साथ बह रही थी। बहुत से लोग सड़क पर आ-जा रहे थे; उनमें से ज्यादातर ने कोट और गले में मफलर जैसी चीज पहन रखी थी। एक बार मुझे ऐसा लगा कि मैंने एक ही चेहरे को दो बार देखा है, खासतौर से उन दो आदमियों पर ध्यान दिया, जो कि हवा से बचने के लिए उस मकान के छोटे से बरामदे पर रुके थे। मैंने अपने साथी का ध्यान उन दोनों की ओर दिलाया, परंतु उसने बहुत ही कम अधीरता दिखाई और सड़क पर ध्यान से देखता रहा। उन्होंने कई बार अपने पैर बदले और दीवाल पर अपनी उँगलियाँ तबले की तरह थपथपाईं। मुझे ऐसा लग रहा था कि वह अब बेचैन हो रहा था, क्योंकि उनकी योजना उसकी उम्मीद के अनुसार नहीं काम कर रही थी। धीमे-धीमे जब रात आधी बीत गई और सड़क पर लोग भी आने-जाने बंद हो गए तब वे कमरे में बेचैन होकर इधर-उधर टहलने लगे। मैं उन्हें कुछ कहने ही वाला था कि तभी मैंने उस रोशनी वाली खिड़की की तरफ देखा और मुझे बहुत ही आश्चर्य हुआ। मैंने होम्स की बाँहें पकड़ीं और उन्हें उस ओर देखने का इशारा किया। होम्स ने एक ठंडी साँस खींची। अँधेरे कमरे की मद्धिम रोशनी में मैंने उनका सिर झुका हुआ देखा और उनकी पूरी मुद्रा में एक दृढ़ सजगता थी। बाहर सड़क बिलकुल सुनसान थी। वे दोनों आदमी शायद अभी भी उस मकान के छोटे से बरामदे में दुबके हुए थे, परंतु अब मैंने उनको नहीं देखा। चारों तरफ शांति और अँधेरा था, सामने के उस पीले परदे पर काली आकृति की छाया पड़ रही थी। तभी उस सुनसान चुप्पी में मैंने फुसफुसाने की महीन सी आवाज सुनी, जिसमें एक खास तरह की उत्तेजना थी। होम्स ने तुरंत ही मुझे कमरे के अँधेरे कोने की तरफ खींच लिया और मुझे चुप रहने की चेतावनी भी दी। उनकी जकड़ी हुई उँगलियों में एक कंपन था। हमारे सामने की सड़क बिलकुल सुनसान थी। तभी अचानक मुझे कुछ ऐसा एहसास हुआ, जिसको उसकी तेज समझ ने पहले ही भाँप लिया था। एक धीमी सी पर रहस्यमयी आवाज मेरे कानों में पड़ी। यह आवाज बेकर स्ट्रीट की तरफ से नहीं आ रही थी, बल्कि उसी मकान के पीछे से आ रही थी, जहाँ हम छिपे हुए थे। एक दरवाजा खुला और फिर बंद हो गया। अगले ही पल गलियारे में पैरों की आवाज सुनाई पड़ी और इसकी प्रतिध्वनि खाली मकान में गूँज रही थी। होम्स दीवाल के पास दुबक गए और मैंने भी वही किया। मेरा हाथ रिवॉल्वर की मूठ पर कस गया। उस अँधेरे में झाँकते हुए मैंने एक आदमी की धुँधली सी आकृति देखी, जो कि खुले हुए दरवाजे के अँधेरे से भी अधिक काली थी। वह आदमी एक पल के लिए रुका और फिर आगे की तरफ रेंगता हुआ, हमारे मन में एक डर सा पैदा करता हुआ आगे की ओर बढ़ा। वह मुझसे केवल तीन गज की ही दूरी पर था और इसे वहाँ पर मेरी मौजूदगी का अंदाज भी नहीं था। मैंने उससे खुद को टकराने से बचा लिया। वह बिलकुल ही मेरे पास से गुजर गया और बिना आवाज किए ही उसने खिड़की का परदा आधा फुट ऊपर उठा दिया। जैसे ही वह उस खुली खिड़की के सामने बैठा और बाहर सड़क से उस गंदे शीशे से होकर आती धुँधली रोशनी उसके चेहरे पर पड़ी, जो कि बहुत कम भी नहीं थी। वह आदमी काफी उत्तेजित दिख रहा था। उसकी आँखें दो तारों की तरह चमक रही थीं और उसका जबड़ा भिंचा हुआ था। वह आदमी एक अच्छी-खासी उम्र का था, उसकी नाक पतली, माथा ऊँचा और सिर आगे से गंजा एवं अधपकी बड़ी-बड़ी मूँछें थीं। उसने अपना हैट पीछे की तरफ कर रखा था और खुले ओवरकोट से उसकी कमीज बाहर की तरफ झाँक रही थी। उसका चेहरा रूखा व कठोर था और इसमें कई जगह गहरे कटे निशान थे। उसके हाथ में एक छड़ी जैसी चीज दिख रही थी, परंतु जैसे ही उसने इसे जमीन पर रखा एक धातु के टकराने की आवाज आई। फिर उसने अपने ओवरकोट की जेब से एक बड़े आकार की चीज निकाली और उनको आपस में जोड़ने में व्यस्त हो गया। एक तेज क्लिक की आवाज के साथ उसने अपना काम खत्म किया, यह आवाज किसी स्प्रिंग या बोल्ट की अपनी जगह पर लगने जैसी थी। अभी भी वह आदमी जमीन पर ही झुका हुआ था और किसी लीवर जैसी चीज को खींच रहा था, जिसका परिणाम एक तेज चरखी की आवाज जैसा था, यह भी एक शक्तिशाली क्लिक पर ही खत्म हुई। अब वह खड़ा हो गया और मैंने देखा कि उसके हाथ में एक राइफल जैसी चीज थी, जिसका हत्था अजीब सा था। इसने इसकी नाल को बीच में से खोलकर इसमें कुछ डाला और फिर बंद कर दिया। उसने अपनी राइफल की नाल खुली खिड़की से बाहर की ओर कर दी और मैंने देखा कि उसकी लंबी मूँछें इस पर झुकी हुई हैं। उसकी चमकती आँखें बाहर की तरफ देख रही थीं। जैसे ही मैंने उसके कंधे पर राइफल की बट को टिके देखा, मैंने राहत की साँस ली। जब उसकी निगाह के अंतिम हिस्से पर मेरी निगाह पड़ी तो मैंने उस चकित कर देनेवाले लक्ष्य को देखा, जो कि पीली पृष्ठभूमि पर एक काली आकृति थी। एक पल के लिए वह आदमी बिलकुल स्थिर हो गया और उसकी उँगली राइफल के ट्रिगर पर कस गई। तभी सनसनाती हुई तेज, देर तक और अजीब सी आवाज के साथ चमकीला शीशा टूटने की आवाज आई। ठीक उसी समय होम्स उस आदमी की पीठ पर चीते की तरह झपटे और उसे चेहरे के बल जमीन पर गिरा दिया। वह आदमी अगले ही पल उठा और उसने अपनी पूरी ताकत के साथ होम्स का गला पकड़ लिया, पर उसी समय मैंने अपने रिवॉल्वर की मूठ से उसके सिर पर चोट की और वह फिर से जमीन पर गिर पड़ा। मैं भी उस पर झपट पड़ा, तभी मेरे साथी ने एक तेज सीटी बजाई, जिसे सुनते ही कुछ दौड़ते हुए कदमों की आवाज और सामने दो वरदीधारी पुलिस के जवान आते दिखे। जिनके पास सादे कपड़ों में एक जासूस भी था। ये सभी सामने के दरवाजे से होते हुए कमरे में घुसे थे। होम्स ने कहा, ''अरे लेस्ट्रेड तुम?'' ''जी हाँ, मि. होम्स! मैंने इस काम को अपने हाथ में ले लिया था। आपको फिर से लंदन में देखकर बहुत खुशी हो रही है।'' हम सभी खड़े थे और हमारा कैदी, जिसे उन कांस्टेबिलों ने दोनों तरफ से पकड़ रखा था, वह लंबी-लंबी साँसें ले रहा था। सड़क पर पहले से ही कुछ लोग इकट्ठे होने शुरू हो गए थे। होम्स खिड़की की तरफ आगे बढ़े और इसे बंद करके इसका परदा गिरा दिया। लेस्ट्रेड ने दो मोमबत्तियाँ जला दीं और पुलिसवालों ने अपनी लालटेनों के भी ढक्कन हटा दिए थे। मैं अब अपने कैदी का चेहरा ठीक से देख सकता था। इस आदमी की शक्ल बहुत ही मरदानी और क्रूर थी, इसने मुड़कर हमारी तरफ देखा। एक दार्शनिक की तरह उसकी भौंहें और भोग-विलास वाले उसके जबड़े से पता चलता था कि उस आदमी में अच्छे और बुरे दोनों ही कामों को करने की पूरी क्षमता थी। प्रकृति के साधारण-खतरनाक चिह्नों को पढ़े बिना कोई भी उसकी सनकी पलकों से ढकी क्रूर नीली आँखों, खूँखार चेहरे, आक्रामक और डराने वाली नाक एवं घनी भौंहों को नहीं देख सकता था। उसने हममें से किसी पर भी ध्यान नहीं दिया, पर उसकी आँखें होम्स के चेहरे पर गड़ी हुई थीं, जिसमें घृणा और आश्चर्य दोनों का ही मिश्रण था। वह बुदबुदा रहा था, ''तुम बहुत चालाक हो।'' होम्स ने उसके मुड़े-तुड़े कॉलर को ठीक करते हुए कहा, ''ओह, कर्नल! प्रेमियों के मिल जाने से यात्राएँ खत्म हो जाती हैं। पुराने नाटक ऐसा ही कहते हैं। मुझे नहीं लग रहा है कि तुम्हें देखकर मुझे खुशी महसूस हो रही है, हालाँकि राइखेनबाख के झरने के ऊपर जब मैं लेटा था, तब तुमने मुझ पर ध्यान देने की मेहरबानी की थी।'' कर्नल अभी भी मेरे साथी को एकटक घूरता हुआ बोला, ''तुम बहुत धूर्त हो।'' होम्स ने कहा, ''मैंने अभी तक तुम्हारा इससे परिचय नहीं कराया है, यह आदमी कर्नल सेवेस्टियन मोरान है और किसी समय यह इंडियन आर्मी में था। हमारी ईस्टर्न एंपायर का यह एक बेहतरीन निशानेबाज रह चुका है। कर्नल, मैं सही कह रहा हूँ कि चीतों के शिकार में तुम्हारा कोई सानी नहीं है।'' उसने दूसरी तरफ इशारा करते हुए कहा, ''ये हैं मेरी दूसरी बंदूकें, जो कि ठीक वैसी ही थीं।'' फिर गुस्से से गुर्राता हुआ आगे की ओर झपट पड़ा, पर तभी दोनों पुलिस वालों ने उसे पकड़कर पीछे की ओर ढकेल दिया। उसके चेहरे पर भयानक गुस्सा दिख रहा था। ''वाटसन, अगर तुम उस टूटी हुई खिड़की से कुछ पाना चाहते हो तो मेरे पढ़ने वाले कमरे में आधे घंटे के लिए मेरे साथ एक सिगार पीते हुए तुम कुछ अच्छी जानकारियाँ प्राप्त कर सकते हो।'' हमारे पुराने कमरे माइक्राफ्ट होम्स और मिसेज हडसन की देखरेख में बिलकुल पहले की ही तरह थे। जैसे ही मैं कमरे में घुसा, मैंने देखा कि वहाँ एक अप्रत्याशित व्यवस्था थी, परंतु पुराने निशान अपनी ही जगह पर मौजूद थे। मेज पर एसिड के धब्बे पड़े हुए थे। वहाँ आलमारी में बेकार और संदर्भ ढूँढ़नेवाली किताबों के ढेर लगे थे, जिनमें से बहुत सी किताबों को तो एक आम नागरिक जला देना ही पसंद करेगा। चित्र, वायलिन का डब्बा, पाइप रखने का आला, यहाँ तक कि पर्शियन चप्पलें, जिनमें तंबाकू भी पड़ी थी, भी मेरी आँखों के सामने थीं। इस कमरे में दो लोगों का दखल पहले से ही था—एक तो मिसेज हडसन, जिन्होंने हमें घुसते ही ऊपर से नीचे तक देखा और दूसरी वह मूरती, जिसने रात के रोमांच में एक अहम भूमिका अदा की थी। यह मूर्ति रंगीन मोम की थी और इसकी शक्ल मेरे साथी की बिलकुल हू-ब-हू थी। इसे एक छोटी सी टेबल पर रखा गया था और इसपर होम्स का एक गाऊन भी पड़ा था, ताकि सड़क से इसे उनके होने का भ्रम पैदा किया जा सके। होम्स ने अपना फरवाला फ्रॉककोट उतार दिया और उस पुतले से अपना वही पुराना ड्रेसिंग गाऊन उठाकर पहन लिया। जब होम्स ने अपने पुतले का टूटा हुआ माथा देखा तो हँसते हुए बोला, ''पुराने शिकारी दिमाग ने न तो अपना संतुलन खोया है और न ही अपनी आँखों का पैनापन।'' ''वह बहुत ही मशहूर है, पर जहाँ तक मुझे याद है, तुमने प्रोफेसर जेम्स मोरिआर्टी का भी नाम नहीं सुना होगा, जो कि इस शताब्दी का बहुत ही तेज दिमागवाला व्यक्ति था। आलमारी से उठाकर जीवनियों की सूची मुझे दे दो।'' वे अपनी कुरसी पर बैठकर हवा में सिगार के बादल उड़ाते हुए आराम से इसके पन्ने पलटते रहे। वे बोले, 'एम से मेरा संग्रह काफी अच्छा है।' ''मोरिआर्टी अपने आप में ही काफी विख्यात है और यहाँ है जहरखुरान मोरगन, और यह है बुरी स्मृतिवाला मेरिड्यु और अब मैथ्यु, जिसने चारिंग क्रॉस के वेटिंग रूम में मेरा बायाँ कोनेवाला दाँत तोड़ दिया था। अब आया हमारा आज की रातवाला दोस्त।'' होम्स ने किताब मुझे दे दी और मैंने इसे जोर से पढ़ा— कर्नल मोरान सेबेस्टियन, बेरोजगार। पहले प्रथम बैंगलोर पाइनियर्स में था। पैदाइश लंदन, सन् 1840। पुत्र—सर अगस्टस मोरान, सी.बी. पर्शिया के भूतपूर्व मिनिस्टर। शिक्षा—आक्सफोर्ड और इटान। सेवाएँ—जोबाकी कैंपेन,अफगान कैंपेन, चारासियाब, शेरपुर और काबुल। लेखक—हेवी गेम ऑफ द वेस्टर्न हिमालयाज (1881); थ्री मंथ्स इन द जंगल (1884)। पता—कानड्युट स्ट्रीट। क्लब—द एंग्लो इंडियन, टैंकर विली, द बैगाटेल कार्ड क्लब। इसके हाशिए पर होम्स ने लिखा था—लंदन का दूसरा बेहद खतरनाक आदमी। किताब को वापस सौंपते हुए मैंने कहा, ''यह आदमी एक सम्मानित सैनिक रहा है।'' ''खैर, मैं इस बात पर जोर नहीं दे रहा हूँ। चाहे जो भी कारण हो, कर्नल मोरान गलत आदमी बनना शुरू हो गया था। किसी खुली बदनामी के न होने पर भी भारत में उसका रुकना मुश्किल हो गया था। वह वहाँ सेवामुक्त हो गया और लंदन वापस आ गया, फिर बुराई में उसने अपना नाम रोशन कर लिया। यही वह समय था, जब उसे प्रोफेसर मारिआर्टी ने पसंद कर लिया और उसे अपने आदमियों का मुखिया भी बना दिया। मोरिआर्टी ने उसे खुले हाथों से धन दिया और वह उससे केवल एक या दो बहुत ही ऊँचे दरजे का काम लेता था, जो कि उसके साधारण अपराधी नहीं कर पाते थे। तुम्हें सन् 1887 की वह घटना शायद याद हो, जिसमें लाडेर की मिसेज स्टेवर्ड की हत्या हुई थी। नहीं? खैर, मुझे यकीन है कि इसमें भी मोरान का ही हाथ था, पर कुछ भी सिद्ध नहीं किया जा सका। कितनी चालाकी से कर्नल को छुपा दिया गया था, यहाँ तक कि जब मोरिआर्टी का गिरोह तोड़ भी दिया गया था, तब भी हम उसे अपराधी सिद्ध नहीं कर पाए थे। तुम्हें शायद वह तारीख याद होगी, जब तुमने कमरे में पूछा था कि एयरगन के डर से मुझे दरवाजों को कैसे बंद रखना चाहिए? इसमें कोई शक नहीं है कि इसे तुमने मेरी कल्पना ही समझा था। मैं अच्छी तरह से जानता था कि मैं क्या कर रहा हूँ, क्योंकि मैं इस असाधारण गन के बारे में जानता था और मुझे यह भी पता था कि इसके पीछे दुनिया का एक बेहतरीन निशानेबाज है। जब हम स्विट्जरलैंड में थे, तब इसने मारिआर्टी के साथ हमारा पीछा किया था और यही वह आदमी था, जिसने मुझे राइजेनबाख के कगार पर वे खतरनाक पाँच मिनट दिए थे। ''तुम सोच सकते हो कि अपने फ्रांस के प्रवास के दौरान मैंने अखबार कितने ध्यान से पढ़ा, ताकि मैं उससे बच सकूँ। जब तक वह लंदन में आजाद घूम रहा था, मेरी जिंदगी हमेशा खतरे में थी। रात हो या दिन, उसकी काली छाया हमेशा मेरे ऊपर मँडराती थी और आखिरकार उसे मौका मिल ही गया। मैं क्या कर सकता था? मैं उसे देखते ही गोली नहीं मार सकता था, नहीं तो मैं कठघरे में होता। मजिस्ट्रेट से इस बारे में कहने में भी कोई फायदा नहीं था। वे केवल खतरनाक संदेह पर दखल नहीं दे सकते थे। इसीलिए मैं कुछ भी नहीं कर सका। किंतु मैंने अखबार की खबरों को यह जानते हुए देखता था कि कभी-न-कभी मैं उसे पकड़ ही लूँगा। तभी रोनाल्ड एडेयर की हत्या की खबर आई। आखिरकार मेरा मौका आ ही गया। मैंने जो किया, इससे क्या यह नहीं पता चलता था कि कर्नल मोरान ने ही यह काम किया है। उसने उस युवक के साथ ताश खेले और क्लब से उसके घर तक पीछा करके उसकी खुली खिड़की से उसे गोली मार दी। इसमें अब कोई संदेह नहीं है। वे गोलियाँ ही उसके गले का फंदा बन चुकी हैं। मैं जैसे ही यहाँ पहुँचा, मुझे उसके संतरी ने देख लिया और मेरे अनुसार, उसने तुरंत ही कर्नल को मेरी मौजूदगी के बारे में सूचित कर दिया होगा। उसने मेरी वापसी को इस अपराध से जोड़ने में देरी नहीं की और इसके लिए वह खूँखार तरीके से तैयार हो गया। मुझे पक्का यकीन था कि वह मुझे अपने रास्ते से हटाने की कोशिश करेगा और इसके लिए वह अपने खतरनाक हथियार का भी इस्तेमाल करेगा। मैंने उसके लिए खिड़की में एक बढि़या लक्ष्य भी रख छोड़ा था, साथ-ही-साथ मैंने पुलिस को भी बता दिया था कि उनकी जरूरत पड़ सकती है, और वाटसन! तुमने उनकी मौजूदगी दरवाजे पर बिलकुल सही समय पर देखी भी थी। मैंने न्यायिक सबूत के लिए इसका इस्तेमाल किया था, पर मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि वह अपने आक्रमण के लिए वही जगह चुनेगा। वाटसन, क्या अभी भी बताने के लिए कुछ बचा रह गया है?'' ''ओह, प्रिय वाटसन! जहाँ अधिकतर तार्किक दिमाग असफल होते हैं, वहाँ हम अनुमान का इस्तेमाल करते हैं। मौजूदा सबूतों के ऊपर हर कोई अपनी धारणा बनाता है और आपकी धारणा मेरी ही तरह सही भी हो सकती है।'' ''तब, आप क्या कोई धारणा बना चुके हैं?'' ''मेरे खयाल से वास्तविकता को बताना कठिन नहीं है। कर्नल मोरान और उस युवक एडेयर के बीच सबूतों से यह पता चला कि उन्होंने काफी अधिक धन जीता था। इसमें कोई शक नहीं है कि मोरान ने बेईमानी की थी वैसे इस बात को मैं बहुत पहले से ही जानता था। मुझे यकीन है कि एडेयर को हत्यावाले दिन ही यह पता चल गया था कि मोरान बेईमानी कर रहा है। संभव है कि उसने मोरान से अकेले में बात भी की होगी और उसकी पोल खोल देने की धमकी भी दी होगी। यह भी कहा होगा कि वह क्लब को अपना त्याग-पत्र दे दे और आगे से ताश न खेलने की कसम भी खा ले। इसमें कोई शक नहीं था कि एडेयर के जैसा युवक तुरंत ही एक जाने-माने अपनी से बड़ी उम्र के आदमी की पोल खोलकर उसकी घोर बदनामी कर देता। शायद उसने वैसा ही किया, जैसा कि मैं बता चुका हूँ। क्लब से निकाले जाने पर मोरान बरबाद हो जाता, क्योंकि उसे ताश की बेईमानी के खेल से फायदा होता था। इसीलिए उसने एडेयर की हत्या उसी समय कर दी, जब वह इसका हिसाब लगा रहा था कि उसे खुद कितना धन वापस करना है, क्योंकि उसके साथी ने बेईमानी की थी। उसने अपना दरवाजा इसलिए बंद कर लिया था कि घर की औरतें वहाँ अचानक न आ जाएँ और यह जानने की कोशिश न करने लगें कि वह इन नामों और सिक्कों को लेकर क्या कर रहा है? अब तो जो होना था, सो हो गया।'' ''अब यह अदालत में तय होगा या नहीं होगा। चाहे जो भी हो, पर इस बीच कर्नल मोरान हमारे लिए परेशानी का कारण नहीं बनेगा। वान हर्डर की वह मशहूर एयरगन अब स्कॉटलैंड यार्ड के संग्रहालय की शोभा बढ़ाएगी।'' शेरलॉक होम्स अब अपनी जिंदगी को फिर से उन रोचक छोटी-छोटी समस्याओं की छानबीन में लगाने के लिए आजाद था, जिसका अवसर लंदन का जटिल जीवन उसे विपुल मात्रा में देता रहता था।
युवाओं के लिए सुनहरा मौका, रेलवे में 1 लाख से ज्यादा पदों पर भर्ती शुरू, ऐसे करें आवेदन – समाचार-विचार-विश्लेषण सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं के लिए खुशखबरी है। रेलवे में एक लाख से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी हो गया है। सेंट्रल रेलवे और ईस्ट सेंट्रल रेलवे जैसे सभी रेलवे जोन् में अलग-अलग वैकैंसी निकाली गई हैं। बता दें कि इस बार ग्रुप डी की 1,03,769 की भर्तियां निकली हैं। इच्छुक अभ्यर्थी आज शाम 5 बजे से आवेदन कर सकेंगे। आवेदन करने वाला अभ्यर्थी कम से कम 10वीं पास होना चाहिए। इसके तहत नौकरी पाने वालों को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक सैलरी दी जाएगी। दरअसल आरआरबी (रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड) नहीं आरआरसी (रेलवे रिक्रूटमेंट सेल) ने रेलवे ग्रुप डी की भर्तियां निकाली है। आरआरसी के नये नोटिस से यह कन्फर्म हो गया है कि RRC Group D recruitment 2019 के लिए आवेदन आज (12 मार्च) शाम 5 बजे से कर सकेंगे। इस भर्ती के लिए 18 से 33 आयु के लोग आवेदन कर सकते हैं। ओबीसी के लिए तीन वर्ष और एससी, एसटी कैटेगरी के लिए पांच वर्ष की छूट दी गई है। 10वीं पास उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं ।उम्मीदवारों का चयन कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) और शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) के आधार पर किया जाएगा। सितंबर-अक्टूबर में होगी परिक्षा सीबीटी में सफल उम्मीदवारों को पीईटी में बुलाया जाएगा। सीबीटी में मार्क्स नॉर्मलाइजेशन की पद्धति अपनाई जाएगी। कुल वैकेंसी के तीन गुना उम्मीदवारों को पीईटी के लिए बुलाया जाएगा। सीबीटी में नेगेटिव मार्किंग होगी। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक काट लिया जाएगा। बता दें कि ये भर्ती रेलवे रिक्रूटमेंट सेल (RRC) द्वारा की जाएगी। लेकिन आवेदन आरआरबी वेबसाइट पर जाकर करना होगा। बता दें कि ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 12 अप्रैल 2019 23.59 बजे तक है।इन पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को कम्प्यूटर बेस्ड परीक्षा देनी होगी। ये परीक्षा सितंबर-अक्टूबर में आयोजित की जाएगी इसके लिए अभ्यर्थियों को रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नोटिफिकेशन के अनुसार सभी क्षेत्रीय आधिकारिक वेबसाइटों पर ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन करना होगा। का लिंक शाम 5 बजे एक्‍ट‍िवेट किया जाएगा। लेवल – 1 के तहत ट्रैक मेंटेनर ग्रेड – IV, रेलवे के विभिन्न टेक्निकल डिपार्टमेंट्स (इलेक्ट्रिकल, इंजीनियरिंग, मैकेनिकल व एस एंड टी विभाग) में हेल्पर व असिस्टेंट, प्वाइंट्समैन पदों पर नियुक्ति होगी। लेकिन इस बार आरआरबी नहीं आरआरसी का नोटिफिकेशन ( RRC – 01/2019 ) जारी होगा। रेलवे में ग्रुप डी पदों पर भर्ती के लिए रेल मंत्रालय ने आरआरसी (रेलवे रिक्रूटमेंट सेल) का गठन किया था। इस बार इन वेबसाइट्स से करना होगा आवेदन टॉप 5, ताज़ा खबर, देश, ब्रेकिंग न्यूज़, युवा, रोजगारRecruitment to more than 1 lakh posts in Railways, RRC Group D recruitment 2019, ऐसे करे आवेदन, युवाओं के लिए सुनहरा मौका एसएससी ने निकाली इन पदों के लिए बम्पर भर्ती, रेलवे में 1 लाख से ज्यादा पदों पर भर्ती शुरू Previous Previous post: उत्तराखंडः शादी में शिरकत करने आए मेहमान की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत, दो गंभीर घायल
Anushka Sharma ने शेयर की फोटो, पति Virat Kohli ने दिया ऐसा रिएक्शन | Sarkaripaper Home/Entertainment News/Anushka Sharma ने शेयर की फोटो, पति Virat Kohli ने दिया ऐसा रिएक्शन नई दिल्ली। बॉलीवुड में अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma Share Pics) अपने अभिनय के साथ सोशल मीडिया पर एक्टीव रहने के लिए काफी मशहूर हो रही है वे अक्सर अपनी पुरानी तस्वीरों के साथ अपने पति क्रिकेटर विराट के साथ की मस्ती करते हुए की तस्वीरें शेयर करती रहती हैं, बीते मंगलवार को अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma Instagram)ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक फोटो शेयर किया जिसमें अनुष्का धूप में खड़ी नज़र आ रही हैं, पोस्ट की गई तस्वीर के साथ अनुष्का ने सूरज की रोशनी से जुड़ा हुआ कैप्शन लिखा कि, 'अब मैं जान गई हूं कि मेरे घर में कहां-कहां धूप आती है।' वैसे तो ये तस्वीर सामान्य थी लेकिन ये तब ख़ास हो गई जब उनके पति यानि क्रिकेटर विराट कोहली ने अपनी पत्नी एक्ट्रेस अनुष्का की तस्वीर पर कमेंट लिखा, विराट ने कमेन्ट में लिखा 'गॉर्जियस' फिर क्या था उनकी तस्वीर को देख फैंश भी अपनी प्रतिक्रियाएं देने लगे। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के दौरान विराट कोहली और अनुष्का शर्मा मुंबई के अपने घर में ही हैं। अनुष्का समय-समय पर अपनी तस्वीरे और वीडियो फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं। इस बीच उनके प्रोडक्शन की वेब सीरीज आई थी पाताल लोक जिसकी खूब चर्चा हुई। यह वेब सीरिज भी दर्शको को काफी पसंद आई। इसके पहले अनुष्का ने अपने इंस्टाग्राम पर अपने बचपन की तस्वीरे शेयर की थी। साथ ही कुछ दिनों पहले उन्होंने कुछ सेकेंड का वीडियो डाला था जिसमें उनके पति विराट कोहली डायनासोर की तरह कमरे में एंट्री लेते हुए नजर आए थे। यह वीडियो फैंस को काफी पसंद आया था। anushka sharma Anushka Sharma Instagram anushka sharma virat-kohli relation bollywood news bollywood news in hindi bollywood samachar Virat Kohli and Anushka Sharma Picture बॉलीवुड न्यूज बॉलीवुड समाचार
बीकानेर में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटा यह नया राजनीतिक दल - The Indian Daily बीकानेर। राजनीतिक दल पीपल्स ग्रीन पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों में जुट गया है। इसे लेकर पीपल्स ग्रीन पार्टी अपने संभाग के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की आम सभा एवं बैठक रविवार को गजनेर रोड स्थित होटल गणगौर पैलेस में आयोजित करेगी। पार्टी के जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि आम सभा को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुधांशु एवं उपाध्यक्ष भंवरलाल नायक संबोधित करेंगे। पी जी पी के शहर अध्यक्ष मोहम्मद अयूब खान ने बताया कि इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का कार्यकर्ताओं द्वारा सभा स्थल पर सुबह 11:00 बजे अभिनंदन किया जाएगा , तत्पश्चात सभा आरंभ होगी।
तीर्थांकरों की भूमि पर आपका स्वागत है। आपका स्वागत है एक ऐसी भूमि पर जहां हजारों सालों से अहिंसा, शांति एवं सत्य की पूजा करी जा रही है। आपका स्वागत है उत्तर प्रदेश में, जो ऐतिहासिक घटनाचक्र और पौराणिक कथाओं की भूमि रही है। उत्तर प्रदेश खुद में विभिन्न धर्मों के श्रद्धालुओं के लिए उनकी अपेक्षा से बहुत अधिक सम्मिलित किए हुए है। उत्तर प्रदेश के असंख्य जैन मंदिर जैन तीर्थांकरों की संस्कृति और गतिविधियों का अभिवादन करता है, जिन्होंने शांति, अहिंसा, प्रेम का प्रसार किया। यही वह तथ्य है जिसने न सिर्फ पूरे देश में बल्कि पूरी दुनिया में लाखों लोगों को आकर्षित एवं प्रेरित किया है। आज, लगभग 3.2 मिलियन जैन भक्त भारत में रहते हैं। उत्तर प्रदेश उन सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है जो जैन वास्तुकला की खूबसूरती को देखना चाहते हैं और तीर्थांकरों की शिक्षा-दीक्षा के बारे में जानना चाहते हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत के माध्यम से जन्म और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति पाई और मोक्ष की प्राप्ति की और जैनिज्म के माध्यम से मानवता का उद्धार, अभूतपूर्व अस्तित्व के महासागर से स्वतंत्रता और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति का उदाहरण पेश किया। इस महान धर्म का सार और उसके उपदेश गुफा मंदिरों, अलंकृत नक्काशीदार पत्थरों और कई सचित्र पांडुलिपियों में स्पष्ट हैं। उत्तर प्रदेश में सभी ऐसे धार्मिक स्थल पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं। यहां पर आकर जैन संस्कृति के इतिहास, धर्म एवं कला को करीब से जाना जा सकता है। अयोध्या का हिंदु पौराणिक कथाओं से विलय के अतिरिक्त, यहां जैन धर्म की भी बहुत से प्रथाएं प्रचिलित हैं। यह वह स्थान है जहां पांच तीर्थांकरों का जन्म हुआ और जैन धार्मिक मूल्यों का प्रसार किया गया। जैनिज्म के इतिहास में अयोध्या में निम्न पांच जगहों का महत्वपूर्ण स्थान है:- रतनपुरी रतनपुरी, अयोध्या-लखनऊ नेशनल हाईवे पर है, जो रोहनी के पास अयोध्या के पश्चिम में 24 किमी पर स्थित है। यह भगवान धर्मनाथ के जन्मस्थल है और यहां उनका पवित्र कुंज भी स्थित है। स्वर्गद्वार, अयोध्या में एक स्थान जहां अभी भी प्रथम तीर्थांकर, भगवान वृषभनाथ के पवित्र भाव और यादें बरकरार हैं। जैसा की महापुराण में बताया गया है। इन्हे आदिनाथ, पुरदेव एवं आदि-ब्रह्मा के रूप में भी जाना जाता है। भगवान वृषभनाथ का मंदिर सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है। बकसरिया टोला बकसरिया टोला, भगवान अजीतनाथ का जन्मस्थल, जो अयोध्या में स्थित है और बेगमपुरा के नाम से भी जाना जाता है। यहां एक मंदिर भी है जो इन्ही के नाम पर "अजीतनाथ की टोक" स्थित है। यह मंदिर भी सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है। रामकोट मोहल्ला, रामकोट मोहल्ला, अयोध्या में यह स्थान भगवान अभिनन्दन नाथ का जन्मस्थल है। यहां पर एक मंदिर भी स्थित है, जो इन्हे समर्पित है। यह मंदिर सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है। मोहल्ला-मोन्धिआना राजघाट मोहल्ला-मोन्धिआना राजघाट, अयोध्या का यह स्थान भगवान सुमतिनाथ को समर्पित है। यहां एक मंदिर है जो भगवान सुमतिनाथ को समर्पित है। यह मंदिर सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है। यह भगवान अनंतनाथ का जन्मस्थान भी है। मंदिर के खुलने का समय सुबह 7 बजे से 8 बजे तक है। रायगंज, रायगंज, दिगम्बर जैन मंदिर और यहां स्थित 21 फीट ऊंची भगवान वृषभदेव की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। अयोध्या विभिन्न धर्मों, नीतिशास्त्र और संस्कृतियों के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसी एक वजह से यह पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध स्थल है। साथ ही यहां प्रत्येक पर्यटक के लिए उनके बजट एवं रुझान के अनुसार बेहतर सुविधा भी उपलब्ध है। जैन धर्मशाला, जानकी महल ट्रस्ट, कनक भवन धर्मशाला आदि में सुविधाजनक रहने की व्यवस्था भी उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, पर्यटक साकेत टूरिस्ट बंगला पर आरामदायक एवं लागत प्रभावी रहने की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं, जो उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित है। अयोध्या पहुंचने के लिए विभिन्न परिवहन के साधन भी उपलब्ध है। अयोध्या के नजदीकि एयरपोर्ट अमौसी एयरपोर्ट (लखनऊ-42 किमी) और बाबतपुर एयरपोर्ट (वाराणसी-200 किमी) है। अयोध्या अन्य नगरों, शहरों और प्रदेशों से रेल और बस सेवा के माध्यम से भी जुड़ा हुआ है। कौशाम्बी-प्रयागराज कौशम्बी यमुना के उत्तरी तट पर स्थित है, जो प्रयागराज से 60 किमी दूर है। प्राचीन जैन शास्त्रों के अनुसार छठी शताब्दी बी.सी. में 16 महाजनपद हुआ करते थें। वत्स देश ऐसा ही एक महाजनपद था जिसकी राजधानी कौशाम्बी थी। हस्तिनापुर साम्राज्य के अंत तक (जो माना जाता है कि गंगा नदी की बाढ़ से खत्म हो गया था), चंद्रवंशी राजा ने कौशाम्बी को अपनी राजधानी घोषित कर दिया था। ऐसा कहा जाता है कि इनके 22 वंशजों ने यहां पर शासन किया था। यह शहर, हालांकि छठे तीर्थांकर पद्मप्रभु की मौजूदगी के कारण ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है, जिनका यहां पर जन्म हुआ था। इनका पालन-पोषण भी यहीं हुआ था और साथ ही यहीं से इन्होंने शिक्षा भी प्राप्त की थी। यात्रा जानकारी: कौशाम्बी से बमरौली एयरपोर्ट, प्रयागराज 48 किमी पर है, और नजदीकि रेलवे स्टेशन भरवारी 32 किमी. है। रहने की व्यवस्था पीडब्लूडी इन्सपेक्शन बंगला, कौशाम्बी पर उपलब्ध है या प्रयागराज, नजदीकि शहर पर है। यह कुंदल की राजधानी थी, भारत के प्राचीन शहरों में से एक। बाद में यह पश्चिम कौशल के नाम से भी जाना गया। पवित्र राप्ति नदी यहां पर बहती थी। तीसरे तीर्थांकर, भगवान संभवनाथ का जन्म भी यहीं पर हुआ था। बाद में इन्होंने यहां पर ध्यान (मेडिटेशन) कर के ज्ञान की प्राप्ति की। श्रावस्ती जैन संस्कृति और प्रथाओं में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान संभवनाथ ने श्रावस्ती क्षेत्र में एक साहेतुक जंगल में दीक्षा की प्राप्ति की। इसके बाद ही इन्होंने अपनी आरामदायक और शाही जीवन का त्याग कर दिया और तत्पश्चात 14 वर्षों के लिए इसी जंगल में कठोर तपस्या कर असली ज्ञान की प्राप्ति की। लंबे अंतराल के व्रत के बाद इन्होंने राजा सुरेंद्र दत्त के महल में पहली बार खाना खाया। इसके बाद अपने बाकी के जीवनकाल में लोगों की सेवा में अपनी जिंदगी बिता दी। अयोध्या के शासक, राजा प्रसेनजीत और उनकी रानी मल्लिका देवी, भगवान महावीर के भक्त हो गए। बहुत बार श्रावस्ती को विध्वंस किया गया और इसकी पुनर्स्थापना हुई। इसी क्षेत्र में प्रसिद्ध साहेत-माहेत वन 600-700 वर्ष पुराना माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह भगवान संभवनाथ का पवित्र ग्रोव है, जिसका नाम साहेत-माहेत हो गया है। ग्रोव को प्राचीन काल में साहेतुक वन भी कहा जाता था। जैन संस्कृति के अनुसार, बह्मानिज्म और बौद्धिज्म का श्रावस्ती से पुराना नाता है। लेकिन, यह जैन पवित्र स्थल के रूप में ज्यादा प्रसिद्ध है। प्रत्येक वर्ष, हजारों जैन भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं और कार्तिक पूर्णिमा के दौरान महत्वपूर्ण जैन पर्व के दौरान भगवान संभवनाथ दिवस को मनाते हैं। श्रावस्ती, बहराइच के 48 किमी उत्तर-पूर्वी पर और अयोध्या से 101 किमी पर स्थित है। सबसे नजदीकि रेलवे स्टेशन बलरामपुर है, जो 17 किमी दूर है। बलरामपुर और अन्य नजदीकि कसबों व शहरों से बस सेवा और निजी जीप भी परिवहन के उद्देश्य से उपलब्ध रहती हैं।. श्रावस्ती आने वाले पर्यटकों और लोगों के लिए बहराइच रोड, बलरामपुर में यूपीएसटीडीसी टूरिस्ट बंगला (फोन: 05263-32456) एक सुविधाजनक जगह है। इसके अतिरिक्त, जैन धर्मशाला, चाईनीज़ टेंपल रेस्ट हाउस और बर्मीज़ टेंपल रेस्ट हाउस में भी रुकने की व्यवस्था उपलब्ध है। शौरीपुर-आगरा "प्राचीन भारत के प्रसिद्ध और पौराणिक शहरों में से एक, शौरीपुर संपूर्ण हस्तिनापुर और मथुरा शहर के क्षेत्र को घेरे हुए था।" धार्मिक किताब "वायुदेव" में शौरीपुर शहर के शिलन्यास के इतिहास का ज़िक्र किया गया है। माना जाता है कि शौरीपुर में दो शक्तिशाली भाई–शौरी और वीर रहते थें। शौरी ने शौरीपुर शहर की स्थापना करी थी। शौरी के पुत्र का नाम अन्धाकृष्ण था। नैमीनाथ, 22वें तीर्थांकर का जन्म राजा श्री समद्र विजय और रानी सीतादेवी के घर हुआ था। आज, शौरीपुर को जैन तीर्थस्थलों में प्रमुख स्थान प्राप्त है। शौरीपुर, आगरा से 80 किमी दूर है और घने जंगलों से घिरा हुआ है। यहां से पूर्व दिशा में 7 बड़े श्वेतांबर जैन समाज के मंदिर स्थित हैं। समय गुजरने के साथ-साथ, यह शहर समाप्त हो गया। आज यहां पर घने जंगलों के बीच बस अवशेष ही बचे हैं, जो इसके प्राचीन इतिहास को बयां करते हैं। श्वेतांबर समाज ने यहां पर एक धर्मशाला का निर्माण कराया था, ताकि पर्यटकों के लिए इस स्थान को सुविधाजनक बनाया जा सके। धर्मशाला के सामने "दादा बड़ी" का निर्माण कराया गया, जिसे देश में पहले दादा बड़ी का दर्जा प्राप्त हुआ। यहां पर दादा श्री जिन कौशल सुरीजी महाराजा गुरु मंदिर का निर्माण ग्वालियर के सेठ नथमल श्री गोलझा द्वारा किया गया था। यहां दिगम्बर जैन समाज के 2 मंदिर स्थापित हैं, और पूरे विश्व से यहां श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं| श्री शौरीपुर के अतिरिक्त यहां पर जैन श्वेतांबर समाज के 11 अन्य मंदिर भी स्थापित हैं और आगरा में 35 जैन दिम्बर समाज के मंदिर स्थापित हैं। श्री चिंतामणी पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर, जो रौशन मोहल्ला में है, आगरा श्वेतांबर समाज के विशाल मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में भगवान चिंतामणी पार्श्वनाथ की एक विशाल प्रतिमा स्थापित है, जो जगतगुरु आचार्य श्री हरिविजय सुरिजी द्वारा वर्ष 1640 में बनवाई गई थी। इसी मंदिर में भगवान शीतलनाथ प्रभु की प्रतिमा भी स्थापित है। जिस पत्थर पर इस प्रतिमा को स्थापित किया गया है, उसके बारे में माना जाता है कि वह ताजमहल में इस्तेमाल किये गए पत्थरों की नक्काशी से दिखने में ज्यादा बेहतर हैं। यह मंदिर जगतगुरु श्री हरीविजय सूरी को समर्पित है। इसी मंदिर से जुड़ा हुआ जैन श्वेताम्बर भवन भी निर्मित है। रौशन मोहल्ला, में एक और श्वेतांबर मंदिर है, जो श्री सिमईधर स्वामी को समर्पित है। यह मंदिर इनके चौथे "दादागुरु" श्री जिनचंद्र सुरीजी द्वारा 1668 में स्थापित कराया गया था। मोती कटरा में, श्री वासुपूज्य स्वामी का मंदिर स्थित है, जिसका निर्माण बताया जाता है कि 1501 में कराया गया था। इस मंदिर में स्वामी के पदचिन्ह भी देखे जा सकते हैं। मोती कटरा की मेन रोड पर, बोधी पार्श्वनाथ मंदिर स्थित है। इस मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ की अद्भुत मूर्ति भी स्थापित है, जिसका निर्माण जहांगीर के शासनकाल के दौरान किया गया था। मंदिर अपने शानदार सौंदर्य से पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इसके अतिरिक्त, भी दिगंबर जैन समाज के सुंदर और अद्भुत मंदिर स्थापित हैं। इनमें से दो सच में घूमने योग्य हैं। खासतौर पर एम.डी. जैन कॉलेज, हरिपर्वत का जैन मंदिर भी है। इसके अतिरिक्त मोती कटरा में एक और बड़ा मंदिर है, जिसमे हजारों जैन प्रतियां भी शामिल हैं। ऐसा माना जाता है कि, मंदिर के अंदर एक तलवार भी है जो इसकी पुरातनता की पुष्टि करता है। भोगीपुरा शाहगंज में आगरा-फतेहपुर सीकरी रोड पर भगवान महावीर का एक मंदिर स्थित है। यह जगतसेठ द्वारा निर्मित किया गया था। मंदिर के केंद्रीय कक्ष में, भगवान महावीर की एक प्राचीन मूर्ति भी स्थापित है। इससे इस स्थान की पुरातनता का पता चलता है। जैन परंपरा के एक प्रसिद्ध श्वेतांबर, श्री हरीविजय सुरिजी को मुगल शासक अकबर द्वारा "जगतगुरु" का शीर्षक से सम्मानित किया गया था। इन्होंने अकबर की विनती करने पर आगरा भ्रमण भी किया था। अकबर इनसे इतने ज्यादा प्रभावित हुए कि अकबर ने जैन तीर्थ स्थलों को सुरक्षित करने के और पशु वध को रोकने के आदेश दे दिये। अकबर ने जैन पांडुलिपियों, धार्मिक किताबों और अंगिनत जैन प्रतिमाओं का एक विशाल संग्रह इकट्ठा किया था। श्री हरीविजय सुरिजी के निवेदन पर, अकबर ने पूरे "जैन संघ" के संग्रह को दे दिया। आज, यह अद्भुत संग्रह रौशन मोहल्ला के श्री चिंतामणी पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर में देखा जा सकता है। एक धार्मिक ग्रंथ "कृपारसकोष" में हमे अकबर पर श्री हरीविजय सुरीजी के प्रभाव का पता लगता है। अकबर के शासनकाल के दौरान, चौथे दादा गुरु आचार्य श्री जिनचंद्र सुरीजी ने आगरा का भ्रमण किया था। अकबर इनसे इतना अधिक प्रभावित हुए की अकबर ने इन्हे "युग प्रधान" की पद्वी से सम्मानित किया। इनकी शिक्षा और दीक्षा से प्रभावित होकर, अकबर अपने शेष जीवन के लिए शाकाहारी बन गए और पशु वध पर रोक लगाने के लिए आदेश दे दिया। अकबर ने चौथे दादा गुरुदेव को "बड़े गुरुजी" कहकर भी सम्मानित किया। चौथे दादा गुरुदेव ने अपना "चतुरमास" 1628 में आगरा में किया। शासक अकबर द्वारा लिखी गयी किताब "आइन-ए-अकबरी" में हमे श्री हरीविजय सुरीजी के शासक के दरबार के दौरा करने का जिक्र मिलता है। "जहांगीरनामा" किताब में जैनिज्म का प्रभाव और अकबर पर उसका प्रभाव का जिक्र किया गया है। जैन परंपराओं के अनुसार, काशी का यह सौभाग्य है कि वहां पर चार तीर्थांकर सुपर्शव, चंद्रप्रभु, श्रेयस और पार्शव का जन्मस्थान रहा है। पार्शव और सुपर्शव का जन्म वाराणसी में हुआ था और चंद्रप्रभु का जन्म चंद्रपुर में हुआ था, जो वाराणसी से पूर्व में 15 किमी. पर गंगा नदी के तट पर स्थित है। श्रेयस का जन्म सिंघपुर में हुआ था, जिसे वर्तमान में सारनाथ नाम से भी जाना जाता है। भदैनी जैन तीर्थस्थल- 7वें तीर्थांकर का जन्मस्थान श्री सुपर्श्व्नाथ का जन्म "भदानी मोहल्ला" में हुआ था, जो गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह स्थान भेलपुरा से 1.5 किमी दूर है और इसे "जैन घाट" के नाम से जाना जाता है। इस स्थान को पवित्र भी माना गया है, सिर्फ इसलिए नही कि यह भगवान श्री सुपर्श्व्नाथ का जन्मस्थल है बल्कि उन्होंने यहीं पर दीक्षा भी प्राप्त करी और असली ज्ञान का बोध किया। वर्तमान में यहां पर सफेद रंग की 68 सेमी. ऊंची प्रतिमा स्थापित है जो, श्वेतांबर संप्रदाय के श्रद्धलुओं द्वारा पूजी जाती है। इसके अतिरिक्त, यहां पर एक काली प्रतिमा जो 46 सेमी. की है वो भी स्थापित है, जिसे दिगंबर संप्रदाय के श्रद्धालुओं द्वारा पूजा जाता है। श्वेतांबर और दिगंबर के धर्मशालाएं भी क्षेत्र में मौजूद हैं। भेलपुरा-23वें तीर्थांकर का जन्मस्थान यह जैन धर्म के 23वें तीर्थांकर भगवान श्री पार्श्वनाथ का जन्मस्थान है। इस स्थान पर 60 सेमी ऊंची सफेद प्रतिमा स्थापित है, जिसे श्वेतांबर संप्रदाय के श्रद्धालुओं द्वारा पूजा जाता है और 75 सेमी की काली रंग की प्रतिमा है जो दिगंबर संप्रदाय के श्रद्धालुओं द्वारा पूजा जाता है। ये सभी देखने योग्य हैं। ऐसा माना जाता है की जैन श्रद्धालुओं के लिए यह सबसे पवित्र तीर्थस्थल है। यहां पर इसके अतिरिक्त 12 श्वेतांबर और 11 दिगंबर मंदिर भी स्थापित हैं, साथ ही पर्यटकों के लिए बेहतरीन विश्रामगृह भी मौजूद हैं। चंद्रपुरी- 8वें तीर्थांकर का जन्मस्थान चंद्रपुरी, 8वें तीर्थांकर भगवान चंद्रप्रभु का जन्मस्थान है। यह गंगा नदी के तट पर, वाराणसी से लगभग 20 किमी. दूर स्थित है। यहां पर 45 सेमी ऊंची सफेद प्रतिमा स्थापित है, जो ज्यादातर श्वेतांबरों द्वारा पूजा जा सकता है। भगवान चंद्रप्रभु ने जैन दीक्षा प्राप्त की और यहीं पर असली ज्ञान का बोध किया। यहां पर पर्यटकों के लिए धर्मशाला भी उपलब्ध है। श्री 1008 जम्बु स्वामी दिगंबर जैन सिद्ध "क्षेत्र चौरासी" श्री जम्बु स्वामी का जन्म चंपा में हुआ था और एक अमीर व्यक्ति, सेठ ऋषभदत्त के पुत्र थें। 16 वर्ष की आयु में शादी होने के बावजूद, इन्होंने भगवान महावीर के शिष्य सुदामा स्वामी से दीक्षा प्राप्त की और अपना शेष जीवन ब्रह्मचारी के रूप में बिताया। 20 साल की कठिन तपस्या के बाद इन्होंने चौरासी में असली ज्ञान का बोध किया। यह जैन के आखिरी केवल ज्ञानी हैं। यहां इनकी याद में एक मंदिर की स्थापना की गई थी जो पूरी तरह से इन्हे समर्पित है। यहां इसी परिसर में एक धर्मशाला भी है, जो खूबसूरत पार्क से घिरा हुआ है। मंदिर के प्रमुख द्वार से बांई ओर यहां पर एक पक्षी आभ्यारण्य भी स्थित है। इस स्थान को चवरासी के नाम से भी जाना जाता है। मथुरा-गोवर्धन मार्ग पर दिल्ली-मुथुरा बाई-पास रोड पर मथुरा शहर के उत्तर में 3 किमी पर स्थित है। पर्यटकों के आराम के लिए आधुनिक सुविधाओं के साथ यहां पर धर्माशाला स्थित है। राम नगर जैन मंदिर (अहिच्छत्र) अहिच्छत्र, उत्तर पंचला (वर्तमान में बरेली जिले का रामनगर) की राजधानी थी। यह वह स्थान है जहां 23वें तीर्थांकर, भगवान पार्श्वनाथ ने अपने आराम को त्याग कर ध्यान (मेडिटेशन) शुरु किया। ऐसा माना जाता है कि, भगवान गौतम बुद्ध ने अहिच्छत्र में एक किले के पास नागा राजवंश के राजा को शिक्षा और दीक्षा प्रदान की थी। चीनी तीर्थयात्री ह्वेन त्सांग ने अपने लेख में इस स्थान का नाम "अहिचितला" रखा है। यहां पर कुछ प्राचीन और टूटी जैन दिगंबर प्रतिमाएं भी ढूंढी जा चुकी हैं। इनमें से एक प्रतिमा भगवान पार्श्वनाथ मंदिर के बाहर स्थापित करी गई है। कुछ तीर्थांकर प्रतिमाएं इस जगह के अवशेष से प्राप्त की गई हैं, जिसे लखनऊ और दिल्ली के संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है। प्राचीन पार्श्वनाथ मंदिर में 5 वेदिक हैं, जो निम्न को समर्पित हैं: तिखल बाबा, जो भगवान पार्श्वनाथ की एक काली प्रतिमा है, जिसमे पदचिन्ह उत्कीर्ण हैं। भगवान महावीर, भगवान पार्श्वनाथ और भगवान चंद्रप्रभु की सफेद प्रतिमाएं। भगवान महावीर की सोने की प्रतिमा। खड्गासन में भगवान पार्श्वनाथ की सफेद प्रतिमा। भगवान शीतलनाथ की प्रतिमा अहिच्छत्र से लगभग 1 किमी दूर राम नगर है। बड़ा शेखर चांद जैन मंदिर यहीं पर स्थापित है। मंदिर में एक बड़ा सफेद प्लेटफॉर्म है, जहां पर भगवान पार्श्वनाथ की एक खूबसूरत काली प्रतिमा स्थापित है। इस जैन मंदिर के सामने एक किला है, जो पंचाल के शासन के दौरान बनाया गया था। यह 3 स्क्वायर माईल्स के क्षेत्र अच्छादित करता है और अब बस इसके अवशेष बचे हैं। किले के अंदर एक बड़ा सा पत्थर रखा हुआ है, जिसे भीमशिला के नाम से भी जाना जाता है, जिसे एक टीले पर रखा गया है। कुछ टूटे जैन दिगंबर प्रतिमाएं भी यहां पाई जाती हैं, जिसे ग्रामीणों द्वारा पूजा जाता है। श्रावण पूर्णिमा पर चैत्र बड़ी अष्ठमी और निरवाना महोत्सव, दो ऐसे प्रमुख पर्व हैं जो यहां मनाए जाते हैं। अहिच्छत्र पहुंचने के लिए, सबसे नजदीकि रेलवे स्टेशन रामनगर से 5 किमी पर स्थित है। औंला से बरेली, बदायूं, अलीगढ़, दिल्ली और मेरठ की बस सेवा उपलब्ध है। तीर्थयात्रियों और अन्य पर्यटकों के फायदे के लिए जैन मंदिर समिति द्वारा धर्मशालाएं बनाई गई हैं। हस्तिनापुर-मेरठ हस्तिनापुर, मेरठ से 37 किमी दूर स्थित है। इसे जैन धर्म का "काशी" माना जाता है। जैन पांडुलिपियां के अनुसार, हस्तिनापुर भगवान द्वारा निर्मित किया गया है। भगवान ऋषभनाथ के समय से लेकर भगवान महावीर के समय तक, इस स्थान पर जैनिज्म का काफी प्रभाव रहा है। तीर्थांकर भगवान शांतिनाथ, भगवान कुंठानाथ एवं भगवान अरानाथ का यहां पर जन्म हुआ था। 1970 में यहां पर जैन मंदिर का निर्माण हुआ था। 1974 में दिगंबर जैन त्रिलोक संस्थान का यहां पर अनावरण हुआ। कार्तिक माह में, यहां पर जैन पर्व मनाया जाता है। पूरे देश भर से लोग यहां पर इस पर्व को मनाने आते हैं। यहां पर गंगा स्नान का पर्व भी मनाया जाता है। पर्यटकों के लिए यहां पर दिगंबर संप्रदाय की बहुत सारी धर्मशालाएं भी हैं। मेरठ तक सभी प्रमुख शहरों से बस और रेल सेवा भी उपलब्ध है। पावानगर-फाजिलनगर भगवान महावीर ने पावानगर में "निर्वाण" को प्राप्त किया था, जिसके कारण यह स्थान काफी प्रसिद्ध है। इसे सथयर्दिहा (Sathiardiha) से भी जाना जाता है और "सथिक देह" से उल्लिखित है। मंदिर परिसर के अंदर ही एक बेहतरीन मनास्थम्ब भी स्थापित है। मंदिर में 4 खूबसूरत नक्काशीदार प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। पूरे विश्व के श्रद्धालु इस स्थान पर दर्शन के लिए आते हैं, खासतौर पर कार्तिक पूर्णिमा पर "निर्वाण महोत्सव" का जश्न मनाने के लिए। पवानगर, देवरिया से 55 किमी और गोरखपुर से 71 किमी दूर स्थित है। इन शहरों से यहां पर बस के माध्यम से कुशीनगर (कसिया) से होते हुए तमकुही रोड से पहुंचा जा सकता है। ककंडी 9वें तीर्थांकर भगवान सुविधिनाथ का जन्म यहीं पर हुआ था। इन्होंने अपनी दीक्षा पुष्पकवन में ली थी और चार साल के लिए कड़ी तपस्या के लिए चले गए। पुष्पकवन में एक नीम के पेड़ के नीचे, यह बहुत सालों तक बैठे रहें और उपवास पर चले गए। अंततः इन्हे असली ज्ञान "केवल ज्ञान" का बोध हुआ। टीले के अतिरिक्त यहां आसपास के गांव कुकुभ और ककंडी के अवशेष मात्र बचे हैं। यहां के स्थानीय लोग इसे "देदारा" कहते हैं, जो जैन देवालय को संबोधित करता है। यहीं पर कुछ प्रतिमाएं और टूटा स्तूप भी मौजूद हैं। वर्ष 1874 में, यहां पर एक जैन मंदिर भी बनाया गया था जिसका निर्माण राय बहादुर मूलचंद द्वारा किया गया था। मंदिर में एक वेदी है, जो भगवान नेमीनाथ (काले पत्थर से निर्मित), भगवान सुविधिनाथ (सफेद पत्थर से निर्मित) और भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है। मंदिर पहुंचने के लिए देवरिया से कुकंड के लिए बसें और ट्रेन उपलब्ध हैं। कुकंड चौराहे से मंदिर 1.5 किमी दूर है। ऐसा माना जाता है कि ककंडी के जंगल में, भगवान सुविधिनाथ ने अपनी दीक्षा प्राप्त करी थी। इस जंगल को कुकुभ वन के नाम से भी जाना जाता है। इस जंगल में ज्यादातर, कुटज और अर्जुन के पेड़ हैं। ग्रे रंग का स्तंभ/पिलर भी यहां पर स्थित है और इसकी उंचाई 24 फीट है। एक ब्राह्मी शिलालेख, पिलर के बीच में अंकित है। शासक समुद्रगुप्त ने 460 ए.डी. में मनास्तम्भ की स्थापना करी थी। इस पर लोहे का गेट और चारों ओर बाउंड्री वॉल बनी हुई है। इसके आस-पास सेठी आटा चक्की द्वारा एक मंदिर की स्थापना करी गई थी और भगवान की "चरण पादुका" यहां पर रखी गयी हैं। ककंडी-भेरपुर रोड के रास्ते कहंव पहुंचा जा सकता है। कंपिल (फर्रुखाबाद) कंपिल का प्राचीन शहर, जो आज लगभग गांव में तब्दील हो चुका है, फर्रुखाबाद जिले के तेहसील कायमगंज में स्थित है। प्राचीन काल के समय, गंगा नदी इस क्षेत्र से बहकर निकलती थी। कंपिल, पंचल राज्य की राजधानी हुआ करती थी। पुराण, महाभारत और भारत के अन्य प्राचीन महाकाव्यों में इसका जिक्र हुआ है। यह पवित्र भूमि 13वें तीर्थांकर भगवान विमल नाथ, और महासती द्रौपदी और महाभारत के गुरु द्रौणाचार्य का जन्मस्थान रहा है। कंपिल में श्वेतांबर जैन मंदिर भगवान विमलनाथ की प्रतिमा मुख्य हॉल में स्थापित है। दिगंबर जैन मंदिर, के बारे में कहा जाता है कि यह 1800 साल पुराना है, जिसमे 13वें तीर्थांकर भगवान विमल नाथ की प्रतिमा स्थापित है। कंपिल में पर्यटक रुचि से संबंधित अन्य प्रमुख स्थान में राजा ध्रुपद का किला, द्रौपदी कुंड, मुगल घाट, कपिल मुनि आश्रम, रामेश्वर मंदिर और मेध कुंड शामिल हैं। नजदीकि रेलवे स्टेशन: कायमगंज रेलवे स्टेशन जो 10 किमी और कंपिल रोड रेलवे स्टेशन जो 04 किमी पर स्थित है। रोड के रास्ते कंपिल हर प्रमुख शहर से जुड़ा हुआ है। श्री श्वेतांबर जैन धर्मशाला और पीडब्लूडी रेस्ट हाउस, फर्रुखाबाद पर रहने (आवास) की सुविधा उपलब्ध है। प्रभास गिरी (पभोसा) प्रभास गिरी, यमुना नदी के तट पर कौशाम्बी के नजदीक स्थित है। यह प्रयागराज से 62 किमी दूर स्थित मंझनपुर तेहसील में स्थित है। प्राचीन काल में, यह कौशाम्बी का ही हिस्सा था और घने जंगलों से घिरा हुआ था। पभोसा में, छठे तीर्थांकर भगवान पद्मप्रभु द्वारा दुनिया त्याग देने के बाद, कार्तिक के 13वें दिन गहरे ध्यान में चले गए थें। छः महीने की गहरी तपस्या के बाद चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा पर इन्हे असली ज्ञान का बोध हुआ। पभोसा एक ऐसी जगह है, जहां भगवान पद्मप्रभु को दीक्षा और ज्ञान कल्याणक की प्राप्ति हुई। इसलिए, यह कल्याणक तीर्थ के नाम से भी प्रसिद्ध है। सबसे नजदीकि एयरपोर्ट, बमरौली (प्रयागराज) है जो 48 किमी दूर है। सबसे नजदीकि रेलवे स्टेशन भरवारी है, जो 40 किमी दूर है। रोड के रास्ते, कोई भी कौशाम्बी तक प्रयागराज से बस के रास्ते जा सकता है, जिसके बाद बचे हुए 8 किमी की दूरी टांगा या अन्य किसी निजी वाहन द्वारा तय करी जाएगी। जैन धर्मशाला, पभोसा पर रहने (आवास) की सुविधा उपलब्ध है। 9वीं और 12वीं शताब्दी के बीच बुंदेलखंड के चंदेल शासकों से जुड़ा हुआ शहर महोबा, एक प्रमुख जैन केंद्र हुआ करता था। एक बार राजधानी बना महोबा एक छोटा सा प्रख्यात शहर है। तमाम सुंदर झील होने के साथ-साथ यहां बहुत से ऐतिहासिक और वास्तुकला की जगहें घूमने को मिलती हैं। गोखर हिल के दक्षिणपूर्वी हिस्से में जैन तीर्थांकर की 24 रॉकहेन तस्वीरें हैं, जिस पर 1149 ए.डी. की तारीख अंकित है। गोखर हिल, जो गुरु गोरखनाथ के नाम पर पड़ा है, उसमे नटकीय ग्रेनाइट रॉक का सृजन और मॉनसून के दौरान झरने का सृजन किया गया है। नजदीकि एयरपोर्ट खजुराहो है, जो महोबा से 65 किमी दूर है। महोबा रेल माध्यम से अच्छी तरह प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यह सड़क मार्ग से राज्य के अन्य शहरों से भी जुड़ा हुआ है। महोबा के आसपास अन्य पर्यटक स्थल निम्न प्रकार है:- चित्रकूट-125 किमी, कानपुर-155 किमी, झांसी-165 किमी, प्रयागराज-245 किमी, लखनऊ-240 किमी, खजुराहो-65 किमी, बांदा-52 किमी, कलिंजर-130 किमी। यूपीएसटीडीसी, महोबा में एक टूरिस्ट बंगला संचालित करता है, जहां पर सुविधाजनक रहने की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त शहर में अन्य सुविधाजनक निजी होटल भी मौजूद हैं। देवगढ़, भगवानों का किला, बेतवा नदी के दाहिने तट पर स्थित है और ललितपुर रेंज के पहाड़ों के पश्चिमी छोर पर स्थित है। किले की प्राकृतिक सेटिंग नाटकीय है और वैसे ही इसके आयाम हैं, जो पर्यटकों को काफी आश्चर्यचकित करते हैं। किले में प्रवेश बाहरी दिवार के घुमावदार प्रवेशद्वार से किया जा सकता है। एक रास्ता अंडरग्रोथ के माध्यम से साफ कर दिया गया है, और टूटे प्रतिमाएं एवं कलाकृतियां बिखरी पड़ी है। किले के अंदर, एक उल्लेखनीय समूह है, जिसमे 31 जैन मंदिर सम्मिलित हैं। 8वीं सदी से लेकर 17वीं सदी ए.डी. तक यह साइट एक जैन केंद्र था। मंदिर के अंदर ही पैनल हैं, जो जैन पुराणों, तीर्थांकर छायाप्रतियों, मनास्तम्भ या वोटिव पिलर, अयगपत्तस या वोटिव टैबलेट, सर्वतोभद्र प्रतिमाओं या जिन छायाप्रती हर ओर से दिखाई देने वाली और साहस्रकुतस या पिलर जो हजारों जिन आकृतियों के दृश्यों को दर्शाते हैं। समूह में सबसे महत्वपूर्ण मंदिर नंबर 11 और नंबर 12 और संतिनाथ मंदिर है। देवगढ़ के अन्य महत्वपूर्ण स्ट्रक्चर में वरह मंदिर, द रॉक-कट केव-सिद्धा की गुफा, राजघाटी और नहरघाटी सम्मलित हैं। सबसे नजदीकि एयरपोर्ट ग्वालियर है, जो 235 किमी दूर है। सबसे नजदीकि रेलवे स्टेशन जखलॉन-13 किमी और ललितपुर-23 किमी है। देवगढ़ सड़क मार्ग से 123 किमी झांसी से पड़ता है, जहां से कोई भी यूपीएसआरटीसी या निजी बस, जीप या टैक्सी के माध्यम से देवगढ़ जा सकता है। यूपीएसटीडीसी देवगढ़ में एक टूरिस्ट बंगला भी संचालित करता है, जहां पर किफायती रहने (आवास) की सुविधा उपलब्ध है। रहने की व्यवस्था, श्री दिगंबर जैन धर्मशाला, देवगढ़ पर भी की जा सकती है।
अमेरिका ने अफगानिस्तान से हटाया दूतावास, अभी भी फंसे हैं 200 अमेरिकी नागरिक-US removes embassy from Afghanistan, 200 US citizens still trapped | News24 अमेरिका ने अफगानिस्तान से हटाया दूतावास, अभी भी फंसे हैं 200 अमेरिकी नागरिक Daya Krishan Last Updated : Aug. 31, 2021, 12:58 p.m. वाशिंगटन: अमेरिका ने अफगानिस्तान से दूतावास को काबुल से हटाकर कतर के दोहा शिफ्ट कर दिया गया है। इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हमने अफगानिस्तान में फंसे हर अमेरिकी को निकलने का पूरी कोशिश की, लेकिन अभी करीब 200 अमेरिकी नागरिक अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं। अमेरिका कहा कि वह अफगानिस्तान से लोगों को निकालने की पूरी कोशिश करेगा। इधर तालिबान ने दावा किया है कि अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोडने के साथ ही उसने इतिहास बना दिया। आखिरी अमेरिकी विमान उड़ने के साथ ही काबुल एयरपोर्ट पर जमकर हवाई फायरिंग की गई। इसके साथ ही काबुल के ग्रीन जोन सहित कई तालिबानी चेक प्वाइंट से फायरिंग की आवाज सुनी गई। आतंकियों ने काबुल में जमकर आतिशबाजी भी की है। और पढ़िए - तालिबान ने कई दिशाओं से किया पंजशीर पर हमला, नॉर्दन एलायंस के लड़ाकों ने खदेड़ा 20 साल बाद लौटा अमेरिका अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य अभियान खत्म हो गया है। 30 अगस्त को दोपहर 3.29 बजे आखिरी अमेरिकी विमान ने उड़ान भरी। विमान में सबसे अंत में सवार होने वालों में अफगानिस्तान में अमेरिका के राजदूत और मेजर जनरल क्रिस थे। मामले पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन आज लोगों को संबोधित करेंगे। अमेरिका ने बीते 17 दिनों एक लाख बीस हजार लोगों को निकाला है। बिडेन ने इसे अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा रेस्क्यू मिशन बताया है। इसी के साथ ही अफगानिस्तान में अमेरिका की 20 साल पुरानी सैन्य मौजूदगी खत्म हो गई है। अमेरिका ने माना कि जितने अफगानी लोगों को वो निकालना चाहता है, उनको नहीं निकाल पाया है। अमेरिका ने इसके साथ ही कहा है कि अफगान नागरिकों और अमेरिकी लोगों को निकालने की कोशिश जारी रहेंगी। UNSC में पारित प्रस्ताव पारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने साफ कहा है कि अफगानिस्तान को आतंकवादियों का अड्डा नहीं बनने देंगे। UNSC ने प्रस्ताव पारित किया है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आतंकियों को शरण देने के लिए नहीं हो सकता है। प्रस्ताव में साफ है कि अफगानिस्तान से आतंकियों को आर्थिक मदद नहीं मिलेगी, साथ ही किसी देश को धमकी देने पर भी रोक लगा दी गई है। UNSC में पारित प्रस्ताव पारित भारत के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पारित प्रस्ताव के पक्ष में 13 वोट पड़े हैं जबकि रूस और चीन ने किया बहिष्कार।
प्रधानमंत्री जी के 'पोषण अभियान' को सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं केंद्रीय मंत्री विपुल गोयल - PKD NEWS CHANNEL Home ताज़ा ख़बर दिल्ली फरीदाबा फरीदाबाद हरियाणा प्रधानमंत्री जी के 'पोषण अभियान' को सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं केंद्रीय मंत्री विपुल गोयल प्रधानमंत्री जी के 'पोषण अभियान' को सफल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं केंद्रीय मंत्री विपुल गोयल at September 11, 2019 ताज़ा ख़बर, दिल्ली, फरीदाबा, फरीदाबाद, हरियाणा, फरीदाबाद। उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने फरीदाबाद की लगभग 122 आंगनबाड़ी केंद्रों को आज देवकी एजूकेशन फाउंडेशन के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में पोषण आहार से संबधित सामान का वितरण किया। इस अवसर पर गोयल ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज जिस अभियान के तहत सामान और पोषक आहार वितरित किए जा रहे हैं इसकी शुरुआत एक साल पहले यानी 2018 में हुई थी उस समय 73 आंगन बाड़ी केंद्रों को पोषक आहार के अलावा आंगन बाड़ी केंद्रों के ज़रूरत का सामान वितरित किया गया था उसी क्रम को आगे बाढ़ाते हुए आज 122 आंगन बाड़ी केंद्रों को पोषक आहार के साथ हर आंगन बाड़ी केंद्रों को 2 दरी, 1 टेबल, 3 कुर्सियां, 15 छोटे बच्चों के लिए चेयर, 4 कंटेनर्स, कटोरी, टम्मचों का सेट, पौष्टिक आहार बनाने के लिए प्रेशर कुकर, सफाई का ध्यान रखते हुए स्टील की बाल्टी, महिलाओं के ग्रुप को शिक्षित करने के लिए और बच्चों को पढ़ाने के लिए ब्लैक बोर्ड, चॉक का डब्बा सौंपा। गोयल ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 25 अगस्त, 2019 को 'मन की बात' में पूरे देश को संतुलित पोषक आहार मुहैया कराने और जनभागीदारी से कुपोषण का मुकाबला करने पर जोर दिया था। प्रधानमंत्री जी ने पोषण आहार के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए सितंबर माह को पोषण अभियान के रूप में मनाने का ऐलान किया था और इस अभियान से सभी को जोड़ने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 'पोषण अभियान' के अंतर्गत देशभर में आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों से पोषण को जन-आन्दोलन बनाने का ऐलान किया था। 2018 में शुरू किया गया पोषण अभियान आज केवल एक मंत्रालय तक सीमित नहीं है बल्कि कई मंत्रालय इस कुपोषण की लड़ाई को मिल कर लड़ रहे हैं।
First photo of RHEA Chakraborty revealed after coming out on bail from jail रिया चक्रवर्ती की पहली तस्वीर जेल बेल - India TV Hindi News PHOTOS: जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद रिया चक्रवर्ती की पहली तस्वीर आई सामने Published on: October 08, 2020 17:03 IST अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले में मादक-पदार्थों से संबंधित आरोप में गिरफ्तार अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बुधवार को कड़ी शर्तों के साथ जमानत दे दी। जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि जैसा एनसीबी ने आरोप लगाया था, रिया किसी ड्रग माफिया का हिस्सा नहीं हैं। अदालत ने एनसीबी की उस दलील को भी खारिज कर दिया कि प्रसिद्ध लोगों या लोकप्रिय हस्तियों के साथ कठोर बर्ताव होना चाहिए ताकि उदाहरण पेश किया जा सके। अदालत ने कहा कि कानून के समक्ष सभी बराबर हैं। जमानत की शर्तों के तहत अभिनेत्री को 10 दिन तक मुंबई पुलिस के समक्ष और अगले छह महीने के दौरान हर माह में एक दिन एनसीबी के सामने हाजिरी देनी होगी। इसी वजह से रिया चक्रवर्ती आज सांताक्रूज पुलिस स्टेशन के बाहर स्पॉट की गईं। रिया चक्रवर्ती वाइट सूट में नजर आईं। बता दें, रिया को उच्च न्यायालय ने एक लाख रुपये का निजी मुचलका जमा कराने और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने की भी हिदायत दी। रिया करीब 28 दिन जेल में रहने के बाद घर पहुंची हैं। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित मादक पदार्थ मामले की जांच के सिलसिले में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने रिया और उनके भाई को पिछले महीने गिरफ्तार किया था। अदालत ने कहा कि रिया चक्रवर्ती को अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के लिए वित्तपोषित या शरण देने वाला नहीं कहा जा सकता है, जैसा केंद्रीय एजेंसी ने आरोप लगाया है। अदालत ने यह भी कहा कि उनका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और इस बात की संभावना नहीं है कि जमानत पर बाहर रहने के दौरान वह जांच को प्रभावित कर सकती हैं या सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं। रिया एनसीबी की अनुमति के बिना मुंबई से बाहर नहीं जा सकती हैं और अगर उन्हें शहर से बाहर जाने की इजाजत मिलती है तो उन्हें अपनी यात्रा का ब्यौरा एजेंसी को देना होगा। उच्च न्यायालय ने कहा कि विशेष एनडीपीएस न्यायाधीश की अनुमति से ही वह देश से बाहर जाएंगी।
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kumbh 2019 four best cities near prayagraj - कुंभ 2019 में आ रहे हैं डुबकी लगाने, तो इन धार्मिक स्थलों के भी जरुर करें दर्शन | religious blog blogid : 19157 postid : 1388093 प्रयागराज में चल रहा कुंभ हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व है। कुंभ में देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु मोक्ष की कामना के लिए गंगा में डुबकी लगाने आते हैं। हिंदू धर्म को नहीं जानने वालों के लिए कुंभ एक सुनहरा मौका होता है, जिससे वह बेहद ही करीब से हिंदू धर्म को जान सकते हैं। अगर आप भी कुंभ नहाने प्रायगराज आ रहे हैं तो हम आपको बता रहें हैं कि प्रयागराज के आसपास किन धार्मिक जगहों पर आप घूम सकते हैं। 1. बनारस बनारस प्रयागराज से 122 किलोमीटर की दूरी पर है। बनारस अपने आप में अध्यात्म का एक इतिहास समेटे हुआ है। इस शहर में करीब 80 अलग-अलग घाट हैं जिनमें अस्सी घाट, मर्णिकर्णिका घाट, दश्वाश्मेघ घाट और भी कई घाट प्रमुख हैं। घाटों के अलावा इस शहर को मंदिरों का भी शहर कहा जाता है। यहां तीन प्रमुख मंदिर हैं जिनमें बाबा विश्वनाथ मंदिर, काशी के कोतवाल कहे जाने वाले भैरव बाबा का मंदिर मौजूद है। इसके अलावा सारनाथ पर्यटन स्थल भी है, जहां आप अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं। इसके अलावा बनारस में आप रामनगर फोर्ट, चुनार फोर्ट और भारत कला भवन भी घूम सकते हैं। साथ ही आप बीएचयू का कैंपस भी घूम सकते हैं। बनारस के घाटों पर होने वाली शाम की महाआरती का नजारा काफी अद्भुत होता है। 2. चित्रकूट प्रयागराज से चित्रकूट महज 130 किलोमीटर की दूरी पर है। चित्रकूट उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैले पहाड़ों की उत्तरी विंध्य श्रृंखला में है। भगवान श्री राम ने वनवास के समय चित्रकूट में वक्त बिताया था। इसके अलावा यहां यह भी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश अवतार ले चुके हैं। चित्रकूट में बहुत सारे मंदिर हैं। इन्हें देखने दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। 3. अयोध्या प्रयागराज से अयोध्या की दूरी 169 किलोमीटर की है। अयोध्या भगवान श्री राम की जन्मभूमि है। इस कारण इस जगह की धार्मिक महत्वत काफी है। जैन धर्म के प्रणेता श्री आदिनाथ सहित पांच तीर्थंकर का भी जन्म अयोध्या में ही हुआ था। 4. विंध्याचल विंध्याचल प्रयागराज से सिर्फ 88 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। विंध्याचल गंगा नदी के किनारे मिर्जापुर जिले में स्थित है। यह देवी विंध्यवासिनी का शक्तिपीठ है।…Next Tags: Ayodhya Banaras Chitrakoot Kumbh Prayagraj Religious Places Vindhyachal अयोध्या कुंभ चित्रकूट धार्मिक स्थल प्रयागराज बनारस विंध्याचल
पटना: समाजिक कार्यकर्ता मधु किश्वर के एक ट्वीट पर बिहार में बवाल मचा है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर एक फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि… हिंदी दिवस नहीं आया अभी| हिंदी पखवाड़ा भी दूर है| फिर भी सोशल मीडिया के मार्किट में हिंदी का तवा गरम है| इस बार किसी नेता के… पटना: बिहार में बिहार का बदनामी कराने वाले रूबी राय और बच्चा तो बस एक -दो अपवाद मात्र है मगर बिहार नाम रौशन करने वालों की कमी… बिहारियों के महनत और काबलियत का दुनिया लोहा मानती है। बिहारी हर क्षेत्र में अपना झंठा गार रहें है। बिहार के लोग सिर्फ डाक्टर, इंजीनियर और आईएएस… सीतामढ़ी : लोग लाख बिहार की प्रतिभा का मजाक बना ले यहाँ के प्रतिभाशाली युवा का जोश और जज्बा कभी कम नही होगा, जहां एक तरफ टॉपर्स घोटाले… #MatBadnaamKaroBiharKo इस कैम्पेन की शुरुआत से ही जुड़ी हूँ। अब तक डीपी नहीं बदल पायी, अब तक कोई फ़ोटो भी क्लिक नहीं किया (कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम… पटना: बच्चा राय, सौरव श्रेष्ठ और रूबी राय जैसे चंद फर्जी लोगो को मोहरा बना बिहार के मेधा को बदनाम करने वालों की बोलती बंद करा… क्या शिक्षा माफिया बच्चा रॉय और उसके प्राइवेट कॉलेज की बच्ची रूबी रॉय के नाम पर बिहार के अनगिनत प्रतिभाशाली लोगों का मजाक बनाना उचित है। व्हाट्स जोक्स, कार्टून और भी कई माध्यमों से बिहार के प्रतिभा का मजाक बनाने से क्या बच्चा रॉय जैसे लोग सुधर जायेंगे ? क्या इन जोक्स एवं कार्टून से बच्चा रॉय जैसे लोगों को कोई फर्क पड़ेगा..? कभी भी नही, लेकिन इन जोक्स से तमाम वैसे बिहारी जो अपने मेरिट के दम पर दुनिया में बिहार और देश का नाम रौशन कर रहे हैं उनकी भावनाओं को ठेंस जरूर पहुंच रहा है। [caption id="attachment_818" align="aligncenter" width="300"] बिहार कैडेट के आईपीएस अफसर कमल किशोर का बयान[/caption] देशवासियों मैं एक बिहारी होने के नाते आपसे एक प्रश्न करना चाहता हूँ. क्या हम बिहारियों ने कभी आपकी भावनाओं को आहत पहुंचाने की कोशिश की है..? अगर नही तो फिर ऐसा सौतेला व्यवहार हमारे साथ क्यों..? बिहार वही भूमि जँहा महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, इसी भूमि पर जन्म लेकर सबसे बड़े गणितज्ञ एवं खगोलविद आर्यभट्ट ने शून्य का आविष्कार किया, देश के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने भी इसी भूमि पर जन्म लिया। बिहार का इतिहास अत्यंत गौरवशाली है बिहारी प्रतिभा का विश्व में क्या स्थान रहा इसका साक्ष्य प्रस्तुत करने की हमे आवश्यकता नही है। फिर बच्चा रॉय जैसे शिक्षा का व्यापारी देश के किस में नही है, ऐसे लोग पैसों की लालच में सबकुछ बेचने को तैयार रहते हैं क्या इन जैसे बदनाम लोगों के कारण पुरे बिहार का मजाक बनाना उचित है..?… [caption id="attachment_742" align="aligncenter" width="300"] बिहार के शरद सागर[/caption] जँहा पुरे देश की मीडिया बिहार के शिक्षा का मजाक बनाते नही थकती है वंही दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पत्रिका'फ़ोर्ब्स'… कन्धों पर हमारे कर के सवारी आगे बढ़ रही दुनिया ये सारी है अब अपने बिहार की बारी बिहार की मेधा ने कर ली है तैयारी अनोखा… उनके साजिशों को नाकाम करो-बिहार को मत बदनाम करो। कई दिनों से खूब हल्ला मचा रहे हैं वो, बिहार के टॉपर्स का सच्चाई बता रहे हैं वो,…
कभी बताया था बीजेपी की बी-टीम, अब उसी AIUDF से असम में कांग्रेस का गठबंधन – CNN Awaz News नई दिल्ली। चौदह साल पहले 2006 के विधानसभा चुनाव में असम के कांग्रेस नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने जिस बदरुद्दीन अजमल को पहचानने से इनकार कर दिया था. कांग्रेस को वक्त और सियासत ने ऐसी जगह लाकर खड़ा कर दिया है आज कांग्रेस ने उसी बदरुद्दीन अजमल की ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) से गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है. असम में अगले साल 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने राजनीतिक समीकरण बनाने शुरू कर दिए हैं. बीजेपी को मात देने के लिए कांग्रेस तमाम विपक्षी दलों के साथ मिलकर गठबंधन बनाने की कवायद में जुटी है. पीटीआई के मुताबिक असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि एआईयूडीएफ ने महागठबंधन का हिस्सा बनने के लिए तैयार हो गई है जबकि वामपंथी दल भी गठबंधन में शामिल होने के बारे में सैद्धांतिक तौर पर सहमति दे चुके हैं. उन्होंने कहा है कि आंतरिक चर्चा के बाद इस बारे में वह अंतिम निर्णय करेंगे. कांग्रेस नेता ने बताया कि अन्य छोटे और बीजेपी विरोधी नए दलों ने गठबंधन में शामिल होने की अपनी इच्छा से कांग्रेस को अवगत कराया है, लेकिन इसके बारे में आधिकारिक तौर पर निर्णय करने के बाद घोषणा की जाएगी. वहीं, एआईयूडीएफ के महासचिव अमीनुल इस्लाम ने भी माना है कि उनकी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई विचार-विमर्श कर चुके हैं और महागठबंधन में शामिल होने का भी फैसला किया गया है. दरअसल, बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ने बंगाली मुस्लिमों को अपनी पार्टी की ओर खींचा है और अब उसका आधार भी बढ़ गया है. असम के मुस्लिम मतदाताओं के बीच एआईयूडीएफ का अच्छा खासा जानाधार है. यही वजह है कि कांग्रेस को उसके साथ हाथ मिलने के लिए मजबूर होना पड़ा है जबकि, तरुण गोगोई ने कई बार कहा है कि एआईयूडीएफ सांप्रदायिक पार्टी है और वह बीजेपी की टीम बी है. उन्होंने यह भी कहा था कि बदरुद्दीन की पार्टी कांग्रेस के वोट काटने के लिए खड़ी होती है. दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस और एआईयूडीएफ के बीच 2019 के लोकसभा चुनाव में ही गठबंधन की नींव पड़ गई थी, उस भक्त भले ही वो एक साथ मिलकर चुनाव न लड़े हों. 2019 के चुनाव में तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई के खिलाफ एआईयूडीएफ ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था. इसी का नतीजा था कि गौरव गोगोई कलियाबोर सीट से चुनाव जीत गए. हालांकि, पहले भी ऐसे गठबंधन को लेकर चर्चा हुई है लेकिन कोई आधिकारिक समझौता नहीं हो पाया था, लेकिन अब एक बार फिर गठबंधन के सुर सुनाई दे रहे हैं. 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी, एजीपी, बीपीएफ और अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ी थी और कांग्रेस अकेले मैदान में थी. यही वजह है कि इस बार कांग्रेस गठबंधन बनाकर चुनावी किस्मत आजमाना चाहती है. एआईयूडीएफ ने भी कहा कि हमें पुराने मतभेद भुलाने होंगे और असम के लोगों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए काम करना होगा. इसका सीधा और साफ मतलब है कि बीजेपी के सामने कांग्रेस ने भी एक मजबूत गठबंधन के साथ मैदान में उतरने की रणनीति अपनाई है.
चंडीगढ़। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के ट्विट (Haryana Home Minister Anil Vij Tweet) के बाद राजनीति में भूचाल सा आ गया है। कांग्रेस नेता जमकर अनिल विज (Anil Vij) के बयान पर निशाना साध रहे हैं। इसके साथ ही अनिल विज के ट्विट (Anil Vij Tweet) को लेकर ट्विटर पर रिपोर्ट (Report) भी की गई है, लेकिन ट्विटर ने यह ट्विट हटाने से इनकार कर दिया है। दरअसल टूलकिट(Toolkit) मामले में दिल्ली पुलिस ने दिशा रवि (Disha Ravi) को गिरफ्तार किया है। अब इस मामले में सोमवार को हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज की ओर से ट्विट किया गया। विज ने ट्विट कर कहा कि देशद्रोह का बीज जिसके भी दिमाग में हो उसका समूल नाश किया जाना चाहिए, चाहे वो दिशा रवि हो या कोई और। इसके बाद अनिल विज ने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि किसी सरकार की नीतियों का विरोध करना अपराध है। भारत में प्रजातंत्र है और कोई भी किसी भी मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज करवा सकता है, लेकिन विरोध के लिए विदेशियों के साथ सांठगांठ करना देशद्रोह है। देश विरोध का बीज जिसके भी दिमाग में हो उसका समूल नाश कर देना चाहिए फिर चाहे वह #दिशा_रवि हो यां कोई और । अनिल विज के इस ट्विट के बाद से राजनीति में भूचाल सा आ गया। इसके बाद कई लोगों ने हरियाणा के गृह मंत्री के ट्विट को रिपोर्ट भी किया, लेकिन ट्विट की ओर से यह ट्विट नहीं हटाया गया। दरअसल ट्विटर ने भी ट्विट हटाने को लेकर आपत्तियों की जांच की। इसके बाद ट्विट की ओर से कहा गया कि ट्विटर रूल्स और जर्मन कानून के तहत ट्विट में हटाने वाली कोई ऐसी सामग्री नहीं है। ऐसे में हम इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। इसके साथ ही कांग्रेस नेता शशि थरूर बोले कि टूलकिट से ज्यादा लोकतंत्र को ऐसे बयान से खतरा है। Fodder scam : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से चारा घोटाले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका लगा है। 950 करोड़ रुपए के चारा घोटाला मामले में कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मामले में लालू यादव पर अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग मुकदमे चलाए जाएं। कोर्ट ने 9 महीनों में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ये भी तय कर दिया कि चारा घोटाले से जुड़े अलग-अलग मामले चलते रहेंगे। इस मामले में लालू यादव समेत 45 अन्य नेताओं पर केस चलेंगे। जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ ने सीबीआई को इस मामले में देरी करने व सुप्रीम कोर्ट में अपील बेहद देर से पेश करने पर कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने सीबीआई निदेशक को आदेश दिया कि वह इस मामले में देरी करने वालों की जिम्मेदारी तय करें। कोर्ट ने कहा कि यह देरी असहनीय है इससे सीबीआई के मकसद पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले में सीबीआई ने अपने मैनुअल के अनुसार काम नहीं किया जो निंदनीय है। कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट का आदेश रद्द करते हुए कहा कि सीबीआई पांच महीने में ट्रायल को पूरा करे। लालू यादव की ओर से राम जेठमलानी पेश हुए थे और केस खारिज करने की मांग की थी। उन्होंने सीबीआई की दलील को खारिज कर दिया था। चारा घोटाला 1996 में सामने आया था। मामला बिहार पशुपालन विभाग में से करोड़ों रुपये के घपले से जुड़़ा है। उस वक्त लालू यादव राज्य के मुख्यमंत्री थे। चारा घोटाले में कुल 950 करोड़ रुपये के गबन किए जाने का आरोप है। इस मामले में कुल 56 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए। लालू यादव पर 6 अलग-अलग मामले चल रहे हैं, एक में उन्हें 5 साल की सजा हो चुकी है।
आगरा के लालकिले से फतेहगढ़ साहिब तक निकाली जा रही यात्रा हेतु आगरा में जनजाग्रति अभियान चलाया। – Braj Patrika UA-204538979-1 December 22, 2020 December 22, 2020 डॉ. महेश चंद्र धाकड़ 0 Comments हस्ताक्षर अभियान द्वारा आगरा की जनता द्वारा समर्थन जुटाया। ब्रज पत्रिका, आगरा। आगामी 25 दिसम्बर को आगरा के लाल किले से फतेहगढ़ साहिब तक निकाली जा रही यात्रा के आगरा में जन जाग्रति के आज संजय प्लेस पर हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, जिसका श्री गणेश महिला शान्ति सेना की वत्सला प्रभाकर और शीला बहल ने संयुक्त रूप से किया। बच्चियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, किस प्रकार गुरु गोविंद सिंह जी जिन्हें सरबस दानी कहा जाता है, किस प्रकार उनके परिवार ने देश एवं धर्म की खातिर बलिदान किया I लेकिन धर्म नहीं छोड़ा और वर्तमान परिवेश नयी पीढी को इसकी जानकारी होने चाहिए, इसलिए यह यात्रा निकाली जा रही है I उपस्थित समूह ने पत्रिका को पढ़ कर अपनी जिज्ञासा शांत की, और उत्साहित होकर इन सात सूत्री मांगों के समर्थन में हस्ताक्षर किए। अभियान में रवी दुबे संयोजक, संक्रेश शर्मा (सचिव ) सह संयोजक, भूपेन्द्र ठाकुर सह संयोजक, बंटी ग्रोवर यात्रा प्रभारी के अतिरिक्त केशव अग्रवाल, अनामिका मिश्रा, संजय दुबे, रिक्की शर्मा, गोलू शर्मा, प्रशांत गोयल, शीलू तिवारी, आशु अग्रवाल, मोहित अग्रवाल, गिरधारी लाल, हेमंत सलूजा आदि मौजूद थे।
महाराष्ट्र: ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने के बाद भी नहीं बंद होगे स्कूल, तैयार हुई यह योजना | न्यूजबाइट्स होम / खबरें / करियर की खबरें / महाराष्ट्र: ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने के बाद भी नहीं बंद होगे स्कूल, तैयार हुई यह योजना महाराष्ट्र: ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने के बाद भी नहीं बंद होगे स्कूल, तैयार हुई यह योजना Dec 31, 2021, 05:30 pm 3 मिनट में पढ़ें महाराष्ट्र में स्कूल बंद करने के निर्णय पर विचार-विमर्श जारी जहां एक तरफ दिल्ली में ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी शिक्षण संस्थानो को पूरी तरह बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है तो वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में अभी इस पर विचार-विमर्श जारी है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए शुक्रवार को कहा कि फिलहाल राज्य में स्कूल बंद नहीं होंगे क्योंकि इससे छात्रों को शैक्षणिक नुकसान उठाना पड़ता है। महाराष्ट्र सरकार ने बनाई यह योजना राजेश टोपे ने सभी तरह की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा, "टीकाकरण बढ़ाना समय की मांग है और इसलिए सरकार स्कूलों को बंद करने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय सरकारी स्कूली छात्रों के टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने की योजना बना रही है।" उन्होंने कहा है कि जो बच्चे 15 से 18 वर्ष की आयु के हैं, उन्हें अलग-अलग बैचों में वैक्सीनेशन सेंटरों पर ले जाकर वैक्सीन लगवाई जाएगी। स्कूल बंद करने का अंतिम निर्णय स्थानीय अधिकारियों का- टोपे स्कूलों को बंद करने की योजना पर उन्होंने कहा कि दिशानिर्देशों के अनुसार नियंत्रण क्षेत्र और स्कूल बंद करने के बारे में अंतिम निर्णय स्थानीय अधिकारियों का होगा। उन्होंने आगे कहा, "मुंबई के स्कूलों के लिए बंद करने का निर्णय बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) द्वारा लिया जाएगा, लेकिन अगर कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि जारी रहती है, तो उसे स्कूलों को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।" 1 दिसंबर से कक्षा एक से सात तक के स्कूलों में हो रही पढ़ाई बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामलों में कमी आने के बाद 1 दिसंबर, 2021 से कक्षा एक से सात तक के स्कूल खोलने के आदेश दे दिए थे। हालांकि, पिछले दो हफ्तों से ओमिक्रॉन वेरिएंट के संक्रमण के तेजी से फैलने के कारण दिल्ली और उत्तर प्रदेश के स्कूल बंद कर दिए गए हैं। महाराष्ट्र में स्कूल जा रहे छात्रों के अभिभावक सरकार के निर्णय से परेशान हैं क्योंकि राज्य में ओमिक्रॉन के मामले सबसे अधिक हैं। महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन वेरिएंट के सर्वाधिक 450 मामले महाराष्ट्र में गुरुवार को संक्रमण के 5,368 मामले सामने आए, जो एक दिन पहले सामने आए मामलों से 1,468 अधिक हैं। इससे राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 66,70,754 हो गई। वहीं, ओमिक्रॉन वेरिएंट की बात की जाए तो राज्य में ओमिक्रॉन के 450 मामले सामने आ चुके हैं। राज्य सरकार ने गुरुवार रात को जारी नए दिशानिर्देश में विवाह समारोह या सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और धार्मिक सभा में शामिल होने वालों की संख्या 50 तक सीमित कर दी है।
बिजनेस स्टैंडर्ड - नीचे बस अड्डा, ऊपर शॉपिंग मॉल Monday, June 01, 2020 05:10 AM English | हिंदी नीचे बस अड्डा, ऊपर शॉपिंग मॉल बीएस संवाददाता / लखनऊ January 29, 2020 उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य सड़क परिवहन निगम का कायाकल्प करने की योजना बनाई है। अब उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में महत्त्वपूर्ण जगहों पर बने परिवहन निगम के नजदीक बस स्टेशन अब शॉपिंग मॉल बनेंगे। इसके साथ ही परिवहन निगम को कंपनी की तर्ज पर चलाने और कार्य कुशल बनाने में भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) लखनऊ का सहयोग भी लिया जाएगा। प्रदेश सरकार जल्द ही निगम के बस स्टेशनों की जगह पर शॉपिंग मॉल बनाने का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद की बैठक में रखेगी। प्रस्ताव के मुताबिक बस स्टेशन व शॉपिंग मॉल एक साथ होंगे। नीचे बस स्टेशन होगा और ऊपर शॉपिंग मॉल चलेगा। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपी रोडवेज) के बस स्टेशन ज्यादातर शहरों के बीच पॉश इलाकों में हैं। इन पर शॉपिंग मॉल बनाने से निगम की आय बढ़ेगी, वहीं इन जगहों का बेहतर उपयोग भी हो सकेगा। परिवहन निगम ने फिलहाल राजधानी लखनऊ में आलमबाग बस स्टेशन को इसी तर्ज पर विकसित किया है। यहां बस स्टेशन के साथ ही शॉपिंग मॉल, होटल और बैंक आदि हैं। यह बस स्टेशन रियल्टी कंपनी शालीमार समूह के सहयोग से विकसित किया गया है। परिवहन निगम अब इसी तरह अपने 23 अन्य बस स्टेशनों को शॉपिंग मॉल में बदलना चाहता है। इन सभी बस स्टेशनों का विकास निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) मॉडल पर किया जाएगा। सभी बस स्टेशनों के लिए अलग-अलग प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। खुली निविदा के जरिए पीपीपी माडल के तहत बस स्टेशन को विकसित करने वाली निजी कंपनी का चयन किया जाएगा। हालांकि प्रदेश सरकार इससे पहले भी इस तरह की योजना तैयार कर चुकी है पर उस समय व्यावहारिक दिक्कतों के चलते इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका था। इसके साथ परिवहन निगम की क्षमता व कुशलता बढ़ाने की परियोजना पर आईआईएम लखनऊ भी काम कर रहा है।
Tuesday, 26 February 2013 05:24 Written by KB News उज्जैन।संभागीय जनसंपर्क कार्यालय में पदस्थ एक अदने से कर्मचारी से उज्जैन का मीडिया जगत खासा परेशान है। क्योंकि लाल जूतेधारी और पव्वेबाज यह कर्मचारी चाहे अखबारों का नियमितता प्रमाण पत्र या फिर अधिमान्यता कार्ड हर कार्य के लिए पत्रकारों से ही गांधीछाप की मांग करता है या फिर एक बोतल पव्वे की। इस कर्मचारी की इन आदतों से अधिकारी भी अवगत है लेकिन वे इस भ्रष्ट पव्वेबाज पर कोई कार्यवाही करने को तैयार नहीं है।नियमों का हवाला देकर काम रोकने वाले इस पव्वेबाज ने वैसे तो पूरी मीडिया को ही परेषान कर रखा है लेकिन गत दिनों हद तो उस समय हो गई। जब इस पव्वेबाज ने एक पत्रकार से अधिमान्यता कार्ड के नवीनीकरण के नाम पर 500 रू. की रिष्वत ऐंड ली। पत्रकार ने उक्त रूपये दे तो दिए। लेकिन लगे हाथों ही इसकी षिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को भी कर दी। जिस पर अधिकारी ने तुरंत कार्यवाही की और इस पव्वेबाज को जमकर लताड़ लगाते हुए अपनी गलती मानने की बात कही। लेकिन यह पव्वेबाज अधिकारी द्वारा लगाए गए आरोप को गलत साबित करता रहा, जिस पर अधिकारी ने उस पत्रकार को बुलाकर पूरे मामले का पटाक्षेप करवा दिया। सूत्र बताते हैं कि पूरा मामला खुलने के बाद इस पव्वेबाज ने अधिकारी के पांव पकड़ने में ही अपनी भलाई समझी और आगे इस प्रकार की गलती न करने की बात कहकर माफी मांग ली।
मुंशी प्रेमचंद की कहानी – इस्तीफा | Munshi Premchand Story in Hindi - Hindi Vidya नमस्कार, इस article में मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand) द्वारा रचित इस्तीफा कहानी (Isteefa Story) दी गयी है. (Isteefa – Munshi Premchand Story in Hindi) इस्तीफा कहानी दफ्तर का बाबू एक बेजबान जीव है। मजदूरों को ऑंखें दिखाओ, तो वह त्योरियॉँ बदल कर खड़ा हो जायकाह। कुली को एक डाँट बताओं, तो सिर से बोझ फेंक कर अपनी राह लेगा। किसी भिखारी को दुत्कारों, तो वह तुम्हारी ओर गुस्से की निगहा से देख कर चला जायेगा। यहॉँ तक कि गधा भी कभी-कभी तकलीफ पाकर दो लत्तियॉँ झड़ने लगता हे; मगर बेचारे दफ्तर के बाबू को आप चाहे ऑंखे दिखायें, डॉँट बतायें, दुत्कारें या ठोकरें मारों, उसक ेमाथे पर बल न आयेगा। उसे अपने विकारों पर जो अधिपत्य होता हे, वह शायद किसी संयमी साधु में भी न हो। संतोष का पुतला, सब्र की मूर्ति, सच्चा आज्ञाकारी, गरज उसमें तमाम मानवी अच्छाइयाँ मौजूद होती हें। खंडहर के भी एक दिन भग्य जाते हे दीवाली के दिन उस पर भी रोशनी होती है, बरसात में उस पर हरियाली छाती हे, प्रकृति की दिलचस्पियों में उसका भी हिस्सा है। मगर इस गरीब बाबू के नसीब कभी नहीं जागते। इसकी अँधेरी तकदीर में रोशनी का जलावा कभी नहीं दिखाई देता। इसके पीले चेहरे पर कभी मुस्कराहट की रोश्नी नजर नहीं आती। इसके लिए सूखा सावन हे, कभी हरा भादों नहीं। लाला फतहचंद ऐसे ही एक बेजबान जीव थे। शारदा—जहाँ ईश्वर की मरजी होती। आदमी के लिए सबसे बड़ी चीज इज्जत हे। इज्जत गवॉँ कर बाल-बच्चों की परवरिश नही की जाती। तुम उस शैतान को मार का आये होते तो मै करूर से फूली नहीं समाती। मार खाकर उठते, तो शायद मै तुम्हारी सूरत से भी घृणा करती। यों जबान से चाहे कुछ न कहती, मगर दिल से तुम्हारी इज्जल जाती रहती। अब जो कुछ सिर पर आयेगी, खुशी से झेल लूँगी…..। कहॉँ जाते हो, सुनो-सुनो कहॉँ जाते हो?
इसरो ने किया सबसे बड़ा ऐलान, अभी भी काम कर रहा है चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर, भेजी ऐसी अहम जानकारियां - Chandrayaan-2 orbiter payloads made discovery-class findings, says ISRO | Dailynews भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को घोषणा की कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अब भी काम कर रहा है Sep 10, 2021, 5:28:09 PM IST भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को घोषणा की कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अब भी काम कर रहा है और खास बात ये है कि इससे लगातार देश को कई महत्वपूर्ण डेटा मिल रहे हैं। इसरो ने दो दिन पहले चंद्र विज्ञान पर अपनी वैज्ञानिक चर्चा की शुरुआत की। 'चंद्र विज्ञान कार्यशाला और चंद्रयान -2 डेटा का विमोचन' शीर्षक से आयोजित इस कार्यशाला का आयोजन देश के लोगों, भारतीय शिक्षाविदों, संस्थानों, छात्रों एवं सभी विषयों तथा जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए आयोजित किया गया था। चंद्रयान-2 के दो साल पूरा करने के उपलक्ष्य में इस हफ्ते चंद्र विज्ञान कार्यशाला 2021 का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर इसरो अध्यक्ष के सिवन ने चंद्रयान-2 के आंकड़े और विज्ञान दस्तावेजों को जारी किया। साथ ही उन्होंने चंद्रयान-2 के कक्ष पेलोड का डेटा भी जारी किया। सिवन अंतरिक्ष विभाग में सचिव भी हैं। उनके बयान के अनुसार, चंद्रयान-2 के आठ पेलोड चंद्रमा पर सुदूर संवेदी और अवस्थिति प्रौद्योगिकी के माध्यम से वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं। इसरो के मुताबिक ऑर्बिटर में आठ उपकरण लगे हैं। अलग-अलग तरीकों के जरिए ये उपकरण कुछ बड़े कामों को पूरा करने में लगे हैं। चंद्रमा की सतह पर क्या है इसकी जानकारी मिल रही है। इसकी सतह में कौन-कौन से खनिज मौजूद हैं इस मौजूदगी का आकलन किया जा रहा है। साथ ही चांद की डिटेल मैपिंग भी की जा रही है। इसरो ने कहा है कि इनमें से प्रत्येक उपकरण ने अच्छा खासा डेटा भेजा है, जो चंद्रमा की नई जानकारियों को उजागर कर रहा है। चंद्रयान -2 लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (क्लास) पेलोड द्वारा चंद्र सतह पर क्रोमियम और मैंगनीज की खोज की घोषणा की गई, जो ढूंढने पर बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं। गौरतलब है कि 22 जुलाई, 2019 को इसरो ने महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 लॉन्च किया था। इस मिशन के तहत प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर भेजे गए थे, लेकिन छह सितंबर को सॉफ्ट लैंडिंग के वक्त आखिरी मौके पर चंद्रयान-2 का इसरो से संपर्क टूट गया था। इसके कारण भारत की उम्मीदों को झटका लगा था लेकिन इतने बड़े हादसे के बावजूद वैज्ञानिकों ने धैर्य नहीं छोड़ा और उन्हें अब कामयाबी मिली है। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अब भी काम कर रहा है और खास बात ये है कि इससे लगातार देश को कई अहम डेटा मिल रहे हैं। # Chandrayaan 2 Orbiter नागालैंड, त्रिपुरा, झारखंड भेजी जाएगी ऑक्सीजन, कोरोना के दूसरी लहर में हुआ था पूणे में प्लांट का निर्माण
जनता का वोट नहीं अब नोट और पावर की चोट तय करेगी सत्ता की चाभी ? – उर्जांचल टाईगर PMEGP के तहत प्राप्त प्रकरणों का बैंक तत्काल स्वीकृति प्रदान करें – कलेक्टर मंडी व्यापारियों को बड़ी राहत,अब 1.50 रु. के स्थान पर 50 पैसे होगा मंडी शुल्क बड़े बाजारों में मास्क न लगाने वालों पर होगी चालानी कार्रवाई – कलेक्टर सिंगरौली : एक ऐसा स्कूल जिसे न कोरोना का डर,न नियमों की परवाह। वयस्क लड़कियाँ आज़ाद है, जब जिसके साथ चाहे रहने के लिए – हाई कोर्ट पारिवारिक कलह : भाई ने भैया भाभी और दो बच्चे को जिंदा जला कर,खुद झूला फांसी पर Home/राजनीति/जनता का वोट नहीं अब नोट और पावर की चोट तय करेगी सत्ता की चाभी ? अब्दुल रशीद Follow on Twitter Send an email July 18, 2020 राजस्थान का सियासी दंगल फिलहाल थम गया है,पार्टी से बगावत की सजा युवा नेता सचिन पायलट को मिल गई और उन्हे उप-मुख्यमंत्री पद और राज्य के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया।अब सचिन का कांग्रेस में विधायक बने रहना उनको असहज़ करता रहेगा। यह उनके लिए बेहद मुश्किल दौर जैसा होगा। सवाल यह है अब उनके पास विकल्प क्या बचा है? भाजपा में जाते हैं भाजपा की केंद्र सरकार अपनी पूरी ताकत लगाकर सचिन की मदद करती है, तो गहलोत-सरकार गिर भी सकती है। यानी जैसे मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को साथ लेकर कांग्रेस सरकार गिरा दी, वैसा ही वह राजस्थान में भी सचिन पायलट को साथ लेकर भाजपा कांग्रेस सरकार गिरा सकती है।भाजपा के कुछ नेताओं के द्वारा सचिन को अपनी पार्टी में आ जाने का न्यौता दिए जाने की ख़बर है जिससे लगता है भाजपा राजस्थान में सत्ता किसी भी शर्त पर चाहती है।लेकिन ऐसा करने से सचिन पायलट को क्या हासिल होगा? क्या भाजपा उनको मुख्यमंत्री बनाएगी ? हाल में सत्ता के लिए मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान मे सियासी ड्रामा से यह स्पष्ट हो गया है कि अब भारतीय राजनीति में विचारधारा और सिद्धांत के दिन लद गए हैं ! ऐसा लगने लगा है की जनता का वोट नहीं अब नोट और पावर की चोट तय करेगा के किसके पास रहेगी सत्ता की चाभी? जो कांग्रेसी और भाजपाई नेता एक-दूसरे की कमियों को गिनाते-गिनाते अपना गला बिठा लेते हैं, वे कुर्सी के खातिर एक-दूसरे को गले लगाने में तनिक भी शर्मिंदगी महसूस नहीं करते हैं। ऐसे सियासी खेल को देख कर अशोक गहलोत का यह आरोप झूठा नहीं लगता कि कांग्रेस सरकार को गिराने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए विधायकों को तोड़ने के लिए करोड़ों रु.की रिश्वतें दी जा रही थी। यह सच है की राजस्थान में कांग्रेस की जीत में सचिन पायलट का बड़ा योगदान है लेकिन इस योगदान के पीछे तत्कालीन भाजपा सरकार की प्रदेश में व्याप्त अलोकप्रियता भी थी। सचिन पायलट युवा नेता हैं और राहुल गांधी अक्सर युवाओं को आगे आने की बात करते रहें हैं लेकिन राजस्थान विधान सभा चुनाव के बाद सचिन को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। जिस पार्टी में आलाकमान का फैसला महत्वपूर्ण माना जाता रहा है वह पार्टी युवा नेता जिसने जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया था, के पक्ष में फैसला लेने से पीछे क्यों हट गई ? इसका जवाब तो कांग्रेस ही दे सकती है, लेकिन सचिन पायलट ने यदि उसवक्त उप-मुख्यमंत्री बनना स्वीकार किया तो उन्हें थोड़ा सब्र रखना चाहिए था। प्रदेश अध्यक्ष के साथ उपमुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी कम महत्वपूर्ण नहीं थी,और समय के साथ बढ़ती लोकप्रियता आज नहीं तो कल उन्हें मुख्यमंत्री कुर्सी तक उन्हें पहुंचा ही देती। लेकिन अब जिस दो राहे पर सचिन खड़े हैं उनके लिए पार्टी में बने रहना भी मुश्किल है और पार्टी छोडने के बाद की स्थिति भी उतनी सुखद नहीं लगती है। क्योंकि यदि भाजपा के सहयोग से गहलोत-सरकार उन्होंने गिरा भी दी तो क्या भाजपा उन्हें मुख्यमंत्री बना देगी ? बहरहाल सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए,सचिन पायलट ने एएनआई से बातचीत में कहा है कि वो भाजपा नहीं ज्वाइन करने जा रहे हैं। लेकिन गहलोत खुलकर सचिन के खिलाफ बोल रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पायलट पर पलट वार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनपर खूब हमला बोला है। गहलोत ने आरोप लगाया कि सचिन भाजपा के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराने की साजिश रच रहे थे। गहलोत ने सचिन पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि अच्छी इंग्लिश बोलने, बाइट देने और हैंडसम होने से ही सबकुछ नहीं होता है। मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और राजस्थान के सचिन पायलट के मामले में कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व द्वारा युवा नेताओं को नज़रअंदाज़ करना, और कमलनाथ के बाद गहलोत का युवा नेताओं पर मुखर हो कर कटाक्ष करने से जनता में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। युवा नेताओं पर ऐसा कटाक्ष, क्या कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व की कमजोरी को ही नही दर्शाता है?
अमेरिका वर्जिन द्वीप समूह में गर्मियों में पैरालम्पिक खेलों 2012 फरो द्वीप समूह में पैरालम्पिक खेलों 2012 अफ्रीकी ग्रैंड शाह अफ्रीका कप ऑफ नेशंस बैडमिंटन के Amílcar कॅब्रल कप रिकॉर्ड के इंटरकांटिनेंटल कप एथलेटिक्स में चैम्पियनशिप के पैन अमेरिकी खेलों में बैडमिंटन दक्षिण अमेरिकी सूत्र 3 रिकॉर्ड के दक्षिण अमेरिकी देशों में भाला पुरुषों के लिए दक्षिण अमेरिकी कप biathlon 2013/2014 राष्ट्रीय ओलिंपिक समितियों की ओशिनिया कप ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया फ्रीस्टाइल 2014 कप ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया फ्रीस्टाइल 2015 कप ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया फ्रीस्टाइल 2016 कप ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया फ्रीस्टाइल 2017 कप ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया फ्रीस्टाइल 2018 कप ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया फ्रीस्टाइल 2019 एशियाई सूत्र 3 एक चैम्पियनशिप रायटर सर्वेक्षण यूरो हॉकी लीग फुटबॉल लीग यूरोप के चैंपियंस लीग और ETTU यूरोपीय चैंपियनशिप स्पीड स्केटिंग में सभी 1900 के आसपास चैम्पियनशिप भूमध्य सागर के टीम यूरोप अफगानिस्तान में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक केंद्रीय फसल 1974 में पॉज़्नान – केंद्रीय फसल कटाई का त्योहार है, जहां मुख्य समारोह जगह ले ली पर 8 सितंबर, 1974 में फिर स्टेडियम. जुलाई 22, केवल Wildzie में पोज़नान. संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन पर सम्मेलन में पॉज़्नान, पोलैंड 2008 – पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन की समस्याओं. जगह ले ली के लिए 1 से 12 दिसंबर, 2008 में पॉज़्नान, के क्षेत्र में कांग्रेस के केंद्र पॉज़्नान अंतरराष्ट्रीय मेले ... प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हुई घटना शाम में तथाकथित भगवान की माँ के द्वारा Współczującej दयालु, जहां चमक आंकड़ा की पृष्ठभूमि पर दिखाई दिया सोने का पानी चढ़ा गेंद है के आधार पर स्थित क्रॉस wieńczącego को मंदिर की छत. माँ मरियम पहली बार के लिए खो ... शरद ऋतु में 1789 की, बधाई देने के लिए प्रेरित करने के लिए आहार के मुद्दे को संबोधित शहरों में, वारसॉ मजिस्ट्रेट आयोजित कांग्रेस के प्रतिनिधियों. 2 Dec 1789 में कपड़े पहने, काला प्रतिनिधियों के नेतृत्व में राष्ट्रपति के वारसॉ जना Dekerta चलाई kare ... क्रैश लैंडिंग की उड़ान " पीएलएल बहुत 016 – आपातकालीन लैंडिंग के बोइंग 767-300ईआर, साथ खराबी के हवाई जहाज़ के पहिये, जो आयोजित किया गया था पर 1 नवंबर, 2011 के हवाई अड्डे पर चोपिन में वारसॉ. यह अद्वितीय था के इतिहास में हवाई अड्डे पर लैंडिंग के साथ ... बैंक डकैती पर एक सड़क का स्पष्ट वॉरसॉ में – घटना से 22 दिसम्बर 1964 में वारसॉ. अज्ञात व्यक्तियों के कार्यालय पर हमला किया नेशनल बैंक सड़क पर स्पष्ट और घर के तहत ईगल्स. एक गार्ड को मार डाला गया था, अन्य के गंभीर रूप से घायल हो गए. आधिकारिक तौर पर, ... पर हमले की शाखा क्रेडिट बैंक पर Zelazna सड़क वॉरसॉ में – घटना से 3 मार्च 2001, जब ट्रिनिटी ग्रुप के अपराधियों और मारे गए चार कर्मचारियों के शाखा नंबर 6 और शाखा बैंक के ऋण के निर्माण के लिए 67 वारसॉ पर लोहा करेगा और प्रतिबद्ध पैसे की चोरी. डकैती म ... 25 दिसम्बर 1881 जारी है, जबकि में होली क्रॉस के चर्च उत्सव बड़े पैमाने पर, एक रोना सुना की "ऊपर!". डर के एक संभव आग, विश्वासियों के लिए शुरू किया पलायन की ओर बाहर निकलें । में भ्रम और आतंक घातक है stratowano 20 लोग हैं । यह पता चला है कि आग के खत ... नाटो शिखर सम्मेलन में वारसॉ में 2016 – अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में नाटो के सदस्यों के स्तर पर राज्य के प्रमुखों और सरकार के प्रमुखों के आयोजन पर 8-9 जुलाई, 2016 में वारसॉ. बैठकों के शासी निकाय के गठबंधन में आयोजित किया गया था नेशनल स्टेडियम. इ ... 29. समारोह के यूरोपीय फिल्म पुरस्कार पर जगह ले ली 10 दिसंबर 2016 में व्रोकला. व्रोकला यूरोपीय संस्कृति की राजधानी-2016. के लिए नामांकन पुरस्कार की घोषणा की थी 6 दिसंबर के दौरान 13. यूरोपीय फिल्म समारोह में सेविला. इस वर्ष इस पर्व का आयोजन किया गय ... मौत के इगोर Stachowiaka – घटनाओं 15 मई, 2016 में हुई मौत के 25-वर्षीय इगोर Stachowiaka पुलिस स्टेशन में व्रोकला-पुराने शहर सड़क पर Trzemeskiej 12, रोक के बाद उसे पुलिस द्वारा पर व्रोकला बाजार में एक ही दिन है । के उल्लंघन के मामले में हो सकता है ... प्रतिनिधियों के अरूबा में बात करने के लिए ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक खेलों 1988 के बाद से. अभी भी वे कर रहे हैं सभी खेलों पर. जबकि अरूबा जीत नहीं था, किसी भी पदक के दौरान ग्रीष्मकालीन ओलंपिक. बरमूडा ग्रीष्मकालीन पैरालिम्पिक्स में बीजिंग द्वारा प्रतिनिधित्व किया था 1 खिलाड़ी - dresażystką रेतीले Mitchell. यह चौथा था, जो संगीत कार्यक्रम, Paraolimpiadzie. बरमूडा में गर्मियों पैरालम्पिक खेल 2012 में लंदन द्वारा प्रतिनिधित्व किया था 1 खिलाड़ी 1 में प्रतियोगिता. राष्ट्रीय टीम के लिए बरमूडा के लिए, यह किया गया था पांचवें शुरू की ओलंपिक पैरालम्पिक खेलों में पहले 1996, 2000, 2004 और 2008 में. अभी भी कोई ... बरमूडा ओलंपिक समिति और BOA खेल संगठन koordynująca bermudzkie खेल संगठनों की तरह राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के लिए बरमूडा, के रूप में अच्छी तरह के रूप में राष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति के बरमूडा. बरमूडा ओलंपिक समिति स्थापित किया गया था की पहल पर स्थानीय ... XV द्वीप खेल है एक अंतरराष्ट्रीय, इन दोनों क्षेत्रों की खेल घटना है, जो जगह ले ली के बीच 13 और 19 जुलाई 2013 में बरमूडा. बरमूडा के लिए चुना गया था ओलंपिक खेलों की मेजबानी में IIGA को हराने, प्रिंस एडवर्ड आइलैंड. प्रतियोगिता में भाग लिया था से 112 ... स्वतंत्र ओलंपिक एथलीटों में 2012 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक – टीम के होते हैं चार एथलीटों: तीन पुरुषों और एक महिला ओलंपिक खेलों के दौरान आयोजित की गई, जो ब्रिटिश में लंदन. नहीं वे अर्जित की है, किसी भी पदक. में भाग लिया 4 के 26 खेला खेल विषयों. मानक ... और CAZOVA चैम्पियनशिप कैडेटों में वॉलीबॉल में आयोजित की गई कुराकाओ में विल्लेम्सटैड़ के बीच 15 और 17 जनवरी 2010. इस टूर्नामेंट की विजेता टीम थी के मेजबान होंगे जो अपने सभी मैचों में खोने, एक सेट है । सुरक्षित जिससे चैम्पियनशिप में भाग लेने उत्तरी ... यूरोपीय दौरे 2015/2016 टूर्नामेंट 5 − टूर्नामेंट snookerowy छठे चक्र का एक हिस्सा खिलाड़ियों टूर चैम्पियनशिप में 2015/2016 के मौसम । इस टूर्नामेंट में खेला गया था अवधि 9-13, 2015 पर Tercentenary खेल हॉल जिब्राल्टर. जिब्राल्टर शतरंज महोत्सव – ओपन शतरंज महोत्सव आयोजित किया है, 2003 के बाद से. जिब्राल्टर में और द्वारा प्रायोजित फोन कंपनी और GibTelecom. मुख्य समारोह में हर साल दूर ले जाता है कई ग्राम हैं, यह भी दुनिया में सबसे अच्छा है, इसलिए, एक माना जाता है क ... यूरोपीय चैम्पियनशिप में साइकल चालन Torowym 2014 के बीच जगह ले ली 16-19 जून, 2014 को Vélodrome Amédée Détraux में फ्रेंच बाइयी-माहौलट्. एशिया रग्बी चैम्पियनशिप 2015 के पहले संस्करण में वार्षिक टूर्नामेंट का आयोजन के तत्वावधान में ARFU के लिए तीन सबसे अच्छा एशियाई पुरुष टीम में रग्बी यूनियन. टूर्नामेंट आयोजित किया गया था से 18 अप्रैल से 23 मई 2013. नाम के बाद तीन मैचों सुनिश्चित ज ... ePrix हांगकांग 2016 के पहले दौर के फॉर्मूला ई के मौसम में 2016/2017. प्रतियोगिता आयोजित किया गया था 9 फरवरी, 2016 में एक सड़क ट्रैक में हांगकांग. सामान्य कप 2013 − nierankingowy snookerowy टूर्नामेंट में आयोजित सामान्य स्नूकर क्लब में हांगकांग अवधि में 9-13 सितंबर, 2013. फाइनल में rozegranym 13 सितंबर, प्रतिनिधि इंग्लैंड के मार्क डेविस होंगे ऑस्ट्रेलियाई नील रॉबर्टसन 7-2. सामान्य कप 2015 के सातवें संस्करण के टूर्नामेंट nierankingowego, खेला गया था, जो अवधि में 16-21 जून 2015 में जनरल स्नूकर क्लब में हांगकांग. हांगकांग स्वामी 2017 – nierankingowy, zaproszeniowy टूर्नामेंट snookerowy सीजन 2017/2018. खेला गया था, हांगकांग में इस अवधि में 20-23 जुलाई 2017. 5. एशियाई चैम्पियनशिप में सहायता के लिए चल रहा है, क्रॉस – प्रतियोगिता में एथलेटिक्स में przełajach, जो में आयोजित किया गया था अप्रैल 1999 में ईरान की राजधानी है, तेहरान, और मध्य दिसंबर 1999 में हांगकांग. राष्ट्रीय टीम के को केमैन द्वीप में द्वीप खेल 2009 में एलैंड द्वीप समूह के शामिल के बारे में अस्सी एथलीटों के दोनों लिंगों. वे में भाग लिया है सात खेल – गोल्फ, बास्केटबॉल, एथलेटिक्स, तैराकी, वॉलीबॉल, strzelectwie और टेनिस. इस छठे प्रदर्शन की राष् ... कैमान में एरोटिक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में रियो डी जनेरियो द्वारा प्रतिनिधित्व किया था 5 एथलीटों, 3 पुरुष और 2 महिलाओं. यह था दसवें स्टार्ट-अप में स्थित केमैन द्वीप पर ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक खेलों. केमैन द्वीप में शीतकालीन ओलिंपिक युवा खेलों 2012 में आयोजित इंसब्रुक था प्रस्तुत करने के लिए 1 खिलाड़ी है, लेकिन अंत में ले लिया । डीन ट्रेवर्स के छोटे भाई है दाउ Traversa शुरू कर दिया है जो सर्दियों के दौरान 2010 वैंकूवर में ओलंपिक खेलों. मकाउ ग्रांड प्रिक्स, रैली पर आयोजित किया गया था, ट्रैक के गुईया में सर्किट मकाओ, एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र चीन का. होने के लिए जाना जाता दुनिया के केवल रेस ट्रैक पर, सड़क पर, जिसके दौरान वे की तरह कारों और मोटरसाइकिलों. हर साल, आम तौर पर में तीस ... ओलंपिक समिति और खेल मकाओ, चीन – nieuznawany राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के साथ परिषद को व्यवस्थित करने के लिए एथलीटों की भागीदारी से मकाओ में ओलिंपिक खेलों. इस समिति में बनाया गया था के रूप में 1987 में ओलंपिक समिति के मकाऊ instagram; Comité Apartamen ... कुश्ती प्रतियोगिताओं में खेल Mikronezyjskich 2006 में आयोजित किया गया था पर जून 28 पर सायपन में उत्तरी मारियाना द्वीप. टेबल स्टैंडिंग में tryumfowali पहलवानों से माइक्रोनेशिया. नौमिया चैलेंजर के वर्ष. Internationaux पर फोर्टिस – पुरुष टेनिस टूर्नामेंट के रैंक के एटीपी चैलेंजर टूर. पर खेलने के लिए हार्ड कोर्ट में Numei में न्यू कैलेडोनिया 2005 के बाद से. ओशिनिया चैम्पियनशिप कुश्ती में 2017 में जगह ले ली के दिन 10 - 12 मार्च को दावत में फ्रेंच पोलिनेशिया साइट पर Complexe Sportif नेपोलियन स्पिट्ज. टेबल स्टैंडिंग में tryumfowali पहलवानों से न्यूजीलैंड. XXI चैम्पियनशिप के उत्तर, मध्य अमेरिका और कैरेबियाई में वॉलीबॉल पुरुषों में आयोजित प्यूर्टो रिको में Bayamon के बीच 12 और 17 जुलाई 2009. शीर्षक के लिए दो साल का बचाव किया अमेरिकियों रन 3 और अधिक जीत. से जीता था Cubans, जीत लिया है, जो 3 के फाइनल ... प्यूर्टो रिको में गर्मियों पैरालम्पिक खेल 2012 में लंदन द्वारा प्रतिनिधित्व किया था 2 एथलीटों. यह सातवें था शुरू करने के लिए टीम प्यूर्टो रिको में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक पैरालम्पिक खेलों. Ludwigsparkstadion जर्मन फुटबॉल स्टेडियम. होटल में स्थित है saarbrücken. हर दिन खेला जाता है, उनकी मेल खाता है, क्लब 1. एफसी हैम्बर्ग. सुविधा को समायोजित कर सकते हैं 35 286 दर्शकों. में बनाया गया था 1953. स्टेडियम में अपनी बैठकों में, वह भी भाग ल ... के संरक्षित राज्य के सार में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक 1952 में शुरू हुआ ओलिंपिक खेल, की रचना 36 लोगों में 9 प्रकार के खेल. जीत नहीं था, किसी भी पदक. के संरक्षित राज्य के सार में जन्म लिया 1947 के हिस्से के रूप में जर्मनी, के तहत के कब्जे फ्रांस. संरक् ... टीम शेवा फुटबॉल फुटबॉल राष्ट्रीय टीम के शबा, के बावजूद तथ्य यह है कि इस क्षेत्र पर निर्भर करता है, नीदरलैंड के लिए उत्तरी अमेरिका के द्वारा नियंत्रित नहीं है डच फुटबॉल एसोसिएशन. राष्ट्रीय टीम के सेंट Barthelemy में फुटबॉल का सदस्य नहीं है फीफा और CONCACAF. पहला अंतरराष्ट्रीय मैच, टीम 2010 में खेला खोने, 0:3 के खिलाफ सेंट मार्टिन. Stade de Saint-Jean एक multifunctional स्थित स्टेडियम में Saint-Jean के द्वीप पर सेंट Barthelemy – निर्भर फ्रांस के राज्यक्षेत्र. केवल स्टेडियम द्वीप पर और उनके मैच खेलने स्थानीय रग्बी टीम और राष्ट्रीय टीम के सेंट Barthelemy में फुटबॉल. ओशिनिया चैम्पियनशिप कुश्ती में, 2014 में, दिनों में जगह ले ली 19 वीं - 20 वीं के मार्च में पागो अमेरिकन समोआ. टेबल स्टैंडिंग में tryumfowali पहलवानों से न्यूजीलैंड. Sint Eustatius राष्ट्रीय टीम फुटबॉल की राष्ट्रीय टीम Sint Eustatius, के बावजूद तथ्य यह है कि इस क्षेत्र पर निर्भर करता है, नीदरलैंड के लिए उत्तरी अमेरिका के द्वारा नियंत्रित नहीं है डच फुटबॉल एसोसिएशन. टीम वेस्ट इंडीज क्रिकेट – wielonarodowościowa खेल टीम का प्रतिनिधित्व पंद्रह अंग्रेजी बोलने वाले देशों और निर्भर प्रदेशों में कैरेबियन और गुयाना. के लिए अपने कामकाज को पूरा करती वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड. पश्चिमी भारत दोहरी tryumfatorem विश्व कप ... रग्बी-7 पर Miniigrzyskach प्रशांत 2013 को आयोजित किया गया था 10-11 सितंबर में स्टेड डी माता - उटु की राजधानी शहर में वालिस और Futuny, माता-उटु. अंतरराष्ट्रीय आइल ऑफ मैन टीटी दौड़ में एक मोटर साइकिल रेसिंग खेल खेला जाता है के बाद से लगभग लगातार 1907 आइल ऑफ मैन पर. कई वर्षों के लिए माना जाता है एक के सबसे प्रतिष्ठित मोटर साइकिल दौड़ में दुनिया. इस घटना में साल 1949-1976 का हिस्सा था FIM मो ... Mannin moar रैली में आयोजित 1933-1935 साल में डगलस आइल ऑफ मैन पर. विजेता सभी के तीन संस्करणों में किया गया था ब्रायन लुईस. एक टीम के सेंट हेलेना द्वीप करने के लिए खेल 2009 में एलैंड द्वीप समूह के शामिल आठ एथलीटों जो प्रतिस्पर्धा में निम्नलिखित चार विषयों: बैडमिंटन, गोल्फ, तैराकी, शूटिंग । सभी प्रतिभागियों थे । यह नौवें शुरू की राष्ट्रीय टीम के सेंट हेलेना द्वीप में ख ... के हारून ब्राउन - 2. के लिए eliminacyjnym 36. जगह अमेरिका वर्जिन द्वीप समूह में गर्मियो .. रिकॉर्ड के इंटरकांटिनेंटल कप एथलेटिक् .. रिकॉर्ड के दक्षिण अमेरिकी देशों में भ .. कप ऑस्ट्रेलिया और ओशिनिया फ्रीस्टाइल .. यूरोपीय चैंपियनशिप स्पीड स्केटिंग में .. अफ्रीकी योग्यता टूर्नामेंट के लिए महि .. अल्जीरिया में गर्मियों पैरालम्पिक खेल .. अफ्रीका कप ऑफ नेशंस के वॉलीबॉल महिलाओ .. यूरोपीय चैम्पियनशिप के अंडर-18 रग्बी .. अंगोला में गर्मियों पैरालम्पिक खेलों .. अर्जेंटीना में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक यु .. कप दक्षिण अमेरिका में 2016 में फ्रीस् .. कप दक्षिण अमेरिका में 2017 में फ्रीस् .. कप में दक्षिण अमेरिका में फ्रीस्टाइल .. शीतकालीन ओलंपिक के 1990 के दशक में, प .. आर्मेनिया में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक युव .. ऑस्ट्रेलिया में गर्मियों में यूथ ओलंप .. ऑस्ट्रिया में शीतकालीन ओलिंपिक खेलों .. Aruba Island Games europejskie gp brazylii live stream ludwigsparkstadion Numea Challenger mier prix mariola sportowcy Kolarstwie isle of man tt polak wita ruch isle of man tt ofiary rafalik General Cup Saint - Barthlemy Mikronezyjskich राष्ट्रीय टीम के सेंट barthelemy में फुटबॉल पुरुषों dokumenty augustyna igrzyska europejskie European Tour Turniej elazna marek rafalik General Centralne Doynki w Poznaniu Mistrzostwa Oceanii w Zapasach विज्ञान
VIDEO: BALCO की मदद से हुनरमंद हो रहे सुदूर वनांचल के युवक-युवतियां|kawardha Videos in Hindi - हिंदी वीडियो, लेटेस्ट-ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी वीडियो में कवर्धा News18 Chhattisgarh| December 7, 2018, 9:52 AM IST छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में भारत एल्यूमिनियम कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (बालको) के सहयोग से सैकड़ों युवक-युवतियां हुनरमंद हो रहे हैं. ये सिर्फ काम ही नहीं सिख रहे बल्की दूसरों को रोजगार देने के लायक भी बन रहे हैं. बता दें कि बालको-वेदांता समूह ने कवर्धा के सुदूर वनांचल ग्राम खड़ौदा में स्कील स्कूल खोलकर युवक-युवतियों को सिलाई, कढ़ाई का परिक्षण दे रहे हैं. महिला-पुरुष प्रशिक्षक वनांचल क्षेत्र के जरूरतमंदों को प्रशिक्षण देने के साथ ही प्लेसमेंट भी मुहैया करा रहे हैं. एक बैच में 24 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है. 45 दिनों के प्रशिक्षण के बाद वे चाहे तो अपने घर में काम कर सकते हैं या फिर बाहर जाकर नौकरी कर सकते हैं. पिछले बैच के कई बेरोजगार युवक-युवतियों को तमिलनाडू में काम मिल चुका है.
वास्तव में, इस्लामी अर्थशास्त्र ने सम्भवत: वैश्विक अर्थ व्यवस्था में अस्थिरता उत्पन्न करने में योगदान दिया है और वह भी आर्थिक विकास के लिए आवश्यक सामाजिक सुधार में बाधा उत्पन्न कर ’’। विशेष रूप से यदि मुसलमानों को वास्तव में ब्याज जमा करने या ब्याज लेने रोक दिया जाये तो अन्तर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में वे अलग-थलग पड़ जायेगें। सार्वजनिक जा रहे एक आम और पसंदीदा स्टॉक के रूप में और फिर व्यक्तिगत और कंपनियों के निवेशकों के लिए एक मुद्रा पर कारोबार जनता को बेचा जा रहा है कंपनी के स्वामित्व के लिए संदर्भित करता है. एक निवेश बैंक है कि एक शुल्क प्रभार की मदद के साथ सुविधा, आरंभिक सार्वजनिक पेशकश, या आईपीओ पर बेचा शेयरों से पैसे कंपनी के खजाने के लिए सीधे जाता है. एक कंपनी जनता के बीच जाने के लिए स्थापित नहीं किया जा जरूरत है, कई सफल शुरू हुआ कंपनियों स्थापना के पांच साल के भीतर जनता के बीच जाने के लिए विकास की लागत वित्त। UFX के स्वामित्व वाले प्लेटफ़ॉर्म ने अपने यूजर फ़्रेंडली ट्रेडिंग टूल्स तथा निष्पादन की त्वरित गति के लिए अनेक पुरस्कार जीते हैं। अधिक पढ़ें। बचत और सक्रिय रूप से निवेश करने के बीच सबसे बड़ा अंतर विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग उपकरण यह है कि निवेश समय के साथ उच्च रिटर्न कमाते हैं, यह मानते हुए कि आप अच्छे जोखिम प्रबंधन और धन प्रबंधन प्रथाओं का उपयोग कर रहे हैं। योजना के अनुसार उपहार प्रमाण पत्र की बिक्री के लिए व्यवसाय परियोजना छूट छूट की बिक्री के समान है। इसका अर्थ समान है - आपको "मैन्युअल विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग उपकरण रूप से" बोलने के लिए कंपनियों के साथ बातचीत करने की आवश्यकता है, कि वे इस तरह के सहयोग से सहमत हैं। फॉरेक्सपिटस्टॉप - ट्रेडमैनगर - मेटा ट्रेडर 1 के लिए # 4 यूजर इंटरफेस! पैसे वापिस करने की गारंटी। तो क्या आप कैश ऑन डिलीवरी पर ऑनलाइन बिक्री करने की सोच रहे हैं पर आपको पता नहीं की कैसे? यह बहुत आसान है! अर्थातः– देवि! विश्वकि सम्पूर्ण विद्याएँ तुम्हारे ही भिन्न-भिन्न स्वरूप हैं। जगत् में जितनी स्त्रियाँ हैं, वे सब तुम्हारी ही मूर्तियाँ हैं। जगदम्ब! एकमात्र तुमने ही इस विश्व को व्याप्त कर रखा है। तुम्हारी स्तुति क्या हो सकती है? तुम तो स्तवन करने योग्य पदार्थो से परे हो। उपरोक्त मंत्र का जप हरे हकीक या स्फटिक माला से प्रतिदिन सुबह १०८ बार करें, तदुपरांत एक माला जप निम्न मंत्र का करें।
निषाद पार्टी की गोष्ठी में समाज की एकता पर दिया गया जोर 14/11/2021 at 7:13 PM IST भदोही। निषाद पार्टी के तत्वावधान में रविवार को चकपडौना में एक सामाजिक गोष्ठी और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें कई चिकित्सकों, अध्यापकों और समाज के कई लोगो का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। और पार्टी को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए विपुल दूबे ने कहा कि सामाजिक एकता और सौहार्द ही हमारे विकास का मूल आधार है। क्योकि किसी भी संगठन और संस्था को तभी मजबूती मिल सकती है जब सभी लोग एकजुट होकर अपने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। कहा कि लोगो को अपने देश समाज के विकास के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। क्योकि केवल एक व्यक्ति के विकास से कुछ नही हो सकता समाज और देश का विकास होने से व्यक्ति का विकास खुद हो जाता है। चिकित्सकों और अध्यापकों के बारे में कहा कि चिकित्सक और अध्यापक भी समाज में अहम भूमिका निभाते है। वे हर मौसम और हर परिस्थिति में समाज को हमेशा कुछ न कुछ अवश्य देते है। कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी का प्रदर्शन बेहतर होगा और सरकार बनाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी। सपा के साथ गठबंधन के सवाल पर विपुल दूबे ने कहा कि सपा के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नही है। भाजपा के साथ ही गठबंधन रहेगा और भाजपा और निषाद पार्टी का गठबंधन काफी मजबूत है। गोष्ठी में डाॅ यशलाल निषाद, विभूति तिवारी ने भी लोगों को संबोधित किया तथा पार्टी को और मजबूत बनाने पर जोर दिया। इस मौके पर अनिल बिन्द, सरजू प्रसाद बिन्द, राधेश्याम निषाद, राजकुमार, सुभाष निषाद, योगेश निषाद समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन अवधेश बिन्द ने किया।
11 year old student murder in bharatpur - Dholpur News in Hindi - शिक्षक ने की मासूम की हत्या, छात्र का अपहरण कर मांगी थी तीन करोड़ की फिरौती | Patrika Hindi News Publish: Nov 19, 2019 18:58 PM | Updated: Nov 19, 2019 18:58 PM बसेड़ी थाना इलाके के नयावास मोहल्ले में एक शिक्षक ने अपने ही छात्र का अपहरण कर गला घोंटकर हत्या कर दी। बसेड़ी (धौलपुर)। बसेड़ी थाना इलाके के नयावास मोहल्ले में एक शिक्षक ने अपने ही छात्र का अपहरण कर गला घोंटकर हत्या कर दी। आरोपित शिक्षक ने हत्या के बाद शव प्लास्टिक के कट्टे में रखकर नाले में फेंक दिया। पुलिस ने आरोपित शिक्षक व उसके एक साथी को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो छात्र की हत्या का राज खुल गया। शिक्षक और उसका साथी बालक की हत्या करने के बाद तीन करोड़ की फिरौती वसूलना चाहते थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्बे के नयावास मोहल्ला निवासी बृज किशोर जायसवाल का 11 वर्षीय पुत्र लव जायसवाल गत 17 नवम्बर को घर से बाहर खेलने की कह कर निकला था। देर शाम तक लव के घर नहीं लौटने पर परिजनों ने तलाश की, लेकिन कोई जानकारी नहीं हो सकी। इस दौरान लव की बड़ी बहन गीता देवी के मोबाइल पर फोन आया और बालक को छोडऩे के एवज में तीन करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई। पुलिस को सूचना देने पर बालक की हत्या करने की धमकी भी दी गई। इसके बाद बालक के परिजन ने पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा से संपर्क किया और पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी। ये रची थी कहानी फिरौती मांगे जाने के बाद परेशान लव के परिजन घर पर बैठे थे तभी वहां लव को एक-डेढ़ वर्ष पहले ट्यूशन पढ़ाने वाला नितिन कुशवाह नाम का युवक आया और लव के धौलपुर में जगदीश चौराहे पर बोलेरो में कुछ लोगों के साथ बैठा देखा जाना बताया। पुलिस ने अभय कमाण्ड के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो इस तरह का कोई वाहन नहीं दिखा। इस बीच पुलिस ने नितिन को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने उगल दिया कि उसी ने जल्द धनवान बनने के लालच में 17 नवम्बर को बालक को उसके घर के बाहर से उठाया और कस्बे में एक किराए के मकान में लाकर उसका गला घोंट दिया। शव को प्लास्टिक के थैले में रखकर स्टेशन रोड के नाले में फेंक दिया।
तेल Valderrama - Made-in-Spain.com तेल Valderrama। गुणवत्ता और प्रतिष्ठा का पर्याय। 150 से अधिक वर्षों तक परिवार की प्रत्येक पीढ़ी के सदस्य Valderrama उन्होंने एक अद्वितीय तेल प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को बनाए रखा है जो आज दुनिया भर में एक संदर्भ बन गया है, या तो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रेस में प्राप्त की गई आलोचना, या कई के मेनू और व्यंजनों के साथ। दुनिया में सबसे अच्छा रेस्तरां। विभिन्न प्रकार के तेल (प्रत्येक उपयोग के लिए एक) के साथ, जैतून के अनुसार तेल की किस्मों को बाहर खड़े करें hojiblanca, cornicabraमैं घुन, ocal y arbequina। तेल बनाने की विधि में कई विशिष्टताएँ हैं: बॉटलिंग प्रक्रिया कभी भी एक घंटे से अधिक नहीं होती है, और केवल अनुरोध के लिए बोतलबंद किया जाता है:reservaअनमोल "हरे सोने" के सभी गुण। En MADE IN SPAIN हमने विभिन्न प्रकार के गैस्ट्रोनॉमिक उपयोगों के लिए पूरी तरह से अनुकूल तेलों की एक विस्तृत श्रृंखला का चयन किया है: खाना पकाने से लेकर पहले से रखे भोजन की वृद्धि तक। इसके अलावा, आकार और विभिन्न प्रकार की पैकेजिंग हमारे प्लेटफ़ॉर्म के किसी भी उपयोगकर्ता के लिए उपयुक्त हैं। में MADE IN SPAIN उपलब्ध होगा, इसलिए: जैतून का तेल Virgen Extra विविधता Arbequina: सलाद, गजपचोस, सब्जियां, ब्लूफिन टूना, आदि के लिए आदर्श। इसकी थोड़ी अम्लता स्वाद की कोमलता और तीव्रता के विपरीत है। जैतून का तेल Virgen Extra विविधता Hojiblanca: सलाद, नीली मछली, मांस, खेल, स्टॉज, टर्की, आलू टॉर्टिला और टमाटर ड्रेसिंग के लिए अनुशंसित। जैतून का तेल Virgen Extra विविधता Ocal: डेसर्ट और वैक्यूम खाना पकाने या कम तापमान के लिए बहुत बढ़िया। इसकी कोमलता और मलाई यह मेयोनेज़ जैसे सॉस के लिए सही तेल होने की अनुमति देती है। का डीयूओ Valderrama: सही उपहार। तेल की एक बोतल Valderrama Arbequina और दूसरा एक Valderrama Hojiblanca.
Ranveer Singh is missing her strange outfits | अपने अजीबो-गरीब आउटफिट को Miss कर रहे हैं रणवीर सिंह - दैनिक भास्कर हिंदी अपने अजीबो-गरीब आउटफिट को Miss कर रहे हैं रणवीर सिंह... टीम डिजिटल.नई दिल्ली. रणवीर सिंह का नाम आते ही उनका अजीबो-गरीब दिखने वाला आउटफिट दिमाग में आता है.जितनी तारीफ उनकी जबरदस्‍त एनर्जी और रीयल लगने वाली एक्टिंग के लिए की जाती है तो उतनी ही आलोचनाओं का शिकार रणवीर सिंह को अपने अजीबो-गरीब आउटफिट के लिए भी झेलनी पड़ती है. लेकिन इन दिनों वे लंदन में छुट्टियां मना रहे है और यूरोपियन फुटबॉल लीग का लुफ्त उठा रहे है.इस ट्र‍िप में रणवीर सूट-बूट में नजर आ रहे हैं. अपने इस ट्र‍िप के कई फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं, लेकिन लगता है सूट-बूट में सजे रणवीर अपना अतरंगी ड्रेसिंग स्‍टाइल को कुछ ज्‍यादा ही मिस कर रहे हैं. तभी तो ऐसे में जैसे ही रणवीर को अपने जैसे कपड़े पहने इंटरनेट सेंसेशन और जानेमाने जापानी कॉमेडियन पिकोतारो नजर आए, तो रणवीर को लगा कि उन्‍होंने उनके ही कपड़े चुरा लिए हैं. रणवीर ने पिकोतारो के साथ एक फनी फोटो पोस्‍ट किया है जिसमें रणवीर पिकोतारो के कपड़े देख दुखी हो गए.
बेतिया:-8 जनवरी को भारत बंद , वामपंथी दलों के संगठन ने क्या एलान – Mithila City News January 6, 2020 205 Views रिपोर्ट:- राजकुमार बेतिया/पश्चिम चंपारण:-आज वामदलों सी पी आई(एम),सी पी आई, भाकपा (माले)द्वारा 8 जनवरी को मजदूर संगठनों के अखिल भारतीय हड़ताल तथा 250 किसान संगठनोंकी अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय &समिति द्वारा सम्पूर्ण ग्रामीण भारत बन्द के समर्थन में नरकटियागंज भगत सिंह चौक पर धरना दिया गया ।वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार देश के किसान , मजदूर , छात्र ,नौजवान के समस्याओं के समाधान के बदले साम्प्रदायिक उन्माद फैलाकर लोगों का ध्यान भटका रही है।उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून ,राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर बना कर गरीब , आदिवासी , दलित,अल्पसंख्यक, अतिपिछड़ों को परेशान करना चाहती है। 8 जनवरी को अखिल भारतीय स्तर पर ऐतिहासिक हड़ताल होगा ।जिसमें 50 करोड़ लोग हिस्सा लेंगे ।वामदल इस हड़ताल के समर्थन में सड़क पर उतरेगा । आज बेतिया में बिहार सरकार के मंत्री मंगल पाण्डेय के आगमन पर बजरंग दल के लोगों ने जंगी मस्जिद के पास अल्पसंख्यकों से टकराने का प्रयास किया । जिसका इस धरना के माध्यम से तीब्र भर्त्सना करते हुए साम्प्रदायिक सद्भाव बनाये रखने की अपील करते हैं । धरना की अध्यक्षता सी पी एम जिला मंत्री प्रभुराज नारायण राव ने की । धरना को भाकपा (माले)के रविन्द्र कुमार रवि ,मुख्तार मियां, केदार राम सीपीआई के जवाहर प्रसाद ,राधामोहन यादव ,सुबोध मुखिया ,गंगा वर्मा ,राजकुमार सिंह ,खलकुजमा, चन्द्र भूषण सिंह ,नसीम अख्तर सीपीएम के भूलन यादव,शंकर दयाल गुप्ता ,बसंत शर्मा ,उमेश यादव आदि ने सम्बोधित किया ।
राफेल पर नारियल-नींबू को लेकर कांग्रेस का निशाना : काम से ज्यादा नाटक करती है सरकार Update: Wednesday, October 9, 2019 @ 1:18 PM नई दिल्ली। भारत को पहला फ्रांसीसी लड़ाकू विमान राफेल मिलने के बाद जहां देश की ताकत बढ़ गई हैं वहीं से राजनीतिक तूफान भी मच गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने फ्रांस में शस्त्र पूजा करने के साथ ही राफेल विमान को रिसीव किया, इस दौरान राफेल पर नारियल चढ़ाया, 'ऊँ' का निशान बनाया और राफेल के पहियों के नीचे नींबू दिखाई दिए। इसे लेकर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने सवाल खड़े कर दिए हैं और सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के साथ यही दिक्कत है कि काम करने के साथ नाटक ज्यादा किया जाता है। Finally ?? #RafalePujaPolitics pic.twitter.com/2kfPHc8m76 यहां तक कि संदीप दीक्षित ने रक्षा मंत्री द्वारा राफेल विमान (Rafale Aircraft) रिसीव करने पर ही सवाल कर दिया, उन्होंने कहा कि आखिर इसे रक्षा मंत्री ने क्यों रिसीव किया, ये काम वायुसेना ही कर सकती थी। उन्होंने कहा कि ये सिर्फ एक नया लड़ाकू विमान ही है जो हमें मिल रहा है। #RafalePujaPolitics best cartoon pic??to express reactions of liberals… loosers why do you hate hindu's rituals so much as it was just a Puja…ab kya Ola hu Babar kerte #RajnathSingh ?tab #Rafale jyada effectively Kam kerta? Height of hatred and stupidity.#WednesdayWisdom pic.twitter.com/dBJXirZXoL उन्होंने कहा कि विजयदशमी और राफेल विमान की जोड़ी मैच नहीं खाती है। संदीप दीक्षित (Sandeep Dixit) बोले कि दशहरा एक त्योहार है, जिसे हम सभी मनाते हैं, लेकिन आप इसे आने वाले एयरक्राफ्ट से क्यों जोड़ रहे हैं। ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि राफेल की इस शस्त्र पूजा ने सोशल मीडिया पर भी एक नई बहस को जन्म दे दिया है। लोग इसे लेकर काफी मीम्स बना रहे हैं और कमेंट भी कर रहे हैं।
Join Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test UPTET News: UPTET SARKARI NAUKRI News - - वीडीओ परीक्षा का पर्चा लीक UPTET SARKARI NAUKRI News - - वीडीओ परीक्षा का पर्चा लीक वीडीओ परीक्षा का पर्चा लीक Updated: 05-06-16 11:27 PM उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से रविवार को आयोजित ग्राम विकास अधिकारी सामान्य चयन लिखित परीक्षा का पर्चा आउट हो गया। डीएम एसपी गंगवार ने छापा मारकर दो परीक्षार्थियों के पास से मोबाइल बरामद किए। परीक्षा केंद्र राजर्षि रामपाल सिंह वैदिक इंटर कालेज के बाहर पुलिस ने तीन लोगों को उत्तर पुस्तिका के साथ पकड़ा। पकड़े गए युवकों में इलाहाबाद, प्रतापगढ़ और उन्नाव के लोग शामिल हैं। यह लोग पचास हजार रुपये में उत्तर पुस्तिका बेच रहे थे। पुलिस ने केंद्र व्यवस्थापक और कोतवाली प्रभारी की तहरीर पर सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पांच को हिरासत में ले लिया। दो आरोपी फरार हो गए। पकड़े गए लोगों में से दो परीक्षार्थी हैं। देर शाम पुलिस ने दोनों परीक्षार्थियों को निजी मुचलके पर छोड़ दिया। जबकि तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया।
अनवर जमालपुरी : खामोश हो गई मुशायरे की आवाज़...! | Webdunia Hindi राहत इंदौरी को कराया था एमए - हिदायतउल्लाह खान मुशायरे की कामयाबी में अगर शायर, ग़ज़ल, नज़्म और अच्छे सामईन दरकार है तो अच्छे नाज़िम के बिना भी मुशायरा कामियाब नहीं हो सकता। नाज़िम को मुशायरे का कप्तान भी कह सकते हैं और अनवर जलालपुरी ने अपनी कप्तानी में कई मुशायरों को कामयाब बनाया है, लेकिन अब मुशायरे का डायस मायूस खड़ा अपने उस कप्तान को याद कर रहा है। उसे पता है उसने जो खोया है, वो वापस नहीं आने वाला है। अनवर जलालपुरी के पास बात कहने का सलीका था, लफ्ज़ थे, लहज़ा था और वो जानते थे, लफ्ज़ कैसे इस्तमाल किए जाते हैं। जब भी वो बोलना शुरू करते तो लगता जैसे लफ्ज़ तो उनके मुरीद हैं और दौड़े चले आते हैं। कब कहां, क्या ओर कैसे कहना है, इसी उस्तादी ने उन्हें हिंदुस्तानी नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा नाजिम बना दिया था। वो सिर्फ अच्छे नाज़िम नहीं, शायर भी थे और फिर बहतरीन इंसान भी, जो कहने की ताकत रखते थे और उनका मिजाज़ भी सूफियाना था, पर जज़्बाती थे। अभी इंदौर में जो शब-ए-सुखन मुशायरा हुआ, उसकी निज़ामत उन्होंने ही की थी और जब मुशायरा खत्म हुआ तो अनवर जलालपुरी नाराज थे और कहने लगे मुझे तो आना ही नहीं चाहिए था, मेरी बेइज्जती हुई है। मैंने यहां के लिए बहुत मेहनत की थी। अचानक उनका रुख समझ नहीं आया, फिर वो कहने लगे आखिर कोई मुझे बताए मुशायरे की निजामत कर कौन रहा था, मैं कर रहा था, मुनव्वर राना कर रहे थे या राहत इंदौरी। मेरी बात मानी नहीं गई, मुझे इसका अफसोस है और मैं यहां नहीं आऊंगा। किसी को पता था, उनकी ये नाराज़गी सच साबित होगी और वो अब कभी नहीं आएंगे। असल में मुशायरा इंतजामिया ने तय किया था सबसे आखिर में राहत इंदौरी को पढ़ना है, मुशायरे की सदारत मुजफ्फर हनफी कर रहे थे। जब अनवर जलालपुरी ने इस तरतीब का इजहार किया तो मुनव्वर राना नाराज हो गए। उनके सुर से सुर राहत इंदौरी ने भी मिला दिया और कह दिया जो मुशायरे के सद्र हैं, वही सबसे आखिर में पढ़ेंगे। बस इसके बाद तो जलालपुरी खामोश हो गए थे और फिर निजामत कर ही नहीं पाए। तब लग रहा था, ये नाराजगी और खामोशी वक़्ती है, लेकिन क्या पता था, हमेशा की बन जाएगी। उनकी बेचैनी कुछ और थी, क्योंकि कुछ दिन पहले ही वो लंदन से लौटे थे। जवान बेटी को दफनाने गए थे, जिसे कैंसर हो गया था, बीमार थीं और अनवर जलालपुरी के पहुंचने के अगले दिन ही उनका इंतकाल हुआ। दो बच्चे भी हैं। इस सदमे के बाद वो हिंदुस्तान लौटे। पुणे में मुशायरा पढ़ने के बाद इंदौर आए थे और कह रहे थे जिंदगी कुछ रुकने नहीं देती है और मुशायरे की तरफ जल्दी इसलिए लौट आया कि सब कुछ भूलना चाहता हूं। एक दिन पहले आ गए थे और राहत इंदौरी के घर पहुंचे थे, ताकि उनके भाई आदिल कुरैशी के इंतकाल का बैठना भी कर लें, पर वो अपना दर्द भी साथ लिए घूम रहे थे और ये दर्द जल्द ही फूट गया। राहत इंदौरी से याद आया, उनका और अनवर जलालपुरी का याराना बहुत मजबूत था और शायद कम ही लोग जानते हैं, अनवर जलालपुरी के घर रहकर ही राहत इंदौरी ने एमए किया था, जिसका ज़िक्र राहत इंदौरी करते हुए कहते हैं- मैंने बीए तो कर लिया था, एमए करना चाहता था और जब उसका इजहार मैंने अनवर भाई के सामने किया तो उन्होंने अवध यूनिवर्सिटी से मुझे एमए करा दिया, उन्हीं के वहां रहकर मैंने यह सब किया था। उनका जाना वो खला है, जिसे अब हमेशा साथ ही रखना पड़ेगा। वो सिर्फ अच्छे नाज़िम, शायर ही नहीं, दोस्त और भाई भी थे। हमने मुशायरे की आवाज खो दी है। जलालपुरी के सिर्फ दिल पर हमला नहीं हुआ, दिमाग भी तड़क गया और सारी कोशिशें नाकाम हो गई। जिस आवाज में मुशायरों को ताकत दी है, शायरों का हौसला बढ़ाया है और निजामत को नए आयाम दिए हैं, अब वो डायस पर कभी दिखाई नहीं देगी। अनवर जलालपुरी अंदर से तो तभी टूट गए थे, जब वो लंदन से लौटे थे। उनका शेर भी है - कोई पूछेगा जिस दिन वाकई ये जिंदगी क्या है... जमीं से एक मुट्ठी खाक लेकर हम उड़ा देंगे। उन्होंने कई मुशायरे बनाए हैं और अभी हिंदुस्तान में तो उनके बराबरी का कोई नाजिम नहीं था। फिर उनकी पहचान सिर्फ नाजिम की भी नहीं रही थी, शायर भी वो अच्छे थे। हालात पर उन्होंने हमेशा अपनी बात कही और उसे शायरी का जरिया भी बनाया - अब नाम ही नहीं, काम का कायल है जमाना... अब नाम किसी शख्स का रावण न मिलेगा। एक शेर है - मैंने लिक्खा है उसे मरियम और सीता की तरह... जिस्म को उसके अजंता नहीं लिक्खा मैंने। अभी तो वो इसलिए भी सुर्खियों में थे कि गीता पर उन्होंने बड़ा काम किया, उसको शायरी में ढाल दिया था और इसको लेकर उनके शो भी हो रहे थे। उन्हें बुलाया जाता है, गीता पढ़वाई जाती और गजल में ढली गीता खूब पसंद की जा रही थी। जब इस मामले में अनवर जलालपुरी से बात हुई तो उनका कहना था- अंदर से आवाज आती थी, कुछ नया करना है। मुझे पढ़ने का बहरहाल शौक रहा है। कुरान के साथ मैंने गीता को भी पढ़ा है। बाइबिल भी मेरी लायब्रेरी में मौजूद है और मुझे अहसास हुआ कि सारी किताबें एक ही अंदाज में बात करती हैं और गीता ने मुझे खासा मुत्तासिर किया है। जो बातें कुरान में हैं, उसका सार गीता में भी मौजूद है। उसके बाद जरूरी हो गया था कि इसे शायरी में भी बदला जाए और मैंने ये मुश्किल काम कर दिया, पर जब आप इस तरह के काम करते हैं तो वो अपने आप हो जाते हैं। कोई ताकत है, जो इसे करा लेती है। उर्दू में ढले गीता के श्लोक किस तरह बन पड़े हैं - हां, धृतराष्ट्र आंखों से महरूम थे... मगर ये न समझो कि मासूम थे। इधर कृष्ण अर्जुन से हैं हमकलाम... सुनाते हैं इंसानियत का पैगाम। अजब हाल अर्जुन की आंखों का था... था सैलाब अश्कों का रुकता भी क्या। बढ़ी उलझनें और बेचैनियां... लगा उनको घेरे हैं दुश्वारियां। तो फिर कृष्ण ने उससे पूछा यही... बता किससे सीखी है ये बुजदिली। अनवर जलालपुरी का सियासत में भी दखल था और मायावती के वो करीब रहे। जब वो मुख्यमंत्री थीं तो इनके पास कैबिनेट मंत्री का दर्जा था और इन्होंने काम भी किए, लेकिन अखिलेश सरकार के आते ही वो पीछे हो गए, क्योंकि कोई गुंजाइश बची नहीं थी, पर उनका असल काम तो शायरी था, मुशायरे की वो आबरू थे। वैसे भी उन्होंने लंबा अरसा यहां गुजारा था और उनका शेर है - मुसलसल धूप में चलना, चरागों की तरह जलना... ये हंगामे तो मुझको वक्त से पहले थका देंगे। जाते-जाते अनवर जलालपुरी कह गए थे... प्यारे! तुम से नाराज तो हूं पर मुझे पता है तुम बुलाओगे और मैं मना नहीं कर पाऊंगा...!
गर्म स्प्रिंग्स, वैंकूवर से दिन की यात्रा (पश्चिम कनाडा) 2021 हैरिसन हॉट स्प्रिंग्स, वैंकूवर से दिन की यात्रा हैरिसन हॉट स्प्रिंग्स हैरिसन झील के दक्षिणी छोर पर फ्रेजर घाटी में एक गाँव और अवकाश क्षेत्र है। आगंतुकों और स्थानीय लोगों को सुरम्य झील, समुद्र तट और गर्म झरनों द्वारा खींचा जाता है, और हाल ही में, समुद्र तट पर रेत की मूर्तिकला प्रतियोगिता होती है। गाँव कॉम्पैक्ट है इसलिए घूमना सबसे आसान तरीका है। हॉट स्प्रिंग्स रोड शहर की मुख्य सड़क है और समुद्र तट के साथ एस्पलेनैड एवेन्यू में मोटल और रेस्तरां हैं। आश्चर्य नहीं कि हैरिसन हॉट स्प्रिंग्स में कई गतिविधियां पानी के चारों ओर घूमती हैं - गर्म झरनों में आराम, तैराकी, कयाकिंग, झील को मंडराते हुए, कुछ नाम रखने के लिए। लेकिन अगर आप सूखी रहना चाहते हैं तो आप बहुत कुछ कर सकते हैं। - हैरिसन पब्लिक हॉट पूल, हॉट स्प्रिंग्स रोड और एस्प्लेनेड के कोने। गर्म झरनों के स्रोत से पाइप से पानी के साथ जनता के लिए इनडोर पूल खुला। $ 8.50। - हैरिसन झील के ग्लेशियर से भरे पानी में एक ताज़ा स्नान का आनंद लें। यदि आप झील की तुलना में कुछ गर्म चाहते हैं, लेकिन हॉट पूल की तुलना में ठंडा है, तो समुद्र तट में लैगून का प्रयास करें। झील पर: - हैरिसन लेक पर एक क्रूज लें। - एक "नाव" किराए पर लें - मोटर चालित या कश्ती - और खुद झील का दौरा करें। - विंडसर्फ। दोपहर में हवाएं सबसे ज्यादा होती हैं। - यदि आपके पास अपनी नाव है, तो एस्प्लेनेड एवेन्यू के पूर्वी छोर पर एक नाव रैंप है। - शहर के चारों ओर एक साइकिल या क्वाड्रिसाइकल और पैडल किराए पर लें। क्वाड बाइक हंसी के लिए विशेष रूप से अच्छी होती है जिसमें चार लोग शक्ति प्रदान करते हैं और दो स्टीयरिंग। विभिन्न पेडलिंग मशीनों को घंटे से किराए पर दिया जा सकता है: * जेमी का क्वाड्रासाइकल किराया, लिलॉयट और हॉट स्प्रिंग्स रोड के कोने। क्वाड्रिसाइकल और साइकिल को बाहर निकालता है। * हैरिसन स्कूटर किराये पर, 439 लिलूएट एवेन्यू। साइकिल, क्वाड बाइक, माउंटेन बाइक और स्कूटर के एकांत को निकालता है। - इलाके में कई लंबी पैदल यात्रा के रास्ते हैं। इस क्षेत्र और हॉट स्प्रिंग्स को पहले चेहलीस फर्स्ट नेशंस के लोगों ने जाना और इस्तेमाल किया। एगाज़िज़ के माध्यम से कनाडाई प्रशांत रेलवे के निर्माण के बाद कम महत्वपूर्ण रिज़ॉर्ट विकास शुरू हुआ, जिससे क्षेत्र अधिक सुलभ हो गया। विकास में वृद्धि हुई है, लेकिन गांव अभी भी छोटा है (2000 से कम लोग हैं)। यह दूर जाने के लिए एक लोकप्रिय स्थान बना हुआ है और गर्मियों के सप्ताहांत में बहुत व्यस्त हो सकता है। राजमार्ग 1 से, राजमार्ग 9 से बाहर निकलें (135 से बाहर निकलें) और उत्तर से अगसिज़ तक इसका पालन करें। वहां से, झील के उत्तर में हॉट स्प्रिंग्स रोड का पालन करें। यदि आप राजमार्ग 7 पर हैं, तो Agassiz में हॉट स्प्रिंग्स रोड पर मुड़ें। ट्रैफ़िक के आधार पर वैंकूवर से ड्राइव को लगभग 1.5 - 2 घंटे लगेंगे। Stephen Hawking ने वो वक्त बताया था, जब धरती पर हम सब मर जायेंगे | Cosmology | Hawking Theory (फरवरी 2021)
अनुभव: यह साल भी बीत कर विगत हो जाएगा किसानी करते हुए, साल के जिस माह से मुझे सबसे अधिक लगाव होता है, वह दिसंबर ही है. इस महीने की कोमल धूप मुझे मोह लेती है. लेकिन तभी अहसास होता है कि यह साल भी बीत कर विगत हो जाएगा- ठीक उसी तरह जैसे धरती मैया के आंचल मेँ न जाने कितनी सदियां ..कितने बरस दुबक कर छुपे बैठे हैँ। खैर, 2014 के अंतिम महीने में मेरे जैसा किसान मक्का, आलू और सरसों में डूबा पड़ा है। इस आशा के साथ कि आने वाले नए साल में इन फसलों से नए जीवन को नए सलीके से सजाया जाएगा लेकिन जीवन का गणित कई बार सोचकर भी अच्छा परिणाम नहीं देता है। बाबूजी बिस्तर पर सिमट गए हैं। बस यही सोचकर मेरी किसानी कथा ठहर सी जाती है। वैसे विगत छह -सात महीने में संबंधों के गणित को समझ चुका हूं इसलिए जीवन को लेकर नजरिया बदल चुका हूं। यह जान लेने का भरम पाल बैठा हूं कि पहाड़ियों के बीच बहती नदी पहाड़ी के लिए होती है, आम के पेड़ों में लगी मंजरियां आम के लिए होते हैं और गुलाब के पौधे पर उगे तीखे कांटे गुलाब के लिए होते हैं। यह लिखते हुए मुझे दिल्ली विश्वविद्यालय के आवारगी का एक साल याद आता है और मुखर्जीनगर इलाके का एक रेस्तरां, जहां एक शाम एक दोस्त से मुलाकात हुई थी, जिसने बड़े दार्शनिक अंदाज में कहा था- "जानते हो, लगातार गिरती और उठती पलकें आंखों के लिए होती है न कि दुनिया देखने के लिए....'" समय के गुजरने के साथ-साथ और किसानी करते हुए उस दोस्त का दर्शन थोड़ा बहुत समझने लगा हूं। किसानी करते हुए ही यह अहसास हुआ है कि हम लोग जिंदगी को लेकर इतने दार्शनिक अंदाज में बातें इसलिए करते हैं क्योंकि हम यह भरम पाल बैठते हैं कि हम जो जीवन जी रहे हैं वह आसान नहीं है। जबकि सत्य कुछ और है। दरअसल जीवन को जटिल हम खुद बनाते हैं, मकड़ी का जाल हम-आप ही उलझा रहे हैं। दिनकर की वह कविता याद आने लगी है, जिसमें वे कहते हैं- "आदमी भी क्या अनोखा जीव है, उलझने अपनी ही बनाकर, आप ही फंसता और बैचेन हो न जगता न सोता है ....." इन सबके बीच ठंड का असर बढ़ता जा रहा है। सुबह देर तक कुहासे का असर दिखने लगा है। सबकुछ मेघ-मेघ–बादल-बादल सा लगने लगा है। बाबूजी यदि ठीक रहते तो कहते कि इस मौसम में आलू की किसानी करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए, फसल नष्ट होने की संभावना अधिक रहती है। किसानी करते हुए मुझे मेघ और मौसम से अजीब तरह का लगाव हो गया है। बादलों को समझने – बुझने लगा हूं। ब्रेन हैमरेज के बाद से बाबूजी को बिस्तर पर ही देख रहा हूं, शायद वो भी आंखें मूंदे खेत-खलिहान को ही देख रहे होंगे, ऐसा भरम मैं पाले बैठा हूं। इस आशा के साथ कि मेरा भरम टूटे नहीं.... Posted by Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झा at Monday, December 22, 2014 मैं आप के साथ कुछ समय बिताना चाहता हूं। पढ़ाई में कमजोर होने की वजह से इंटर के बाद मैंने पढ़ाई छोड़ दी थी। तब बाबूजी ने किसानी करने के लिए कहा। एक सालतक किसानी करने पर समझ गया कि पढ़ना ज्‍यादा आसान है। फिर तो सब कुछ बदल गया। दरभंगा,दिल्‍ली होते हुए वाया पेइचिंग मुंबई आ गया। कभी नहीं सोचा था कि फिल्‍म पत्रकार बनूंगा। कोई अफसोस नहीं,लेकिन मन है फिर से लौटने का। अपना घर छूट चुका है। िबाबूजी के देहांत के बाद गांव-घर से भी नाता टूट गया है। बड़ भाई सब कुछ हड़पने की युक्ति लगा चुके हैं। मैं आऊंगा किसी दिन आप के साथ कुछ समय रहने। गिरीन्द्र, इतना आत्मीय लेखन! जिस गांव, मिट्टी, खेत, ज़मीन को मैं एक बाहरवाली के तौर पर देखती हूं, आपका लिखा पढ़ने के बाद उससे लगाव होने लगता है। इस मौसम में कीड़ों का खतरा बढ़ जाता है. जैविक या रासायनिक कुछ न कुछ इंतजाम कीजियेगा. गेहूं लगाये हैं तो एक बार पटवन कर दीजिये... हां, मेरे लिए अरण्यक बचाकर रखियेगा... गिरिंद्र जब लिखते हैं तो कलेजा निकाल कर रख देते हैं। मुझे उनके साथ रहने का कुछ अनुभव है, सो अनुभव नामका यह ब्लॉग बिल्कुल अपना सा लगता है। कारवां जारी रहे। आपके अनुभवों का सदैव इंतजार रहता है। Giri Bhai is probably the best short story writer currently out there on Blogs, in any genre or none. He puts one word after another and makes real magic with them — rustic, funny, moving, tender, soulful and portraying real picture of our villages. He is unique, and should write his experiences more frequently. बातें तो काफी हैं. जिंदगी में हर चीज अपने आप में नया अनुभव लाता है. खेती किसानी और पिताजी का बीमार होना और उससे पहले कानपुर से पूर्णिया का सफर.... चलते रहिये.. यही जीवन है... कुमार रजत said... शब्‍द कैसे बहकर भावनाओं की नदी बन जाते हैं, इसका प्रमाण यह आलेख हैा सुखद है कि आप जैसे लोग भी किसानी कर रहे हैंा लिखते रहिए। हम पढते रहेंगे।
Home Stories कहानी एक मंदबुद्धि बालक की जो अपनी मेहनत से विद्वान बन गया। ये कहानी एक ऐसे मंदबुद्धि बालक की है जो अपनी मेहनत और लगन से भारतीय इतिहास का एक विख्यात विद्वान वरदराज बन गया। उन्होंने संस्कृत में लघुसिद्धांत कोमुदी और मुग्दबोध जैसे ग्रंथों की रचना की थी। वह जब अपने विद्यालय में पढ़ने जाया करते थे तो कक्षा के सभी छात्र उन्हें मंदबुद्धि कहा करते थे। उनके अध्यापक भी उनसे नाराज रहते थे क्योंकि वे पढ़ाई लिखाई मे बहुत कमजोर थे। उनकी बुद्धि का स्तर कक्षा के दूसरे छात्रों से काफी कम था। विद्यालय के सभी छात्र उनका मजाक उड़ाया करते थे क्योंकि उनका पढ़ाई लिखाई मे प्रदर्शन बहुत खराब था। जब वह अपनी कक्षा मे घुसते तो सभी छात्र उनपर हंसते थे और कोई उन्हें मूर्ख तो कोई बैलबुद्धि कहता था। विद्यालय के कुछ अध्यापक भी उनका मजाक उड़ाया करते थे। उनके लिए विद्यालय जाना तो एक सजा जैसा हो गया था कुछ समय पश्चात उन्होंने विद्यालय जाना ही छोड़ दिया। अब वह अपना समय बर्बाद करने लगे और नगर मे इधर उधर भटकने लगे। एक दिन वह वन मे घूम रहे थे तो उन्हें बहुत तेज प्यास लगी वह अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी की तलाश करने लगे। एक स्थान पर उन्हें कुआँ दिखाई दिया वह कुएं के समीप गए और उसमे से पानी निकालकर अपनी प्यास बुझाई। वो घूम घूमकर काफी थक गए थे तो वहीं बैठकर आराम करने लगे। कुछ समय वहाँ बैठने के बाद उनकी नज़र एक पत्थर पर पड़ी जिसपर बार-बार कुऐं से पानी निकालने के कारण निशान बन गया था। वो अपने मन में सोचने लगे की जब बहुत बार पानी निकालने के कारण एक रस्सी का पत्थर पर निशान पड़ सकता है तो अगर मैं लगातार मेहनत करता रहुँ तो मुझ मे भी विद्या आ सकती है। यह बात उनके मन में घर कर गई और वो फिर से विद्यालय जाने लगे कुछ समय तक लोग उसी तरह उनका मजाक उड़ाते रहे लेकिन उन्होंने उनकी बातों पर ना ध्यान देते हुए मन लगाकर परिश्रम करते रहे। उनको मेहनत करता देखकर कुछ अध्यापक भी उनका सहयोग करने लगे। कुछ समय बाद अपनी मेहनत और लगन से वो प्रकांड विद्वान बने जिन्होंने संस्कृत में कई लोकप्रिय ग्रन्थ लिखे। दोस्तों अगर हम लगातार प्रयास करते रहें तो दुनियां मे कुछ भी नामुकिन नहीं है। भगवान ने पृथ्वी पर कई जीव जन्तुओं की रचना की मगर हंसने का गुण सिर्फ मानवता को दिया तो हंसते रहिये और अपने आस पड़ोस मे सफाई रखें हम आपके लिए ऐसी ही रोचक कहानियाँ पोस्ट करते रहेंगे। धन्यवाद
कराची: पाकिस्तान के कराची शहर में एक गिरोह के नेता के भाई की हत्या के बाद प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच आज हुई हिंसा में पांच महिलाओं और दो बच्चों सहित कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए। कराची के लयारी इलाके में पुलिस और रेंजर्स के कर्मियों के संयुक्त अभियान में गफ्फार जिक्री के भाई शिराज जिक्री की हत्या हो गई थी। इसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और लयारी के झाट पार बाजार में प्रतिद्वंद्वी गिरोहों ने स्वचालित हथियारों और हथगोलों से एक दूसरे पर हमला किया। अधिकारियों ने बताया कि हथगोलों के तीन हमलों में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जिनमें पांच महिलाएं एवं दो बच्चे शामिल हैं। इस दौरान 30 से अधिक लोग घायल हो गए। कराची के लयारी इलाके में लोग दो प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के बीच आपसी लड़ाई से त्रस्त है। इलाके में दुकानें एवं व्यावसायिक संस्थान बंद रहे और लोग अपने घरों के भीतर ही रहे।
केजरीवाल की सर्दमहरी से महाराष्ट्र आप कारकुन मायूस - The Siasat Daily केजरीवाल की सर्दमहरी से महाराष्ट्र आप कारकुन मायूस January 21, 2016, 11:27 PM IST Delhi / Mumbai, Maharashtra & Goa मुंबई: रियासत महाराष्ट्र के आम आदमी पार्टी के क़ाइदीन ने चीफ़ मिनिस्टर दिल्ली और पार्टी सरबराह अरविंद केजरीवाल की सर्द-मेहरी पर मायूसी का इज़हार किया है। कल शहर मुंबई के उनके दौरे के दौरान इन्होंने पार्टी के किसी भी लीडर से मुलाक़ात नहीं की और ना केजरीवाल यहां2014 लोक सभा इंतेख़ाबात के दौरान इजाज़त हासिल किए बग़ैर मुबय्यना तौर पर रैली और जलसा मुनाक़िद करने के एक केस के सिलसिले में मुक़ामी अदालत में हाज़िर हुए थे। अदालत में केस की समात के फ़ौरी बाद वो चले गए। आम आदमी पार्टी के मुक़ामी क़ाइदीन ने कहा कि पार्टी के सरबराह को महाराष्ट्र में पार्टी की तौसी में दिलचस्पी नहीं है और ना ही उनका कोई वीज़न दिखाई देता है। पार्टी से मुअत्तल शूदा लीडर और महाराष्ट्र में आम आदमी पार्टी के साबिक़ अहम लीडर माणिक गांधी ने केजरीवाल पर इल्ज़ाम आइद किया कि वो रियासत महाराष्ट्र में पार्टी की बुनियाद को मिस्मार कर रहे हैं। केजरीवाल सिर्फ अपनी दिल्ली की टीम को सरगर्म रखना चाहते हैं जबकि उन्हें दीगर रियासतों के अपनी पार्टी के क़ाइदीन को दरपेश चैलेंज‌स से कोई सरोकार नहीं है। इस लिए वो दानिस्ता तौर पर महाराष्ट्र में पार्टी की बुनियाद को तबाह कर रहे हैं। केजरीवाल के दौरे के दौरान कुर्ला कोर्ट के बाहर सिर्फ़ मुट्ठी भर लोग प्रीति शर्मा, मेनन, मेरा सान्याल के साथ दिल्ली के कारकुन मौजूद थे। ये पहला मौक़ा है कि पार्टी सरबराह के दौरे के मौक़े पर उनके पीछे हामियों का मज़बूत गिरोह नहीं था Tags आप कारकुन केजरीवाल महाराष्ट्र मायूस सर्दमहरी Introducing Fatima Sana as 'Thug' Zafira https://t.co/7d5bp97RX9 https://t.co/X3hV99Wo6l18 mins ago Ghani arrives in New Delhi https://t.co/AR8GlzGuun https://t.co/l6LdrUPob921 mins ago Will Smith's heartfelt bday message for his queen Jada Pinkett https://t.co/AvKDNM8Byv https://t.co/ktVlwMmqvH32 mins ago
अनिल कुंबले और वीरेंद्र सहवाग को टक्कर देने के लिए तैयार हुआ ऑस्ट्रेलिया का यह पूर्व दिग्गज | Sportzwiki Hindi Home > क्रिकेट > इंटरव्यूज > अनिल कुंबले और वीरेंद्र सहवाग को टक्कर देने के लिए तैयार हुआ ऑस्ट्रेलिया का यह पूर्व दिग्गज kalpesh kalal, 3 years ago 3 min read 129 भारतीय क्रिकेट टीम को पिछले एक साल से कई शानदार उपलब्धियां दिलाने वाले भारतीय टीम के कोच अनिल कुंबले का भारतीय टीम के साथ कोचिंग कार्यकाल समाप्त होने को है। शानदार कोचिंग रिकॉर्ड के बाद भी अनिल कुंबले के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के कोचिंग कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाना चाहता। जिसको लेकर बीसीसीआई ने भारतीय टीम को कोच पद के उम्मीदवारों के लिए एक आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी, जिसमें आवेदन करने वालों ने अंतिम तारीख 31 मई तक आवेदन कर दिया है लेकिन लगता कई और पूर्व क्रिकेटरों को इसके लिए दिलचस्पी है और इसी कारण इसमें एक और नाम जुड़ा है। क्रेग मैक्डेरमॉट ने किया भारतीय टीम को कोच पद के लिए आवेदन बीसीसीआई ने भारतीय टीम के कोच पद के लिए जो आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी उसमें अनिल कुंबले के साथ ही 5 पूर्व दिग्गजों ने कोच पद के लिए आवेदन किया है। वैसे तो बीसीसीआई ने इसके लिए अंतिम तारीख 31 मई तक रखी। इस दौरान जहां अनिल कुंबले को तो वर्तमान कोच होने के नाते सीधी एन्ट्री मिल गई वहीं 5 अन्य दिग्गजों ने आवेदन किया था लेकिन इसके साथ अभ एक और नाम जुड़ा है और वो है ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व तेज गेंदबाज क्रेग मैक्डेरमॉट…क्रेग मैक्डेरमॉट ने भारतीय टीम के कोच पद के हाई प्रोफाइल जॉब के लिए आवेदन किया है।अनिल कुंबले के कोच बनने से शुरू से नाखुश थे टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली, कोहली के नजदीकी सूत्र ने खोला राज इससे पहले ये दिग्गज अंतिम तारीख तक कर चूके हैं आवेदन भारतीय क्रिकेट टीम का कोच पद विश्व क्रिकेट में सबसे बड़ा पद माना जाता है। भारतीय टीम के साथ कोच के रूप में जुड़ना हर किसी पूर्व क्रिकेटरों के लिए एक अहम चीज होती है। ऐसे में बीसीसीआई ने भारतीय टीम के कोच पद के लिए आवेदन क्या शुरू किया उम्मीदवारों की होड़ सी मच गई। बीसीसीआई की आखिरी कट ऑफ डेट 31 मई तक भारत से पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग, लालचंद राजपूत, डोडा गणेश के साथ ही विदेशी दिग्गज में रिचर्ड पायबस और टॉम मूडी ने आवेदन कर लिया है। आवेदन करने को लेकर बोले मैक्डरमॉट भारतीय टीम के कोच पद के लिए अनिल कुंबले के सामने एक और चुनौती देने के लिए आए ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज क्रेग मैक्डरमॉट ने भारतीय टीम के मुख्य के पद के लिए आवेदन करने को लेकर कहा कि हां मैनें भारत के मुख्य कोच की जॉब के लिए अपनी ओर से आवेदन कर लिया है। मैनें समय पर ही पूरी प्रक्रिया कर दी थी और आवेदन को काफी पहले ही भेज दिया था।इस बड़ी शर्त के साथ नया कोच चाहते है टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली, बीसीसीआई को दिया निर्देश मैक्डरमॉर ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए दे चुके हैं सेवाएं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज क्रेग मैक्डरमॉट ऑस्ट्रेलिया के तूफानी तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क के गेंदबाजी कोच के रूप में काम कर चुके है साथ ही क्रेग मैक्डरमॉट ऑस्ट्रेलिया की नेशनल टीम के लिए भी 2015 विश्वकप के दौरान गेंदबाजी के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे में मैक्डरमॉट को कोचिंग का अच्छा खासा अनुभव है। फिक्स है 2019 विश्वकप? महेंद्र सिंह धोनी ने दिए इसके संकेत, साथ ही बताया कौन होगा 2019 विश्वकप का विजेता
बिज्जु ठाकुर की अगुवाई में विधायक प्रकाश नायक का हुआ आतिशी स्वागत रायगढ़: रायपुर में शपथ ग्रहण समारोह के उपरांत प्रथम मर्तबे रायगढ़ आगमन पर विधायक प्रकाश नायक का स्थानीय भारतमाता चौक में जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष बिज्जु ठाकुर द्वारा गाजे बाजे के साथ फूल माला पहनाकर आतिशी स्वागत किया गया। इस दौरान सैकड़ो की संख्या में उपस्थित महिलाओ का जनसमूह भी अपने लाडले विधायक के स्वागत को आतुर नजर आया। वही विधायक प्रकाश नायक द्वारा भी सर्वप्रथम लोगो का अभिवादन स्वीकार करते हुए भारतमाता चौक स्थित अष्ठभुजी मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। बताना लाजमी होगा कि चुनाव के पूर्व भी विधायक प्रकाश नायक ने माता अष्ठभुजी के दरबार मे पूजा अर्चना कर आशीर्वाद मांगा था। वही विधायक प्रकाश नायक ने लोगो को संबोधित करते हुए आश्वश्त किया गया कि स्वयं कोतरा रोड क्षेत्र के रहवासी होने के कारण भी यहाँ के लोगो की मूलभूत समस्याओ को दूर करने प्रमुखता से प्रयास किये जायेंगे। इसके साथ ही विधायक प्रकाश नायक जिला उपाध्यक्ष बिज्जु ठाकुर के नेतृत्व में आयोजित स्वागत समारोह से विधायक आत्मविभोर नजर आए। उक्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रवि ठाकुर, शाखा यादव, बंटी चौधरी, मनोज अग्रवाल, नारायण गोयल, संदीप अग्रवाल, राजेश सिंह, राकेश चौधरी, तेजा यादव, आदित्य सिंह, विजेंद्र यादव, जितेंद्र पटेल, खालिक खान, अंकित पांडेय, रमेश पांडेय, मदन बरेठ, पप्पू यादव, रवि साहू,उमेश, इत्यादि कार्यकर्ता उपस्थित थे। # जिला कांग्रेस कमेटी # विधायक प्रकाश नायक का # शपथ ग्रहण समारोह #आतिशी स्वागत #बिज्जु ठाकुर #रायगढ़ रायपुर
जानें अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए 'लंका' से क्या आ रहा है? माता सीता से है कनेक्शन अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का इंतज़ार करोड़ों भारतीय बेसब्री से कर रहे हैं। रामलल्ला को मंदिर में देखने के लिए करोड़ों आँखें तरस रही हैं। मंदिर निर्माण का काम शुरू हो चुका है। श्रीलंका स्थित सीता एलिया के पत्थर का अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि माता सीता को रावण ने श्रीलंका में इसी स्थान पर बंदी बनाकर रखा था। इस जगह की अहमियत श्रीलंका और भारत दोनों में बहुत मानी जाती है। करोड़ों लोगों की आस्था इस पवित्र जगह से जुडी हुई है। श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, 'अयोध्या में राम मंदिर के लिए श्रीलंका स्थित सीता एलिया के पत्थर का इस्तेमाल भारत और श्रीलंका के संबंधों की मजबूती का स्तम्भ बनेगा। राम मंदिर निर्माण का कार्य जोरो से चल रहा है। श्रद्धालु इसका पूर्ण होने का इंतज़ार कर रहे हैं। थोड़ा इंतज़ार अब रह गया है। आपको बता दें, लंका से आया पत्थर अयोध्या पहुंच गया है। सीता एलिया में माता सीता का मंदिर है और ऐसा माना जाता है कि इसी स्थान पर लंकापति रावण ने उन्हें बंदी बनाकर रखा था और यहीं माता सीता भगवान राम से प्रार्थना किया करती थीं कि वह उन्हें बचाकर ले जाएं। राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद से ही श्रद्धालु दिल खोलकर इसके निर्माण में दान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर का 'भूमि पूजन' किया था। इसी के साथ भाजपा की वह 'मंदिर मुहिम' पूरी हो गई, जो तीन दशक तक उसकी राजनीति का अहम हिस्सा रही और जिसने उसे सत्ता में शीर्ष पर पहुंचाया। 500 से अधिक वर्षों का इंतज़ार हर हिंदू ने इन क्षणों के लिए किया है। लेकिन काफी लोग ऐसे भी हैं जिन्हे राम से अस्तिव्त पर ही यकीन नहीं है। उन्हें लगता है राम तो बस एक कल्पना हैं।
भारत में लांच हुअा शाओमी रेडमी नोट 5 स्मार्टफोन Wednesday, February 14, 2018-1:11 PM जालंधरः चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी शाओमी ने भारत में अपना नया स्मार्टफोन रेडमी नोट 5 लांच कर दिया है। कंपनी ने रेडमी नोट 5 के 3GB वेरियंट की कीमत 9,999 रुपए और 4GB रैम वेरियंट 11,999 रुपए की कीमत के साथ पेश किया है। कलर अॉप्शन की बात करें तो यह स्मार्टफोन गोल्ड, रोज गोल्ड, ब्लैक और ब्लू कलर के ऑप्शंस के साथ है। स्पेसिफिकेशन्स की बात करें तो इसमें 5.99 इंच की डिस्प्ले दी गई है, जिसका रेजोल्यूशन 2160 x 1080 पिक्सल्सहै। इसके साथ ही क्वालकोम स्नैपड्रगैन 625 प्रोसेसर, एड्रिनो 506 GPU, 3GB रैम और 32GB की इंटर्नल स्टोरेज क्षमता है। इसका भी एक अन्य वेरिएंट 4GB और 64GB स्टोरेज ऑप्शन के साथ है। कैमरे की बात करें तो इसमें 12 मेगापिक्सल का रियर और 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। वहीं, फोन को पावर देने के लिए इसमें 4000mah की बैटरी दी गई है। कनैक्टिविटी के लिए इसमें 4G VoLTE, ब्लूटुथ, वाई-फाई, GPS, डुअल सिम और माइक्रो USB पोर्ट आदि हैं। यह स्मार्टफोन एंड्रॉयड 7.1.2 नॉगट अॉपरेटिंग सिस्टम पर अधारित है।
Money lending Mobile App - इन मोबाइल ऐप्स से बिल्कुल भी ऋण ना लें, क्योंकि कंपनी 5 तरीकों को अपनाकर कर रही है बड़ी धांधली ! - Career Bhaskar Money lending Mobile App – इन मोबाइल ऐप्स से बिल्कुल भी ऋण ना लें, क्योंकि कंपनी 5 तरीकों को अपनाकर कर रही है बड़ी धांधली ! Money Lending App Fraud Money Lending App News Money Lending App Update Money Lending Mobile App वर्तमान समय में भारतीय रिजर्व बैंक ने व्यक्तियों से जल्द लोन प्रदान करने वाले मोबाइल ऐप्स डिजिटल मनी लेंडिंग से अलर्ट रहने की साग्रह प्रार्थना की है । इन ऐप्स से संबंधित करोड़ों रुपए के गोलमाल की खबर आए दिन सामने आते रहे हैं । आपको आंध्र प्रदेश की ही घटना की जानकारी दे देते हैं कि आंध्र प्रदेश के तीन व्यक्ति ऐसे ही ऐप्स से ऋण लेने के बाद आत्महत्या कर चुके हैं । Money landing Mobile App रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्या सावधानियां बरतने की साग्रह प्रार्थना की है ? इस प्रकार के फ़र्जिवारा के खिलाफ कहां करें कंप्लेंट ? कैसे मालूम करें कि फ़्रोड ऋण दिया जा रहा है? दरअसल, इस प्रकार के ऐप्स के माध्यम से बहुत सी कंपनियां आकर्षित इन्टरेस्ट रेट पर बहुत ही कम वक्त में ऋण प्रदान करने का वादा करती हैं । ये कंपनियां कम समय में तो लोन दे देती है लेकिन बाद में बकाया राशि की वसूली के लिए जोड़ ज़बरदस्ती भी करती हैं । कोरोना के दौरान आर्थिक कठिनाई से गुजर रहे व्यक्तियों के बीच इस प्रकार की सेवाओं की popularity बढ़ गई थी । गुज़रे कुछ दिन पहले पुलिस ने हैदराबाद और गुरुग्राम के चार इंस्टेंट ऋण ऐप्स के वित्त विभागों में छापा मारा था । इनमें से दो विभाग गुरुग्राम में उपलब्ध है और दो विभाग हैदराबाद में मौजूद हैं । इनका विभाग का पूरा नेटवर्क जकार्ता चलता है । हैदराबाद के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर जिनका नाम अविनाश मोहंती है इन्होने यह जानकारी दी है कि इन चार विभागो में 30 ऋण ऐप्स चलाए जा रहे थे । यहाँ भी पढ़े :– अगर आपका कोई व्हाट्सएप चैट पढ़ रहा है तो करें यह काम, नहीं पढ़ पाएगा कोई मैसेज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्वीकृति के बगैर इन ऐप्स से व्यक्तियों को 35 प्रतिशत की इन्टरेस्ट रेट पर ऋण प्रदान किया जाता था । यानी कि तीन माह में रकम डबल हो जाता था । ऋण की किस्त वक्त पर नहीं भरने पर ये मोबाइल ऐप्स लोन लेने वाले व्यक्तियों को डराते और धमकाते थे । इन डराते और धमकाते उत्पीड़न से टेन्शन मे आकर जब तीन व्यक्तियों ने हैदराबाद में सुसाईट कर ली, तब छान बीन से इसकी पूरी जानकारी प्राप्त हुई । व्यक्ति जल्द ऋण प्राप्त करने के चक्कर में डिजिटल फ़्रोड करने वाले का शिकार हो रहे हैं । इसलिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह अपील करी है कि आप मोबाइल ऐप्स के माध्यम से ऋण न लें, क्योंकि आपके कागजातों के साथ धोखाधड़ी किया जा सकता है । ऋण प्रदान करने वाली कंपनियों का आप अगला-पिछला रिकार्ड अवश्य जांच कर लें । ऐसी कंपनियां उपभोक्ता से अधिक इंटरेस्ट वसूली करती हैं, इसके अलावा इनमें कई प्रकार के छिपे हुए फ़ीस भी होते हैं, जो कस्टमर्स को स्टार्टिन्ग में मालूम नहीं होते । कस्टमर्स को कभी भी अपने केवाईसी कागज़ात की कॉपी बिना पहचान वाले लोग, अनधिकृत/अपुष्ट ऐप को नहीं प्रदान करना चाहिए । यदि आप इस प्रकार के ऐप्स और बैंक अकाउंट की कंप्लेन करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन इसकी शिकायत कर सकते हैं । आपके जानकारी के लिए बता दें कि इस ऑनलाइन पोर्टल का नाम सचेत रखा गया है । रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के अनुसार सभी डिजिटल लेंडिंग ऐप्स को उस बैंक या NBFC का विस्तृत कस्टमर्स के सामने करना चाहिए, जिनके जरिए वे ऋण प्रदान करने का प्रोमिस करते हैं । आप चाहे तो रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर जाकर पंजीकृत एनबीएफ़सी का नाम और जानकारी प्राप्त किया जा सकता है । पोर्टल के माध्यम से इनके विपरीत कंप्लेन दर्ज करा सकते हैं ।
काउंट वी। ए। मुसिन-पुश्किन का चित्र – कार्ल ब्रायलोव वी। ए। मुसिन-पुश्किन उत्तरी समाज के डीसेम्ब्रिस्ट्स के सदस्य थे; विद्रोह के दमन के बाद गार्ड्स से आर्मी पेत्रोव्स्की रेजिमेंट में स्थानांतरित कर दिया गया था। प्रारंभिक पीटर्सबर्ग अवधि में लिखे गए वी। मुसिन-पुश्किन के चित्र, डीसेम्ब्रिस्टों के चित्रों की गैलरी को पूरक करते हैं।. मस्किन-पुश्किन की छवि, जो कि जेंडरमेरी प्रशासन की देखरेख में थी, ने प्रकृति की कुलीनता और उस गरिमा से कलाकार को आकर्षित किया जिसे उन्होंने जीवन की प्रतिकूलता के वर्षों में बनाए रखा। मुद्रा की बाहरी समानता के साथ, एक रेनकोट के साथ कपड़े नाटकीय रूप से उसके कंधों पर लिपटे हुए थे, मुसीन-पुश्किन का चित्र एन। कुकोलनिक की छवि से अलग है। एक रूमानी तरीके से उठाए गए आध्यात्मिक अनुभवों की कड़वाहट को महसूस किया.
Bigg Boss 12 Sreesanth on Match Fixing in IPL Viral Video - Bigg Boss 12: बिग बॉस में श्रीसंत का मैच फिक्सिंग पर बड़ा खुलासा, रोते हुए बताई ये बात- देखें Video होमटेलीविजनBigg Boss 12: बिग बॉस में श्रीसंत का मैच फिक्सिंग पर बड़ा खुलासा, रोते हुए बताई ये बात- देखें Video 'बिग बॉस 12 (Bigg Boss 12)' में श्रीसंत छाए हुए हैं. पूर्व क्रिकेटर से एक्टर बने श्रीसंत (Sreesanth) ने घर के सभी सदस्यों की नाक में दम कर रखा है. मैच फिक्सिंग को लेकर उन्होंने नया खुलासा किया है. Written by नरेंद्र सैनी, Updated: 26 नवम्बर, 2018 12:15 PM Bigg Boss 12: श्रीसंत ने मैच फिक्सिंग पर किया नया खुलासा मैच फिक्सिंग पर श्रीसंत ने कही ये बात फूट-फूटकर रोते आए नजर बिग बॉस 12 में छाए हुए हैं श्रीसंत 'बिग बॉस 12 (Bigg Boss 12)' में श्रीसंत छाए हुए हैं. पूर्व क्रिकेटर से एक्टर बने श्रीसंत (Sreesanth) ने घर के सभी सदस्यों की नाक में दम कर रखा है, और वह कुछ ऐसा कर देते है कि सब की जुबान पर उन्हीं का नाम रहता है. पिछले हफ्ते श्रीसंत ने सुरभि राणा को ब्रेकिंग न्यूज देते हुए क्रिकेटर हरभजन सिंह के साथ हुए 'स्लैपगेट' का रहस्य खोला था. हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) और श्रीसंत (Sreesanth) के इस किस्से ने खूब सुर्खियां लूटी थीं, और श्रीसंत (Sreesanth) ने सबको हैरान कर दिया था. श्रीसंत ने इस हफ्ते एक टास्क के दौरान अपने डांस से भी सबके होश फाख्ता कर दिए थे. अब श्रीसंत मैच फिक्सिंग के आरोपों को लेकर जबरदस्त खुलासा करने वाले हैं. A post shared by Bigg Boss 12 (@biggboss_khabri) on Nov 25, 2018 at 10:28am PST 'बिग बॉस 12 (Bigg Boss 12)' के लेटेस्ट प्रोमो में दिखाया गया है कि श्रीसंत श्रीसंत (Sreesanth) दीपिका और रोमिल को खुद पर लगे मैच फिक्सिंग के आरोपों का खुलासा कर रहे हैं. श्रीसंत श्रीसंत (Sreesanth) बता रहे हैं कि उन पर 10 लाख रु. लेकर मैच फिक्सिंग के जो आरोप लगे हैं, वह एकदम अलग है. आज का एपिसोड इस तरह धमाकेदार रहने वाला है. श्रीसंत लगातार अपनी क्रिकेट लाइफ को लेकर सनसनीखेज खुलासे कर रहे हैं. इस तरह न सिर्फ वे अपनी जिंदगी के सच से दर्शकों को रू-ब-रू करा रहे हैं, बल्कि गेम में भी काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. प्रियंका चोपड़ा ने मंगेतर के साथ एन्जॉय की प्री-वेडिंग पार्टी, Pics Viral A post shared by Cricketer Sreesanth (@sreesanth.fc) on Nov 24, 2018 at 11:42pm PST 'बिग बॉस 12 (Bigg Boss 12)' में श्रीसंत पहले दिन से ही सुर्खियां बटोर रहे हैं. श्रीसंत शुरू कई बार रोते हुए नजर आए, और पूर्व क्रिकेटर ने घर से भागने की कोशिश भी की. लेकिन सलमान खान के कहने पर उन्होंने खुद को बदलने की कोशिश की. यही नहीं, श्रीसंत सीक्रेट रूम में अनूप जलोटा के साथ रहे, और उसके बाद से उन्होंने अपना पूरा गेम प्लान ही बदल दिया है. वैसे भी बिग बॉस हाउस में सबसे दमदार खिलाड़ी श्रींसत को ही माना जा रहा है.
कोरोना के वीर जवानों को आसमान के जांबाज कुछ इस तरह से आज करेंगे सैल्यूट, यहां देखें विहंगम दृश्य - Indian army forces will thank to corona warriors in a special way through flower petals from sky today - Latest News & Updates in Hindi at India.com Hindi कोरोना के वीर जवानों को आसमान के जांबाज कुछ इस तरह से आज करेंगे सैल्यूट, यहां देखें विहंगम दृश्य 10 बजे से आसमान में सुखोई-30 और मिग-29 जैसे फाइटर जेट करतब दिखाएंगे. Published: May 3, 2020 8:40 AM IST नई दिल्लीः भारत के लिए आज का दिन बेहद खास होने वाला है. देश की सरहद पर खड़े रहने वाले वीर जवान आज आसमान से पूरे देश में कोरोना वारियर्स को सलामी देंगे और कोरोना संकट में उनके मनोबल को बढ़ाएंगे. आज तीनों भारतीय सेनाएं कोरोना योद्धाओं को अपने-अपने अंदाज में सलामी देंगी. सुबह 9 बजे हेलीकॉप्टर से दिल्ली के पुलिस वॉर मेमोरियल (Police War Memorial) पर फूल बरसाए जाएंगे. जबकि 10 बजे से आसमान में सुखोई-30 और मिग-29 जैसे फाइटर जेट करतब दिखाएंगे. Also Read - अमेरिका में कोरोना वायरस से 1,00,000वें व्यक्ति की मौत, 500 से अधिक भारतीय भी हुए आकाल मौत के शिकार कोरोना वायरस महामारी के संकट के दौर में अपने परिवार से दूर रहकर और अपनी जान की चिंता किए बिना ये कोरोना वारियर्स दिन रात देश की सेवा में लगे हुए हैं ताकि देश को जल्द से जल्द कोरोना से मुक्त बनाया जा सके. तीनों सेनाओं के कर्मवीर अस्पताल में कार कर रहे कोरोना वीरों को सलामी देंगे. इसके लिए उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक डॉक्टर्स का सम्मान किया जाएगा. Also Read - अम्फान प्रभावितों की मदद को आगे आया KKR, किया इस नेक काम का वादा सेना के सभी अंगों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है. आज दिल्ली के 12 अस्पतालों के ऊपर हेलीकॉप्टर और फाइटर प्लेन से पुष्प वर्षा की जाएगी. धिकारियों ने बताया कि कोरोना योद्धाओं को धन्यवाद देने का यह सिलसिला रविवार सुबह दिल्ली और अन्य शहरों में पुलिस स्मारक पर पुष्पचक्र चढ़ाने से शुरू होगा, इसके माध्यम से देश भर में लॉकडाउन का पालन कराने के साथ-साथ तमाम परमार्थ कार्यों में जुटे पुलिसकर्मियों को सम्मान दिया जाएगा. Also Read - Coronavirus In India Update: कोरोना ने ढाया कहर, 24 घंटे में कुल 194 लोगों की हुई मौत, इन राज्यों का बुरा हाल उन्होंने बताया कि दूसरे नंबर पर भारतीय वायुसेना के लड़ाकू और मालवाहक विमान फ्लाई-पास्ट करेंगे. उन्होंने बताया कि सुबह 10 से 11 बजे के बीच से विमान देश के ज्यादा से ज्यादा शहरों और कस्बों के ऊपर उड़ान भरेंगे. दिल्ली में भारतीय वायुसेना के फाइटर फ्लाइट एयरक्राफ्ट राजपथ, लाल किला लोटस टेंपल, आर्मी हॉस्पिटल, बेस हॉस्पिटल, गंगाराम अस्पताल, दिल्ली एम्स और कनॉट प्लेस के ऊपर से गुजरेगी. वायुसेना का हेलिकॉप्टर दिल्ली में रविवार को राजीव गांधी सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल, जी टीवी हॉस्पिटल, राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल, बीआर अंबेडकर हॉस्पिटल, गंगाराम अस्पताल, दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल, आरआर हॉस्पिटल, बेस हॉस्पिटल, एम्स, मैक्स साकेत, अपोलो और सफदरजंग अस्पताल के ऊपर से उड़ान भरेगा और पुष्प वर्षा करेगा.
ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वालों को बिहार सरकार ने दिया तगड़ा झटका, अब…. | DBN News न्यूज़ Home न्यूज़ ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वालों को बिहार सरकार ने दिया तगड़ा झटका, अब…. ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वालों को बिहार सरकार ने दिया तगड़ा झटका, अब…. न्यूज़ डेस्क : बिहार सरकार ने आम जनता को झटका देते हुए ड्राइविंग लाइसेंस बनाने, पता बदलने, कंडक्टर लाइसेंस, वाहन का ऑनर ट्रांसफर, वाहन के डुप्लिकेट कागज सहित कई अन्य काम में लगने वाले पैसे को ज्यादा कर दिया है. अब इन कामों के लिए लोगों को अधिक पैसे देने होंगे. राज्य सरकार ने सरचार्ज में बढ़ोतरी कर दी है. बढ़ी हुई रेट अब बिहार में लागू हो गयी हैं. अब लर्नर लाइसेंस टू व्हीलर व एलएमवी बनाने के लिए 480 रुपये की जगह 790 रुपये देना होगा. और ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए 1290 रुपये के बदले 2250 रुपये देना होगा. लाइसेंस में पता बदलने के लिए 50 रुपये के बदले 300 रुपये देना होगा. इसके साथ ही सभी अलग-अलग कार्य के लिए अलग-अलग रेट तय की गई है. बिहार सरकार ने मोटरगाड़ी नियमावली 1992 में संशोधन कर सरचार्ज में बढ़ोतरी की है. जिससे परिवहन विभाग को लगभग 15 करोड़ की राजस्व बढ़ोतरी होगी. इस से पहले केंद्र सरकार ने केंद्रीय मोटरयान नियम, 1989 में संशोधन करते हुए 29 दिसंबर, 2016 को अधिसूचना जारी की थी. जिसके बाद लाइसेंस सहित अन्य चीजों की फीस में बढ़ोतरी 17 जनवरी, 2017 से परिवहन विभाग ने लागू किया था.
पिछले महीने रॉबिनहुड – छोटे निवेशकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कमीशन-मुक्त स्टॉक ट्रेडिंग ऐप – अचानक $ GME के ​​लिए खरीद के आदेश और कुछ अन्य स्टॉक जो घेराबंदी के तहत बंद थे। क्या कोई भी किसी भी कीमत पर अधिक स्टॉक नहीं बेच रहा था? क्या यह स्टॉक अचानक अवैध हो गया था? नहीं, न तो मामला था। तो यह कैसे संभव था? इसे भी देखें: लेक्स सोकोलिन – पुराने साधनों के उपयोग से रॉबिनहुड वित्त का डेमोक्रेटाइज नहीं कर सकता है रॉबिनहुड जैसे ट्रेडिंग ऐप और प्लेटफ़ॉर्म पर, आपको लगता है कि स्टॉक आपके खुद का नहीं है। अधिक सटीक रूप से, वॉल स्ट्रीट पर, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर उन “स्टॉक” को “डेरिवेटिव” कहा जाता है। प्रभावी रूप से वे रॉबिनहुड से एक वादा करते हैं कि जिस स्टॉक को वे आपको बेचने का दावा करते हैं वह एक स्टॉक है जिसे वे वास्तव में “क्लियरिंग हाउस” के रूप में संदर्भित करते हैं। जैसा कि छोटे निवेशकों ने अपने प्लेटफॉर्म पर $ GME स्टॉक खरीदा था, रॉबिनहुड राजधानी से बाहर निकलकर क्लियरिंग हाउस से वास्तविक स्टॉक खरीदने के लिए आवश्यक हो गया था जो वे निवेशकों को डेरिवेटिव के रूप में बेच रहे थे। अनिवार्य रूप से, रॉबिनहुड की तुलना में अधिक बेचा गया और, जब वे बाहर भाग गए, तो उन्होंने केवल स्टॉक खरीदने की क्षमता को गलत कर दिया और केवल उपयोगकर्ताओं को बेचने के आदेश देने की अनुमति दी। यह वह जगह है जहां चीजें खराब से बदतर होती चली गईं। याद रखें, जब स्टॉक की कीमत कम हो जाती है, तो “शॉर्ट्स” रखने वाले लोग पैसा बनाते हैं। हेज फंड (जैसे कि गढ़) के पास खुद के सुपर कंप्यूटर हैं और शेयर बाजारों तक सीधी पहुंच है। वे घरों को साफ करने से नहीं निपटते। इसलिए, जबकि छोटे निवेशकों के शेयर (डेरिवेटिव) जमे हुए थे, हेज फंडों ने बड़े पैमाने पर कारोबार किया और पिछले कुछ दिनों के दौरान उन्हें हुए नुकसान में अरबों की वापसी हुई। यह कभी भी उचित लड़ाई नहीं थी, क्योंकि दो संस्थाएं, संस्थागत और खुदरा निवेशक कभी एक ही खेल नहीं खेल रहे थे। रॉबिनहुड उपयोगकर्ता, जब लोकप्रिय ट्रेडिंग ऐप के लिए साइन अप करते हैं, जो “मुक्त व्यापार” की पेशकश करते हैं, तो वे हेज फंडों की भारी मुनाफे की क्षमता में उनकी भूमिका से अनजान थे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि रॉबिनहुड के छोटे निवेशकों को उनके द्वारा खरीदे गए उत्पादों के बारे में कोई पारदर्शिता नहीं थी। परिसंपत्तियों के स्वामित्व की अपारदर्शिता श्रृंखला शेयर बाजार से आगे भी फैल गई है क्योंकि टेस्ला जैसी कंपनियों ने अपने भंडार को बिटकॉइन में $ 1.5 बिलियन में स्थानांतरित करने का फैसला किया है। सिस्टम टूट गया है। बड़ी कंपनियां और छोटे निवेशक इसे जानते हैं। एक वित्तीय तकनीक है जो इस लंबे समय तक असमानता की महामारी को हल करने के लिए तैयार की गई है और पानी को शांत करने और छोटे निवेशकों को सशक्त बनाने के लिए पंखों में इंतजार कर रही है। डेफी सिर्फ एक नई तरह की तकनीक नहीं है। यह व्यापार को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए एक आंदोलन है। यह रॉबिनहुड जैसे एक्सचेंजों में केंद्रीकृत नियंत्रण और यहां तक ​​कि क्रिप्टो एक्सचेंजों जैसे कि आपके व्यापार को सुनिश्चित करने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंजों को नियंत्रित करता है। कभी नहीं जम जाना। डीएफआई एक व्यापारी के दूसरे पर प्राथमिकता तय करने को टाल देता है क्योंकि कोई बिचौलिया नहीं है जो नियमों को बदल सकता है या कोई निर्णय ले सकता है। डेफी एक ओपन सोर्स मार्केट है, जहां बिचौलिए मौजूद नहीं हैं। जब आप रॉबिनहुड या अन्य ट्रेडिंग ऐप्स पर “खरीदें” बटन दबाते हैं, तो शाब्दिक रूप से सैकड़ों बिचौलिए आपके और अंतिम स्टॉक खरीद के बीच खड़े होते हैं। बाजार निर्माता जैसे कि सिटाडेल, क्लीयरिंग हाउस, ब्रोकरेज, डार्क पूल और सरल तकनीकी सीमाएं हैं। उन बिचौलियों में से कोई भी छोटे निवेशकों के नुकसान के लिए व्यापार को जटिल बनाता है। मैं निर्माण करने के लिए डेफी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गढ़ छोड़ दिया ओवरलाइन.नेटवर्क – बिचौलियों के बिना एक पारदर्शी विनिमय तकनीक छेड़छाड़ और un-freezable सबूत। इसके अलावा, पिछले तीन वर्षों में पूरा स्थान काफी परिपक्व हो गया है। इतना कि नियमित निवेशकों से अरबों डॉलर हर दिन इसके माध्यम से बहते हैं। ब्लॉकचेन तकनीक ने प्रदर्शित किया है कि बैंक आवश्यक नहीं हैं, और डेफी दुनिया को दिखाती है कि आप एक्सचेंजों के बिना व्यापार कर सकते हैं। GameStop को यह उनकी टैगलाइन के साथ मिला, “खिलाड़ियों को शक्ति।” पिछले महीने ने साबित किया है कि लोग बाजार में वास्तविक शक्ति रखते हैं, नहीं हेज फंड, और डेफी एक बार और सभी के लिए खेल का मैदान स्तर। इस सप्ताह के अंत में सबसे अच्छा निनटेंडो स्विच गेम डील: ब्रीथ ऑफ़ द वाइल्ड, मारियो कार्ट 8 डीलक्स और बहुत कुछ बचा मझगाँव: ग्राम पँचायत अधिकारी का टोला ढीपासाई में सड़क नहीं होने के कारण मजबुरी में खेत के मेढ़ से ग्रामीण आवागमण करते हैं अन्यथा ओड़िशा राज्य के बोईदु साई का सड़क इस्तेमाल कर बगल के कच्ची सड़क दो किलोमीटर तय कर जाना पड़ता है । जबकि इस टोला में एक किलोमिटर कच्ची सड़क बनने से ग्रामीणों को खेत के मेढ़ से छुटकारा मिल जाएगी ।ग्रामीणों का कहना था कि आठ माह हम जैसे तैसे आवागमन कर लेते हैं लेकिन यह परेशानी बारिश के दिनों बढ़ जाती है क्योंकि बारिश के बाद यहां मेढ़ से आवागमन नहीं हो पाती है जबकि ओड़िशा के बोईदु साई की कच्ची सड़क पर कीचड़ व गंदगी में तब्दील हो जाता है। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की इस समस्या के प्रति ध्यान नहीं दिया है यही वजह है कि ग्रामीण आज भी परेशान हो रहे हैं। ग्राम सभा के द्वारा इस सड़क का प्रस्ताव बनाकर भिजवा दें तो कच्ची सड़क की स्वीकृति मिल जाएगी और ग्रामीणों को मिट्टी मुरुमीकरण सड़क का लाभ मिलने लगेगा। सर्वाधिक परेशानी ग्रामीणों की बारिश के दिनों में होती है। इतना ही नही टोला में स्वास्थय सुविधा न होने के कारण बारिश के मौसम में गंभीर रुप से बीमार रहवासी को ग्रामीण मजबुरी में ओड़िशा के चम्पुवा सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र ले जाकर उपचार कराते है। नई जन योजनाओं को पोटका विधानसभा के विधायक संजीव सरदार द्वारा जनता को समर्पित कर दिया गया February 28, 2021 व्यापारियों ने ज़ुलु व्यापार पर पैसा क्यों ढीला किया? यदि आप ज़ुलु व्यापार अनुयायियों की निगरानी करना शुरू करते हैं, तो आप देखेंगे कि 95% से अधिक सभी ज़ुलु व्यापार संकेत अनुयायियों के पैसे ढीले हैं। शेयर बाजार की तरह और विदेशी मुद्रा बाजार में सभी व्यापारियों के 95% हारे हुए हैं। कारण है लालच और खराब धन प्रबंधन। तो क्या विदेशी मुद्रा ज़ुलु व्यापार संकेत प्रदाता घोटाला है? कोई भी ज़ुलु व्यापार उत्कृष्ट नहीं है, विशेषज्ञ विकल्प ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का परीक्षण लेकिन व्यापारियों को देखना और चुनना पता होना चाहिए। सबसे पहले, कृपया हमारी ज़ुलु व्यापार समीक्षा देखें। मनी बर्ड्स फंड को वापस लेने की क्षमता के साथ ऑनलाइन मनोरंजन का एक अच्छा विकल्प है। फिर भी, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि खिलाड़ियों के बीच, सकारात्मक समीक्षाओं के साथ, खेल के साथ थोड़ी निराशा भी है। तथ्य यह है कि आप डेवलपर्स के हिस्से पर आभासी मनोरंजन को दान के रूप में नहीं मान सकते हैं। किसी भी व्यावसायिक परियोजना को आवश्यक रूप से लाभदायक होना चाहिए, अन्यथा इसका वित्तपोषण करने और इसे विकसित करने में कोई समझदारी नहीं होगी। RBI के मुताबिक, Foreign currency assets भी 10.35 अरब डॉलर बढ़कर 490.83 अरब डॉलर हो गईं है। इसकी वजह से समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण आरक्षित भंडार (Gold reserve) 1.53 अरब डॉलर बढ़कर 37.63 अरब डॉलर हो गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund- IMF) में भारत का आरक्षित मुद्रा भंडार 5.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.64 अरब डॉलर हो गया है। साथ ही IMF में देश का विशेष आहरण अधिकार (Special drawing right) भी 1.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.48 अरब डॉलर हो गया है। विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण आदेशों में से एक स्टॉप लॉस ऑर्डर है। मार्केट को समझें खुद को समझने के बाद अगर आप शेयर मार्केट में पैसा लगाना चाहते हैं तो पैसा लगाने से पहले शेयर मारेकट को समझें। शेयर मार्केट की कार्यप्रमाली को समझें और देखें की किस तरह का रिस्क है, कितना रिस्क है, कितना नुकसान है कितना फायदा है और इसके बाद ही आप शेयर मार्केट में पूरे दमखम के साथ उतरें। कई बिटकॉनी समर्थक हैं जो मानते हैं कि डिजिटल मुद्रा भविष्य है। लघु अवधि और दीर्घकालिक नियोजन के लिए विजन दस्तावेज तैयार करने के लिए एनआईटी समूह के लिए विजन का गठन किया गया था। समूह निम्न सदस्यों से गठित है। रविवार को महमूद ने पाकिस्तान में कहा, "उम्मीद है कि दो दिन में आप अच्छी खबर सुन सकें. और बातचीत में बड़ा फैसला होने के संकेत भी दिया." वहीं भारत आने के बाद उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एमएफएन का फैसला वापस नहीं ले रहा। यह कैसे काम करता है: “राउंड-अप” प्रणाली के साथ, एकोर्न आपके बैंक खाते की निगरानी करता है और आपके निवेश से $ 5 तक आपके विशेषज्ञ विकल्प ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का परीक्षण निवेश पोर्टफोलियो में बचत तक मामूली बदलाव रखता है; फिर, यह आपके द्वारा पहले चुने गए एक निश्चित पोर्टफोलियो के लिए स्वचालित रूप से निवेश करता है। मॉर्गन स्टेनले ने इस शेयर को 1,753 करोड़ रुपये का टार्गेट प्राइस दिया है. जबकि CLSA को लगता है कि यह शेयर 1,730 रुपये तक पहुंच सकता है. ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी के अनुसार, अस्थिर बाजार में इस शेयर में निवेश से फायदा हो सकता है. मगर इस साल यह शेयर सिर्फ 0.73 फीसदी ही चढ़ा है। यह प्लेटफ़ॉर्म है उन सभी साधनों से लैस तकनीकी इंडीकेटर, इंटरेक्टिव चार्ट सहित शक्तिशाली सुरक्षा प्रणाली जिसकी आपको अपनी ट्रेडिंग क्षमता अधिकतम करने की जरूरत है। खुदरा महंगाई के दायरे में आने की उम्मीद इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ राजकिरण राय ने कहा, '0.25 फीसदी कटौती की संभावना है या वे दर को यथावत रख सकते हैं।' नायर ने आगे कहा हालांकि, खुदरा मुद्रास्फीति MPC के लक्ष्य दो-छह फीसदी के दायरे को पार कर गई है, लेकिन इसके अगस्त 2020 तक वापस इस सीमा के भीतर फिर आने की उम्मीद है। अगर हमें किसी दूसरे व्यक्ति को रूपये भेजने हो तो बैंक के माध्यम से भेजने पड़ेंगे और भारतीय मुद्रा “रूपया” को रिज़र्व बैंक और भारत सरकार नियंत्रित करती हैं| लेकिन bitcoin एक decentralized currency हैं जिसे कोई भी बैंक या सरकार नियंत्रित नहीं करती| Bitcoin Technology एक “Peer to Peer Network” पर आधारित तकनीक हैं जिसके कारण आप बिना किसी Bank या अथॉरिटी के विशेषज्ञ विकल्प ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का परीक्षण सीधा किसी भी व्यक्ति से लेन देन कर सकते हैं|। Vishvas News ने उस पेज के प्रोफाइल को स्कैन किया, जिसमें वायरल मैसेज को पोस्ट किया गया था। फर्जी संदेश पोस्ट किया गया था। हमने पाया कि इस पेज के 522 फॉलोअर्स हैं। मान लीजिए कि आपने $ 100 का निवेश किया है और $ 100 का स्टॉप लॉस सेट किया है। यदि बाजार आपकी भविष्यवाणी के विपरीत दिशा में जाता है और नुकसान $ 100 तक पहुंच जाता है, तो Olymp Trade अपने आप ट्रेड को बंद कर देगा। इस तरह से अगर बाजार में आगे गिरावट होती है तो आपको पूरी तरह से नुकसान नहीं होगा।
दक्षिण अफ्रीका की सर्वोच्च न्यायिक पीठ में नियुक्त किए भारतीय मूल के नरेंद्रन नरेंद्रन कोलप्पन ने वकालत की शुरुआत 1982 में की थी। अप्रैल 2016 में उन्हें दक्षिण अफ्रीकी कानून सुधार आयोग के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मानवाधिकारों पर चर्चा के लिए बुलाया जाता रहा है। भारतीय मूल के नरेंद्रन जोडी कोलप्पन को दक्षिण अफ्रीका की सर्वोच्च न्यायिक पीठ संवैधानिक अदालत (Constitutional Court) में नियुक्त किया गया है। बता दें कि राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने हाल ही में 64 वर्षीय नरेंद्रन कोलप्पन और राम्मका स्टीवन मथोपो की देश की संवैधानिक अदालत में नियुक्ति का एलान किया था। संवैधानिक अदालत में रिक्त दो पदों के लिए कोलप्पन और राम्मका के नाम उन पांच उम्मीदवारों में शामिल थे, जिनके नामों की सिफारिश इस साल अक्तूबर में राष्ट्रपति से की गई थी। अब राष्ट्रपति की ओर से अनुमति मिलने के बाद दोनों एक जनवरी 2022 से अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे। कोलप्पन का इससे पहले संवैधानिक अदालत के लिए दो बार साक्षात्कार लिया जा चुका था, लेकिन वह असफल रहे थे।
मजेदार व्यंजन विधि: वेलेंटाइन डे के लिए अमेरिकी नाश्ता - पकाने की विधि | विधि मजेदार व्यंजनों: वेलेंटाइन डे के लिए अमेरिकी नाश्ता एंजेला | | नाश्ता और नाश्ता, छुट्टियाँ और विशेष दिन, वेलेंटाइन व्यंजनों, अंडे की रेसिपी, मूल व्यंजनों रोटी, अंडे और सॉस। वे एंग्लो-सैक्सन नाश्ते के मुख्य अवयवों में से एक हैं। क्या आप जागने वाले पल से वेलेंटाइन डे का आनंद लेना चाहते हैं? खैर, इसे तैयार करने का प्रस्ताव रखें रोमांटिक, पूर्ण और आसान नाश्ता। आपको मजा आएगा ब्रेड, उबले हुए या तले हुए अंडे और यहां तक ​​कि सॉसेज को दिल का आकार देना। कैसे? चिंता न करें, हम आपको सिखाते हैं। हम शुरू करते है। पहले हम देखेंगे कि कुछ कटा हुआ ब्रेड दिल कैसे प्राप्त करें। केवल हमें दिल के आकार के कुकी कटर के साथ करना होगा। यदि हम इसे विभिन्न आकारों में खरीदते हैं, तो हम छोटे पास्ता कटर के साथ ब्रेड के स्लाइस में छेद भी बना सकते हैं। इस तरह, और जैसा कि हम फोटो में देखते हैं, हम तैयार किए गए सैंडविच के भरने को प्रकट करेंगे। ये साँचे या कटर भी हमारी सेवा कर सकते हैं तले हुए अंडे को दिल का आकार देने के लिए या ग्रील्ड। ऐसा करने के लिए, हम टुकड़े को पैन में डालते हैं और अंडे को अंदर से फोड़ते हैं, जिससे इसे मध्यम आँच पर पकाया जाता है, ताकि यह अच्छी तरह से हो जाए। हम अभी तक सबसे कठिन हैं। पूरी तरह उबले अंडे। यह बहुत कठिन नहीं है। मुख्य बात है अंडे पकाएं हमेशा की तरह पानी में। अलावा, हमें दूध का एक कार्टन, कुछ रबर बैंड और एक टूथपिक प्राप्त करना होगा। हम कार्डबोर्ड के साथ एक तरह की नाव बनाएंगे, जिस पर हम अंडे को रखेंगे और इसे रबर बैंड द्वारा रखी गई छड़ी से दबाकर दिल का खांचा बना लेंगे। यह ट्यूटोरियल यह आपकी सेवा कर सकता है। और अंत में, सॉसेज। जितना हम सोच सकते हैं, उससे कहीं ज्यादा आसान है। पक जाने पर, हम सॉस को आधी लंबाई में काट लेंगे, लेकिन अंत तक नहीं पहुंचेंगे। सॉसेज के दो हिस्सों को सावधानीपूर्वक मोड़ो ताकि वे अपने छोर पर मिलें। टूथपिक फैलाकर हम उनसे जुड़ते हैं। हम उन्हें गर्म करते हैं। चित्र: Letplaywithfood, बेमिसाल, फाइनआर्टअमेरिका, उपहार 21 लेख का पूरा रास्ता: रिकेटिन » व्यंजनों » नाश्ता और नाश्ता » मजेदार व्यंजनों: वेलेंटाइन डे के लिए अमेरिकी नाश्ता
ओलंपिक: बत्रा को क्लीनचिट देने के कारण एफआईएच पर बरसे मित्तल | Mittal lashed out at FIH for giving Batra a clean chit - Bhaskar Hindi Mittal lashed out at FIH for giving Batra a clean chit डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने संघ अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा को क्लीन चिट देने पर अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) पर निशाना साधा है। मित्तल ने एफआईएच सीईओ थिलेरी वेल को पत्र में लिखा है कि उनका पहला पत्र अनुशासन आयुक्त गोर्डन नर्स के लिए था। मित्तल ने इसमें कहा था कि बत्रा IOA और एफआईएच के अध्यक्ष पद के लिए योग्य नहीं हैं। मित्तल ने इस संबंध में एफआईएच को पत्र भी लिखा था। एफआईच इंटीग्रिटी यूनिट चेयरमैन व्यान स्नेल ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह बत्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, लेकिन मित्तल ने कहा है कि स्नेल के बयान की कोई अहमियत नहीं है। मित्तल ने अपने पत्र में लिखा, स्नेल के बयान की कोई अहमियत नहीं है क्योंकि मैंने बत्रा के 2016 में एफआईएच अध्यक्ष बनने पर सवाल नहीं किए थे। मेरी शिकायत 2017 में तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने को लेकर थी जो एफआईएच के नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने लिखा, मैं समझ सकता हूं कि आपको उस शिकायत पर इंटीग्रिटी अफसर के बयान को जारी करने की इतनी जल्दी क्यों थी जिसे अनुशासन समिति के कमिश्नर को भेजा गया था। सिर्फ इसलिए कि स्नेल ने बयान दिया है, इसे यह सही नहीं बना देता। इंटीग्रिटी यूनिट द्वारा जारी किए गए बयान की कोई अहमियत नहीं है। यह आंख में धूल झोंकने का अच्छा प्रयास था। मित्तल ने लिखा, मैं अभी भी कह रहा हूं कि मेरी शिकायत एफआईएच के नियमों के मुताबिक अनुशासन आयुक्त के पास भेजी गई थी और इसकी नियमों के अनुसार निपटारा होना चाहिए। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि यह सच और न्याय के लिए अपील करने की आखिरी संस्था नहीं है।
तिसरी(गिरिडीह)। प्रधानमंत्री कौशल विकास तिसरी में रविवार को संत रैदास की जयंती केंद्र के मुख्य संचालक राजकिशोर पासवान की अध्यक्षता में सिलाई, फ्रंट ऑफिस एसोसिएट कम्प्यूटर और फील्ड टेक्निकल कम्प्यूटिंग प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्रों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर और दीपक जलाकर पूजा अर्चना करने के पश्चात प्रसाद का वितरण किया। इस मौके पर इंग्लिश स्पोकेन प्रशिक्षक देवनन्दन प्रजापति, फील्ड टेक्निकल कम्प्यूटर प्रशिक्षक सूर्यदेव कुमार साव, व्यवस्थापक दशरथ साव, पप्पू वर्मा, रौशन कुमार, आशीष कुमार गुप्ता, निशा कुमारी, सिमा कुमारी, मनोज कुमार सिन्हा, नेहा कुमारी, पूजा कुमारी समेत दर्जनों लोग शामील थे। Tagged उद्घाटन, एसोसिएट, प्रशिक्षण, माल्यार्पण पूर्व सांसद तिलकधारी सिंह किया उद्घाटन जमुआ(गिरिडीह)। कांग्रेस के पूर्व सांसद तिलकधारी प्रसाद सिंह ने गुरुवार को जमुआ बाजार में कांग्रेस के चुनावी कार्यालय का उद्घाटन किया। मौके पर कांग्रेस प्रत्याशी डॉ मंजु कुमारी उपस्थित थीं। इस दौरान पूर्व सांसद ने कहा कि जमुआ विधानसभा सभा क्षेत्र में कांग्रेस की लहर है। क्षेत्र के किसान, […] पाकुड़ में चुनाव संपन्न कराने जायेंगे 96 कर्मी गिरिडीह। लोकसभा चुनाव को लेकर बुधवार को शहर के सर जेसी बोस बालिका उच्च विद्यालय में मतदानकर्मियों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें गिरिडीह जिले से पाकुड़ जिले में चुनाव कार्य हेतु प्रतिनियुक्त 96 कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके लिए पाकुड़ जिले से […]
Plasma preparation machine will start soon, MLA Sarraf inspects the hospital - Haryana Bhiwani Common Man Issues News जागरण संवाददाता भिवानी विधायक घनश्याम सर्राफ ने सामान्य अस्पताल का निरीक्षण किया और सफाई जागरण संवाददाता, भिवानी : विधायक घनश्याम सर्राफ ने सामान्य अस्पताल का निरीक्षण किया और सफाई व्यवस्था जांची। वार्डों के निरीक्षण के दौरान महिला मरीजों से पूछा कि बीमारी का इलाज ठीक हो रहा है, कोई परेशानी तो नहीं आ रही है। विधायक सर्राफ ने अस्पताल की व्यवस्था पर संतोष जताया और जिस वार्ड में वे गए, उन्होंने उसी वार्ड में मरीजों को फल वितरित किए। साथ ही उन्होंने अस्पताल में चिकित्सकों की कमी को पूरा करवाने तथा अस्पताल में रखी प्लाजमा तैयार करने की मशीन को शीघ्र चालू करवाए जाने का भरोसा दिलाया। 11 बजे विधायक घनश्याम सर्राफ सामान्य अस्पताल पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले ब्लड बैंक का निरीक्षण किया। ब्लड रखने की व्यवस्था के बारे में चिकित्सकों से जानकारी ली। उसके बाद विधायक चिकित्सकों की टीम के साथ सामान्य वार्ड पहुंचे। वहां पर मरीजों का हालचाल जाना, जच्चा बच्चा वार्ड में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। करीब एक घंटे तक अस्पताल का निरीक्षण किया। मौके पर उन्होंने सफाई व्यवस्था भी जांची। इस दौरान अस्पताल की पूरी टीम उनके साथ रही। सामान्य अस्पताल प्रशासन ने बताया कि 88 प्रतिशत चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। साथ ही अस्पताल में रखी प्लाज्मा डोनेट करने की मशीन जल्द शुरू करवाई जाए। जिस पर विधायक सर्राफ ने तत्काल इन मांगों पर संबंधित विभाग के मंत्री व सीएम से बातचीत कर हल करवाए जाने का आश्वासन दिया। सीएमओ डा. रघुबीर शांडिल्य ने बताया कि सोमवार को विधायक घनश्याम सर्राफ ने सामान्य अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाएं, मरीजों को दी जाने वाली सुविधाएं किस तरह बेहतरीन की जा सकती है। इस पर भी विचार किया।
'सरकार किसानों पर तो मुकदमा लिख ही रही, खबर दिखाने वाले पत्रकारों को भी भेज रही जेल' - SMTV India 'सरकार किसानों पर तो मुकदमा लिख ही रही, खबर दिखाने वाले पत्रकारों को भी भेज रही जेल' सहारनपुर: सहारनपुर पहुंचे कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ हरदम खड़ी रहेगी जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं होंगे। किसान आंदोलन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी तानाशाह की सरकार है। किसानों की आवाज दबाई जा रही है। दमन की राजनीति की जा रही है। किसान 69 दिनों से धरने पर बैठा है, तीन काले कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि कृषि कानून के द्वारा जबरदस्ती किसानों की जमीन लेना और उसी जमीन पर उनको मजदूर बनाने की जो सरकार की साजिश है। इसका विरोध पूरा देश, नौजवान, किसान कर रहा है। जहां बीजेपी सरकार को समस्या का समाधान करना चाहिए, लेकिन सरकार तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख देने का काम कर रही है। अब तो बीजेपी सरकार अपने हथकंडों से आंदोलन को तितर-बितर कर देना चाहती है। सरकार किसानों पर तो मुकदमा लिख ही रही है, वही किसानों की खबर दिखाने वाले पत्रकारों पर भी मुकदमे कर उनको जेल भेजा जा रहा है। Suspicious Status- आपसी मतभेद की लड़ाई में निर्माणाधीन… रेत माफियाओं के खिलाफ ग्वालियर प्रशासन की बड़ी कार्यवाही, एक… कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि 26 जनवरी पर लाल किले पर झंडा लगाने वाला शख्स जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। पूरा देश जानता है वह किसके आदमी हैं, लेकिन उनके ऊपर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। लेकिन धरती के भगवान किसान को जबरन उठाकर जेलों में डाल रही है। सहारनपुर पहुंचे कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने संगठन सृजन अभियान के अंतर्गत सहारनपुर के गंगोह कस्बे में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें न्याय पंचायत और ग्राम सभा की इकाइयों का गठन किया गया। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सहारनपुर के लाल निशांत शर्मा के घर पहुंच कर शहीद को श्रद्धांजलि दी। सहारनपुर के निक्कू सरदार द्वारा विभिन्न कार्यकर्ताओं ने बसपा को छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता को ग्रहण किया।
आध्यात्मिक आयोजन के रूप में उभरा नवरात्र प्रभात फेरी कार्यक्रम - shardiya navratri 2021 Updated: 13 Oct, 2021 01:26 PM 2021-10-13T13:23:28+05:30 2021-10-13T13:26:38+05:30 कटड़ा, (अमित): कटड़ा शहर श्री माता वैष्णो देवी मंदिर का आधार, नवरात्रों के दौरान प्रतिदिन प्रभात फेरी का साक्षी रहा है और यह नवरात्र महोत्सव-2021 की एक आध्यात्मिक घटना के रूप में उभरा है कटड़ा, (अमित): कटड़ा शहर श्री माता वैष्णो देवी मंदिर का आधार, नवरात्रों के दौरान प्रतिदिन प्रभात फेरी का साक्षी रहा है और यह नवरात्र महोत्सव-2021 की एक आध्यात्मिक घटना के रूप में उभरा है, क्योंकि यह सीधे मां वैष्णो देवी की भक्ति से जुड़ता है। यहां यह उल्लेख करना उचित है कि बहुत समय पहले भारत के अतीत के दौरान, गांवों के लोग सूरज की किरणों से पहले सुबह जल्दी उठते थे और गांव के चक्कर लगाते और भजन गाते थे। ऐसा माना जाता है कि प्रभात फेरी अच्छी आत्माओं का आह्वान करती है और बुरी आत्माओं का पीछा करती हैं। भक्तों और स्थानीय लोगों सहित नागरिक और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रभात फेरी में भाग लिया, जिसे प्रभात फेरी के जम्मू-कश्मीर एसोसिएशन द्वारा एसएमवीडी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के सक्रिय समर्थन से आयोजित किया गया। वहीं 6 वें नवरात्र के अवसर पर अजय शर्मा सहायक कार्यपालक अभियंता ने अश्विनी कटोच प्रमुख शिक्षाविद् एवं सामाजिक कार्यकर्ता, शिव कुमार शर्मा पूर्व अध्यक्ष होटल एंड रैस्टोरैंट एसोसिएशन ऑफ कटड़ा एवं धर्मवीर हुडा प्रमुख पर्यटन नेता की उपस्थिति में लाल रिबन काटकर और हरे नारियल तोड़कर प्रभात फेरी का उद्घाटन किया एवं उसे जम्मू-कश्मीर की समृद्ध धार्मिक संस्कृति को दर्शाते हुए बस स्टैंड कटड़ा से रवाना किया। प्रभात फेरी शिव मंदिर, बाण गंगा रोड, योगाश्रम, हनुमान मंदिर, शीतला माता मंदिर से होते हुए बस स्टैंड पर समाप्त हुई। राजस्थान, हिमाचल, उड़ीसा और जम्मू-कश्मीर के आरओबी समूह ने दुर्गा दास के नेतृत्व में प्रभात फेरी में भाग लिया। आज बलदेव और चिंतामणि मोहल्ला का समूह नवरात्र उत्सव प्रभात फेरी में शामिल हुआ और उसमें और उत्साह का संचार किया। इसके उपाध्यक्ष बाबू राम, रतन चंद और अन्य सदस्यों के नेतृत्व में वरिष्ठ नागरिक मंच भी नवरात्र उत्सव प्रभात फेरी में शामिल हुए। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि प्रभात फेरी आध्यात्मिकता को उजागर करने के अलावा वातावरण की शुद्धि का प्रतीक है, क्योंकि यह बुरी आदत को तोड़ता है और नई आदत बनाता है जो स्वास्थ्य और जीवन शैली के लिए अनुकूल है। प्रभात फेरी के जम्मू-कश्मीर संघ के अध्यक्ष राज कुमार आधा ने प्रभात फेरी की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता पर प्रकाश डाला और कहा कि यह आयोजन निश्चित रूप से राज्य में शांति लाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमें बुरी ताकतों को त्यागकर मां कालरात्रि के नक्शेकदम पर चलना चाहिए और शुद्धिकरण करना चाहिए। हमारी आत्माएं जो हमें सदाचार और आंतरिक शक्ति के मार्ग पर ले जाएंगी। प्रभात फेरी के समापन के बाद एसोसिएशन के सदस्यों द्वारा मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करने के लिए एक समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बाबू राम दुबे, रमणीक शर्मा, मनोज सदोत्रा, रतन शर्मा, अमन महाजन, राकेश दुबे, राज कुमार मेंगी, अरुण शर्मा, अर्जुन शर्मा, मंगत राम, नरेश कुमार, रेणुजी धर, संजय टिक्कू, पीएन राणा, रोहित, राजिंदर सिंह और अन्य आदि उपस्थित थे।
बुंदेलखंड में बोले PM मोदी-जो वोट के लिये मरते हैं वो देश को मरवाते हैं – समाचार क्यारी सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस पर जाति और धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को कहा कि आतंकवाद का समूल विनाश और देश को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिये भाजपा को पूर्ण बहुमत की जरूरत है। बांदा के कृषि विश्वविद्यालय के मैदान पर आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जातिपात और धर्म के नाम पर वोट हासिल करने की कोशिश करने वाले आतंकवाद की खुली मुखालफत नहीं कर सकते है क्योंकि उन्हे डर है कि इससे उनका वोट बैंक खिसक जायेगा। जाति पात की राजनीति वाले दलों पर अलीगढ का ताला लगना तय है। उन्होने कहा '' क्या सपा बसपा अथवा कांग्रेस ने आतंकवाद के खात्मे की कोई योजना बना रखी है। बिल्कुल नहीं बल्कि ये इतना डरे हुए है कि आतंकवाद के खिलाफ बोलेंगे तो उनका वोट बैंक खिसक जायेगा। जो अपने वोट के लिये मरते है वो देश को मरवाते है। मोदी अपने लिये नहीं बल्कि देश के लिये पैदा हुआ है। जातिवाद और अवसरवाद को सबक सिखाना है ताकि राजनीतिक दलों को संदेश जाये और वह देश को मजबूत करने में जुट जायें।'' पीएम मोदी ने कटाक्ष किया '' इन दिनों सपा बसपा वाले मेरी जाति का सर्टिफिकेट बांट रहे है जबकि कांग्रेस के नामदार मोदी के बहाने पूरे पिछड़े समाज को ही गाली देने में लगे हैं। ये जात-पात, पंथ-संप्रदाय तक ही सोच सकते हैं। ये एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बात तक करना नहीं चाहते। भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, झांसी की रानी और सुभाष चंद्र बोस समेत एक भी महापुरुष को अपनी जाति से नहीं जाना जाता बल्कि अपने कार्यों से जाना जाता हैं।'' लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत का दावा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पहले तीन चरणों में भाजपा के प्रति मतदाताओं के रूझान से विपक्ष बुरी तरह घबराया हुआ है। इसका उदाहरण है कि विपक्ष के जो नेता इससे पहले उन्हें गाली दे रहे थे, वे अब ईवीएम को गाली दे रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश में 20-40 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों के नेता भी प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखते है। ऐसे ही देश में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली भाजपा भी उन्हे प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहती है। अब निर्णय जनता को करना है कि वे किसे इस कुर्सी पर देखना चाहते हैं। उन्होने कहा कि 21वीं सदी में पैदा हुए युवाओं के सामने पूरी सदी पड़े है। वह क्या चाहता है वो न तो नेता जानते है और न राजनीतिक पंडित जान सके। 80 प्रतिशत नौजवान विकास के साथ खड़े है। दरअसल, जमीन से पूरी तरह कट चुके लोग इस बार अपने ही बनाये खेल में फंस गए हैं। इनको पता ही नहीं चला कि यह 21वीं सदी का मतदाता है जो अतीत का बोझ नहीं बल्कि भविष्य के सपने पूरे करने में विश्वास करता है। इन सपनो को पूरा करने के लिए वह खपने को तैयार है। पहली बार मताधिकार का प्रयोग करने वाला यह वर्ग इन नेताओं की समझ से बाहर है। प्रधानमंत्री ने कहा '' जाति पात की राजनीति करने वाली कांग्रेस ने सिर्फ व्यक्ति-व्यक्ति में ही भेद नहीं किया बल्कि क्षेत्रों के आधार पर भी भेदभाव किया। आप मुझे बताइये हमारे देश के महान बलिदानी भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, झांसी की रानी और सुभाष चंद्र बोस किस जाति के थे। एक भी महापुरुष अपनी जाति से नहीं जाना जाता बल्कि अपने कार्यों से जाना जाता हैं। हर कोई भारतवासी था। बुंदेलखंड में पानी की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा '' यहां की बहनों का पानी को लेकर किये संघर्ष अनुभव करता हूं। मैंने यह दर्द करीबी से देखा है। इस चुनौती को भी इस चौकीदार ने स्वीकार किया है। जैसे पहले चूल्हे के धुंए से निजात दिलायी, उसी तरह अब बारी पानी की समस्या से निपटा जाएगा। नयी सरकार बनने के बाद पानी की समस्या दूर करने के लिए मिशन मोड पर काम किया जाएगा।'' उन्होने कहा कि भाजपा गठबंधन की सरकार के दोबारा सत्ता में आने पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से पांच एकड़ की शर्त हटाकर इसका लाभ देश के सभी किसानों को पहुंचा जायेगा। जनहित के लिए बड़ काम तभी होते हैं जब समर्पण भाव से काम किया जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड में खेती के साथ-साथ औद्योगिक विकास के सभी उपाय किये जा रहे है। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना इस पूरे क्षेत्र में विकास की क्रांति लायेगी जबकि झांसी से आगरा के बीच बन रहा डिफेंस कॉरिडोर देश में ही सेना के लिए अस्त्र शस्त्र बनाने के अभियान को मजबूत करेगा। उन्होने कहा ''बुंदेलखंड में मां भारती के गौरव गान की पुरानी परम्परा है। आज जब मैं यहां पहुंचा तो एक वीर जवान को नमन करने का मौका मिला। वो कतार में मेरे स्वागत के लिए खड़ थे। जब संसद में हमला हुआ था तो इसी धरती के उस वीर जवान छह गोलियां झेली थीं। '' प्रधानमंत्री ने कहा, '' हमने संकल्प लिया है कि पानी के लिए अलग से जलशक्ति मंत्रालय बनाया जाएगा, जिसका अलग से बजट होगा। नदियां हों, समंदर हों, वर्षा का पानी हो, जितने भी संसाधन हैं सब जगह से तकनीक का उपयोग करके त्ररूरतमंद क्षेत्रों में जल पहुंचाया जाएगा।
आंसू गैस के गोले दागे गए, कारसेवकों पर लाठियां बरसाई गईं, लेकिन दृढ़निश्चयी रामभक्तों ने न तो पलटवार किया और न ही आंदोलन किया और न ही लड़खड़ाए। अचानक सुरक्षाकर्मियों ने फायरिंग कर जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। कई हिंदू भक्तों को निशाना बनाया गया और गोली मार दी गई। What's Happening On Koo रजत के.मिश्र, Twitter - rajatkmishra1 Oct 10 2022 11:55AM Boost News इनपुट- श्वेता सिंह, लखनऊ, [email protected] समाजवादी पार्टी के संरक्षक रहे मुलायम सिंह यादव का सोमवार को गुरुग्राम में निधन हो गया। 82 वर्षीय मुलायम, लंबे वक्त से अस्पताल में भर्ती थे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद राज्य सरकार ने 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। दिवंगत मुलायम सिंह यादव से जुड़ी एक घटना तो सबको याद ही होगी। अयोध्या मामले से ऐसा कौन है जो वाकिफ नहीं होगा। अयोध्या का गोलीकांड वो दिन था 30 अक्टूबर साल 1990 जब अयोध्या में कारसेवकों की भीड़ इकट्ठा हो गयी। कार्तिक पूर्णिमा के शुभ दिन पर सुबह 9 बजे थे जब हिंदू संत और हजारों कारसेवक, जिनमें महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल थे; ने राम जन्मभूमि स्थल की ओर अपना मार्च फिर से शुरू किया, जहां विवादित ढांचा खड़ा था। सुरक्षा बलों, जिन्हें हिंदुओं को साइट पर पहुंचने से रोकने का निर्देश दिया गया था, रास्ता अवरुद्ध करने के लिए सड़क पर खड़े हो गए। जब सुरक्षाकर्मियों ने हिंदू भक्तों को रोकने की कोशिश की, तो वे वहीं बैठ गए और भगवान राम के नाम का जाप और भजन सुनाने लगे। उन्होंने आगे बढ़ने से रोकने के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों के पैर छुए। हर बार जब वे ऐसा करते तो सुरक्षाकर्मी पीछे हट जाते और कारसेवक आगे बढ़ जाते। निहत्थे होते हुए भी कारसेवक अडिग रहे। सड़कों पर हुआ हिंदुओं का नरसंहार- यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक आईजी ने आदेश पारित नहीं किया और पुलिस कर्मी हरकत में नहीं आए। आंसू गैस के गोले दागे गए, कारसेवकों पर लाठियां बरसाई गईं, लेकिन दृढ़निश्चयी रामभक्तों ने न तो पलटवार किया और न ही आंदोलन किया और न ही लड़खड़ाए। अचानक सुरक्षाकर्मियों ने फायरिंग कर जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। कई हिंदू भक्तों को निशाना बनाया गया और गोली मार दी गई। ऐसा माना जाता है कि सुरक्षाकर्मियों ने राम जन्मभूमि की ओर जाने वाली हर गली में हिंदुओं का शिकार किया और उन्हें निशाना बनाया और कुछ ही समय में सड़कें युद्ध क्षेत्र में बदल गईं। सुरक्षा कर्मियों ने न तो घायलों को मदद की पेशकश की और न ही किसी और को उनकी मदद करने की अनुमति दी। पुलिस के पास फायरिंग का कोई पूर्व लिखित आदेश नहीं था। दरअसल, पुलिस द्वारा फायरिंग किए जाने के बाद जिलाधिकारी ने आदेश पर दस्तखत किए थे. किसी कारसेवक के पैर में गोली नहीं लगी। सभी के सिर और सीने में गोली मारी गई है। जिसका मतलब है कि सुरक्षाकर्मियों ने जान से मारने और घायल करने के इरादे से फायरिंग की थी। तब मुलायम सिंह थे मुख्यमंत्री- जिस समय यह घटना हुई उस समय मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। मुलायम सिंह ने इस घटना के 23 साल बाद खुलासा किया था कि आखिर उन्होंने कार सेवकों पर गोली क्यों चलवाई थी। मुलायम ने बताया था कि उस समय मेरे सामने मंदिर-मस्जिद और देश की एकता का सवाल था। आगे उन्होंने बताया कि बीजेपी वालों ने अयोध्या में 11 लाख कारसेवकों की भीड़ इकठ्ठा कर दी।यह भीड़ लगातार बेकाबू होती जा रही थी जिसे कंट्रोल करना मुश्किल होता जा रहा था ऐसे में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए मुलायम सिंह यादव ने पुलिस को उनपर गोली चलाने का आदेश दे दिया। इस गोलीबारी में 28 लोगों की मौत हो गयी थी। आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव ने इस खुलासे के दौरान कहा था कि उन्होंने देश की एकता के लिए अयोध्या में गोली चलवाई थी। अगर गोली नहीं चलती तो मुसलमानों का देश से विश्वास उठ जाता। उन्होंने कहा था कि गोली चलने का अफसोस उन्हें है मगर देश की एकता के लिए और जानें भी जातीं तो भी वो पीछे नहीं हटते। सहयोग करें हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें। Pay ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प Comments संबंधि‍त ख़बरें ताजा समाचार ઘારીના ખીચા દેવળા રોડ પર અકસ્માતની ઘટના बजरंग दल नेता के हत्यारे का एनकाउंटर...UP पुलिस ने बिलाल की टांग में मारी गोली હિંમતનગર પોલીસે લોખંડ ગેંગના બે શખ્સોને ચોરીની એક્ટિવા સાથે ઝડપ્યા કેરળના અદાણી પોર્ટના વિરોધમાં પોલીસ સ્ટેશન પર હુમલો, 3000 લોકો સામે FIR બળજબરીપૂર્વકના ધર્માંતરણ અંગે કેન્દ્ર સરકાર કડક પગલાં લેશે, સુપ્રીમ કોર્ટમાં એફિડેવિટ Yudh Abhyas 2022: चीन सीमा पर अमेरिका के साथ भारतीय सेना का युद्धाभ्यास...औली में उतरा एमआइ-17वी5 ઈસરો જાસૂસી કૌભાંડ કેસમાં શ્રીકુમાર સહિત 4ને આગોતરાનો હાઈકોર્ટનો ચુકાદો ભૂલભરેલો Bihar: एटीएम तोड़ते धराया संदिग्ध... बचने के लिए काटा हाथ Jammu and Kashmir: जम्मू में फिर दिखा ड्रोन, घुसपैठ की बढ़ी आशंका, भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की तैनाती ભાવનગર ગ્રામ્ય ભાજપના ઉમેદવાર પુરષોત્તમ ભાઈ પહોંચ્યા બીમ્સ હોસ્પિટલ Sudarshan News Public Grievance Govt Scheme Jan Nidhi iSwadeshi वर्गों समाचार विचार धर्म-संस्कृति व्यवसाय खेल मनोरंजन वीडियो सम्पादकीय राजनीति फैक्ट चेक ताज़ा समाचार बजरंग दल नेता के हत्यारे का एनकाउंटर...UP पुलिस ने बिलाल की टांग में मारी गोली Yudh Abhyas 2022: चीन सीमा पर अमेरिका के साथ भारतीय सेना का युद्धाभ्यास...औली में उतरा एमआइ-17वी5 Jammu and Kashmir: जम्मू में फिर दिखा ड्रोन, घुसपैठ की बढ़ी आशंका, भारी मात्रा में सुरक्षाबलों की तैनाती अनुराग ठाकुर की मीडिया को नसीहत... कहा- आग, भूकंप व आतंकवाद जैसी घटनाओं की कवरेज पर अपनी जिम्मेदारी को समझें फांसी से भी डर नहीं क्योंकि जन्नत में मिलेंगी हूरें... पुलिस से बोला श्रद्धा के 35 टुकड़े करने वाला आफताब Gujarat Election: आज थम जाएगा पहले चरण का चुनाव प्रचार, बीजेपी-आप और कांग्रेस के नेताओं की ताबड़तोड़ रैली ​उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा एक्शन कई आईपीएस अधिकारियों का हुआ तबादला बिहार के दरभंगा पहुंचे संघ प्रमुख मोहन जी भागवत, प्रांतीय कार्यक्रम में हुए शामिल CM पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में विभिन्न परियोजनाओं का किया लोकार्पण व शिलान्यास गिरिराज सिंह का बड़ा बयान...कहा- संसाधन नहीं आबादी से लड़ रहे हम, भारत में एक मिनट में पैदा हो रहे 30 बच्चे
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Dizester Syrup Uses in Hindi | डाइजेस्टर सिरप के फायदे-नुकसान, उपयोग और सावधानियाँ डाइजेस्टर सिरप पेट और ग्रहणी के छालों, भाटापा (हृदय की जलन या अम्ल प्रतिवाह) और अन्य स्थितियों के उपचार के लिए निर्देशित दवा है। डाइजेस्टर सिरप पेट में एसिड को निष्क्रिय करके काम करता है। यह पेट और ग्रहणी के अल्सर के उपचार को बढ़ावा देने में भी मदद करता है। इस पोस्ट में हम डाइजेस्टर सिरप के उपयोग, लाभ, दुष्प्रभाव, एहतियात, खुराक आदि के बारे में चर्चा करेंगे। Dizester Syrup Uses in Hindi / डाइजेस्टर सिरप के प्रयोग यह कमजोर पाचन तंत्र का इलाज करता है और अम्लता में उपयोगी है और गैस्ट्राइटिस या गैस्ट्रिक अल्सर के कारण पेट के क्षेत्र में दर्द को कम करता है। बच्चों में, यह पेट के दर्द और पेट फूलने की समस्याओं में उपयोगी है। यह सूजन से राहत देता है और एक एंटीस्पास्मोडिक के रूप में कार्य करता है, भूख को उत्तेजित करता है, मूत्रवर्धक और विरोधी भड़काऊ के रूप में काम करता है। इसका उपयोग गैस्ट्रिक हाइपरएसिडिटी, हार्ट बर्न और एसिड अपच के रोगसूचक उपचार के लिए किया जाता है। यह पेप्टिक अल्सर, अपच, जठरशोथ, आंत्रशोथ, पित्त पथ की बीमारी और यकृत समारोह विकारों जैसी अन्य स्थितियों के उपचार में उपयोगी है। फोनीकुलम वल्गारे, मेंथा पिपेरिटा, नक्स मोस्चाटा, जिंजीबर ऑफिसिनैलिस, हींग, कैरम कार्वी और टर्मिनालिया अर्जुन। Dizester Syrup Benefits in Hindi / डाइजेस्टर सिरप के फायदे डाइजेस्टर सिरप एक आयुर्वेदिक स्वामित्व वाली दवा है जिसका उपयोग पाचन के लिए किया जाता है। इसमें पाचक एंजाइम और कार्मिनेटिव जड़ी-बूटियाँ होती हैं। यह लार के उत्पादन को बढ़ावा देता है जो पाचन में मदद करता है। इसमें एंटी-अल्सर और एंटी-फ्लैटुलेंट गुण होते हैं। Dizester Syrup Side effects in Hindi / डाइजेस्टर सिरप के साइड इफेक्ट डाइजेस्टर सिरप के सामान्य दुष्प्रभाव सिरदर्द, पेट दर्द, मतली, उल्टी, गैस और दस्त। How to Use Dizester Syrup / डाइजेस्टर सिरप का इस्तेमाल कैसे करें! अपने चिकित्सक द्वारा निर्देशित इस दवा को मुंह से लें। यदि आप इस दवा के तरल रूप का उपयोग कर रहे हैं, तो एक विशेष मापने वाले उपकरण/चम्मच का उपयोग करके सावधानी से खुराक को मापें। घरेलू चम्मच का प्रयोग न करें क्योंकि हो सकता है कि आपको सही खुराक न मिले। इसका अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए इस दवा का नियमित रूप से उपयोग करें। विशिष्ट औसत खुराक: जब तक अन्यथा निर्धारित न हो, डायजेस्टर को निम्नानुसार लिया जाना चाहिए: 1-2 चम्मच दिन में 2-3 बार। How to Use Dizester Syrup / डाइज़ेस्टर सिरप कैसे काम करता है? डाइजेस्टर सिरप एक चिकित्सकीय परीक्षण किया गया फार्मूला है जो कई सामान्य संक्रमणों और बीमारियों के लक्षणों को कम करने में मदद करने के लिए सिद्ध हुआ है। यह शक्तिशाली सभी प्राकृतिक उत्पाद संक्रमण के स्रोत पर उसके स्रोत पर हमला करके और उसे मारकर काम करता है, इस प्रकार आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को अन्य चीजों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है। डाइज़ेस्टर सिरप से बेहोशी हो सकती है. ऐसी स्थिति में वाहन न चलाएं और न ही मशीनरी चलाएं। शराब और अन्य एनएसएआईडी (जैसे कि इबुप्रोफेन) के साथ डाइजेस्टर सिरप लेने से गैस्ट्रिक जलन और अल्सर होने का खतरा बढ़ जाता है। शराब और अन्य NSAIDs के साथ डाइजेस्टर सिरप लेने से बचें, जब तक कि डॉक्टर द्वारा अनुमोदित न किया जाए। हालाँकि आपकी मांग, स्थान और फार्मेसी के अनुसार इसकी कीमत 188-300 रुपये तक हो सकती है। डाइजेस्टर सिरप अपच या एसिडिटी से पीड़ित लोगों के लिए एक सुरक्षित, प्राकृतिक और प्रभावी उपाय है। पेट में एसिड की अधिकता के कारण अपच होता है। अपच किसी बीमारी के कारण हो सकता है या किसी अन्य विकार का लक्षण हो सकता है। कुछ सामान्य कारण हैं: गर्भावस्था (सुबह की बीमारी) Is it safe to use? / क्या यह उपयोग करने के लिए सुरक्षित है? डाइजेस्टर सिरप लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए सुरक्षित है क्योंकि इससे कब्ज या दस्त जैसे कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। आप डाइजेस्टर सिरप को पानी के साथ या उसके बिना ले सकते हैं। कृपया उत्पाद लेबल पर खुराक के निर्देशों का पालन करें। What is Dizester Syrup? / डाइजेस्टर सिरप क्या है? डाइजेस्टर सिरप एक आयुर्वेदिक सूत्रीकरण है जो बांस, लकड़ी के सेब और नीम की अच्छाइयों को जोड़ता है। यह पाचन में सहायता करता है, आपको हल्का महसूस कराता है और मल त्याग में मदद करता है। सिरप मल को नरम करके और आंतों से गुजरना आसान बनाकर कब्ज के मुद्दे को हल करने में मदद करता है। यह आपके कोलन को मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों से भी बचाता है, जिससे आपके पाचन स्वास्थ्य में सुधार होता है। Is Dizester Syrup safe? / क्या डाइजेस्टर सिरप सुरक्षित है? हां, डाइजेस्टर सिरप उपभोग के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है क्योंकि यह बांस, लकड़ी सेब और नीम जैसे प्राकृतिक अवयवों से बना है। यह लैक्टोज़-फ्री और ग्लूटेन-फ्री भी है। How do I consume it? / मैं इसका सेवन कैसे करूं? डाइजेस्टर सिरप की 15 मि.ली. - 30 मिली (1-2 चम्मच) बराबर मात्रा में गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार या चिकित्सक के निर्देशानुसार लें।
10 सितम्बर 2021 राशिफ़ल: गणेश जी की कृपा से आज इन राशि वालो को आज मिल सकती है व्यवसायिक सफलता - Niharika Times हिंदी न्यूज़/धर्म/ज्योतिष/राशिफल/10 सितम्बर 2021 राशिफ़ल: गणेश जी की कृपा से आज इन राशि वालो को आज मिल सकती है व्यवसायिक सफलता 10 सितम्बर 2021 राशिफ़ल: गणेश जी की कृपा से आज इन राशि वालो को आज मिल सकती है व्यवसायिक सफलता 10 सितम्बर 2021 राशिफ़ल:आज के दिन मानसिक तनावों का असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ता हुआ दिखाई देगा, इसलिए हो सके तो सभी परेशानियों को भूल कर कूल रहना चाहिए. ऑफिस 10 सितम्बर 2021 राशिफ़ल: 20 अगस्त 2021 राशिफल: धन के मामले में यह राशि वाले आज रहेंगे खुशकिस्मत वहीं इन राशि वालो को हो सकता है नुकसान प्रेम, रिलेशनशिप व मैरिज लाइफ के बारे में बताती है, यह रेखाऐं आज का दिन शुभ फलदायी रहेगा। व्यापार-धंधा अच्छा चलेगा और आर्थिक लाभ मिलने की संभावना रहेगी। सभी कार्य निर्धारित रूप से योजना के अनुसार पूर्ण होंगे। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा और दिन आनंदपूर्वक बीतेगा। मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे। सहकर्मियों की मदद से अधूरे कार्य पूर्ण होंगे। सगे-संबंधियों से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। नौकरी में स्थान परिवर्तन और वेतन वृद्धि के योग हैं। कार्यक्षेत्र में प्रगति के नए द्वार खुलेंगे। आज के दिन मानसिक तनावों का असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ता हुआ दिखाई देगा, इसलिए हो सके तो सभी परेशानियों को भूल कर कूल रहना चाहिए. ऑफिस के कार्यों में अधिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग करना लाभकारी है, जिससे गलतियां नहीं होगी. व्यापारियों को सरकार के नियमों का पालन करना चाहिए, अन्यथा अर्थदण्ड भुगतना पड़ सकता है. कल की तरह आज भी हृदय रोगियों को सचेत रहना होगा, तो वहीं आसल्य भी अधिक रहेगा. कामकाज के चलते यदि परिवार को वक्त नहीं दे पा रहें हैं, तो आज जितना हो सके परिवार के सदस्यों के साथ समय व्यतीत करें. विवाह योग्य लोगों के लिए रिश्ते आ सकते हैं. 10 सितम्बर 2021 राशिफ़ल आज के दिन आपको ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होगी. कर्मक्षेत्र में कार्य को लेकर नयी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, इसे खुश होकर लेना होगा. व्यापार के मामले में नई योजनाएं बना सकते हैं, आपके साथी आपकी योजनाओं को लागू करने के लिए आपका साथ देंगे. ग्राहकों से अपना बकाया धन मांग सकते हैं, जिससे व्यवसाय में चल रही आर्थिक समस्या से कुछ राहत मिलेगी. हो सकता है दिन के अंत तक आपको स्वास्थ्य से संबंधित कुछ समस्या का सामना करना पड़े. रात को जल्दी सोना आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा. पारिवारिक वातावरण सुखद रहने वाला है. संतान के व्यवहार पर ध्यान दें. आज का दिन आपके लिए महत्वपूर्ण है इसलिए समय को न गवांते हुए अपने अनुसार कार्य को पूर्ण करने में लग जाए. कर्मक्षेत्र में जो मित्र और सहयोगी आदि हैं, वह सामंजस्य की स्थिति में चल रहें हैं जिनसे आपको लाभ होगा. जो लोग पैतृक कारोबार करते हैं, उनको पारिवारिक विवादों से दूर रहना चाहिए तो वहीं दूसरी ओर पैसे का लेने-देन भी लिखित रूप में करना सही रहेगा. जिन महिलाओं की जॉब छूट गयी थी उनको इस ओर पुनः विचार करना चाहिए, नया ऑफर प्राप्त हो सकता है. स्वास्थ्य संबंधित लापरवाही करने से बचें. परिवार के साथ समय बिताए। आज के दिन उन लोगों से संपर्क करिए, जिनसे बहुत दिनों से बात नहीं हुई है. ऑफिशियल कार्यों को देख सुनकर करें, क्योंकि लापरवाही आपकी छवि को खराब कर सकती है. साथ ही किसी भी डॉक्यूमेंट पर बिना पढ़े हस्ताक्षर न करें. व्यवसाय में निवेश करने से पहले अपने अंतर्ज्ञान का पालन करें. लीवर रोग से ग्रसित व्यक्ति अपना रूटीन चेकअप अवश्य कराएं, क्योंकि इससे संबंधित समस्या बढ़ने की आशंका है. साथ ही बहुत गरिष्ठ भोजन करने से भी बचें. आपका अहंकार घरेलू सौहार्द को प्रभावित कर सकता है. इसलिए कूल रहें. घरेलू मोर्चे पर आप कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं. आज के दिन बुद्धि से संबंधित कार्य करने में सफलता प्राप्त होगी.साथ ही सौम्य वाणी से आपको लाभ होगा, वहीं गायन से जुड़े लोगों को अच्छा मौका हाथ लग सकता है. एकाउंट्स से संबंधित जॉब करने वालों के लिए दिन शुभ है. वहीं ऑफिशियल कार्यभार अधिक रहने वाला है जिसको लेकर आप चिंतित रहेंगे. व्यापारी वर्ग अपने व्यापार बढ़ाने की प्लानिंग कर सकते हैं. ग्रहों की स्थिति में पित्त को बढ़ाने वाली है इसलिए आपको एसिडिटी से संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. हाई बीपी के मरीज भी अलर्ट रहें. जो लोग संयुक्त परिवार में रहते हैं, उन्हें आपस में तालमेल बनाकर चलना चाहिए. आज के दिन क्रोध किसी को मानसिक तौर पर चोट पहुंचा सकता है, ऐसे में वाणी को विराम लगाकर रखना उत्तम रहेगा. जो बैंक में जॉब करते हैं खासकर केशियर की पोस्ट पर हैं तो उनको पैसे के लेनदेन पर ध्यान रखना होगा. व्यापारी वर्ग अपने काम को किसी भी प्रकार का जोखिम लिए बगैर धैर्य के साथ करें, नहीं तो काम के अस्त व्यस्त होने की आशंका है. स्वास्थ्य की दृष्टि से जिन लोगों को आराम नहीं मिल रहा है, वह एक बार पुनः बीमारी का परीक्षण कराएं. रक्त दान करने का अवसर प्राप्त हो तो पूरे परिवार को महा दान करना चाहिए. Aaj ka dainik rashifal Aaj ka dainik rashifal 2021 आज का दैनिक राशिफल आज का दैनिक राशिफल 2021 आज का राशिफल
केंद्र की मोदी सरकार दस हजार सालों की सबसे बुरी सरकार: शिवसेना - Kohram Hindi News केंद्र की मोदी सरकार दस हजार सालों की सबसे बुरी सरकार: शिवसेना नोटबंदी के मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाना पर लेते हुए केंद्र और महाराष्ट्र में अहम सहयोगी शिवसेना ने कहा कि इतनी बहरी और निर्मम सरकार 10 हजार साल में नहीं आई. शिवसेना ने केंद्र की मोदी सरकार दस हजार सालों की सबसे बुरी सरकार बताया हैं. पार्टी ने कहा कि भाजपा नेता काल्पनिक दुनिया में रह रहे हैं, वे सोचते हैं कि महिलाओं तक को बेहद मुश्किल में डालने वाली इस कवायद से वे कालेधन को खत्म कर पाएंगे. शिवसेना का कहना है कि बीजेपी नेताओं को यह भ्रम है कि नोटबंदी की कवायद से सारा कालाधन रद्दी बन गया है. मुखपत्र सामना में दिल्ली में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कार्यालय के सामने महिला के निर्वस्त्र होने का उल्लेख करते हुए लिखा, 'एक अबला सड़क पर खुलेआम सड़क पर कपड़े उतारकर सरकार को बहिष्कृत करती है, यह भी दिल्ली की सड़क पर घटा पुरस्कृत निर्भया कांड ही है. सामना में आगे कहा गया कि "हम मुख्यमंत्री (महाराष्ट्र के) से पूछना चाहते हैं कि आप किस तरफ हैं, नोटबंदी के या इस असहाय महिला के… अगर सरकार इस महिला की परेशानी को देख और समझ नहीं सकती तो ऐसा निर्दयी और बहरा शासन पिछले 10 हजार साल में नहीं रहा होगा. अगर आप इस महिला के कृत्य को राष्ट्रवाद कहते हैं तो आपके दिमागों का इलाज करने के लिए तालिबानी डॉक्टर की जरूरत है। महिलाओं के खिलाफ ऐसा अत्याचार सिर्फ तालिबानी शासन में ही होता है."
Ram Janmabhoomi Ayodhya: अयोध्या को बनाया जाएगा वर्ल्‍ड क्लास सिटी, रामनगरी का अध्ययन कर सलाहकारों का दल तैयार करेगी पूरी रुपरेखा | 🇮🇳 LatestLY हिन्दी देश Team Latestly| Feb 17, 2021 12:38 PM IST भगवान श्री राम के मंदिर की प्रतीकात्मक तस्वीर ( फोटो क्रेडिट- ANI ) नई दिल्ली, 17 फरवरी 2021. अयोध्या में भव्य राम मंदिर (Ram Janmabhoomi Ayodhya) बनने जा रहा है. इसके लिए बड़ी तादात में लोग चंदा दे रहे हैं. जानकारी के अनुसार राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए 1000 करोड़ रुपये बैंक अकाउंट में आ गए हैं. इसी बीच खबरें है कि राम की नगरी अयोध्या को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाया जाएगा. इसे लेकर जल्द ही पूरा ब्लूप्रिंट तैयार होगा और फिर उसके हिसाब से काम आगे बढेगा. बता दें कि रामनगरी अयोध्या को वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने के मद्देनजर ग्लोबल कंसल्टेंट एजेंसी एलईए एसोसिएट्स व उसकी सहयोगी एजेंसियां जल्द आ रही है. वे यहां रहेंगी पूरी तरह से अयोध्या का अध्ययन कर रूप रेखा तैयार करेंगी. रिपोर्ट के अनुसार 18 फरवरी के दिन 11 सदस्यीय दल अयोध्या पहुंचने वाला है. यह भी पढ़ें-Ram Mandir Donation: राम मंदिर के चंदे को लेकर सियासत जारी, एचडी कुमारस्वामी ने आरएसएस की तुलना जर्मनी के नाजियों से की उल्लेखनीय है कि अयोध्या की रामनगरी का नया मॉडल बनाने के लिए 9 फरवरी को एक बैठक में ग्लोबल कंसल्टेंट एजेंसी का चयन किया गया है. दूसरी तरफ राम मंदिर के चंदे को लेकर देश में सियासी पारा गरमाया हुआ है. कांग्रेस सहित कई पार्टियों के नेताओं ने मंदिर निर्माण के लिए इक्कठा किये जा रहे चंदे को लेकर सवाल उठाए हैं. ayodhya Ayodhya Ram Mandir Donation Ram Mandir Construction Ram Mandir Donation अयोध्या अयोध्या राम मंदिर उत्तर प्रदेश राम मंदिर ट्रस्ट राम मंदिर डोनेशन राम मंदिर धन संग्रह अभियान राम मंदिर निर्माण विश्व हिन्दू परिषद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट
लोकसभा चुनाव के लिए सपा, बसपा के गठबंधन का ऐलान - Uttarakhand News Home » »Unlabelled » लोकसभा चुनाव के लिए सपा, बसपा के गठबंधन का ऐलान आगामी लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) ने औपचारिक रूप से गठबंधन का ऐलान कर दिया. गठबंधन का ऐलान बसपा सुप्रीमो मायावती ने संवाददाता सम्मेलन में किया. उन्होंने गठबंधन को एक नई राजनीतिक क्रांति करार दिया और कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ा देगा. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि गठबंधन के पास भाजपा को फिर से सत्ता में आने से रोकने की क्षमता है.
महाभारत के खूनी युद्ध को दुनिया जानती है। ये युद्ध कौरवों और पाडंवों के बीच हुआ था। जिसमें पांडवों की जीत हुई थी। जिस जमीन पर ये युद्ध लड़ा गया था उसे कुरूक्षेत्र के नाम से दुनिया जानती है। और कहा जाता है कि, इस मैदान में आज भी लाल मिट्टी निकलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं ? महाभारत का ये युद्ध कुरूक्षेत्र में ही क्यों लड़ा गया था। आज हम आपको इसी रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं।कुरुक्षेत्र की धरती को महाभारत के युद्ध के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने ही चुना था, लेकिन उन्होंने कुरुक्षेत्र को ही महाभारत युद्ध के लिए क्यों चुना, इसके पीछे एक गहरा रहस्य छुपा है। शास्त्रों के मुताबिक, महाभारत का युद्ध जब तय हो गया तो उसके लिये जमीन तलाश की जाने लगी। भगवान श्रीकृष्ण इस युद्ध के जरिए धरती पर बढ़ते पाप को मिटाना चाहते थे और धर्म की स्थापना करना चाहते थे। कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण को ये डर था कि भाई-भाइयों के, गुरु-शिष्यों के और सगे-संबंधियों के इस युद्ध में एक दूसरे को मरते देखकर कहीं कौरव और पांडव संधि न कर लें। इसलिए उन्होंने युद्ध के लिए ऐसी भूमि चुनने का फैसला किया, जहां क्रोध और द्वेष पर्याप्त मात्रा में हों। इसके लिए श्रीकृष्ण ने अपने दूतों को सभी दिशाओं में भेजा और उन्हें वहां की घटनाओं का जायजा लेने को कहा। सभी दूतों ने सभी दिशाओं में घटनाओं का जायजा लिया और भगवान श्रीकृष्ण को एक-एक कर उसके बारे में बताया। उसमें से एक दूत ने एक घटना के बारे में बताया कि कुरुक्षेत्र में एक बड़े भाई ने अपने छोटे भाई को मामूली सी बात पर मार दिया है। और यहां पर पाप भी बहुत ज्यादा है।दूत द्वारा सुनाई इस सच्ची घटना को सुनकर श्रीकृष्ण ने तय किया कि यही भूमि युद्ध के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। इसके बाद उन्होंने महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में करवाने का एलान कर दिया। https://www.bharatkhabar.com/shooting-start-of-upcoming-movie-akshay-kumar/ क्योंकि भगवान कृष्ण इस युद्ध के परिणामों के बारे में बहुत अच्छे से जानते थे। इसलिए उन्होंने ऐसे स्थान को चुना जहां पर पाप हो। इसलिए पाप के नाश के लिए उन्होंने कुरूक्षेत्र की धरती को चुना।
एक 42 साल की साधारण महिला ने अपनी मेहनत के दम पर 25 करोड़ की कंपनी खड़ी कर डाली. कहते है जब इंसान मेहनत करने पर अमादा हो जाता है तो वो ना तो उम्र देखता है ना पुरुष-महिला बस अपने पथ पर चलता ही चला जाता है. 42साल की दिव्या के मन में हमेशा से ही कुछ बड़ा करने की तरंग रहती थी, अपने इसी जज्बे के चलते उन्होंने आज 25 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी. आइये जानते है कैसे दिव्या ने अपनी उम्र के दायरे को तोड़ बनाया अपने आप को बिजनेस वुमन दिव्या ने महिला होने की सीमा लाँघ किया इंटीरियर कोर्स दिव्या को अपने बड़े बेटे को कॉलेज भेजने के बाद, जो वक्त बचता था. उसी समय उनके मन में इंटीरियर डिजाइनिंग कोर्स करने का विचार आया. उनका ये संघर्ष भरा सफ़र साल 2004 को शुरू हुआ था, जोकि उनकी उम्र से ताल्लुक रखने वाली हर महिला के लिए संभव नहीं है. आज के समय में दिव्या एक सक्सेस फुल इंटीरियर डिजाइनर बन चुकी है. अबतक दिव्या की कंपनी 250 से अधिक मल्टीनेशनल कम्पनियों के ऑफिसों को सक्सेसफुली डिजाईन कर चुकी है. बड़े बड़े ब्रांड्स है इस दिव्या के कस्टमर बात करे दिव्या के कस्टमरों की तो वो सिर्फ टर्नकी इंटीरियर डिजाइनिंग प्रोजेक्ट्स पर ही काम करना पसंद करती है. अब तक वो बहुत मल्टी नेशनल कंपनियों के साथ काम कर चुकी है. इनके कस्टमर बड़े-बड़े ब्रांड्स है जैसे की ओलंपस, कोन, विलियम ग्रांट्स एंड संस, एबट, पैनासोनिक, कोरस, टोयोटा इत्यादि . युवाओं के लिए प्रेरणा बनी दिव्या आज के दौर में जहाँ महिलाओं के सपने बेहद ही सीमित होते है वही दिव्या ने 42 साल की उम्र में भी अपनी मेहनत से अपनी किस्मत चमका डाली. उन्होंने अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ जिस तरह ट्रेनिंग ली वो काबिले तारीफ है. आज के समय में दिव्या के एक सफल बिजनेस वूमेन के तौर पर काम कर रही है. दिव्या न केवल तमाम महिलाओं के लिए बल्कि युवा पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा बन चुकी हैं. आज दिव्या साबित कर चुकी है कि किसी भी चीज़ को शुरू करने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती. यदि दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ लक्ष्य का पीछा किया जाए, तो सफलता अवश्य ही आपके कदमो तले आपका स्वागत करेगी. Tagged: सफलता की कहानी Recent Posts IPL 2022 : इस दिग्गज को कोच की जिम्मेदारी सौंप सकती है लखनऊ, जानिए कैसी होगी पूरी टीम SA vs IND: दक्षिण अफ्रीका ने भारत के खिलाफ होने वाले टेस्ट सीरीज के लिये 21 सदस्यी टीम का किया ऐलान, जानिए किसे मिली जगह इन मामलों में अपने होने वाले पति विकी कौशल को बहुत पीछे छोड़ती है कैटरीना कैफ, जानकर हैरान रह जाएंगे आप शेन वॉटसन इन 5 खिलाड़ियों को मानते हैं T 20 का सबसे खतरनाक गेंदबाज, लिस्ट में 1 भारतीय खिलाड़ी का नाम शामिल
इंडियन हॉट तमिल इंजीनियरिंग के छात्र को बॉयफ्रेंड स्कैंडल वीडियो - वाउमोयबैक-तमिल द्वारा दबाए गए उसके स्तन मिलते हैं आप अश्लील वीडियो देख रहे हैं: प्रियंका भाबी Blowjob उसके पति कमबख्त हिंदी ऑडियो-अश्लील हिंदी। यह वीडियो 28-09-2018 सबसे बड़ी अश्लील वेबसाइट भारतीय सेक्स पर पोस्ट किया गया है। वीडियो की लंबाई 2 min के बारे में Mallu Xxx है। आप खोज बॉक्स का उपयोग करके अधिक गर्म अश्लील वीडियो खोज सकते हैं। मज़े करो. .. ..
Sapna Choudhary Dance Video viral from Madhya pradesh bhojpuri haryanvi punjabi bollywood Sapna Choudhary Dance Video: भोपाल के बाद पंचौर में चला सपना चौधरी के ठुमकों जादू, डांस से उड़ाया गरदा | Bollywood News in Hindi Sapna Choudhary Dance Video: भोपाल के बाद पचौर में चला सपना चौधरी के ठुमकों का जादू, डांस से उड़ाया गरदा Updated Feb 08, 2019 | 15:53 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल Sapna Choudhary Dance Video Viral from Madhya Pradesh: मध्‍य प्रदेश के भोपाल में अपने ठुमकों का जलवा द‍िखाने के बाद सपना चौधरी पचौर पहुंचीं। यहां उनके कार्यक्रम ने फैंस को दीवाना बना द‍िया। sapna choudhary madhya pradesh Sapna Choudhary Dance Video Viral from Madhya Pradesh: जानी मानी हर‍ियाणवी डांसर और सिंगर सपना चौधरी मध्‍य प्रदेश के भोपाल में अपने ठुमकों का जलवा द‍िखाने पहुंची थीं। यहां उनका कार्यक्रम बेहद शानदार रहा था। सपना ने यहां ऐसा जलवा दिखाया कि फैंस उनके इस कार्यक्रम को भूलेंगे नहीं। भोपाल के बाद सपना चौधरी पचौर पहुंचीं। यहां उनके कार्यक्रम ने फैंस को दीवाना बना द‍िया। पचौर में हुए कार्यक्रम की वीडियोज इंस्‍टाग्राम पर वायरल हो रही हैं। वीडियो में सपना पीले रंग के सूट सलवार में मंच पर अपने हुनर का जलवा दिखा रही हैं। बता दें कि सपना चौधरी (Sapna Choudhary) अब ग्‍लोबल स्‍टार बन रही हैं। हरियाणा (Haryana) से निकलकर देश के बाकी हिस्‍सों में गदर मचा रही हैं। पंजाब (Punjab), मध्‍यप्रदेश (Madhya Pradesh), उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और (Bihar) में कार्यक्रम करने जा रही हैं। इतना ही नहीं, कुछ द‍िन पहले वह नेपाल में भी अपनी अदाओं का जादू चलाकर वापस आई हैं। सपना चौधरी (Sapna Choudhary) अब न केवल हरियाणवी गानों पर ठुमकती हैं बल्‍कि भोजपुरी (Bhojpuri) में भी कार्यक्रम करती हैं। वह बॉलीवुड में भी डेब्यू करने जा रही हैं। उनकी डेब्‍यू फ‍िल्‍म दोस्‍ती के साइड इफेक्‍ट्स है। इस गाने ने बनाया सुपरस्‍टार अपने ठुमकों से लाखों का दिल जीतने वाली हरियाणवी डांसर सपना चौधरी (Sapna Choudhary) किसी ना किसी वजह से हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं। सपना चौधरी को यूट्यूब (Youtube) सेंसेशन माना जाता है। सपना हरियाणवी (Haryanvi) और भोजपुरी (Bhojpuri) लोकगीत रागिनी गाने के लिए जानी जाती हैं और साथ ही उन गीतों पर डांस करने के लिए मशहूर हैं। सबसे पहले उनका गाना सॉलिड बॉडी आया था जिसके बाद उनकी प्रसिद्ध‍ि हर तरफ हुई।
Guru Purnima 2020: आखिर क्‍यों मनाते हैं गुरु पूर्णिमा का त्योहार, यहां जानें जुलाई 5, 2020 जुलाई 16, 2020 डिजिटल टीम टॉप न्यूज New Delhi: ​जीवन में गुरु का अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण स्‍थान होता है। धर्म शास्‍त्रों में भी कहा गया है क‍ि ब‍िना गुरु (Guru Purnima 2020) के ईश्‍वर नहीं म‍िलता। इसलिए जीवन में गुरु का होना अत्‍यंत आवश्‍यक है। सनातन धर्म में गुरु की महिमा का बखान अलग-अलग स्‍वरूपों में क‍िया गया है। इसी कड़ी में आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2020) का विशेष पर्व मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा को गुरु की पूजा की जाती है। इस बार गुरु पूर्णिमा 5 जुलाई यानी रव‍िवार को पड़ रही है। आइए जानते हैं क्‍यों मनाते हैं गुरु पूर्णिमा और क्‍या है इसका महत्‍व? सबसे पहले जान लें गुरु का अर्थ इसलिए मनाते हैं गुरु पूर्णिमा का पर्व भारतीय संस्कृति में गुरु देवता को तुल्य माना गया है। गुरु को हमेशा से ही ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान पूज्य माना गया है। वेद, उपनिषद और पुराणों का प्रणयन करने वाले वेद व्यास जी को समस्त मानव जाति का गुरु माना जाता है। महर्षि वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा (Guru Purnima 2020) को लगभग 3000 ई. पूर्व में हुआ था। उनके सम्मान में ही हर वर्ष आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाया जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन व्यास जी ने शिष्यों एवं मुनियों को सर्वप्रथम श्री भागवतपुराण का ज्ञान दिया था। अत: यह शुभ दिन व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसी द‍िन वेद व्‍यास के श‍िष्‍यों ने शुरु की थी यह परंपरा इसी दिन वेदव्यास के अनेक शिष्यों में से पांच शिष्यों ने गुरु पूजा की परंपरा प्रारंभ की। पुष्पमंडप में उच्चासन पर गुरु यानी व्यास जी को बिठाकर पुष्प मालाएं अर्पित कीं, आरती की तथा अपने ग्रंथ अर्पित किए थे। जिस कारण हर साल इस दिन लोग व्यास जी के चित्र का पूजन और उनके द्वारा रचित ग्रंथों का अध्ययन करते हैं। कई मठों और आश्रमों में लोग ब्रह्मलीन संतों की मूर्ति या समाधि की पूजा करते हैं।्र इसे भी पढ़ें : Guru Purnima 2020: गुरु पूर्णिमा पर जानें उन 7 गुरुओं को.. जिन्हें प्रलय तक याद रखेगी दुनिया इसलिए आषाढ़ में पड़ती है गुरु पूर्णिमा अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है यह आषाढ़ी पूर्णिमा वर्ष की अन्य सभी पूर्णिमाओं में इस पूर्णिमा (Guru Purnima 2020) का महत्व सबसे ज्यादा है। इस पूर्णिमा को इतनी श्रेष्ठता प्राप्त है कि इस एकमात्र पूर्णिमा का पालन करने से ही वर्ष भर की पूर्णिमाओं का फल प्राप्त होता है। गुरु पूर्णिमा एक ऐसा पर्व है, जिसमें हम अपने गुरुजनों, महापुरुषों, माता-पिता एवं श्रेष्ठजनों के लिए कृतज्ञता और आभार व्यक्त करते हैं।
आधार की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनाई जाएगी | lenden news लेनदेन न्यूज़ Home तकनीक आधार की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनाई जाएगी मुंबई। आधार की टॉप टीम डमी नंबर इंट्रोड्यूस करने की संभावना तलाश रही है, जिससे Aadhar के लिए सिक्यॉरिटी की एक और लेयर तैयार हो सके। इस सिस्टम में किसी शख्स को सरकारी एजेंसियों, प्राइवेट यूटिलिटीज, बैंकों और आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के तहत एक बैंक खाते से दूसरे में फंड ट्रांसफर करते वक्त या एटीएम से पैसा निकालते वक्त डमी यानी नकली नंबर शेयर करना होगा, न कि असल आधार नंबर। इसमें कार्डहोल्डर के अलावा 12 अंकों के आधार नंबर की जानकारी सिर्फ यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के पास होगी, जो आपको यह नंबर इश्यू करता है। इंडस्ट्री से जुड़े दो बड़े अधिकारियों ने बताया कि यूआईडीएआई में सीनियर लेवल पर इस बारे में चर्चा हुई है, लेकिन अभी तक कुछ भी फाइनल नहीं किया गया है। डमी नंबर और उसकी फ्रीक्वेंसी इस बात पर निर्भर करेगी कि इस सिस्टम को किस तरह तैयार किया जाता है। इस कॉन्सेप्ट से वाकिफ एक सूत्र ने बताया कि अगर हर आधार नंबर के बदले परमानेंट डमी नंबर दिया जाता है तो उससे फायदा नहीं होगा। आधार का मुख्य काम ऑथेंटिकेशन है। मतलब यह पता करना कि सही इंसान सेवा का इस्तेमाल कर रहा है या नहीं। इसलिए अगर कोई शख्स टेलीफोन कंपनी से ट्रांजैक्ट करते वक्त अलग डमी नंबर, बिजली कंपनी के लिए अलग डमी नंबर और पैसा ट्रांसफर करने के लिए अलग डमी नंबर इस्तेमाल करता है तो कोई यह पता नहीं लगा पाएगा कि उसका आधार नंबर क्या है। यह काफी हद तक ओटीपी की तरह काम करेगा। उन्होंने कहा कि अगर सिंगल नंबर नहीं होगा तो आधार की मदद से किसी के पर्सनल डेटा तक पहुंचना बहुत मुश्किल हो जाएगा। इस प्रपोजल पर UIADI के अंतिम रुख का पता नहीं है। इसका भी पता नहीं चल पाया है कि इसे किस फॉर्म में लाया जाएगा। इस बारे में यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय से पूछा गया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया। एक अन्य सूत्र ने बताया कि डेटा सिक्यॉरिटी के लिहाज से यह अच्छा कदम हो सकता है, लेकिन यह भी देखना होगा कि डमी नंबर अलग-अलग यूजर्स के लिए कितनी सहूलियत वाले होते हैं। सरकार की मंशा को देखते हुए बैंक, यूटिलिटी और क्रेडिट कार्ड कंपनियां कस्टमर्स से 31 दिसंबर 2017 तक आधार डिटेल देने को कह रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर सर्विस रोक दी जाएगी। आधार के विरोधी मल्टिपल सर्विस प्रोवाइडर्स से इसे लिंक करने का विरोध कर रहे हैं। वे यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि आधार पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद इन रूल्स में हो सकता है कि कुछ बदलाव हो। सुप्रीम कोर्ट आधार मामले पर 28 नवंबर से सुनवाई शुरू करेगा।
स्वनिमविज्ञान (Phonology) पर विचार करने से पहले हमें यह जानने की आवश्यकता है कि स्वन या ध्वनि (Phone) की किसी भाषा में क्या भूमिका होती है। किसी भी भाषा का आरंभ ही स्वन या ध्वनि से होता है। ध्वनि के बिना भाषा की कल्पना कठिन है। भाषाविज्ञान की इस शाखा के अंतर्गत हम ध्वन्यात्मक भाषा का अध्ययन करते हैं। यहाँ ध्यान रखने की आवश्यकता है कि स्वन (Phone) और स्वनिम (Phoneme) में एक बुनियादी अंतर है। स्वन मानव मुख से निकली हुई किसी भी प्रकार की ध्वनि है, जबकि स्वनिम किसी भी भाषा की सार्थक ध्वनियों को ही माना जा सकता है। इसीलिए स्वन या ध्वनि परिवर्तन से अर्थ परिवर्तन नहीं होता लेकिन स्वनिम के परिवर्तन से अर्थ परिवर्तन निश्चित है। स्वनिमविज्ञान की अवधारणा[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें] स्वनिमविज्ञान को किसी भी भाषा की सार्थक ध्वनियों की व्यवस्था का अध्ययन माना जा सकता है। स्वनिमविज्ञान अपनी मूल इकाई के रूप में स्वनिम (Phoneme) की संकल्पना करता है, साथ ही स्वन (Phone) तथा संस्वन, सहस्वन या उपस्वन (Allophone), उनके वितरण व अनुक्रम आदि का अध्ययन करता है।[1] स्वनिमवैज्ञानिक विश्लेषण में ध्वनिशास्त्री मानव मुख से निकलने वाली अनंत वाक् ध्वनियों को इस प्रकार कुछ सीमित ध्वनियों में व्यवस्थित करता है कि वे परस्पर अर्थभेदकता को अभिव्यक्त करने लगती हैं। अगर हम इस बात पर गौर करें तो समझ पाएंगे कि स्वनविज्ञान या ध्वनिविज्ञान (Phonetics) का अध्ययन करने वाले के लिए जहाँ मानव मुख से निकलने वाली प्रत्येक ध्वनि महत्वपूर्ण है वहीं स्वनिमविज्ञान (Phonology) का अध्ययन करने वाले के लिए केवल उन्हीं ध्वनियों का महत्व है जो कि भाषा में प्रयुक्त होने पर एक-दूसरे से अर्थ भेद प्रकट कर सकें। स्वनिमविज्ञानी के लिए अन्य ध्वनियों का कोई महत्व नहीं है। इस रूप में कहा जा सकता है कि स्वनिमविज्ञानी का कार्य वहाँ से आरंभ होता है जहाँ पर कि स्वनविज्ञानी का कार्य समाप्त होता है।[2] स्वनिम की परिभाषा[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें] हालांकि स्वनिम की सर्वमान्य, निश्चित एवं दोषरहित परिभाषा प्रस्तुत करना थोड़ा कठिन है, फिर भी विभिन्न भाषाशास्त्रियों ने व्यावहारिक ढंग से इसे परिभाषित करने का प्रयास किया है। चूंकि इस विषय में मौलिक शोध एवं विश्लेषण केवल पाश्चात्य विद्वानों ने ही किया है, इसलिए यहाँ हम उन्हीं विद्वानों में से कुछ के द्वारा दी गई परिभाषा के माध्यम से स्वनिम को समझने की कोशिश करेंगे। ब्लूमफील्ड के अनुसार 'परिच्छेदक ध्वनि-अभिलक्षण की लघुतम इकाई, स्वनिम है।'[3] (A minimum unit of distinctive sound feature, a phoneme.) डेनियल जोन्स मानते हैं कि, "स्वनिम किसी भाषा की उन ध्वनियों का परिवार होता है जो परस्पर अपने ध्वनिगुणों के कारण संबद्ध होते हुए भी इस प्रकार प्रयुक्त किये जाते हैं कि कोई भी सदस्य किसी भी शब्द में कभी भी उसी ध्वन्यात्मक परिवेश में नहीं आता जिसमें कि अन्य सदस्य आता है।" (A phoneme is a family of sounds in a given language which are related in character and are used in such a way that no one member ever occurs in a word in the same phonetic context as any other number.)[4] ब्लॉक तथा ट्रैगर के अनुसार "स्वनिम मिलती-जुलती ध्वनियों का एक ध्वन्यात्मक वर्ग है, जो भाषा में सभी समान वर्गों के साथ व्यतिरेकी और परस्पर अनन्य है।" (A phoneme is a class of phonetically similar sounds contrasting and mutually exclusive with all similar classes in the language.[5]) स्वनिम (phoneme) और संस्वन या उपस्वन (allophone)[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें] भाषावैज्ञानिकों द्वारा किसी भी भाषा की अनंत ध्वनियों को स्वन (phone), स्वनिम (phoneme) तथा संस्वन या उपस्वन (allophone) के रूप में व्यवस्थित किया जाता है। इनमें जहाँ स्वनों और संस्वनों की संख्या व रूप अपरिमित होते हैं वहीं स्वनिमों की संख्या हमेशा परिमित (15 से 50 के बीच) होती है। स्वनिम और संस्वन के बीच अंतर को निम्नानुसार स्पष्ट किया जा सकता है[6] : स्वनिम अर्थभेदक (distinctive) होते हैं, जबकि संस्वन अभेदक (non-distinctive) होते हैं। स्वनिम संस्वनों का वर्ग (प्रतिनिधि) होता है, संस्वन स्वनिम के विभिन्न सदस्य होते हैं। स्वनिम में जहाँ कई संस्वन शामिल रहते हैं, वहीं संस्वन में कोई अन्य ध्वनि शामिल नहीं रहती। इसे यूँ समझ सकते हैं कि जैसे समष्टि में कई व्यक्ति सम्मिलित रहते हैं, किंतु व्यष्टि में कोई अन्य व्यक्ति सम्मिलित नहीं रहता। किसी भी भाषा के स्वनिम परस्पर भिन्न होते हैं, वहीं एक स्वनिम के संस्वन मिलते-जुलते से लगते हैं। वितरण की दृष्टि से सभी भाषा के स्वनिम व्यतिरेकी होते हैं, किंतु एक स्वनिम के संस्वन या तो परिपूरक वितरण में होते हैं या मुक्त वितरण में। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि स्वनिमों की सत्ता मानसिक होती है, वहीं संस्वनों की भौतिक। वास्तव में हम स्वनिमों का नहीं संस्वनों का ही उच्चारण करते हैं। स्वनिम निर्धारण एवं वितरण[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें] स्वनिम अपने वितरण में व्यतिरेकी (contranstive) होते हैं। इसका आशय यह है कि जहाँ एक की उपस्थिति होगी वहाँ दूसरा नहीं आ सकता। जैसे - कमल में म और ल के वितरण को ल और म से बदल दें तो वह कलम हो जाएगा, इस प्रकार स्वनिम परिवर्तन से अर्थ परिवर्तन भी घटित होता है। हालांकि किसी स्वनिम के सहस्वन या उपस्वन (Allophone) का वितरण व्यतिरेकी न होकर परिपूरक (Complementary distribution) अथवा मुक्त (free distribution) होता है। 'पायल, पूजा, पूनम' इन तीनों के 'प' के उच्चारण में थोड़ा अंतर है 'पूजा' के साथ जो 'प' है वह 'पायल' के साथ नहीं होगा क्योंकि उनके उच्चारण में जो अंतर है वह उनके साथ आए अन्य स्वनिम के कारण है और अगर 'पूजा' वाला 'प' 'पूनम' में आ भी जाए तो अर्थ भेद नहीं होगा। वितरण की ऐसी अवस्था जब ध्वनि में अन्तर होने पर भी अर्थ-परिवर्तन नहीं होता, मुक्त वितरण (Free Distribution) कहलाता है। हिन्दी में उपस्वन या संस्वन के ऐसे प्रयोग मिल जाते हैं; उदाहरण - दीवार > दीवाल, ग़म > गम। यहाँ प्रथम शब्द में / र / - / ल और द्वितीय में / ग़ / - / ग / ध्वनियों के अतिरिक्त पूरा परिवेश समान है। इसके लिए ~ चिन्ह का प्रयोग करते हैं; यथा- दीवार > दीवाल / र / ~ / ल।[7] संदर्भ[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करें] ↑ शर्मा, देवेन्द्रनाथ. भाषाविज्ञान की भूमिका (2018 ed.). नई दिल्ली: राधाकृष्ण प्रकाशन. p. 215. ISBN 978-81-7119-743-9. ↑ शर्मा, देवीदत्त. भाषिकी और संस्कृत भाषा (1990 ed.). चंडीगढ़: हरियाणा साहित्य अकादमी. p. 197. ↑ ब्लूमफील्ड, लियोनार्ड (1968). "स्वनिम : फोनीम". भाषा (PDF) (in हिंदी). दिल्ली: मोतीलाल बनारसीदास. p. 87. CS1 maint: Unrecognized language (link) ↑ Hubbell, Allan F. (February 1951). "Daniel Jones on the Phoneme". American Speech. Duke University Press. 26 (1): 44-46. doi:10.2307/453314. ↑ Bloch, Bernard; Trager, George Leonard (1942). Outline of linguistic analysis. Linguistic Society of America at the Waverly Press. p. 40. ↑ झा, सीताराम. भाषा विज्ञान तथा हिन्दी भाषा का वैज्ञानिक विश्लेषण (2015 ed.). पटना: बिहार हिन्दी ग्रन्थ अकादमी. p. 157-58. ISBN 978-93-83021-84-0. ↑ भोलानाथ तिवारी (1999). हिन्दी भाषा की संरचना (2004 ed.). दिल्ली: वाणी प्रकाशन. pp. 12–13. "https://hi.wikiversity.org/w/index.php?title=भाषाविज्ञान/स्वनिम_विज्ञान_की_परिभाषा&oldid=32762" से लिया गया श्रेणी: CS1 maint: Unrecognized language दिक्चालन सूची व्यक्तिगत उपकरण लॉग इन नहीं किया है वार्ता योगदान खाता बनाएँ लॉग इन नामस्थान पृष्ठ चर्चा संस्करण expanded collapsed दर्शाव पढ़ें सम्पादन स्रोत सम्पादित करें इतिहास देखें और expanded collapsed खोज भ्रमण मुखपृष्ठ चौपाल समाज मुखपृष्ठ हाल में हुए बदलाव कोई भी पृष्ठ सहायता दान करें समुदाय प्रयोगपृष्ठ प्रबंधक नोटिसबोर्ड उपकरण यहाँ क्या जुड़ता है पृष्ठ से जुड़े बदलाव विशेष पृष्ठ स्थायी कड़ी इस पृष्ठ पर जानकारी छोटा यू॰आर॰एल इस पृष्ठ को उद्धृत करें प्रिंट/निर्यात पुस्तक बनायें PDF के रूप में डाउनलोड करें मुद्रणीय प्रारूप अन्य भाषाओं में कड़ी जोड़ें इस पृष्ठ का पिछला बदलाव 24 अप्रैल 2021 को 10:26 बजे हुआ था। पाठ क्रियेटिव कॉमन्स ऐट्रिब्यूशन/शेयर-अलाइक लाइसेंस के अंतर्गत उपलब्ध है; अतिरिक्त शर्तें लागू हो सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए उपयोग की शर्तें देखें।
नये साल में नये संकल्प के साथ बढ़ें आगे : डॉ० प्रणव पण्ड्या सौहार्द्रपूर्ण समाज के निर्माण से ही स्वस्थ विकास संभव : शैल दीदी हरिद्वार, 1 जनवरी। अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज में देश के कोने-कोने से आये हजारों लोगों ने 2013 का स्वागत सामूहिक ध्यान, साधना एवं हवनादि कर किया। महिला मण्डल की बहिनों द्वारा संचालित 27 कुण्डीय यज्ञशाला में प्रात:काल बड़ी संख्या में लोगों ने विशेष वैदिक मंत्रों के साथ हवन किया। इस दौरान सर्वशक्तिमान माता एवं महाकाल की विशेष आहुतियाँ प्रदान करते समाज के नवनिर्माण की प्रार्थना की गयीं। इस अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि पिछले दिनों पनपी विसंगतियों को दूर करने के लिए सामूहिक प्रयास किये जाने चाहिए। अंग्रेजी कैलेण्डर के नये साल में सभ्य, सुसंस्कृत समाज के नवनिर्माण के लिए समाज के प्रथम पंक्ति के लोगों को नि:स्वार्थ भाव से कार्य करना चाहिए।संस्था की अधिष्ठात्री शैल दीदी ने कहा कि भारत देश तभी जगद्गुरु कहलाने योग्य होगा, जब समाज के प्रत्येक वर्ग के नर-नारी स्वाभिमान के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए असहाय, गरीब, पीड़ितों की सेवा-सुश्रुषा के लिए स्वार्थ रहित होकर आगे आयेंगे। इससे पूर्व शांतिकुंज के अंतेवासी, देवसंस्कृति विवि परिवार, ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान एवं देश के कोने-कोने से आये हजारों लोगों को संस्था प्रमुख ने अपनी शुभकामनाएं दीं। व्यवस्थापक श्री गौरीशंकर शर्मा ने कहा कि वर्ष का बदलना समय के उल्लास का सूचक है और उसका सही उपयोग कर लेना उससे भी सुखद पहलू है। 2013 में रचनात्मक कार्यक्रमों को गति दें एवं नारी सम्मान के साथ कार्य कर सकें, इसके लिए आपस में मिल-जुलकर सभी संगठन, सम्प्रदायों को कार्य करना चाहिए। वहीं नववर्ष की पूर्व संध्या पर गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज में आयोजित एक कार्यक्रम में बच्चों को सम्बोधित करते हुए शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री गौरीशंकर शर्मा ने कहा कि 2012 कई मायने में अच्छा रहा, तो कहीं मूल्यांकन करने के लिए विवश किया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हुए कई शोधों ने जहाँ विज्ञान की महत्ता को स्थापित किया है। वहीं कई दुर्घटनाओं ने समाज को झकझोरा है। इस दौरान श्री शर्मा गायत्री विद्यापीठ के वार्षिक खेल समारोह में विजयी विद्यार्थियों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक से सम्मानित किया। प्रधानाचार्य कैलाश महाजन में सभी विद्यार्थियों को नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ दी।
Pavitra Rishta: Randeep Rai On Bromance With Shaheer Sheikh, "Not Too Complicated To Enact" - super hindi news Home celebrity life Pavitra Rishta: Randeep Rai On Bromance With Shaheer Sheikh, "Not Too Complicated To Enact" पवित्र रिश्ता में शहीर शेख के भाई का किरदार निभाने पर रणदीप राय! (फोटो क्रेडिट – इंस्टाग्राम) वेब सीरीज पवित्र रिश्ता में अभिनेता रणदीप राय और शहीर शेख भाइयों की भूमिका निभाते नजर आ रहे हैं। अभिनेता ने शो में अपनी यात्रा और शहीर के साथ अपने बंधन के बारे में साझा किया। रणदीप साझा करते हैं: "पवित्र रिश्ता वापस आ गया है और इससे बेहतर और कुछ नहीं है जिसकी मैं कामना कर सकता था। मैं हमेशा शो के निर्माताओं का आभारी रहूंगा कि उन्होंने मुझे यह मौका दिया, जहां मुझे शाहीर के भाई की भूमिका निभाने का मौका मिला, जो वास्तविक जीवन में भी हमेशा मेरे लिए एक भाई रहा है। पहले दिन से, हमने बंधन साझा किया है, लेकिन इसे पर्दे पर चित्रित करना एक अलग अनुभव है। " "यह एक अद्भुत एहसास है और इसलिए अधिनियमित करने के लिए बहुत जटिल नहीं है। पर्दे पर असली भाइयों का जीवन जीना और उनके साथ फ्रेम साझा करना हमेशा एक खुशी की बात होती है, और फिर, इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है, "रणदीप राय ने निष्कर्ष निकाला। पवित्र रिश्ता में शहीर शेख और अंकिता लोखंडे के साथ-साथ असीमा वर्धन, पूजा भामराह, पीयूष रानाडे, रणदीप राय और उषा नाडकर्णी मुख्य भूमिकाओं में हैं। ज़रूर पढ़ें: बिग बॉस 15: विशाल कोटियन के साथ करण कुंद्रा की पजेसिवनेस पर भड़के तेजस्वी प्रकाश; पूछता है, "क्या आपने कभी अपनी पूर्व-गर्लफ्रेंड के साथ ऐसी मानसिकता का अनुभव किया है?"
टाटा टियागो Vs मारुति वैगनआर: जानिए कौनसी कार रहेगी आपके लिए बेस्ट Home Car News टाटा टियागो Vs मारुति वैगनआर: जानिए कौनसी कार रहेगी आपके लिए बेस्ट By Ravindra Deopa - 06-09-2020 08:00 AM कॉम्पैक्ट हैचबैक सेगमेंट में मारुति सुजुकी वैगनआर दशकों से लोगो के दिलों पर राज करती आई है। इसकी किफायती प्राइस रेंज, अच्छा माइलेज, स्पेसियस केबिन और मारुति का विशाल डीलरशिप पर सर्विस नेटवर्क का भरोसा इसे सेगमेंट लीडर कार बनाते हैं। सेगमेंट में इसका मुख्य रूप से मुकाबला टाटा टियागो और हुंडई सैंट्रो से है। सैंट्रो और वैगन-आर को हम पहले ही कम्पेयर कर चुके हैं। आज के अंक में हमने मारुति की इस टाल-बॉय हैचबैक की तुलना टाटा की टियागो से की है। दोनों ही कारों को बीएस6 इमिशन नॉर्म्स पर अपडेट किया जा चुका है। तो आईये जानते हैं दोनों में से कौनसी कार रहेगी आपके लिए बेहतर:- डायमेंशन (साइज) लम्बाई 3655 मिमी 3746 मिमी चौड़ाई 1620 मिमी 1647 मिमी ऊंचाई 1675 मिमी 1535 मिमी व्हीलबेस 2435 मिमी 2400 मिमी कर्ब वेट 845 किग्रा 1012 किग्रा बूट स्पेस 341 लीटर 242 लीटर *मिमी-मिलीमीटर टेबल से साफ़ है कि टियागो, वैगनआर से ज्यादा लंबी और चौड़ी है। हालांकि, वैगनआर का व्हीलबेस टियागो से ज्यादा है। यानी थ्योरटिकल रूप से वैगनआर में टियागो से ज्यादा केबिन स्पेस मिलेगा। वैगन-आर की ऊंचाई टियागो से ज्यादा है यानी इसमें ज्यादा हेडरूम भी मिलेगा। लगेज स्पेस (बूट स्पेस) के मामले में भी वैगनआर टियागो से आगे है। पेट्रोल इंजन 1.0-लीटर, 3 सिलेंडर/1.2-लीटर 4 सिलेंडर 1.2-लीटर, 3-सिलेंडर इमिशन नॉर्म्स बीएस6 बीएस6 पावर 68 बीएचपी /83 बीएचपी 85 बीएचपी टॉर्क 90 न्यूटन मीटर /113 न्यूटन मीटर 113 न्यूटन मीटर ट्रांसमिशन 5-स्पीड मैनुअल/एएमटी 5-स्पीड मैनुअल/एएमटी माइलेज 22.5 किमी/ लीटर (1.0-लीटर), 21.5 किमी/लीटर (1.2-लीटर) 23.84 किमी/लीटर दोनों कारें सिर्फ पेट्रोल इंजन के साथ ही आती है। दोनों के साथ डीजल इंजन का ऑप्शन उपलब्ध नहीं है। वैगनआर के साथ दो इंजन का ऑप्शन मिलता है। वहीं, टियागो सिर्फ 1.2-लीटर, 3-सिलंडर इंजन के साथ आती है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि वैगन-आर का 1.2-लीटर इंजन में 4-सिलेंडर मिलते हैं। यही रिफाइनमेंट के मामले में वैगन-आर बेहतर है। दोनों ही कारों को भारत स्टेज-6 उत्सर्जन मनकों पर अपडेट किया जा चुका है। 3 सिलेंडर इंजन होने के बावजूद भी टियागो का 1.2-लीटर इंजन वैगनआर के 1.2-लीटर इंजन से ज्यादा पावरफुल है। हालांकि, यह अंतर इतना अधिक नहीं है। हालांकि, दोनों इंजन का टॉर्क आउटपुट एक समान है। माइलेज के मामले में भी टाटा टियागो वैगन-आर के दोनों इंजन से आगे हैं। वैगनआर के 1.0-लीटर इंजन के साथ फैक्ट्री फिटेड सीएनजी किट का भी ऑप्शन उपलब्ध है। मारूति वैगन-आर वैरिएंट टाटा टियागो वैरिएंट एलएक्सआई (1.0-लीटर) 4.45 लाख रुपये - - एलएक्सआई ऑप्शनल (1.0-लीटर) 4.52 लाख रुपये एक्सई 4.6 लाख रुपये एलएक्सआई (सीएनजी) 5.25 लाख रुपये - - एलएक्सआई ऑप्शनल (सीएनजी) 5.32 लाख रुपये - - वीएक्सआई (1.0-लीटर) 4.9 लाख रुपये - - वीएक्सआई ऑप्शनल (1.0-लीटर) 4.97 लाख रुपये - - वीएक्सआई (1.2-लीटर) 5.13 लाख रुपये - - वीएक्सआई ऑप्शनल (1.2-लीटर) 5.2 लाख रुपये एक्सटी 5.2 लाख रुपये वीएक्सआई एएमटी (1.0-लीटर) 5.37 लाख रुपये - - वीएक्सआई एएमटी ऑप्शनल (1.0-लीटर) 5.44 लाख रुपये - - जेडएक्सआई (1.2-लीटर) 5.48 लाख रुपये - - वीएक्सआई एएमटी (1.2-लीटर) 5.6 लाख रुपये - - वीएक्सआई ऑप्शनल एएमटी (1.2-लीटर) 5.67 लाख रुपये एक्सजेड 5.7 लाख रुपये जेडएक्सआई एएमटी (1.2-लीटर) 5.94 लाख रुपये एक्सजेड+ 5.99 लाख रुपये - - एक्सजेडए एएमटी 6.2 लाख रुपये - - एक्सजेडए+ एएमटी 6.49 लाख रुपये - - एक्सजेड+ एएमटी ड्यूल टोन 6.6 लाख रुपये टेबल में हमने दोनों कारों की प्राइस को इस प्रकार बताया है कि लगभग समान कीमत वाले वैरिएंट्स आमने सामने रहें। मारुति वैगन-आर 1.0-लीटर पेट्रोल, सीएनजी और 1.2-लीटर पेट्रोल तीन पावरट्रेन ऑप्शन के साथ उपलब्ध है। मारुति वैगन-आर की प्राइस रेंज 4.45 लाख रुपये से 5.94 लाख रुपये (एक्स-शोरूम दिल्ली) के बीच है। वहीँ, टियागो की रेंज 4.6 लाख रुपये से 6.6 लाख रुपये (एक्स-शोरूम दिल्ली) है। वैरिएंट कम्पेरिज़न यहां हम केवल उन्हीं वैरिएंट्स को कम्पेयर करेंगे जिनकी कीमत लगभग समान है। 1. मारुति वैगन-आर एलएक्सआई ऑप्शनल Vs टाटा टियागो एक्सई दोनों वैरिएंट्स में कॉमन फीचर्स: ड्यूल टोन इंटीरियर,पावर स्टीयरिंग और मैनुअल एयर कंडीशनर, ड्यूल फ्रंट एयरबैग, एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) के साथ इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकफोर्स डिस्ट्रीब्यूशन (ईबीडी), ड्राइवर और को-ड्राइवर सीटबेल्ट रिमाइंडर, रियर पार्किंग सेंसर, लोड लिमिटर और प्री-टेन्शनर से लेस फ्रंट सीटबेल्ट, स्पीड अलर्ट सिस्टम, बॉडी कलर बम्पर। फीचर्स जो केवल वैगनआर में उपलब्ध हैं: फ्रंट पावर विंडो और रूफ एंटीना। फीचर्स जो केवल टाटा टियागो में उपलब्ध हैं: फ्रंट पावर आउटपुट, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, टिल्ट-एडजस्टेबल स्टीयरिंग व्हील, इंटीग्रेटेड स्पोइलर, कार्नर स्टेबिलिटी कण्ट्रोल, मल्टीप्ल ड्राइविंग मोड, एडजस्टेबल फ्रंट हेडरेस्ट, ड्राइवर फुटरेस्ट। निष्कर्ष: दोनों वैरिएंट्स में से टियागो में ज्यादा सेफ्टी और कम्फर्ट फीचर्स मिलते हैं इसलिए यहां हम आपको टाटा टियागो लेने की सलाह देंगे। जानकारी के लिए बता दें कि 2020 टियागो को ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में 4 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली थी। वहीं, वैगन-आर को सिर्फ 2 स्टार ही मिले थे। 2. मारूति वैगन-आर वीएक्सआई ऑप्शनल (1.2-लीटर) Vs टाटा टियागो एक्सटी दोनों वैरिएंट्स में कॉमन फीचर्स (ऊपर वाले वैरिएंट के फीचर्स से अतिरिक्त): 2-डिन म्यूजिक सिस्टम (ब्लूटूथ, यूएसबी और ऑक्स- कनेक्टिविटी के साथ), इलेक्ट्रिकली एडजस्टेब्ल ओआरवीएम, की-लेस एंट्री, फुल व्हील कवर, रूफ एंटीना, बॉडी कलर डोर हैंडल और ओआरवीएम, स्पीड-सेंसिंग डोर लॉक सिस्टम, टिल्ट-एडजस्टेबल स्टीयरिंग व्हील, सेंट्रल लॉकिंग, फ्रंट और रियर पावर विंडो। फीचर्स जो केवल वैगनआर में उपलब्ध हैं: स्मार्टप्ले डॉक, 60:40 स्प्लिट रियर सीटें, 2 स्पीकर्स, डे/नाईट आईआरवीएम और स्टीयरिंग माउंटेड ऑडियो कंट्रोल। फीचर्स जो केवल टाटा टियागो में उपलब्ध हैं: ओआरवीएम पर टर्न इंडिकेटर, स्टीयरिंग व्हील और इंफोटेनमेंट पर पियानो ब्लैक फिनिशिंग, कनेक्टनेक्स्ट ऐप सपोर्ट, 4 स्पीकर्स, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, कॉर्नर स्टेबिलिटी कंट्रोल, फॉलो-मी-होम हेडलैंप और मल्टीप्ल ड्राइविंग मोड। निष्कर्ष: दोनों वैरिएंट्स की कीमतें एक समान है। हालांकि, ज्यादा पावरफुल इंजन के साथ टाटा टियागो के इस वेरिएंट में वैगन-आर से ज्यादा फीचर्स मिलते हैं। हालांकि, फीचर्स से ज्यादा यदि आपके लिए स्पेस मायने रखता हैं तो आप वैगन-आर ले सकते हैं। 3. मारूति वैगन-आर जेडएक्सआई (1.2-लीटर) Vs टाटा टियागो एक्सजेड टेबल में आप देख रहे होंगे की टियागो एक्सजेड की कीमत वीएक्सआई ऑप्शनल एएमटी (1.2-लीटर) से ज्यादा करीब है। लेकिन यह एक एएमटी गियरबॉक्स वाला वैरिएंट है और टियागो एक्सजेड का यह वैरिएंट मैनुअल ट्रांसमिशन लिए है। इसलिए यहां हमने टियागो एक्सजेड की तुलना वैगन-आर के मैनुअल गियरबॉक्स वाले टॉप वैरिएंट से की है। इनकी कीमत में अंतर लगभग 22 हज़ार रुपये का है जो इन्हें कम्पयेर करने के लिए पर्याप्त है। दोनों वैरिएंट्स में कॉमन फीचर्स (ऊपर वाले वैरिएंट के फीचर्स से अतिरिक्त): 7-इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, एप्पल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो कनेक्टिविटी, फ्रंट फॉग लैम्प्स, ओआरवीएम पर टर्न इंडिकेटर, डे/नाईट आईआरवीएम, स्टीयरिंग माउंटेड कंट्रोल्स, रियर वाइपर और वॉशर, रियर डिफॉगर और फ्रंट फॉग लैंप। फीचर्स जो केवल वैगनआर में उपलब्ध हैं: 60:40 स्प्लिट रियर सीटें, और इलेक्ट्रिकली फोल्डेबल ओआरवीएम, 2 स्पीकर्स। फीचर्स जो केवल टाटा टियागो में उपलब्ध हैं: हर्मन का इंफोटेनमेंट सिस्टम, 4 स्पीकर्स और 4 ट्वीटर्स, वन-टच ड्राइवर साइड विंडो, स्टीयरिंग व्हील और इंफोटेनमेंट पर पियानो ब्लैक फिनिशिंग, कनेक्टनेक्स्ट ऐप सपोर्ट, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, कॉर्नर स्टेबिलिटी कंट्रोल, फॉलो-मी-होम हेडलैंप, मल्टीप्ल ड्राइविंग मोड, हाइट-एडजस्टेबल ड्राइवर सीट, एडजस्टेबल फ्रंट हेडरेस्ट और कूल्ड ग्लोव बॉक्स। निष्कर्ष: टियागो के इस वैरिएंट की कीमत भाले ही वैगनआर से 22,000 से 26,000 रुपये अधिक हो। लेकिन इस ज्यादा कीमत के बदले इसमें ढीरों कम्फर्ट, सेफ्टी और एंटरटेनमेंट फीचर्स मिलते हैं जिनकी वैगन-आर में कमी है। 4. मारूति वैगन-आर जेडएक्सआई एएमटी (1.2-लीटर) Vs टाटा टियागो एक्सजेड एएमटी दोनों वैरिएंट्स की प्राइस में कीमत लगभग 26 हज़ार रुपये है। दोनों में ऊपर वाले वैरिएंट्स वाले ही फीचर्स मिलते हैं। चूंकि एएमटी गियरबॉक्स एफर्टलेस ड्राइविंग के लिए ख़रीदा जाता है ऐसे में ज्यादा कम्फर्ट फीचर्स वाली टाटा टियागो आपके लिए सही रहेगी क्योंकि इसके फीचर्स आपकी एफर्टलेस ड्राइविंग को और निखारने में मदद करेंगे। ध्यान दें: टाटा टियागो एक्सजेड+ और एक्सजेड+ एएमटी वैरिएंट्स में भी आती हैं। इन वैरिएंट्स में एक्सजेड वैरिएंट की तुलना में ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, पियानो ब्लैक ओआरवीएम, ड्यूल टोन पेंट ऑप्शन, गियर नॉब पर क्रोम इन्सर्ट आदि फीचर्स अतिरिक्त मिलते हैं। मारुति डिजायर फेसलिफ्ट Vs प्री-फेसलिफ्ट मॉडल (ओल्ड मॉडल): जानिए क्या है अंतर 2020 निसान किक्स Vs हुंडई क्रेटा Vs किया सेल्टोस: स्पेसिफिकेशन कम्पेरिज़न
किसी आरोपी को ज़मानत नहीं दे पाने के कारण उसे अनिश्चित काल तक के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट [आर्डर पढ़े] किसी आरोपी को ज़मानत... 24 May 2019 9:45 AM GMT सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी आरोपी को सिर्फ़ इसलिए अनिश्चित काल तक के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता है क्योंकि वह कुछ ऐसी वजहों से ज़मानत नहीं दे सकता जो उसके वश में नहीं है। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को यह निर्देश दिया कि वह वसीम अहमद नामक व्यक्ति की ज़मानत की अर्ज़ी पर दिए गए अपने आदेश को संशोधित करे और आदेश में पंजीकृत ज़मानत पर ज़ोर न डाले। दरअसल कलकत्ता के चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने वसीम अहमद को इस शर्त पर ज़मानत दी थी कि वह पंजीकृत ज़मानत जमा करेगा। वसीम ने इस आदेश के ख़िलाफ़ सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील की क्योंकि पूरे बंगाल में काम रोक दिया गया था और इस वजह से वह कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील नहीं कर पाया। अदालत में उसने कहा कि वह नागपुर का रहनेवाला है और वह पंजीकृत ज़मानत नहीं दे सकता है। कोर्ट को यह कहा गया कि उसकी माँ काफ़ी बीमार है और इस वजह से उसका घर जाना ज़रूरी है। वसीम अहमद के वक़ील को सुनने के बाद पीठ ने कहा, "…एक प्रश्न यह है कि क्या किसी याचिकाकर्ता को ऐसी वजह से अनिश्चित काल तक जेल में रखा जा सकता है जिस पर उसका नियंत्रण नहीं है क्योंकि वह पंजीकृत ज़मानत नहीं दे सकता है। इस प्रश्न का उत्तर आवश्यक रूप से ना में होगा। इसलिए हम यह उचित समझते हैं कि संबंधित चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट को ज़मानत के आदेश में संशोधन को कहा जाए…" । पीठ ने कहा कि आरोपी को चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। अगर यह पाया जाता है कि अदालत के कमरे में ताला लगा है, जैसा कि कहा गया (और जो आश्चर्यजनक लगता है), और अगर याचिकाकर्ता को चीफ़ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना संभव नहीं है क्योंकि वहां हड़ताल चल रही है, तो उस स्थिति में याचिकाकर्ता को 22.10.2019 को या उससे पहले हाईकोर्ट में पेश किया जा सकता है ताकि उसके ज़मानत आदेश को संशोधित किया जा सके।
विवाद: पैनलिस्ट ने मूंदीं आंखें गैर हिंदू एंकर देख - Tirangaa.Org विवाद: पैनलिस्ट ने मूंदीं आंखें गैर हिंदू एंकर देख - Tirangaa.Org Home खास खबर विवाद: पैनलिस्ट ने मूंदीं आंखें गैर हिंदू एंकर देख विवाद: पैनलिस्ट ने मूंदीं आंखें गैर हिंदू एंकर देख सोशल मीडिया में एक न्यूज चैनल का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो देखने के बाद लोग अपना गुस्सा भी जाहिर कर रहे हैं। दरअसल, वीडियो न्यूज चैनल में चल रही एक चर्चा का है। जिसमें एक पैनलिस्ट ने सामने गैर हिंदू एंकर को देखकर अपनी आंखें अपनी दोनों हथेलियों से ढंक लीं। एक चैनल की चर्चा में 'हम हिंदू मंच' के संस्थापक पं. अजय गौतम बतौर पैनलिस्ट पहुंचे थे। चर्चा जोर-शोर से चल रही थी। वीडियो में दिख रहा है कि जब एंकर अपने शो को समाप्त करते हुए कह रहा है कि 'अब हमारी एक और खास पेशकश देखिए।' इसके बाद वह अपने सहयोगी एंकर का नाम लेता है जो गैर हिंदू है। एंकर अपने सहयोगी से यह भी कहता है कि अजय गौतम तुम्हें नहीं देखेंगे, ये तो आंखों पर पट्टी लगा लेंगे। एंकर के यह कहते ही अजय गौतम तुरंत दोनों हाथों से अपनी आंखें ढंक लेते हैं। उन्हें अब इस बर्ताव के लिए ट्रोल किया जा रहा है। लोग सवाल कर रहे हैं कि ऐसी छोटी मानसिकता वालों को चैनल पर बुलाया ही क्यों जाता है। चैनल की एक वरिष्ठ महिला अधिकारी ने भी हम हिंदू मंच के संस्थापक की इस हरकत निंदा की है। उन्होंने टि्वटर पर लिखा कि अजय गौतम के व्यवहार से सदमे में हूं। इस हरकत के बाद चैनल ने उन्हें आगे से आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया है। इस मामले में अजय गौतम का पक्ष अभी आना बाकी है।
उम्र बढ़ने के कारण फिनिशर की भूमिका बदल सकते हैं महेंद्र सिंह धोनी | Webdunia Hindi पुनः संशोधित मंगलवार, 12 जून 2018 (20:23 IST) नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज और आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने माना है कि उम्र बढ़ने के साथ उनके खेल में बदलाव आ रहा है और वह अब ट्वंटी 20 क्रिकेट के बल्लेबाजी क्रम में ऊपरी क्रम पर खेलने पर अधिक विचार कर रहे हैं। धोनी ने माना कि निचले क्रम पर खेलना और टीम के लिए अहम समय पर बल्लेबाजी क्रम में उतरने के लिए खिलाड़ी में अधिक क्षमता होनी चाहिए और उम्र और समय के साथ निचले क्रम पर उनके खेल का स्तर कुछ कम हुआ है। चेन्नई को आईपीएल-2018 में खिताब दिलवाने में अहम भूमिका निभाने वाले टीम के कप्तान ने कहा 'मेरे दिमाग में यह साफ था कि मुझे बल्लेबाजी क्रम में ऊपर खेलना है क्योंकि मेरी उम्र हो गई है।' 36 साल के खिलाड़ी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा 'मुझे मैच जीतने की जिम्मेदारी लेनी थी, लेकिन यदि मैं निचले क्रम पर उतरता तो मेरे पास अधिक रन बनाने का समय नहीं होता। मैं यदि निचले क्रम पर खेलता तो जल्दी आउट हो जाता, ऐसे में ऊपरी क्रम पर बल्लेबाजी करना एक विकल्प था ताकि क्रीज पर अधिक देर तक उतर सकता। मेरे लिए ऊपरी क्रम में तीन, चार या पांचवें नंबर पर खेलने से कोई फर्क नहीं पड़ता।' धोनी ने आईपीएल के 11वें सत्र में चेन्नई के 16 मैचों में 455 रन बनाए थे और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। धोनी अपने सबसे सफल आईपीएल सत्र से मात्र छह रन ही दूर रहे। चेन्नई को इस वर्ष डैथ ओवर की बल्लेबाजी में भी काफी सफलता मिली और बाकी टीमों की तुलना में उसका औसत आखिरी ओवरों में रन बनाने के मामले में सबसे अच्छा रहा। चेन्नई के कप्तान ने भी आखिरी पांच ओवरों में 99 के औसत से रन बटोरे। धोनी ने कहा कि उनकी टीम के बल्लेबाजी क्रम की वजह से वह आक्रामक खेल सके। उन्होंने कहा 'मैंने कहा था कि मैं ऊपरी क्रम में खेलूंगा, तो मेरे लिए जरूरी था कि आक्रामक खेलूं ताकि निचले क्रम के खिलाड़ी मैच को आराम से फिनिश कर सकें।' उन्होंने कहा 'हमने पूरे आईपीएल में ही अपने पूरे बल्लेबाजी क्रम को उपयोग नहीं किया क्योंकि ओपनिंग क्रम में शेन वाटसन, अंबाती रायुडू और सुरेश रैना जैसे खिलाड़ियों ने कमाल किया लेकिन मेरी योजना शुरू से ही थी कि टीम आखिर तक बल्लेबाजी करे, जहां हर खिलाड़ी बल्लेबाजी कर सके और इसी से मुझे भी आक्रामक खेल दिखाने का मौका मिला।' (वार्ता)
HomeSEODA PA Kaise Badhaye (domain authority )| DA PA Kya Hota Hai DA PA का Google Mein Kya Effect पडता है Abhishek Tiwari March 28, 2021 DA PA Kaise Badhaye (domain authority) हैलो फ्रेंड्स, मैं हूँ Abhishek Tiwari और वेलकम है। आपका मेरे blog में मेरे पास बहुत कमेंट्स आते है कि भाई DA और PA क्या होता है? इसे गूगल की रैंकिंग में हमें क्या इफ़ेक्ट पड़ सकता है? एससीओ (SEO)में क्या इफ़ेक्ट पड़ सकता है? DA PA Kaise Badhaye DA (domain authority Kaise Badhaye) को कैसे इन्क्रीज़ करें? इस तरह के काफी सारे मेरे पास questions आते रहते है। तो मैने सोचा क्यों ना इसके ऊपर एक आर्टिकल लिख दूँ जिससे सबके लिए समझना बहुत इजी हो जाएगा। कन्फ्यूजन बहुत ज्यादा है तो क्लियर होना भी बहुत जरूरी है और मेरी कोशीश हमेशा यही रहती है कि मेरे मेरे ब्लॉग से आपको राइट इन्फॉर्मेशन मिले और आपको आने वाले टाइम में उसका अच्छा रिज़ल्ट मिले और उससे पहले अगर आपने मेरे blog को सबस्क्राइब नहीं करा तो सब्स्क्राइब के बटन पर email डाल के क्लिक करें और इस ब्लॉग को subscribe कर ले मैं हूँ Abhishek Tiwari और स्वागत है आपका मेरे website में सबसे पहले मैं आपको ये बताता हूँ की ये होता क्या है । DA PA Kya Hota Hai ?domain authority क्या DA SEO में इफ़ेक्ट करता है? DA PA Kaise Badhaye DA का मतलब होता है डोमेन अथॉरिटी domain authority । इससे आप अपनी वेबसाइट का जो डोमेन नेम होता है और जो शब्दों में होता है उसको आप इन्क्रीज़ कर सकते हैं। और PA का मतलब होता है पेज अथॉरिटी आप अपनी वेबसाइट के अंदर पर्टिकुलर कोई भी पेज क्रियेट करते तो उसकी अथॉरिटी बढ़ा सकते हैं। गूगल में रैंक करने के तो बहुत सारे फैक्टर होते हैं। पर आज मैं इसपे बात नहीं करूँगा, पर हाँ, एक पॉइंट मैं आपको बता देता हूँ कि गूगल का DA (domain authority) ,PA (page authority) से कोई लेना देना बिल्कुल भी नहीं है। DA मतलब डोमेन अथॉरिटी और PA मतलब पेज अथॉरिटी इस चीज़ का जरूर ध्यान रखना मैं DA को ही ज्यादा यूज़ करूँगा। गूगल का DA और PA से ज्यादा कुछ भी लेना देना नहीं है। क्योंकि DA और PA को moz ने डेवलप करा है। Moz के बारे में आप सब जानते होंगे। बहुत अच्छा tool है। Moz का paid and free tool दोनों है और इनका गूगल क्रोम की एक्सटेंशन भी है जो आप में से काफी लोग यूज़ करते होंगे। जो DA PA check करते है वो जानते हैं da चेक करने के लिए अगर इंस्टॉल करें तो आप चेक करके अपने कॉम्पिटिटर का DA चेक कर सकते हैं। गूगल को तो पता भी नहीं है कि DA PA होता क्या है क्योंकि उस की कैलकुलेशन में इसकी कोई वैल्यू नहीं है और DA और PA को कैलकुलेट करने के लिए फ्रेन्ड ज़ीरो से लेके 100 तक का रेश्यो दी गई है। Moz की तरफ से मतलब जीतने ज्यादा नंबर दोगे। उतना अच्छा होगा जैसे हमारे स्कूल में होता है, जितनी ज्यादा परसेंटेज होती है उतना हम नंबर वन होते है, ठीक वैसे ही जीरो से लेकर 100 तक ही रेश्यो है। उसके बीच में आपके ऊपर डिपेंड करते है। आप भी DA कैसे इन्क्रीज़ करें और PA को कैसे इन्क्रीज़ करें इन्क्रीज़ करने के भी फैक्टर बताऊँगा और ये चीज़ आप दिमाग में अच्छी तरह बिठा लो। गूगल का इससे कुछ भी लेना देना नहीं है। जैसे मैं पहले बता चूका हूँ, इसे moz ने डेवलप करा है। अगर आप अपने DA को बढ़ाना चाहते हैं, डोमेन की अथॉरिटी को बढ़ाना चाहते हैं तो फ्रेंड आपको अपने कॉम्पिटिटर को पहले तो फाइंड करना पड़ेगा। कॉंपिटिटर का DA कितना है? फॉर एग्ज़ैम्पल 60 है तो आपको अपनी वेबसाइट का डीए 60 से ज्यादा करना पड़ेगा तभी आपकी वेबसाइट की वैल्यू ज्यादा मानी जाएगी और अगर आपकी वेबसाइट की वैल्यू ऑलरेडी 60 है तो आपको ये शांति है कि मेरा इतना अच्छा हो चुका है हो सकता है। आपका जो कॉंपिटिटर है उसका da 60 से ज्यादा हो और आपने वो चेक नहीं करा तो आप इसमें रिलैक्स मत रहना कि मेरा 60 है, काफी अच्छा है। मैं आगे धीरे धीरे बढ़ता रहूंगा। अगर आप अपनी वेबसाइट की वैल्यू बढ़ाना चाहते हैं तो अपने कॉम्पिटिटर पे ज्यादा नजर रखें। वहीं से आपको अपना कॉम्पिटिशन का लेवल समझ आएगा और वहीं से आपको ये बात भी समझ आएगी कि जो 60 आपका DA (domain authority) हैं बहुत कम है उसके ऊपर अभी आपने और काम करना है जो आपको अपने कॉम्पिटिटर को ऑडिट करना है। कुछ ठीक ऐसे ही किसी भी पर्टिकुलर पेज को आप बढ़ाना चाहते हैं। उसकी पीए को इन्क्रीज़ करना चाहते हैं तो सेम वैसे ही उस कीवर्ड के ऊपर किन किन लोगों ने आर्टिकल लिखा है और उनका PA कितना है आप उनका ये देखे उसके बाद आप अपनी वेबसाइट के पीए को इन्क्रीज़ करें। अब आपके दिमाग में क्वेश्चन आ रहा होगा कि क्या DA SEO में इफ़ेक्ट करता है? फ्रेंड SEO में आप on page SEO करे और जो off page SEO होता है वहाँ पे ये मैटर करेगा क्योंकि DA और PA को बढ़ाने के लिए आपको और off page SEO करना पड़ेगा। off page SEO में आप को लिंक बिल्डिंग करनी पड़ेगी। मतलब backlinks क्रिएट करो, guest post करो और ऐसी वेबसाइट पे करो जिनका ऑलरेडी DA ,PA काफी अच्छा है तो वहाँ से आपकी वेब साइट को प्रॉफिट होगा, benifit मिलेगा, DA और PA उनका ऑटोमैटिकली इन्क्रीज़ होता रहेगा। अगर आपकी वेबसाइट से रिलेटेड दूसरी वेबसाइट से आपको बैटिंग मिल रहे हैं, आपको गेस्ट पोस्ट ऑप्शन मिल रही है तो उधर फ्रेंड आप जरूर करें चाहे आपको स्टार्टिंग में कुछ पैसे देने पड़े। अगर आप इन्वेस्ट कर सकते हैं तो यही एक तरीका होता है डीए और पीए को इन्क्रीज़ करने का आपने अपनी वेबसाइट की अथॉरिटी बढ़ानी है, डोमेन अथॉरिटी बढ़ानी है, तो आप जहाँ पे भी गेस्ट पोस्टिंग कर रहे हो कहीं पे भी लिंक दे रहे हो तो वहाँ पे आप अपनी वेबसाइट का लिंक दोगे। फॉर एग्ज़ैम्पल जो मेरी वेबसाइट है www.cyberyukti.com ये मेरा DA है। और इसके अन्दर मैने कोई भी पेज बना रखा है फॉर एग्ज़ैम्पल मैने अभी पिछले दिनों कीवर्ड के ऊपर एक पेज बनाया था जिसकी लिस्ट मैने आपको प्रोवाइड करी थी। अगर मैं उस पेज को उसको कहते हैं page authority अगर मैं उसको इन्क्रीज़ करना चाहता हूँ, उस पेज का लिंक मैं कॉपी करूँगा और जहाँ पे भी मुझे backlinks क्रिएट करना है, गेस्ट पोस्टिंग क्रिएट करनी है, मैं उस लिंक को वहाँ पे ऐड कर दूंगा। यही एक तरीका होता है फ्रेंड आपको डीए बढ़ाने के लिए अपना डोमेन नाम कॉपी करना है और जहाँ भी आप गेस्ट पोस्टिंग करेंगे उसके बीच में कही पे भी मैं CyberYukti.com लिखूंगा। उस में अपना लिंक दे दूंगा। अपनी वेबसाइट का वो मेरा DA होगा गया और अगर मैने कोई SEO के ऊपर पेज बनाएँ और मैं कही गेस्ट पोस्टिंग कर रहा हूँ और वहाँ पे मैं वर्ड लिख दूंगा SEO क्योंकि वहा पे मैं पोस्ट भी SEO से रिलेटेड लिखूंगा और जैसे मैं SEO लिखूंगा या search engine optimization लिखूंगा, उसको हाइलाइट करके अपने उस पेज का लिंक में वहाँ पे दूंगा उससे मेरा PA इन्क्रीज़ होगा। कहने का मतलब मैं कम से कम 50 वेबसाइट में हाई अथॉरिटी वेबसाइट के अंदर जिनका DA ,PA अच्छा है, उधर में गेस्ट पोस्टिंग करे जा रहा हूँ। अलग अलग आर्टिकल्स लिखे जा रहे हो और सब में अपने एक ही पेज का लिंक दे रहा हूँ तो मेरे 50 बैकलिंक high authority वेबसाइट के अंदर क्रिएट हो चूके हैं, जिससे मेरा PA इन्क्रीज़ हो गया और सेम यही फंडा है DA को इन्क्रीज़ कर देगा डोमेन मेरा है www.CyberYukti.com url मैने कॉपी करा 50 वेबसाइट में गया गेस्ट पोस्टिंग करी और वहा पे CyberYukti में जरूर कही गेस्ट पोस्ट के अंदर ऐड करूँगा फिर वहा पर मैं उसका लिंक दे दूंगा। 50 वेबसाइट में मेरा DA चला गया। वो सारी high authority वेबसाइट थी तो मेरा DA ऑटोमेटिकली इन्क्रीज़ हो गया। यही एक सिंपल तरीका होता है और इसी तरीके से ही आप अपने DA और PA को इन्क्रीज़ कर सकते हैं और moz भाई साहब हमारे यही देख के खुश हो जाएंगे और वो आपको रैंकिंग देना शुरू कर देंगे। जीरो से लेके 100 तक आई होप आपकी DA ,PA के सारे डाउट्स क्लियर हो गए होंगे। इससे ज्यादा इसमें कोई रॉकेट साइंस नहीं है कि मैं इस को लंबा खींच और डिटेल्स में बताऊँ। सिर्फ अगर आप इतना ही पॉइंट समझ गया तो आपके लिए इनफ़ है। अगर आपने अभी तक मेरे blog को सबस्क्राइब नहीं करा तो सब्सक्राइब करें और पोस्ट को शेयर करें। ऐसे ही इंटरेस्टिंग टॉपिक के साथ मैं आपको फिर से बहुत जल्दी मिलने वाला हूँ। तब तक के लिए जयहिंद जय भारत। ——————————————————————————–
31 मार्च से पहले निपटाने होंगे ये 9 जरूरी काम, जल्दी कीजिये वरना होगा बड़ा पछतावा – COUNTRY NEWS TODAY 31 मार्च से पहले निपटाने होंगे ये 9 जरूरी काम, जल्दी कीजिये वरना होगा बड़ा पछतावा National Desk : देश में 31 मार्च वित्त वर्ष का अंतिम दिन होता है। आयकर के साथ कई तरह की टैक्स बचत की प्रक्रिया पूरी करने का भी यह अंतिम दिन होता है। इस साल इसमें एलटीसी स्कीम के तहत खरीदारी और उसका बिल जमा करने की प्रक्रिया भी पूरी करनी है। आपको इस बार पैन-आधार, एलटीसी स्कीम के तहत खरीदारी, संशोधित विलंबित इनकम टैक्स रिटर्न, टैक्स बचत की प्रक्रिया पूरी करना, विवाद से विश्वास, फेस्टिवल एडवांस स्कीम का लाभ लेना जैसे काम 31 मार्च या उससे पहले पूरे करने होंगे। 2. एलटीसी बिल पर छूट का मौका पिछले साल सरकार ने एलटीसी बिल पर टैक्स छूट की पेशकश की थी। इसके तहत कर्मचारियों को 12 फीसदी या उससे अधिक जीएसटी वाली सेवा-खरीदारी पर छूट राशि का तीन गुना खर्च करना है। इसके लिए एलटीसी का बिल दिए गए फॉर्मेट में जमा करना होगा जिसकी अंतिम तारीख 31 मार्च है। 3. आईटीआर भरना न भूलें वित्त वर्ष 2019-20 के लिए रिवाइज्ड आईटीआर या देरी से आईटीआर भरने का अंतिम मौका 31 मार्च है। ऐसा नहीं करने पर 10 हजार रुपये तक जुर्माना चुकाना पड़ सकता है। बीमा पॉलिसी, ईएलएसएस, आवास और शिक्षा ऋण एवं पीपीएफ समेत टैक्स छूट मिलने वाले अन्य विकल्पों में निवेश की प्रक्रिया मार्च खत्म होने के पहले पूरी करनी होगी। इसके बाद चालू वित्त वर्ष के लिए ऐसा नहीं कर पाएंगे। सरकारी कर्मचारियों को केन्द्र सरकार ने पिछले साल विशेष त्योहारी अग्रिम की पेशकश की थी। इसके तहत सरकारी कर्मचारी 10 हजार रुपये तक का अग्रिम बिना ब्याज के ले सकते हैं। इसे 10 बराबर किस्तों में चुकाना है। आपने आवेदन नहीं किया है तो 31 मार्च के पहले आवेदन कर इसका फायदा उठा सकते हैं। पहला घर खरीदने या बनवाने के लिए कर्ज पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2.67 लाभ रुपये की सब्सिडी मिल रही है। इस सुविधा का लाभ लेने के इस माह के अंत तक आवेदन कर सकते हैं। कोरोना की वजह से मार्च से मई तक भारत में अंतरराष्ट्रीय उड़ाने बंद रहीं। ऐसे में कई विदेशी नागरिक भारत में फंस गए। नियमों के मुताबिक इस स्थिति में भारत के साथ उनकों मूल देश में भी टैक्स देना होगा। हालांकि, भारत सरकार ने दोहरे कराधान से बचाव के लिए स्वघोषणा की सुविधा दी है। 31 मार्च से पहले ऐसा करने पर दोहरे कराधान से बच सकते हैं। कारोबारियों के लिए सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत गारंटिरहित कर्ज सुविधा की शुरुआत पिछले साल की थी। यह योजना 31 मार्च 2021 को खत्म हो जाएगी। इससे पहले आवेदन पर ही इसका लाभ उठा सकते हैं। सरकार ने करदाताओं के कर विवाद को सुलझाने के लिए विवाद से विश्वास योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 31 मार्च तक ही आवेदन कर सकते हैं। इसके तहत आवेदन करने में सख्त नियमों की बजाय नरमी बरती जाती है और कई तरह की रियायतें दी जाती हैं।
फैसले आपका वजूद बनाते हैं, कमज़ोर फैसले लेकर मुकद्दर को क्यों कोसना "हम दिन में सैंकड़ों बड़े-छोटे फैसले लेते हैं। इनमें बहुत ही साधारण से लगने वाले निर्णय भी शामिल होते हैं, लेकिन इनका असर साधारण नहीं होता। असल में अक्सर जब हम निर्णय लेते हैं, तब हम ये सोचते हैं कि ... कालिदास का हर शब्द बिम्ब या चित्र बन जाता है : नर्मदाप्रसाद उपाध्याय कालिदास का हर शब्द एक बिम्ब या चित्र बन जाता है। वे रूप और छंद के अद्भुत कवि हैं। उनकी उपमाएं अप्रतिम हैं और अपनी गहरी संवेदना के रूपांतरण से काव्य में चित्र सौंदर्य की सृष्टि करते हैं। रघुवंशम् में ...
बेंगलूरु. राजभवन के बाहर शपथ ग्रहण समारोह के आयोजन की परंपरा 1983 में शुरु हुई। जब रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व में राज्य में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी तब उन्होंने पहली बार परंपरा को तोड़ते हुए विधानसभा सौधा की सीढिय़ों पर शपथ लेकर इतिहास रचा। हेगड़े के पूर्व तक सभी मुख्यमंत्रियों का शपथ राजभवन में होता आया था और बेहद सादा समारोह होता था। हालांकि, हेगड़े ने अपनी जीत को कांग्रेस के खिलाफ जनता का जनाक्रोश बताया था और खुद को जनता का मुख्यमंत्री बताते हुए परंपरा से हटकर विधानसौधा की सीढियों पर हजारों लोगों की उपस्थिति में शपथ लिया। राज्य के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने हेगड़े का कार्यकाल बेहद झंझावातों वाला रहा। मात्र एक वर्ष के बाद ही अरक बॉटलिंग अनुबंध में अनियमितता के मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के आए एक निर्णय के बाद हेगड़े ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, उन्होंने तीन दिनों के बाद अपना इस्तीफा वापस ले लिया लेकिन वर्ष 1988 में एक बार फिर से हेगड़े पर राज्य के कुछ वरिष्ठ राजनेताओं और व्यवसायियों का फोन टैपिंग कराने का आरोप लगा और उन्होंने पद से इस्तीफा
पंजाब के पर्यटकों ने हिमाचली दोस्तों के साथ मिलकर की गुंडागर्दी, बेरहमी से पीटा युवक पास देने को लेकर हुआ विवाद, पुलिस ने सभी आरोपी किए गिरफ्तार Update: Wednesday, July 21, 2021 @ 6:47 PM मंडी। हिमाचल में बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों (Tourist) की गुंडागर्दी बढ़ती जा रही है। जिससे देवभूमि और शांत हिमाचल (Himachal) का माहौल खराब हो रहा है। ऐसा ही एक मामला मंडी (Mandi) जिला में सामने आया है। ताजा मामले में पंजाब के दो युवको ने मंडी जिला के एक युवक की बेरहमी से पिटाई की और हैरान करने वाली बात यह है कि इस मारपीट में दो हिमाचली युवक भी शामिल हैं, जोकि हमीरपुर जिला (Hamirpur) के रहने वाले बताए जा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार पंजाब के दो युवक हमीरपुर के अपने दो साथियों के साथ मनाली (Manali) घूमने के लिए गए हुए थे। बीती रात को यह मनाली से वापिस आ रहे थे। इस दौरान कमांद के पास स्थानीय युवक भास्कर शर्मा ने अपनी कार को सड़क किनारे खड़ा करके एक अन्य गाड़ी को रोककर यह जानने का प्रयास कर रहा था कि कहीं इलाके में आवारा पशु तो नहीं छोड़े जा रहे हैं। यह भी पढ़ें: कलयुगी बेटा बना हैवान, मां की कर दी बेरहमी से पिटाई, जान से मारने की भी दी धमकी इतने में मनाली से वापिस आ रहे युवक भी पंजाब नंबर की अपनी कार से वहां पहुंच गए। भास्कर शर्मा का कहना है कि गाड़ी निकालने के लिए काफी जगह थी, लेकिन गाड़ी में बैठे युवक पास ना होने का बहाना बनाकर उससे उलझ गए और मारपीट (Beating) शुरू कर दी। मारपीट करने के बाद युवक की कार की चाबी को भी अपने साथ लेकर वहां से भाग गए। भास्कर ने स्थानीय लोगों को फोन करके मदद मांगी और कमांद पुलिस चौकी को भी सूचित किया। पुलिस चौकी ने तुरंत प्रभाव से नाका लगाकर युवकों को गाड़ी सहित पकड़ लिया। पुलिस ने चारों के खिलाफ धारा 341 और 323 के तहत मामला दर्ज करके इन्हें गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है। पधर थाना प्रभारी अनिल कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि मारपीट की घटना में घायल युवक का मेडिकल (Medical) करवाकर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। बता दें कि बाहर से आने वाले पर्यटकों द्वारा स्थानीय लोगों के साथ की जा रही गुंडागर्दी के चलते प्रदेश पुलिस ने सभी वाहनों की चैकिंग का कार्य तो शुरू कर दिया है, लेकिन अब सवाल यह है कि जब स्थानीय लोग ही मिलकर बाहर से आए लोगों का मारपीट में साथ देंगे तो ऐसी घटनाओं पर रोक कैसी लग पाएगी।
बिहार में सियासी चर्चा: सदन में तेजस्वी को 'आईना' दिखा महफिल लूट ले गए मुकेश सहनी! – द न्यूज़ लाइट बिहार बिहार में सियासी चर्चा: सदन में तेजस्वी को 'आईना' दिखा महफिल लूट ले गए मुकेश सहनी! बिहार में सियासी चर्चा: सदन में तेजस्वी को 'आईना' दिखा महफिल लूट ले गए मुकेश सहनी! पटना. बिहार विधानसभा में स्पीकर पद के लिए 51 साल बाद बुधवार (25 नवंबर) को हुए चुनाव में भाजपा के विधायक विजय सिन्हा (Vijay Sinha) को 126 तो महागठबंधन के उम्मीदवार और राजद विधायक अवध बिहारी चौधरी (Avadh Bihari Chaudhary) को 114 मत मिले. इस तरह बिहार विधानसभा के अध्यक्ष की कुर्सी संभालने वाले विजय सिन्हा (Vijay Sinha) भाजपा के पहले विधायक बने. बता दें कि इससे पहले भाजपा को स्पीकर का पद नहीं मिला था. हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में जो दृश्य बिहार विधानसभा में देखने को मिला वह अपने आप में अनोखा था. चुनाव के चंद महीने पहले तक महागठबंधन का हिस्सा रहे जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) जहां प्रोटेम स्पीकर बने थे तो वहीं विकासशील इंसान पार्टी (Vikassheel Insan Party) के अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) स्पीकर चुनाव के बाद बोलते हुए पूरी महफिल अपने नाम कर ली. दरअसल स्पीकर चुने जाने के बाद तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के संबोधन के बाद मुकेश सहनी ने ऐसी बात कही कि आज भी सियासी चर्चा का विषय बना हुआ है. बता दें कि तेजस्वी ने अपने संबोधन में विजय सिन्हा को बधाई देते हुए कहा कि हम वैशाली से जीत कर आए है, जो दुनिया मे लोकतंत्र की जननी है. मेरा सभी से अनुरोध है कि संविधान की रक्षा करें. सच को जितना भी छुपाये वह समय समय पर निकल आता है. झूठ और असत्य का साथ नहीं दे सकते हैं. इसी के बाद जब मुकेश सहनी बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने सीधे तौर पर उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के भाजपा विधायक के साथ फोन पर हुई बातचीत का मामला उठा दिया. उन्होंने कहा कि जो लोकतंत्र का सम्मान करेगा वह जेल से किसी को फोन नहीं करेगा. मुकेश सहनी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि लोकतंत्र और संविधान की बात करने वालों को पहले अपने घर में देखना चाहिए कि वहां क्या हो रहा है. जाहिर है महज दो साल पहले विकासशील इंसान पार्टी बनाकर बिहार की सियासत के मेन स्ट्रीम में पहुंच चुके मुकेश सहनी के इस साहस की तारीफ हर कोई कर रहा है. खास तौर पर लालू प्रसाद यादव को निशाना बनाए जाने को लेकर उनके साहस की हर कोई तारीफ कर रहा है. यही नहीं सबसे बड़ी पार्टी के नेता तेजस्वी यादव को इतनी खरी-खरी सुनाने का अंदाज भी सबको बेहद भाया और मौजूद सदस्यों ने जोरदार तरीके से मेज थपथपा कर उनके इस वक्तव्य की तारीफ की. गौरतलब है कि एक दिन पहले सुशील मोदी ने ट्वीट कर लालू यादव पर जेल से फोन उठाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मैंने लालू को फोन किया तो कॉल उन्होंने ही रिसीव किया और उसमें लालू प्रसाद यादव की आवाज थी. जिसके बाद यह गंदा खेल नहीं खेलने की सलाह दी थी. इसको लेकर विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के नेता व पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने राजद सुप्रीमो पर हमला किया. बता दें कि बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष पद की चुनाव प्रक्रिया के तहत पहले वॉयस वोटिंग कराई गई लेकिन, विपक्ष गुप्त मतदान पर अड़ा रहा. प्रोटेम स्पीकर मांझी ने साफ कर दिया कि संविधान में गुप्त मतदान के प्रावधान नहीं. अलबत्ता मांझी ने मत विभाजन से चुनाव कराने की मंजूरी जरूरी दी. इसके बाद विजय सिन्हा के अध्यक्ष बनने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा, हम प्रमुख जीतन राम मांझी, मंत्री मुकेश सहनी ने उन्हें बधाई दी. सहेली के घर जा रही युवती पर झपट्टा मारकर मोबाइल लूट ले गए बदमाश ममता बनर्जी ने शाहरुख खान को क्यों बनाया बंगाल का ब्रांड एंबेसडर, WB के बीजेपी चीफ दिलीप घोष ने बताई यह वजह
गुजरात: जिग्नेश मेवाणी लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव, कांग्रेस को होगा ये बड़ा फायदा - democracia जिग्नेश ट्वीट कर पर्चा भरने की जानकारी दी. जिग्नेश जिस सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं वो आरक्षित सीट है. कांग्रेस का प्रयास है कि ऐसी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार लड़ाए जाएं. जिग्नेश के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को मदद मिलेगी, सबसे बड़ी बात कि एक युवा दलित चेहरा मिलेगा. गुजरात में आंदोलन के अन्य नेता चाहें वो हार्दिक पटेल हों या अल्पेश ठाकोर जिग्नेश सभी के साथ मंच पर नजर आ चुके हैं. आपको बता दें कि गुजरात में दूसरे दौर के लिए पर्चा भरने का आखिरी दिन है. 2016 में ऊना में दलित आंदोलन के बाद जिग्नेश दलितों के बड़े नेता बनकर उभरे थे. गुजरात की दलितों की आबादी सात फीसदी है. जिग्नेश का झुकाव कांग्रेस की ओर है. कुछ दिन पहले राहुल गांधी से भी मुलाकात कर चुके हैं.
अधिकांश महिलाओं ने कभी न कभी अपनी लाइफ में पीरियड्स के दौरान क्रैम्प्स ज़रुर महसूस किया है। हालांकि, अगर क्रैम्प्स ज्यादा पेनफुल और लगातार होती है तो इसे dysmenorrhea कहा जाता है। पीरियड्स क्रैम्प्स यूट्रीन कॉन्ट्रैक्शंस के कारण होता है। PMS के अंदर बहुत से नेगेटिव शारीरिक और भावनात्मक लक्षण होते हैं जो आपके हर पीरियड शुरु होने से पहले होते हैं। PMS तब शुरु होता है जब आपको हॉर्मोन के स्तर में बड़े बदलाव आते हैं। इसलिए PMS युवावस्था शुरु होने पर, बच्चे के जन्म के बाद या फिर contraceptive पिल लेने पर शुरु करने पर हो सकता है।यह इसलिए हो सकता है क्योंकि आपका शरीर और दिमाग Estrogen hormone के स्तरों को सामान्य करने के लिए ऐक्टिव हो जाते हैं जो आपके मूड, थकान और नींद के पैटर्न को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। Premenstrual Dysphoric Disorder (PMDD) PMS का एक्सट्रीम लेवल है जो वूमेन की लाइफ को काफी बुरी तरह इफ़ेक्ट करता हैं।इसे सिरदर्द और माइग्रेन के बीच के अंतर की तरह समझें। PMDD के सबसे आम लक्षणों में बढ़े हुए चिड़चिड़ापन, चिंता और मिजाज शामिल हैं।
जब तक सरकार छात्र सुरक्षा के बारे में आश्वस्त नहीं होगी, तब तक स्कूल फिर से नहीं खुलेंगे: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री – My Blog जब तक सरकार छात्र सुरक्षा के बारे में आश्वस्त नहीं होगी, तब तक स्कूल फिर से नहीं खुलेंगे: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री नई दिल्ली: दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल तब तक दोबारा नहीं खुलेंगे, जब तक कि छात्रों की सुरक्षा को लेकर सरकार आश्वस्त नहीं हो जाती। देश भर के विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च को बंद कर दिया गया था, जब केंद्र ने कोविद -19 के प्रसार को रोकने के उपायों के हिस्से के रूप में एक देशव्यापी कक्षा बंद की घोषणा की। 25 मार्च को देशव्यापी तालाबंदी की गई थी। जैन ने संवाददाताओं से कहा, "दिल्ली में (दिल्ली में) स्कूलों को फिर से खोलने की कोई योजना नहीं है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही एक वैक्सीन उपलब्ध होगी। जब तक हम आश्वस्त नहीं होंगे कि स्कूल सुरक्षित नहीं होंगे, तब तक फिर से नहीं खोला जाएगा।" दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा था कि जब तक एक टीका उपलब्ध नहीं है तब तक स्कूलों को फिर से खोलना संभव नहीं है। हालांकि अलग-अलग 'अनलॉक' चरणों में कई प्रतिबंधों को कम कर दिया गया है, लेकिन शिक्षण संस्थान बंद रहते हैं। 'अनलॉक 5' दिशानिर्देशों के अनुसार, राज्य चरणों में स्कूलों को फिर से खोलने पर एक कॉल कर सकते हैं। कई राज्यों ने स्कूलों को फिर से खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। हालांकि, उनमें से कुछ ने कोरोनोवायरस मामलों में वृद्धि के कारण स्कूलों को फिर से बंद करने की घोषणा की। इससे पहले, स्कूल अधिकारियों को कक्षा नौ से 12 के छात्रों को स्वैच्छिक आधार पर 21 सितंबर से स्कूल में बुलाने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, दिल्ली सरकार ने इसके बारे में फैसला किया। दिल्ली में एक दिन में 5,246 ताजा कोविद -19 मामले दर्ज किए गए, क्योंकि बुधवार को सकारात्मकता दर घटकर 8.49 प्रतिशत रह गई, जो 28 अक्टूबर के बाद का सबसे कम है, जबकि 99 और अधिक घातक घटनाओं ने शहर की मौत का आंकड़ा 8,720 तक पहुंचा दिया। यह पांच दिनों के बाद राष्ट्रीय राजधानी में 100 से नीचे एकल-दिवसीय मृत्यु दर्ज की गई थी। शहर ने 11 नवंबर को 8,593 मामलों में अपने उच्चतम एक दिवसीय स्पाइक दर्ज किया था। अधिकारियों ने 19 नवंबर को 98, 20 नवंबर को 118, 21 नवंबर को 111, 22 और 23 नवंबर को 121 और 24 नवंबर को 109 लोगों की मौत की सूचना दी। दिल्ली स्कूल खुलने की खबर India vs Australia: From Virat Kohli to Yuzvendra Chahal, top Indian players to watch out for in ODI series | Cricket News – Times of India
मद्रास में गढ़े गए थे देशभक्त रामनाथ गोयनका भारतीय पत्रकारिता जब आज इतनी लाचार, बेबस, गूंगी और झूठी हो गई है तब उसके पुरोधा रामनाथ गोयनका बहुत याद आते हैं.एक पत्रकार, व्यवसायी, देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रनिर्माता और राजनीतिज्ञ के रूप में गोयनका जी अपने जीवन में ही एक किंवदंती बन गए थे.अगर आज वे होते तो क्या भारतीय पत्रकारिता सत्ता के आगे इतना घुटने टेकती? क्या आज शासक दल की चाटुकारिता में बिछे और विपक्ष से बार बार तीखे सवाल पूछने वाले पत्रकार उनके होने पर सत्ता से सवाल पूछने और उसकी नाकामियों को उजागर करने की हिम्मत कर पाते? शायद हां, शायद ना.हां इसलिए कि गोयनका जी जिस मिट्टी के बने थे उसमें डरने और दबने वाले तत्व थे ही नहीं.लेकिन ना इसलिए कि आज पत्रकारिता, पूंजी और सत्ता की वैचारिकी का रिश्ता इतना बदल गया है कि कोई सरकार से टकराने की स्थिति में नहीं है। बिहार में 3 अप्रैल 1904 को बसंतलाल गोयनका के परिवार में जन्मे रामनाथ गोयनका के निर्माण में बिहार और कलकत्ता का सीमित योगदान है.वे आरएनजी जो बने हैं मद्रास में जाकर.हालांकि उनके भीतर देशभक्ति के अंकुर तो कलकत्ता की आबोहवा और देश की परिस्थितियों के कारण फूट चुके थे.जैसा कि मारवाड़ियों में गोद लेने की व्यापक परंपरा है तो उसी के अनुसार रामनाथ गोयनका को भी एक मारवाड़ी महिला ने गोद लिया था.1919-20 में जब वे सोलह साल के हुए तो अपनी दत्तक मां के भाइयों यानी मामाओं के साथ व्यापार में उतर गए.उनके मामा थे बाबू प्रहलादराय डालमियां और बाबू सागरमल डालमियां.व्यापार के साथ उन्होंने कलकत्ता के सूत और कटपीस के व्यापारी सुखदेव दास रामप्रसाद के सहयोगी सूरजमल नागरमल के साथ अप्रैंटिस करना शुरू किया.यह काम 30 रुपए महीने पर था.लेकिन यह काम काफी थकाऊ और अपमानजनक था, इसलिए वे उसे लंबे समय तक कर नहीं पाए. रामनाथ जी ने इधर व्यापार शुरू किया उधर देश में आजादी का आंदोलन जोर पकड़ रहा था.उसी साल देश में जलियांवाला बाग का नरसंहार हुआ.रौलेट एक्ट भी आ चुका था और गांधी ने असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया था.किशोर रामनाथ भी कैसे उससे अछूते रहते.प्रदर्शन में हिस्सा लिया और गिरफ्तार हो गए.छूटे तो बंगाल के क्रांतिकारियों से सटने लगे.उनकी बढ़ती क्रांतिकारिता से व्यापार करने वाले मारवाड़ी समाज के कान खड़े हो गए.मारवाड़ी समाज अपने एक होनहार युवक को क्रांतिकारी आंदोलन के करीब जाते देखकर बेचैन हो उठा.रामनाथ के मामा प्रहलाद डालमिया का मारवाड़ी समाज में बड़ा रुतबा था.लोग किसी भी जटिल समस्या पर उनकी राय लेते थे और मदद भी.प्रहलाद डालमियां से राय ली गई और मारवाड़ी समाज ने इस युवक को हिंसक गतिविधियों से निकालने के बारे में गंभीरता से विचार किया.तय किया गया कि इस युवक को कलकत्ता से कहीं दूर भेज दिया जाए ताकि वह यहां के क्रांतिकारियों से अलग हो जाए। इस तरह क्रांतिकारी बन रहे रामनाथ को मद्रास भेज दिया गया बिजनेस करने.उस समय बंगाल अंग्रेज सरकार के विरुद्ध उबल रहा था लेकिन मद्रास शांत था.रामनाथ जब तक बालिग होते तब तक मद्रास पहुंच चुके थे.उनका मद्रास प्रवास 1922 में शुरू हुआ.वे मद्रास में सुखदेवदास रामप्रसाद के एजेंट बने और वाकर एंड कंपनी के दुभाष.दुभाष अलग अलग भाषा बोलने वालों के बीच संवाद कराने वाले व्यक्ति को कहते हैं.लेकिन इसी के साथ ब्रोकर को भी कहते हैं.रामनाथ ने यह दोनों भूमिकाएं निभाईं.अपने मद्रास प्रवास की स्थितियों को वे अपने एक संस्मरण से व्यक्त करते थे जो अपने में एक मुहावरा बन गया था.रामनाथ जी कहते थे कि वे मद्रास एक लोटा और छह हाथ की धोती लेकर आए थे और बाद में जब दुनिया से जाएंगे तो यही छोड़कर जाएंगे.यह एक प्रकार से अनाशक्ति योग का दर्शन था जो उनके जीवन में रम गया था.उनका यह विचार तालस्ताय की उस कहानी से मिलता था जिसमें एक व्यक्ति ज्यादा जमीन की भूख में दिन भर दौड़ता है और थक कर गिर जाता है और दम तोड़ देता है.उस कहानी का संदेश यही है कि मनुष्य को छह फुट और तीन इंच जमीन ही चाहिए.इसलिए इतनी जायदाद खड़ी करने वाले रामनाथ सदैव संपत्ति से अनाशक्त रहे.उन्हें इसीलिए सत्ता से खौफ नहीं लगता था। बिहार में जन्मे, कलकत्ता में राजनीतिक चेतना प्राप्त करने वाले और व्यवसाय सीखने वाले रामनाथ के लिए मद्रास एक दम नया शहर था.न वे वहां की भाषा से परिचित थे और न ही वेशभूषा और खानपान से.शुक्र मनाइए वहां शोकारपेट वाले इलाके में गुजराती और उत्तर भारतीय समुदाय के व्यापारी रहते थे.उसी के साथ ही सटा था आर्मीनिया स्ट्रीट और चाइना बाजार.शुरू में रामनाथ जी एक चौधरी परिवार के साथ रहे.कुछ दिनों बाद उनकी शादी हुई और पत्नी मूंगीबाई उनके साथ आ गईं.मूंगीबाई के आने के बाद वे दमानी हाउस में चले गए.यह भवन चेन्ना नाइकर स्ट्रीट पर स्थित है.यहीं रामनाथ जी की संतानें पैदा हुईं.बड़ा बेटा भगवान दास, बेटियां राधा और कृष्णा यह तीन संतानें रामनाथ जी और मूंगीबाई को हुईं.बाद में उन्होंने यही भवन लड़कियों के स्कूल के लिए दान कर दिया.इसमें खुला मूंगीबाई गर्ल्स स्कूल. रामनाथ जी ने 1926 में अपना स्वतंत्र व्यापार शुरू किया.उन्होंने मुरलीप्रसाद मोहनप्रसाद एंड कंपनी के साथ भागीदारी की और बांबे कंपनी के दुभाष बने.दुभाष के तौर पर वे यह सलाह देते थे कि कंपनी किसके साथ व्यापार करे और किसे सामान दे.इसके बदले उन्हें रुपए में एक पैसा यानी 0.5 प्रतिशत का कमीशन मिलता था.रामनाथ जी हिंदी अंग्रेजी और तमिल सीख गए थे और कंपनियों और व्यापारियों के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहे थे.लेकिन उनकी देशभक्ति और राजनीतिक प्रतिभा छुपाए छुप नहीं रही थी.सीआर राजगोपालाचारी और जमनालाल बजाज का ध्यान उनकी ओर गया और उन्होंने उन्हें दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा से जोड़ा.गांधी जी ने उनकी ओर ध्यान दिया और उन्हें इस संगठन का आजीवन ट्रस्टी बना दिया। रामनाथ जी की ओर सीपी रामस्वामी अय्यर की निगाह पड़ी और उन्हें मद्रास विधान परिषद का सदस्य मनोनीत कर दिया.उस समय उनकी उम्र 22 साल की थी.आमतौर पर धारासभाओं के मनोनीत सदस्य सरकार का समर्थन करते हैं.लेकिन रामनाथ जी विपक्ष की ओर से ही बोलते थे.उनकी राजनीतिक निष्ठा से प्रभावित होकर उन्हें इंडिपेंडेंट पार्टी का सचिव बना दिया गया.धाराप्रवाह तमिल बोलने वाले रामनाथ जी वहां के समाज के लिए उपयोगी साबित हो रहे थे.इस दौरान उन्हें लोग प्यार से आरएनजी कहने लगे थे.उनकी मद्रास में एक पहचान बन गई थी.वे खादी का कुर्ता और धोती पहनते थे लेकिन गांधी टोपी नहीं लगाते थे.रामनाथ गोयनका और उनके साथी केएन कोटनीस ने 28 मार्च 1929 को मद्रास के समुद्र तट पर 844 एकड़ का एक प्लाट 60,500 रुपए में खरीदा.यहीं से 1932 में इंडियन एक्सप्रेस समूह की शुरुआत हुई जो बाद में देश का एक प्रमुख समाचार पत्र समूह बना.इस तरह तैयार हुआ एक देशभक्त, विधायक, व्यवसायी और समाज सुधारक जिसने नए भारत के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दिया.
The sound of the banning the burqa in India started rising | भारत में भी बुर्के पर पाबंदी लगाने की बुलंद होने लगी आवाज:- Newstimes भारत में भी बुर्के पर पाबंदी लगाने की बुलंद होने लगी आवाज DEEP KRISHAN SHUKLA 01/05/2019 13:18:36 New Delhi. सीरियल बम ब्लास्ट के बाद श्रीलंका में बुर्के और हिजाब पर प्रतिबंध लगने के बाद भारत में भी यह आवाज बुलंद होने लगी है। केन्द्र की सत्ता पर काबिज भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने भारत में भी ऐसी पाबंदी लागू करने की मांग की है। अपने मुखपत्र 'सामना' में श्रीलंका सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए बुर्के पर बैन की मांग करते हुए संपादकीय लेख लगाया है। इस लेख को शीर्षक दिया गया है 'प्रधानमंत्री मोदी से सवाल: रावण की लंका में हुआ, राम की अयोध्या में कब होगा।' मालूम हो कि श्रीलंका में बीते दिनों ईस्टर के पर्व पर सिलसिलेवार बम ब्लास्ट में तकरीबन तीन सैकड़ा लोगों की मौत हो गयी थी जबकि लगभग 5 सैकड़ा लोग घायल हो गए थे। आतंकियों ने विदे​शी नागरिकों को निशाना बनाने हुए ये धमाके चर्चों और पांच सितारा होटलों पर किए थे। हमले की प्रारंभिक जांच में एक धमाके को अंजाम देने वाली महिला बुर्के में नजर आयी थी। इसके बाद वहां की सरकार में बुर्के पर पाबंदी लगा दी है। इस पर शिवसेना ने फ्रांस, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया का उदाहरण देते हुए भारत में भी बुर्के और उस तरह के नकाब पर पाबंदी को राष्ट्रहित में आवश्यक बताया है। खास बात यह है कि इस संपादकीय लेख में दावा किया गया है कि अधिकांश मुस्लिम महिलाएं भी बुर्के के खिलाफ हैं।संपादकीय में यह बात भी लिखी गयी है कि सरकारी आंकड़ों में भले ही कुछ बताया गया हो लेकिन कोलंबों के धमाकों 500 से अधिक लोगों की जान गयी। लिट्टे के आतंक से मुक्त होने के बाद श्रीलंका इस्लामी आतंकवाद की भेंट चढ़ गया। भारत का जम्मू कश्मीर प्रांत भी इस्लामी आतंकवाद से त्रस्त है। लेख के अतं में अन्य देशों की नजीर पेश करते हुए यह सवाल रखा गया है कि भारत में सख्त कदम कब उठाए जाएंगे?
चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी के सैनेट मैंबर और श्री मुक्तसर साहब सरकारी कालेज के सहायक प्रोफेसर आरडी बांसल की मौत हो जाने की खबर सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार आरडी बांसल यूनिवर्सिटी के मुख्य मेहमान घर में अपनी पत्नी के साथ ठहरे हुए थे, जिस दौरान वो कमरें की बालकनी से नीचे गिर गए। हादसे के बाद आरडी बांसल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृतक घोषित कर दिया।
कोरा क्या है कोरा को कैसे यूज़ करें हिंदी में जानकारी - AskInHindi कोरा क्या है कोरा को कैसे यूज़ करें हिंदी में जानकारी 'Quora kya hai कोरा एक मेगा वेबसाइट है इसमें दुनिया के फैले ज्ञान को बढ़ाना है कोरा में जुड़े लोगों के ज्ञान को बांटना है कोरा में उस ज्ञान को बाँटा जाता है जिसकी हम कल्पना नहीं कर सकते है Quora का मकसद है जिन लोगो के पास ज्ञान है और जिनको ज्ञान की जरुरत है वो Quora से जुड़ सके और अपने ज्ञान से दुनिया में फैला सके। "Quora Kya Hai " इसमें सभी लोग सवाल और सवालों के उत्तर संग्रहित किये जाते है कुछ लोग Quora पर अपने नेटवर्क को फैलाने के लिए इसका उपयोग करते है सीधे सीधे शब्दों में बोले तो Quora सवाल और जवाब देने वाली साइट है Quora को उपयोग करने वाले लोग सवाल पूछते है और उपयोग करने वाले ही उस सवाल का जवाब देते है अपनी जानकारी को दूसरे के साथ साँझा करते हैं। कोरा क्या है कैसे यूज़ करें Quora का मकसद लोगों को सभी विषय पर जानकारी देना है Quora 2010 में जनता को उपलब्ध करायी गयी। Must Read – RozBuzz Se Paise Kaise Kamaye कोरा को कैसे यूज़ करें आप अपने फेसबुक या फिर ईमेल आईडी से Quora को लॉगिन कर सकते है जब आप लॉगिन कर लेंगे तो उसके बाद आप अपने मित्रों को ढूंढ सकते है फिर आपको एक पेज दिखेगा। आप सर्च करके सवाल को पूछ सकते है या फिर किसी फ्रेंड को सर्च कर सकते है अगर आप सवाल पूछना चाहते है तो आप सवाल लिखें और सवाल को आप स्पष्ट रूप से देख ले की वो स्पष्ट लिखा हुआ है या नही क्योकि अगर वो सवाल स्पष्ट लिखा हुआ नहीं होगा तो जवाब देने वालों को परेशानी होगी जिससे वो सवाल को समझ नही पायेंगे। इसमें Quora को उपयोग करने वालो को एक timeline दिया जाता है जिसमे वो अपने रूचि के विषयों पर ज़्यादा ध्यान दिया गया है आप जिन विषयों में रूचि रखते है ज़्यादातर उनके ही सवाल और जवाब देने में ज़्यादा ध्यान दे आप Quora पर अगर आपका अनुभव अच्छा आपकी feed पर depend करता है feed उन विषयों ,लोगों को दिखाता है जिनको आपने साँझा किया है। आप Quora में उन सभी टॉपिक को चुन सकते है जिन में आप रूचि रखते है आप उन सभी सवालों के जवाब दे सकते है आपने जिन टॉपिक को ऐड किया है अगर आप Quora की नोटिफिकेशन लगातार अपडेट हो रहे है तो उन को बंद भी कर सकते है आप Quora की सेटिंग में जाकर नोटिफिकेशन को बंद कर सकते है। Quora में भी एक inbox प्रदान किया गया है जिसमे आपको Quora के उपयोगकर्तो को मैसेज भेजने की अनुमति प्रदान करता है इस इनबॉक्स से आप बाहर के लोगो से जुड़ सकते है ये बहुत ही बड़ा जरिया है हमारे किये नए मित्र बनाने का जिनको हम नहीं जानते हैं। अपवोट और डाउन वोट Quora के उपयोग करने वालो ये अपवोट और डाउन वोट की सुविधा उपलब्ध करती है जिन उपयोगकर्ता को किसी के जवाब ज़्यादा पसंद आता है तो वो उसको अपवोट करते है यह Quora की सेटिंग का सबसे बड़ा ऑपरेटिंग सिस्टम में से एक है जिस सवाल के जवाब को ज़्यादा अपवोट दिए जाते है उनको एक अलग ही शीर्ष स्थान दिया जाता है। Quora को उपयोग करने वाले किसी गलत सवाल ,उत्पीड़न या फिर किसी स्पैम लेख की रिपोर्ट कर सकते है जिसके बाद लेख की जांच की जाएगी। Quora में एक सुझाव का भी ऑप्शन दिया जाता है बहुत बार हमें Quora के लेख पर सुधार का सुझाव दिया जाता है जो भी लेखक़ होता है उसको संदेश भेजा जाता है इसके बाद लेखक सुझाव पर विचार भी कर सकता है Quora पर कुछ खास लेखक है। Quora को उपयोग करने वालो को अपनी प्रोफाइल बनाने की अनुमति देता है उसमे उपयोगकर्ता अपनी फोटो, फॉलोवर्स या खुद के पूछे गए सवाल जवाब को भी ऐड कर सकते है कोरा पर अपनी साम्रगी को निजी रखने के लिए निजी के ऑप्शन को भी चुन सकते है।कोरा में बिना नाम के भी पोस्ट कर सकते है जिससे नाम को छुपाया जा सकें।
हाथरस कांड: सपा व आरएलडी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बरसाईं लाठियां | NVR24 हाथरस के बूलगढ़ी गांव की मृत युवती के परिवारीजन से मिलने के लिए राजनैतिक दलों के 5 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को मिलने की अनुमति का निर्देश अब जिला व पुलिस प्रशासन पर भारी पड़ रहा है। समाजवादी पार्टी तथा राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ आए कार्यकर्ताओं ने यहां जमकर हंगामा दिया । इनके पथराव करने के बाद पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा है। इसी बीच भीम आर्मी प्रमुख Chandrashekhar भी समर्थकों के साथ गांव की ओर बढ़ रहे हैं। गांव में इन दलों के बीच टकराव की स्थिति को देखते हुए अब अतिरिकत बल की मांग भी की गई है। इससे पहले RLD नेता जयंत चौधरी सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ गांव बूलगढ़ी पहुंचे यहां कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गई। पीड़ित परिवार से मिलने बूलगढ़ी गांव जाने के लिए सपा नेता पुलिस से भिड़ गए। सपा नेताओ ने पुलिस पर धूल और ईंटें फेंकी। इस पर पुलिस ने उन्हें लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया। सपाई और पुलिसकर्मियों के बीच यह क्रम 4 बार चला। सपाई गांव के बाहर धरने पर बैठ गए हैँ। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम के नेतृत्व में सपा का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिलने आया था। उनके साथ जाने से अन्य पार्टीजनों को रोकने पर टकराव की स्थिति बनी। प्रतिनिधि मंडल पीड़ित परिवार से मिलकर लौट गया है। Hathras के गांव बूलगढ़ी में SP व RLD कार्यकर्ताओं ने बेरीकेडिंग तोड़ दी और पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने लाठी चार्ज किया। पुलिस ने पथराव करने वाले समाजवादी पार्टी के नेताओं को दौड़ाया भी है। इनके पथराव करने से CO आनंद कुमार के साथ अन्य कई पुलिसकर्मी भी चोटिल हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के साथ ही राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं के बैरिकेडिंग को तोडऩे के बाद नारेबाजी करते हुए गांव में घुसने के प्रयास से दौरान पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया। इसी बीच भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी कोतवाली चौराहे पर पहुंचे हैं। इन सभी से SP विनीत जायसवाल वार्ता कर रहे हैं। भीम आर्मी के प्रमुख Chandrashekhar आजाद का वाहन काफिला हाथरस पहुंच गया। काफिला मृतक युवती के घर बूलगढ़ी जाएगा। इसको सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गांव के बाहर व अन्य जगहों पर वाहनों को रोकने के लिए आढ़े तिरछे वाहन खड़े कर दिए गए हैं। बूलगढ़ी कांड में पीड़िता के गांव आये रालोद के नेता जयंत चौधरी ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा सिर्फ SP पर कार्रवाई करके सरकार अपने काम से नहीं बच सकती। योगी जी इस मामले में खुद जिम्मेदारी लें और इस्तीफा दें। हमारे कार्यकताओं पर लाठी चार्ज करना दुर्भाग्यपूर्ण है। जयंत चौधरी ने कहा घटना के लिए सरकार और उसके प्रतिनिधि जिम्मेदार है। पीड़ित परिवार भयभीत है। कल हम राष्ट्रीय महिला आयोग से मिलेंगे। परिवार न्याय चाहता है। प्रदेश व देश में कानून व्यवस्था खराब है। महिला अपराध बढ़े है। एक अजीब सा माहौल पैदा कर दिया है। Tagged BHEEM ARMYCane ChargechandrashekharChaos in Boolgadhi VillageDalit Girl Died After 15 DaysHathrasHathras CaseHathras Case NewsJayant Chaudharylathi-chargenational newsnewsrldsamajwadi partySamajwadi Party DelegationUP CommonmanIssueup newsUP POLITICSUttar Pradesh newsपीड़ित परिवारपुलिस ने भिड़ंतबूलगढ़ी गांवभीम आर्मी के चंद्रशेखरसपा का प्रतिनिधमंडलसपा व रालोद के नेताओं पर लाठीचार्जहाथरस कांडहाथरस में दलित पीड़िता की मौत
अगर आप Facebook का इस्तेमाल करते हो तो आपके मन में यह सवाल कभी ना कभी जरूर आया होगा कि Facebook का इस्तेमाल करके कैसे पैसा कमाया जा सकता है । और आप Facebook का इस्तेमाल बहुत ही ज्यादा करते हो और ढूंढते रहते हो पैसे कमाने का तरीका, तुम यहां पर आप इसके बारे में जानने वाले हो की Facebook के जरिए कैसे पैसा कमाया जा सकता है । अगर आपके पास एक smartphone है और आप Internet का इस्तेमाल करते हो तो आपका एक Facebook Account होगा ही होगा, जहां पर हम अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ Internet के माध्यम से जुड़े हुए रहते हैं । आप अपने इन दोस्तों और रिश्तेदारों के माध्यम से Facebook के जरिये पैसा कमा सकते है । कुछ लोग होते हैं जो अपने मोबाइल में Facebook को खोलकर घर घंटो तक बेटे रहकर videos और photos देखते रहते हैं जो उनकी आदत होती है , जिससे उनका ज्यादातर समय यहींपर ही खराब हो जाता है । तो इससे अच्छा है कि आप अपना कीमती वक्त बिना किसी काम के बर्बाद करने के बदले Facebook के जरिए ही कुछ पैसे कमाए ताकि आपका कीमती वक्त काम पर आए और आप Facebook का भी इस्तेमाल कर पाये । कुछ लोगों का सपना होता है कि उन्हें जो भी करना अच्छा लगता है वही काम वह अपनी जिंदगी में करके पैसा कमाय तो अगर आपको Facebook चलाना बहुत ही अच्छा लगता है तो ,आप कैसे Facebook के जरिये पैसा कमा सकते हैं चलिये जानते हैं। Facebook के जरिये पैसा कमाने के लिए क्या-क्या चाहिए ? Facebook के जरिये पैसा कैसे कमाय Tip 1. Affiliate Marketing के जरिए पैसा कमाए Facebook से Tip2. Facebook page बेचे और पैसा कमाय Tip3. Facebook Group बेचे और पैसा कमाय Tip3. Facebook post बेचे ओर पैसा कमाय Tip4. Online coaching देकर Facebook से पैसा कमाए Tip5. Facebook page बनाकर वहापर अपना Promotion करे Tip6. PPC Network के जरिये पैसा कमाय Tip7. PPV Program के जरिये पैसा कमाय Tip8. PPD Program के जरिये पैसा कमाय Tip9. Facebook Marketplace के जरिये पैसा कमाय Tip10. Facebook Ads के जरिये पैसा कमाय Tip11. Facebook Group Manage करके पैसा कमाय Facebook एक Free Social media platform है , जहां पर हमें Account बनाने के लिए एक भी पैसा नहीं देना पड़ता । Facebook के उपयोगकर्ता दुनिया में करोड़ों में है, जिन पर पहुंच प्राप्त करके उनके जरिए पैसा कमा सकते हैं । Facebook के जरिये पैसा ऐसे ही पैसा कमाया नहीं जा सकता यहां पर कुछ काम करने पड़ते हैं जिनके जरिये हमें बहुत सारे तरीके से पैसा मिल सकता है। Facebook का इस्तिमाल करने के लिये हमे Facebook को कोई पैसा नही देना परता । लेकिन हम Facebook का इस्तिमाल करके बोहोत पैसा कमा सकते है क्युकी , Facebook के इस्तिमाल दुनिभर के करीब करीब सभी लोग इस्तिमाल करते है जिनका Facebook मे account जरूर होता है । आजकल के छोटे से लेकर बुरे लोग भी Facebook का इस्तिमाल करते है । Facebook के जरिये उनतक पोहोच प्राप्त करके हम पैसा कमा सकते है । चलिये जानते है कैसे हम Facebook के जरिये पैसा कमा सकते है…… साधारण सी बात है अगर हमें कहीं पर भी Business करके पैसा कमाना है तो उसके लिए हमारे पास customers होने चाहिए जिनके साथ Business करके पैसा कमाना है । ठीक उसी तरह Facebook के जरिए पैसा कमाने के लिए हमारे पास Facebook में बहुत सारे लोग होने चाहिए जिनके साथ Business करके पैसा कमाया जा सकता है । तो इसके लिये आपके पास एक Facebook-page , Facebook Group , Facebook account होनी चाहिए । वहां पर आपके ज्यादा से ज्यादा Followers होने चाहिए क्योंकि जितने ज्यादा Followers होंगे उतनी ही ज्यादा आपकी कमाई होगी। ज्यादा Like और Followers होने के बाद चलिए अभी जानते हैं Facebook के जरिये पैसा कमाने के क्या-क्या तरीके होते हैं । किसी भी चीज की Affiliate Marketing Facebook पर करके पैसा कमाया जा सकता है , जैसे कि आप किसी भी चीज की Affiliate Link को Facebook के Page, Group पर डाल सकते हैं जहां पर आपके Followers ऑन Affiliate Link पर click करके अगर कोई भी चीज खरीदता है तो आपको उसका commission मिलता है । आप ऐसा कर सकते हैं कि जितने भी Affiliate websites है उन पर अपना Account बनाकर अपना Affiliate Link बना सकते हैं और उसको Facebook Page, Group पर share कर सकते हैं । एक सलाह है कि हम जो भी Affiliate Link Share करो वह कुछ अलग होना चाहिए जो लोगों को पसंद आए और उनको Discount भी मिले । जब भी आप Facebook को खोल दें तभी आपको वहां पर बहुत सारे Facebook page दिखते होंगे । Facebook पर Page ज्यादातर लोग पैसा कमाने के लिए ही बनाते हैं । जब भी कोई नया company खुलता है तो वह लोग अपने company के promotion के लिए एक अच्छी सी Facebook Page को खरीद लेते हैं जिन पर बहुत सारे Followers होते हैं, ताकि वह company ज्यादा लोगो तक अपने company का Promotion कर सकें । अगर आपके पास भी Facebook page, Group है तो आप भी इसके जरिए पैसा कमा सकते हैं लेकिन एक शर्त यह है कि आपके Facebook page पर बहुत सारे Followers होने चाहिए और जिसमें आपके post पर ज्यादा से ज्यादा Like और comment आते हो । जैसे ही Facebook Page बेचकर पैसा कमा सकते हैं, ठीक है ऐसे ही Facebook Group को बेचकर भी पैसा कमाया जा सकता है सिर्फ शर्तें यही है कि उसमे ज्यादा Group member होनी चाहिए । अगर आपके Facebook page ,Group में लाखों में Traffic है तो बोहोत सारे company आपके साथ संपर्क करेंगे, क्योंकि वह लोग अगर आपके Facebook page पर उनके Product के बारे में post लिखाते है तो उनको बहुत सारे customers मिलेंगे जिनसे उन company को बहुत फायदा हो सकता है और आप भी उन company से पैसा ले सकते हैं । अगर आपके पास कोई Talent है जो आप लोगों को सिखा सकते हैं तो Facebook एक अच्छा जरिया है जहां पर आप लोगों को कुछ सिखा कर पैसा कमा सकते हैं। तो इसके लिए आपको यह करना होगा कि Facebook पर एक Secret Group बनाना होगा, जहां पर आप लोगों को Join करने के लिए पैसा ले सकते हैं और जहांपर आप उन Join किये गये Members को coaching दे सकते है । अगर आपका एक website है जहां पर आप बहुत सारे Traffic लाना चाहते हो तो Facebook एक अच्छा माध्यम है जिसके जरिए आप अपने website पर लाखों-करोड़ों में Traffic ला सकते हैं वह भी बिल्कुल मुफ्त मे । सिर्फ आपके Facebook page पर बोहोत सारे Followers होने चाहिये और जब भी आप कोई Post लिखकर अपने website पर Upload करते हैं तब website Link को Facebook Page पर share करें, जहां से आपके Facebook Link पर अगर कोई click करता है तो वह directly आपके website पर पहुंच जाएंगे और आपको वहां से बहुत सारे Traffic मिल जाएंगे । PPC का मतलब है Pay Per Click यानि की click होने पर पैसा मिलना । ये चीज वो लोग इस्तिमाल करते है जिनका कोई website है और वो अपने website मे traffic लाना चाहते है , तो आप सोच रहे होंगे की इससे पैसा कैसे मिलता है। इसका उत्तर यह है की , कोई Advertiser अगर आपके Facebook page पर add दिखाना चाहते है तो आप उनसे पैसा ले सकते है , यानि की Advertiser के Adds पर जितना click होगा इसके अनुसार आपको पैसा मिलेगा। ऐसे बोहोत से Ad Network आजकल है जैसे की Viral9, Revcontent इत्यादि । यह इस्तिमाल करने के लिये आपको उनके Ad Network पर signup करना होता है ,इसके बाद उनके जो contents होते है उनसब को अपने Facebook Page , Facebook Group पर share करना होता है । तब जितने भी clicks उन contents पर परते है उतनी आपकी कमाई होती है। आपके Facebook Page ,Facebook Group के लोग अगर Tier1 countries के है तो आपकी कमाई ज्यादा होगी। PPV Program लगभग PPC Network की तरह ही होता है ,लेकिन फर्क सिर्फ इतना होता है की उनमे views के जरिये आपको पैसा मिलेगा। इसके लिये आपको कोई भी PPV Program को join करना होगा , जैसे की एक PPV Program है Vidinterest । यहापर आपको उनके videos को share करना परता है, जहापर उन videos पर जितना views आते है… इसके अनुसार आपको पैसा मिलता है। PPD Program भी लगभग PPV Network की तरह ही होता है । लेकिन इसमें आपको Downloading के पैसे मिलते है ,यानि की जितना ज्यादा Download होगा उतना आपका कमाई होगा। इसके लिये आपको कोई भी एक PPD Program को join करना होगा , इसके बाद Download Link को अपने Facebook Page , Facebook Group पे share करना होगा । तभी जितनी ज्यादा Download होगी उतनी ही ज्यादा आपकी कमाई होगी। Facebook Marketplace Link – https://www.facebook.com/marketplace/ Facebook Marketplace Facebook के द्वारा बनाया गया एक Feature है , जहापर आप अपने द्वारा उत्पाद की गयी चीजो को , किसी और चीजों को आसानी से बेच सकते हो ;याफिर Reselling भी कर सकते हो। आजकल बोहोत सारे Reselling platform उपलब्ध है जैसे की Meesho । यहापर जितनी चाहे उतनी चीज बेच सकते हो और अपने चीजों के बारे मे बिस्तार मे लिख सकते हो , जितने मे आप बेचना चाहते हो वो भी आप लिख सकते हो , Product की Photos लगा सकते हो। इसके लिये Facebook कोई भी commission नहीं लेता। Facebook Marketplace को इस्तिमाल करने का सबसे बरिया फायदा यह है की आप सिर्फ सिमित ग्राहको तक नहीं बल्की दुनियाभर मे Facebook के जितने उपयोगकर्ता है उनसब तक अपने Product को पोहोचा सकते है और बेच सकते है। Facebook Marketplace को इस्तिमाल करने के लिये आपको सिर्फ Facebook Marketplace की community guidelines को Follow करना होगा, बरना आपका Facebook Marketplace account बन्ध हो सकता है । Facebook page पर आप का इस्तिमाल करके पैसा कमा सकते हो।लेकिन इसके लिये आपके Facebook Page पर बोहोत सारे Follower होने चाहिये । Facebook ads क्या है इसके बारे मैने दूसरे post मे अच्छे से लिखा है , वो जरूर परे । Facebook Ads क्या है – https://rontechz.in/facebook-page-monetize/ आजकल कई सारी राजनैतिक दल और companies अपने बारे मे लोगो को बताने और प्रचार करने के लिये Facebook Group का इस्तिमाल करती है। Facebook Group मे ज्यादा लोगो को add करना परता है ,जिससे की राजनैतिक दल और companies को ज्यादा फायदा हो सके। ऐसी Facebook Groups को चलाने के लिये Group admin की जरूरत होती है जो इन Facebook Groups को सम्भाल सके। आप ऐसी Facebook Group का admin बनके उन राजनैतिक दल और companies से पैसा ले सकते है ,जो की आजकल ऐसे लोगो को मासिक बेतन भी दिया जाता है। तो यह थे कुछ Tips जिनका इस्तिमाल करके आप Facebook के जरिये पैसा कमा सकते हैं, आशा करता हु की आपको यह Post पढ़कर बहुत सारे Ideas मिल गये होंगे, जिनका इस्तेमाल आप पैसा कमाने के लिये कर सकते हैं । मेरा आप सभी से एक ही Request है की आप इस Post को अपने दोस्तो , रिश्तेदारो और जिन जिन लोगो को जानते है सभी को share करे ,ताकि सबको फायदा हो और जो लोग बाहर जाके पैसा नही कमा सकते वो लोग घर बैठे पैसा कमा सके । यह post आपको कैसा लगा नीचे comment करके जरूर बताय और कुछ Tips आपको अगर share करना है तो नीचे comment करके बता सकते है । और परे | Facebook Page monetize करे और पैसे कमाय 2021 में और परे | Facebook security in Hindi Categories Earn Online, Facebook Tags earn online, facebook, Facebook के जरिये पैसा कैसे कमाय Post navigation
रिश्ते में रहने के बाद इन स्टार्स ने किया एक दूसरे पर पुलिस केस ! - DesiMartini अपडेट: जनवरी 07, 2020 08:00 IST बॉलीवुड और टीवी की दुनिया हमें बाहर से देखने में भले ही चकाचौंध से भरी लगे लेकिन इसके अंदर की सच्चाई कुछ और है। शॉट देने तक सभी एक दूसरे को जानते हैं लेकिन उसके बाद सभी अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं। लेकिन हम इन्हीं किरदारों को सच समझ बैठते हैं, परदे पर दिखाई गई इन जोड़ियों से हमें भी उतना प्यार हो जाता है जितना ये एक दूसरे से करते हैं। इनमें से कई जोड़ी असल में भी जोड़ी बनती है तो कुछ बनने के बाद टूट जाती है। हमारी एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में प्यार और साथ में रहने वाले कई सेलेब्स का जब रिश्ता टूटा तो इन्हें भी कानून की मदद लेनी पड़ी। किसी ने पुलिस में कम्प्लेंट की तो किसी ने भेजा लीगल नोटिस- कंगना रनौत और ऋतिक रोशन इनके रिश्ते के बारे में किन से छुपा है। दोनों के बीच जब दूरियां आने के बाद दोनों ने एक दूसरे पर तीखे वार किये। इतना ही नहीं अपनी जिंदगी से जुड़े सभी राज़ पब्लिकली ज़ाहिर करने में भी ये नहीं हिचकिचाए। वो ईमेल वाला किस्सा तो आपको याद ही होगा। अभी भी दोनों के बीच कानूनी जंग चल रही है। नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और सुनीता राजवर बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर में से एक नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने हाल में अपने जीवन के ऊपर लिखी किताब लॉन्च की थी। उनकी इस किताब में कई बड़े खुलासों के साथ उनकी निजी जिंदगी के बारे में भी बहुत कुछ था। नवाज़ ने इसमें अपनी गर्लफ्रेंड सुनीता राजवर के बारे में लिखा था जो सुनीता को नागवार गुज़रा और उन्होंने नवाज़ पर 2 करोड़ का मानहानि का मुकदमा ठोक दिया। इस पर नवाज़ भी शांत नहीं पड़े और उन्होंने भी सुनीता के खिलाफ एक लीगल नोटिस भेज दिया। एक वक़्त दोनों के अफेयर की चर्चाएं फैली हुई थी। बेटी की उम्र की लड़की को डेट करने के लिए आदित्य पर कई तरह के सवाल भी उठाए गए। लेकिन बात तब बढ़ गई जब कंगना ने उनके खिलाफ पुलिस कॉम्पलेंट करने की बात कही। कंगना ने बताया कि वो बहुत परेशान हो चुकी थी जिसके बाद उन्होंने पुलिस का सहारा लिया। कंगना ने एक न्यूज़ चैनल पर आदित्य पंचोली से जुड़े कई और राज़ भी खोले। जिसके बाद आदित्य ने उन पर मानहानि का केस दर्ज किया। प्रत्युषा बेनर्जी और मकरंदा मल्होत्रा प्रत्युषा आज हमारे बीच नहीं है। वो टीवी का सबसे पॉपुलर नाम थी। लेकिन करियर के शुरुआत में ही वो अपने एक्स बॉयफ्रेंड मकरंदा से रिश्ते और फिर उस रिश्ते के टूट जाने से और ज़्यादा मशहूर हो चुकी थी। मकरंदा के साथ अपने रिश्ते की बात वो सबके सामने एक्सेप्ट करती थी। लेकिन जब उन्होंने उसी प्यार की पुलिस में शिकायत की तो हम सभी बेहद हैरान थे। दोनों का रिश्ता अब तक टूट चूका था। प्रत्युषा ने मकरंदा पर गाली-गलौच और मार-पीट का इलज़ाम लगाया। इसके बाद वो राहुल राज के साथ रिश्मे में रहने लगी । जिसकी वजह से उन्होंने सुसाइड किया। विकास गुप्ता और पार्थ समथान टीवी शो प्रड्यूसर और फ़िलहाल बिग बॉस में नज़र आने वाले विकास गुप्ता और एक्टर पार्थ समथान के बीच गे रिश्ते की बात किसी से नहीं छुपी। दोनों साथ में घूमने जाते थे। लेकिन बाजी तब पलट गई जब पार्थ ने पुलिस में जा कर विकास पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कर दी। साथ ही उन पर गलत तरह से छूने और टीवी शो का पैसा न देने का आरोप लगाया।
Mahesh bhatt angry on the event and shouting alia bhatt got scared बॉलीवुड: इंडस्ट्री की क्यूटेस्ट एक्ट्रेस आलिया भट्ट की बहन शाहिना भट्ट भी कम टैलेंटेड नहीं हैं. शाहीन भट्ट की इन दिनों एक किताब I've Never Been (Un) Happier लांच हुई हैं. और इसी दौरान आलिया भट्ट का पूरा परिवार इस बुक लॉचिंग के वक़्त मौजूद था जिसके बाद महेश भट्ट काफी बौखलाए नजर आए. बात दरअसल यह थी कि एक पत्रकार ने महेश भट्ट से समाज से जुड़े कुछ सवाल किये जिसके बाद महेश भट्ट ने अपना आपा खो दिया और काफी जज्बाती हो गए. बात यहीं नहीं रुकी वो चिल्लाने लग गए और गुस्सा भी हुए. आलिया भट्ट ने भी उनको चुप कराने की कोशिश की लेकिन वो चुप नहीं हुए. पत्नी सोनी राजदान भी चाह रही थीं कि वह अपने गुस्से और भावनाओं पर काबू रखें, लेकिन महेश भट्ट ने अपना आपा यहां पूरी तरह से खो दिया था. महेश भट्ट जज्बाती होकर ऊँची आवाज में सवालों का जवाब देने लगे और कहा कि मैं एक छोटी सी लड़की से इस बीमार दुनिया में फिट होने की उम्मीद नहीं कर सकता जहां क्रूरता वैध है. उनका इशारा समाज की बेटियों के साथ दरिंदगी की बढ़ती घटनाओं की ओर था. ट्विटर पर शेयर हुई इस वीडियो में सोनी राजदान ने उन्हें शांत होने का इशारा भी किया लेकिन महेश भट्ट शांत नहीं हुए. असहज महसूस करते हुए आलिया कहती हैं, "मैंने पहले ही आपको चेताया था कि यह होने वाला है." बाद में आलिया कहती हैं, "पापा इज नॉट अलाउड टू टॉक." आपको बता दें कि शाहीन भट्ट ने इंस्टाग्राम के जरिए सभी को डिप्रेशन से अपनी 10 साल लंबी लड़ाई के बारे में बताया था. उन्होंने बताया कि कैसे 13 साल की उम्र में वह डिप्रेशन का शिकार हो गईं. शाहीन ने बताया कि जब वह इंस्टाग्राम पर अपनी इस लड़ाई के बारे में लिखती थीं तो उन्हें बहुत अच्छा रिस्पांस मिला. तभी मुझे लगा कि अगर मैं डिप्रेशन पर किताब लिखूंगी तो लोगों को इससे फायदा मिलेगा. Also Read: …तो इसलिए नोरा फ़तेही की फिटनेस देखकर जलतीं हैं बॉलीवुड गर्ल्स, एक्ट्रेस ने खुद बताये राज Also Read: Bigg Boss 13: रश्मि देसाई की माँ ने कही ये बात, अरहान के रिश्ते पर तोड़ी चुप्पी alia bhattmahesh bhattshahina bhatt यूपी में खोले जाएंगे 218 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट, 144 में महिलाओं और 74 कोर्ट में बच्चों के मामले पर होगी सुनवाई: बृजेश पाठक Exclusive: उन्नाव मामले में पीड़िता और वकील की सनसनीखेज चैट वायरल, आरोपी पक्ष का दावा- शिवम नहीं, वकील कर रहा था पीड़िता का शोषण, आरोपियों से थी लाखों वसूलने की तैयारी Video: Indian Idol के ऑडिशन में आये एक अधेड़ का डांस देख लोटपोट हुए जज, फिर हुआ कुछ ऐसा कि हैरान रह गए सब…
तिरंगा झंडा है ताकत का मंत्र,आइए जानें - indian national flag is the mantra of strength 2019-08-11T10:56:18+05:30 2019-08-11T11:04:54+05:30 तिरंगा (Tiranga) झंडा जिस शान से लहराता है उसे देखकर हर भारतवासी का हृदय भावों से भर जाता है। देश के प्रति समर्पण और प्रेम का संचार मन में होता है। यह तिरंगा झंडा (Tiranga Jhanda) ही है जिसको देखकर सैनिक सीमा पर पूरे साहस के साथ तैनात रहते हैं... तिरंगा (Tiranga) झंडा जिस शान से लहराता है उसे देखकर हर भारतवासी का हृदय भावों से भर जाता है। देश के प्रति समर्पण और प्रेम का संचार मन में होता है। यह तिरंगा झंडा (Tiranga Jhanda) ही है जिसको देखकर सैनिक सीमा पर पूरे साहस के साथ तैनात रहते हैं और दुश्मनों के छक्के छुड़ाते रहते हैं। अपनी जान की भी परवाह नहीं करते ऐसा अदम्य साहस भारतीय तिरंगा के दम पर ही सैनिकों के भीतर पैदा होता है। आजाद भारत और वर्तमान दौर जब नया भारत बनने की बात की जा रही है, उसमें राष्ट्रीय तिरंगा झंडा तरक्की का मंत्र बन गया है। आमजन के मन में राष्ट्रीयता की भावना का संचार इंडियन तिरंगा के माध्यम से हो रहा है। आंखों के लिए सामने लहराता राष्ट्रीय तिरंगा और मन में देश के लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प भारत को नया भारत बना रहा है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज (Indian National Flag) 21वीं सदी के इस दौर में विकास मंत्र बन गया है। राष्ट्रीय ध्वज इस तरह गया बदला प्रथम राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कोलकाता में फहराया गया था। इस हिंदी तिरंगा को लाल, पीले और हरे रंग की पट्टियों से बनाया गया था। द्वितीय राष्ट्रीय ध्वज 1907, यह पहले ध्वज के समान ही था। हां, इसमें ऊपरी हिस्से में तारे बनाए गए थे। बीच में वंदे मातरम लिखा था। तृतीय राष्ट्रीय ध्वज 1917 में आया था। डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने घरेलू शासन आंदोलन के दौरान इसे फहराया था। चौथे राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग 1921 में बेजवाड़ा (अब विजयवाड़ा) में किया गया। दो प्रमुख समुदायों हिन्दू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्व करने वाला यह ध्वज था। पांचवां राष्ट्रीय ध्वज 1931 में आया। यह वर्तमान ध्वज के समान ही था, बस चक्र की जगह चरखा निशान इसमें था। इसके बाद वह ध्वज अपनाया गया जो वर्तमान में है। स्वतंत्रता दिवस (15 August) या गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर तिरंगा झंडा फहराने के साथ ही राष्ट्रभक्ति से संबंधित कार्यक्रम आदि समाप्त हो जाते थे। लेकिन, नया भारत जिस तरह से सूचना क्रांति से लबरेज है, उसमें अब पर्व से कई दिन पहले ही देशप्रेम की लहर सी दौड़ जाती है। नए दौर में राष्ट्रीय धवज (National Flag) हर भारतीय के मन में अंकित हो गया है। स्मार्ट फोन पर तिरंगा झंडा प्रति प्रेम का प्रदर्शन सहजता से देखा और समझा जा सकता है। वो कहते हैं ना कि जब भावनाएं बलवती होती हैं तो व्यक्ति नामुमकिन को भी मुमकिन करके दिखा देता है। यही बात यहां भी लागू होती है, तिरंगे के प्रति सम्मान से सराबोर संदेश मोबाइल आदि के माध्यम से जब एक-दूसरे के पास पहुंचते हैं तो मनोवैज्ञानिक प्रभाव के कारण राष्ट्रीयता का संचार होता है। चूंकि आज के दौर में डिजिटल इंडिया की बदौलत सब कुछ इंटरनेट के माध्यम से सोशल मीडिया पर उपलब्ध है, ऐसे में देखते-देखते राष्ट्रप्रेम के संदेश करोड़ों देशवासियों के बीच फैल जाते हैं। इन संदेशों के प्रभाव से लोग देश के लिए अच्छे से अच्छा करने का संकल्प लेते हैं। इसके बाद दृढ इच्छाशक्ति की बदौलत वह सारे काम सफल होते हैं, जिनको मुश्किल कहा जाता है। तिरंगा झंडा के रंगों का अर्थ भारत का राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों से मिलकर बना है। सबसे ऊपर जो केसरिया रंग है। वह साहस का प्रतीक है। बीच में सफेद रंग शांति और नीचे का हरा रंग शुभ और विकास का संदेश देता है। बीच में अशोक चक्र है। राष्ट्रीय ध्वज का वर्तमान प्रारूप जो आज है उसे भारत की संविधान सभा ने 22 जुलाई, 1947 को अपनाया था। दुनिया के प्रत्येक देश के लिए उनका ध्वज होना जरूरी होता है। राष्ट्रीय ध्वज लहराने का अर्थ देश में यहीं के नागरिकों की सत्ता होना होता है। धर्म भले अलग हों, लेकिन राष्ट्रीय ध्वज जो एक है, वह सभी को एक साथ लाकर खड़ा करता है। इससे तिरंगा एकता का भी बीजमंत्र है। 15 अगस्त, 1947 और 26 जनवरी, 1950 के बीच भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में तिरंगे को अपनाया गया। भारत में इससे काफी पहले भी ध्वज हुआ करते थे। तिरंगा इमेज अशोक चक्र का महत्व तिरंगे के चक्र का अर्थ है गतिशील बने रहना। मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ मंदिर से चक्र के प्रारूप को ध्वज में शामिल किया गया। राष्ट्रीय ध्वज भारतीय नागरिक शान से हैं फहरा सकता भारतीय ध्वज संहिता में संशोधन करने के बाद भारत के नागरिकों को अपने मकानों, दफ्तरों राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति मिल गई है। भारतीय नागरिक राष्ट्रीय झंडे को जब चाहें फहरा सकते हैं। लेकिन, तिरंगे के शान में कमी नहीं आनी चाहिए औश्र ध्वज संहिता का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। ऐसा करना है वर्जित राष्ट्रीय ध्वज को सांप्रदायिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं लाया जा सकता। पूरा सम्मान करते हुए इसका ख्याल रखना चाहिए। वाहनों के हुड, ऊपर और बगल या पीछे, रेल, नाव या वायुयान आदि पर लपेटा नहीं जा सकता। सबसे खास बात यह है कि किसी अन्य ध्वज या ध्वज पट्ट को राष्ट्रीये ध्वज से ऊंचे स्थान पर नहीं लगाया नहीं जा सकता है। तिरंगा झंडा से बाजार हैं गुलजार चांदनी चौक का सदर राष्ट्रीय ध्वज का सबसे बड़ा बाजार है। जहां छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा झंडा उपलब्ध है। देशभर के लोग विभिन्न अवसरों पर यहां आते हैं और बड़ी संख्या में राष्ट्रीय ध्वज लेकर जाते हैं। यहां बिकने वाले तिरंगे देश के कई अलग अलग हिस्सों में बनाए जाते हैं और बिक्री के लिए सदर पहुंचते हैं। सदर बाजार के थोक व्यापारी मोहम्मद जावेद के अनुसार सूरत, मथुरा, गुजरात, कोलकाता आदि से तिरंगा झंडा यहां पहुंचता है और फिर यहां से ये अन्य राज्यों में जाता है। उन्होंने कहा दिलचस्प बात यह है कि जहां से यह बनकर आते हैं वहां के थोक विक्रेता भी दिल्ली के सदर में ध्वज खरीदने आते हैं। बाजार में खादी कपड़े और प्लास्टिक के झंडे खूब बिक रहे हैं। कपड़े के झंडे फहराने के काम आते हैं। जबकि प्लास्टिक के झंडे छोटे होते हैं। जो बच्चों के हाथ में होते हैं।
नई दिल्ली। भारत और चीन के द्विपक्षीय रिश्तों को व्यापक बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के वुहान शहर पहुंच कर राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है। पिछले साल डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों ही देशों के बीच कई बैकडोर टॉक हुई, लेकिन चीन में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की यह मुलाकात बहुत अहम मानी जा रही है। दोनों ही देश के नेता सीमा वार्ता, व्यापार और आतंकवाद से लेकर कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक चीन के बीच कई द्विपक्षीय वार्ता कर चुके हैं। आइए एक नजर डालते हैं। दुनिया में भारत ही पहला नॉन-कम्युनिस्ट मुल्क था, जिसने 1950 में एक कम्युनिस्ट नेशन के रूप में चीन के अस्तित्व को स्वीकार किया था। एक नॉन-कम्युनिस्ट मुल्क के रूप में भारत ने ही चीन के साथ सबसे पहले चीन के साथ द्विपक्षीय रिश्ते स्थापित किए थे। 1962 के युद्ध दोनों ही देशों के रिश्ते पटरी से उतर गए थे, लेकिन 1988 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बीजिंग जाकर टेंशन खत्म कर फिर से भारत-चीन के रिश्तों को बहाल करने में प्रमुख भूमिका निभाई। 1993 में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए भारत और चीन के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। उस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने चीन की यात्रा कर दोनों ही देशों के बीच स्थिरता और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए नई पहल की। उसके बाद 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चीन का दौरा कर आपसी सहमती से सीमा समझौते का राजनीति ढंग से हल ढूंढने के लिए दोनों तरफ से विशेष प्रतिनिधियों को नियुक्त किया। 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चीन का दौरा किया, जहां एक ज्वॉइंट डॉक्यूमेंट टाइटल में 21वीं सदी का विजन शेयर किया। दिसंबर 2010 में चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने नई दिल्ली का दौरा कर, 2015 तक दोनों देशों के बीच 100 बिलियन डॉलर व्यापार के टारगेट तय किया। वहीं, डिफेंस एक्सचेंज की बात की जाए तो जनवरी 2013 में दोनों देशों के बीच फाइव राउंड डिफेंस डायलॉग संपन्न हुई। 2014 में, वर्तमान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत का दौरा किया और दोनों ही देशों के बीच वाणिज्य, व्यापार, रेलवे, अंतरिक्ष सहयोग, फार्मास्यूटिकल्स, ऑडियो-विजुअल को-प्रोडक्शन, संस्कृति और इंडस्ट्रियल पार्कों की स्थापना सहित विभिन्न क्षेत्रों में कुल 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। हाल ही के बैठकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जी-20 शिखर सम्मेलन और सितंबर 2017 में जियामेन में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 2017 में चीन का दौरा किया था।
चालू रहेंगी औद्योगिक इकाइयां, विवाह समारोह और अंतिम संस्कार में हो कोरोना प्रोटोकॉल का पालन उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना की चेन तोड़ने के लिए शनिवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह 7 बजे तक 35 घंटे का कोरोना कर्फ्यू रहेगा। इस दौरान सख्ती के निर्देश जारी किए गए। बिना जरूरी काम के बाहर न निकलें। बिना मास्क पकड़े जाने पर पहली बार में एक हजार रुपए और दूसरी बार में 10 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना की चेन तोड़ने के लिए शनिवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह 7 बजे तक 35 घंटे का कोरोना कर्फ्यू रहेगा। इस दौरान सख्ती के निर्देश जारी किए गए। बिना जरूरी काम के बाहर न निकलें। बिना मास्क पकड़े जाने पर पहली बार में एक हजार रुपए और दूसरी बार में 10 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। इस बीच सरकार ने पहले ही ऐलान किया है कि मास्क न लगाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। इस बीच लॉकडाउन के दौरान अंतिम संस्कार में केवल 20 लोग ही शामिल हो सकते हैं, औद्योगिक इकाइयों को चलाने की छूट दी गई है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान आवश्यक सेवाएं, पंचायत चुनाव से जुड़ी पोलिंग पार्टियों, स्वास्थ्य सेवाओं, सफाई आदि से जुड़े कर्मियों को ही आवागमन की अनुमति रहेगी। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी बाजार, दफ्तर बंद रहेंगे। इस अवधि में जिले स्तर पर अग्निशमन विभाग द्वारा नगर निगम, नगर पंचायत तथा ग्राम पंचायत स्तर पर तथा चीनी मिलों द्वारा स्वच्छता सफाई का विशेष अभियान चलाकर सैनिटाइजेशन व फॉगिंग की जाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को टीम-11 के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद अधिकारियों को लॉकडाउन के साथ ही 35 घंटे के कर्फ्यू को लेकर कुछ निर्देश दिए। -श्रमिकों को उनके कार्यस्थलों पर आवाजाही की अनुमति दी जाएगी। -शनिवार और रविवार को सभी शादियों को (बंद स्थानों के अंदर 50 व्यक्तियों के प्रतिबंध और खुले स्थानों पर 100 व्यक्तियों के साथ) मास्क, सामाजिक दूरी और सैनिटाइजर के उपयोग के अनुसार अन्य सावधानियों के साथ की अनुमति रहेगी। -सभी परीक्षाओं जैसे एनडीए आदि की अनुमति दी जाएगी और परीक्षार्थियों और उम्मीदवारों का आईडी कार्ड पास के तौर पर मान्य होगा। -सार्वजनिक परिवहन को विशेष रूप से राज्य परिवहन की बसों में 50 फीसदी क्षमता के साथ चलने की अनुमति दी जाएगी। -जिन उद्योगों में रविवार को साप्ताहिक अवकाश रहता है, उन्हें छोड़कर सभी खुलेंगे। खासतौर से फार्मा, सैनिटाइजर बनाने वाली और अन्य ऐसे उद्योग जो कोरोना के खिलाफ जंग में शामिल हैं। दस नए ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे टीम-11 के साथ समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए दस नए ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना करवाएं। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री सभी ऑक्सीजन प्लांट पर नजर रखेंगे। प्रदेश का नया कोविड अस्पताल अवध शिल्पग्राम में तैयार किया जाएगा। अब प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सभी सरकारी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर जनरल ओपीडी बंद कर दी गई है। क्वारंटीन सेंटर नहीं बनने पर डीएम होंगे जिम्मेदार प्रत्येक जिले में राजस्व विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की गाइड लाइन के शासनादेश के मुताबिक क्वारंटीन सेंटर की स्थापना आज ही यानी गुरुवार रात तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। जिन जिलों से गुरुवार रात तक इसकी सूचना नहीं दी जाती है वहां के जिलाधिकारी और संबंधित राजस्व अधिकारी जिम्मेदार होंगे। पुलिस कर्मियों में कोरोना के संक्रमण को रोकने के संबंध में की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा जिले स्तर पर पुलिस अधिकारियों को करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस लाइन में कैंप लगाकर टेस्टिंग आदि कराने को कहा है। पुलिस लाइन, पुलिस चौकी, थाना, पुलिस आफिस पर फॉगिंग प्रतिदिन अग्निशमन विभाग से कराने के निर्देश दिए हैं। पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षकों को रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन तथा हवाईअड्डों पर स्क्रीनिंग तथा टेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सरकारी, निजी अस्पतालों, निजी मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन की सप्लाई की व्यवस्था जिले के ड्रग इंस्पेक्टरों को कराने को कहा है। मुख्य सचिव ने कहा है कि नगर निगमों में कोविड-19 से बचाव के लिए संसाधनों की आवश्यकता है। नगर निगमों से कहा है कि वह तत्काल मांग पत्र नगर विकास विभाग और राजस्व विभाग को भेजें। मास्क नहीं लगाने 10,000 रुपए तक जुर्माना मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शहरों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में मास्क की अनिवार्यता सुनिश्चित कराई जाए। इसका पालन नहीं करने पर पहली बार 1000 रुपए जुर्माना तथा दूसरी बार अधिकतम 10,000 रुपए तक जुर्माना किया जाए। मास्क की अनिवार्यता लागू कराने के लिए थानाध्यक्षों को उत्तरदायी बनाने के निर्देश दिए हैं। पुलिस व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मुख्य मार्ग, चौराहों तथा बाजार का निरीक्षण कर मास्क की अनिवार्यता को लागू कराएंगे। प्रदेश में ऑक्सीजन की सप्लाई नियमित यूपी के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश में रेमडेसिवीर की उपलब्धता के लिए विशेष कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह गलत जानकारी दी जा रही है कि निजी लैब टेस्ट नहीं कर रहे हैं। शनिवार को निजी लैब द्वारा 19 हजार टेस्ट किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग अपने सैंपल भेजकर निजी लैब में टेस्ट करा सकते हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन की सप्लाई नियमित है। डीआरडीओ ने प्रस्ताव दिया है जिसमें वे 15 दिनों में 10 नए प्लांट बनाएंगे, जिसमें हवा से ऑक्सीजन बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर ये सारे प्लांट शुरू कर दिए जाएं।
परिभाषा फुटपाथ अवधारणा का कुल मूल्य। यह क्या है फुटपाथ परिभाषा फुटपाथ लैटिन पेविमेंटम से, फुटपाथ वह परत या आधार है जो एक निर्माण या गैर-प्राकृतिक सतह के तल का गठन करता है। फुटपाथ जीवित प्राणियों और चीजों के लिए जीविका का काम करता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि फुटपाथ को विभिन्न सामग्रियों, जैसे कि पत्थर या लकड़ी से कवर किया जा सकता है। हालाँकि, यह शब्द आमतौर पर डामर के साथ कुछ देशों में जुड़ा हुआ है, सामग्री का उपयोग सड़कों, मार्गों और अन्य संचार चैनलों के निर्माण के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए: "इस सड़क का फुटपाथ भयानक परिस्थितियों में है", "मिगुएल ने यह सोचकर शहर का दौरा करने का फैसला किया कि सड़क का फुटपाथ है, लेकिन उन्हें एक गंदगी वाली सड़क मिली", "सरकार को फुटपाथ को बेहतर बनाने के लिए और अधिक धन का निवेश करना चाहिए" ये गलियां । " यह माना जाता है कि फ़र्श के सबसे पुराने तरीकों में से एक यह था कि रोमन सड़क के रूप में जाना जाता था, जिसे साम्राज्य के भीतर संचार और स्थानांतरण की सुविधा के लिए बनाया गया था । इस सड़क मार्ग को विभिन्न चरणों में विकसित किया गया था और इसके कुछ हिस्से अभी भी अच्छी स्थिति में हैं। तथाकथित डामर मिश्रण और कंक्रीट शहरी फुटपाथ बनाने के लिए सबसे आम सामग्री हैं, क्योंकि उनके पास अच्छा समर्थन प्रदर्शन है और बिना किसी बड़ी क्षति के वाहनों के निरंतर मार्ग की अनुमति देता है। हाल के वर्षों में, फुटपाथ का विकास जो टिकाऊ है और जो पर्यावरण का सम्मान करता है, को बढ़ावा दिया गया है। इस अर्थ में यह फुटपाथ के निर्माण के लायक है जो पुनर्नवीनीकरण टायर से प्राप्त रबर पाउडर के साथ डामर को जोड़ता है और उत्पाद के उपयोग को नॉक्सर के रूप में जाना जाता है, जो निकास पाइप द्वारा उत्पादित प्रदूषण को अवशोषित करने की क्षमता रखता है । वाहन। प्रतिरोधी फुटपाथ के निर्माण का महत्व यह देखते हुए कि बड़े शहरों में हर दिन होने वाले वाहन दुर्घटनाओं का एक बड़ा प्रतिशत सड़कों के बिगड़ने से संबंधित है, फुटपाथों के जीवन को लम्बा खींचना बहुत महत्वपूर्ण है। यह उनके डिजाइनों में संभावित परिवर्तनों का अध्ययन करके प्राप्त किया जाता है, ताकि वाहनों द्वारा उत्पादित पहनने पर केवल सतह परत प्रभावित हो और संरचनात्मक क्षति न उत्पन्न हो। यह स्पष्ट है कि इन अग्रिमों के लाभों का सड़क सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा। दूसरी ओर, उच्च औद्योगिकीकरण वाले देशों में, हर साल भारी वाहनों की संख्या जो दया के बिना अपने मार्गों की यात्रा करते हैं, जो तेजी से सड़कों के पहनने और आंसू को तेज करते हैं। यदि वर्तमान संरचना का विकल्प नहीं मांगा जाता है, तो रखरखाव और पुनर्निर्माण कार्यों को करने के लिए ट्रैफ़िक रुकावटों में लगातार बढ़ोतरी होगी, जिससे ट्रैफ़िक जाम, ध्वनि प्रदूषण, तनाव और हिंसा जैसी समस्याएं पैदा होंगी। लेकिन शहरों में कारों की अधिकता से यह समस्या हाथ से चली जाती है, एक मुद्दा जो कुछ सरकारें सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देकर मुकाबला करने की कोशिश करती हैं। कार का उपयोग न करने के सबसे आम कारण आमतौर पर निजी पार्किंग की दरों या मशीनों द्वारा जारी किए गए टिकटों से संबंधित होते हैं, न कि स्वस्थ जीवन की लालसा के लिए, कम शोर और गलियों से मुक्त स्मॉग के कारण। यह भी उम्मीद कम है कि कोई डामर की अखंडता के बारे में चिंता करेगा; यह मुद्दा तभी चिंताजनक है जब यह हमारे वाहनों को नष्ट करने की धमकी देता है। आप इन मुद्दों के अल्पकालिक समाधान पा सकते हैं, जैसे कि फुटपाथ की संरचना में क्रांति, मोटाई में वृद्धि के बिना बहुत अधिक प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए, या विज्ञान कथा फिल्मों के चित्रों को चित्रित करने के लिए राजमार्गों की संख्या को गुणा करें, लेकिन यह केवल एक श्रृंखला है पैच जो एक समय के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है, उन समाजों की जड़ में मौजूद है जो नियंत्रण खोने तक अपने जीवन को गति देना चाहते हैं।
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भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता सरताज सिंह जी द्वारा की गई पाकिस्तान की प्रशंसा पर प्रतिक्रिया - हरिहर शर्मा | क्रांतिदूत भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता सरताज सिंह जी द्वारा की गई पाकिस्तान की प्रशंसा पर प्रतिक्रिया - हरिहर शर्मा आज समाचार पत्रों में भाजपा के पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक श्री सरताज सिंह जी का बयान पढकर हैरत हुई | श्री सिंह के अनुसार भारत में किसा... आज समाचार पत्रों में भाजपा के पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक श्री सरताज सिंह जी का बयान पढकर हैरत हुई | श्री सिंह के अनुसार भारत में किसान पाकिस्तान से ज्यादा बदहाल हैं | इसका प्रमाण यह है कि भारत में किसान आत्महत्या के समाचार लगातार सुनाई पड़ते हैं, जबकि पाकिस्तान से किसान आत्महत्या के कोई समाचार पढ़ने को नहीं मिलते | बात चुभने वाली थी, अतः स्वाभाविक ही जिज्ञासा हुई और मैंने गूगल बाबा का सहारा लेकर मामले को समझने की कोशिश की | जो कुछ लब्बो लुआब निकला, वह कुछ इस प्रकार था – यह कहना कि पाकिस्तान में किसान आत्महत्या होती ही नहीं है, नितांत भ्रामक है | हाँ इतना अवश्य है कि इस्लाम में आत्महत्या निषिद्ध होने के कारण इसे आमतौर पर छुपाया जाता है | यहाँ तक कि राष्ट्रीय स्तर पर आत्महत्या के आंकड़े भी इकट्ठे नहीं किये जाते और ना ही आधिकारिक तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन को सूचित किया जाता है | अब ७७ वर्षीय बुजुर्गवार सरताज सिंह जी को कहाँ से पढने को मिलेगा कि पाकिस्तान में किसानों ने आत्महत्या की अथवा नहीं ? खैर बात पाकिस्तान की – विगत दो वर्षों में पाकिस्तान के 35 विभिन्न शहरों में 3000 से अधिक आत्मघाती मौतें हुईं। निष्कर्षों से पता चलता है कि आत्महत्या करने वाले पुरुषों की संख्या महिलाओं से लगभग दूनी है | अधिकांश आत्महत्या करने वालों की उम्र 30 वर्ष से कम थी और आत्महत्या के लिए मुख्य कारण बेरोज़गारी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, गरीबी, बेघर, पारिवारिक विवाद, अवसाद और सामाजिक दबाव इत्यादि रहे । आत्महत्या करने के लिए फांसी, कीटनाशकों और आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल किया गया । अब बात करते हैं पाकिस्तानी किसानों की, जोकि सरताज सिंह जी के अनुसार भारत से बेहतर है – पाकिस्तान के मशहूर समाचार पत्र एक्सप्रेस ट्रिब्यून में एक आलेख प्रकाशित हुआ, जिसका शीर्षक था "The plight of poor pakistani farmers" अर्थात पाकिस्तान के गरीब किसानों की दुर्दशा | उक्त आलेख का सार कुछ इस प्रकार है – पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ लेबर एजुकेशन एंड रिसर्च (पीआईएलईआर) द्वारा एक सर्वेक्षण किया गया, जिसके निष्कर्षों ने अधिकांश ग्रामीण किसानों की बदहाली और गम्भीर असमानताओं को उजागर किया । ग्रामीण सिंध और बलूचिस्तान के नसीराबाद खंड के गांव आज भी सामंतों के प्रभाव में हैं| 70 से 85 प्रतिशत भूमि जमींदारों के अधिपत्य में है, जिसमें गांववाले शेयरधारक व्यवस्था के अनुसार खेती करते हैं । इसी प्रकार दक्षिणी पंजाब में, बड़े पैमाने पर बड़े किसानों की जमीन पर आम किसान पट्टे पर खेती करने को विवश है, मेहनत इन बेचारे छोटे किसानों की और मुनाफा जमींदारों का । हालात इतने बुरे हैं कि ग्रामवासी दैनिक मजदूरी पर काम की तलाश में बड़े शहरों का रुख कर रहे हैं । सर्वेक्षण से यह भी स्पष्ट हुआ कि 88 फीसदी गरीब किसानों के पास कुल भूमि के महज 12.5 फीसदी से भी कम की हिस्सेदारी है, जबकि 150 एकड़ जमीन से अधिक के स्वामित्व वाले १.५ फीसदी शक्तिशाली किसानों के पास कुल कृषि भूमि के 8 प्रतिशत से अधिक है । इस असमानता के चलते सर्वाधिक शोषण महिलाओं का होता है । ग्रामीण जनसंख्या का अधिकाँश कीचड़ भरे मार्ग और पुआल की झोपड़ियों का आनंद उठाता है | बुनियादी सुविधाएँ जैसे, पक्की सड़कों, पेयजल - स्वच्छता व शैक्षिक और स्वास्थ्य सुविधाओं का तो सवाल ही कहाँ उठता है ? ऐसे में जब कभी प्राकृतिक आपदाएं आती हैं, तो फिर कहना ही क्या है | 2010 और 2011 में आई बाढ़ ने ग्रामीण इलाकों में भारी कहर बरपाया | बड़े और प्रभावी किसान तो आम तौर पर ऊंचाई वाली जमीनों पर कब्जा जमाये होते हैं, अतः स्वाभाविक ही उनके घर और जमीन बाढ़ के विनाश से सुरक्षित होती है जबकि छोटे किसानों और बटाई पर खेती करने वाले गरीबों को ही प्राकृतिक मार अधिक भुगतनी पड़ती है । अतः माननीय सरताज सिंह जी, अपने क्षोभ को प्रदर्शित करने के लिए पाकिस्तान का महिमा मंडन तो ना ही कीजिए | भारत और पाकिस्तान की कोई तुलना संभव नहीं है | स्मरणीय है कि पिछले दिनों सिवनी मालवा में सरताज सिंह जी के खिलाफ एवीव्हीपी ने उग्र प्रदर्शन कर उनका पुतला दहन भी किया था | अब ना तो मध्यप्रदेश सरकार उन्हें मंत्री बना रही, और कयास लगाए जा रहे हैं कि संभवतः उन्हें अगले चुनाव में टिकिट भी नहीं मिलेगा, जबकि दूसरी तरफ स्थानीय कार्यकर्ताओं की नाराजगी, बापडे सरताज सिंह जी क्षुब्ध ना हों तो क्या करें | आज के माहौल में ७७ क्या ९९ वर्ष की आयु तक राजनेताओं का सत्ता मोह छूटने से रहा | क्रांतिदूत: भारत में किसानों की आत्महत्या को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता सरताज सिंह जी द्वारा की गई पाकिस्तान की प्रशंसा पर प्रतिक्रिया - हरिहर शर्मा https://2.bp.blogspot.com/-bYrXkGIlHmM/Wlb3C2jwvsI/AAAAAAAAFsI/NYAVXThVfOg3AXbDpLnlqXHsFckhFJ9ugCLcBGAs/s1600/%25E0%25A5%25A7.jpg https://2.bp.blogspot.com/-bYrXkGIlHmM/Wlb3C2jwvsI/AAAAAAAAFsI/NYAVXThVfOg3AXbDpLnlqXHsFckhFJ9ugCLcBGAs/s72-c/%25E0%25A5%25A7.jpg https://www.krantidoot.in/2018/01/bjp-leader-sartaaj-singh-and-plight-of-poor-pakistani-farmers.html