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हम रोज करते है जिंदगी को खतरे में डालने वाली यह गलती - Reader Chowk- Lets the Viral Begin
हम रोज करते है जिंदगी को खतरे में डालने वाली यह गलती
हम में से ज्यादातर लोग रोजाना घर बाहर निकलते वक़्त कमर पर बेल्ट बांध लेते है. हालाँकि हमारी यह आदत एक दिन हमारे लिए ही मुसीबत बन सकती है. दरअसल बेल्ट बांधने से दिनभर पेट की नर्व्स दबी रहती है. लम्बे समय तक ऐसा करने से पेल्विक रीजन से निकलने वाली आर्टरी, वेन्स, मसल्स और आंतों पर प्रेशर पड़ता है. इस कारण स्पर्म काउंट कम हो सकता है, वहीँ पुरुषों की फर्टीलिटी घटने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे जरुरी हो तो ही बेल्ट पहनें और अगर पहने भी तो ढ़ीला करके पहनें. आइये जानते है कि बेल्ट पहनने से क्या नुकसान हो सकता है.
एक कोरियाई रिसर्चर्स में सामने आया है कि कमर पर टाइट बेल्ट बांधने से एब्डॉमिनल मसल्स के काम करने का तरीका बदल जाता है. इसके अलावा रिसर्च में यह भी सामने आया है कि टाइट बेल्ट बांधने से रीढ़ की हड्डी में अकड़न आ सकती है. इससे घुटनों के जोड़ों पर भी प्रेशर पढ़ता है, जिससे ज्वाइंट पेन की प्रॉब्लम शुरू हो सकती है.
टाइट बेल्ट बांधने से पैरों की हड्डियां कमजोर हो सकती है. इससे स्पर्म काउंट भी कम हो सकता है. पैरों में स्विलिंग आ सकती है और कमर दर्द की प्रॉब्लम बढ़ सकती है.
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सीवीवी क्या होता है ? CVV का फुल फॉर्म | कार्ड का CVV Number कैसे देखे ?
नवम्बर 19, 2021 by Neha Sharma
यदि आपका बैंक खाता है, और आप ATM कार्ड का भी इस्तेमाल करते है,तो आपको CVV नंबर के बारे में जरूर पता होगा | यह CVV एक यूनिक नंबर होता है, जिसे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान उपयोग में लाया जाता है | वर्तमान समय में डिजिटल ट्रांसेक्शन तेजी से बढ़ रहा है, जिसमे आप घर बैठे ही किसी भी तरह ही शॉपिंग कर उसका ऑनलाइन भुगतान कर सकते है | ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है | इस तरह के कार्ड में एक CVV या CVC नंबर दिया होता है,जिसे ऑनलाइन भुगतान के समय उपयोग में लाया जाता है |
बिना इस CVV के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करना संभव नहीं होता है | ऑनलाइन भुगतान के समय इस नंबर को इस्तेमाल करते ही पेमेंट कंफर्म हो जाता है | किन्तु बहुत से ऐसे लोग होते है, जिन्हे इस CVV नंबर के बारे में जानकारी नहीं होती है | इस लेख में आपको सीवीवी क्या होता है, तथा CVV का फुल फॉर्म क्या है, और कार्ड का CVV Number कैसे देखे के बारे में जानकारी दी जा रही है |
सीवीवी क्या होता है (What is CVV)
सीवीवी का फुल फॉर्म (CVV Full Form)
सीवीवी का इतिहास (CVV History)
सीवीवी कार्ड का नंबर कैसे देखे (Check CVV Card Number)
सीवीवी कोड क्यों जरूरी होता है (Why CVV Code Necessary)
CVV एक तरह का यूनिक कोड होता है, जो प्रत्येक क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड पर अंकित होता है | यह कोड कार्ड के पीछे तीन या चार अंको का हो सकता है | किसी भी तरह के ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के दौरान इस नंबर की उपलब्धता मांगी जाती है | ऑनलाइन भुगतान में इस नंबर के दर्ज करते ही भुगतान की पुष्टि हो जाती है |
सीवीवी का हिंदी उच्चारण कार्ड सत्यापन मूल्य तथा अंग्रेजी भाषा में इसे CVV – "Card Verification Value" कहते है | इस CVV नंबर में खाता धारक के खाते की सम्पूर्ण जानकारी मौजूद होती है | इसलिए कभी भी इसे किसी अनजान व्यक्ति के साथ शेयर नहीं करना चाहिए |
पहले के समय में डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड पर कुछ कोड अंकित होते थे, जिन्हे कार्ड सिक्योरिटी कोड (CSC) कहा जाता था | इस CSC कोड का अविष्कार स्टोन द्वारा यूके में वर्ष 1995 में किया गया था | सभी तरह की जांच करने के बाद 'एसोसिएशन ऑफ पेमेंट क्लीयरिंग सर्विसेज' द्वारा इस सिक्योरिटी कॉन्सेप्ट की स्वीकृति की गई | आरम्भ में यह CVV कोड 11 अंको का होता था,जिसके बाद इसे 3 से 4 अंक तक सिमित कर दिया गया | Paytm, Frecharge या कोई अन्य ऐप जिससे डिजिटल पेमेंट किया जाता हो उसमे ट्रांजैक्शन के दौरान आपको अपने कार्ड की जानकारियों को भरना होता है | इन्ही जानकारियों में आपसे CVV कोड भी पूछा जाता है | यदि आप यह कोड नहीं भरते है, तो आपका पेमेंट सफल नहीं हो सकता है |
CVV कोड को सिक्योरिटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है,किन्तु बहुत से लोगो को यह नहीं पता होता है, कि यह CVV कोड होता कहा पर है | आपके पास जो भी क्रेडिट या डेबिट कार्ड होता है, उसके पीछे आपको एक काले रंग की मेग्नेटिक स्ट्रिप दी हुई होती है, इस मैग्नेटिक स्ट्रिप के बिलकुल नीचे आपको तीन अंक दिखाई देते है, यह अंक ही आपका CVV नंबर होता है | इसके अलावा भी कई तरह की जानकारिया कार्ड में दी गई होती है | इसमें कार्ड के ऊपर आपको 16 अंको का कार्ड नंबर मिल जाता है, तथा कार्ड की अंतिम तिथि में माह और वर्ष दिया होता है, इसके अलावा कार्ड धारक का नाम भी कार्ड के ऊपर लिखा होता है |
जब भी आप कही बाहर जाते है, और किसी तरह की खरीददारी करते है, या आप अपने कार्ड द्वारा किसी ATM मशीन से पैसे निकालते है, तो ऐसे में आपको अपना कार्ड सार्वजनिक जगहों पर निकाल कर इस्तेमाल करना होता है | आपके कार्ड के ऊपर की जानकारी जैसे कार्ड नंबर और एक्सपायरी डेट दी गई होती है, जिसे फ्रॉड लोग आसानी से देख कर ठगी कर सकते है, किन्तु CVV नंबर कार्ड के पिछले हिस्से में अंकित होता है |जिस वजह से लोग ठगी से बच जाते है | इसलिए प्रत्येक कार्ड धारक को अपना सीवीवी नंबर सुरक्षित रखना होता है | |
सारा का शॉकिंग खुलासा : 'पिता सैफ गाली देते हैं, मां पोर्न साइट चलाती हैं'… | Sanmarg
सारा का शॉकिंग खुलासा : 'पिता सैफ गाली देते हैं, मां पोर्न साइट चलाती हैं'…
By Sanmarg Online | Updated: Wed, 3 November 2021,18:11 IST
नई दिल्ली : सारा अली खान अपने बिंदास नेचर के लिए जानी जाती हैं। बबली, हैपनिंग और एंटरटेनिंग सारा अली खान अपने एक इंटरव्यू को लेकर चर्चा में हैं। जहां सारा ने अपने पेरेंट्स अमृता सिंह और सैफ अली खान के बारे में ऐसी बातें बताई हैं, जिसे सुनकर हर कोई हक्का बक्का रह गया है।
सारा का शॉकिंग खुलासा, कही ये बात
सारा ने खुलासा किया कि जब वे बच्ची थीं तब उन्हें लगता था कि उनके पेरेंट्स निगेटिव लोग हैं। सैफ की फिल्म ओमकारा और अमृता सिंह की फिल्म कलयुग देखने के बाद सारा को लगता था कि उनके पिता गालियों का इस्तेमाल करते हैं वहीं उनकी मां पोर्न साइट चलाती हैं। सारा अली खान ने कहा- ओंकारा और कलयुग देखने के बाद मैं काफी परेशान हो गई थी। मुझे लगता था कि मेरे पेरेंट्स गलत इंसान हैं। (हंसते हुए) तब मैं काफी यंग थी। मैं सोचती थी कि मेरे पिता गंदी भाषा बोलते हैं और मां पोर्न साइट चलाती हैं। ये फन नहीं था। उसी साल उन दोनों को बेस्ट एक्टर का नॉमिनेशन मिला था। मैं सोचती थी कि ये क्या है।
सारा ने बताया कि वे हमेशा से मां के करीब रही हैं। सारा ने अपने पेरेंट्स की शादीशुदा जिंदगी और तलाक पर भी बात की। सारा ने बताया कि उनके पेरेंट्स साथ में बिल्कुल भी खुश नहीं थे। वे कहती हैं- मुझे नहीं लगता उन 10 सालों में मेरी मां हंसी भी होंगी। सैफ और अमृता ने लव मैरिज की थी लेकिन उनकी ये शादी लंबी नहीं चली। 2004 में उनकी शादी टूट गई थी। इस शादी से उनके दो बच्चे सारा और इब्राहिम अली खान हैं।
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कोलकाताः आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी कोई न कोई कमी …आगे पढ़ें »
कोलकाताः लगातार 7 सोमवार को बबूल के पेड़ की जड़ में दूध चढ़ाने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है। इससे वैवाहिक जीवन में …आगे पढ़ें » |
हैदराबाद ( तेलंगाना ) ।
मानवता को तार तार करते हुए दिल दहला देने वाली दिल्ली के निर्भया हत्याकाण्ड को सात साल बाद भी लोग भुला नहीं पाये हैं । सोचकर रूह कांप जाती है । लेकिन ये क्या हैदराबाद में डाॅ0 युवती के साथ निर्भया -2 , हो क्या रहा है ? आखिर कब तक चलेगा यह सब और क्यों ? खैर हैदराबाद में दो दिन पहले हुए सामूहिक बलात्कार और निर्मम हत्या के मामले में चार आरोपी गिरफ्तार हो गये हैं । पुलिस जांच कर रही है । लेकिन इतने से काम नहीं चलेगा । हम किस समाज में जी रहे हैं । क्या ऐसे सुरक्षित रहेंगी बेटियां । कब बदलेगी हमारी सोच और गन्दी मानसिकता । यह सोचकर रूह कांप जाती है , आखिर देश में कब तक होते रहेंगे ऐसे घिनौने और दरिन्दगी भरे काण्ड ।
ये भारत का हैदराबाद है । जहां डाॅ0 युवती की पार्क की हुई स्कूटी को दरिन्दों द्वारा योजना बनाकर पहले पंक्चर किया जाता है । बाद में उसका पीछा कर उसे गन्दी निगाहों से घूर घूर कर आतंकित किया जाता है । आखिरकार हवस के भूखे भेड़ियों ने उसकी आबरू लूटी और रेप के बाद जिन्दा जला दिया ।
हैदराबाद की साइबराबाद पुलिस ने बुधवार 27 नवम्बर 2019 को पशु चिकित्सक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में शुक्रवार 29 नवम्बर को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है । हिरासत में लिए गए लोगों में एक ट्रक ड्राइवर और एक क्लीनर शामिल है । पुलिस को अंदेशा है कि आरोपियों ने युवती लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और बाद में गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी और शव को जला दिया।
आरोपियों के कबूलनामे और एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर , यह पता चला है कि चारों आरोपी अपराध में शामिल थे । साइबराबाद के पुलिस आयुक्त वी सी सज्जनर ने पत्रकारों से कहा कि चार आरोपियों ने बुधवार की शाम छह बजे पीड़िता को अपना दोपहिया वाहन शमशाबाद के तोंदुपल्ली टोल गेट में पार्क करते हुए देखा , उसी समय सभी ने अपराध करने की योजना बनाई थी । अपनी योजना के अनुसार , उन्होंने जानबूझकर पीड़िता की स्कूटी के पिछले टायर से हवा निकाल दी , उस समय सभी आरोपी नशे में थे।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनडब्ल्यूसी) ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के बाहरी इलाके शादनगर में सरकारी पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ शुक्रवार को स्वत: संज्ञान ले लिया है । जबकि पुलिस ने इस सिलसिले में सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है । आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने एक ट्वीट में कहा कि पीड़ित परिवार की सहायता के लिए एनडब्ल्यूसी की एक टीम हैदराबाद भेजी गई है ।
सीसीटीवी विश्लेषण और चश्मदीद गवाहों की मदद से पुलिस ने इस जघन्य कांड से पर्दा उठाया है । आरोप है कि इन चारों ने मिलकर पशु चिकित्सक की हत्या से पहले उनके साथ सामूहिक बलात्कार भी किया ।
पुलिस ने कहा कि अभियुक्तों को अधिकतम सजा दिलाने और उनके खिलाफ तेजी से मुकदमा चलाने के लिए महबूबनगर फास्ट - ट्रैक अदालत को मामला सौंपने का अनुरोध किया जाएगा । जांच के बाद, चार आरोपियों - मोहम्मद उर्फ आरिफ (लॉरी चालक) , जोलू शिवा, जोलू नवीन (दोनों सहायक) और चिंताकुंटा चेन्नेकशवुलु उर्फ चेन्ना (चालक) को शादनगर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है । सभी आरोपी नारायणपेट जिले के मकतल मंडल के निवासी हैं । गवाहों और सीसीटीवी के विवरण एकत्र करने के लिए 10 टीमों का गठन किया गया था ।
तेलंगाना के मंत्री के.टी. रामा राव ने घटना की निंदा करते हुए मामले की व्यक्तिगत निगरानी करने का वादा किया । मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे रामा राव ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पीड़िता के परिवार को जल्द से जल्द न्याय मिले । पुलिस ने जुल्म की शिकार हुई युवती की स्कूटी , कपड़े , जूतियां और शराब की बोतल टोल प्लाजा के पास से बरामद की है । |
जी-हिन्दुस्तान में अब हिन्दी सहित 6 भाषाएं सुनने को मिलेंगी। - spmittal
जी-हिन्दुस्तान में अब हिन्दी सहित 6 भाषाएं सुनने को मिलेंगी।
देश ही नहीं, दुनिया का पहला न्यूज चैनल होगा।
अजमेर के पुरुषोत्तम वैष्णव बने सीईओ।
अजमेर से पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले पुरुषोत्तम वैष्णव अब जी मीडिया समूह में सीईओ की भूमिका निभाएंगे। वैष्णव जी मीडिया के सभी रीजनल चैनल और जी हिन्दुस्तान के सबसे बड़े अधिकारी होंगे। संभवत: यह पहला अवसर है जब किसी पत्रकार को जी मीडिया में इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। आमतौर पर बड़ी कंपनियों के सीईओ को ही ऐसे पदों पर बैठाया जाता है ताकि प्रशासनिक और वित्तीय प्रबंधन अच्छी तरह हो सके। लेकिन जी मीडिया के मालिक और राज्यसभा सांसद सुभाष चन्द्रा ने वैष्णव पर भरोसा जताया है। वैष्णव अब तक अस्थाई तौर पर सीईओ का काम देख रहे थे। वैष्णव ने माना कि सीईओ का पद चुनौतीपूर्ण है। सबसे बड़ी चुनौती राष्ट्रीय चैनल जी हिन्दुस्तान को लेकर है। 15 अगस्त से जी हिन्दुस्तान को हिन्दी सहित तमिल, तेलगू, कन्नड़, मलयामलम और बंगाली भाषा में भी सुना जा सकेगा। जिस प्रकार डिस्कवरी और नेशनल ज्योग्राफी को कई भाषा में सुना जा सकता है उसी प्रकार जी हिन्दुस्तान को भी देखा और सुना जा सकेगा। देश के प्रमुख हिन्दी न्यूज चैनल भले ही स्वयं को राष्ट्रीय चैनल होने का दवा करते हों, लेकिन मुश्किल से 8 राज्यों में हिन्दी चैनलों की पकड़ है। दक्षिण भारत के राज्यों में हिन्दी चैनल नहीं देखे जाते, लेकिन जी हिन्दुस्तान भारत ही नहीं दुनिया का पहला न्यूज चैनल होगा जो एक साथ 6 भाषाओं में देखा और सुना जा सकेगा। चैनल के ग्राहकों को भाषा का चयन करने की सुविधा होगी। यानि जी हिन्दुस्तान को हिन्दी भाषी राज्यों के साथ साथ दक्षिण भारत के लोग भी अपनी मातृभाषा में देख सकेंगे। वैष्णव को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जी हिन्दुस्तान देश का सबसे बड़ा न्यूज चैनल होगा। राजस्थान सहित सभी रीजनल न्यूज चैनलों में खबर के विस्तार और जल्द प्रसारण के लिए भी व्यापक रणनीति बनाई जा रही है।
रुद्राभिषेक का आयोजन:
पुरुषोत्तम वैष्णव अजमेर के निवासी है, इसलिए 10 अगस्त को पुष्कर स्थित सप्त ऋषि घाट के मंदिर में रुद्राभिषेक और सहस्त्र धारा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गणमान्य लोग उपस्थित रहे। मोबाइल नम्बर 9829020319 पर वैष्णव को बधाई दी जा सकती है। |
सरकार की अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में 5G बेचने की योजना है – NCR Express News
सरकार की अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में 5G बेचने की योजना है
नई दिल्ली: सितंबर में दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक मेगा रिफॉर्म-कम-बेलआउट पैकेज लॉन्च करने के बाद, दूरसंचार विभाग आखिरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के शुरुआती हिस्से में स्पेक्ट्रम बेचने के लिए निर्णायक कदम उठा रहा है, जिसकी नीलामी भी होगी। 5जी एयरवेव्स। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार औद्योगिक, उपभोक्ता, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा क्षेत्रों में तकनीकी उन्नयन की निगरानी पूरे विकसित दुनिया में समान प्रवृत्तियों के अनुरूप करती है।
दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मूल रूप से परिकल्पित लक्ष्यों के मुकाबले नीलामी में कुछ महीनों की देरी हो सकती है, योजना एक आकर्षक नीति के साथ आने की है जो कंपनियों को नवीनतम सुधार पैकेज पर सवारी करने और नए निवेश की योजना बनाने की अनुमति देगी। स्पेक्ट्रम की बिक्री।
टाइम्स नाउ समिट 2021 में बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि नियामक आगामी नीलामी के बारे में परामर्श कर रहा है, जिसमें ट्राई 5 जी एयरवेव्स भी शामिल है। "मुझे लगता है कि वे फरवरी के मध्य तक अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे। हमें लगता है कि फरवरी का अंत, अधिकतम मार्च हो सकता है। इसके तुरंत बाद, हम एक नीलामी करेंगे।"
नीलामी की समय सीमा पर उन्होंने कहा, "आज हमारा अनुमान अप्रैल-मई के लिए है. मैं पहले मार्च की उम्मीद कर रहा था। लेकिन, मुझे लगता है कि इसमें समय लगेगा … क्योंकि परामर्श जटिल है, अलग-अलग राय आ रही है।
सरकार को उम्मीद है कि मार्च में पेश किए गए बेलआउट पैकेज से कंपनियों को अधिक नकदी ले जाने में मदद मिलेगी जो न केवल उन्हें नेटवर्क में अधिक निवेश करने में मदद करेगी, बल्कि नीलामी की अधिक उदारता से योजना बनाने में भी मदद करेगी। सरकारी राहत पैकेज में गैर-दूरसंचार राजस्व को एजीआर की परिभाषा से हटाना, स्पेक्ट्रम होल्डिंग को 20 साल से बढ़ाकर 30 साल करना, नई नीलामी के लिए कोई स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क नहीं, स्वचालित मार्ग से 100% एफडीआई शामिल है। |
Arun Maheshwari Sheetal P Singh हमारे लिये जीत हार का सवाल ही नहीं है । हमारी नज़र दूसरी ओर है - धर्म-निरपेक्षता के दायरे में 'तर्क और विवेक के पागलपन' के जरिये भी आरएसएस के एजेंडा के अनुप्रवेश की ओर । अन्यथा मैं कत्तई इस बहस में नहीं पड़ता ।
Arun Maheshwari Sheetal P Singh आपकी जानकारी के लिये ही सिर्फ और एक बात कहना चाहता हूँ । आपने हमें पढ़ने के लिये केरल हाईकोर्ट के सौ पेज के जजमेंट को रैफर कर दिया । क्या आप जानते है कि सुप्रीम कोर्ट के जज या किसी भी उच्चतर अदालत के जज भी नीचे की अदालत की भारी-भरकम पूरी राय को नहीं पढ़ा करते हैं । इस काम में उनकी मदद के लिये ही अदालत के सीनियर कौंसिल हुआ करते हैं जो निचली अदालत की राय के पोथों में से मुद्दे की बात को उच्चतर अदालत के सामने रखते हैं । इसके बाद उच्चतर अदालत अपने विवेक के अनुसार मामले को आगे बढ़ाती है ।
इसीलिये जब केरल हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते वक़्त प्रतिवादी पक्ष के साथ ही सरकार के पक्ष के कौंसिल की ब्रीफ़ अदालत के सामने जाती है, वह अदालत के निर्णय की दिशा को तय करने में एक प्रमुख भूमिका अदा करती है । ऐसे मामलों में, जिसके फ़ौजदारी चरित्र के कारण किसी तरह से राज्य उसमें शामिल हो जाता है, सरकारी पक्ष की एक भूमिका हो जाती है । और यहीं पर आकर हम जैसों या किसी भी सच्चे पत्रकार की शक की सुईं अटक जाती है । क्योंकि मामले को सरकार के विचारधारात्मक रुझान के अनुसार एक खास रंगत दिये जाने का डर बना रहता है ।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का वह भाषण जिसे भारत के संघीय ढाँचे के सिद्धांतों का नग्न उल्लंघन करते हुए स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर आकाशवाणी ने प्रसारित करने से इंकार कर दिया :
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आप सबका अभिनंदन और सबको शुभकामनाएं । मैं भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों की अमर स्मृतियों को श्रद्धांजलि देता हूँ । उन स्वतंत्रता सेनानियों में जो आज भी हमारे बीच मौजूद है उन सबके प्रति अपनी आंतरिक श्रद्धा व्यक्त करता हूँ ।
स्वतंत्रता दिवस को मनाना कोई आनुष्ठानिक काम भर नहीं है । इसके ऐतिहासिक महत्व और इस दिन के साथ जुड़ी भारतवासियों की गहरी भावनाओं के चलते इसे राष्ट्रीय आत्म - निरीक्षण के एक महत्वपूर्ण उत्सव के तौर पर मनाया जाना चाहिए ।
इस स्वतंत्रता दिवसके मौक़े पर हमारे सामने कुछ अत्यंत प्रासंगिक, महत्वपूर्ण और समसामयिक प्रश्न उपस्थित हैं । विविधता में एकता भारत की परंपरागत विरासत है । धर्म निरपेक्षता के महान मूल्यों ने भारत को एक राष्ट्र के रूप में एकजुट बनाये रखा है । लेकिन आज धर्म-निरपेक्षता की इसी भावना पर आघात किये जा रहे हैं । हमारे समाज में अवांछित जटिलताएँ और दरारें पैदा करने के षड़यंत्र और प्रयत्न किये जा रहे हैं ; धर्म, जाति और संप्रदाय के नाम पर, भारत को एक खास धर्म पर आधारित देश में बदलने तथा गाय की रक्षा के नाम पर उत्तेजना फैला कर हमारी राष्ट्रीय चेतना पर हमला किया जा रहा है । इनके कारण अल्प-संख्यक और दलित समुदाय के लोगों पर भारी हमले हो रहे हैं । उनके बीच सुरक्षा का भाव ख़त्म हो रहा है । उनके जीवन में भारी कष्ट हैं । इन नापाक रुझानों को कोई स्थान नहीं दिया जा सकता है, न बर्दाश्त किया जा सकता है । ये विभाजनकारी प्रवृत्तियाँ हमारे स्वतंत्रता संघर्ष के उद्देश्यों, स्वप्नों और आदर्शों के विरुद्ध हैं । जिन्होंने कभी स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया, उल्टे उसमें भीतरघात किया, जो अत्याचारी और निर्दयी अंग्रेज़ लुटेरों के सहयोगी थे और राष्ट्र-विरोधी ताक़तों से मिले हुए थे,, उनके अनुयायी अभी विभिन्न नामों और रंगों की ओट में भारत की एकता और अखंडता पर चोट कर रहे हैं ।प्रत्येक वफ़ादार और देशभक्त भारतवासी के आज एकजुट भारत के लिये और इन विध्वंसक साज़िशों और हमलों को परस्त करने के लिये शपथ लेनी चाहिए ।
हम सबको मिल कर संयुक्त रूप में अल्प-संख्यकों, दलितों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और देश की एकता और अखंडता को बनाये रखने की कोशिश करनी चाहिए ।
आज ग़रीबों और अमीरों के बीच का फर्क तेज़ी से बढ़ रहा है । मुट्ठी भर लोगों के हाथ में राष्ट्र के विशाल संसाधान और संपदा सिमट रहे हैं । आबादी का विशाल हिस्सा ग़रीब है । ये लोग अमानवीय शोषण के शिकार हैं । उनके पास न भोजन है, न घर, न कपड़ें, न शिक्षा, न चिकित्सा और न निश्चित आय के रोजगार की सुरक्षा । यह भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के लक्ष्यों और उद्देश्यों के विपरीत है । इन परिस्थितियों के लिये हमारी आज की राष्ट्रीय नीतियाँ सीधे ज़िम्मेदार हैं । इन जन-विरोधी नीतियों को ख़त्म करना होगा । लेकिन यह काम सिर्फ बातों से नहीं हो सकता । इसके लिये वंचित और पीड़ित जनों को जागना होगा, आवाज उठानी होगी, और निर्भय हो कर सामूहिक रूप से बिना थके प्रतिवाद करना होगा । हमारे पास निश्चित तौर पर ऐसी वैकल्पक नीति होनी चाहिए जो भारत के अधिकांश लोगों के हितों की सेवा कर सके । इस वैकल्पिक नीति को रूपायित करने के लिये वंचित, पीड़ित भारतवासियों को इस स्वतंत्रता दिवस पर एकजुट होकर एक व्यापक आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक आंदोलन शुरू करने की प्रतिज्ञा करनी होगी । |
ईसीआईएल भर्ती - 80 जूनियर आर्टिसन एवं साइंटिस्ट असिस्टेंट वेकेंसी
ईसीआईएल भर्ती – 80 जूनियर आर्टिसन,टेक्निकल ऑफिसर एवं साइंटिस्ट असिस्टेंट वेकेंसी के वॉक-इन-इंटरव्यू
जूनियर आर्टिसन वेेकेंसी के लिए यहां क्लिक करें।
टेक्निकल ऑफिसर/सांइटिस्ट असिस्टेंट वेकेंसी के लिए यहां क्लिक करें।
ईसीआईएल भर्ती – जूनियर अार्टिसन वेकेंसी के वॉक-इन-इंटरव्यू
ईसीआईएल भर्ती – जूनियर अार्टिसन वेकेंसी के वॉक-इन-इंटरव्यू – इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) के अंडर ऑटोमेटिक एनर्जी डिपार्टमेंट ने अस्थायी आधार पर 06 जूनियर अार्टिसन की भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। योग्य उम्मीदवार को 21 नवंबर 2016 को वॉक-इन-इंटरव्यू में शामिल हो सकते है। ईसीआईएल भर्ती में उम्मीदवार आयु सीमा, योग्यता, आवेदन शुल्क व अन्य की जानकारी के लिए नीचे प्रारूप देख सकते हैं।
पद – जूनियर अार्टिसन।
योग्यता – आईटीआई।
वॉक-इन-इंटरव्यू – 21 नवंबर 2016
1- जूनियर अार्टिसन (आरएपीएस) – 04 पद
2- जूनियर अार्टिसन(टीएपीएस) – 02 पद
ईसीआईएल भर्ती योग्यता –
योग्यता – मान्यता प्राप्त संस्थान से (2 वर्ष की अवधि) में इलेक्ट्रानिक्स या इलेक्ट्रिकल या कंप्यूटर ट्रेड में आईटीआई पास होना चाहिए।
इनड्रस्टियल टेस्टिंग या मेंटीनेंस ऑफ पिन्यूमेटिक इन्स्ट्रमेंट या कम्युनिकेशन गैजेट या इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम या कंप्यूटर के क्षेत्र में पोस्ट योग्यता अनुभव होना चाहिए।
वेतनमान – 11,582 रुपये प्रति माह।
आयु सीमा – 31 अक्टूबर 2016 के आधार पर अधिकतम 25 वर्ष
आयु छूट – ऊपरी आयु सीमा में सरकार के नियमों के अनुसार ओबीसी के लिए तीन वर्ष और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए पांच वर्ष और विकलांग श्रेणी के उम्मीदवारों को दस वर्ष की छूट दी जाएगी।
ईसीआईएल भर्ती चयन प्रक्रिया –
चयन प्रक्रिया – ईसीआईएल भर्ती में उम्मीदवारो का चयन इंटरव्यू में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।
इंटरव्यू विवरण – Against RAPS requirements:- ECIL Zonal Office, B-7, DDA Local Shopping Complex, A-Block Ring Road, Naraina, New Delhi -110 028. Ph.Nos.011-25774645 / 25777676.
Against TAPS requirements: – ECIL Zonal Office, 1207, Veer Savarkar Marg, Dadar (Prabhadevi), Mumbai-500 028. Ph.nos.022-24227492 / 24313166.
ईसीआईएल भर्ती आवेदन ऐसे करें – ईसीआईएल भर्ती में उम्मीदवारों को आवेदन पत्र के साथ मूल प्रमाण पत्रों की फोटोकॉपी, अनुभव प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज का नवीनतम फोटोग्राफ 21 नवंबर 2016 को इंटरव्यू के समय लेकर शामिल होना होगा।
पद – टेक्निकल ऑफिसर एवं साइंटिस्ट असिस्टेंट।
विज्ञापन संख्या – 35/2016.
ईसीआईएल भर्ती – 74 टेक्निकल ऑफिसर एवं साइंटिस्ट असिस्टेंट वेकेंसी
कुल पद– 74 पद
1) टेक्निकल ऑफिसर (सी) – 31 पद
2) साइंटिस्ट असिस्टेंट ए (सी) – 43 पद।
ईसीआईएल भर्ती योग्यता –
1- टेक्निकल ऑफिसर (सी) –
योग्यता – मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन या इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक्स में 60% अंको के साथ इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए।
योग्यता – संबंधित क्षेत्रों में न्यूनतम योग्यता पद का अनुभव।
आयु सीमा – उम्मीदवार की आयु 31 अक्टूबर 2016 के आधार पर 32 वर्ष होनी चाहिए।
2- वैज्ञानिक सहायक ए (सी) –
योग्यता – मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से इंजीनियरिंग या बीएससी (इलेक्ट्रॉनिक्स / कंप्यूटर) में प्रथम श्रेणी के साथ डिप्लोमा होना चाहिए।
अनुभव – संबंधित क्षेत्रों में न्यूनतम योग्यता पद का अनुभव।
वेतनमान – 13,148 रुपये प्रति माह।
आयु सीमा – उम्मीदवार की आयु 31 अक्टूबर 2016 के आधार पर 27 वर्ष होनी चाहिए।
आयु छूट – ऊपरी आयु सीमा में सरकार के नियमों के अनुसार ओबीसी के लिए तीन साल और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए पांच साल और विकलांग श्रेणी के उम्मीदवारों को दस साल की छूट दी जाएगी है।
ईसीआईएल भर्ती में चयन प्रक्रिया –
चयन प्रक्रिया – उम्मीदवार का चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा।
परीक्षा स्थान – लिखित परीक्षा दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद में ही आयोजित की जाएगी।
ईसीआईएल भर्ती में आवेदन ऐसे करें – उम्मीदवार अपना आनॅलाइन आवेदन 08 नवंबर 2016 से 21 नवंबर 2016 तक ईसीआईएल वेबसाइट http://www.ecil.co.in के माध्यम से कर सकते हैं, और साथ में प्रिंट आउट और सेल्फ अटेस्टेंड प्रमाण पत्रों की फोटोकॉपी इस पते पर भेंज दें।
पता – Deputy General Manager – Recruitment, Personnel Group, Recruitment Section, Electronics Corporation of India Limited, ECIL (Post), Hyderabad– 500 062 (Telangana State), till date 28 November 2016. |
Huawei Band 4 with Color Display and Built-in USB Port Announced in India at Rs. 1999 in Hindi - Smartprix Bytes Huawei Band 4 with Color Display and Built-in USB Port Announced in India at Rs. 1999 in Hindi - Smartprix Bytes
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Huawei Band 4 कलर डिस्प्ले और बिल्ट-इन USB पोर्ट के साथ इंडिया में लांच: जाने कीमत और स्पेसिफिकेशन
Huawei ने इंडिया के मार्किट में अपने पिछले साल पेश किए गए Huawei Band 3 के अपग्रेड वर्ज़न Band 4 को आज लांच कर दिया है। इस लेटेस्ट स्मार्टबैंड में आपको कलर डिस्प्ले, जीपीएस सपोर्ट के साथ कस्टम वाच फेस का सपोर्ट भी दिया गया है तो चलिए नज़र डालते है इसके फीचरों पर:
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Huawei Band 4 की कीमत
कीमत की बात करे तो ये मार्किट में 1,999 रुपए की कीमत में पेश किया गया है। अभी के लिए यह स्मार्टबैंड Flipkart पर बिक्री के लिए लिस्ट किया गया है जो जल्द ही स्टॉक में भी उपलब्ध हो जायेगा।
Huawei Band 4 के फीचर
Band 4 में आपको सामने की तरफ 0.96इंच की AMOLED कलर डिस्प्ले 2.5D कर्व ग्लास के साथ दी गयी है जो पूरी तरह टच स्क्रीन है। डिस्प्ले के नीचे आपको होम बटन भी दिया गया है। डिस्प्ले का रेज़ोलुशन 160×80 रखा गया है। अगर साइज़ की बात करे तो इसकी माप 45x19x11 mm तथा वजन 25 ग्राम है।
Huawei Band 4 में आपको हार्ट रेट मोनिटर TruSeen टेक्नोलॉजी सपोर्ट के साथ दिया गया है जिसकी वजह से आंकड़े काफी ज्यादा सटीक प्राप्त होते है। साथ ही GPS सपोर्ट दिए जाने की वजह से आप वर्कआउट को बिना अपने मोबाइल फोन के भी ट्रैक कर सकते है। स्मार्टबैंड में 11 अलग-अलग स्पोर्ट्स मोड जैसे ट्रेडमिल, रनिंग, साइकिलिंग, फ्री ट्रेनिंग आदि दिए गये है।
बैंड में आपको 50 मीटर तक का वाटर-रेसिस्टेंट मिलने के साथ साथ स्विम स्ट्रोक रिकग्निशन का सपोर्ट भी दिया गया है। इस के साथ यहाँ ब्लड ऑक्सीजन लेवल के लिए SpO2 सेंसर, NFC सपोर्ट जैसे लेटेस्ट फीचर भी दिए गये है। एक्स्ट्रा फीचर के तौर पर म्यूजिक कंट्रोल, आइडल रिमाइंडर, स्लीप मोनिटरिंग भी दिए गये है। बैंड में दी गयी 91mAH की बैटरी आसानी से 5 से 7 दिन का बैकअप देने में सक्षम है।
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VIDEO: जब विदेश में ‘तेरी आंखों का यो काजल’ गाने में बच्ची ने किया सड़क पर धांसू डांस….. | NEWPOWERGAME | A Complete News Website
नई दिल्ली 12 जुलाई 2018. सपना चौधरी के गाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. गाना ‘तेरी आंखों का यो काजल’ काफी पॉपुलर है. शादियों और पार्टियों में इस गाने को सुना जा सकता है. लेकिन अब कुछ ऐसा हुआ जिसने हर किसी को हैरान कर दिया. विदेशों में भी सपना चौधरी का ये गाना धमाल मचा रहा है.
वीडियो में देखा जा सकता है कि रोड के पास एक डीजे लगा है जहां लोग बारी-बारी परफॉर्मेंस दे रहे हैं. उसी वक्त एक बच्ची आती है और सपना चौधरी के इस गाने पर धांसू डांस करने लगती हैं. वो बिलकुल वैसे ही स्टेप्स कर रही हैं जैसे सपना चौधरी ने गाने में किया है.
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नई दिल्ली, 5 फरवरी: सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के एक आश्रम में महिलाओं और लड़कियों को कथित रूप से कैद रखने वाले वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ लुक आउट सर्कुल... Read more
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दिल्ली। भारीतय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने अपनी गर्लफ्रेंड़ अनुष्का शर्मा से शादी रचा ली। अनुष्का बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री हैं। काफी समय से अटकलें लगाईं जा रहीं थी की क्या विरा... Read more |
CM Nitish kumar targets Tejashwi yadav JDU will beat RJD with MY equation– News18 Hindi
बिहार की राजनीति में MY समीकरण.
Bihar Politics: पिछले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने राजगार का वादा कर सियासी हलचल पैदा कर दी थी. अब सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) राजद को मात देने नई योजना लेकर आए हैं.
Last Updated : June 19, 2021, 22:19 IST
पटना. बिहार (Bihar) की सियासत में जातीय समीकरण का बेहद ख़ास महत्व रहा है. बिहार की ऐसी कोई भी राजनीतिक पार्टी नहीं है जो किसी ना किसी समीकरण की सियासत ना करती हो. RJD भी लंबे समय तक अपने MY समीकरण की बदौलत तमाम विरोधियों पर बढ़त बनाता रहा है और आज भी इसी समीकरण के बूते मज़बूत बना हुआ है. लेकिन अब JDU भी RJD के MY समीकरण का जवाब MY समीकरण से ही देने की तैयारी कर ली है. अब हम आपको बताते है कि आखिर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का MY समीकरण क्या है और राजद के MY समीकरण का जवाब कैसे देंगे. दरअसल राजद का MY समीकरण मतलब मुस्लिम यादव है, वहीं JDU के समीकरण में MY का मतलब नीतीश कुमार के करीबी और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और JDU MLC नीरज कुमार बताते है कि इसका मतलब M महिला और Y मतलब युवा है.
नीरज कुमार बताते है कि नीतीश कुमार जाति और समीकरण की सियासत नहीं करते हैं. बल्कि वो बिहार की जनता के विकास की सियासत करते हैं . वे उद्यमी योजना के तहत युवाओं और महिला उद्यमियों के लिए जो योजना लेकर आए हैं. उस योजना का लाभ तमाम जातियों की महिला और युवाओं को मिलेगा जिसमें राजद के MY समीकरण का दावा करते है.
तेजस्वी ने किया था रोजगार का दावा
दरअसल, विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने दस लाख रोजगार का वादा किया था. इसका चुनाव पर काफ़ी गहरा असर पड़ा था. लेकिन कुछ सीटों से तेजस्वी सत्ता से चुक गए थे. नीतीश कुमार अब राजद को कोई मौक़ा नहीं देना चाहते और लगातार वो महिलाओं और युवाओं को लुभाने की कोशिश में लगे हुए है. इसी कड़ी में उद्यमी योजना के तहत युवाओं और महिलाओं को दस लाख रुपये का लोन बहुत ही आसान शर्त पर दे रहे है ताकि युवा उनकी ओर आकर्षित हो सके.
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लेकिन, राजद के पूर्व मंत्री विजय प्रकाश कहते हैं कि नीतीश कुमार कोई भी समीकरण बना लें तेजस्वी यादव ने जो वादा किया था बिहार के युवाओं से रोज़गार का वो तेजस्वी यादव ही दे सकते हैं. नीतीश कुमार उद्यमी योजना का जो झुनझुना पकड़ाना चाहते हैं बिहार की महिलाओं और युवाओं को वो नीतीश कुमार के इस चाल में नहीं आएंगे. साथ ही तेजस्वी यादव सिर्फ MY की राजनीति नहीं करते है बल्कि तेजस्वी यादव A to Z के विकास की सियासत करते हैं. |
बुरी तरह ट्रो'ल हुआ ये पत्रकार, झू'ठ फैलाकर कर रहा था लोगों को गुम'राह.. – वायरल क्लिक
बुरी तरह ट्रो'ल हुआ ये पत्रकार, झू'ठ फैलाकर कर रहा था लोगों को गुम'राह..
न्यूज़ चैनल इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा को मोदी सरकार के पक्ष में ट्वीट करना काफी म'हंगा पड़ रहा है। बीते कुछ दिनों में रजत कुमार कई बार सोशल मीडिया यूजर्स के नि'शाने पर आ चुके हैं। भारत चीन वि'वाद पर रजत शर्मा ने शनिवार (20 जून) को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने विपक्षी दलों पर नि'शा'ना साधा था।
अपने ट्वीट में रजत शर्मा ने लिखा था, "चीन की चुनौती है, सेनाएँ मुक़ाबले के लिए तैयार हैं, सारा देश, एक को छोड़कर, सारी पार्टियाँ, प्रधानमंत्री के पीछे खड़ी हैं। कुछ नेता ऐसी ब'यानबाज़ी कर रहे है जिससे चीन को फ़ायदा पहुँचेगा। लेकिन इस वक्त सिर्फ़ देश के बारे में सोचें तो बेहतर होगा।" जिसके बाद रजत शर्मा सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए और लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।
रजत शर्मा के एक ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। एक यूजर ने लिखा, "लगता है आप को टाइम टू टाइम पेमेंट मिल जाता है। ये बात उस टाइम क्यो नही बोली जब जु'मलेबा'ज फ'कीर बोल रहा था कि 1 के बदले दस सिर लाऊंगा और अब 20 जवानों को तक बचा नही पाया। आप पत्रकार हो कि चा'टुकर?"
एक अन्य यूजर ने लिखा, "रजत द'लाल जी इस वक्त तो अपनी द'लाली की दुकान बंद कर दो। पूरा देश जानता है कि मोदी जी की ब'यानबा'जी से चीन को फायदा पहुचा है, मोदी ने देश से झू'ठ बोला, चीन को मोदी ने फाय'दा पहुंचाया है।" एक अन्य यूजर ने लिखा, आपने तो खैर जमीर बेच ही दिया है इसलिए आपका जमीर आपको धि'क्कारे'गा नही, प्रधानमंत्री से सवाल पूछना भी कबसे गु'ना'ह हो गया? क्या कर रहे हैं यह देश को जानने का हक है। आप जैसे पत्रकारों ने ही देश की मीडिया को पंगु बना दिया है। आपको शर्म नही आई ऐसा कहते हुए।"
एक अन्य यूजर ने लिखा, "तुम झू'ठ क्यो फैला रहे हो। जब साहेब बोल चुके हैं वहाँ कुछ नही हुआ कोई कब्जा नही किया चीन ने सब अपनी अपनी सीमा में है तो तुम क्यो द'लाली मे लगे हुए हो अपनी, ये ट्वीट में तुम्हारे साफ झलक रहा है तुम प्रधानमंत्री को झूठा साबित करना चाहते हो" इसी तरह तमाम यूजर्स रजत शर्मा के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे है। |
उत्तराखंड | पिथौरागढ़ में बादल फटने से तबाही, दो की मौत, 5 म
उत्तराखंड | पिथौरागढ़ में बादल फटने से तबाही, दो की मौत, 5 मलबे में दबे, बचाव अभियान जारी
उत्तराखंड से बड़ी खबर मिली है। प्रदेस के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में कुदरत ने कहर बरपाया है। यहां से बादल फटने की खबर मिली है।
पिथौरागढ़ (उत्तराखंड पोस्ट) उत्तराखंड से बड़ी खबर मिली है। प्रदेस के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में कुदरत ने कहर बरपाया है। यहां से बादल फटने की खबर मिली है।
धारचूला तहसील से 12 किमी दूर कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग से लगे जुम्मा गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची है। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक दो लोगों की मौत हुई है, जबकि एक महिला हादसे में घायल हुई है और पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं।
हालांकि, प्रशासन ने अभी तक दो ही लोगों के लापता होने की सूचना दी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व दल मौके को रवाना हो चुका है। हाइवे सहित सभी पैदल मार्ग बंद होने से गांव तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।
रविवार देर रात सीमांत में बादल फटने से 280 मेगावाट की धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना के तपोवन स्थित प्रशासनिक भवन के पास काली नदी का पानी जमा हो गया है। नदी किनारे स्थित दो भवन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। काली नदी, कूलागाड़ और एलागाड़ ने रौद्र रूप ले लिया है। जुम्मा गांव के चामी तोक में बादल फटने से छह मकान ध्वस्त हो गए हैं।
जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बादल फटने से आई आपदा से खोज और बचाव कार्य के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश देकर अधिकारियों को क्षेत्र में भेज दिया है। उधर मुनस्यारी के मालूपाती गांव में फिर भूस्खलन हुआ है। दो परिवार शिफ्ट कर दिए हैं। आठ परिवार खतरे में आ गए हैं। बंगापानी तहसील के खरतोली गाव में भूस्खलन से छह परिवार खतरे में हैं। जौलजीबी मुनस्यारी मार्ग और टनकपुर तवाघाट मार्ग सहित सीमांत के सभी मार्ग बंद है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करते हुए कहा कि पिथौरागढ़ जनपद के जुम्मा गांव के पास भूस्खलन की वजह से 2 लोगों की दु:खद मौत हो गयी एवं 5 अन्य की मलबे में दबे होने की आशंका है। इस विषय में जिलाधिकारी से बात कर रेस्क्यू मिशन तेज करने के निर्देश दिया है। मैं वहां फंसे लोगों की सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। |
बिहार में अनूठा कोविड मैनेजमेंट: बढ़ते मामलों के साथ कम होती कोरोना जाँच | Bihar's strange covid management: As cases increase, testing drops
बिहार में अनूठा कोविड मैनेजमेंट: बढ़ते मामलों के साथ कम होती कोरोना जाँच
बिहार सरकार के आंकड़ों के मुताबिक एक हफ्ते (28 अप्रैल-4 मई) के दौरान किसी भी रोज राज्य में कोरोना जांच की संख्या एक लाख की तय सीमा के पार नहीं गयी है। कम टेस्टिंग की वजह से बिहार में संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है
|8 May 2021 1:00 PM GMT
बिहार के सारण जिले का सामुदायिक स्वास्थय केंद्र।
पटना: पटना में रहने वाले संतोष (बदला हुआ नाम) के पिता 3 मई को अचानक घर में बेहोश हो गये। उनकी धड़कने बंद हो गयी थीं। घर वालों को लगा कि उनकी मृत्यु हो गयी है। स्वास्थ्य संबंधी मामलों में जागरूक संतोष ने तत्काल अपने पिता को सीपीआर दी, जिससे वे होश में आये, फिर उन्होंने सांस लेने में काफी परेशानी का जिक्र किया। संतोष को लगा कि उनके पिता काफी गंभीर रूप से कोविड संक्रमित हो गये हैं। उन्होंने तत्काल उनके टेस्ट के लिए भाग-दौड़ शुरू की। कई प्राइवेट लैब वालों से संपर्क किया कि वे आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए उनके घर आकर सैंपल ले लें। मगर कोई तैयार नहीं हुआ। फिर एक प्रभावशाली व्यक्ति की सिफारिश के बाद उनका संपर्क फुलवारी शरीफ मोहल्ले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से हो पाया।
चूँकि यह जाँच केंद्र उनके घर के नज़दीक और कम भीड़ वाला था इसलिए संतोष ने अपने पिता को बीमार हालत में ही वहां ले जाकर सैंपल दिलाया।
बिहार में संतोष जैसे कई लोग हैं जिन्हे कोरोना की जांच के लिए कई दिनों तक इंतज़ार करना पड़ता है या फिर सिफारिशें लगानी पड़ती है। इसका मुख्य कारण राज्य सरकार द्वारा लगातार कम की जा रही टेस्टिंग है जिसकी वजह से एक ओर प्राइवेट टेस्टिंग लैब मनमाने दाम वसूल रही हैं वहीं दूसरी ओर सरकार की तरफ से होने वाली निशुल्क जांच के लिए केंद्रों पर लम्बी कतारें लग रही हैं।
राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 28 अप्रैल से 4 मई के बीच एक हफ्ते के दौरान किसी भी रोज बिहार में कोरोना जांच की संख्या एक लाख की तय सीमा के पार नहीं गयी है। 2 मई को तो यह संख्या 72 हजार के आसपास पहुंच गई थी। जबकि इससे पहले 12 अप्रैल से 27 अप्रैल के बीच रोज लगभग एक लाख से अधिक जांच के सैंपल लिये गये थे। सिर्फ दो ही दिन (अप्रैल 13, अप्रैल 19) यह आंकड़ा एक लाख से नीचे गया था।
इन आंकड़ों पर नजर डालने पर यह संकेत भी मिलता है कि जिस दिन (27 अप्रैल) से राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या एक लाख के पार गयी है उसी दिन से राज्य में टेस्टों की संख्या लगातार कम हुई है।
बिहार सरकार ने पिछले साल के कोरोना काल में ही तय किया था कि वे रोज एक लाख सैंपल की जांच करेंगे। उस वक्त काफी मशक्कत के बाद यह शुरू भी हुआ था, मगर फरवरी-मार्च, 2021 आते-आते यह आंकड़ा 20 हजार रोजाना तक पहुंच गया। होली के बाद जब राज्य में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप शुरू हुआ तो 6 अप्रैल, 2021 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से टेस्ट का आंकड़ा रोजाना एक लाख तक ले जाने के निर्देश जारी किये।
12 अप्रैल से यह शुरू भी हो गया और इसका क्रेडिट लेते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कोरोना संकट को लेकर 16 अप्रैल को आयोजित सर्वदलीय बैठक में इस बात का उल्लेख भी किया कि राज्य में रोजाना एक लाख से अधिक सैंपल की जांच हो रही है।
मगर आंकड़े गवाह हैं कि जैसे ही राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या एक लाख के पार गयी, रोजाना एक लाख सैंपल जांचने का सरकारी दावा धराशायी हो गया।
लैब संख्या बढ़ी लेकिन टेस्ट हुए कम
पटना हाईकोर्ट में बिहार में कोरोना की स्थिति को लेकर 15 अप्रैल से ही सुनवाई चल रही है। 22 अप्रैल से यह सुनवाई हर वर्किंग डे में हो रही है। 27 अप्रैल को ऐसी ही एक सुनवाई के दौरान जब राज्य में कम टेस्टिंग का मामला उठा तो विभाग की तरफ से जवाब दिया गया कि राज्य में इस वक्त सिर्फ 19 आरटीपीसीआर लैब सक्रिय हैं। उन्होंने एक लैब मोतिहारी में और एक मुंगेर में जल्द शुरू होने की सूचना दी। साथ ही यह भी कहा कि राज्य सरकार ने आईसीएमआर से 18 अन्य आरटीपीसीआर मशीनों की मांग की है।
मगर दिलचस्प है कि बिहार सरकार पिछले साल सिर्फ 12 आरटीपीसीआर मशीनों के दम पर ही रोजाना एक लाख सैंपल की जांच कर रही थी। 21 सितंबर, 2020 को तो बिहार सरकार ने 1,94,088 सैंपल की रिकार्ड जांच की थी। हालांकि इनमें से आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या सिर्फ 11,732 थी। अगर सभी लैब को जोड़ दिया तो राज्य में पिछले साल 55 लैब थी, जो इस साल बढ़कर 65 हो गयी है। मगर फिर भी राज्य में टेस्ट की संख्या बढ़ने के बदले घट रही है।
बिहार में फ़िलहाल 65 टेस्टिंग लैब में कोरोना के नमूनों की जांच की जाती है जिनमे से 49 सरकारी और 16 प्राइवेट लैब हैं। आरटीपीसीआर जांच की बात करें तो राज्य के विभिन्न इलाकों में 11 सरकारी और 13 प्राइवेट लैब हैं।
सैंपल देने में मुश्किलें और रिपोर्ट में देरी
वैशाली जिले के मयंक प्रियदर्शी कहते हैं, "हाजीपुर में तो आरटीपीसीआर टेस्ट बिल्कुल नहीं हो रहा है। मैंने अपनी माँ के लिए कुछ दिन पहले कोशिश की थी। हाजीपुर के सभी लैब में पूछा, लाल पैथ लैब, एसआरएल, थायरोकेयर से लेकर साधारण लैब तक। सबका एक ही जवाब था कि आरटीपीसीआर टेस्ट अभी नहीं हो रहा है। दिग्घी में कोरोना जांच की एक सरकारी व्यवस्था है लेकिन वहां रैपिड एंटीजन किट से टेस्ट होता है। सदर अस्पताल में संभवतः होता हो, मगर ऐसे समय में वहां अत्यधिक भीड़ होती है, इसलिए मैंने जाना उचित समझा।"
पटना के सत्यदीप सिंह को आरटीपीसीआर सैंपल देने में एक हफ्ते तक प्रयास करना पड़ा। फिर एक निजी लैब वाला रुपये 3600 में दो सैंपल लेकर गया। जबकि बिहार में आऱटीपीसीआर टेस्ट हेतु निजी लैब के लिए रुपये 800 का रेट तय है। पटना की ही रिचा भी एक सप्ताह की मेहनत के बाद किसी तरह सैंपल दे पायी हैं, उन्हें एक हफ्ते बाद रिपोर्ट दिये जाने की बात कही गयी है।
कटिहार जिले के अमित बंटी कहते हैं, "2 मई को सैंपल देने कुर्सेला के पीएचसी में गया था। वहां काफी झगड़ा और हंगामा करने के बाद सैंपल दे पाया। पहले हॉस्पिटल मैनेजर ने कहा था, 'जाओ, जाकर डीएम को शिकायत कर दो। हम तो आज नहीं करेंगे'। फिर कुछ भीड़ जुटाकर गया तो उसे लगा अब पिटाई हो जायेगी। लाचार होकर उसने सैंपल लिया।"
बिहार में कोरोना जांच के लिए लोगों को कई तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में जांच न हो पाने की वजह से प्रदेश के रिकवरी रेट में तो सुधार दिखाई दे रहा है लेकिन यहां का पॉजिटिविटी रेट अभी भी चिंताजनक बना हुआ है। जानकारों का ये भी मानना है कि बढ़ते रिकवरी रेट के पीछे कम की जा रही जांचें प्रमुख कारण है
बढ़ती पॉजिटिविटी दर और घटती रिकवरी
इंडियास्पेंड ने बिहार के पिछले एक महीने के कोरोना के रिपोर्ट किये गए आंकड़ों का अवलोकन किया और पाया कि 4 अप्रैल को बिहार में कोरोना के रिपोर्ट किये गए 935 नए मामले दर्ज किए गए। वहीं, एक महीने बाद 4 मई को हर दिन आने वाले नए मामलों की संख्या 14,836 रिपोर्ट की गई। यानी कोरोना के रिपोर्ट किये गए नए मामले करीब 1586% बढ़ गए।
वहीं, बात करें सक्रिय मामलों की तो 4 अप्रैल को 4,143 रिपोर्ट किये गए मामले थे, जो कि 4 मई को 1,13,479 हो गए। यानी एक महीने में रिपोर्ट किये गए सक्रिय मामलों की संख्या में करीब 2740% की बढ़त हुई। यह आंकड़े बताते हैं कि बिहार में कोरोना कितनी तेजी फैल रहा है। 4 अप्रैल को बिहार सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में रिपोर्ट की गयी पॉजिटिविटी दर 1.3%, रिकवरी दर 97.87% और मृत्यु दर 0.6% है। लेकिन 4 मई तक प्रदेश में रिपोर्ट की गयी पॉजिटिविटी दर बढ़ कर 15.6% हो गयी जबकि रिकवरी दर घटकर 78.38% हो गयी। प्रदेश की मृत्यु दर 0.6% पर ही रही लेकिन इस दर के स्थिर रहने के पीछे तेज़ी से बढ़ी पॉजिटिविटी दर है। प्रदेश में इस एक महीने में रिपोर्ट की गयी मौतों की संख्या 1,401 थी जो कि कोरोना की पहली लहर से लेकर 4 अप्रैल तक हुई 1,586 मौतों के काफी करीब है।
बिहार में जहां 14,836 मामले रिपोर्ट किए गए तो वहीं देश में 4 मई को कोरोना के रिपोर्ट किए गए नए मामलों की संख्या 3,82,315 थी, जिसमें महाराष्ट्र में 51,880, उत्तर प्रदेश में 44,631 और केरल में 37,190 मामले शामिल थे। आंकड़ों से साफ है कि देश में रिपोर्ट किए गए मामलों में से करीब 3.9% नए मामले बिहार में रिपोर्ट किए गए। भारत में 4 मई को रिपोर्ट की गई कुल रिकवरी दर 82.03% थी जो कि बिहार की रिपोर्ट की गई रिकवरी दर से 3.7% ज़्यादा थी।
जानकारों का मानना है कि बिहार की पॉजिटिविटी दर और भी अधिक हो सकती है, क्योंकि टेस्टिंग में हो रही परेशानियों की वजह से लोग जांच नहीं करवा रहे हैं और लक्षणों के आधार पर घर में ही कोविड प्रोटोकॉल के हिसाब से खुद का इलाज करने लगे हैं। कई मरीज इस तरह ठीक भी हो जा रहे हैं। संकट तब उत्पन्न होता है जब मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है और उसे ऑक्सीजन की जरूरत महसूस होने लगती है।
टेस्ट की संख्या लगातार कम होने के मसले पर अपनी राय जाहिर करते हुए बिहार वालेंटरी हेल्थ सोसाइटी के अध्यक्ष स्वपन मजूमदार कहते हैं, "इस वक्त बिहार में जितने मरीज बताये जा रहे हैं, उनसे 80% अधिक ऐसे मरीज हैं, जिनका टेस्ट नहीं हुआ। वे खुद को मौसमी बुखार या टाइफाइड का मरीज मान कर इलाज चला रहे हैं और यहां-वहां घूमकर कोरोना फैला रहे हैं। ऐसे में टेस्ट की संख्या बढ़ाना बहुत जरूरी है। मेरी तो सलाह है कि राज्य में अब मोबाइल टेस्टिंग फैसिलिटी का अभियान शुरू करना चाहिए। क्योंकि स्वास्थ्य सर्वोपरि है। अगर सभी संदिग्ध लोगों का टेस्ट नहीं हुआ तो कोरोना को रोकना मुश्किल होगा।"
इस मसले पर थोड़ा सख्त रुख अपनाते हुए मुजफ्फरपुर में लोक स्वास्थ्य के सवालों में रुचि रखने वाले डॉक्टर निशिंद्र किंजल्क कहते हैं, "मुझे अपने व्यक्तिगत सूत्रों से जानकारी मिली है कि ऊपर से टेस्ट कम करने के निर्देश हैं, हालांकि मेरे पास इसके कोई सबूत नहीं हैं। मुमकिन है, ऐसा किट की कमी की वजह से हो रहा हो। मगर इसका बहुत गंभीर असर पड़ने वाला है। दूसरी लहर में जिस तरह संक्रमण फैला है, बिहार जैसे सघन आबादी वाले राज्य के लिए एक लाख रोजाना टेस्ट भी बहुत कम है। इसकी संख्या में वृद्धि की जानी चाहिए। खास तौर पर जब हम जान गये हैं कि अभी तीसरी लहर भी आने वाली है। संकट बड़ा है।
वे सरकार को बाहर से आने वाले लोगों के अनिवार्य टेस्टिंग की राय देते हैं और कहते हैं कि अब जरूरत है हर प्रखंड में स्थायी कोरेंटाइन सेंटर खोलने की। क्योंकि यह बीमारी बार-बार आयेगी।
पटना के कंकड़बाग मोहल्ले के ऐसे ही एक मरीज की जब हालत बिगड़ने लगी तो उनके घरवाले उन्हें एनएमसीएच ले गये, वहां उनका रैपिड टेस्ट किया गया तो वह कोविड निगेटिव पाया गया। ऑक्सीजन लेवल कम होने के बावजूद अस्पताल वालों ने उसे एडमिट करने से इनकार कर दिया।
टेस्ट की संख्या कम होने के साथ-साथ एक दूसरा संकट आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट का देर से मिलना भी है। राज्य के एक सीनियर अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि उनके खुद के परिजनों की रिपोर्ट उन्हें 16 दिन बाद मिली, जबकि वे लगातार व्यक्तिगत स्तर पर कोशिश करते रहे।
अमूमन राज्य में आरटीपीसीआर की रिपोर्ट एक हफ्ते से पहले नहीं मिलती। बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट के सामने 27 अप्रैल को खुद स्वीकार किया है कि आरटीपीसीआर के मामले में रिपोर्ट जारी करते-करते 5 से 6 दिन लग जाते हैं। रिपोर्ट मिलने में देर की वजह से कई दफा मरीज खुद ठीक हो जाता है, तो कई दफा उसकी स्थिति गंभीर हो जाती है। और टेस्ट रिपोर्ट नहीं होने के कारण उसे इलाज मिलने में दिक्कत होती है। |
MP Lockdown: In Indore, the police beat up the people who got out of the house brutally - MP Lockdown: इंदौर में पुलिस ने घर से बाहर निकले लोगों को बेदर्दी से पीटा, वाहन तोड़ डाले | India News in Hindi
MP Lockdown: इंदौर में पुलिस ने घर से बाहर निकले लोगों को बेदर्दी से पीटा, वाहन तोड़ डाले
होमदेशMP Lockdown: इंदौर में पुलिस ने घर से बाहर निकले लोगों को बेदर्दी से पीटा, वाहन तोड़ डाले
Indore Lockdown: दो लोगों को पिटाई का एक वीडियो वायरल हो गया, नगर निगम के एक अधिकारी को भी जमकर पीटा गया
Reported by अनुराग द्वारी, Edited by सूर्यकांत पाठक, Updated: 3 मई, 2020 11:17 PM
Lockdown: इंदौर में पुलिस ने दो बाइक सवार युवकों को बेरहमी से पीटा.
Coronavirus Lockdown: मध्यप्रदेश में इंदौर पुलिस लॉकडाउन में अब लोगों के साथ बर्बरता से पेश आ रही है. ज़रूरी सामान लेने निकले लोगों की पुलिस बर्बरता से पिटाई कर रही है. बोहरा समाज के दो लोगों को पिटाई वाला एक वीडियो वायरल हो गया है. इसके अलावा पुलिस के शिकार नगर निगम के एक अधिकारी भी हुए जिन्हें जमकर पीटा गया.
गुलज़ार कॉलोनी में कल सुबह बोहरा समाज के दो लोगों को पुलिस ने तब तक पीटा जब तक दोनों बाइक सवार भाग नहीं गए. इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ. इसी इलाके में पुलिस ने कई लोगों पर अपनी बर्बरता दिखाई. यहां तक सड़क पर खड़ी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ मचा दी.
लोगों का कहना है कि वे दूध, दवाई और अन्य ज़रूरी सामान लेने निकले थे लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और बेतहाशा मारने लगी. जब पुलिस बाइक सवार बोहरा समाज के दो लोगों को मार रही थी तब ज़िबरान नाम का व्यक्ति अपने घर के बाहर बैठा हुआ था जिसे देख पुलिस कर्मियों ने उसे भी पीटा और उसकी गाड़ियां तोड़ दीं.
इसी इलाके में रहने वाले अज़ीम खान ने बताया कि वे नगर निगम में असिस्टेंट रेवेन्यू इंस्पेक्टर हैं. वे कल दूध लेने निकले थे. उनका कार्ड गाड़ी में रह गया था. इस दौरान अचानक पुलिस आई और उन्हें बेदर्दी से पीटने लगी. |
अयोध्या पर जल्दबाजी में कोई नतीजा न निकालें: चिदंबरम | जर्मन चुनाव 2017 | DW | 22.09.2010
अयोध्या पर जल्दबाजी में कोई नतीजा न निकालें: चिदंबरम
अयोध्या विवाद पर शुक्रवार को आ रहे अदालती फैसले के मद्देनजर गृह मंत्री पी चिदंबरम ने शांति की अपील की है. उनके मुताबिक अभी से यह निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं होगा कि कौन सा पक्ष जीत गया और कौन सा हार गया.
अयोध्या की सुरक्षा तैयारी
इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले से दो दिन पहले गृह मंत्री ने एक बयान जारी कर सभी राज्यों से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा है. खासकर संवदेनशील इलाकों पर खास ध्यान दिया जाए. गृह मंत्री ने कहा कि संभव है कि तीन जजों वाली विशेष बेंच एक या उससे ज्यादा फैसले दे. उनके मुताबिक, "किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले अदालती फैसलों को ध्यान से पढ़ना होगा और चारों मुकदमों में माननीय न्यायधीशों के निर्णयों का बड़े ध्यान से अध्ययन करना होगा."
चिदंबरम के मुताबिक यह स्वाभाविक है कि कोई एक या दोनों पक्ष तुरंत सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का मन बनाएं. उन्होंने कहा, "इसीलिए मैं मुकदमे से जुड़े पक्षों, आम जनता और मीडिया से अपील करता हूं कि वे अदालत के फैसले पर अपनी राय को सुरक्षित रखें और उसके आधार पर जल्दबाजी में कोई नतीजा न निकाल लें." चिदंबरम के मुताबिक सरकार चाहती है कि समाज के सभी वर्ग शांति बनाए रखने में सहयोग करें. उन्होंने इस बात पर भी खुशी जताई कि बहुत से संगठन पहले से ही शांति की अपील जारी कर चुके हैं. गृह मंत्री ने कहा कि शांति की अपील करने के साथ साथ इन संगठनों की यह भी जिम्मेदारी है कि शांति कायम करने के लिए सक्रिय रूप से योगदान दें. खासकर वे अपने सदस्यों से कहें कि किसी की तरह की अफवाह न फैलाएं या भड़काऊ बयान न दें.
गृह मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों और जिला प्रशासन को तुरंत शांति समितियों को सक्रिय कर देना चाहिए. इन समितियों में स्थानीय लोगों, वार्ड, पंचायत या मोहल्ला पदाधिकारियों को शामिल किया जाना चाहिए. इन समितियों का काम अशांति का कोई संकेत दिखते ही वहां तनाव को दूर करना होना चाहिए. चिदंबरम ने बताया कि राज्य सरकारों से शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को कहा गया है. संवदेनशील इलाकों में खास तौर से नजर रखनी होगी. इसके लिए केंद्र सरकार राज्यों की पूरी तरह मदद करेगी.
चिदंबरम ने कहा, "किसी को डरने की जरूरत नहीं है. अगर हर कोई समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरा करेगा तो हम एक साथ शांति सौहार्द और कानून व्यवस्था को बनाए रख सकते हैं."
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परेशान बुजुर्ग ने कलेक्टर के सामने आवेदन के साथ नोटों की गड्डी रख दी | MP NEWS
HomeShivpuriपरेशान बुजुर्ग ने कलेक्टर के सामने आवेदन के साथ नोटों की गड्डी रख दी | MP NEWS
भोपाल। मध्यप्रदेश में राजस्व विभाग में चल रही रिश्वतखोरी का गंदा चेहरा सामने आया है। शिवपुरी जिले में जनसुनवाई के दौरान एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कलेक्टर के सामने आवेदन पेश किया और उसके साथ 100 रुपए के नोटों की एक गड्डी भी रख दी। बोला, 14 साल हो गए, मुआवजा नहीं मिला। ये पैसे रख लो, लेकिन मुआवजा दिलवा दो।
इसके बाद बुजुर्ग ने 100 रुपये के नोटों की एक गड्डी कलेक्टर की टेबल पर रख दी। उन्होंने कहा, 'आप चाहें तो ये पैसा जमा कर लें, लेकिन मुआवजा दिलवा दें और मेरी जमीन से खंभे हटवा दें।' कलेक्टर ने रुपये देखकर पहले सख्त लहजे में प्रतिक्रिया दी लेकिन, बाद में कलेक्टर ने बुजुर्ग फरियादी से पैसा संभालकर रखने और सुनवाई करने का भरोसा दिलाया। |
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए सिंहदेव, पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की…कहा- नए लैब की दें अनुमति | grand news
रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए। डॉ. हर्ष वर्धन सभी प्रदेशों में कोविड-19 के नियंत्रण एवं रोकथाम की व्यवस्था की जानकारी ले रहे थे। सिंहदेव ने उन्हें इस संबंध में प्रदेश में की गई व्यवस्थाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने भारत सरकार से पर्याप्त संसाधन और सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की।
स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डॉ. हर्ष वर्धन को बताया कि छत्तीसगढ़ द्वारा भारत सरकार से मांगी गई सामग्री की तुलना में बहुत कम समानों की आपूर्ति हुई है। उन्होंने प्रदेश की जरूरत के मुताबिक पीपीई, मास्क एवं अन्य संसाधन जल्द से जल्द मुहैया कराने का अनुरोध किया। उन्होंने एम्स रायपुर में कोरोना वायरस जांच की क्षमता बढ़ाने ऑटोमेटेड डीएनए-आरएनए एक्सट्रैक्शन सिस्टम (Automated DNA-RNA Extraction Machine) सहित अन्य आवश्यक मशीनें उपलब्ध कराने कहा। इससे वहां जांच की क्षमता दुगुनी हो जाएगी। उन्होंने रायपुर मेडिकल कॉलेज के साथ ही अंबिकापुर और रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में भी इसकी जांच की अनुमति प्रदान करने कहा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताया गया कि छत्तीसगढ़ और झारखंड में कोरोना वायरस टेस्ट के लिए नए लैबों की अनुमति एम्स रायपुर द्वारा दी जाएगी। श्री सिंहदेव ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को प्रदेश में कोविड-19 पीड़ित नौ मरीजों के पूरी तरह स्वस्थ होने की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में यहां कोरोना वायरस से संक्रमित नौ लोग हैं जिनका एम्स में इलाज चल रहा है |
लखनऊ । वामपंथी दलों ने त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपाइयों द्वारा की जा रही हिंसक तथा लोकतंत्र विरोधी कार्यवाहियों का तीव्र विरोध करते हुए इसकी घोर निंदा की है। सीपीआई के राज्य सचिव डा0 गिरीश शर्मा तथा सीपीएम के उ0प्र0 राज्य सचिव डा0 हीरालाल यादव ने कहा कि चुनावी जीत के बाद त्रिपुरा की हिंसक घटनाओं में भाजपा का असली रूप सामने आ गया है। जिस तरह से सीपीएम कार्यालयों तथा समर्थकों के घरों में तोड़फोड़ व आगजनी की जा रही है, कार्यालयों पर कब्जे किये जा रहे हैं, मेहनतकशों के महान नेता लेनिन तथा ज्योति बसु की मूर्तियां तोड़ी गयीं, उससे स्पष्ट हो गया है कि भाजपा फासीवादी मनोवृत्ति वाली पार्टी है और वह हिंसा, दमन और आतंक के जरिये अपने विरोध को समाप्त करना चाहती है। वामदलों ने तय किया कि भाजपा आरएसएस के हिंसा के विरोध में 8 मार्च को लखनऊ में और 11 मार्च को प्रदेश के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। |
दीपक भारतदीप की शब्दलेख सारथी-पत्रिका: रिश्वत लेना नर का मांस खाने के समान-श्रीगुरुवाणी साहिब से संदेश (corruption anti religion work and crime-acording shri gurubani)
रिश्वत लेना नर का मांस खाने के समान-श्रीगुरुवाणी साहिब से संदेश (corruption anti religion work and crime-acording shri gurubani)
देश में अनेक लोग भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन कर रहे हैं पर सवाल यह है कि उनका स्वयं का आचरण कितना प्रमाणिक है? कई बार तो ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार से तंग लोगों का मन बहलाने के लिये इस तरह के आंदोलन प्रयोजित वही लोग कर रहे हैं जिनकी कमाई के स्त्रोत अपवित्र होने के साथ अज्ञात हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि धर्म के नाम पर दिये जा रहे दान को आस्था के कारण पवित्र माना जाता है जबकि हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार धर्म के लिये व्यय होने वाले धन के स्त्रोत भी पवित्र होना चाहिए। एक मजेदार बात यह है कि धर्म के ठेकेदारों से जब उनके धन का स्त्रोत पूछा जाता है तो कहते हैं कि 'यह तो भगवान के भक्तों का दिया हुआ है?''
पहली बात तो उस धन का स्त्रोत धर्म के ठेकेदारों को स्वयं नहीं पता दूसरा यह कि वह उस धन से अर्जित संपत्ति के स्वामीपन का अहंकार भी पालते हैं। इसी कारण धर्म के नाम पर अनेक ट्रस्ट बन गये हैं जबकि कहीं न कहीं उनका स्वामित्व निजी होने के साथ ही उनके कार्यक्रम भी व्यवसाय के सिद्धांतों पर आधारित हैं। इतना ही नहीं इन ट्रस्टों के भक्ति स्थलों में प्रवेश के लिये भी पैसा लिया जाता है जो कि रिश्वत का ही रूप है। यही कारण है कि हम अपने देश में इस समय धर्म के नाम पर शोरशराबा खूब देख रहे हैं जबकि आचरण की दृष्टि से पूरा समाज ही विपरीत मार्ग पर जाता दिखता है।
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Aamir Khan Daughter Ira Confirms Dating Mishaal Kirpalani
Home मनोरंजन गॉसिप आमिर खान की बेटी इस शख्स को कर रही डेट, खुद किया...
आमिर खान की बेटी इस शख्स को कर रही डेट, खुद किया कंफर्म
बॉलीवुड के अभिनेता आमिर खान इन दिनों अपनी अगली आने वाली फिल्म में व्यस्त हो गए हैं। वहीं दूसरी तरफ उनके बच्चों को लेकर खबरें आती रहती हैं। आमिर खान की बेटी ने कंफर्म कर दिया है कि वो म्यूजिशियन मिशाल कृपलानी को डेट कर रही हैं। इस बात का इशारा उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर देखने को मिल रहा है। पिछले कुछ समय से इस बात की अफवाह थी कि इरा मिशाल को डेट कर रही हैं लेकिन इरा ने इस बात को ऑफिशियल नहीं किया था।
इरा ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर इस बात को कंफर्म किया है। इंस्टाग्राम स्टोरी में एक फैन ने इरा से पूछा कि क्या वे रिलेशनशिप में हैं? उन्होंने इस सवाल का जवाब एक तस्वीर के साथ देते हुए कहा जिसमें इरा मिशाल को हग करते हुए देखी जा सकती है। इस स्टोरी में इरा ने मिशाल को टैग भी किया है। जिससे ये साबित हो जाता है कि वो रिलेशनशिप में हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले भी वो मिशाल कृपलानी के साथ अपनी तस्वीरें शेयर करती रहती है। पिछले दिनों मिशाल के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए इरा खान ने लिखा था कि, 'उम्मीद है कि बसंत की तुम्हारी छुट्टियां धूप और मुस्कान से परिपूर्ण रही होगी।'
गौरतलब है कि इरा इंस्टाग्राम पर मिशाल के साथ तस्वीरें शेयर करती रहती हैं। इससे पहले इरा ने वैलेंटाइन डे पर मिशाल का एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें मिशाल पियानों के सामने बैठकर गाते हुए देखे जा सकते हैं। मिशाल भी इरा के साथ तस्वीरें पोस्ट करते रहते हैं। खैर इसके अलावा अगर हम उनके करियर की बात करें तो कॉफी विद करण के सीजन 6 पर आमिर खान ने कहा था कि, जुनैद और इरा फिल्म इंडस्ट्री में अपना भविष्य तलाश रहे हैं।
उन्होंने कहा था कि, जहां उनके बेटे जुनैद एक्टर बनना चाहते हैं वही इरा फिल्ममेकिंग में ज्यादा दिलचस्पी रखती हैं। आमिर खान ने इरा की फिल्म इंडस्ट्री को जॉइन करने की संभावनाओं पर बात की थी।
आमिर ने इरा के बारे में बात करते हुए कहा था कि 'मुझे नहीं पता कि इरा अभी क्या करना चाहती हैं। लेकिन वो काफी क्रिएटिव हैं और सिनेमा उसे काफी उत्साहित करता है, ऐसे में वो फिल्ममेकिंग के क्षेत्र में कुछ सालों बाद कदम रख सकती हैं लेकिन मैं इस बारे में कंफर्म तौर पर कुछ नहीं बता सकता हूं।'
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Shahid Kapoor Cried 4 Times While Watching Telugu Film Jersey Based on Cricket - Shahid Kapoor क्रिकेट पर बनी इस फिल्म को देखकर बार-बार लगे रोने, जानें क्या है वजह
शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) ने 'कबीर सिंह' के साथ बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया था, और अब वह एक और रीमेक करने वाले हैं. लेकिन शाहिद ने जब भी यह फिल्म देखी तो वह अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सके.
Written by: प्रतिभा गौड़, Updated: 10 दिसम्बर, 2019 3:57 PM
शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) ने फिल्म 'जर्सी (Jersey)' को लेकर किया खुलासा
शाहिद कपूर ने अपनी अपकमिंग फिल्म को लेकर किया खुलासा
'जर्सी' फिल्म को देखकर कई बार रोए थे शाहिद कपूर
तेलुगू फिल्म 'जर्सी' का सीक्वल बना रहे हैं शाहिद कपूर
शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) जल्द ही तेलुगू की सुपरहिट फिल्म 'जर्सी (Jersey)' के हिंदी रीमेक में नजर आने वाले हैं. अपनी अपकमिंग फिल्म को लेकर शाहिद ने हाल ही में एक खुलासा किया है. दरअसल, एक इंटरव्यू के दौरान बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर ने बताया कि वह 'जर्सी (Jersey)' फिल्म को देखकर कई बार रोए थे. मिड डे की रिपोर्ट के मुताबिक शाहिद कपूर ने कहा कि वह तेलुगु फिल्म के लीड कैरेक्टर, जो लगभग उनकी उम्र का है, उससे खुद को रिलेट कर रहे थे. इस वजह से वह जब भी फिल्म देखते थे तो उनकी आंखें नम हो जाती थीं.
शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) ने इंटरव्यू में कहा, "मैं 'कबीर सिंह (Kabir Singh)' के बाद कोई भी रीमेक नहीं करना चाहता था. मैं केवल ऑरिजनल फिल्में करना चाहता था, क्योंकि लोगों को ऐसा लगने लगता कि मैं केवल रीमेक फिल्में ही करता हूं. लेकिन मैंने जैसे ही 'जर्सी (Jersey)' फिल्म देखी, यह मेरे दिल को छू गई. यह फिल्म क्रिकेट पर बनी है. यह फिल्म 36 साल के एक शख्स पर आधारित है, जिसका 6 साल का बेटा है. वह फिर से क्रिकेट खेलना शुरू करता है, क्योंकि उसको वही आता है."
शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) ने आगे कहा, "पर्सनली, मैं इस कहानी से खुद को जोड़ सकता हूं. क्योंकि मैं खुद 38 साल का हूं. मैं भी यही सोचता हूं कि मैं ब्लॉकबॉस्टर फिल्में नहीं दे रहा हूं. तो मुझे क्या करना चाहिए? मुझे कुछ और करना चाहिए? सबकी जिंदगी में वह वक्त आता है, जब उसकी लाइफ में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा होता है." शाहिद कपूर ने फिल्म 'जर्सी' देखने को लेकर कहा, "आपको सच्चाई बताऊं तो मैं इस फिल्म को देखकर चार बार रोया था. यह 'कबीर सिंह (Kabir Singh)' के किरदार की तरह बिल्कुल भी नहीं है. यह किरदार बिल्कुल शांत है और खुद में रहने वाला है. लेकिन इसकी यात्रा काफी प्रेरणादायक है." |
फाइनेंस कंपनी से पांच लाख की चोरी में कर्मचारी भी था शामिल - Employee was also involved in theft of five lakhs - Uttar Pradesh Azamgarh Crime News
फाइनेंस कंपनी से पांच लाख की चोरी में कर्मचारी भी था शामिल
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : कंधरापुर थाना क्षेत्र के भंवरनाथ चौराहा स्थित फाइनेंस कंपनी का ताला तोड़कर
JagranPublish: Mon, 22 Nov 2021 04:59 PM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 04:59 PM (IST)
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : कंधरापुर थाना क्षेत्र के भंवरनाथ चौराहा स्थित फाइनेंस कंपनी का ताला तोड़कर की गई पांच लाख की चोरी का राजफाश करते हुए पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों में एक उसी संस्था का कर्मचारी है, जबकि दूसरा उसका दोस्त।
काशी गोमती ग्रामीण निधि लिमिटेड के कार्यालय में 18 नवंबर की रात हुई चोरी के मामले में कंपनी के अधिकारी रवि प्रकाश तिवारी निवासी इटौरा, थाना अहरौला ने 19 नवंबर को पुलिस को सूचना दी थी कि संस्था में दो से ढाई सौ व्यक्ति कार्य करते हैं। कलेक्शन किया गया चार लाख सोलह हजार नौ सौ सत्तर रुपये कार्यालय के काउंटर में रखा गया था। दूसरे दिन सुबह पता चला कि अज्ञात चोरों ने कैश काउंटर का ताला तोड़कर रुपये को चुरा लिया।
घटना को गंभीरता से लेते हुए एसपी अनुराग आर्य ने घटना के राजफाश के लिए थाना प्रभारी कंधरापुर को निर्देशित किया।
अपर पुलिस अधीक्षक नगर शैलेंद्र लाल के निर्देशन में रविवार को थानाध्यक्ष कमल नयन दुबे अपनी टीम के साथ क्षेत्र में मौजूद थे। इस बीच सूचना मिली कि संबंधित चोर मोटरसाइकिल से आजमगढ़ की तरफ से बिलरियागंज की ओर जा रहे हैं। उसके बाद पुलिस ने नामदारपुर से कीरतपुर जाने वाले रास्ते पर वाहन चेकिग शुरू कर दी।कुछ ही देर बाद मोटरसाइकिल सवार दोनों व्यक्तियों को पकड़ा गया। तलाशी लेने पर चोरी के 4,16,970 रुपये, मोबाइल, डीवीआर, पासबुक, डिपाजिट फार्म, चोरी में प्रयुक्त उपकरण आदि बरामद हुआ।
पूछताछ में महराजगंज थाना क्षेत्र के सुर्जीपुर एवं हाल पता कामिलपुर अंडाखोर, बिलरियागंज मो. साजिद ने बताया कि हम दोनों एक ही गांव के रहने वाले दोस्त हैं। अरविद राय की अभी जल्दी में ही शादी हुई है। अरविद शादी के लिए हुए लगभग दो लाख के कर्ज से परेशान रहते थे। मेरे ऊपर भी लगभग 25-30 हजार का कर्ज था। दोनों ने दो दिन पूर्व साथ बैठकर शराब पी, तो अरविद ने बताया कि जिस संस्था में काम करता हूं वहां के कैश काउंटर में काफी पैसा रहता है। अगर हम दोनों मिलकर उसे चुरा लेते हैं तो दोनों का कर्ज उतर जाएगा। अरविद ने संस्था की भौगोलिक स्थिति को बताने के साथ अंदर भी ले जाकर सारा कुछ दिखाया था।उसके बाद दोनों लोग संस्था के बगल वाले कमरे के पास पहुंचे और उसके बाहरी दरवाजे में लगे ताले को राड से तोड़ दिया। इसके बाद अरविद ने कहा कि कैश काउंटर को तोड़कर पैसा बैग में रखने के साथ सीएमडी के कमरे में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर का तार काटकर रख लेना। तब तक मैं बाहर निगरानी करता रहूंगा।उसके बाद योजना के अनुसार घटना को अंजाम दिया गया। |
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रूस के उत्तरी इलाके में स्थित सैन्य ठिकाने पर उपकरणों के परीक्षण के दौरान गुरुवार को विस्फोट हो गया जिसमें पांच परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई। विस्फोट में रक्षा मंत्रालय के छह कर्मचारी और डेवलपर जख्मी हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, विस्फोट के कारण वहां परमाणु रेडिएशन भी हो …
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August 9, 2019 दुनिया
जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान ही नहीं चीन भी भारत को आंख दिखा रहा है साथ ही नसीहत भी दे रहा है। लेकिन, हैरत की बात ये है कि इन दोनों ही देशों को अपने यहां के वो लोग नजर नहीं आते हैं जो उनकी ही सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाए …
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष जोआना रोनेका ने गुरुवार को भारत द्वारा अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के संबंध में पाकिस्तान के उस पत्र पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री धमकी भरे लहजे में …
August 8, 2019 दुनिया
जिन लोगों को चलने में परेशानी होती है या चलने के लिए किसी सहारे की जरूरत होती है उनके लिए एक भारतीय वैज्ञानिक के नेतृत्व शोधकर्ताओं की टीम ने एक विशेष डिवाइस तैयार की है। शोधकर्ताओं ने पारंपरिक छड़ी को रोबोटिक डिवाइस का रूप दिया है। अब बुजुर्ग और खास …
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81 साल का ये आदमी दुनिया के लिए बना मिसाल, 24 लाख बच्चों की जान बचाई
ऑस्ट्रेलिया के जेम्स हैरीसन का नाम पूरा देश जानता है। वहां इन्हें 'मैन विद द गोल्डेन आर्म' कहा जाता है। यह ख्याति इनको 24 लाख शिशुओं की जान बचाने के लिए मिली है। दरअसल पिछले साठ साल से यह व्यक्ति रक्तदान कर रहे हैं। इनके खून में रोगों से लड़ने …
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ब्राजील के शहर रियो में एक गैंगस्टर ने जेल से भागने के लिए एक अजीब योजना बनाई। इस योजना के तहत उसने अपनी बेटी का रूप धारण कर लिया। लेकिन वो भाग नहीं सका और पकड़ा गया। 41 वर्षीय क्लोविनो दा सिल्वा अपने गुनाहों की वजह से रियो की जेल … |
Splurge- योग्य थैंक्सगिविंग मिठाई
थैंक्सगिविंग टर्की के बारे में सभी झगड़े को भूल जाओ, दिन के वास्तविक शो स्टॉपर्स थैंक्सगिविंग डेसर्ट हैं. दक्षिणी लिविंग परंपरागत कद्दू पाई व्यंजनों से विलुप्त ट्राइफल व्यंजनों तक आसानी से परिवहन हीथ बार वर्गों के लिए महान थैंक्सगिविंग मिठाई व्यंजनों के लिए बहुत सारे विकल्प हैं। आप बहुत सारे थैंक्सगिविंग मिठाई बनाने में गलत नहीं जा सकते हैं। यदि आप बहुत कम थैंक्सगिविंग मिठाई व्यंजनों हैं – या यदि आप उस टर्की के बहुत अधिक भरते हैं तो आप केवल गलत हो सकते हैं! यहां तक कि यदि आप इस वर्ष थैंक्सगिविंग मिठाई लाने वाले नहीं हैं, तो वे एक दोस्त या परिवार के सदस्य को थैंक्सगिविंग मिठाई नुस्खा के साथ देखने के लिए मजेदार हैं.
कद्दू-एस्प्रेसो तिरामिसू
पकाने की विधि: कद्दू-एस्प्रेसो Tiramisù
आगे बढ़ें: प्लास्टिक की चादर में बेक्ड और पकाया तिरामिसू लपेटें, और सेवा के लिए तैयार होने तक ठंडा करें.
चेरी-स्पाइस केक ट्राइफेल
पकाने की विधि: चेरी-स्पाइस केक ट्राइफेल
थॉ हॉलिडे स्पाइस केक परतें और चरण 3 के माध्यम से नुस्खा तैयार करें। सुबह में कताई इकट्ठा करें, और ठंडा करें। सेवारत से 1 घंटे पहले निकालें.
चॉकलेट-पेकान मूस टार्ट
पकाने की विधि: चॉकलेट-पेकान मूस टार्ट
आप समय से पहले क्रस्ट बना सकते हैं और फ्रीज कर सकते हैं; भरने की तैयारी से पहले रात भर अपने रेफ्रिजरेटर में thaw.
प्रैलीन सॉस और टोस्टेड पेकान के साथ विलुप्त क्रीम पफ
पकाने की विधि: प्रैलीन सॉस और टोस्टेड पेकान के साथ विलुप्त क्रीम पफ
यह क्रीम पफ बल्लेबाज के लिए स्टैंड मिक्सर का उपयोग करने के लिए मोहक हो सकता है, लेकिन यह हाथ से मिश्रण करने का भुगतान करता है। आपको यह देखने की ज़रूरत है कि मिश्रण चिकनी और चमकदार है, जो ओवरमिक्सिंग को रोक देगा। Praline सॉस के साथ शीर्ष.
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इस बेहद समृद्ध और बटररी छुट्टी के इलाज पर एक दरार लें.
कद्दू-पेकान चीज़केक
विधि: कद्दू-पेकान चीज़केक
अपने पसंदीदा थैंक्सगिविंग मिठाई को एक स्वादिष्ट चीज़केक में मिलाएं! एक मीठा प्रीलिन टॉपिंग किनारे पर इस मिठाई भेजता है.
पकाने की विधि: पेकान पाई बार्स
इन चबाने वाले, काटने वाले आकार के सलाखों को केवल 20 मिनट के प्रीपे समय की आवश्यकता होती है.
कारमेल-पेकान पाई
विधि: कारमेल-पेकान पाई
अपने परिवार और दोस्तों के लिए इस समृद्ध gooey कारमेल pecan पाई बनाएँ। यह एक आदर्श विशेष अवसर पाई है.
कद्दू पाई शानदार
विधि: कद्दू पाई शानदार
यह भव्य पाई किसी भी मिठाई बुफे पर पहला पुरस्कार जीत जाएगी। इसे परिवार या विशेष रात में थैंक्सगिविंग के लिए बनाएं। पाई क्रस्ट गार्निश एक सजावटी फ्लेयर जोड़ते हैं.
कॉर्नमील क्रस्ट के साथ डबल ऐप्पल पाई
विधि: कॉर्नमील क्रस्ट के साथ डबल ऐप्पल पाई
पाई रेसिपी के लिए सेब-जेली में सेब जेली को न छोड़ें- यह बेक्ड पाई रस अतिरिक्त समृद्ध बनाता है। यह क्लाउडनेस भी कम करता है जो कभी-कभी आटा-मोटा हुआ सेब पाई भरने के साथ होता है.
ब्लैकबेरी-ऐप्पल पाई
विधि: ब्लैकबेरी-ऐप्पल पाई
यह सेब-एंड-बेरी-पैक पाई सफेद-चेडर पनीर परत की वजह से अतिरिक्त स्वादिष्ट है जो मिठाई फल भरने के लिए एक श्वास योग्य साथी प्रदान करती है.
बोर्बोन सॉस के साथ क्रेओल ब्रेड पुडिंग
विधि: बोर्बोन सॉस के साथ क्रेओल ब्रेड पुडिंग
यह रोटी पुडिंग न्यू ऑरलियन्स शेफ लीह चेस, क्रेओल व्यंजन की रानी से है। और हाँ, यह वेनिला निकालने के 5 चम्मच के लिए कॉल करता है!
केला फोस्टर ऊपर-नीचे केक
विधि: केला फोस्टर ऊपर-नीचे केक
एक त्वरित फ्लिप और यह केक पूरी तरह से सुनहरा और पार्टी तैयार स्किलेट से टम्बल करता है.
नींबू दही पाउंड केक
विधि: नींबू दही पाउंड केक
जब तक केक ओवन से बाहर नहीं आ जाता तब तक नींबू दही ग्लेज़ तैयार करने की प्रतीक्षा करें ताकि केक पर फैलते समय भी गर्म हो जाए.
नाशपाती के छोटे टुकड़े
विधि: नाशपाती के छोटे टुकड़े
एक ताजा अदरक-और-साइट्रस सिरप इन पेस्ट्री-लपेटा नाशपाती पकौड़ी के लिए परिष्कृत स्पर्श जोड़ता है.
मार्शमलो Meringue के साथ मीठे आलू पाई
विधि: मार्शमलो Meringue के साथ मीठे आलू पाई
इस मीठे आलू के पाई पर आकाश-उच्च मार्शमलो meringue के साथ वाह मेहमानों। एक मसालेदार भरने के लिए अपने मापने कप में मैश किए हुए मीठे आलू को हल्के ढंग से पैक करना सुनिश्चित करें.
कारमेल-पेकान टार्ट
विधि: कारमेल-पेकान टार्ट
आश्चर्यजनक रूप से आसान बनाना, यह pecan और कारमेल मिठाई नुस्खा एक बटररी समृद्ध ब्राउन शुगर और शहद टॉपिंग के साथ शॉर्टब्रेड की कुकी की तरह कुरकुरा जोड़ता है.
ब्रांडी अलेक्जेंडर चीज़केक
विधि: ब्रांडी अलेक्जेंडर चीज़केक
एक पार्टी-परिपूर्ण प्रस्तुति के लिए बेरी और currants के साथ इस समृद्ध चीज़केक गार्निश। केक को बेक किया जा सकता है और एक महीने तक जमे हुए जा सकते हैं.
परम गाजर का केक
पकाने की विधि: परम गाजर का केक
वास्तव में हमारे सबसे अच्छे गाजर केक नुस्खा, भीड़ के लिए यह क्लासिक पसंदीदा बनाते हैं और आपके पास घर लाने के लिए कोई बचा नहीं है.
चरण-दर-चरण वीडियो: सर्वश्रेष्ठ गाजर का केक कभी
क्रीम पनीर Frosting के साथ मीठे आलू-पेकान Cupcakes
विधि: क्रीम पनीर Frosting के साथ मीठे आलू-पेकान Cupcakes
छुट्टियों के मौसम के लिए इस परिवार को पसंदीदा रखें। मसालेदार मीठे आलू कपकेक को अतिरिक्त नमी देते हैं, जबकि दालचीनी और जायफल सहित मसालों के असंख्य, परंपरागत रूप से मिठाई मिठाई को मसाला देते हैं। एक साधारण क्रीम पनीर फ्रॉस्टिंग और कटा हुआ पेकान का एक छिड़काव शीर्ष पर आवश्यक है.
नारियल-बादाम क्रीम केक
विधि: नारियल-बादाम क्रीम केक
यह विलुप्त केक स्वादिष्ट रूप से समृद्ध और नम है। एक रंगीन प्रस्तुति के लिए, kumquats, currants, और ताजा टकसाल sprigs के साथ गार्निश.
कारमेल-पेकान-कद्दू रोटी पुडिंग्स
विधि: कारमेल-पेकान-कद्दू रोटी पुडिंग्स
यह नुस्खा कद्दू के स्वादिष्ट, मौसमी स्वाद का उपयोग करने का एक शानदार तरीका है। यदि आप समय (या व्यंजन) पर कम हैं तो आप इसे 13-x 9-इंच बेकिंग डिश में बना सकते हैं.
पेकान चीज़केक पाई
विधि: पेकान चीज़केक पाई
इस चोटी चीज़केक पाई पर नट टॉपिंग इस लोकप्रिय मिठाई की विशेषता क्रीमनेस में एक अच्छा क्रंच जोड़ता है.
केले पुडिंग ट्राइफेल
विधि: केले पुडिंग ट्राइफेल
यह क्लासिक अंग्रेजी स्तरित पुडिंग मिठाई दक्षिणी दक्षिणी जाता है जिसमें केला पुडिंग और बोर्बोन-भिगोए वेनिला वेफर्स.
पेकन Tassies
विधि: पेकन Tassies
ये मिनी पेकन पाई छुट्टी पाने वालों के लिए बिल्कुल सही हैं। वे एक गारंटीकृत भीड़-सुखाने वाले और तैयार करने के लिए आश्चर्यजनक रूप से आसान हैं!
फोटो: जेनिफर डेविक
मिनी कद्दू केक
विधि: मिनी कद्दू केक
स्वादिष्ट कद्दू स्वाद और कद्दू पाई मसाले इस मौसम को मौसम का जश्न मनाने के लिए एक स्वादिष्ट तरीका बनाते हैं। हाथों पर केवल 30 मिनट के साथ, यह एक विशेष रात्रिभोज पार्टी या सिर्फ एक मजेदार इलाज के लिए करने योग्य है.
Applesauce पाई
विधि: Applesauce पाई
हर कोई सेब पाई से प्यार करता है, विशेष रूप से ठंडा गिरावट के दिन ओवन से ताजा। आप इस आसान सेबसॉस को एक सप्ताह तक भरने और रेफ्रिजरेटर में एक एयरटाइट कंटेनर में स्टोर कर सकते हैं.
पेकान स्क्वायर
विधि: पेकान स्क्वायर
यदि आपको पेकन पाई का स्वाद पसंद है, तो आपको यह आसान विकल्प पसंद आएगा। एक शीर्ष-शीर्ष मिठाई के लिए वेनिला आइसक्रीम के साथ वर्गों की सेवा करें.
मोचा-पेकान मड पाई
विधि: मोचा-पेकान मड पाई
विलुप्त मोचा-पेकन मिट्टी पाई के टुकड़े के साथ अपने भोजन को गोल करें। यह मिठाई बहुत समृद्ध है, आपके मेहमानों को कभी पता नहीं चलेगा कि यह हल्का था.
फोटो: राल्फ एंडरसन
मीठे आलू-मक्खन पाई
विधि: मीठे आलू-मक्खन पाई
व्हीप्ड क्रीम के साथ शीर्ष और यह मीठे आलू की पाई एक हिट होने के लिए निश्चित है.
कद्दू रोल
विधि: कद्दू रोल
अपने मेहमानों को मसालेदार कद्दू केक रोल से भरें जो मिठाई क्रीम पनीर से भरा हुआ है। इन कदम-दर-चरण निर्देशों के साथ केक को रोल करना आसान है, साथ ही, आप इसे आगे बढ़ा सकते हैं और इसे तब तक ठंडा कर सकते हैं जब तक कि आप सेवा करने के लिए तैयार न हों.
हल्के हमिंगबर्ड केक
विधि: हल्के हमिंगबर्ड केक
हमने कुछ मक्खन और चीनी, कम अंडे और नियमित क्रीम पनीर के लिए प्रकाश को प्रतिस्थापित करने के लिए, कुछ तेल के लिए सेबसॉस को प्रतिस्थापित करके वसा और कैलोरी को कम किया.
ऐप्पल ऊपर-नीचे पाई
विधि: ऐप्पल ऊपर-नीचे पाई
यह अपनी मजेदार प्रस्तुति के रूप में अच्छा स्वाद है। इस ऊपर की ओर पाई में पेकान, सेब और ब्राउन शुगर चमकते हैं.
रोज़ेमारी-कॉर्नमील क्रस्ट के साथ ऑरेंज-स्वीट आलू पाई
विधि: रोज़ेमारी-कॉर्नमील क्रस्ट के साथ ऑरेंज-स्वीट आलू पाई
ताजा कटा हुआ दौनी का सरल जोड़ यह एक प्रभावशाली पाई क्रस्ट बनाता है जो मसालेदार मस्तिष्क के मीठे आलू के स्वादों को भरने में प्रशंसा करता है। यदि आप घर का बना परत नहीं बनाना चाहते हैं, तो आप एक रेफ्रिजेरेटेड परत में ताजा दौनी जोड़ने के लिए दिशानिर्देशों का पालन कर सकते हैं.
डार्क कारमेल सॉस के साथ मूंगफली का मक्खन-केला सैंडविच रोटी पुडिंग
विधि: डार्क कारमेल सॉस के साथ मूंगफली का मक्खन-केला सैंडविच रोटी पुडिंग
ये पफ सॉफलेस की तरह बहुत अधिक है, इसलिए ओवन से बाहर मेहमानों के लिए मौजूद है। उन्हें थोड़ा ठंडा होने पर पांच मिनट के लिए मिठाई का आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करें। इसे स्वादिष्ट मूंगफली का मक्खन स्ट्रूसल टॉपिंग और डार्क कारमेल सॉस के साथ बंद कर दें.
ऊपर की ओर ऐप्पल टार्ट
विधि: ऊपर की ओर ऐप्पल टार्ट
ग्रैनी स्मिथ सेब के साथ एक साधारण, देहाती सेब टार्ट बनाएं, साथ ही आपके पास पहले से ही कुछ अन्य सामग्री हैं: आटा, मक्खन और नमक.
फोटो: इयान Bagwell
रॉबर्ट ई ली बंडट
विधि: रॉबर्ट ई ली बंडट
जनरल के पसंदीदा केक पर एक अलग मोड़ के लिए, इस नम और नींबू बंडेट रेसिपी को आजमाएं। इसकी उत्पत्ति 1879 की किताबों की किताब में है पुरानी वर्जीनिया में हाउसकीपिंग.
रम-चमकीले मीठे आलू केक
विधि: रम-चमकीले मीठे आलू केक
इस मिनी बंडट केक नुस्खा में दालचीनी और जायफल के साथ मीठे आलू, किशमिश, रम, और टोस्टेड पेकान शुद्ध होते हैं और छुट्टी मिठाई पार्टी के लिए एक आदर्श पिक-अप उपचार है.
सफेद चॉकलेट-क्रैनबेरी चीज़केक
विधि: सफेद चॉकलेट-क्रैनबेरी चीज़केक
यह केक भोजन के लिए एकदम सही अंत है – गहरे लाल क्रैनबेरी से लेकर वेल्वीटी चिकनी आरामदायक काटने के लिए टॉपिंग.
क्रैनबेरी-ऐप्पल-कद्दू बंडट
विधि: क्रैनबेरी-ऐप्पल-कद्दू बंडट
इस बंडट पर टॉपिंग – शर्करा वाले पेकान और कद्दू के बीज के साथ एक मेपल शीशा लगाना-आपके मेहमानों को ओह और आह बना देगा.
काला नीचे कद्दू पाई
विधि: काला नीचे कद्दू पाई
एक नम, टुकड़े टुकड़े और एक विलुप्त, मलाईदार भरने के साथ, यह कहना मुश्किल है कि इस पाई के कुछ सेकंड.
ब्राउन शुगर-बोर्बोन बंडट
विधि: ब्राउन शुगर-बोर्बोन बंडट
आपकी छुट्टियों की मिठाई की मेज का ताज पहनावा, यह बंडक केक सूक्ष्म लालित्य के बारे में है। इस अद्वितीय आकार के लिए, हमने नॉर्डिक वेयर के Bavaria बंड पैन का इस्तेमाल किया.
एम्ब्रोसिया शतरंज टार्ट्स
विधि: एम्ब्रोसिया शतरंज टार्ट्स
इन खूबसूरत काटने वाले आकारों में से एक में दक्षिणी अवकाश प्रधान को बदलें.
चॉकलेट-कारमेल पेकान पाई
विधि: चॉकलेट-कारमेल पेकान पाई
यह विलुप्त पाई जोड़े पूरी तरह से व्हीप्ड क्रीम के एक गुड़िया या वेनिला आइसक्रीम के एक स्कूप के साथ जोड़े.
टेनेसी जाम बंडट
विधि: टेनेसी जाम बंडट
इस ब्लैकबेरी और कारमेल कन्फेक्शन का आनंद लेने का सबसे अच्छा तरीका दोस्तों के साथ है-यह 12 संतोषजनक सर्विंग्स बनाता है.
पेकान शॉर्टब्रेड क्रस्ट के साथ क्रैनबेरी-ऐप्पल पाई
विधि: पेकान शॉर्टब्रेड क्रस्ट के साथ क्रैनबेरी-ऐप्पल पाई
क्रैनबेरी और सेब के स्वादों का स्वाद लें क्योंकि वे एक छुट्टी के साथ-साथ पिकनिक शॉर्टब्रेड के साथ आते हैं-इस आश्चर्यजनक प्रस्तुति में.
उदारता से घातक दक्षिणी पेकान पाई
विधि: उदारता से घातक दक्षिणी पेकान पाई
एक बार जब आप एक कास्ट आयरन स्किलेट में एक पेकन पाई बनाते हैं, तो आप कभी भी पाई प्लेट पर वापस नहीं जा सकते हैं। बस एक रेफ्रिजेरेटेड पाई क्रस्ट को स्किलेट में दबाएं, चीनी के साथ छिड़कें, पीकन मिश्रण के साथ शीर्ष, और सेंकना। स्किलेट में इसे सेवा करना भी आसान है और पकवान को और भी दक्षिणी बनाता है.
फोटो: जॉडी हॉर्टन
हनी स्विस Meringue के साथ कद्दू चीज़केक टार्ट
विधि: हनी स्विस Meringue के साथ कद्दू चीज़केक टार्ट
एक टोस्टेड pecan परत, क्रीम पनीर के साथ परत और एक क्लासिक कद्दू भरने के साथ शुरू करें, और फिर एक मलाईदार meringue के साथ लिली गिल्ड.
फोटो: हेक्टर संचेज़
वेनिला हार्ड सॉस के साथ मक्खन-चमकीले मिनी अंजीर केक
विधि: वेनिला हार्ड सॉस के साथ मक्खन-चमकीले मिनी अंजीर केक
मफिन पैन इन छोटे अंजीर केक के लिए सही बेकिंग जहाजों बनाते हैं। एक गुड़िया चम्मच या शीर्ष पर हार्ड सॉस के चांदी के डॉलर को पाइप करके उन्हें उबाल लें, और फिर उन्हें आधा ताजा अंजीर, ताजा जड़ी बूटी, या यहां तक कि pecan हिस्सों के साथ गार्निश.
फोटो: इयान Bagwell; स्टाइलिंग: कैरोलिन एम। कनिंघम
चेवर फ्रॉस्टिंग के साथ गाजर का केक
विधि: चेवर फ्रॉस्टिंग के साथ गाजर का केक
मानक क्रीम पनीर के लिए बकरी पनीर को प्रतिस्थापित करने से यह ठंडा एक अतिरिक्त-तंग किक देता है.
नमकीन कारमेल-चॉकलेट पेकान पाई
विधि: नमकीन कारमेल-चॉकलेट पेकान पाई
एक फज पाई और पेकन पाई के बीच एक क्रॉस, आप पिकनियों की व्यवस्था करके अलग-अलग दिखने के साथ प्रयोग कर सकते हैं, हालांकि आपको पसंद है.
पाक कला वीडियो: नमकीन कारमेल-चॉकलेट पेकान पाई
कटा हुआ मीठे आलू पाई
विधि: कटा हुआ मीठे आलू पाई
हम इस सदैव-सुन्दर streusel शीर्ष उपचार के स्तरित देखो प्यार करता हूँ.
ऐप्पल मक्खन पाई
विधि: ऐप्पल मक्खन पाई
यह पाई एक फ्लैश में स्वादिष्ट मीठा गिरावट स्वाद के साथ आता है जो आप (और आपके मेहमानों) पर्याप्त नहीं हो पाएंगे.
नारियल-कद्दू शिफॉन पाई
विधि: नारियल-कद्दू शिफॉन पाई
एक दिन आगे टॉपिंग के बिना बनाओ और ठंडा करें। चाबुक और सेवारत से पहले टॉपिंग जोड़ें.
एप्पल स्लैब पाई
विधि: एप्पल स्लैब पाई
जेली-रोल पैन में बेक्ड, यह आयताकार पाई भीड़ को खिलाती है.
मोचा-एस्प्रेसो क्रीम पाई
विधि: मोचा-एस्प्रेसो क्रीम पाई
यह पाई चॉकलेट-प्रेमी का सपना है। कॉफ़ी व्हीप्ड क्रीम के साथ सबसे ऊपर जाने से पहले एक कुरकुरे कुकी क्रस्ट एक विलुप्त चॉकलेट भरने से भरा होता है.
चेडर क्रस्ट के साथ नाशपाती-रोज़मेरी पाई
विधि: चेडर क्रस्ट के साथ नाशपाती-रोज़मेरी पाई
चेडर पनीर इस परत को एक अद्वितीय, बाहर की दुनिया की flakiness देता है.
व्हीप्ड क्रीम और बादाम टोफी के साथ कद्दू टार्ट
पकाने की विधि: व्हीप्ड क्रीम और बादाम टोफी के साथ कद्दू टार्ट
गुड़ और कद्दू पाई मसाले कद्दू पाई पर अपने गहरे शरद ऋतु स्वाद पर इस सुरुचिपूर्ण लेते हैं। एक 29-औंस खरीदें। नुस्खा के लिए कद्दू के कर सकते हैं.
ऐप्पल, नाशपाती, और क्रैनबेरी पाई
पकाने की विधि: ऐप्पल, नाशपाती, और क्रैनबेरी पाई
भरने में सबसे अच्छा बनावट प्राप्त करने के लिए यहां थोड़ा फर्म नाशपाती और कुरकुरा, तीखा सेब का प्रयोग करें, और इस पहाड़ी पाई को ठंडा करने दें और सेवा करने से कम से कम दो घंटे पहले व्यवस्थित करें.
पेकान क्रस्ट के साथ Butterscotch Meringue पाई
पकाने की विधि: पेकान क्रस्ट के साथ Butterscotch Meringue पाई
यदि आप इस नुस्खा में खरीदे गए पाइक्रस्ट का उपयोग करते हैं, तो हम आपके पाई क्रेडेंशियल्स को निरस्त नहीं करेंगे, लेकिन हम घर के बने क्रस्ट के भूगर्भीय स्वाद को कारमेल भरने के तरीके से बहुत प्यार करते हैं, जिससे हम अनुशंसा करते हैं कि आप इसे आज़माएं। सड़क के कुछ नियम: सुनिश्चित करें कि क्रस्ट एक साथ पकड़ने के लिए अपने पेकान को बारीक से पीस लें। और अगर परत थोड़ा सा आँसू आती है, तो चिंतित न हों। सभी piecrusts के साथ, आप इसे आसानी से अपनी उंगलियों के साथ एक साथ दबा सकते हैं या पैचवर्क के लिए अतिरिक्त स्क्रैप का उपयोग कर सकते हैं.
क्रैनबेरी-ऑरेंज सॉस के साथ क्रैनबेरी चीज़केक
पकाने की विधि: क्रैनबेरी-ऑरेंज सॉस के साथ क्रैनबेरी चीज़केक
नीचे गिरने वाली एक आश्चर्यजनक फल परत खोजने के लिए इस गिरावट चीज़केक में कटौती करें। शीर्ष पर सॉस को पूल करके और ताजा टकसाल के पत्तों, नींबू कर्ल, और शर्करा क्रैनबेरी के साथ सजावट करके इसे तैयार करें.
जेनिफर डेविक
विलुप्त चॉकलेट-एस्प्रेसो चीज़केक
पकाने की विधि: विलुप्त चॉकलेट-एस्प्रेसो चीज़केक
मिठाई और कॉफी सभी एक टुकड़े में, यह ओवर-द-टॉप चीज़केक एक निश्चित भीड़-सुखदायक है। चॉकलेट शर्ड्स के साथ गार्निश करने के लिए, अंधेरे बिटरसweet चॉकलेट पिघलाएं, और इसे चर्मपत्र पेपर-लाइन वाली बेकिंग शीट पर पतली परत में फैलाएं। इसे सेट तक खड़े होने दें, और टुकड़ों में तोड़ दें.
कारमेल-रम ग्लेज़ के साथ पेकान स्पाइस केक
पकाने की विधि: कारमेल-रम ग्लेज़ के साथ पेकान स्पाइस केक
यदि आप चाहें तो सॉस में रम के लिए अतिरिक्त क्रीम का विकल्प बदलें। एक मोटे शीशे के लिए, पूरे 1 1/3 कप पाउडर चीनी जोड़ें, लगातार हिलना, क्योंकि शीशा लगाना शुरू होता है। एक सरासर, सॉसी शीशा के लिए, कम पाउडर चीनी का उपयोग करें.
क्रीम के साथ अनार-पचा हुआ नाशपाती
पकाने की विधि: क्रीम के साथ अनार-पचा हुआ नाशपाती
फर्म नाशपाती पकाए जाने के लिए परिपक्व नाशपाती से अधिक समय लगेगा। दान के लिए परीक्षण करने के लिए, केंद्रों में एक skewer या छोटे चाकू स्लाइड। नाशपाती तब किया जाता है जब नाशपाती नाशपाती के सबसे मोटे हिस्से के माध्यम से आसानी से स्लाइड करता है। कॉकटेल और फिजी ड्रिंक, या दही पर बूंदा बांदी में अतिरिक्त खाना पकाने तरल का प्रयोग करें.
पकाने की विधि: कद्दू चीज़केक
चॉकलेट और थोड़ा मसाले के नोटों के साथ परत को एक गहरा रंग देने के लिए हम चॉकलेट और दालचीनी ग्राहम क्रैकर crumbs के मिश्रण का उपयोग करते हैं। आप एक या दूसरे को चुन सकते हैं, जब तक आप कुल 1½ कप का उपयोग करते हैं। हम डिब्बाबंद कद्दू को खाद्य प्रोसेसर में एक भंवर देना भी पसंद करते हैं, इसलिए यह मलाईदार भरने में अच्छा और चिकना है.
टेनेसी व्हिस्की-पेकान पाई
पकाने की विधि: टेनेसी व्हिस्की-पेकान पाई
हम मोटी, समृद्ध पाई भरने में पेकान और धुआं-मीठे बोरबोन के संयोजन से प्यार करते हैं। एक शराब मुक्त पाई के लिए, भरने में व्हिस्की के लिए सेब का रस प्रतिस्थापित करें, और सादे मीठे व्हीप्ड क्रीम के साथ परोसें या इसका आनंद लें. |
इंडिया न्यूज़ के Ayodhya Adhiveshan Ram Rajya 2022 में बोले उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी, कहा- विपक्ष का भ्रमजाल हम तोड़ने में हम सफल रहे
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कार्यक्रम के छटे सत्र में उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी (Minority Welfare Minister Danish Azad Ansari) ने कहा कि राम राज्य की परिकल्पना को लेकर योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 100 दिन का एजेंडा सेट किया है। अपने मंत्रालय के संदर्भ में दानिश आजाद अंसारी बोले कि पिछले पांच साल में हमने जो विकास कार्य किए हैं उनको हम आगे कैसे ले जाएं इस दिशा में हम काम कर रहे हैं। शपथ ग्रहण के अगले दिन बैठक के साथ ही विकास की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं हमारे विभाग की जो योजनाएं चल रहीं हैं उनको हम कैसे और अच्छा और बेहतर कर सकते हैं।
मदरसा के पाठ्यक्रम का एप बना रहे
अगले 100 दिन में हम अल्पसंख्यकों की शिक्षा के क्षेत्र में ठोस कदम उठाने जा रहे हैं। महत्वपूर्ण कार्य करने जा रहे हैं जिसमें मदरसा के पाठ्यक्रम का एप बना रहे हैं। जिससे मदरसा के बच्चे को आसानी से पाठ्यक्रम उपलब्ध हो। इस एप में कई सारे फीचर भी आने वाले दिनों में जोड़े जाएंगे। करियर को लेकर जानकारी व अन्य मोटिवेशनल कार्यक्रम जोड़ेंगे।
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सरकार का ओवरऑल लक्ष्य है कि छात्र और युवा वर्ग का संपूर्ण विकास हो सके। ग्राउंड लेवल पर कैसे युवाओं का ओवरऑल विकास किया जा सकता है। इस बात को लेकर यह एप एक अच्छा कदम है। अगले सौ दिनों में अल्पसंख्यक बहनों के लिए शादी अनुदान योजना भी ला रहे हैं। सरकार की तरफ से योगदान दिया जाएगा।
अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। प्रधान मंत्री के सबका विकास सबका विश्वास के तहत कार्य किया जा रहा है। हमने बिना भेदभाव व बिना भ्रष्टाचार के योजनाओं को लागू किया है। विपक्ष का भ्रमजाल हम तोड़ने में हम सफल रहे हैं। हर चुनाव में सारी जनता ने हमें आशीर्वाद दिया है। अल्पसंख्यक बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास कर रही है। |
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मेष - पॉजिटिव - दूसरों की जरूरतों और उनकी इच्छाओं का ध्यान रखेंगे। अविवाहित प्रेमियों के लिए समय थोड़ा ठीक रहेगा। अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के मौके मिलेंगे। उनका उपयोग करें। आज आप ठंडे दिमाग से सोचें और प्लानिंग कर के आगे बढ़ें। आपकी आशंकाएं दूर होती जाएंगी। मेहनत ज्यादा रहेगी। उसका फायदा भी आपको होगा। संतान की उन्नति से आपको खुशी मिलेगी। बिजनेस में नई योजनाएं बनेंगी। आज आप अपनी वाणी पर संयम रखें।
नेगेटिव - गोचर कुंडली के चौथे भाव में चंद्रमा होने के कारण थोड़ा मानसिक तनाव रहेगा। घरेलू जीवन में अशांति रहेगी। वाणी पर नियंत्रण न रखा, तो परेशानियों में पड़ सकते हैं। दोस्तों और भाइयों से सहयोग नहीं मिलने से दुखी रहेंगे। दिमाग में आज कोई चिंता रहेगी। आज आपको आसान काम के लिए भी मेहनत करनी पड़ सकती है।
लव- पार्टनर बहुत भावुक रहेगा। उसकी भावनाओं का सम्मान करें।
करियर - ऑफिस या फील्ड में किसी से विवाद हो सकता है। ध्यान रखें। नई योजनाओं से फायदा होगा। मेहनत के अनुसार परिणाम मिलेंगे। स्टूडेंट्स के लिए समय अच्छा रहेगा।
हेल्थ- सेहत में सुधार होगा। लापरवाह रहेंगे तो पुराने रोग फिर परेशान कर सकते हैं।
वृष - पॉजिटिव - किसी खबर का इंतजार भी रहेगा। कार्यक्षेत्र में समझदारी और चतुरता से काम करेंगे। घर का माहौल अच्छा करने की कोशिश करेंगे। आप नौकरी करते हैं, तो ऑफिस में बहुत व्यस्त रहेंगे। बिजनेस करने वाले एक काम निपटाकर दूसरे काम में लग जाएंगे। आज आप हर काम अच्छे से पूरा भी कर लेंगे। दूसरों की जरूरतों के प्रति बहुत संवेदनशील हो सकते हैं। दोस्तों के साथ संबंध और अच्छे भी होते जाएंगे। किसी अच्छे व्यक्ति से आपकी मुलाकात हो सकती है।
नेगेटिव - आज वृष राशि के लोग बोलने में ध्यान रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। आज आप किसी को न चाहते हुए भी कड़वी बात बोल सकते हैं। मन में सैकड़ों विचार आते रहेंगे। थोड़ी बेचैनी भी रहेगी। पैसों से जुड़े कुछ मामलों के कारण चिंता हो सकती है। भाग-दौड़ और ज्यादा मेहनत के कारण थक भी सकते हैं। फालतू बहस में पड़ने से बचें।
लव- साथी से सहयोग मिलेगा। पार्टनर आपकी भावनाओं का सम्मान करेगा। साथ काम करने वाले अपोजिट जेंडर से अट्रैक्ट होंगे।
करियर - बिना प्लानिंग के कोई काम न करें। निवेश संबंधित कोई बड़ा फैसला लेने से पहले किसी अनुभवी से सलाह लें। स्टूडेंट्स को कम मेहनत से भी सफलता मिलेगी।
हेल्थ- कमर और बदन दर्द रहेगा। शारीरिक थकान और परेशानी हो सकती है।
मिथुन - पॉजिटिव - पिछली बातें भूल कर आगे बढ़ेंगे तो जल्दी ही सफल हो जाएंगे। गोचर कुंडली के धन भाव में चंद्रमा होने से धन लाभ होगा। दिन अच्छा साबित हो सकता है। जीवन में कोई खास बदलाव की तैयारी कर सकते हैं। कुछ रिश्तों के मामले में बड़े फैसले लेने का सही समय है। आपके सामने कई तरह की जिम्मेदारियां आ सकती हैं। किसी पुरानी समस्या का नए ढंग से समाधान निकल सकता है। खरीददारी करने में आपको काफी समय भी लग सकता है। आपके दिमाग में कई तरह के विचार जरूर आएंगे, लेकिन मेहनत और भाग-दौड़ करेंगे तो बिगड़ी स्थिति को अपने अनुकूल भी बना सकते हैं। नए संबंध आपके लिए फायदेमंद रहेंगे। आर्थिक योग अच्छे रहेंगे।
नेगेटिव - किसी भी काम के लिए जल्दबाजी में फैसले लेने से बचें। कोई भी ऐसा फैसला न करें, जिससे आपके रिश्ते बिगड़ते हों। लोगों को सलाह देने के मामले में सावधान रहें। किसी के भरोसे काम करने से भी आज आप बचें। बिना सोचे समझे कोई भी काम शुरू करना आपके लिए ठीक नहीं रहेगा।
लव- दाम्पत्य जीवन मधुर रहेगा। अविवाहित लोगों को पार्टनर से सहयोग और प्यार मिलेगा। दिन अच्छा है।
करियर- बिजनेस संबंधित समस्याएं खत्म होंगी। पुराने निवेश से फायदा होगा। स्टूडेंट्स के लिए दिन अच्छा है। बेरोजगार लोगों को कोई अच्छी खबर भी मिल सकती है।
हेल्थ- आलस्य और थकान महसूस होगी। सेहत मे मामूली उतार-चढ़ाव रहेगा।
कर्क - पॉजिटिव - दिन अच्छा है। कोई नया काम करने की सोच रहें हैं तो कर लें। पुरानी परेशानियां खत्म हो जाएगी। चंद्रमा आपकी ही राशि में है। बहुत सारा काम निपटाने के लिए दिन अच्छा है। आज आप दूसरों की मदद करेंगे। आपका नजरिया बड़ा रहेगा और आने वाले समय को देखते हुए आपकी प्लानिंग बनती रहेगी। नई तकनीक को अपने जीवन में भी शामिल करना चाहेंगे। कोई जरूरी काम आज करना चाह रहे हो तो कर दें। साथ के लोगों से समय पर मदद मिलेगी।
नेगेटिव - आज आप सोचने में समय खराब न करें। काम के प्रति मानसिक सुस्ती भी महसूस करेंगे। फालतू कामों में समय और पैसा लग सकता है। संभलकर रहें। थोड़े परेशान भी रहेंगे। पुरानी बातें याद आने से तनाव भी होगा।
लव- प्रेम संबंधों में सफलता मिलेगी। जीवनसाथी का साथ भी मिलेगा।
करियर - जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में आज आप उलझ सकते हैं। बिजनेस में विवाद के योग हैं। स्टूडेंट्स को प्रतियोगी परीक्षाओं में आसानी से सफलता मिलेगी। इस राशि के कुछ लोग जॉब बदलने का मन बना सकते हैं।
हेल्थ- ब्लड प्रेशर के मरीजों को सावधान रहना चाहिए।
सिंह - पॉजिटिव - धैर्य और खुद पर भरोसा रखें। कोई खास और अच्छा काम करना चाहते हैं, तो उसका मौका भी मिल सकता है। आज आप दूसरों की जरूरतें समझने की कोशिश करेंगे। सकारात्मक नजरिए के दम पर आज आप बहुत हद तक सफल भी हो सकते हैं। आज आपको कोई सकारात्मक आदत या रवैया अपनाने का मौका मिलेगा। कुछ लोगों के साथ नए सिरे से संबंधों की शुरुआत हो सकती है। रूठे हुए लोगों को मनाने की कोशिश करके देखें। विश्वसनीय लोगों से मदद मिलेगी।
नेगेटिव - परेशान हो सकते हैं। जोखिम और जल्दबाजी से सोचे हुए काम बिगड़ सकते हैं। नकारात्मक सोच आपको परेशानी में डाल सकती है। आज आप किसी पर भी अपनी जिद थोपने की कोशिश न करें। इससे खुद ही समस्या में पड़ सकते हैं। खुद भी कोई बड़ा फैसला न लें और न ही स्वीकार करें। खर्चा बढ़ सकता है। यात्राओं से धन हानि हो सकती है। आज आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, सावधान रहें। बिजनेस में कुछ कम ही फायदा मिलेगा।
लव- लव प्रपोजल देना हो तो दे दें। नतीजे आपके फेवर में हो सकते हैं।
करियर- जोखिम भरे सौदे न करें। उधार दिया पैसा वापस आएगा। स्टूडेंट्स को मेहनत से कुछ कम परिणाम मिलेगा। नई नौकरी के ऑफर भी मिल सकते हैं।
हेल्थ- पुराने रोगों से छुटकारा मिल सकता है।
कन्या - पॉजिटिव - संकोच छोड़ें और कदम आगे बढ़ाएं। चंद्रमा आज गोचर कुंडली के लाभ भाव में रहेगा। कामकाज में अपने से बड़े लोगों की तारीफ और मदद मिलेगी। परिस्थितियों के हिसाब से ही काम करेंगे। खुद को बदल लेंगे। इसमें आपको ही फायदा होगा। दिन अच्छा रहेगा। आपका अंदाज आज लोगों को प्रभावित कर देगा। पैसे के काम और परिवार के बीच संतुलन बनेगा। किसी काम के बारे में आपकी भविष्यवाणी सही साबित हो सकती है। रुका हुआ पैसा मिल सकता है।
नेगेटिव - किसी फालतू काम में फंस सकते हैं और इसी कारण आपके काम योजना के अनुसार नहीं हो पाएंगे। वर्क प्लेस पर परेशानियां भी आ सकती है। कुछ काम में आप आलस्य भी कर सकते हैं। दोस्तों के साथ गपशप में समय बीतेगा। इससे कुछ खास काम अधूरे रह सकते हैं। चोट और दुर्घटना के योग भी है। अनियमितता के कारण सेहत भी गड़बड़ हो सकती है।
लव- जीवनसाथी के साथ कहीं घूमने जा सकते हैं। लव लाइफ के लिए समय अच्छा है।
करियर - बिजनेस के लिए दिन ठीक है। स्टूडेंट्स को कोई अच्छी खबर मिल सकती है। आगे बढ़ने के मौके भी आज मिलेंगे।
हेल्थ- सिर और कमर दर्द रहेगा। घबराहट भी रहेगी।
तुला - पॉजिटिव - तुला राशि वाले लोगों के लिए दिन अच्छा है। किस्मत का साथ भी मिलेगा। सोचे हुए काम समय से पूरे होंगे। खुशी के मौके भी मिलेंगे। मिले-जुले अनुभव देने वाला दिन रहेगा। सामाजिक कॉन्टैक्ट्स की मदद से आपके कुछ खास काम भी पूरे हो जाएंगे। आज आप किसी उच्च पद वाले व्यक्ति से मदद ले सकते हैं या ऐसी उम्मीद भी कर सकते हैं। आपका काम बन जाएगा।
नेगेटिव - किसी की भी बुराई करने से आप पूरी तरह बचें। दिन भर बहुत व्यस्त भी रहेंगे। किसी भी बात या काम में अति करने से बचें। ऑफिस में किसी भी तरह की गुप्त बात किसी से भी शेयर न करें। आसपास के लोग आपके रवैये या रूखे व्यवहार की वजह से दुखी हो सकते हैं। घर-परिवार में अस्वस्थता रहेगी। अचानक धन की व्यवस्था करनी पड़ सकती है। बिजनेस में छोटा-मोटा नुकसान भी हो सकता है।
लव- लव लाइफ के लिए सितारे शुभ हैं। प्यार के इजहार के लिए दिन अच्छा रहेगा। लवर को गिफ्ट देंगे। अपने मन की बातें शेयर करेंगे।
करियर- इनकम के नए रास्ते मिल सकते हैं। बेकार कामों में समय निकल सकता है। स्टूडेंट्स को मेहनत के अनुसार ही नतीजे मिलेंगे। प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। किसी की बातों में आकर जॉब से जुड़ा कोई बड़ा फैसला भी लेने से बचें।
हेल्थ- मौसमी बीमारियों से परेशान हो सकते हैं। नींद की कमी रहेगी।
वृश्चिक - पॉजिटिव - पूरे दिन सहयोग मिलेगा। अचानक सफलता भी मिल सकती है। नौकरीपेशा लोगों के लिए दिन सामान्य है। मौज-मस्ती और मनोरंजन का मूड बनेगा। काम का बोझ इतना नहीं रहेगा जितना आपको डर था। बिगड़े हुए संबंधों में कुछ सुधार भी आ सकता है। आपको कोई अच्छी खबर भी मिल सकती है। पिछले कुछ दिनों से आप जो योजना बनाते आ रहे हैं, आज उस पर काम करने का समय है। आपको सामाजिक सम्मान भी मिल सकता है।
नेगेटिव - आप अपनी बात पर जिद करेंगे, तो दूसरों के साथ विवाद होना लगभग तय है। इस बात का ध्यान रखें कि अपनी योजना के कारण दूसरों के लिए परेशानी पैदा न हो। बिजनेस में नए एग्रीमेंट न करें।
लव- लव लाइफ के लिए दिन मिला-जुला रहेगा।
करियर - नौकरी पेशा लोगों के लिए समय अनुकूल है। बिजनेस में कोई परेशानी आ सकती है। स्टूडेंट्स को मेहनत ज्यादा करनी पड़ सकती है। थकान और तनाव भी होगा, लेकिन खुद पर इसका असर न पड़ने दें।
हेल्थ- थोड़ी कमजोर हो सकती है। गले और नाक संबंधी समस्या रहेगी।
धनु - पॉजिटिव - आज हर अनुभव आपको कोई नई चीज सिखाएगा। खर्चा, व्यवहार, अपनी गाड़ी की गति और अपनी वाणी इन सब पर आज आप कंट्रोल रखें। लोग आपके लिए बहुत मददगार रहेंगे। आज आप जीवनसाथी की कोई इच्छा पूरी कर सकते हैं। खुद को थोड़ा टाइम दें। खुद के लिए गए फैसलों पर भरोसा रखें। शांति रखें। धैर्य से काम लें। भौतिक सुख सुविधाओं की ओर रुझान बढ़ेगा। व्यक्तिगत समस्या सुलझ जाएगी।
नेगेटिव - बिजनेस में कोई नया फैसला न लें। साझेदार से सावधान रहें। चंद्रमा आपकी राशि से आठवीं राशि में है। जरूरी कामों में रुकावटें आ सकती हैं। आज आपको किसी काम का पूरा नतीजा नहीं मिलता, तो भी अफसोस न करें। कामकाज में रुकावटें तो हैं। जीवनसाथी से मतभेद भी रहेंगे। कोई राज की बात उजागर हो सकती है। संभलकर रहें।
लव- जीवनसाथी से अनबन होने के योग हैं। किसी मामले को ज्यादा न खींचे। पुरानी बातें याद न करें।
करियर- निवेश करते समय सावधानी रखें। धन हानि के योग भी बन सकते हैं। कुछ स्टूडेंट्स के लिए दिन थोड़ा परेशानियों वाला हो सकता है। इस राशि के कुछ लोगों को आज जॉब के कारण मानसिक तनाव रहेगा।
हेल्थ- आज आपकी सेहत थोड़ी खराब भी हो सकती है। लापरवाही करने से बचें।
मकर - पॉजिटिव - विवाह योग्य लोगों को प्रस्ताव या रोमांस के अवसर मिल सकते हैं। जीवनसाथी के साथ ज्यादातर समय बीतेगा। दूसरों का सम्मान भी करें। किसी तरह की बिक्री के काम से जुड़े हैं, तो बहुत हद तक सफल रहेंगे। बिजनेस की लगभग हर कोशिश में आपको बहुत सफलता मिल सकती है। कोई पुरानी परेशानी भी निपट सकती है। नौकरी और घर-परिवार का तनाव काफी हद तक सुलझ सकता है। उम्मीद और भरोसे से आगे बढ़ें। सफलता मिल सकती है। नौकरी में ट्रांसफर और प्रमोशन भी मिल सकता है। सामाजिक कामों में लगे रहेंगे। आपका दाम्पत्य जीवन अच्छा रहेगा।
नेगेटिव - दूसरों के मामलों में फालतू दखल न दें। आप पर काम का बोझ भी ज्यादा हो सकता है। ज्यादा ही खर्चा कर सकते हैं। थोड़े सावधान रहें और ज्यादा खर्चा करने की आदत पर कंट्रोल करें।
क्या करें और क्या नहीं - काला नमक खाएं।
लव- लव लाइफ के लिए समय अनुकूल है। प्रेमियों में नजदीकियां बढ़ेंगी।
करियर - आपके कामों की तारीफ हो सकती है। अधिकारियों से सहयोग मिलेगा। खुद का ध्यान रखें। स्टूडेंट्स को मानसिक तनाव रहेगा।
हेल्थ- बच्चों की सेहत का ध्यान रखें। मौसम का असर भी आप पर रहेगा।
कुंभ - पॉजिटिव - प्रॉपर्टी से जुड़े काम जो रुके हुए थे वो पूरे हो जाएंगे। चंद्रमा के कारण किसी महत्वपूर्ण काम के लिए बड़ी प्लानिंग करेंगे। कोई व्यक्ति आगे चलकर आपके लिए मददगार साबित होगा। आपकी रचनात्मक ऊर्जा भी आज चरम पर रहेगी। नौकरी करने वाले और कामकाजी लोग जो भी कोशिश करेंगे, बहुत आसानी से उसमें सफल हो जाएंगे। आपके प्रेम संबंधों में गहराई और बढ़ सकती है। पैसों के सवाल फिर एक बार आपके दिमाग में चलेंगे। आप जो भी काम करें, खुद के ही दम पर करेंगे। मनोरंजन के मौके मिलेंगे। खुद के लिए भी समय मिलेगा। कोई भी कॉन्ट्रेक्ट साइन करने के पहले अच्छे से सोच-विचार कर लें।
नेगेटिव - किसी की भी मदद लेने से बचें। दूसरों के मामलों में दखल देने से किसी तरह का विवाद भी हो सकता है। किसी भी तरह का कर्जा न लें। सावधानी से सारे काम करने की कोशिश करें।
लव- प्रेमियों के लिए दिन अच्छा नहीं है। साथी का मूड आज आपको परेशान करेगा।
करियर - बड़ों के साथ अच्छा व्यवहार करें। स्टूडेंट्स को मेहनत से परिणाम मिलेंगे। परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
मीन - पॉजिटिव - कोई बड़ी और अच्छी प्लानिंग भी बन सकती है। घर और ऑफिस, दोनों जगह पर अपनी जिम्मेदारी अच्छे से निभा लेंगे। आज आप कोई बड़ा और फायदेमंद काम भी शुरू कर सकते हैं। हर तरह के सामूहिक कामकाज में आपको सफलता मिल सकती है। जो बात मन में है, वो आप कह सकते हैं। नजदीकी रिश्तों में आज एक भावनात्मक गहराई भी आ सकती है। बच्चों और परिवार के साथ कहीं घूमने भी जा सकते हैं। नए मौके और नए लोग मिल सकते हैं।
नेगेटिव - कुछ ऐसे काम भी आपको करने पड़ेंगे, जिनको करने का मूड नहीं रहेगा। थोड़े सावधान भी रहें। आप थोड़े स्वार्थी भी हो सकते हैं। कुछ विषयों में आप ज्यादा भी बोल सकते हैं। अपनी आदतों पर कंट्रोल करें। आज आपको बहुत से काम मन मार कर करने पड़ेंगे। साथ के लोगों या अधिकारियों से आपको डांट सुननी पड़ेगी। |
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी लौटे देश, ईश सोढ़ी को मिला CPL 2018 में मौका | CricketCountry.com हिन्दी
ऑस्ट्रेलिया के एडम जम्पा के वापस देश लौटने के कारण ईश सोढ़ी हुए टीम में शामिल।
| Updated : September 4, 2018 1:39 PM IST
Ish Sodhi (File Photo) © Getty Images
कैरेबियन प्रीमियर लीग 2018 के मौजूदा सीजन में जमैका तल्लावाह टीम ने न्यूजीलैंड के स्पिनर ईश सोढ़ी के साथ बाकी बचे सीजन के लिए करार किया है। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर एडम जम्पा की जगह टीम में शामिल किया गया है। ऑस्ट्रेलिया का घरेलू क्रिकेट सीजन शुरू हो रहा है, जिसके लिए जम्पा वापस अपने देश लौट रहे हैं।
ईश सोढ़ी दुनिया भर की तमाम बड़ी टी-20 लीग में खेलते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग में वो राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हैं तो ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में वो एडिलेड स्ट्राइकर्स टीम का हिस्सा हैं। ईश सोढ़ी अबतक कुल 113 टी-20 मैच खेलकर 126 विकेट निकाल चुके हैं। इस दौरान उनका औसत 23.26 का रहा है। उनका करियर बेस्ट परफॉर्मेंस 11/6 है।
ईश सोढ़ी इंग्लैंड की वाइटैलिटी ब्लास्ट लीग में नॉटिंघमशायर की तरफ से खेलते हुए 15 मैचों में 19 विकेट निकाल चुके हैं। जमैका तल्लावाह की टीम ने साल 2013 और 2016 में सीपीएल चैंपियनशिप जीती थी। मौजूदा सीजन में भी जमैका की टीम प्लेऑफ में पहले ही अपनी जगह पक्की कर चुकी है। मौजूदा सीजन में इस टीम के कप्तान आंद्रे रसेल हैं। प्लेऑफ मैच 11 सितंबर से शुरू होंगे। जिसके बाद 16 सितंबर को फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। एडम जम्पा ने मौजूदा सीपीएल सीजन में नौ मैचों में नौ विकेट निकाले। इस दौरान उनका औसत 27.44 और इकनॉमी 9.50 का रहा। |
हिमाचल के देवता क्या गूर के माध्यम से ऐसे आदेश दे सकते हैं? - In Himachal | इन हिमाचल |
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हिमाचल के देवता क्या गूर के माध्यम से ऐसे आदेश दे सकते हैं?
यतिन पंडित।। आस्था और अंधविश्वास के निर्धारण के बीच उतनी ही महीन रेखा होती है जितनी साक्षरता और ज्ञान के बीच होती है। पिछले दिनों जिला मंडी के सरकाघाट में घटित हुई एक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया। 81 वर्षीय महिला बुज़ुर्ग के साथ हुई इस हृदय विदारक घटना ने हमारे समाज के समक्ष बहुत सारे प्रश्न खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा प्रश्न, क्या कोई देवता इस प्रकार के आदेश देता है? दूसरा प्रश्न, क्या हम अपनी मान्यताओं को उसके मूल रूप में समझते भी हैं या नहीं? क्या किसी देवता का गूर व चेला कोई भी ऐसे ही बन सकता है? क्या धर्म के नाम पर पाखंड की दुकान चलाने वाले लोगों को पहचानना इतना मुश्किल काम है?
पहले इस घटना के विषय में बात करें तो मानवीयता को शर्मसार करने वाली इस घटना के सोशल मीडिया पर उछलने के बाद इस मामले में अब तक कुछ लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है और पुलिस द्वारा आगे की कारवाई की जा रही है। एक बुज़ुर्ग महिला को देव आज्ञा के नाम पर डायन घोषित कर, उसे निर्दयता से पीटना और घसीटना हमारी मानसिकता के किसी कोने में दबी हुई विकृति को उजागर करता है। तो प्रश्न यह भी है कि क्या कोई देवता इस प्रकार के आदेश अपने गूर या चेले के माध्यम से देता भी है या नहीं?
पर इस विषय से पहले हमे यह समझना होगा कि हिमाचल की देव प्रणाली वास्तव में है क्या?
हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में देव प्रणाली के विभिन्न संस्करण मौजूद हैं। इसमे पहली प्रणाली जिसे आज सर्वमान्य रूप से स्वीकार किया जाता है, वह है वैदिक मान्यता के देवी देवताओं की प्रणाली। जिसे लोक समाज हिन्दू मान्यता या सनातन मान्यता के रूप में समझते हैं। यह प्रणाली प्रमुख रूप से हिमाचल के विभिन्न ज़िलों के उन इलाकों में विद्यमान है जहां समय के साथ हिन्दू मान्यताओं का प्रभाव बढ़ा है। या यूं कहें कि वे इलाके जो विभिन्न क्षेत्रों में मुख्य कस्बों के रूप में विकसित हुए। इन स्थानों पर अलग-अलग मान्यताओं के लोगों की आमद अधिक होने के कारण कालांतर में यहां बहु-प्रचलित मान्यताएं स्थापित हुईं। इसके अंतर्गत वैदिक देवताओं और हिन्दू देवताओं की मान्यता तथा उनके वैदिक व शास्त्रीय रीति-नीतियों का स्थान आता है।
दूसरी प्रणाली जो बहुधा हिमाचल के ऊपरी पहाड़ी इलाकों में प्रचलित है, वह अर्ध-अध्यात्मवाद की प्रणाली है। इसके अंतर्गत वे देवी देवता आते हैं जो आधे देव रूप व आधे यक्ष/नाग रूप माने जाते हैं। इस कड़ी में ही मनाली की हिडिम्बा देवी भी आती हैं। इस प्रणाली को प्रमुख रूप से हिमालय की कबाइली मान्यताओं में मौजूद देवप्रथा के आधार के रूप में देखा जा सकता है। हम यह मानकर चलें कि हिमाचल में प्रचलित जितनी भी परम्पराएं जिनपर आज सनातन वैदिक धर्म की दुहाई देकर बारंबार प्रश्रचिन्ह लगाए जाते हैं वे सभी परम्पराएं इसी अर्ध-अध्यात्मवाद की प्रणाली से जुड़ी होती हैं।
इस प्रणाली के प्रति समझ की अक्षमता के कारण बहुत से समाज के विभिन्न वर्गों में अक्सर विवाद उत्पन्न होते रहते हैं। गूर और चेला प्रथा इसी प्रणाली के अंतर्गत विकसित हुई प्राचीन परम्पराएं हैं। हिमाचल के ऊपरी इलाकों में पूर्वकाल में प्रकृति पूजा की प्रधानता रही है। कालांतर में यही प्रकृति पूजा अन्य मान्यताओं के प्रभाव में आकर विभिन्न चरणों से गुज़रते हुए अपने वर्तमान स्वरूप तक पहुंची है। गूर या चेले जिन्हें शामन्स व ओरेकल्स भी कहा जाता है, यह प्रथा केवल हिमाचल में ही नहीं अपितु विश्वभर में विद्यमान प्रथा है। आप विश्व का कोई भी हिस्सा ले लीजिए, आपको यह प्रथा हर स्थान पर किसी ना किसी रूप में मिल जाएगी। यहां इसे इंगित करने का मकसद केवल इतना है कि इस प्रथा के अस्तित्व पर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता।
दुनिया भर में मौजूद हैं शामन्स
तीसरी प्रणाली वह प्रणाली है जो विभिन्न स्थानों से आकर हिमालयी क्षेत्र में स्थापित हुई हैं। अर्थात वे अपने तद्भव रूप में यहां विद्यमान है। जिसमे बुद्धिज़्म और मंगोल मान्यताएं भी शामिल हैं। बेशक यही मान्यताएं आंशिक रूप से अर्ध-अध्यात्मवाद की प्रणाली में भी मौजूद हैं परंतु जहां पर इस प्रणाली में हिंदु मान्यताओं का प्रतिस्थापन नगण्य है, उन्हें हम इस प्रणाली के अंतर्गत मान सकते हैं। यह प्रमुख देव प्रणालियां हिमालय की मान्यताओं में हैं। जिनके आधार पर हिमाचल को देव भूमि का वह दर्जा प्राप्त है जो लोगों के लिए उत्सुकता और कौतूहल का विषय रहता है।
क्या देवता किसी व्यक्ति के लिए आदेश जारी कर सकता है?
अब बात करें उस घटना की जिसे केंद्र में रखकर यह सब बातें निकल कर आ रही हैं। सरकाघाट के गांव में हुई उस निर्मम घटना के पश्चात देव प्रथाओं के गलत इस्तेमाल की बात भी लोगों के सामने आई है। सबसे पहले तो हम सभी यह समझ लें कि गूर प्रथा के अंतर्गत कोई भी देवता या शक्ति कभी किसी व्यक्ति विशेष को सीधे तौर पर इंगित कर इस प्रकार का कोई आदेश पारित नहीं करती हैं। अतः जो उन लोगों ने किया है, वह सरासर उदण्डता और देव आस्था के साथ खिलवाड़ है।
आजकल यह देखा गया है कि लोग इस विधा का प्रयोग अपने आर्थिक फायदे के लिए अधिक करने लगे हैं। कुछ लोग नए-पुराने नामों से देवता के रथ बनाकर खुद उनके गूर चेले बन समाज में स्वयं को स्थापित करने का ढोंग भी रचाने लगे हैं। जबकि देव नीति को बारीकी से समझने वाले लोगों की माने तो कोई भी देवता गूर और चेले के माध्यम से आदेश देने के लिए कुछ घड़ी ही किसी के शरीर में प्रविष्ट होता है। जो लोग अपने निजी देवस्थल बनाकर पूरा-पूरा दिन पूछ और देव खेल का आयोजन करते हैं, वे केवल जनता को देव शक्तियों के नाम पर छल रहे होते हैं और कुछ नहीं। इन लोगों को वास्तव में ही किसी मनोवैज्ञानिक की सलाह और इलाज की आवश्यकता है।
गूर का चयन जटिल प्रक्रिया
गूर प्रणाली के अंतर्गत गूर का चयन किया जाना एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है। जिसके लिए बहुत सावधानी से और बड़ी रीति निर्धारित प्रक्रिया के तहत चुनाव होता है। ऐसे हर कहीं गूर चेला नहीं निकल आता, जैसा आजकल देखने में आ रहा है।
ऐसे पाखण्डी लोग वास्तव में देव शक्तियों के नाम पर अपनी दुकान चलाने का काम कर रहे होते हैं। इन लोगों के कारण एक तो लोगों की आस्थाओं से खिलवाड़ किया जाता है और दूसरा आम जनमानस की मान्यताओं को भी खंडित करने का काम किया जाता है। कल की घटना के बाद ना जाने कितने ही लोगों की माहूंनाग जी में आस्था खंडित हुई होगी?
यह परिस्थिति उत्पन्न होने का कारण, आस्था और अंधविश्वास की वही महीन रेखा है जिसका ज़िक्र शुरू में किया है। हम लोग जब तक अपनी मान्यताओं के मूल को नहीं समझेंगे, तब तक इस प्रकार के पाखण्डी जन्म लेते रहेंगे और हमारी आस्थाओं को खंडित करते रहेंगे।
सर्वप्रथम हमें अपनी मान्यताओं के प्रति यह स्वीकार्यता उत्पन्न करनी होगी कि हम पहाड़ी लोग अर्ध-अध्यात्मवाद को मानने वाले लोग हैं। ईश्वरीय सत्ता या परम सत्ता तो इससे ऊपर की चीज़ है जो सभी देव, दानव, मानव का मूल आधार है। हमे समझना होगा कि यह प्रणालियां वास्तव में हैं क्या, इनका आधार क्या है, हमारे वास्तविक देवता जिन्हें पूर्वज भी कह सकते हैं, वे हैं कौन? जब तक देव रीतियों के प्रति साक्षरता और ज्ञान का अंतर रहेगा , हम लोगों के सामने इस प्रकार के घटनाक्रम आते रहेंगे।
निजी रूप से मैं सभी चीजों को स्वीकार करने का भाव रखता हूँ। तंत्र, मंत्र, देव, दानव सबको। परंतु इसका यह अर्थ नहीं हो जाता कि इस आधार पर हम अपनी तार्किक बुद्धि को तिलांजलि देकर अंधों की तरह हर चीज़ पर विश्वास करने लग जाएं। आस्थाओं को जीवित रखिये, बेशक रखिये, परंतु अंध-आस्थाओं और अंधविश्वासों के प्रति जागरूक बनिये। तभी हमारा समाज हमारी पुरातन संस्कृति के पहलुओं का अस्तित्व व औचित्य बना रहेगा। अन्यथा जगह-जगह देवताओं के नाम पर मोहल्ला क्लिनिक खोलकर बैठे पाखंडी लोग धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करते रहेंगे और अपनी दुकान चलाते रहेंगे।
हिमाचल की देव परंपरा और इसके नाम पर कुछ लोगों द्वारा अपनी दुकान चलाए जाने से फैले भ्रम को लेकर दो हिस्सों के लेख का पहला भाग है. दूसरा हिस्सा पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें-
(लेखक यतिन पंडित कुल्लू से हैं और हिमाचल प्रदेश की संस्कृति व देव परंपराओं के इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं।) |
पीएम मोदी और अमित शाह ने चंद्रशेखर आजाद और बाल गंगाधर तिलक को दी श्रद्धांजलि | NVR24
नयी दिल्ली- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक कहे जाने वाले शहीद चंद्रशेखर आजाद की आज जयंती मनाई जा रही है। महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी का नाम बहादुरी, राष्ट्रभक्ति और बलिदान का पर्याय है। 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा', यह नारा देकर लाखों लोगों को जोश व उत्साह से भर देने वाले बाल गंगाधर तिलक की आज जयंती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद को उनकी जयंती पर नमन किया। लोकमान्य तिलक की आज 164वीं और अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की 114 वीं जयंती है।
23 जुलाई को पंडित सीताराम तिवारी के घर हुआ जन्म
चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को एक आदिवासी ग्राम भाबरा में हुआ था। उनके पिता पंडित सीताराम तिवारी उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बदर गांव के रहने वाले थे। भीषण अकाल के चलते आजाद का परिवार ग्राम भाबरा में बस गया था। उनका प्रारंभिक जीवन इसी गांव में गुजरा। यहीं पर उन्होंने धनुष-बाण चलाना सीखा। काकोरी ट्रेन डकैती और सांडर्स की हत्या में शामिल निर्भीक महान देशभक्त और क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अहम स्थान रखता है।
लेकिन जब गांधी ने 1922 में असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया तो आजाद काफी खफा हुए। इसके बाद उन्होंने देश को आजाद कराने की ठान ली थी। इसके बाद एक युवा क्रांतिकारी ने उन्हें 'हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन क्रांतिकारी दल' के संस्थापक राम प्रसाद बिस्मिल से परिचित करवाया। 1925 में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन की स्थापना की गई थी। आजाद बिस्मिल से बहुत प्रभावित हुए। उनके समर्पण और निष्ठा को देखते हुए बिस्मिल ने आजाद को अपनी संस्था का सक्रिय सदस्य बना लिया था। आजाद अपने साथियों के साथ संस्था के लिए धन एकत्रित करते थे। अधिकतर यह धन अंग्रेजी सरकार से लूट कर एकत्रित किया जाता था।
1925 में हुए काकोरी कांड ने अंग्रेजों को बुरी तरह से हिला कर रख दिया था। इस मामले में अशफाक उल्ला खां, रामप्रसाद 'बिस्मिल' सहित कई अन्य मुख्य क्रांतिकारियों को मौत की सजा सुनाई गई। इसके बाद चंद्रशेखर ने हिंदुस्तान रिपब्लिकन संस्था का पुनर्गठन किया। भगवतीचरण वोहरा के संपर्क में आने के बाद वह भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के भी करीब आ गए। भगत सिंह के साथ मिलकर चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजी हुकूमत को दहशत में ला दिया था।
फरवरी 1931 में पहली बार गणेश शंकर विद्यार्थी के कहने पर वह इलाहाबाद में जवाहर लाल नेहरू से मिलने आनंद भवन गए थे। लेकिन वहां पर नेहरू ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया था। इसके बाद वह गुस्से में वहां से एल्फ्रेड पार्क चले गए। इस वक्त उनके साथ सुखदेव भी थे। वह यहां पर अपनी आगामी रणनीति तैयार कर रहे थे, तभी किसी मुखबिर के कहने पर वहां पर अंग्रेजों की एक टुकड़ी ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया। आजाद ने तुरंत खतरा भांपते हुए सुखदेव को वहां से सुरक्षित निकाल दिया और अंग्रेजों पर फायर कर दिया। लेकिन जब उनके पास आखिरी एक गोली बची तो उन्होंने उससे खुद के प्राण लेकर अपनी कथनी को सच साबित कर दिया था। एल्फ्रेड पार्क में 27 फरवरी 1931 को उनके दिए इस बलिदान को भारत कभी नहीं भुला पाएगा। आजादी के बाद इस पार्क का बाद में नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद पार्क और मध्य प्रदेश के जिस गांव में वह रहे थे उसका धिमारपुरा नाम बदलकर आजादपुरा रखा गया।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी भारत मां के अमर सपूत चंद्रशेखर को आजाद को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "चंद्रशेखर आजाद जी से अंग्रेजी हुकूमत थर-थर कांपती थी, उन्होंने कहा था कि "मैं आज़ाद था, आज़ाद हूं, आजाद रहूंगा" और वो सच में अपनी अंतिम सांसों तक आजाद रहे। उनके राष्ट्रप्रेम ने देश के लाखों युवाओं के हृदय में स्वाधीनता की लौ जलाई।ऐसे अमर बलिदानी के चरणों में कोटि-कोटि वंदन।"
Tagged 23 जूलाईAMIT SHAHchandrasekhar azad casteChandrashekhar AzadChandrashekhar Azad Birth AnniversaryChandrashekhar Azad updateChandrashekhar Azad update newsknow about chandrashekhar azadnational newsnewspm modiPM मोदी ने चंद्रशेखर आजाद और स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को दी श्रद्धांजलिwho is chandrasekhar azadगृहमंत्री अमित शाहचंद्रशेखर आजादप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीशहीद चंद्रशेखर आजाद की 23 जूलाई की जयंतीस्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक |
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2. एलईडी बागवानी लाइट 640w . के उत्पाद पैरामीटर (विनिर्देश)
एलईडी 640W ग्रो लाइट
1129*1104*34mm
115*24*24cm
15.8 किग्रा
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Madhuri Dixit Son Arin Look Like His Father Shriram Nene | श्रीराम नेने की कॉपी हैं बड़े बेटे अरिन
माधुरी दीक्षित के बेटे अरिन हैं अपने पापा की हूबहू कॉपी, श्रीराम नेने ने फोटो शेयर कर लिखी ये बात
एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित के बड़े बेटे अरिन दीक्षित नेने हूबहू अपने पापा श्रीराम माधव नेने की कार्बन कॉपी दिखते हैं, यकीन न हो तो देखें फोटो।
Tags: Madhuri Dixit Arin Dixit Nene Shriram Madhav Nene
By Shivakant Shukla Last Updated: Apr 2, 2021 | 02:00:49 IST
बॉलीवुड की क्वीन कही जाने वाली 'धक-धक गर्ल' यानी माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) और उनके पति डॉ. श्रीराम नेने (Dr. Shriram Nene) अपने बड़े बेटे अरिन दीक्षित नेने (Arin Dixit Nene) को बेहद प्यार करते हैं। 17 मार्च, 2003 को जन्मे अरिन अपने पापा की हूबहू कॉपी हैं। श्रीराम नेने ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की है, जो इस बात का सबूत है। आइए आपको दिखाते हैं वो फोटो।
अपने पापा की फोटो कापी हैं माधुरी दीक्षित के बड़े बेटे अरिन, बर्थडे पर मम्मी ने शेयर की ये तस्वीर
माधुरी दीक्षित का आलीशान महल है बेहद शानदार, यहां देखें अंदर की तस्वीरें
पहले तो ये जान लीजिए कि, माधुरी ने 17 अक्टूबर 1999 को लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया के कार्डियोवेस्कुलर सर्जन श्रीराम माधव नेने संग शादी रचाई थी। शादी के 4 साल बाद यानी 2003 में माधुरी ने बड़े बेटे अरिन को जन्म दिया। अरिन के जन्म के दो साल बाद 2005 में उन्होंने छोटे बेटे रेयान को जन्म दिया। शादी के बाद माधुरी 10 साल तक अमेरिका में ही रहीं। हालांकि 2011 में वो फैमिली के साथ इंडिया लौट आईं। 17 साल के अरिन हूबहू अपने पापा श्रीराम नेने की फोटो कॉपी लगते हैं। हाइट, पर्सनैलिटी के साथ ही अरिन का फेस भी उनके पापा से खूब मिलता-जुलता है।
अब आइए आपको दिखाते हैं वो फोटो। दरअसल, श्रीराम नेने ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर की है। ये फोटो दो तस्वीरों को मिलाकर बनाया गया है। इसमें एक तरफ श्रीराम नेने के जवानी की फोटो है, और दूसरी तरफ उनके बेटे अरिन के जवानी की फोटो। फोटो में दोनों टी शर्ट पहने एक जैसे लुक में एक जैसी मुस्कुराहट के साथ कैमरे के लिए पोज दे रहे हैं। फोटो देखकर ये समझा जा सकता है कि दोनों एक-दूसरे की कॉपी हैं। इसे शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा है, ''कौन कौन है? मैं और मिनी-मैं।'' इस फोटो पर फैंस कमेंट करके बेटे को पिता की कॉर्बन कॉपी बता रहे हैं। (ये भी पढ़ें: माधुरी दीक्षित ने पति श्रीराम नेने के साथ मालदीव में किया रोमांटिक डिनर, देखें तस्वीरें)
बेटे अरिन के बर्थडे पर श्रीराम नेने ने शेयर किया था ये वीडियो
17 मार्च 2021 को बेटे अरिन के बर्थडे 18वें बर्थडे के खास मौके पर श्रीराम नेने ने एक वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में अरिन के बचपन से लेकर अब तक की यादों को दर्शाया गया था। (ये भी पढ़ें: जब श्वेता तिवारी ने पति अभिनव पर लगाया था बेटी संग यौन उत्पीड़न का आरोप, सुसाइड करना चाहते थे एक्टर)
वहीं, अरिन की मां व एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित ने बेटे के बालिग होने परअपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया था, जो एक तस्वीर और वीडियो की सीरीज है। शेयर की गई तस्वीर में, माधुरी अपने लिटिल अरिन को गोद में ली हुई हैं और दोनों की क्यूट स्माइल फैंस का दिल पिघलाने के लिए काफी है। वहीं, बूमरैंग वीडियो में मां-बेटे फनी पोज देते हुए दिख रहे हैं। इसे शेयर करते हुए माधुरी दीक्षित ने लिखा था, ''यह जान लो कि जब मैं तुमको डांटती हूं, तो केवल इसलिए कि मैं तुम्हारी परवाह करती हूं, और जब मैं तुमको गले लगाती हूं, तो यह जान लो कि मै तुम्हें हमेशा बहुत प्यार करती हूं। जीवन में जो भी लक्ष्य तुम पाना चाहते हो उसे प्राप्त करो, मैं यही कामना करती हूं, मुझे हमेशा तुम पर गर्व होगा। तुम्हारा जन्मदिन बहुत सारे प्यार और हंसी से भरा हो, हैप्पी बर्थडे अरिन।'' (ये भी पढ़ें: 'ससुराल सिमर का' फेम मेघना नायडू ने अपने बेबी प्लानिंग पर कहा- 'ये हमारे लिए एक आशीर्वाद होगा')
वैसे, श्रीराम नेने और माधुरी दीक्षित इन दिनों अपनी फैमिली के साथ मालदीव वेकेशन को एंजॉय कर रहे हैं, जहां से कपल लगातार तस्वीरें व वीडियोज शेयर कर रहे हैं। यहां देखें फैमिली वेकेशन की एक झलक।
फिलहाल, श्रीराम नेने और उनके बेटे अरिन की ये फोटो देखने के बाद क्या आपको भी लगा कि, अरिन अपने पापा की कॉपी हैं? हमें कमेंट करके अपनी राय जरूर दें, साथ ही हमारे लिए कोई सलाह हो तो अवश्य दें।
कहते हैं दुनिया में मां-बेटे का प्यार अद्भुत और अनमोल होता है। जहां एक सामान्य फैमिली में मां-बेटे का स्नेह बेहद खास देखने को मिलता है, वहीं कुछ ऐसा ही प्यार बॉलीवुड इंडस्ट्री में सेलिब्रिटीज भी अपने बेटों से करते हैं। यहां हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की क्वीन |
मोदी-मैक्रों की मुलाकात से पहले P-75 इंडिया प्रोजेक्ट से हटा फ्रांस - Bharat.earth
मोदी-मैक्रों की मुलाकात से पहले P-75 इंडिया प्रोजेक्ट से हटा फ्रांस
पेरिस. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi France Visit) के फ्रांस दौरे से पहले यहां के डिफेंस नेवी समूह ने एलान किया है कि वो भारत के पी-75 प्रोजेक्ट का हिस्सा नहीं बन पाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत भारतीय नौसेना के लिए भारत में छह पारंपरिक पनडुब्बियों का निर्माण किया जाना था. 43 हज़ार करोड़ रुपये की परियोजना के लिए शॉर्टलिस्ट की गई पांच अंतरराष्ट्रीय समूहों में से एक ये भी है. समूह ने कहा है कि वो रिक्वेस्ट फोर प्रपोज़ल यानी आरएफ़पी की शर्तें पूरी नहीं कर सकता है. इसलिए वो इस परियोजना में शामिल नहीं होगा.
ये परियोजना नई रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत सबसे बड़ी है. इस प्रोजेक्ट के तहत अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की भागीदारी के साथ कोई भारतीय कंपनी मिलकर भारत में पनडुब्बियों का निर्माण और प्रौद्योगिकी को साझा करेगी.
भारत की ताकत जब बढ़ती है, तो दुनिया की ताकत बढ़ती है: डेनमार्क में पीएम मोदी ने कहा
P-75I भारत में पनडुब्बियां बनाने की दूसरी परियोजना है. नौसेना समूह ने भारत में मझगांव डॉकयार्ड शिपबिल्डिंग लिमिटेड (एमडीएल) के साथ साझेदारी में P-75 परियोजना के तहत छह कलवरी क्लास (स्कॉर्पीन क्लास) पारंपरिक पनडुब्बियों का निर्माण पूरा किया है.
2005 में साइन हुआ था ये प्रोजेक्ट
P-75 प्रोजेक्ट पर साल 2005 में हस्ताक्षर किए गए थे और उस समय इस नौसेना समूह का नाम डीसीएनएस था. इस परियोजना के तहत 6 में से चार पनडुब्बियां पहले ही नेवी में तैनात कर दी गई हैं. छठे पनडुब्बी का निर्माण बीते माह शुरू हुआ और इसे अगले साल के आख़िर तक कमिशन किया जाना था.
भारत के लिए कितना अहम है ये प्रोजेक्ट?
इस प्रोजेक्ट के तहत अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मिलकर भारत में पनडुब्बियों का निर्माण होना था और भारत की कंपनी को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर किया जाना था. भारत सरकार इंटरनेशनल ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर' (IOEM) के तहत पनडुब्बियों के निर्माण और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने के लिए एक पार्टनर कंपनी की तलाश कर रही है.
PM नरेंद्र मोदी और डेनिश पीएम फ्रेडेरिक्सेन की चर्चा का साक्षी बना मारिनबोर्ग, चहलकदमी करते हुई बातचीत
क्यों हटा फ्रांस?
30 अप्रैल को जारी एक बयान में फ्रांस की कंपनी नेवी समूह की भारतीय इकाई के कंट्री और मैनेजिंग डायरेक्टर लॉरेंट वीडो ने कहा कि मौजूदा आरएफ़पी में सेल एआईपी का सी प्रूवन होना ज़रूरी है, जो कि अब तक नहीं था क्योंकि फ्रांस की नेवी इस तरह के प्रॉपलज़न सिस्टम का इस्तेमाल नहीं करती है.
पहले उन्होंने कहा था कि प्रपोजल फॉर रिक्वेस्ट के लिए यह जरूरी है कि फ्यूल सेल AIP समुद्र में काम करने के लिए साबित हो, जो हमारे लिए अभी तक ऐसा नहीं है, क्योंकि फ्रांसीसी नौसेना इसका उपयोग नहीं करती है.
FIRST PUBLISHED : May 04, 2022, 06:51 IST
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URL क्या हैं? | What is URL in hindi - हिंदी में ज्ञान: Hindi Tok
Uniform Resource Locator को short में URL कहा जाता हैं. URL की मदद से Internet पर उपस्थित किसी विशेष Web Page या Website का Address प्रदर्शित किया जाता हैं. यह लेख आपको पूरी विस्तारपूर्वक सिखाएगी url kya hai? What is URL in hindi? url ka full form क्या होता हैं? URL काम कैसे करता हैं?
URL द्वारा ही Web Browser यह जान पाता है की कोई विशेष Web Page इन्टरनेट पर कहाँ Store हैं. यानी की वह वेब पेज किस web server में, किस डायरेक्ट्री के अंदर store हैं. यदि आपको अभी भी URL का मतलब समझ में नहीं आ रहा हैं. तो घबराए नहीं जैसे-जैसे आप आगे इस लेख को पढेगे. URL क्या होता हैं? URL काम कैसे करता हैं? से आप भली-भाती परिचित हो जाएंगे.
आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की Internet पर उपलब्ध जानकारियों का भण्डार "Web Server" में होता हैं. जिन्हें हम Web Browser द्वारा Web Server से प्राप्त कर Web Page या Website के रूप में अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर देखते हैं. लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है की Web Server में Store Web Page हमारे device तक कैसे पहुँचता हैं.
यदि नहीं सोचा है तो आपको इसकी जानकारी इस लेख में मिल जाएगी. तो देर किस बात की चलिए जान लेते है की url kya hai? What is URL in hindi? url ka full form क्या होता हैं? url काम कैसे करता हैं?
URL क्या हैं? – What is URL in hindi
URL ka full form "Uniform Resource Locator" होता हैं. यह Internet पर उपलब्ध किसी भी Web Page या Website का पता देने का Standard तरीका हैं. इसके अलावा यह Internet पर उपलब्ध सूचनाओं का पता बताने के साथ-साथ उस सूचना के Protocol एवं Domain Name को भी दर्शाता हैं.
साधारण शब्दों में कहे तो इन्टरनेट पर उपलब्ध सभी web page या website का अपना एक यूनिक पता होता हैं. जिन्हें हम URL कहते हैं. यूआरएल को Links भी कहा जाता हैं. उदाहरण के लिए मान लीजिये आप Google की वेबसाइट पर जाना चाहते हैं. तो आपको Web Browser में Google वेबसाइट की URL www.google.com टाइप करना होगा.
Internet पर कोई भी जानकारी प्राप्त करने के लिए URL का पता होना जरूरी हैं. जब आप web browser पर कोई URL टाइप करते हैं. तो उस टाइप किया गए URL का Web Page दुनिया के किसी भी कोने के सर्वर में स्थित क्यों ना हो. वह कुछ ही सेकंड में आपके स्क्रीन पर प्रस्तुत हो जाएगा.
URL के कितने भाग होते हैं?
एक URL को निम्न तीन भागो में विभाजित किया जा सकता हैं.
जब आप इन तीनों भागो को मिला देंगे. तो इसका फोर्मेट कुछ निम्न प्रकार का दिखेगा.
Protocol :// Name Server/ File Name
आइये एक उदाहरण द्वारा URL के तीनों भाग को और अच्छे से समझते हैं. इस URL http://www.google.com/what-is-url.html के तीन भाग निम्न हैं.
'http' – Protocols
www.google.com – Web Server Name
what-is-url.html – File Name
URL के प्रत्येक भाग से Web Browser को एक विशेष सूचना मिलती हैं. आइये URL के तीनों भागो के बारे में विस्तार पूर्वक जान लेते हैं.
प्रोटोकॉल कुछ ऐसे Rules एवं Methods के समूह को कहा जाता हैं. जो यह निर्धारित करते है की एक Computer Network को किन्हीं दो नोड के मध्य Data transmission process किस प्रकार संपन्न होगी.
दरअसल किन्हीं दो computer के मध्य data transmission की प्रक्रिया तभी सम्भव हैं. जब दोनों कंप्यूटर समान Protocol का पालन करें. Internet पर web server और client machine के मध्य data transmission process अधिकतर http प्रोटोकॉल के अनुसार होती हैं.
'http' – HTTP का पूरा नाम 'Hypertext Transfer Protocol' हैं. दरअसल Web Server से प्राप्त किया गया Data Web Page या Website के रूप में होता हैं. जो की Hypertext Page होते हैं. यह HTML भाषा द्वारा निर्मित होते हैं. HTML क्या होता है? की पूरी जानकारी आपको इस लेख में मिल जाएगी.
अब आप समझ पा रहे होगे की Web Page के Transmission के लिए 'http' protocol का पालन करना आवश्यक होता हैं. आप बस इतना समझ लीजिए Web Server से Data प्राप्त करने के लिए 'http' protocol का होना आवश्यक हैं. क्यों की 'http' protocol में ऐसे नियम एवं विधियाँ होते हैं. जो 'Hypertext' Data Transmission के लिए जरूरी हैं.
अगर बात की जाए अन्य प्रकार के Protocol की, तो अन्य प्रकार के Server के लिए अन्य Protocol प्रयोग किए जाते हैं. कुछ उदाहरण निम्न हैं.
FTP Server के लिए – FTP://
Telnet Server के लिए – Telnet://
Gopher Server के लिए – Gopher://
उम्मीद करते है Protocols क्या है? अब आप समझ गए होगे. चलिए अब URL के दूसरे भाग Name Server के विषय में जान लेते हैं.
यह भाग बताता है की Web Browser द्वारा किस 'Server' को Access करना हैं. दरअसल इस भाग में बताए गए Server में ही वांछित Web Page (file) Store होती हैं. जैसा की उपर बताए गए उदाहरण में www.google.com Server का नाम हैं.
यहाँ आपको एक बात जाननी जरूरी है की computer network पर स्थित प्रत्येक नोड (कंप्यूटर, टर्मिनल इत्यादि) का एक Unique IP Address होता हैं. जिसके द्वारा उसे Access किया जाता हैं.
लेकिन IP Address संख्याओं (numbers) से बना होता हैं. जिसके कारण उन्हें याद रख पाना मुश्किल हो जाता हैं. इसलिए प्रत्येक IP Address के Relative एक सिस्टम नाम भी रखा जाता हैं. जो नार्मल नामों के जैसे ही होते हैं. जिसके कारण इन्हें याद रखना काफी सरल हो जाता हैं.
इतना समझ लीजिए URL में दिखने वाला Server नाम वाला भाग System Name ही होता हैं. Internet पर Server को उसके नाम से जाना जाता हैं. URL में दिखने वाले सिस्टम नाम को Server को Access करने के लिए उसके Relative IP Address में बदला जाता हैं और यह कार्य 'Name Server' नामक server machine करती हैं. दरअसल Name Server में सिस्टम नाम और उसके Relative IP Address की लिस्ट रहती हैं.
उदाहरण के लिए www.google.com सर्वर नाम Internet की उस Server Machine का हैं. जिसका IP Address मान लीजिए 215.24.51.135 हैं. तो आप इसे 'http://www.google.com' URL के साथ-साथ 'http:// 215.24.51.135' IP Address द्वारा भी Access कर सकते हैं.
यदि आप सर्वर नाम पर गौर करेंगे. तो पाएंगे की Server Name तीन भागों से मिलकर बना हैं. जो एक दूसरे से dot द्वारा जुड़े रहते हैं. ये तीन भाग निम्न हैं.
Host Name – www
Domain Name – जैसे google, yahoo, hinditok
Top level domain name – जैसे .com, .in, .org, .net इत्यादि.
अब आप अच्छे से समझ पा रहे होगे की Web Server Name क्या होता हैं? चलिए अब URL के तीसरे भाग File Name अथवा File Path के विषय में जान लेते हैं.
URL का यह तीसरा भाग, दूसरे भाग में बताए गए 'Server Name' में store उस file का Name अथवा Path बताता हैं. जिसे Access कर Client Machine तक लाना होता हैं. File Name का प्रारूप Name.Type प्रकार का होता हैं. आप निम्न उदाहरण को देखकर अच्छे से समझ सकते हैं.
उदाहरण – Web.server.html
यहाँ फाइल का नाम 'web.server' हैं. जो html प्रकार की हैं.
पैसे कमाने वाला Blog/Website कैसे बनाए?
URL काम कैसे करता हैं?
Web Browser में URL टाइप कर देने के बाद Web Browser कैसे उस URL में बताई गयी File की जानकारी को हमारे कंप्यूटर या मोबाइल तक पहुँचाता हैं. आइए समझने की कोशिश करते हैं.
बेब ब्राउज़र सबसे पहले URL में से Web Server नाम को अलग करता हैं. यदि आपका URL 'http://www.google.com/url.html' हैं. तो वह सबसे पहले www.google.com को URL में से अलग कर देगा. फिर अलग किए गए 'Server Name' को 'Name Server' के पास भेजकर उसके Relative IP Address की प्रार्थना करेगा.
Name Server में सर्वर नाम के Relative IP Address की लिस्ट रहती हैं. इसलिए वह Web Browser से प्राप्त किए गए Server Name को अपनी लिस्ट में से खोजकर उसके IP Address को वेब ब्राउज़र को बता देता हैं. फिर वेब ब्राउज़र बताए गए IP Address की मशीन से connection स्थापित करता हैं.
Connection बनने के बाद वह 'http' protocol का पालन करते हुए Server से URL में बताई गयी फाइल को प्राप्त करने की प्रार्थना करता हैं. फिर Server, Web Browser द्वारा मांगी गयी फाइल का html टेक्स्ट और html tag भेजता हैं.
दरअसल html tag में बताया गया होता है की दिए गए html टेक्स्ट का web page कैसे बनाना हैं. Web Browser उन नियमों का पालन करते हुए html page का निर्माण कर देता हैं. जिसे हम अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर देख पाते हैं.
इस प्रकार वेब ब्राउज़र पर मात्र एक url type करके हम internet की मदद से world के किसी भी कोने में स्थित Server में Store Information को अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर मात्र कुछ ही सेकंड में देख पाते हैं.
Secure URLs क्या हैं?
जो Websites https:// से स्टार्ट होते हैं. उन्हें Secure URL कहा जाता हैं. Secure URL को SSL Certificate भी कहा जाता है. इतना समझ लीजिये यह एक ऐसा Protocol हैं. जो Web Browser और Web Server के बीच सुरक्षा प्रदान करता हैं.
Secure URLs का मतलब हुआ की ऐसी website जिसमें आप अपनी Personal जानकारी भी enter करते हैं. तो वह Transmit होने के पहले Encrypt हो जाता है. इसे पढ़ पाना किसी भी हैकर के लिए आसान नहीं होता है.
मान लीजिए कोई website आपसे आपकी Personal जानकारी माँग रही हैं. जैसे की आपकी Banking डिटेल्स मांगी जा रही हैं. तो अपनी निजी जानकारी देने से पहले आप यह जरूर देख ले की वह Secure URL है या नहीं.
Generation of Computer – कंप्यूटर की पीढ़ियां हिंदी में
URL Shortening क्या हैं?
जब आप किसी वेबसाइट के FULL URL को SHORT URL में Convert कर देते हैं. तो उसे URL Shortening कहा जाता हैं. यदि आपने अभी गौर किया होगा. तो पाया होगा की बहुत सारी Company अपने Full (Absolute) URL को बहुत ही छोटा कर दी हैं. जैसे की t.co (Twitter के लिए) और lnkd.in (LinkedIn के लिए) इत्यादि.
इन्टरनेट पर आपको बहुत सारी URL Shortening Services की वेबसाइट मिल जाएगी. जिनकी मदद से आप अपने Full (Absolute) URL को Short कर सकते हैं. जैसे की bit.ly और goo.gl इनकी मदद से आप फ्री में अपने URL को Short कर सकते हैं.
URL की विशेषताएँ क्या हैं?
URL World Wide Web (WWW) पर किसी भी Webpage या Website का Unique Address होता हैं.
Web Browser URL की मदद से ही किसी Internet रिसोर्स की location से connect हो पाता हैं.
URL की सहायता से आप इन्टरनेट पर किसी भी Website को डायरेक्ट Access कर सकते हैं.
URL से जुड़े सवाल जवाब
Q-1. यूआरएल टेक्नोलॉजी की खोज किसने किया?
Ans. URL Technology की खोज World Wide Web के निर्माता 'Tim Berners-Lee' ने की थी.
Q-2. यूआरएल का पूरा नाम क्या हैं?
Ans. Uniform Resource Locator (यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर) URL का पूरा नाम हैं.
Q-3. वेब ब्राउज़र में यूआरएल कहाँ दिखाई देता हैं?
Ans. URL ब्राउज़र के सबसे उपर Address Bar पर दिखाई देता हैं.
Q-4. वेब पेज एक्सेस करने के लिए ब्राउज़र को क्या पता होना चाहिए?
Ans. Browser को Web Page का URL पता होना चाहिए.
Q-5. यूआरएल इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
Ans. जिस प्रकार आपको आपके नाम के द्वारा पहचाना जाता हैं. ठीक उसी प्रकार web पर किसी ब्लॉग या वेबसाइट को उसके यूनिक URL के द्वारा पहचान मिलती हैं.
अब आपने सिख लिया है की URL kya hota hai? What is URL in hindi? URL ka full form क्या हैं? URL काम कैसे करता हैं? उम्मीद करते है आपके लिए URL की जानकारी उपयोगी रही होगी.
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व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में ट्रम्प ने आगे कहा कि भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को ठीक करने के लिए मेरे मध्यस्था करने से अगर रिश्ते ठीक हो सकते हैं तो मैं जरूर करूंगा।
हालांकि भारत मध्यस्था का प्रस्ताव पहले ही ठुकरा चुका है। ट्रम्प की इस पेशकश पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है शांतिपूर्वक इसे सुलझाने के लिए हम चीन के साथ संपर्क में है। |
भोजपुरी फिल्म राउडी रानी फेक की पब्लिसिटी की जा रही है, यह फिल्म है सुपर से ऊपर, दर्शकों ने पहुँचाया ऊपर से ऊपर, मेरे शब्द इस फिल्म से जुड़े लोगो को अच्छा ना लगे तो फिल्म का लागत और निर्माता के हाथ में आई कमाई का प्रूफ दे, मैं अपना शब्द वापस कर लूंगा, यह फेक पब्लिसिटी का आप को एक नमूना दिखाया. |
Super 30: ऋतिक रोशन हुए फिल्म के चक्कर में बेहाल, इस हाल में आए नजर | सुरभि सलोनी
Home Bollywood Super 30: ऋतिक रोशन हुए फिल्म के चक्कर में बेहाल, इस हाल...
Super 30: ऋतिक रोशन हुए फिल्म के चक्कर में बेहाल, इस हाल में आए नजर
ऋतिक रोशन इन दिनों जोर-शोर से अपनी अपकमिंग फिल्म 'सुपर 30' की शूटिंग में बिजी हैं। फिल्म के लिए उनकी मेहनत तो आप उनके लेटेस्ट लुक में देख ही चुके हैं। लेकिन अब फिल्म के सेट से उनकी जो लेटेस्ट फोटोज सामने आई हैं। उन्हें देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे और शायद ऋतिक को पहचान भी न पाए।
बेहाल नजर आया बॉलीवुड का सुपरहीरो…
क्या बिहारी ब्वॉय बन पाएंगे ऋतिक…
फिल्म से जुड़ी एक तस्वीर ऋतिक रोशन के एक फैन पेज ने शेयर की है जिसमें ऋतिक रोशन के साथ उनकी फिल्म की एक्ट्रेस भी नजर आ गई हैं। दरअसल, फिल्म में ऋतिक के साथ नजर आने वाली एक्ट्रेस छोटे पर्दे 'कुमकुम भाग्य' में नजर आ चुकी हैं। कुमकुम भाग्य में नजर आने वाली मृणाल ठाकुर काफी पॉपुलर रही हैं। सोशन मीडिया पर ऋतिक के फैन पेज पर शेयर की गई एक फोटो से इस बात को खुलासा हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस फोटो में मृणाल और ऋतिक वाराणसी में घाट के किनारे बैठे हैं, जहां इन दिनों शूटिंग चल रही है। फिल्म का विकास बहल द्वारा डायेक्टर की जा रही है। |
सीरिया को राहत, ओबामा ने हमला टाला
Wednesday, September 11, 2013-8:31 PM
वाशिंगटन: सीरिया द्वारा अपने रासायनिक हथियार अंतरराष्ट्रीय निगरानी में रखने के रूस के प्रस्ताव पर सहमत होने के एक दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज कहा कि अगर कूटनीति से कोई हल नहीं निकलता है तो वह सीरिया पर हमले के लिए अपनी सेना को हाई अलर्ट पर रखेंगे।
अमेरिकी कांग्रेस में सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप को लेकर विरोध का सामना कर रहे ओबामा ने सीरिया के रासायनिक हथियारों को अंतरराष्ट्रीय निगरानी में रखने के रूस के प्रस्ताव को 'उत्साहजनक' संकेत बताया। उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा होने तक वह फिलहाल सैन्य कार्रवाई को रोककर रखेंगे।
व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा कि वह इस विषय पर अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से भी चर्चा करेंगे जो संयुक्त राष्ट्र की मंजूरी के बगैर सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। ओबामा ने कहा कि यह कहना बहुत जल्दबाजी है कि यह प्रस्ताव सफल रहेगा या नहीं और किसी भी समझौते में यह सत्यापित होना चाहिए कि असद शासन अपनी प्रतिबद्धता का पालन करे।
ओबामा ने कहा कि लेकिन इस पहल के जरिये बल का प्रयोग किये बिना रासायनिक हथियारों के खतरे को समाप्त किया जा सकता है। ओबामा ने सीरिया मामले का राजनयिक स्तर पर हल निकाले जाने के लिए सीनेट को उसके खिलाफ बल प्रयोग पर मत विभाजन स्थगित करने को कहा है। उन्होंने इसके लिए कोई समयसीमा तो तय नहीं की है, लेकिन कहा कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के साथ किसी भी समझौते के लिए यह सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है कि असद शासन अपनी कही बातों पर अमल करे।
ओबामा का यह भाषण सीरिया पर हमले की उनकी योजना के लिए संसद के अलावा इस मामले को लेकर उलझन में पड़े अपने देशवासियों का समर्थन पाने की अंतिम कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। अमेरिका को 'वैश्विक सुरक्षा का प्रहरी' करार देते हुए ओबामा ने इस मामले का राजनयिक हल तलाशने के साथ ही सीमित सैन्य हमले के लिए तैयार रहने के समर्थन में नैतिक, राजनीतिक और रणनीतिक तर्क दिए। |
डोंबिवली : कोविड मेडिकल किट सहित जीवनावश्यक सामग्री का वितरण - Headlines18
डोंबिवली : कोविड मेडिकल किट सहित जीवनावश्यक सामग्री का वितरण
by राजेन्द्र एम. छीपा | Apr 30, 2021 | ठाणे, महाराष्ट्र
डोंबिवली : डोंबिवली पश्चिम में प्रभाग क्र. 51(महाराष्ट्र नगर ) और 52 (देवीचा पाडा) के सोसाइटी इमारत और चाल में रहनेवाले नागरिकों के लिए टेम्परेचर टेस्टिंग यंत्र 200 थर्मल गन, 200 ऑक्सिमीटर, 15000 N95 मास्क और 15000 हजार इम्युनिटी चाय पावडर, सोसाइटी में स्वच्छता रखने के लिए बड़ा कचरा डब्बा, अन्न-धान्य आदि का वितरण पूर्व नगरसेवक वामन सखाराम म्हात्रे, अनमोल वामन म्हात्रे, गोरखनाथ सखाराम म्हात्रे की ओर से किए गए ।
कोरोना माहमारी को रोकने के लिए इन यंत्रो उपयोग जरूरी है । मेरा परिवार मेरी जवाबदारी की तरह ही मेरा प्रभाग मेरी जबाबदारी और मेरे प्रभाग के प्रत्येक व्यक्ति निरोगी रहें इस हेतु से सेवा किया जा रहा है । इसके अलावा विष्णू नगर पुलिस थाने में हैंड सेनेटाइजर, 200 मास्क का वितरण किया गया । साथही डोंबिवली पश्चिम स्टेशन परिसर के सभी रिक्शा चालक मालक संघटना व रिक्षा युनियन की ओर से डोंबिवली ट्रैफिक विभाग प्रमुख उमेश गीत्ते की उपस्थिती में सभी रिक्शा का सेनिटाइजर किया गया । पुलिस विभाग, ट्रैफिक पुलिस विभाग, पत्रकार , रिक्शा चालकों को इम्युनिटी चाय पावडर का वितरण किया गया । |
केट मिडलटन टाइटल स्नब: केट कभी क्वीन क्यों नहीं होगी - टेल्स रिले
प्रिंस विलियम वर्तमान में अपने पिता प्रिंस चार्ल्स के पीछे सिंहासन के लिए दूसरी पंक्ति में हैं। जैसा कि उनकी शादी के दिनों में रॉयल्स के लिए प्रथा है, प्रिंस विलियम को 2011 में ड्यूक ऑफ कैम्ब्रिज का खिताब दिया गया था। केट मिडलटन बाद में कैम्ब्रिज का डचेस बन गया।
क्या केट, डचेज़ ऑफ़ कैंब्रिज कभी क्वीन होंगी?
जबकि कई लोग सोच सकते हैं कि केट क्वीन बन जाएगी जब विलियम सिंहासन पर चढ़ेगा, यह पूरी तरह से सही नहीं है।
हमारी वर्तमान रानी, क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय, अपने आप में एक राजकुमारी पैदा हुई थी और खुद सिंहासन के लिए सीधे इन-लाइन थी।
रानी के विपरीत, केट ने शाही परिवार में शादी की है।
और पढो: केट घर पर बिंगो खेल के दौरान जॉर्ज के नए जुनून को फिसलने देता है
केट मिडलटन टाइटल स्नब: केट कभी क्वीन क्यों नहीं होगी (छवि: गेट्टी)
केट मिडलटन टाइटल स्नब: केट मिडलटन और प्रिंस विलियम ने 2011 में अपनी शादी के दिन (छवि: गेट्टी)
इसलिए ब्रिटिश शासकों के सभी पति-पत्नी की तरह, केट को तकनीकी रूप से क्वीन कॉन्सर्ट के रूप में जाना जाएगा।
शाही परिवार में पत्नियों और पत्नियों के शीर्षक के बारे में कुछ नियम हैं।
जब एक रानी शादी करती है, तो उनके पति को राजकुमार कॉन्सर्ट के रूप में जाना जाता है।
रानी विक्टोरिया के पति अल्बर्ट को 19 वीं शताब्दी में यह उपाधि दी गई थी, और अब यह शीर्षक वर्तमान महारानी एलिजाबेथ के पति, प्रिंस फिलिप द्वारा रखा गया है।
केट मिडलटन टाइटल स्नब: विलियम और केट को ड्यूक और डचेस ऑफ कैंब्रिज के रूप में जाना जाता है (छवि: गेट्टी)
केट मिडलटन शीर्षक स्नब: शाही परिवार के सदस्यों को अक्सर उनकी शादी के दिन नए खिताब दिए जाते हैं (छवि: गेट्टी)
केट, डचेस ऑफ कैम्ब्रिज तकनीकी रूप से एक राजकुमारी है?
जब कोई व्यक्ति शाही परिवार में शादी करता है, तो वे अक्सर अपने साथी की उपाधि लेते हैं।
2018 में प्रिंस हैरी से शादी करने के बाद मेघन मार्कले ससेक्स की डचेस बन गईं, जबकि सोफी राइस-जोन्स 1999 में राजकुमार एडवर्ड से शादी करने के बाद सोफी, काउंटेस ऑफ वेसेक्स बन गईं।
प्रिंस चार्ल्स से शादी के बाद, लेडी डायना स्पेंसर डायना बन गई, वेल्स की राजकुमारी।
रॉयल हार्टब्रेक: कैसे विलियम ने नौकायन यात्रा पर केट को अपमानित किया - इनसाइट
केट मिडलटन ने रॉयल फैमिली को 'खुद को साबित करने' के लिए ऐसा किया - विश्लेषण
प्रिंस चार्ल्स का दावा है: रॉयल अपने दोस्तों को नमन करते हैं और उन्हें 'सर' कहते हैं - इनसाइट
केट मिडलटन को राजकुमारी डायना के समान उपाधि विरासत में क्यों नहीं मिली
कुछ शाही प्रशंसकों ने सोचा है कि राजकुमार चार्ल्स से शादी के बाद राजकुमारी डायना राजकुमारी क्यों बनीं, लेकिन केट मिडलटन राजकुमार विलियम से शादी के बाद राजकुमारी केट नहीं बनीं।
राजकुमार विलियम से अपनी शादी के माध्यम से वास्तविकता में, केट तकनीकी रूप से एक राजकुमारी है।
अपने बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र पर, केट के व्यवसाय को 'यूनाइटेड किंगडम की राजकुमारी' के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
लेकिन आमतौर पर, शाही परिवार में, राजकुमार या राजकुमारी के शीर्षक का सार्वजनिक उपयोग शाही परिवार में पैदा होने वाले राजपरिवार के लिए आरक्षित होता है।
केट मिडलटन टाइटल स्नब: केट के क्वीन कॉन्सर्ट बनने की उम्मीद है जब राजकुमार विलियम राजा बनेंगे (छवि: गेट्टी)
इस कारण केट की बेटी शार्लोट को सार्वजनिक रूप से एक राजकुमारी के रूप में जाना जाता है और केट नहीं है, हालांकि उसकी शादी एक राजकुमार से हुई है।
और राजकुमारी डायना के मामले में, वह तकनीकी रूप से आधिकारिक अर्थों में राजकुमारी नहीं थी।
डायना को जनता और मीडिया द्वारा प्रिंसेस डायना के रूप में जाना जाता था, लेकिन उनकी आधिकारिक उपाधि डायना, प्रिंसेस ऑफ वेल्स, उनकी शादी वेल्स के राजकुमार के माध्यम से थी।
महारानी राजकुमारी के रूप में पैदा नहीं होने वाले लोगों को राजकुमारी खिताब दे सकती हैं, लेकिन शाही परिवार में यह दुर्लभ है। |
रोटी बैंक: यहां बैंक में रुपये नहीं जमा होती है रोटी - roti bank in mirzapur uttar pradesh | Navbharat Times
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roti bank in mirzapur uttar pradesh
नवभारत टाइम्स | Updated: 14 Jan 2018, 03:26:00 PM IST
आपको सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगेगा मगर सच है। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले में एक ऐसा बैंक है जहां रुपये नहीं बल्कि रोटी जमा होती है। ऐसा इसलिए कि इस रोटी बैंक से गरीबों की भूख मिटाई जा सके। इस बैंक की शुरुआत मकर संक्रांति के मौके पर हुई। पहले ही दिन इस रोटी बैंक में अच्छी संख्या में रोटी का कलेक्शन हुआ।
हमारे देश के सभी धर्मों में दान के लिये और बांट कर खाने का प्रावधान है. मिर्ज़ापुर के रोटी-बैंक जैसी व्यवस्था अन्य स्थानों पर भी करनी चाहिये. दानी महानुभवों को अन्न वा धन देने की ...+
vikramadityaverma1 Verma
आपको बता दें कि यह रोटी बैंक मीरजापुर रेलवे स्टेशन परिसर, रोडवेज परिसर एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भूखे पेट सोने वाले असहाय व गरीब व्यक्तियों की भूख मिटाएगा। अब सड़क पर अपना दिन गुजारने वालों को रोटी के लिए नहीं तरसना होगा।
जिले के पाण्डेयपुर निवासी कृष्णा शुक्ला ने अपने मित्रों के सहयोग से रोटी बैंक स्थापना की है। उन्होंने बताया कि इस बैंक से गरीब और निर्धन लोगों की मदद होगी। कोई भी शहर में भूखा नहीं सोएगा। इस बैंक में धीरज पाण्डेय, दिलीप पाण्डेय, सुरेंद्र श्रीवास्व, कमल श्रीवास्तव एवं गोविंद शुक्ल ने मिलकर स्वच्छ विंध्य सुंदर विंध्य के माध्यम से रोटी बैंक की स्थापना की।
Web Title roti bank in mirzapur uttar pradesh (News in Hindi from Navbharat Times , TIL Network)
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देश में भरपूर मात्रा में बारिश, ढेर सारी नदियां, फिर भी पानी के संकट का भयावह चेहरा भारत में |
देश में भरपूर मात्रा में बारिश, ढेर सारी नदियां, फिर भी पानी के संकट का भयावह चेहरा भारत में
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नई दिल्ली: पानी के उच्चतम स्तर की कमी का सामना करने वाले 17 देशों में ( जहां उपलब्ध 80 फीसदी पानी का उपयोग प्रतिवर्ष किया जाता है ) प्रतिवर्ष भारत में सबसे ज्यादा बारिश होती है। यह जानकारी, अंतर्राष्ट्रीय थिंक-टैंक वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (डब्लूआरआई) द्वारा एक नए अध्ययन पर इंडियास्पेंड द्वारा किए गए विश्लेषण में सामने आती है।
सूची के अन्य सभी देश अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों से संबंधित हैं,भारत की वार्षिक वर्षा का लगभग आधा हिस्सा प्राप्त करते हैं और कम प्राकृतिक जल स्रोत हैं।
भारत के भीतर भी, सभी नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश, जो सबसे खराब पानी के तनाव की रिपोर्ट करते हैं, इंडो-गंगा के मैदान में स्थित हैं, जहां जिसमें बड़ी और छोटी नदियों और झीलों का जाल है।
डब्ल्यूआरआई के अनुसार, चंडीगढ़ सूची में सबसे ऊपर है और इसके बाद हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और जम्मू और कश्मीर का स्थान है।
व्यापक वर्षा और बड़ी संख्या में जल स्रोतों के बावजूद भारत जल-तनाव में क्यों है? जल संसाधन और गंगा कायाकल्प मंत्रालय के पूर्व सचिव और डब्ल्यूआरआई इंडिया के वरिष्ठ सचिव शशि शेखर ने कहा, "पानी की अधिकता और कुप्रबंधन इस पानी के तनाव का कारण है।"
शेखर ने कहा कि देश में सभी जल संसाधनों का 80 फीसदी तक का उपयोग करने वाला अक्षम कृषि, भारत के जल तनाव के प्राथमिक कारणों में से एक है। भूजल निष्कर्षण ( जो देश की 40 फीसदी पानी की जरूरतों को पूरा करता है ) रिचार्ज की तुलना में काफी अधिक है।
पानी के तीव्र तनाव से जूझ रहे 17 देश दुनिया की आबादी के लगभग एक चौथाई लोगों का (175 करोड़) घर हैं। अध्ययन में कहा गया है कि भारत सूची में 13 वें स्थान पर है, लेकिन अपनी 136 करोड़ की आबादी, अन्य 16 देशों के कुल मिलाकर तीन गुना अधिक है, जो जल संकट से जूझ रहे हैं।
सरकारी थिंक-टैंक नीति आयोग के द्वारा 2018 के एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 60 करोड़ भारतीय अत्यधिक जल तनाव से जूझ रहे हैं, जहां हर साल उपलब्ध सतह के पानी का 40 फीसदी से अधिक उपयोग किया जाता है,जैसा कि 25 जून, 2018 को इंडियास्पेंड ने अपनी रिपोर्ट में बताया है।
सुरक्षित पानी के अपर्याप्त उपयोग के कारण हर साल लगभग 200,000 लोग मर जाते हैं। अध्ययन में कहा गया है कि स्थिति और खराब होने की संभावना है, क्योंकि पानी की मांग 2050 तक आपूर्ति से अधिक हो जाएगी और भारत को 2050 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद में 6 फीसदी की कमी का सामना करना पड़ेगा।
डब्ल्यूआरआई के अध्ययन के मुताबिक, देशों के लिए पानी के तनाव को दूर करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संघर्ष और प्रवासन, जोखिम वाले वाले जल-निर्भर उद्योगों (खनन, थर्मोइलेक्ट्रिक बिजली उत्पादन और निर्माण) और खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है। जलवायु परिवर्तन भी इस संकट को बढ़ा रहा है, जिससे अनियमित वर्षा हो रही है। इस संबंध में हम आगे बताएंगे।
सूची में कतर सबसे ऊपर
डब्ल्यूआरआई के अध्ययन में कहा गया है कि विश्व की आबादी का एक तिहाई (2.572 बिलियन) "उच्च" से "बेहद उच्च" पानी के तनाव के साथ 44 देशों में रहते हैं।सबसे खराब जल तनाव से निपटने वाले देशों की सूची में कतर, इज़राइल और लेबनान को पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रखा गया है। भारत, जैसा कि हमने पहले कहा था, 13 वें स्थान पर है, जबकि पड़ोसी पाकिस्तान 14 वें स्थान पर है, जैसा कि अध्ययन में कहा गया है, जो विसंगतियों को छोड़कर, 1960 से 2014 तक डेटा का उपयोग करता है।
Source: Water Stress Rankings: World Resource Institute, Annual Rainfall: World Bank Note: Annual Rainfall figures have been added by the correspondent to analyze the aridity of the countries. San Marino's rainfall figures have been taken from this source.
संकटग्रस्त राज्यों में पानी का खराब प्रबंधन
नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात और मध्य प्रदेश को छोड़कर, अन्य जल-दबाव वाले भारतीय राज्यों ने अपने पानी का खराब प्रबंधन किया है।
आयोग ने नौ व्यापक क्षेत्रों और 24 संकेतकों पर 24 राज्यों का विश्लेषण किया और उनमें भूजल, सिंचाई, कृषि पद्धतियों और पीने के पानी को शामिल किया। हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड सभी संकेतकों पर 60 फीसदी से नीचे रहे।
आयोग की रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर, पुदुचेरी और चंडीगढ़ के स्कोर नहीं थे।
सिंचाई एक महत्वपूर्ण कारक
कृषि के लिए पानी का ऐतिहासिक शोषण भारत-गंगा के मैदान में राज्यों के संकट के लिए जिम्मेदार है, जैसा कि हमने पहले कहा था।
पानी के तनाव के मामले में पंजाब, हरियाणा और पश्चिम-उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित इंडो-गंगा के राज्य हैं और इसका मुख्य कारण उनका 40 साल पुराना फसली पैटर्न है जिसमें धान, गन्ना और गेहूं हावी है और इन सब में अत्यधिक पानी की जरुरत होती है, जैसा कि शेखर ने बताया है।
चूंकि सरकार इन जल-सघन फसलों की खरीद सुनिश्चित करती है, इसलिए पिछले दशकों में इनका रकबा बढ़ा है। लेकिन ऐसा करने से सिंचाई के प्राथमिक स्रोत भूजल के स्तर में गिरावट आई है।
शेखर ने बताया कि इन सभी राज्यों में जलोढ़ मिट्टी (पानी को अवशोषित करने के लिए जाना जाता है) है, पर्याप्त वर्षा प्राप्त होती है और इस क्षेत्र को नष्ट करने वाली कई नदियां हैं - जिन कारकों ने उन्हें पानी के तनाव से बचाया है। उन्होंने आगे बताया कि लेकिन इन क्षेत्रों में भूजल एक ऐसे स्तर तक पहुंच गया है कि अब रिचार्ज करने में दशकों लगेंगे और वह भी तब अगर कोई निष्कर्षण नहीं होता है।
सरकारी शोध त्रुटिपूर्ण: विशेषज्ञ
शेखर को डब्ल्यूआरआई अध्ययन पर भी संदेह है, क्योंकि यह अन्य संकेतकों के साथ ऐतिहासिक सरकारी डेटा का उपयोग करता है। भारत में, केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्लूबी) केवल एक प्रश्न को ध्यान में रखते हुए डेटा एकत्र करता है: क्या पानी का निष्कर्षण उसके अंतःस्त्रवण से तेज है? यह शेखर ने कहा, एक गलत तस्वीर प्रस्तुत करता है क्योंकि सीजीडब्लूबी डेटा महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में पानी के तनाव को नहीं दर्शाता है।
शेखर कहते हैं, "वास्तव में, पिछले पांच से 10 वर्षों से सरकारी आंकड़ों को अपडेट नहीं किया गया है, क्योंकि सीजीडब्ल्यूबी पर किसी भी नए क्षेत्र को जल-दबाव के रूप में अपडेट नहीं करने का बहुत दबाव है।"
सरकारी डेटा बहुत बड़े क्षेत्रों के लिए औसत लेते हैं, जो एक ठोस तस्वीर नहीं देता है। शेखर ने कहा, "इस देश में 3 करोड़ पंप सेट हैं, हमें नहीं पता कि ये पंप कितने पानी का दोहन कर रहे हैं। इसलिए, हम वास्तव में नहीं जानते हैं कि हम कितना भूजल निकाल रहे हैं।"
जलवायु परिवर्तन लंबे समय तक शुष्क रहने और भारत में वर्षा की तीव्रता को प्रभावित करके स्थिति को बढ़ा रहा है। 110 वर्षों से 2010 तक, भारत में भारी वर्षा की घटनाओं में प्रति दशक 6 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तापमान के लिए जिम्मेदार है, जैसा कि इंडियास्पेंड ने 24 अगस्त, 2018 को बताया था। भारी वर्षा की घटनाओं के दौरान, पानी जलभृत को रिचार्ज करने के लिए जमीन में नहीं फैलता है और जल्दी बह जाता है। |
भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की 145 वी जयंती शीश झुका कर श्रद्धा से मनाई गई - Kalyug ki Kalam
Home/उत्तरप्रदेश/प्रयागराज/भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल की 145 वी जयंती शीश झुका कर श्रद्धा से मनाई गई
प्रयागराज अक्टूबर एक ऐसे महामानव का जन्म दिन है जिन्होंने हमें एक महान राष्ट्र दिया, जिन्होंने खंड- खंड विभक्त भारत को एक कर बिशाल देश दिया।आधुनिक भारत के चाणक्य, भारत के लौह पुरुष ,भारत के बिश्मार्क, आधुनिक नौकर शाही के प्रणेता, स्वतंत्र भारत के गृहमंत्री ,राष्ट्र वाद के प्रबल धोतक, किशानो के मशीहा एवं भारतरत्न सरदार बल्लभ भाई पटेल के145वी जयंती पर शीश झुकाकर पूरे श्रद्धा और समर्पण तथा अंतर्मन सेश्रधांजलि अर्पित करते हुए उन्हें नमन करता हूं आजादी के बाद भारत565 से अधिक रियासतों में विभक्त था भारत उस समय टुकड़ो-टुकड़ो में बटा था उस समय जूनागढ़, हैदराबाद ,भोपाल,मैसूर तथा जम्मू-कश्मीर जैसे रियासते थीं जो या तो एक अलग देश बनाना चाहते थे या पाकिस्तान के साथ जाना चाहते थे परंतू उस समय सरदार पटेल के रूप में ऐसा महान ब्यक्तित्व जिसमे चाणक्य की कूटनीतिऔर शिवाजी का शौर्य दोनो बखूबी थे।सरदार पटेल अपने सचिव बी पी मेनन के साथ मिलकर शाम,दंड और भेद का प्रयोग कर एक बिशाल भारत का निर्माण किया।ऐसे जन नायक, कुशलराजनीतिक प्रख्यात अधिवक्ता एवं मां भारती के बीर सपूत को यह राष्ट्र कभी नही भुला पायेगा ★लहू देकर मातृ भूमि की बुलंदी को सवांरा है∆फरिस्ते तुम हो वतन के तुम्हे सजदा हमारा है ।जय हिंद , जय सरदार, । |
एक मिट्टी के बर्तन में पानी, एक प्लेट में दाना! इस गर्मी में चिड़ियों को दें थोड़ी सी छांव और प्यार
> एक मिट्टी के बर्तन में पानी, एक प्लेट में दाना! इस गर्मी में चिड़ियों को दें थोड़ी सी छांव और प्यार
इन गर्मियों में पक्षियों के लिए रखें पानी और खाना
June 06, 2017, 15:26 IST
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उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में गर्मी का प्रकोप बरस रहा है. इस गर्मी से सिर्फ़ इंसान ही नहीं, बल्कि नन्हें-नन्हें पक्षी भी परेशान हैं. हर साल गर्मी के मौसम में न जाने कितने पक्षी प्यास और Heatstroke का शिकार हो कर जान दे देते हैं. हम यदि एक छोटी-सी कोशिश करें, थोड़ी-सी मानवता दिखाएं और अपने घर-ऑफ़िस में आने वाले पक्षियों के लिए पानी और आश्रय का प्रबन्ध करें, तो गर्मी के कारण होने वाली पक्षियों की मौत में काफ़ी कमी आ सकती है. ये बात बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा भी ख़ूब समझती हैं. गर्मियों की शुरुआत में ही उन्होंने एक Tweet करके अपने Fans से अपील की कि वो पक्षियों के लिए रोज़ पानी रख कर उनकी जान बचाएं. उन्होंने Instagram पर भी इस बारे में एक पोस्ट लिखी. उनकी इस अपील को लाखों की तादाद में Like और Share किया गया. आज हम आपको कुछ ऐसे ही तरीके बता रहे हैं, जिन्हें अपना कर आप भी पक्षियों को जीवन-दान दे सकते हैं.
पक्षियों के लिए पानी रखें
Source: metaphysics-knowledge
अपने घर की बालकनी और आंगन में आप पक्षियों के लिए पानी रख सकते हैं. ध्यान रहे कि प्लास्टिक या स्टील के बर्तन में पानी न रखें. धूप में इन बर्तनों का पानी बहुत गर्म हो जाता है. मिट्टी के बर्तन में पानी रखना सबसे अच्छा होता है. इन बर्तनों की नियमित सफ़ाई करते रहें, ताकि पक्षी रोगों से दूर रहें. आप अपने ऑफ़िस में भी अपने सहयोगियों के साथ मिल कर वहां पानी रख सकते हैं, जहां पक्षी आते हों.
पक्षियों को इस तरह बुलाएं
Source: brachbaby.net
अगर आपके घर के आस-पास पक्षी कम आते हैं, तो आप उन्हें बुलाने की व्यवस्था कर सकते हैं. पक्षी बहते पानी की आवाज़ से आकर्षित होते हैं. इससे वो न सिर्फ़ आकर्षित होते हैं, बल्कि बहते पानी में नहाने से उन्हें गर्मी से राहत मिलती है. ऐसा करने से मच्छरों और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों से भी उनका बचाव होता है. उनके नहाने के लिए बेसिन की व्यवस्था करते समय ध्यान रखना चाहिए कि वो न तो ज़्यादा गहरे हों और न ज़्यादा उथले. डेढ़ इंच की गहराई आमतौर पर सही मानी जाती है. उनके नहाने के लिए ठहरा हुआ पानी रख रहे हों, तो उसमें समय-समय पर बर्फ़ डालना न भूलें.
पक्षियों के लिए छाया की व्यवस्था करें
पक्षियों की प्यास बुझाने के साथ ये भी ज़रूरी है कि उन्हें धूप से भी बचाया जाए. इसके लिए हम उनके लिए छायादार आश्रय-स्थल बना कर बालकनी में या बगीचे में पेड़ों की शाखाओं पर टांग सकते हैं. पक्षियों के लिए गत्ते के घर सबसे अच्छे होते हैं. इनके लिए आप जूतों के डिब्बे आसानी से प्रयोग में ला सकते हैं. पक्षियों के लिए आश्रय-स्थल बनाते वक़्त ध्यान रखें कि उसमें हवा आसानी से आती-जाती हो. इन्हें ऊंचाई पर टांगे, ताकि बिल्ली और दूसरे जानवरों से वो सुरक्षित रह सकें.
पक्षियों को खाना दें
Source: allaboutbirds
वैसे तो पक्षी बहुत मेहनती होते हैं और अपने लिए दाने की व्यवस्था खुद कर लेते हैं, लेकिन गर्मियों में ज़रूरी है कि उन्हें कम-से-कम उड़ना पड़े. वो जितना उड़ेंगे, उन्हें उतनी ही पानी की ज़रूरत होगी और Heatstroke का ख़तरा भी उतना ही होगा. पानी के साथ अगर हम उनके लिए खाना भी रख देंगे, तो उन्हें ज़्यादा भटकना नहीं पड़ेगा. उनके लिए बनाए गए घर में उनके लिए दाना और पानी रखा जा सकता है. गर्मियों में उनके लिए सूरजमुखी के बीज, फल और रस अच्छा भोजन माने जाते हैं. गर्मियों में सही पोषण पक्षियों के Metabolism को नियंत्रित रखता है और गर्मियों से निपटने में उनकी मदद करता है.
प्रकृति ने पक्षियों के लिए किए हैं उपाय, आप भी करिए
प्रकृति ने पक्षियों के शरीर को इस तरह बनाया है कि वो गर्मियों का सामना कर सकें. पक्षियों को पसीना नहीं आता, उनके चेहरे पर नग्न त्वचा होती है, उनका श्वसन तंत्र भी तुलनात्मक रूप से तेज़ होता है. पक्षियों की कुछ प्रजातियां अपने रक्त प्रवाह को भी नियंत्रित कर सकती हैं, जिससे शरीर को ठंडा रखने में मदद मिलती है. लेकिन फिर भी ये सब काफ़ी नहीं है और गर्मियों से लड़ने के लिए पक्षियों को हमारी मदद की ज़रूरत होती है.
तो बताइए, आप भी इन गर्मियों से लड़ने में पक्षियों की मदद करेंगे न, जिससे कि वो अपनी चहचहाहट से हमारा वातावरण हमेशा गुलज़ार करते रहें? |
अधिक से अधिक उत्साही प्रीमियम उत्पाद के उपयोग के साथ उत्पाद और इसकी सफलताओं के बारे में बात कर रहे हैं। बेशक, ये साझा अनुभव हमारे लिए दिलचस्पी के हैं। क्या आप अपनी वर्जिनिटी से नाखुश हैं? एक रॉक-हार्ड उत्तेजना जो आपको निराश नहीं करेगी - जो आपके लिए वांछनीय है?
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पहले तो, यह स्वीकार करना आसान नहीं है, लेकिन साथ ही आप तथ्यों का सामना करने के लिए तैयार हैं और इससे कुछ बदल जाएगा। निश्चित रूप से आप उन लोगों में से एक नहीं बनना चाहते जो अनुपचारित Erektion कारण अपने रिश्ते को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
आप विपरीत लिंग से बात नहीं कर सकते क्योंकि आपको नहीं लगता कि आप उन्हें वैसे भी संतुष्ट कर सकते हैं। और यह और भी बदतर हो जाता है:
अस्तित्वहीन स्थिरता से आप एक रहस्य नहीं बना सकते हैं। महिलाओं को ध्यान होगा कि आपके पास कोई पुरुषत्व नहीं है और इसलिए आप उन्हें आकर्षक प्रेमियों के रूप में नहीं देखते हैं।
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Vimax बनाने की मंशा हमेशा से क्षमता और Erektion क्षमता में सुधार करने की रही है। उपयोगकर्ता वांछित परिणाम और विभिन्न संबंधित प्रभावों के आधार पर एक छोटी और लंबी अवधि में उत्पाद का उपयोग करते हैं। अधिक उपयोगकर्ता Vimax साथ अपनी विशाल उपलब्धियों के बारे में लिखते हैं। आपके लिए सबसे प्रासंगिक जानकारी:
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महिलाओं की सुन्नत : एक कुप्रथा- आरिफा खातून - विश्वहिंदीजन
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महिलाओं की सुन्नत : एक कुप्रथा- आरिफा खातून
VISHWAHINDIJAN 11:11:00 pm आलेख,
महिलाओं की सुन्नत (ख़तना) का उदय कब हुआ इस सम्बन्ध में मतभेद है, विद्वानों का मानना है कि इसकी शुरुआत उत्तर-पश्चिम अफ्रीका में ईसाई और इस्लाम धर्म के आने से पहले हुआ (अस्साद 1980). पैगम्बर मोहम्मद साहब के समय भी महिलाओं की सुन्नत का ज़िक्र मिलता है. सहीह मुस्लिम किताब 41 हदीस 5251 में कहा है कि "मदीना में एक औरत एक बच्ची का ख़तना कर रही थी रसूल वहां गए और उस औरत से कहा कि इस बच्ची की योनी को इतनी गहराई से मत छिलना जिससे योनी कुरूप हो जाये और इस बच्ची के पति को पसंद ना आये"(अहमद 2000). दुनिया भर में महिलाओं का ख़तना सांस्कृतिक रिवायत का हिस्सा है. महिला सुन्नत कई धार्मिक समूहों मुस्लिम, ईसाई, और यहूदी के बीच पाया जाता है. हालाँकि किसी भी धर्म में महिलाओं के ख़तने या सुन्नत का आदेश नहीं है. यह प्रथा उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व और एशिया देशों में आज भी प्रचलित है.
महिलाओं की सुन्नत पितृसत्तात्मक शक्ति, सांस्कृतिक पिछड़ापन, सार्वभौमिक मानवाधिकार के प्रति हिंसा को प्रदर्शित करती है. सुधा अरोड़ा (2009) के मुताबिक "जिन समुदायों में यह प्रथा प्रचलित है, उनमें अक्सर पुरुष उन लड़कियों से शादी करने से इनकार कर देता हैं जिनका सुन्नत नहीं करवाया गया होता. ऐसी स्थिति में औरतों के सामने सुन्नत कराने पर राजी होने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता". सुन्नत औरतों की स्वछंदता को नियंत्रित करने तथा महिलाओं को उनके वैवाहिक जीवन में वफ़ादार बनाने का पहला चरण है. महिलाओं के जननांग में क्लिटोरिया हुड होती है और इस क्लिटोरिया हुड को छेड़ने अथवा दबाने से महिलाओं में यौन इच्छा तथा सेक्स के प्रति उत्तेजना बढ़ जाती है तथा सेक्स के दौरान उन्हें आनंद की अनुभूति देती है. क्लिटोरिया को काटना औरतों की यौन इच्छा और कामोत्तेजना की क्षमता को कम या समाप्त कर देता है, यह एक तरह से औरतों की अनियंत्रित कामुकता को नियंत्रित करने का एक तरीका है. महिलाओं का ख़तना इसलिए किया जाता है ताकि वह शादी से पहले किसी से यौन सम्बन्ध स्थापित करने की इच्छा न रखें तथा पति के अलावा किसी और से सम्बन्ध न बना सकें. यह उनके मानवाधिकार का हनन है तथा महिलाओं के साथ एक तरह की साजिश भी कि जहाँ पुरुषों का ख़तना उनकी यौन शक्ति को बढ़ने के लिए किया जाता है, वही महिलाओं का ख़तना उनकी यौन शक्ति को कम करने के लिए. मुख्यतः सुडान, सोमालिया और माली (जहाँ क्लिटोरिया को काट कर सिल दिया जाता है) में महिलाओं के शरीर पर नियंत्रण का बहुत ही नाटकीय रूप देखने को मिलता है. यहाँ पर महिलाओं को वधु मूल्य देकर ख़रीदा जाता है. शादी की पहली रात औरत का सील तथा प्रसव या बच्चे के जन्म के समय घाव को खुला होना चाहिए जोकि ख़तने के समय बंद किया जाता है. बच्चे के दुग्धपान के दौरान सम्भोग प्रतिबंधित होता है तो ऐसा भी हो सकता है कि योनी के घाव को फिर से बंद कर दिया जाय और फिर पति की इच्छा के अनुसार दुबारा खोल दिया जाय (फी, 1980).
सुन्नत के ज़रिये महिलाओं को अंग-भंग का शिकार बनाने की यह अमानवीय प्रथा विश्व के लगभग चालीस देशों में प्रचलित है जिनमें से प्रमुख हैं – नाइजीरिया, इथियोपिया, सूडान, और केन्या. संयुक्त राष्ट्र जनसँख्या कोष की रपट के मुताबिक विश्व भर में हर साल लगभग बीस लाख लड़कियां सुन्नत के नाम पर की गई बर्बरता की पीड़ा झेल रहीं हैं. यह बर्बर प्रथा अफ्रीका के पश्चिमी तट के देशों, अरब प्रायद्वीप के दक्षिण भागों, फारस की खाड़ी के आस-पास तथा अन्य यूरोपीय एवं उत्तर अमेरिका के देशों के विभिन्न जातीय समुदायों में प्रचलित है (अरोड़ा, 2009). अफ़्रीकी देश की महिलाएं जोकि अन्य देशों में हैं, जैसे इंग्लैण्ड और ब्रिटेन में भी उन्हें इस प्रथा का सामना करना पड़ रहा है. जनसंख्या सन्दर्भ ब्यूरो(Population Reference Bureau) द्वारा Female Genital Mutilation/Cutting पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत है जिसमें उन क्षेत्रों और ख़तने की प्रतिशतता को दर्शाया गया है –
SURVEY/YEAR
PREVELENCE BY GEOGRAPHICAL AREA (%)
DHS 2011-12
MICS 2011
DHS 2008-09
DHS 2010 -11
PAPFAM 2003
आंकड़ों के मुताबिक, चांड, माली और नाइजीरिया को छोड़कर अफ्रीका के अधिकतर देशों में महिलाओं की सुन्नत (ख़तना) की प्रतिशतता शहरी क्षेत्रों के मुक़ाबले ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक है. इन सभी देशों में से सबसे अधिक प्रतिशतता दर्शाने वाला देश सोमालिया है.इस रिपोर्ट के मुताबिक पहले, दुसरे एवं तीसरे स्थान पर क्रमशः सोमालिया, गीनिया एवं इजिप्ट हैं. आंकड़ों की प्रतिशतताको देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अफ़्रीकी देशों में महिलाओं की सुन्नत जैसी कुप्रथा कितने वृहद स्तर पर फैली हुई है .
विश्वा स्वास्थ संगठन (2007) ने महिला सुन्नत को चार प्रकार का बताया है- 1. क्लिटोरिया को अंशतः या पूरी तरह से कटा जाता है 2. क्लिटोरिया एवं लिबिया मनोरा को पूरी तरह कटा जाता है. 3. लेबिया मनोरा या मेजोर को पकड़कर सिल दिया जाता है. 4. स्त्री जननांग के साथ अन्य नुकसान देह क्रियाकलाप जिसमें छिलना दागना इत्यादि शामिल है. विशिष्ट रूप से, पारंपरिक दाइयाँ इस कार्य को अंजाम देती हैं, लेकिन कुछ देशों में चिकित्सकों द्वारा भी सुन्नत कराया जाता है. सुन्नत करने के लिए ब्लेड या कांच के टुकड़े का इस्तेमाल किया जाता है. अगर डॉक्टर सुन्नत करता है तो एनेस्थीसिया का इस्तेमाल करता है. रक्तस्त्राव को रोकने के लिए तरह-तरह की चीज़े रगड़ दी जातीं हैं जिनसे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. ख़तना लड़कियों और महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ पर बहुत ही गंभीर प्रभाव डालता है. मुख्यतः उन महिलाओं /लड़कियों का जिनके क्लिटोरिया और लीबिया मनोरा दोनों को काट तथा सिल दिया जाता है. विश्व स्वास्थ संगठन (2006) के अध्ययन के मुताबिक, महिलाओं का ख़तना (Female genital mutilation/cutting) प्रसव की जटिलताओं को बढ़ाता है और यहाँ तक की मातृ मृत्यु भी हो जाती है. इसके अलावा और भी कई समस्याएं जैसे- भयानक दर्द, नकसीर, टिटनेस, संक्रमण, बाँझपन, रसौली और फोड़ा, पेशाब सम्बन्धी असंयम और मनोवैज्ञानिक और सम्भोग सम्बन्धी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. लड़कियों का ख़तना करने की उम्र मुख्यतः चार वर्ष से लेकर दस वर्ष के बीच की होती है, हालाँकि कुछ संस्कृति में जन्म के कुछ दिन बाद ही या लड़कियों की शादी से कुछ दिन पहले भी ख़तना कराया जाता है.जनसंख्या रेफरेंस ब्यूरो (2013) ने अपनी रिपोर्ट में आयु के आधार पर महिला ख़तने का आंकड़ा प्रस्तुत किया, जिसमें 29 देशों में 15-49, 15-19, एवं 45-49 वर्ष की लड़कियों/महिलाओं में ख़तने की दर को दर्शाया है. जोकि इस तालिका के माध्यम से दर्शाया गया है-
PREVELENCE BY AGE (%)
जैसा की स्पष्ट है उपरोक्त तालिका को आयु के आधार पर तीन श्रेणी में बांटा गया है. पहला 15-49 वर्ग, दूसरा 15-19, तीसरा 45-49. इन तीनों आयु वर्गों को देखकर स्पष्ट होता है की तीसरे वर्ग (जोकि 45-49 वर्ष की महिलाओं का है) में सुन्नत की प्रतिशतता दर सभी देशों में अधिक है तथा 15-19 आयु वर्ग में उससे थोडा कम है. इन तीनों वर्गों में सोमालिया में सबसे महिला सुन्नत की दर सबसे अधिक एवं युगांडा में ख़तने की दर सबसे कम है.
Christine De Saint Genois Grand Breucq जोकि ग्लोबल अलायंस अगेंस्ट फीमेल जेनिटल म्यूटीलेशन की ब्रांड एम्बेसडर हैं, कहती हैं कि औरतें तो पहले से ही भेदभाव, शोषण, हिंसा जैसी अनेक समस्याओं से जुझ रही हैं लेकिन अब उनकी शारीरिक अखंडता पर प्रहार कभी नहीं. हमें इसके खिलाफ एकजुट होकर इसको ख़त्म करना होगा और लोगों की अभूतपूर्व मानसिकता को बदलना होगा. क्रिस्टिन महिलाओं के अधिकारों को लेकर लड़ रही हैं. Paula Heredia द्वारा निर्देशित फिल्म अफ्रीका राइजिंग एक डाक्युमेंटरी फिल्म है जिसमें एफ़.जी.एम. को पूरे अफ्रीका में ख़त्म करने के लिए जमीनी स्तर पर चल रहे आन्दोलनों को दिखाया गया है. विश्व भर में इस घृणित प्रथा को ख़त्म करने का प्रयास तो किया जा रहा है लेकिन अभी तक इस मामले में कुछ खास सफलता नहीं पाई जा सकी है. Equality now लड़कियों और महिलाओं के मानवाधिकार के संरक्षण के लिए काम कर रही है. इस संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका में 506,795 लड़कियों एवं महिलाओं पर खतने का संकट है तथा 50 में से 26 राज्यों में महिला ख़तना के विरुद्ध कोई कानून नहीं है. हाल ही के वर्ष 2014 में इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया (आई.एस.आई.एस.)के जिहादी आतंकवादियों ने 11 से 46 साल की सभी औरतों का ख़तना करने का फ़तवा जारी किया है जबकि यह प्रथा इराक में सामान्य नहीं है.
इस अमानवीय प्रथा को समाप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोशिश हो रही है. 1994 में काहिरा में संपन्न अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में यह स्वीकार किया गया कि महिला सुन्नत मानवाधिकार का उल्लंघन है और इससे महिलाओं स्वास्थ्य व जीवन को खतरा है. कई देशों में इस प्रथा पर रोक लगाने के लिए कानून भी बनाए गए हैं(अरोड़ा, 2009).सवाल यह उठता है की आख़िर कब तक और किस हद तक औरतों को अमानवीयता सहनी पड़ेगी. भेदभाव, बलात्कार, शोषण की शिकार तो वह सदियों से बन ही रही हैं. साथ ही खतने जैसी दर्दनाक परिस्थितयों का सामना भी करना पड़ रहा है. निष्कर्ष यह निकलता है कि जिन देशों में सुन्नत की प्रथा को अपनाया जा रहा है वहां की सरकार को इसे खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाना चाहिए तथा महिला मानवाधिकार संगठन को इसके दोषियों को सरकार से कड़ी सज़ा का आह्वाहन करना चाहिए.
· Assaad, M.B.(Jan 1980). Circumcision in Egypt : Social Implications, current Research and Prospects for Change. Population Council.
· Ahmad, Imad-ad-Dean(2000). Female Genital Mutilation: An Islamic Perspective. Minaret of Freedom Institute.
· अरोड़ा, सुधा (2009). आम औरत जिंदा सवाल . सामायिक प्रकाशन, नई दिल्ली
· Fee, Elizabeth (1980). Review. Women Sex and Sexuality. University of Chicago Press.
· Female Genital Mutilation/Cutting: Data and Trend 2014. Population Reference Bureau
· http://www.global-alliance-fgm.org/en-gb/ambassadors.aspx
· http://www.equalitynow.org/take_action/fgm_action611
·http://naidunia.jagran.com/world-iraq-jihadists-order-genital-mutilation-of-all-woman-147808#sthash.C1D1T5bA.dpuf |
nargis fakari will be included the bhatt camp - क्या भट्ट कैंप में शामिल होंगी नरगिस फाखरी? - HindiLok.com
क्या भट्ट कैंप में शामिल होंगी नरगिस फाखरी?
नरगिस फाखरी। बॉलीवुड की इस बिंदास बाला के खाते में अभी तक सिर्फ एक फिल्म है। रॉकस्टार। लेकिन, प्राग की इस खूबसूरत बाला को बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने का हुनर शायद मालूम है।
फिल्म रॉकस्टार से पहले रणबीर कपूर से अफेयर के साथ सुर्खियों में आई नरगिस फाखरी ने अब चर्चा का एक और मुद्दा पाया है। वह भट्ट कैंप में शामिल होने जा रही हैं। सूत्रों की मानें तो नगरिस ने इस तरह के संकेत दिए ैहं।
हाल ही में उनके महेश भट्ट से मुलाकात की खबरे आई हैं। दोनों ने अभी किसी बात पर रजामंदी जाहिर नहीं की है लेकिन एक स्क्रिप्ट पर बात होने की खबर है। यह स्क्रिप्ट नरगिस के एक लेखक दोस्त की है। यह विवाहेतर संबंधों पर आधारित है। इसकी नायिका बेहद बोल्ड है। नरगिस के कहने पर उनके दोस्त ने ऐसी कहानी तैयार की है। नरगिस ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे बहुत रोमांटिक हैं। उन्हें रोमांटिक फिल्मों से बहुत प्यार है।
महेश भट्ट इस तरह के विषयों की तलाश में रहते हैं, लिहाजा नरगिस को फिल्म के लिए भट्ट कैंप से बेहतर कोई दूसरी जगह नहीं लगी। वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि नरगिस का चेहरा मोहरा आम मुंबइया फिल्मों के लिए नहीं है और उन्हें यहां फिल्में नहीं मिल रही हैं लिहाजा वह बोल्ड फिल्मों में काम करने को राजी हो रही हैं।
हाल ही में एक मशहूर मैगजीन के लिए उन्होंने फोटो शूट करवाया। उनमें वे बेहद ग्लैमरस अवतार में थी। वे पर्दे पर लव मेकिंग और किसिंग सीन को लेकर भी सहज हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि भट्ट कैंप भी उन्हें अपनी फिल्मों में काम देने पर राजी हो जाए। |
गोवा में बीच पर मस्ती करते दिखे नोरा फतेही और गुरु रंधावा, फोटोज वायरल
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गोवा में बीच पर मस्ती करते दिखे नोरा फतेही और गुरु रंधावा, फोटोज वायरल
तस्वीरों को पापाराजी विरल भयानी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर किया शेयर
Update: Sunday, December 12, 2021 @ 12:02 PM
देश-विदेश की फिल्म इंडस्ट्री से अकसर हीरो-हीरोइन के अफेयर्स व डेटिंग (dating) की खबरें आती रहती हैं। इन दिनों बॉलीवुड की सुपरस्टार डांसर नोरा फतेही और जाने-माने पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। तस्वीरों को पापाराजी विरल भयानी ने अपने इंस्टाग्राम (instagram) अकाउंट पर शेयर किया है।
ये भी पढ़ें- जैकलीन फर्नांडिस ने डेटिंग के वक्त शेयर की ये फोटोज, 10 करोड़ के गिफ्ट्स की बनी शिकार
हाल ही में नोरा फतेही (Nora Fatehi) और गुरु रंधावा (Guru Randhawa) गोवा के एक बीच में साथ घूमते नजर आए हैं। वीडियो में नोरा फतेही शॉर्ट्स और क्रॉप टॉप पहने हुए नजर आई हैं, जबकि गुरु रंधावा शॉर्ट्स-शर्ट पहने हुए है। दोनों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। गुरु रंधावा और नोरा फतेही दोनों साथ में हंसी मजाक करते हुए नजर आ रहे हैं। दोनों की ट्यूनिंग लोगों को उनके रिलेशनशिप स्टेटस के बारे में सोचने को मजबूर कर रही है। गुरु रंधावा एक कमाल का सिंगर व परफॉर्मर है, जबकि नोरा फतेही की डांसिंग स्किल्स (dancing skills) का हर कोई दीवाना है। इंस्टाग्राम में इनके फोटोज पर कई तरह की कमैंट्स भी किए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि शायद दोनों एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं। हालांकि इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। |
'बधाई दो' की शूटिंग शुरू, मूंछों में दिखे राजकुमार राव, बेहद प्यारे हैं दोनों का किरदार- Details Rajkummar Rao & Bhumi Pednekar Badhaai Do shooting starts here is film full details - Hindi Filmibeat
| Updated: Tuesday, January 5, 2021, 20:20 [IST]
भूमि पेडनेकर और राजकुमार राव की फिल्म बधाई दो की शूटिंग शुरू हो चुकी है। दोनों स्टार्स ने एक साथ फोटो शेयर कर इस बात की जानकारी दी। बीते साल इस फिल्म का ऐलान हुआ था। बधाई दो फिल्म एक फैमिली कॉमेडी फिल्म है। साल 2018 में आई आयुष्मान खुराना, सान्या मल्होत्रा और नीना गुप्ता की फिल्म बधाई हो का ये सीक्वल है। पिछली फिल्म भी हिट साबित हुई थी और अब इस बार राजकुमार राव इस सीक्वल में धमाल मचाने को एकदम तैयार है।
राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर ने अपने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक फोटो शेयर की। जिसमें दोनों क्लैपबॉर्ड हाथ में थामे नजर आ रहे हैं। दूसरी फोटो में बधाई दो के डायरेक्टर हर्षवर्धन कुलकर्णी भी दिख रहे हैं। राजकुमार राव और भूमि ने इस फोटो पर लिखा,
शुरू हो गई है हमारी कहानी
जहां है दोनों राजा और रानी शार्दुल और सुमी है एकदम प्यारे
ये दोनों है सिचुऐशन के मारे
मिलेंगे हम आपसे जल्द
हो जाएगा तब सब क्लियर और तब हम कहेंगे बधाई दो।'
राजकुमार राव ने फिल्म के लिए बदला लुक
राजकुमार राव लेटेस्ट फोटो में मूंछे वाला लुक में नजर आ रहे हैं। उन्होंने बधाई दो के लिए नया लुक लिया है। वरना राजकुमार राव क्लीन शेव ही नजर आते हैं।
बधाई दो में ये किरदार निभाएंगे राजकुमार और भूमि
राजकुमार और भूमि ने जो पोस्ट शेयर किया है उससे दोनों के किरदारों का भी खुलासा होता है। फिल्म में राजकुमार शार्दुल और भूमि सुमी का किरदार निभाती नजर आएंगी। बताया जा रहा है कि राजकुमार दिल्ली पुलिसवाले का रोल निभाने वाले हैं तो वहीं भूमि पीटी टीजर के रोल में दिखेंगी।
उत्तराखंड में पहला शेड्यूल
बधाई दो का पहला शेड्यूल उत्तराखंड में शूट होना है। इसके लिए राजकुमार समेत पूरी टीम उत्तराखंड पहुंच चुकी है। सेट पर आने से पहले स्टार्स व अन्य कलाकारों समेत सभी टीम मेंबर्स का कोरोना टेस्ट भी हुआ।
बधाई दो फिल्म
बधाई दो फिल्म में राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर लीड रोल में हैं तो वहीं फिल्म को हर्षवर्धन कुलकर्णी डायरेक्ट कर रहे हैं। 'बधाई दो' को जंगली पिक्चर्स के प्रॉडक्शन के तले बनाया जा रहा है। इससे पहले जंगली पिक्चर्स ने कई हिट फिल्में दी हैं जिसमें 'तलवार', 'बरेली की बर्फी', 'राजी', 'बधाई हो' जैसी फिल्में शामिल है।
राजकुमार राव की अपकमिंग फिल्म द व्हाइट टाइगर है।जिसमें वह प्रियंका चोपड़ा के साथ अहम रोल में नजर आने वाले हैं। ये फिल्म 22 जनवरी को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी। जिसे रमिन बेहरानी द्वारा डायरेक्ट किया गा है। ये फिल्म 2008 में आए नोवल द व्हाइट टाइगर पर आधारित है।
रूही अफ्जाना
ये फिल्म राजकुमार राव और जाह्नवी कपूर की है। जोकि जून 2020 में रिलीज होनी थी लेकिन कोरोना के चलते रिलीज नहीं हो पाई। फिलहाल इसकी रिलीज पोस्टोपन कर दी गई है। अब देखना है कि ये कब रिलीज होती है।
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06:59 Apr 08, 2020
By: पूनम शंकर, The Mobile Indian, New DelhiLast updated : November 13, 2018 12:43 pm
आईबॉल ने भारत में एक नया टैब स्लाइड एलन 3x32 नाम से लॉन्च कर दिया है। ये नया टैबलेट 16,999 रूपए की कीमत के साथ है और बिक्री के लिए देशभर में सभी मुख्य रिटेल स्टोर्स पर बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।
बात करें इसके स्पेसिफिकेशंस की तो इसमें 10.1 इंच का IPS डिस्प्ले है जिसका स्क्रीन रेज्योलेशन 1280 x 800 पिक्सल्स है। इसके साथ ही इसमें 1.3GHz क्वाड-कोर प्रोसेसर, 3GB रैम और 32GB की इंटरनल स्टोरेज क्षमता है जिसे कि माइक्रो एसडी कार्ड से 64GB तक एक्सपेंड किया जा सकता है।
बात करें इसके कैमरा की तो इसमें 5 मेगापिक्सल का रियर कैमरा LED फ्लैश और ऑटोफोकस क्षमता के साथ है। वहीं फ्रंट के लिए इसमें 2 मेगापिक्सल का कैमरा LED फ्लैश के साथ है। ये नया टैबलेट एंड्रॉयड 8.1 ओरियो ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित है।
इसके अलावा इस नए टैबलेट में 7000mAh क्षमता वाली बैटरी दी गई है जिसके लिए कंपनी का कहना है कि ये 20 दिनों के स्टैंडबाय टाइम के साथ है। वहीं इसकी वीडियो प्लेबैक क्षमता 6 घंटे और ऑडियो प्लेबैक क्षमता 23 घंटे है। कनेक्टिविटी के लिए इसमें 4G VoLTE, USB OTG सपोर्ट, वाई-फाई, हॉटस्पॉट, ब्लूटूथ, GPS और A-GPS, माइक्रो USB पोर्ट, DC चार्जिंग पोर्ट और FM रेडियो के साथ FM रिकॉर्डिंग की भी क्षमता है।
आईबॉल स्लाइड एलन 3x32 में पहले से ही माइक्रोसॉफ्ट की वर्ड, एक्सेल और पावरपॉइंट एप्स आदि प्री-इंस्टॉल रुप से दी गई हैं। वहीं यूजर्स चाहें तो इसमें क्षेत्रीय भाषाओं के माध्यम से भी बाकी लोगों से कनेक्ट हो सकते हैं, जिसके लिए इसमें 22 भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं का सपोर्ट दिया गया है। इसकी मदद से यूजर्स अपनी मर्जी से जिस भी भाषा में चाहें इस टैबलेट को प्रयोग कर सकते हैं और इसमें पढ़ सकते हैं।
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मीडिया Now - दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट से कहा- श्रीनिवास, गंभीर और बाकी सब बिना किसी स्वार्थ के कर रहे जरूरतमंदों की मदद
दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट से कहा- श्रीनिवास, गंभीर और बाकी सब बिना किसी स्वार्थ के कर रहे जरूरतमंदों की मदद
medianow 17-05-2021 13:54:29
नई दिल्ली। अखिल भारतीय युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी सहित विभिन्न राजनेताओं के खिलाफ कोविड-19 दवाओं की कालाबाजारी और अवैध वितरण के आरोपों पर प्रारंभिक रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि ये सभी लोग स्वेच्छा से और बिना किसी भेदभाव के अन्य लोगों की मदद कर रहे हैं. इससे पहले पुलिस ने श्रीनिवास के अलावा आप विधायक दिलीप पांडे, बीजेपी सांसद गौतम गंभीर और अन्य से पूछताछ की थी.
क्राइम ब्रांच कोर्ट को रिपोर्ट पेश करते हुए कहा, "अब तक की गई जांच से पता चला है कि जिन लोगों पर दवाओं और स्वास्थ्य उपकरण की जमाखोरी करने का आरोप है, वे वास्तव में लोगों को दवा, ऑक्सीजन, प्लाज्मा या अस्पताल के बिस्तर के रूप में चिकित्सा सहायता प्राप्त करने में मदद कर रहे हैं. जरूरतमंदों को दी सहायता के लिए किसी को धोखा नहीं दिया गया है. यह सहायता पूरी तरह स्वैच्छिक है और बिना किसी भेदभाव के की गई है.
क्राइम ब्रांच ने की थी पूछताछ
इससे पहले श्रीनिवास और अन्य से क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की थी. इस दौरान कोर्ट ने आरोप लगाया था कि मेडिकल माफियाओं और राजनेताओं की सांठगांठ से दवाओं का अवैध वितरण किया जा रहा है. वहीं, 4 मई को जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की खंडपीठ ने सीबीआई जांच की अपील को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता डॉक्टर दीपक सिंह को पुलिस से संपर्क करने को कहा. कोर्ट ने आरोपों की जांच पर पुलिस से स्थिति रिपोर्ट भी मांगी थी. इस संदर्भ में कोर्ट ने पुलिस को जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे. |
Taironas संस्कृति, सीमा शुल्क और कला / सामान्य संस्कृति | Thpanorama - आज खुद को बेहतर बनाएं!
Taironas संस्कृति, सीमा शुल्क और कला
Taironas यह एक स्वदेशी समूह था जो दो हजार से अधिक वर्षों तक कई कोलम्बियाई बस्तियों में रहता था। कोलम्बियाई क्षेत्र के उत्तर में स्थित, सांता मार्टा के सिएरा नेवादा में टैरोना संस्कृति, तीन विभागों के क्षेत्र शामिल थे: सीज़र, मैग्डेलेना और ला गुजीरा। यह क्षेत्र महत्वपूर्ण नदियों द्वारा नहाया गया है: सीज़र, रंचेरिआ, पालोमिनो, डॉन डिएगो, गुआतापुरी, फंडाकियोन और अरकाटा.
वहाँ Taironas के बारे में बहुत कुछ ज्ञात नहीं है। स्यूदाद पर्दिदा, जिसे तेयुन या बरिटाका -200 के रूप में भी जाना जाता है, इस संस्कृति द्वारा वर्ष 800 में स्थापित किया गया शहर था और 1600 तक आबाद था.
सिएरा नेवादा डी सांता मार्टा 17,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। इसकी चोटियाँ Colón और Bolívar सिएरा की सबसे ऊँची चोटियाँ हैं जिनकी ऊँचाई 5,775 मीटर है; कोलंबिया में सबसे ज्यादा और समुद्र के पास की दुनिया.
सिएरा नेवादा डी सांता मार्टा के पहाड़ी और खड़ी इलाके ने जनजातियों को छोटी और बड़ी भूमि में निवास करने के लिए प्रेरित किया, जिससे कैसिकाज़ोस, प्रदेशों के गठन की सुविधा हुई जहां कैकिक की कमान थी.
यह लोग लेखन को नहीं जानते थे और वे घूमने के लिए पहिया और जानवरों का उपयोग करते थे। उन्होंने चिबाचा बोला और पुरुषों ने बहुविवाह और बहिर्गमन का अभ्यास किया, अर्थात वे विभिन्न जनजातियों के सदस्यों के साथ प्यार कर सकते थे.
फिर मैं आपको कुछ सबसे दिलचस्प और उत्सुक अजीबताओं को छोड़ देता हूं, जिसके लिए यह स्वदेशी समूह बाहर खड़ा था.
Taironas के लक्षण
Taironas की अर्थव्यवस्था मूल रूप से कृषि थी और इसमें मकई, कद्दू, सेम, अर्राच या युक्का की खेती की विशेषता थी, जो कि दुनिया के कुछ मुख्य जातीय समूहों द्वारा खेती की गई थी। टायरों ने गुआनाबाना, अनानास, अमरूद और एवोकैडो भी खाया.
देशी लोगों ने विभिन्न उत्पादों की फसल की सुविधा के लिए विभिन्न प्रकार के थर्मल फ़्लोर का उपयोग किया, अर्थात भूमि के विभिन्न तापमान.
जलवायु विविधता के संदर्भ में, यह समशीतोष्ण क्षेत्रों (मध्यम तापमान) के माध्यम से समुद्र की गर्म भूमि से लेकर ठंडे और ऊंचे पहाड़ों तक फैला हुआ है, जिनके बड़े कृषि उत्पादन ने 700 से अधिक वर्षों तक आबादी को बनाए रखा। विशेष रूप से नौवीं शताब्दी से ईसाई युग के सोलहवीं शताब्दी के अंत तक.
इसके अलावा, Taironas में अक्सर उत्सव या विशेष दिनों के लिए मछली या बकरी के मांस या कृन्तकों की अधिक खपत होती थी। कारण कि शिकार करने वाले जानवरों की तुलना में मछली पकड़ना अधिक महत्वपूर्ण था.
सामान्य तौर पर, इन समुदायों ने उत्पादों के आदान-प्रदान का अभ्यास किया। उदाहरण के लिए, गर्म भूमि के निवासियों ने नमक, कपास, मछली और घोंघे का उत्पादन किया जो मध्यम भूमि के जनजातियों के लिए कोका, मक्का और फल के लिए बदले गए थे; और ठंडे क्षेत्रों के समूहों के लिए आलू और अन्य उत्पादों के लिए.
आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग काम करता है
उनके इंजीनियरिंग कार्य व्यावहारिक रूप से परिपूर्ण थे और किसी भी मामले में यह पर्यावरण को प्रभावित नहीं करता था। मोटे तौर पर, समूह ने हमेशा अपनी जनसंख्या घनत्व के बावजूद पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखा, जो लगभग 200 लोगों के 3,000 लोगों तक घूमता था।.
सबसे उत्कृष्ट निर्माणों में पहाड़ों में पत्थर की दीवारों को बनाए रखना है, जिनकी ऊंचाई 9 मीटर तक है। आम तौर पर वे छतों के समर्थन के रूप में सेवा करते थे, सड़कों को चिह्नित करते थे, पानी के प्रवाह को देखते थे और पहाड़ों के कटाव से बचते थे.
गोलाकार छतों की आकृति, अर्धवृत्ताकार या अंडाकार, स्थान के अनुसार विविध और उपयोग जो उन्हें दिए जाने वाले थे। अंडाकार उच्चतम भागों में बनाए गए थे। सामान्य तौर पर, आकार 50 और 880 वर्ग मीटर के बीच होता था.
छतों पर उन्होंने हट्स बोहियो प्रकार का निर्माण किया, जिसकी मुख्य संरचना लकड़ी से बनी थी। बेलनाकार दीवारों को गन्ने के साथ प्रबलित किया गया था और मैट के साथ इंटरव्यू किया गया था और शंक्वाकार छत पुआल से लैस थी.
प्रचुर वर्षा शासन के कारण, उन्हें पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए तकनीकों को सही करने के लिए मजबूर किया गया था। सिंचाई प्रणाली में विशेष चैनल थे जो रेगिस्तानी इलाकों में कटाव को रोकते थे। दिलचस्प बात यह है कि जो भूमिगत चैनल बनाए गए थे, वे अभी भी काम कर रहे हैं.
संचार मार्गों की दक्षता ने मुख्य सड़कों को उन धार्मिक पंथों के साथ जोड़ा, साथ ही उन कैसिकाज़ो (जनजाति) के परिवारों के साथ, जहां फसलें बनी थीं।.
उनके महान कौशल ने उनके विशाल पत्थर के काम की अनुमति दी है, जंगल के नीचे 500 से अधिक वर्षों तक दफन होने के बाद, खोजे जाने के लिए, आप उनकी रचना के कार्यों को पूरा कर सकते हैं.
Taironas शहरी डिजाइन के एक उच्च स्तर पर पहुंच गया, तकनीकी, प्रशासनिक, सामाजिक और आर्थिक मानकों के सेट के रूप में समझा जाता है जो एक क्षेत्र के कामकाज और सामंजस्यपूर्ण, तर्कसंगत और मानव विकास को नियंत्रित करता है।.
उन्होंने उस क्षण का एक पूर्ण एकीकरण हासिल किया जिसमें वे भविष्य के अपने प्रक्षेपण के साथ रहते थे और उन्होंने पर्यावरण को बदलने की कोशिश नहीं की, लेकिन इसे अनुकूल बनाने के लिए जैसा कि उन्होंने पाया, एक बार अनुकूल निपटान के स्थान के रूप में चुना।.
वे जानते थे कि आवास वितरण और शोषण के बीच संतुलन कैसे बनाए रखा जाए। वास्तव में, यह चाटुकार थे जिन्होंने लूटपाट, हिंसा और वर्चस्व की अपनी प्रथाओं के साथ उस संतुलन और सामान्य विकास को तोड़ दिया.
यह शहरी योजना एक इकाई थी: आवास की छत - परिवार समूह - आसन्न उत्पादन क्षेत्र, व्यक्ति या समुदाय। इस ग्राफिक को दोहराया और गुणा किया गया था, हमेशा उत्पादन निवास स्थान के संबंध को संरक्षित करता है.
सुनार, चीनी मिट्टी की चीज़ें, कपड़ा और संगीत वाद्ययंत्र
पूर्व-हिस्पैनिक अमेरिका की सबसे उन्नत संस्कृतियों में से एक, टेरोनस ने एक असाधारण सोने का पानी विकसित किया जो अन्य लोगों की तुलना में ऊपर खड़ा था। इनमें से अधिकांश वस्तुएं आभूषण थीं जिनका उपयोग शरीर को सजाने के लिए किया जाता था.
प्रसिद्ध विस्तृत पेक्टोरल, हथौड़े वाले सोने में, सूर्य, जानवरों और पुरुषों के आंकड़ों के साथ, वे उन देवताओं का प्रतिनिधित्व करते थे जिनकी वे पूजा करते थे: सूर्य, चंद्रमा, पृथ्वी, जगुआर और नाग। नाक के छल्ले, झुमके और उदात्त आभूषण ने उन जानवरों की विशेषताओं को स्टाइल किया है जिनके गुणों को व्यक्ति ने उन्हें पहना था.
प्रतीक के रूप में, समूह के कलाकारों ने क्षेत्र से हड्डी और चीनी मिट्टी की चीज़ें बनाने के लिए मानव को जानवर के साथ जोड़ा। इनमें से कुछ वस्तुओं में पिघले हुए मोम और फिलाग्री के साथ काम को भी हाइलाइट किया गया है.
इन जनजातियों के पुरुषों और महिलाओं ने ऊतक बनाए जिसमें उन्होंने अपनी भावनाओं, सोच और अभिनय का एक नमूना लिया। उन्होंने ऊतकों के साथ एक संपूर्ण उद्योग विकसित किया और रंगीन पंखों का उपयोग किया और दुश्मनों की मानव हड्डियों के साथ युद्ध में मारे गए लोगों ने बांसुरी बनाई.
तेयुना, आध्यात्मिक और वाणिज्यिक केंद्र
इस क्षेत्र में जाने से, बुरीतका नदी की घाटी के माध्यम से, 1,200 कदम हैं जो तेरोनास के खोए हुए शहर (लोकप्रिय नाम) तक पहुंचते हैं, और आबादी का आध्यात्मिक और वाणिज्यिक केंद्र होने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।.
वहाँ, समुद्र तल से 1,200 मीटर की ऊँचाई पर, आप पहली बार देख सकते हैं कि पत्थर की दीवारों पर बनी छतों पर बने मकान। इसकी खोज तक, 1.973 में, तेयुना, जो चिबाचा में है पृथ्वी के लोगों की उत्पत्ति, 375 वर्षों तक भूल गया.
1525 में स्पैनिश के सांता मार्टा के तटों तक पहुंचने के कारण, भारतीय लोग अधिक से अधिक ध्यान पर्वत श्रृंखला के आंतरिक भाग में ले गए और टियुना में शरण लिए हुए वर्ष 1.540 की ओर बढ़ गए। इसके अलावा, समूह ने प्रत्येक छत पर कुल 280 घरों के लिए दो केबिन बनाए हैं ताकि यह अनुमान लगाया जा सके कि लगभग 1,500 लोगों ने अपनी आबादी बनाई.
तेयुना, ने भी पर्वत श्रृंखला में पाए जाने वाले पुरातात्विक निष्कर्षों की संख्या से बरीटाका 200 को निंदित किया, 1,600 के आसपास और जाहिरा तौर पर महामारी के प्रकोप से बचा था जिसने अपने निवासियों को पृथ्वी छोड़ने पर मजबूर किया.
यह क्षेत्र इस प्रकार तीन शताब्दियों से अधिक समय तक उजाड़ रहा और भारतीयों ने घाटी के किनारे छोटी-छोटी बस्तियों में जो बसाया, वह एक ऐसा क्षेत्र था जिसे जीतने वालों के लिए उपयोग करना मुश्किल था.
हालाँकि मूल निवासी टियुना का दौरा करना बंद कर देते थे, लेकिन उनके कोगुई वंशज जानते थे और गुप्त रूप से इस शहर का सही स्थान रखते थे। लेकिन यह 1970 तक नहीं था जब सिएरा के निचले हिस्से का उपनिवेश करने वाले किसानों ने खजाने को खोजने की संभावना को देखा.
इस तरह से कब्रों की लूट शुरू हुई, एक गैरकानूनी गतिविधि जिसे "ग्वारिया" के रूप में जाना जाता था, और जो लोग इस व्यापार का अभ्यास करते थे उन्हें ग्वारियोस कहा जाता था, जो खजाने के संघर्ष में एक दूसरे को मारने के लिए आए थे। इनमें से कई निष्कर्ष अंतरराष्ट्रीय व्यापार में फिर से प्रकाशित हुए और हमेशा के लिए खो गए.
यह 1976 में है जब कोलम्बियाई सरकार का एक वैज्ञानिक अभियान तेयुना में आया और खोज और छतों के पुनर्मूल्यांकन, बहाली और संरक्षण की प्रक्रिया शुरू की। मिली खोजों में सोने के आभूषण और बारीक नक्काशीदार चीनी मिट्टी के बर्तन थे.
कुछ तलवारें भी मिलीं, जिनमें से यह अज्ञात है अगर वे वहां हैं क्योंकि स्पैनियार्ड खो शहर तक पहुंचने में कामयाब रहे या क्योंकि वे भारतीयों द्वारा युद्ध की ट्रॉफी के रूप में कब्रों में दफन किए गए थे.
अन्य रीति-रिवाज और परंपराएं
Taironas ने विभिन्न रंगों में चित्रित करघा कंबल पहने; ईयरमफ्स, नेकलेस, क्राउन, बेजोट्स, थोड़े से सोने के मोक्विलोस, फाइन और अच्छी तरह से काम करने वाले गहने जैसे गहने। वे उन लोगों के लिए पंख और ताड़ के पंखे भी ले गए, जिन्होंने अपने दिखावटी रंगों के लिए तोते और मकोड़े उठाए.
वे खड्डों में नहाते थे, विशेष रूप से इसके लिए नियत स्थानों पर। वे जल्दी में घूमते हैं और बहुत पतले होते हैं, वे धीरे-धीरे लहराते हैं; उन्होंने बड़े बर्तन या मसल्स में शहद तैयार किया। वे पार्टियों और नृत्यों का आयोजन करते थे और सफाई, खुशी और आलस्य के लिए जगह भी थी क्योंकि बहुत कम काम के साथ भोजन और पोशाक कई दिनों तक होती थी.
500 और 2,000 मीटर की ऊँचाई के बीच, अन्य आबादी कुल 32 शहरी केंद्रों में पाए गए: टाइग्रेस, ऑल्टो डी मीरा, फ्रोंटेरा और टंकुआ। मुख्य रूप से गारवितो, सैन मिगुएल और डॉन डिएगो नदियों की घाटियों में केंद्रित है। अन्य लोग पहले से ही खोए हुए हैं, बोंडा, पॉचिटिका, टेरोनाके बेतोमा.
Taironas की कुछ सांस्कृतिक पहचान के लिए इतना स्पष्ट नहीं है, यह उनके अनुसार, कुछ सामान्य सामाजिक-आर्थिक और वैचारिक विशेषताओं वाले स्वायत्त मानव समूह हैं, जो वाणिज्यिक और आर्थिक विनिमय के संबंधों से एकजुट होंगे.
मौजूदा अंतर पहाड़ों और तट के निवासियों के बीच होगा, जो आर्थिक और सांस्कृतिक निर्भरता के संबंधों के साथ, आज के कोगिस में विद्यमान स्वायत्तता की डिग्री के समान होगा।.
ऐसे लोग हैं जो किसी राज्य के संभावित अस्तित्व को साझा करते हैं जिसका उद्देश्य विजय और वर्चस्व था; हालांकि दूसरों के लिए समाजशास्त्रीय परिस्थितियों ने विभिन्न गांवों के बीच एक संभावित परिसंघ (संधि) की ओर इशारा किया.
कोगी, टायरों के वंशज
कोगी भारतीय, तेरोनों की पैतृक परंपराओं का पालन करते हैं और आज भी वे अपने पूर्वजों की तरह चिबा बोलते हैं। भाषाई रूप से, वे मैक्रोचिबा परिवार से संबंधित हैं और गाराविटो, सैन मिगुएल, पालोमिनो, डॉन डिएगो, गुआतापुरी और रणचेरिया और सेविला नदियों के मुख्यद्वार में बसे हैं।.
वर्तमान में, क्लीयरिंग, फेलिंग और जलन सिएरा नेवादा की भूमि में मुख्य कृषि कार्य तकनीक है, जहां शायद 80 प्रतिशत कुछ हद तक कटाव पेश करते हैं, जो कि, बसने वाले विशेषज्ञों के अनुसार होता है। हालाँकि, प्रकृति के साथ घनिष्ठ संबंध होने के बावजूद भी मूल निवासियों को इस गिरावट के साथ करना पड़ता है.
कोगी वेतनभोगी काम और मुद्रा के प्रचलन को जानता है जिसने सामाजिक आर्थिक संबंधों को किसानकरण की प्रक्रिया में फेंक दिया है।.
वर्ष 2000 के लिए सिएरा नेवादा डी सांता मार्टा में मूल निवासियों की आबादी 32,000 तक पहुंच गई और कोगी, इका और वाईवा से संबंधित थी। इसके अलावा, राज्य के साथ इन समूहों के राजनीतिक संबंध विभिन्न स्वदेशी संगठनों के साथ उन्नत हो रहे हैं.
Cienaga (Magdalena), कार्ल हेनरिक Langebaek, पुरातत्वविद् से सटे तट के साथ Tayronas अर्थव्यवस्था के कुछ पहलू.
2006-2011 में, यूरी लोवरेटो दक्षिण अमेरिका द्वारा अन्वेषण.
द लॉस्ट सिटी ऑफ़ द टाइरोनस। अल्वारो सोटो होलगुइन। इलस्ट्रेटेड संस्करण। प्रकाशक I / m प्रकाशकों, 2006. ISBN 9589343031, 9789589343036. 160 पृष्ठ.
व्हील लैंगेबेक, कार्ल हेनरिक (2010) सियानगा (मैग्डेलेना) के पास तट पर अर्थव्यवस्था टेयॉन के कुछ पहलू। मैं जादू करूंगा; नंबर 5 (1987) 2256-5752 0120-3045.
सांता मार्टा के सिएरा नेवादा के ढलान उत्तर में अन्वेषण। बर्नार्डो वल्ड्र्रामा एंड्रेड और गिलर्मो फोंसेका.
सैंटा मार्टा (1501-1600) के डेर नॉर्डलिचेन सिएरा नेवादा में स्पेनिश-भारतीयसुचेसिनंदेरसेट्ज़ुंग को मरो। 1. हेनिंग बिसोफ़, पुरातत्वविद जर्मन, बॉन 1971.
कोलंबिया और विश्व जेवियर OcampoLópez द्वारा प्रसिद्ध खजाने। रीचेल-डोलमैटोफ़ (1951 और 197) के अनुसंधान एथनोस्टोरिकल. |
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ऑटोमोबाइल मारुति सुजुकी की स्विफ्ट डिजायर एलएक्सआई
Details Masswords 23 May 2017 आज देश की सबसे लोकप्रिय कंपनी मारुति सुजुकी की स्विफ्ट डिजायर एलएक्सआई की लोकप्रियता देखते ही बनती है। यही कारण है कि इसकी वेटिंग अवधि बढ़ती ही जा रही है। गाड़ी की एक्सशोरूम कीमत 5 लाख 45 हजार रुपये है। जबकि यह 14 वेरिएंट में बाजार में उपलब्ध है तथा इसके टॉप मॉडल एएमटी जेडडीआई प्लस की कीमत 9.41 लाख रुपये एक्सशोरूम रखी गई है।
इस कार की विशेषताओं के कारण लोग कंपनी से लम्बा इंतजार करने के बाद भी सिर्फ इसी गाड़ी को खरीदना चाहते हैं। स्विफ्ट डिजायर एलएक्सआई कार की खासीयत है कि 1.2 लीटर का पेट्रोल इंजन और 1.3 लीटर का मल्टीजेट डीजल इंजन इसमें दिया गया है। जिसमें कि 1.2 लीटर का इंजन इसे 85 हॉर्सपावर की ताकत प्रदान करता है। दूसरी ओर 1.3 लीटर का मल्टीजेट इंजन इसे 75 हॉर्सपावर की ताकत प्रदान करता है।
बतादें कि कार की लंबाई यथावत है और कार के एक्सटीरियर में जरूरी बदलाव किए गए हैं। ऑटोमोबाइल इंडियन्स को अभी ओर इंतजार करना होगा टेस्ला का
Details Masswords 23 May 2017 ऑटोमोबाइल नया टेरैनो, रास आ रही उपभोक्ताओं को , कीमत 9.99 लाख रुपये से शुरू
Details Masswords 23 May 2017 ऑटोमोबाइल भारत में एक्सेंट कार की डिमांड बढ़ी
ऑटोमोबाइल Details Masswords 23 May 2017 स्कॉडा की बाजार में इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार जल्द
ऑटोमोबाइल Details Masswords 21 May 2017 बीएमडब्लू, मर्सिडीज-बेंज कोरिया में पहली बार जापान की तुलना में अधिक कार बेचते हैं
ऑटोमोबाइल Details Masswords 20 May 2017 जीएसटी से महंगी कार शोकिनों को ये होगा फायदा ऑटोमोबाइल Details Masswords 20 May 2017 बीएमडब्ल्यू-7 श्रृंखला की दो नई कारें बाजार में Top Stories
ऑटोमोबाइल ऑटोमोबाइल स्कॉडा की बाजार में इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार जल्द
Details Masswords 23 May 2017 नई दिल्ली । इलेक्ट्रिक कारों के बूम की संभावनाओं को देखते हुए अब स्कोडा इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार बनाने पर विचार कर रही है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि यह कार साल 2025 तक बाजार में आ जाएगी। स्कोडा ने खुलासा किया कि एमईबी इलेक्ट्रिकल इस स्पोर्ट्स कार के मैकेनिकल बिट्स तैयार करेगा। माना जा रहा है कि पावर और डायनेमिक्स के पहलू पर यह ढांचा कंपनी को खासा मदद प्रदान करने वाला है।
यह बहुत अच्छी बात है कि इसमें जितनी प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी उतना ही कारों के सस्ता होने के चांस है। गौरतलब है कि पिछले महीने स्कोडा ने विजन ई कॉन्सेप्ट कार शोकेस की थी, जिसमें 2 इलेक्ट्रिक मोटर्स दिए गए थे। यह कार 302 बीएचपी का पावर जेनरेट कर सकती है व इसमें 4-वील ड्राइव फीचर दिया गया था।
वहीं इस कॉन्सेप्ट पर दावा किया गया था कि यह 6 सेकंड में 0-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। एमईबी प्लैटफॉर्म की मदद से स्कोडा को अपनी इलेक्ट्रिक कार्स रियर वील ड्राइव पर लाने में भी मदद मिलेगी। ऑटोमोबाइल बीएमडब्लू, मर्सिडीज-बेंज कोरिया में पहली बार जापान की तुलना में अधिक कार बेचते हैं
Details Masswords 21 May 2017 जर्मन कार निर्माता बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज-बेंज ने दक्षिण कोरिया में जनवरी से अप्रैल की अवधि में जापान की तुलना में अधिक वाहन बेचे, एक उद्योग के आंकड़ों ने 21 मई को दिखाया।कोरिया ऑटोमोबाइल आयातकों और वितरक एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक, बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज-बेंज की वाहन बिक्री क्रमश: 48 प्रतिशत और 32 प्रतिशत सालाना सालाना क्रमशः 18,115 और 24,877 इकाइयों को कोरियाई बाजार में पहले चार महीनों में बढ़ी है।यह पहली बार है कि दो जर्मन कार निर्माता जापान की तुलना में दक्षिण कोरिया में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऑडी-वोक्सवैगन ग्रुप के उत्सर्जन घोटाले से उत्क्रमण का मुख्य रूप से प्रभावित हैपिछले साल जुलाई में ऑडी-वोक्सवैगन समूह ने स्वैच्छिक तौर पर अपने वाहनों को कोरिया में बेचना बंद कर दिया था क्योंकि सियोल सरकार ने घोषणा की थी कि वे सभी ऑडी और वोक्सवैगन कारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा लेंगे जबकि जर्मन कार निर्माता पर भारी जुर्माना लगाएगा, इसकी कुछ डीजल-संचालित कारों में परीक्षणजनवरी से अप्रैल तक जापान आयात बाजार के आकार के अनुसार दक्षिण कोरिया से आगे था। आयातित कार निर्माता जापान में चार माह के दौरान 96,877 वाहन बेचे, एक साल पहले की तुलना में 4.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि कोरिया में 75,017 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो सालाना आधार पर 1.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। ऑटोमोबाइल जीएसटी से महंगी कार शोकिनों को ये होगा फायदा Details Masswords 20 May 2017 एक देश के लिए एक कर व्यवस्था के अंतर्गत जो सरकार नए गुड्स एंड सर्विस टैक्स, जीएसटी को लेकर आई है, उसमें जहां पहली सूची में 98 उत्पादों को रखा गया है, वहीं टैक्स दरों में ऑटोमोबाइल सेक्टर को शामिल कर उन लोगों के लिए बहुत राहत दी है जो महंगी कारों का शोक रखते हैं, तथा वे जोकि इन महंगी कार खरीदकर अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं । जीएसटी के चलते ज्यादातर वाहनों की कटेगरी 28 फीसदी टैक्स के स्लैब में आ गई है । जिसका कि फायदा ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लगभग सभी सेगमेंट को होना तय माना जा रहा है ।
छोटी कारें तो जीएटी के कारण महंगी हो जाएंगी लेकिन बड़ी गाड़ियां जिनका इंजन 1500 सीसी से ज्यादा है वो अब 50 फीसदी के बजाए 43 फीसदी टैक्स के स्लैब में आ जाएंगी जिसके चलते इनकी कीमतों में लगभग 7 फीसदी तक की कमी आएगी । इन कारों पर जीएसटी के अलावा 15 फीसदी का अतिरिक्त कर लगेगा। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ाने पर भी फोकस किए है, इसलिए 12 फीसदी के टैक्स बैंड में इन्हें रखा गया है। जिससे साफ होता है कि सरकार का ध्यान आगे क्लीन व ग्रीन वातावरण रखने वाली गाड़ियों पर ज्यादा है ।
कुल मिलाकर मिड साइज कारों में 43 प्रतिशत में कोई बदलाव नहीं आने वाला है जबकि छोटी कारें 29 प्रतिशत तक महंगी हो जाएंगी । वहीं बड़ी कारें व एसयूवी 43 सस्ती होने जा रही हैं । साथ ही जैसा कि ऊपर स्पष्ट है जीएसटी में इलेक्ट्रिक वाहन कार इत्यादि 12 सस्ते हो जाएंगे । ऑटोमोबाइल बीएमडब्ल्यू-7 श्रृंखला की दो नई कारें बाजार में Details Masswords 20 May 2017 बीएमडब्ल्यू-7 श्रृंखला के अंतर्गत कंपनी ने हाल ही में अपनी दो नई कार बाजार में उतारी हैं, जिनकी शुरूआती कीमत 2.27 करोड़ रुपये है । कंपनी की ये कारें एम-760 ली एक्स ड्राइव और एम-760 ली एक्स ड्राइव वी-12 एक्सीलेंस हैं ।
इनके बारें में बताएं कि यह कार महज 3.7 सेंकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की तीव्र रफ्तार पकड़ सकती है। नई BMW 760 Li बीएमडब्ल्यू की सबसे पॉवरफुल कार है । इस कार में वी12 का ताकतवर इंजन लगा है । वहीं कार में लगा 6.6 M-Performance Twin Power Turbo V 12 पेट्रोल इंजन 5,550 आरपीएम पर अधिकतम 800 न्यूटन मीटर का टॉर्क जेनरेट करता है । यह कार M 760 Li अधिकतम 250 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ सकती है।
इसी तरह नई M 760 Li के एक्स्टीरियर में चारों तरफ क्रोम ग्रिलिंग है। फ्रंट बंपर को रिवाइज किया गया है और इसमें थ्री सेक्शन एयर इनटेकर लगा है। ऑटोमोबाइल जाने...आउडी ए3, मर्सेडीज सीएलए और स्कोडा सुपर्ब के खास फीचर्स Details Masswords 05 May 2017 आउडी ने हाल ही में ए3 का अपडेटेड वर्जन लॉन्च किया है, जिसकी शुरुआती कीमत 30.5 लाख (एक्स-शोरूम दिल्ली) है। यह देश में आउडी का सबसे सस्ता मॉडल है और इसका मुकाबला मर्सेडीज-बेंज सीएलए से है। अगर कीमत की बात की जाए तो इसका मुकाबला स्कोडा सुपर्ब से भी है। आइये जानते हैं, इन तीनों की कीमतों और खास फीचर्स के बारे में ।
इन तीनों में सबसे सस्ती स्कोडा सुपर्ब है, जिसकी कीमत 24.9 लाख रुपये से शुरू होती है और 32 लाख रुपये तक जाती है। मर्सेडीज बेंज सीएलए की कीमत 31.9 लाख रुपये से शुरू होती है और टॉप-स्पेक वेरियंट की कीमत 35.2 लाख रुपये तक है। आउडी ए3 की कीमत 30.5 लाख रुपये से शुरू होकर 35.6 लाख रुपये (सभी कीमत, एक्स-शोरूम, नई दिल्ली) तक जाती है। मर्सेडीज बेंज में 2.0 लीटर का पेट्रोल इंजन है और 7-स्पीड ऑटोमेटिक गियरबॉक्स है।
स्कोडा सुपर्ब में 1.8 लीटर का पेट्रोल इंजन 320 एनएम का टॉर्क देता है। इसमें 1.4 लीटर का मोटर है जो बिजल बचत में काफी सहायक है। इसमें 7-स्पीड ऑटोमेटिक गियरबॉक्स के ऑप्शन के साथ 6-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन है। आउडी ए3 में 1.4 लीटर का पेट्रोल इंजन है। इसमें 7-स्पीड ऑटोमेटिक गियरबॉक्स दिया गया है।
डीजल इंजन की बात करें तो स्कोडा सुपर्ब नाम के ही हिसाब से 2.0 लीटर का शानदार इंजन दे रहा है। ए3 में भी यह इंजन है लेकिन इसकी टोन लो है। सीएलए का इंजन सबसे बड़ा है लेकिन तीनों में यह बहुत ही कम पावरफुल है। मर्सेडीज बेंज और आउडी में बात करें तो मर्सेडीज बेंज ज्यादा लंबी है और इसका वीलबेस भी लंबा है। चौड़ाई और ऊंचाई के मामले में आउडी ए3 थोड़ी चौड़ी है जबकि सीएलए अन्य दो की तुलना में ज्यादा ऊंची है।
मर्सेडीज की बूट कपैसिटी 470 लीटर्स और आउडी की 425 लीटर्स है। सुपर्ब अन्य दो कारों के मुकाबले साइज में काफी बड़ी है। यह लंबी, चौड़ी, ऊंची है और इसका वीलबेस भी बड़ा है। स्कोडा की बूट कपैसिटी भी 625 लीटर्स है, जो अन्यों से ज्यादा है।
ऑटोमोबाइल ये लाल चाबी बचाएगी आपकी खार को खतरे से Details Super User 23 December 2016 अपनी कारों में अडवांस सेफ्टी फीचर देने वाली कार निर्माता कंपनी वॉल्वो ने एक और नया सेफ्टी फीचर लॉन्च किया है. यह सेफ्टी फीचर 'रेड की' है. यह लाल चाबी खतरों से आपकी कार की सुरक्षा करेगी.
कई बार आपको अपनी गाड़ी किसी दूसरे व्यक्ति को देनी पड़ती है. दूसरे व्यक्ति पर थोड़ा भरोसा कम होता है और खतरे की आशंका बनी रहती है. ऐसे में यह चाबी गाड़ी की पूरी हिफाजत करेगी.
जब इस चाबी की मदद से कार को चलाया जाएगा तो कार की टॉप स्पीड घट जाएगी, अडोप्टिव क्रूज कंट्रोल सिस्टम आगे चल रही कार से ज्यादा से ज्यादा दूरी बना कर रखेगा और म्यूजिक सिस्टम की आवाज को भी तय सीमा से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकेगा.
इसके अलावा अन्य सेफ्टी फीचर्स जैसे ब्लाइंड स्पॉट इंफर्मेशन सिस्टम, लेन कीपिंग सिस्टम, आगे से टक्कर होने की चेतावनी देने वाला वार्निंग सिस्टम, ड्राइवर अलर्ट कंट्रोल, किसी चीज से दूरी का अलर्ट देने वाला सिस्टम और ट्रैफिक संकेतों को पहचाने वाला सिस्टम भी ऑन रहेगा.
ऑटोमोबाइल इंतजार हुआ खत्म अब जनवरी में लॉन्च होगी मारुति इग्निस
Details Super User 12 December 2016 मारुति सुजुकी इग्निस की काफी डिमांड होने के कारण इसकी लॉन्चिंग को टाल दिया गया. पहले इसके 2016 में लॉन्च होने की उम्मीद थी. अब इसकी लॉन्चिंग की डेट कन्फर्म की गई है जो 13 जनवरी, 2017 है. 2016 ऑटो एक्सपो में भारत में इस कार की प्रदर्शनी की गई थी.
मारुति सुजुकी इग्निस पेट्रोल और डीजल, दोनों ही इंजन ऑप्शंस में आती है. इसके 1.2के सीरीज के पेट्रोल इंजन से 84.3पीएस की ताकत और 115एनएम तक टॉर्क पैदा होता है.
इसका डीजल इंजन 74 हॉर्स पावर की ताकत और 190एनएम तक टॉर्क पैदा होता है. इन दोनों ही इंजनों को 5-स्पीड मैन्युअल ट्रांसमिशन से जोड़ा गया है.
अपने हाई-सेट बॉनेट, यूनीक हनीकॉम्ब ग्रिल और डेटाइम रनिंग लाइट्स की वजह से यह गाड़ी बाकी कारों से काफी अलग नजर आती है. इस कार के चमकीले काले अलॉय वील्स इसे और आकर्षक बना देते हैं.
गाड़ी का पिछला हिस्सा फ्लैट है और इसमें वर्गाकार टेललाइट्स लगाई गई हैं. इस कार का पिछला हिस्सा आपको 1980 के दशक की फॉक्सवागन गोल्फ की याद दिलाता है.
इंटीरियर की बात करें तो केबिन नए डिजाइन का है. डैशबोर्ड पर नजर डालें तो यहां टॉप सेंटर में टचस्क्रीन सिस्टम दिया गया है. वहीं, एसी स्विच और अन्य कंट्रोल्स को नए डिजाइन में दिया गया है. क्लाइमेट कंट्रोल डिस्प्ले को कैप्सूल के आकार में रखा गया है. स्टीयरिंग वील्स को भी नया डिजाइन दिया गया है. इस पर मल्टिफंक्शन कंट्रोल दिए गए हैं. इंफोटेनमेट स्क्रीन के दोनों ओर स्क्वेर शेप्ड एसी वेंट्स दिए गए हैं. साइड में दिए एसी वेंट्स राउंड शेप में हैं.
एस-क्रॉस और बलेनो के बाद इग्निस मारुति सुजुकी का तीसरा प्रॉडक्ट होगा जिसे नेक्सा डीलरशिप के माध्यम से बेचा जाएगा. इसकी कीमत 5.5 लाख रुपये से शुरू होने की उम्मीद है. ऑटोमोबाइल नए लुक और फील के साथ बजाज ने लॉन्च की पल्सर की ये अपडेटेड रेंज
Details Super User 12 December 2016 बजाज ऑटो अपनी नई 2017 पल्सर रेंज के साथ तैयार है.बजाज ने 220एफ, 180, 150 और 135 एलएस समेत अपडेटेड 2017 पल्सर रेंज को लॉन्च कर दिया है.पल्सर 150 को छोड़कर अब सभी पल्सर बाइक में बीएसIV इंजन है.
बजाज ने पल्सर के 2017 के कलेक्शंस का नाम 'लेजर एज्ड' रखा है. नए कलक्शन के सभी मॉडल नीले और सफेद के डुअल टोन कलर में है. बजाज का दावा है कि नई पल्सरों में आरामदेह सीट और बेहतर एग्जॉस्ट सिस्टम है.
पल्सर 135 एलएस में 135 सीसी सिंगल सिलिंडर वाला BSIV इंजन है जो 13.3 बीएचपी पावर और 11.4 एनएम टॉर्क देता है.
पल्सर 180 में 180 सीसी का सिंगल सिलिंडर BSIV इंजन है जो 17 बीएचपी और 14.22 एनएम टॉर्क देता है.पल्सर 220 एफ में 220 सीसी वाला BSIV इंजन है जो 20.7 बीएचपी और 19 एनएम टॉर्क देता है. सभी मॉडल्स में 5-स्पीड गियरबॉक्स लगा है.
इससे पहले कंपनी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर नई पल्सर के टीज़र को भी जारी कर दिया है.कंपनी ने दो टीज़र इमेज जारी की थी, जिसमें 2017 बजाज पल्सर 135, 150 और 220एफ की झलक दिखाई गई थी.
ऑटोमोबाइल मार्च में लॉन्च होगी होंडा की WR-V, कुछ ऐसा होगा लुक Details Super User 12 December 2016 होंडा ने ब्राजील में आयोजित साओ पाउलो इंटरनैशनल मोटर शो-2016 में अपनी पहली कॉम्पैक्ट एसयूवी डब्ल्यूआर-वी को पेश किया था. भारत में इसे अगले साल मार्च में लॉन्च करने की संभावना है.
सब 4-मीटर एसयूवी सेगमेंट में इसका मुकाबला मारुति सुजुकी विटारा ब्रेज़ा, महिन्द्रा टीयूवी-300 और फोर्ड की ईकोस्पोर्ट से होगा.
डब्ल्यूआर-वी यानी विनसम रनअबाउट वीइकल को होंडा जैज के प्लैटफार्म पर तैयार किया गया है. इसका डिजाइन बॉक्सी और दमदार है. साइड से यह होंडा जैज जैसी है, लेकिन आगे से सीआर-वी और एचआर-वी की तरह इसे भी नया डिजाइन दिया गया है. इसके बोनट को ऊंचा रखा गया है.
इस वजह से यह आगे से चौड़ी नज़र आती है. यहां होंडा की नए डिजाइन वाली क्रोम ग्रिल भी दी गई है. इसके दोनों और स्वेप्ट बैक हैडलैंप्स के साथ एलईडी डे-टाइम रनिंग लाइटें लगी हैं. फ्रंट बंपर भी चौड़े डिजाइन का है.
डब्ल्यूआर-वी यानी विनसम रनअबाउट वीइकल को होंडा जैज के प्लैटफार्म पर तैयार किया गया है. इसका डिजाइन बॉक्सी और दमदार है. साइड से यह होंडा जैज जैसी है, लेकिन आगे से सीआर-वी और एचआर-वी की तरह इसे भी नया डिजाइन दिया गया है. इसके बोनट को ऊंचा रखा गया है. इस वजह से यह आगे से चौड़ी नज़र आती है. यहां होंडा की नए डिजाइन वाली क्रोम ग्रिल भी दी गई है. इसके दोनों और स्वेप्ट बैक हैडलैंप्स के साथ एलईडी डे-टाइम रनिंग लाइटें लगी हैं. फ्रंट बंपर भी चौड़े डिजाइन का है.
डब्ल्यूआर-वी में भी वही इंजन और गियरबॉक्स के ऑप्शंस होंगे, जो जैज में हैं. इसमें 90 बीएचपी पावर देने वाले 1.2 लीटर का पेट्रोल इंजन और 100 बीएचपी पावर देने वाले 1.5 लीटर का डीजल इंजन होगा.
इस के ज्यादातर फीचर होंडा जैज जैसे ही होंगे, यानी इस में भी जैज जितना जगहदार केबिन, सेगमेंट में सबसे ज्यादा बूट स्पेस, मैजिक सीट और दूसरे अच्छे फीचर मिलेंगे.
ऑटोमोबाइल ये 'टू व्हीलर' लगा देगा आपकी शान में चार-चांद Details Super User 27 November 2016 एक स्कूटर की कीमत आप क्या लगाते हैं. 30 से 40 हजार ना. तो जरा रुकिए ये कोई आम स्कूटर नहीं है. जब आप इसकी कीमत सुनेंगे तो यकीनन इसपर विश्वास नहीं कर पाएंगे. ये स्कूटर बड़ी-बड़ी गाड़ियों को टक्कर देने आ रहा है. ऑटोमोबाइल अब सेल्फी से खुलेगी आपकी कार Details Super User 27 November 2016 अब वह जमाना गया जब कार का दरवाजा चाबी से खुलता था. भाई अब तो जमाना सेल्फी का है. हम किसी फोन की नहीं बल्कि कार की बात कर रहे हैं. ऑटोमोबाइल आपकी पुरानी कार का नया अवतार
Details Super User 27 November 2016 भारत की सड़कों पर विदेशी रफ्तार के साथ आने वाली नई कार जिसको देखकर आपके मूंह से निकलेगा वाह क्या बात है. ऐसी ड्राइविंग का मजा चाहिए तो इसके लिए आपको थोड़ा इंतजार करना होगा. |
दीपल चटर्जी रिलीज़ की तारीख - जून 23, 2017
यह अंत में "Solomonic समाधान है कि ब्लॉक और लेनदेन आकार में वृद्धि एकजुट चुना गया था। सबसे पहले अपडेट क्लाइंट प्रोग्राम स्थापित Bitcoin कोर आप दो गुना वृद्धि SegWitx2 ब्लॉक और अनुकूलन SegWit लेन-देन आकार गठबंधन करने के लिए अनुमति देता है, BIP 91, जिसके बाद उन 8 अगस्त से पहले, 2017 BIP 148. softforka स्थापना कार्यान्वित के रूप में परिणाम इकाई की आईक्यू ऑप्शन पर ट्रेडिंग करने के लिए सम्पूर्ण गाइड - Binomo क्षमता में वृद्धि और आयोगों में कमी थी। 8.क्या यह सही नहीं है कि फोर्ड फाउंडेशन की एशिया प्रमुख कविता रामदास के पिता लक्ष्मी रामदास, मां, ललिता रामदास, बहन सागरी रामदास 'आआपा' के नीति निर्धारक समितियों में शामिल हैं? धोखेबाजों वेब साइटों है कि एक लोकप्रिय संसाधन जैसे लगते हैं देखने के लिए पैदा करते हैं। और उन जो अनजाने में उन्हें वहाँ शुरू की के माध्यम से व्यक्तिगत डेटा चोरी।
ब्रिटेन सरकार के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने मीडिया में वह खबर आने के बाद इस्तीफा दे दिया है जिसमें खुलासा किया गया गया था कि देश में सख्त लॉकडाउन लागू करने की रणनीति के पीछे रहने वाले इस वैज्ञानिक ने नियम तोड़ते हुए एक महिला को लॉकडाउन के दौरान अपने घर आने दिया। सुविधाजनक, लेकिन हमेशा नहीं सबसे सुरक्षित तरीका। विशेष मंचों पर, आप कुछ लोग हैं, जो Bitcoin खरीदना चाहते हैं और उनके साथ एक लेनदेन करने लगता है। लाभ - कोई कमीशन, त्वरित। हमेशा की तरह विपणन कचरा - नई cryptocurrency 2018, जो की सूची लगातार अधिकांश भाग के लिए अद्यतन किया जाता है,। हालांकि, embodiments ऊपर वर्णित विशेष ध्यान के पात्र हैं। उनके दृष्टिकोण आधुनिक सूचना समाज के विकास में प्रवृत्तियों की वजह से कर रहे हैं।
$ 400 प्रतिरोध क्षेत्र को तोड़कर और अधिक लाभ के अवसर पैदा किए और कीमत अब $ 410 मूल्य क्षेत्र की ओर बढ़ रही है। आने वाले समय में कीमत बढ़ने की उम्मीद है अगर कोई उल्टा ब्रेक हो जो $ 410 से ठीक ऊपर हो। वे इस रणनीति को कैसे लागू करने में सक्षम थे, इसमें गैर-खराब होने वाले उत्पादों का स्टॉक करना और अलमारियों से धीमे विक्रेताओं को हटाना शामिल है। साल भर की छूट के साथ, वे अपने उद्घाटन के घंटे को सीमित करते हैं और अपने ग्राहकों को अपने आइटम डालने के लिए पुन: प्रयोज्य शॉपिंग बैग लाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
इस तालिका में 12 वर्ष से कम बच्चों में प्रतिलेख और सामान्य रक्त विश्लेषण के परिणामों की दर को दर्शाता है। आर्मस्ट्रांग ने कथित तौर पर जवाब दिया, "यदि आप पत्थरों को फेंकना चाहते हैं, तो मैं पत्थरों को फेंक दूंगा।" वार्तालाप में बाद में, लेमोन्ड कहते हैं, आईक्यू ऑप्शन पर ट्रेडिंग करने के लिए सम्पूर्ण गाइड - Binomo आर्मस्ट्रांग ने "कम से कम 10 लोगों को खोजने का वादा किया जो कहेंगे कि आपने ईपीओ किया था।"। फिबोनाची संख्या और सुनहरे अनुपात के बीच एक और उत्सुक समानांतर हमें तथाकथित "सुनहरा आयत" खींचने की अनुमति देता है: इसके पक्ष 1.618 से 1. के अनुपात में मेल खाते हैं लेकिन हम पहले से ही जानते हैं कि संख्या 1.618 क्या है, सही है?
जिन कंपनियों के साथ आप व्यापार करने पर विचार कर रहे हैं उन्हें एक से अधिक बार कॉल करें। अगर कंपनी हर बार फोन का जवाब देती है - गोल्ड स्टार। क्या आपको एक संदेश छोड़ने की आवश्यकता है, उन्होंने तुरंत कैसे कॉल किया? 3. Asset protection – चाहे आप एक संगीतकार हो जो की अपने गाने की royalties ठीक तरह से पाना चाहता है या आप कोई property owner हो, अगर आप अपने asset की protection चाहते हैं तब blockchain technology आपकी बहुत मदद कर सकता है आपकी real-time ownership की एक indisputable record बनाकर। किंतु यह, तब जबकि अपने ऋणों के चुकाने में अर्जित भूमि या भवन या कंपनियों के शेयर, संपरिवर्तनीय बंधपत्र, ऋण-पत्र या साम्य उन्मुख म्युचुअल।
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इसबार मुंगेर जिले में कृषि विभाग की ओर से निर्धारित लक्ष्य के अनुसार रबी फसल की बुआई संभव नहीं है। कार्तिक महीना शुरू होने पर जहां किसान खेत आईक्यू ऑप्शन पर ट्रेडिंग करने के लिए सम्पूर्ण गाइड - Binomo की तैयारी में लग जाते थे, लेकिन प्रकृति के सामने इसबार।
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एडम स्मिथ (1723-1790)। स्कॉटलैंड में जन्मे, वह एक सीमा शुल्क अधिकारी के गरीब परिवार में एकमात्र बच्चा था जो अपने बेटे के जन्म से कुछ महीने पहले मर गया था। आदामा ने अपनी मां की आईक्यू ऑप्शन पर ट्रेडिंग करने के लिए सम्पूर्ण गाइड - Binomo परवरिश की। 1740 में, उन्होंने ग्लासगो विश्वविद्यालय से स्नातक किया और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षा में सुधार करने के लिए भेजा गया। ifaucet.net साइट - यह एक नल से भी अधिक है। फ़ीचर हस्तांतरण और उनमें से प्रत्येक पर सातोशी प्राप्त करने की क्षमता के साथ इन संसाधनों की एक बड़ी इन्वेंट्री की उपस्थिति है। ifaucet.net खेल का मैदान - रोटेटर, जो सबसे अधिक वसा लंड में शामिल है। उनमें से ज्यादातर अंग्रेजी इंटरफेस है, लेकिन यह उन बनाने नहीं रोकता है। के के मूविंग एवरेज (एमए) के साथ की अवधि 24, विधि घातीय, लागू करने के लिए उच्च (उच्च) और कम कीमतों (कम) और नीले रंग की शैली। |
घर बैठे इस प्रकार सीखें अंग्रेजी
Updated on 26 Mar, 2021 09:15 AM IST BY JSKTECHNOSOFT.IN
आजकल हर क्षेत्र में बेहतर नौकरी के लिए अंग्रेजी आना जरुरी है। ऐसे में जो लोग अंग्रेजी नहीं बोल पाते उनके लिए आगे बढ़ना आसान नहीं होता। ऐसे में कुछ आसान टिप्स अपनाकर आप कुछ ही समय में अंग्रेजी सीख सकते हैं।
अगर हम कुछ नया सीखने की कोशिश करते हैं तो उसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपको पहले उस माहौल में रहना पड़ेगा। अपने आस-पास हर जगह अंग्रेजी को सुनें। भले समझ आए या नहीं। इसके लिए आप गानों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये एक बेहद आसान तरीका है अंग्रजी सीखने का।
ये नया तरीका अपनाएं-
किसी भी चीज को सीखने के सबसे ज्यादा जरूरी है उसे शुरुआत से सीखना। बेसिक से शुरू करेंगे तो आगे परेशानी नहीं होगी। आप अपने सोच में अंग्रेजी को जगह देनी होगी। इस तरीके से भी आपको जरूर फायदा मिलेगा।
कोशिश करें खुद ट्रांसलेट करने की-
रोज सुबह उठकर एक विषय लें और उसका अनुवाद करें। जो शब्द समझ नहीं आ रहा है उसका अर्थ गूगल या डिशनरी में देखें। ऐसा करने से आपका शब्दकोश मजबूत तो होगा ही साथ ही बढ़ेगा भी।
अभ्यास सबसे ज्यादा जरूरी-
सिर्फ सीखे लेने से अंग्रेजी नहीं आती जब तक आप उसे अपने रोज की दिनचर्या में इस्तेमाल नहीं करेंगे। घर पर अपने परिवार के साथ, अपने दोस्तों के साथ अंग्रेजी में बात करें। इससे आपकी झिझक भी मिटेगी। आप इसके लिए मिरर का भी सहारा ले सकते हैं। |
गुजरात ट्रक हादसे में 15 मजदूरों की मौत, मुख्यमंत्री रूपाणी ने 2-2 लाख के मुआवजे का ऐलान किया
जनवरी 19, 2021 10:34
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने दुख जताया। इस दौरान उन्होंने आर्थिक मुआवजे का भी ऐलान किया। बता दें कि मुख्यमंत्री रूपाणी ने सूरत में हुए हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
नयी दिल्ली। गुजरात के सूरत में बड़ा ट्रक हादसा हुआ है। बता दें कि ट्रक हादसे में 15 मजदूरों की मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक हादसा सूरत से करीब 60 किमी दूर कोसांबा गांव के पास हुआ। मारे गए सभी प्रवासी मजदूर राजस्थान से थे। वहीं, इस मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री का भी बयान सामने आ गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक ट्रक हादसे में जान गंवाने वालों के परिवार के प्रति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सांत्वना व्यक्त की है। इसके साथ ही घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
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WWE के जिन 4 रैसलर्स को हराना होता है हर सुपरस्टार का सपना, उनको हरा चुके हैं रोमन रेंस
WWE के सबसे फेमस सुपरस्टार हैं रोमन रेंस
रोमन रेंस वर्तमान समय में WWE का सबसे बड़ा चेहरा हैं। वह यूनिवर्सल चैंपियन और WWE चैंपियन दोनों रह चुके हैं। WWE में आने से पहले वह पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी थे। बता दें, कि वह ओनाई परिवार का हिस्सा है। इस परिवार के 6 लोग WWE में आ चुके हैं। योकाजुना, उमेगा, द उसोज, रिकीशी और द रॉक जैसे सुपरस्टार रैसलिंग का हिस्सा रहे हैं। रोमन रेंस ने 18 नवंबर 2012 को डीन एम्ब्रोज और सैथ रॉलिंस के साथ मिलकर, सर्वाइवर सीरीज़ में अपना मुख्य रोस्टर में डेब्यू किया था।
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वर्तमान में रोमन स्मैकडाउन ब्रांड के सदस्य हैं। हालांकि, लम्बे समय तक रॉ ब्रांड के लिए भी काम कर चुके हैं। बता दें, कि रोमन रेंस ने अपने करियर में उन पांच रैसलर्स को हराया हुआ है। जिनको हराना हर किसी WWE रैसलर का सपना होता है। आज हम आपको चार ऐसे दिग्गज रैसलर्स के बारे में ही बताएंगे, जिनको रोमन रेंस ने हराया हुआ है।
अंडरटेकर और रोमन रेंस के बीच एक यादगार मैच रैसलमेनिया-33 में लड़ा गया था। करीब 23 मिनट तक चले इस मैच में रोमन रेंस ने अंडरटेकर को हरा दिया था। यह इन दोनों दिग्गजों के बीच हुआ एकमात्र मैच था।
यह मैच इस वजह से और ज्यादा सुर्ख़ियों में आ गया था, क्योंकि इस मैच में हार जाने के बाद अंडरटेकर ने अपनी कैप और अपना कोट रिंग में ही छोड़ दिया था। जिसके बाद उनके रिटायरमेंट की खबरे तेज हो गई थी।
हालांकि, अबतक अंडरटेकर WWE के साथ कॉन्ट्रैक्ट में बने हुए हैं। उन्हें कंपनी स्पेशल मैचों के लिए बुक करती है। कुछ दिन पहले ही सुपर शोडाउन में अंडरटेकर ने गोल्डबर्ग को हरा दिया था और बताया था, कि उनके अंदर अभी काफी रैसलिंग बची हुई है।
नो मर्सी 2017 में जॉन सीना और रोमन रेंस आमने-सामने थे। यह मैच दर्शकों के लिए काफी अच्छा रहा था। दोनों ही सुपरस्टार्स ने एक-दूसरे पर अपने सभी मूव्स अजमा लिए थे और कोई भी हार मानने को तैयार नहीं हो रहा था। हालांकि, अंत में रोमन रेंस की एक बेहतरीन स्पीयर ने जॉन सीना को हार मानने में मजबूर कर दिया था। |
रहस्यमयी और चमत्कारिक है-भगवान काल भैरव | Himalaya Gaurav
May 10, 2017 BUREAU 0 Comments BABA KAL BHAIRAV
चमत्कार दिखाते है बाबा काल भैरव- उत्तराण्ड में बाबा के दिव्य उपासक है- जिनकी वाणी में है चमत्कार- वही सुरक्षित यात्रा की गारंटी है- भगवान काल भैरव का आशीर्वाद ; पुरानी धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान कालभैरव को यह वरदान है कि भगवान शिव की पूजा से पहले उनकी पूजा होगी। इसलिए उज्जैन दर्शन के समय कालभैरव के मंदिर जाना अनिवार्य है। तभी महाकाल की पूजा का लाभ आपको मिल पाता है। कलियुग के ब्रह्मास्त्र 'काल भैरव' है ; परम आदरणीय परमानंद मैदुली – जी महाराज- कहते हैं कि यात्रा पर जा रहे हैं भगवान काल भैरव का आशीर्वाद ले लीजिये ; महान ज्योतिषविद, प्रकाण्ड विद्वान, श्री परमानंद मैदुली जी ने 15 से ज्यादा देशों में लम्बे समय तक प्रवास कर ज्योतिष ज्ञान की अलख जगाई है- मैदुली जी से सम्पर्क करने के लिए हिमालयायूके न्यूज पोर्ट कार्यालय देदून में सम्पर्क करें-* मोबा0 9412932030 CS JOSHI- EDITOR
फोटो- काशी कोतवाल- बाबा काल भैरव-
भैरव-उपासना की दो शाखाएं- बटुक भैरव तथा काल भैरव के रूप में प्रसिद्ध हुईं। जहां बटुक भैरव अपने भक्तों को अभय देने वाले सौम्य स्वरूप में विख्यात हैं वहीं काल भैरव आपराधिक प्रवृत्तियों पर नियंत्रण करने वाले प्रचण्ड दंडनायक के रूप में प्रसिद्ध हुए। भैरव (शाब्दिक अर्थ- भयानक) हिन्दुओं के एक देवता हैं जो शिव के रूप हैं। तंत्रशास्त्र में अष्ट-भैरव का उल्लेख है – असितांग-भैरव, रुद्र-भैरव, चंद्र-भैरव, क्रोध-भैरव, उन्मत्त-भैरव, कपाली-भैरव, भीषण-भैरव तथा संहार-भैरव।
कालिका पुराण में भैरव को नंदी, भृंगी, महाकाल, वेताल की तरह भैरव को शिवजी का एक गण बताया गया है जिसका वाहन कुत्ता है। ब्रह्मवैवर्तपुराण मंे भी १ . महाभैरव, २ . संहार भैरव, ३ . असितांग भैरव, ४ . रुद्र भैरव, ५ . कालभैरव, ६ . क्रोध भैरव, ७ . ताम्रचूड़ भैरव तथा ८ . चंद्रचूड़ भैरव नामक आठ पूज्य भैरवों का निर्देश है। इनकी पूजा करके मध्य में नवशक्तियों की पूजा करने का विधान बताया गया है। शिवमहापुराण में भैरव को परमात्मा शंकर का ही पूर्णरूप बताते हुए लिखा गया है –
भगवान भैरव के तीन प्रमुख रूप हैं- बटुक भैरव, महाकाल भैरव और स्वर्णाकर्षण भैरव। इनमें से भक्तगण बटुक भैरव की ही सर्वाधिक पूजा करते हैं। तंत्रशास्त्र में अष्ट भैरव का उल्लेख भी मिलता है- असितांग भैरव, रूद्र भैरव, चंद्र भैरव, क्रोध भैरव, उन्मत भैरव, कपाल भैरव, भीषण भैरव और संहार भैरव। भगवान भैरव की साधना में ध्यान का अधिक महत्व है। इसी को ध्यान में रखकर सात्विक, राजसिक व तामसिक स्वरूपों का ध्यान किया जाता है। ध्यान के बाद इस मंत्र का जप करने का विधान है।
औरंगजेब के शासन काल में भी कालभैरव का मंदिर को तोडने की हिम्मत नही हो पायी थी- चमत्कार दिखाया था; कहते हैं औरंगजेब के शासन काल में जब काशी के भारत-विख्यात विश्वनाथ मंदिर का ध्वंस किया गया, तब भी कालभैरव का मंदिर पूरी तरह अछूता बना रहा था। जनश्रुतियों के अनुसार कालभैरव का मंदिर तोड़ने के लिये जब औरंगज़ेब के सैनिक वहाँ पहुँचे तो अचानक पागल कुत्तों का एक पूरा समूह कहीं से निकल पड़ा था। उन कुत्तों ने जिन सैनिकों को काटा वे तुरंत पागल हो गये और फिर स्वयं अपने ही साथियों को उन्होंने काटना शुरू कर दिया। बादशाह को भी अपनी जान बचा कर भागने के लिये विवश हो जाना पड़ा। उसने अपने अंगरक्षकों द्वारा अपने ही सैनिक सिर्फ इसलिये मरवा दिये किं पागल होते सैनिकों का सिलसिला कहीं खु़द उसके पास तक न पहुँच जाए।
तांत्रिक क्रियाओं के प्रभाव से व्यवसाय, धंधे में आशानुरूप प्रगति नहीं होती। दिया हुआ रूपया नहीं लौटता, रोग या विघ्न बाधाओं से पीडा अथवा बेकार की मुकदमेबाजी में धन की बर्बादी हो सकती है। इस प्रकार की शत्रु बाधा निवारण के लिए भैरव साधना फलदायी है। भगवान बटुक भैरव के सात्विक स्वरूप का ध्यान करने से आयु में वृद्धि और समस्त आधि-व्याधि से मुक्ति मिलती है। इनके राजस स्वरूप का ध्यान करने से विविध अभिलाषाओं की पूर्ति संभव है। इनके तामस स्वरूप का ध्यान करने से शत्रु नाश, सम्मोहन, वशीकरणादि प्रभाव समाप्त होता है। व्याधि से मुक्ति के लिए व भैरव के तामस स्वरूप की साधना करना हितकर है।
तंत्र के ये जाने-माने महान देवता काशी के कोतवाल माने जाते हैं। भैरव तंत्रोक्त, बटुक भैरव कवच, काल भैरव स्तोत्र, बटुक भैरव ब्रह्म कवच आदि का नियमित पाठ करने से अपनी अनेक समस्याओं का निदान कर सकते हैं। भैरव कवच से असामायिक मृत्यु से बचा जा सकता है। गृहस्थों के लिए काल भैरवाष्टक स्तोत्र का नियमित पाठ सर्वोत्तम है, जो अनेक बाधाओं से मुक्ति दिलाता है। भैरव की पूजा में काली उड़द और उड़द से बने मिष्ठान्न इमरती, दही बड़े, दूध और मेवा का भोग लगाना लाभकारी है इससे भैरव प्रसन्न होते है। इसके आलावा सरसों का तेल, काजल सिंदूर और चमेली का तेल आदि इनके श्रृंगार है।
इनकी पूजा भारत और नेपाल में होती है। हिन्दू और जैन दोनों भैरव की पूजा करते हैं। भैरवों की संख्या ६४ है। ये ६४ भैरव भी ८ भागों में विभक्त हैं। ध्यान के बिना साधक मूक सदृश है, भैरव साधना में भी ध्यान की अपनी विशिष्ट महत्ता है। किसी भी देवता के ध्यान में केवल निर्विकल्प-भाव की उपासना को ही ध्यान नहीं कहा जा सकता। ध्यान का अर्थ है – उस देवी-देवता का संपूर्ण आकार एक क्षण में मानस-पटल पर प्रतिबिम्बित होना। श्री बटुक भैरव जी के ध्यान हेतु इनके सात्विक, राजस व तामस रूपों का वर्णन अनेक शास्त्रों में मिलता है। जहां सात्विक ध्यान – अपमृत्यु का निवारक, आयु-आरोग्य व मोक्षफल की प्राप्ति कराता है, वहीं धर्म, अर्थ व काम की सिद्धि के लिए राजस ध्यान की उपादेयता है, इसी प्रकार कृत्या, भूत, ग्रहादि के द्वारा शत्रु का शमन करने वाला तामस ध्यान कहा गया है। ग्रंथों में लिखा है कि गृहस्थ को सदा भैरवजी के सात्विक ध्यान को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। भारत में भैरव के प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनमें काशी का काल भैरव मंदिर सर्वप्रमुख माना जाता है। काशी विश्वनाथ मंदिर से भैरव मंदिर कोई डेढ़-दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दूसरा नई दिल्ली के विनय मार्ग पर नेहरू पार्क में बटुक भैरव का पांडवकालीन मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है। तीसरा उज्जैन के काल भैरव की प्रसिद्धि का कारण भी ऐतिहासिक और तांत्रिक है। नैनीताल के समीप घोड़ाखाल का बटुकभैरव मंदिर भी अत्यंत प्रसिद्ध है। यहाँ गोलू देवता के नाम से भैरव की प्रसिद्धि है। इसके अलावा शक्तिपीठों और उपपीठों के पास स्थित भैरव मंदिरों का महत्व माना गया है। जयगढ़ के प्रसिद्ध किले में काल-भैरव का बड़ा प्राचीन मंदिर है जिसमें भूतपूर्व महाराजा जयपुर के ट्रस्ट की और से दैनिक पूजा-अर्चना के लिए पारंपरिक-पुजारी नियुक्त हैं। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के ग्राम अदेगाव में भी श्री काल भैरव का मंदिर है जो किले के अंदर है जिसे गढ़ी ऊपर के नाम से जाना जाता है।
कालभैरव की पूजा का महात्म ;
भैरव ; कोलतार से भी गहरा काला रंग, विशाल प्रलंब, स्थूल शरीर, अंगारकाय त्रिनेत्र, काले डरावने चोगेनुमा वस्त्र, रूद्राक्ष की कण्ठमाला, हाथों में लोहे का भयानक दण्ड और काले कुत्ते की सवारी – यह है महाभैरव, अर्थात् मृत्यु-भय के भारतीय देवता का बाहरी स्वरूप।
हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में एक राग का नाम इन्हीं के नाम पर भैरव रखा गया है।
कालभैरव की पूजाप्राय: पूरे देश में होती है और अलग-अलग अंचलों में अलग-अलग नामों से वह जाने-पहचाने जाते हैं। महाराष्ट्र में खण्डोबा उन्हीं का एक रूप है और खण्डोबा की पूजा-अर्चना वहाँ ग्राम-ग्राम में की जाती है। दक्षिण भारत में भैरव का नाम शास्ता है। वैसे हर जगह एक भयदायी और उग्र देवता के रूप में ही उनको मान्यता मिली हुई है और उनकी अनेक प्रकार की मनौतियां भी स्थान-स्थान पर प्रचलित हैं। भूत, प्रेत, पिशाच, पूतना, कोटरा और रेवती आदि की गणना भगवान शिव के अन्यतम गणों में की जाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो विविध रोगों और आपत्तियों विपत्तियों के वह अधिदेवता हैं। शिव प्रलय के देवता भी हैं, अत: विपत्ति, रोग एवं मृत्यु के समस्त दूत और देवता उनके अपने सैनिक हैं। इन सब गणों के अधिपति या सेनानायक हैं महाभैरव। सीधी भाषा में कहें तो भय वह सेनापति है जो बीमारी, विपत्ति और विनाश के पार्श्व में उनके संचालक के रूप में सर्वत्र ही उपस्थित दिखायी देता है।
कुछ पुराणों के अनुसार शिव के अपमान-स्वरूप भैरव की उत्पत्ति हुई थी। यह सृष्टि के प्रारंभकाल की बात है। सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने भगवान शंकर की वेशभूषा और उनके गणों की रूपसज्जा देख कर शिव को तिरस्कारयुक्त वचन कहे। अपने इस अपमान पर स्वयं शिव ने तो कोई ध्यान नहीं दिया, किन्तु उनके शरीर से उसी समय क्रोध से कम्पायमान और विशाल दण्डधारी एक प्रचण्डकाय काया प्रकट हुई और वह ब्रह्मा का संहार करने के लिये आगे बढ़ आयी। स्रष्टा तो यह देख कर भय से चीख पड़े। शंकर द्वारा मध्यस्थता करने पर ही वह काया शांत हो सकी। रूद्र के शरीर से उत्पन्न उसी काया को महाभैरव का नाम मिला। बाद में शिव ने उसे अपनी पुरी, काशी का नगरपाल नियुक्त कर दिया। ऐसा कहा गया है कि भगवान शंकर ने इसी अष्टमी को ब्रह्मा के अहंकार को नष्ट किया था, इसलिए यह दिन भैरव अष्टमी व्रत के रूप में मनाया जाने लगा। भैरव अष्टमी 'काल' का स्मरण कराती है, इसलिए मृत्यु के भय के निवारण हेतु बहुत से लोग कालभैरव की उपासना करते हैं। कालान्तर में भैरव-उपासना की दो शाखाएं- बटुक भैरव तथा काल भैरव के रूप में प्रसिद्ध हुईं। जहां बटुक भैरव अपने भक्तों को अभय देने वाले सौम्य स्वरूप में विख्यात हैं वहीं काल भैरव आपराधिक प्रवृत्तियों पर नियंत्रण करने वाले प्रचण्ड दंडनायक के रूप में प्रसिद्ध हुए। |
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर सुप्रीम फैसला मंगलवार को, दोनों पक्षों का बहुमत का दावा - Janvarta News
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर सुप्रीम फैसला मंगलवार को, दोनों पक्षों का बहुमत का दावा
by Balbhadra Singh Chauhan
नयी दिल्ली/ मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार गठन पर उच्चतम न्यायालय मंगलवार को फैसला देगा, जबकि भाजपा और शिवसेना गठबंधन, दोनों बहुमत होने का दावा कर रहे हैं। दूसरी ओर संसद में कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई।
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे को लेकर शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर मंगलवार को आदेश सुनाया जायेगा। इस गठबंधन ने भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले को चुनौती दे रखी है।
राज्य में राजनीतिक हलके में अनिश्चितता बढ़ गयी है क्योंकि केन्द्र ने सोमवार को भी यही दावा किया कि महाराष्ट्र में सरकार गठित करने के लिये भाजपा को राकांपा के 54 विधायकों का समर्थन था। केन्द्र ने न्यायालय से अनुरोध किया कि राज्यपाल के फैसले के खिलाफ याचिका पर जवाब देने के लिये उसे दो तीन दिन का वक्त दिया जाये।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार की सुबह भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी। इसके बाद से शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने अपने-अपने विधायकों को मुंबई के अलग-अलग होटलों में ठहराया है।
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष शिवसेना की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके गठबंधन के पास 154 विधायकों के हलफनामे हैं और अगर भाजपा के पास बहुमत है तो उसे 24 घंटे के भीतर अपना बहुमत सिद्ध करने के लिये कहा जाना चाहिए।
केन्द्र ने पीठ से कहा कि 23 नवंबर को सबसे बड़े दल को सरकार गठित करने के लिये आमंत्रित करना राज्यपाल का विवेकाधिकार था। सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को सरकार गठित करने के लिये घूम घूम कर यह पता लगाने की आवश्यकता नहीं है कि किस दल के पास बहुमत है।
इससे पहले, शिवसेना की ओर से बहस शुरू करते हुये सिब्बल ने तीनों दलों की प्रेस कांफ्रेस का हवाला दिया जिसमें उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री घोषित किया गया था। सिब्बल ने कहा, ''ऐसी कौन सी राष्ट्रीय आपदा थी कि सवेरे 5.27 मिनट पर राष्ट्रपति शासन खत्म किया गया।'' उन्होंने राष्ट्रपति शासन हटाने की कथित जल्दबाजी और नयी सरकार के गठन का जिक्र किया और कहा कि लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
राकांपा और कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे 'निचले स्तर का छल' करार दिया और सवाल किया कि क्या एक भी राकांपा विधायक ने अजित पवार से कहा कि उसने भाजपा के साथ हाथ मिलाने के लिये उनका समर्थन किया। इस बीच, महाराष्ट्र मुद्दे पर कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई।
दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने सभा पटल पर आवश्यक कागजात रखवाये। इसके बाद उन्होंने जैसे ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कार्यसूची में 11 वें नंबर पर अंकित विधेयक पेश करने को कहा, विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर महाराष्ट्र के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे और पोस्टर लहराने लगे। शोर-शराबा करने वालों में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शामिल थे।
लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों के भारी हंगामे और पार्टी के दो सदस्यों हिबी इडेन एवं टी एन प्रतापन तथा मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे पुन: आरंभ होने के साथ ही पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सभा की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सोमवार सुबह लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही कांग्रेस सदस्य नारेबाजी करते और पोस्टर लिए हुए आसन के निकट पहुंच गए। इडेन और प्रतापन ने बड़ा पोस्टर ले रखा था जिस पर 'स्टॉप मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी' लिखा था। नारेबाजी के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और अनुसूचित जाति के लड़के-लड़कियों के छात्रावास विषय पर पूरक प्रश्न पूछने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम पुकारा।
इस सत्र में पहली बार सदन में पहुंचे गांधी ने सवाल पूछने से इनकार करते हुए कहा, ''महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है, ऐसे में मेरे सवाल पूछने का कोई मतलब नहीं है।'' इसी बीच स्पीकर बिरला ने बड़ा पोस्टर लहरा रहे इडेन और प्रतापन को ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी। सदस्यों के नहीं मानने पर स्पीकर ने मार्शलों को दोनों कांग्रेस सदस्यों को सदन से बाहर करने का आदेश दिया। इसके बाद मार्शल इन दोनों सदस्यों को सदन से बाहर ले जाने के लिए पहुंचे तो उनके साथ इडेन, प्रतापन और अन्य कांग्रेस सदस्यों की धक्कामुक्की हो गयी। इस बीच, स्पीकर ने मार्शलों को लौटने के लिए कहा। |
एक मुस्लिम कन्या द्वारा मोदी और योगी के बीच का अंतर बड़े रोचक तरीके से किया गया है। इसे जरूर पढ़िए।
केवल तभी पढ़ें जब समय हो (It is worth spending time)
Difference between Yogi Ji and Modi Ji Same difference as between Lord Rama and Lord Krishna
जब मैं zoya Mansoori को पढ़ती हूँ तो कई बार तो ये विश्वास ही नही होता कि ये पोस्ट एक 19 साल की लड़की ने लिखी है खैर लिखती तो वो तब भी गजब थी जब सिर्फ 15 साल की थी और 10th में पढ़ती थी । जो वो15 साल की उम्र में लिख देती थी,हम इतनी उम्र साल में नही लिख पाते। ये पोस्ट पढिये।
मोदी ट्रेंड फॉलो करते है….. .योगी ट्रेंड सेट करते हैं….क्रिएट करते हैं। यू हैव राम इन त्रेता….यू हैव कृष्ण इन द्वापर। यू हैव बोथ इन कलयुग ।। |
सीधी चढ़ान (चौदहवीं क़िस्त) – नवनीत हिंदी
1915 में जब मैं गांधीजी से पहली बार मिला था, तब से फिर उनसे मिलने का अवसर नहीं
प्राप्त हुआ था. 1915 की 25 मई को उन्होंने साबरमती पर सत्याग्रहाश्रम स्थापित किया. सत्याग्रह की पुकार से 1915 में वीरमगांव का भूमि-कर उठवा दिया. 1917 में प्रतिज्ञा-पत्र से बंधे हुए मजदूरों की विदेश ले जाने की पद्धति रद्द करवायी. उसी वर्ष चम्पारण में उनका सत्याग्रह सफल हुआ. 1918 में खेड़ा का सत्याग्रह सफल हुआ. उसी वर्ष अहमदाबाद के मिल-मजदूरों के संघ का नेतृत्व ग्रहण करके उन्होंने समझौता कराया, पंच का सिद्धांत मिल-मालिकों से स्वीकार करवाया और दुनिया के लिए एक उदाहरण-रूप मजदूर-संघ की स्थापना की.
1918 की 27 अप्रैल को वायसराय लार्ड चेम्सफर्ड ने दिल्ली में युद्ध-सम्मेलन किया. गांधीजी उसमें शामिल हुए. हिंदी में भाषण करके सारे भारत का उपहास सहा, और उसके बाद फौज में भरती करने का काम आरम्भ किया. हम इस प्रवृत्ति के विरोधी थे. अगस्त में लार्ड विलिंगडन की अध्यक्षता में बम्बई में 'युद्ध-सम्मेलन' होने वाला था. मुझे ऐसा स्मरण है कि उस विषय पर विचार करने के लिए बिसेंट, लोकमान्य तिलक, गांधीजी, जिन्ना और हमारी समिति के अनेक सदस्य जमनादास के ऑफिस में एकत्र हुए थे. लोकमान्य ने कहा कि यदि सरकार मेरी शर्तें स्वीकार कर ले, तो मैं युद्ध में मदद करूं.
जब 'युद्ध-सम्मेलन' हुआ, तब लोकमान्य बोलने के लिए खड़े हुए. बताने लगे कि किस शर्त पर युद्ध में मदद करेंगे. विलिंगडन ने उन्हें रोका और वे सभा छोड़कर चले गये. बाद में जिन्ना रह गये. उन्होंने सरकार को खूब फटकारा. दूसरे या तीसरे दिन शांताराम की चाल में लार्ड विलिंगडन के व्यवहार का विरोध करने के लिए सभा हुई. गांधीजी उसके सभापति बने. इस प्रकार वे पहली बार 'होमरूल-लीग' के वर्तुल में आये.
इस घटना के कुछ दिनों बाद टाउन-हॉल में सभा होने वाली थी, उसमें हमारी लीग के चार आदमियों- जिन्ना, जयकर, भूलाभाई और हार्निमन- को बोलने का आमंत्रण मिला. लार्ड विलिंगडन उसका सभापतित्व ग्रहण करने वाले थे. हमारी समिति ने निश्चय किया कि उसने लोकमान्य तिलक का अपमान किया था, इसलिए उसके सभापतित्व में हेनेवाली सभा में हमारे प्रतिनिधि नहीं जायेंगे. भूलाभाई को यह उचित नहीं मालूम हुआ, इसलिए उन्होंने 'होमरूल लीग' से इस्तीफा दे दिया और उस सभा में गये. भूलाभाई ने लीग से इस्तीफा देकर हमारे व्यवसाय के निजी सम्बंध को देखते हुए यह मान लिया कि उससे इस्तीफा देना मेरा भी कर्तव्य है. लीग के साथ मेरा सम्बंध इतना निकटवर्ती और उनसे स्वतंत्र था कि ऐसा करने में मुझे अपना कर्तव्य न मालूम हुआ. उन्हीं दिनों गोधरा में प्रांतीय सम्मेलन हुआ. वहां जिन्ना भी आये. एक मुसलमान, हिंदू-मुस्लिम-एकता का पक्षपाती हो, फिर हिंदुओं की भावुकता का क्या कहना? गोधरा की जनता ने गाया-
'आओ भाई जिन्ना,
पधारो भाई जिन्ना,
राम-रहमान को एक मानने वाले.'
उस सम्मेलन में अध्यक्ष थे गांधीजी, और उन्होंने जिन्ना से पहली बार गुजराती में बुलवाया. जिन्ना को उस समय अंग्रेज़ी और टूटी-फूटी कच्छी-गुजराती के सिवाय अन्य कोई भाषा नहीं आती थी.
11 दिसम्बर को शेरिफ ने लॉर्ड विलिंगडन को मान-पत्र देने के लिए बम्बई के नागरिकों की एक सभा की. हमें इच्छित अवसर मिल गया. इस सभा में विरोध प्रदर्शित करने के लिए हम लोगों ने बहुत पहले से प्रचार करना शुरू किया. जिन्ना बहादुर नेता थे. काम की जिम्मेदारी लेने के बाद सिर हथेली पर रखकर काम करते थे. वे किसी प्रकार की खटपट में नहीं पड़ते थे, पर हिम्मत और सफाई से उसे तोड़ डालते थे. उस समय हमलोग अधिक परिचय में आये. आज भी हमारी भिन्न रुचि को देखते हुए यह कहना कठिन है कि उनका मुझ पर प्रेम था या नहीं, परंतु सद्भाव पूर्ण रूप से था. व्यवसाय में भी मेरे मन में उनके लिए बड़ा सम्मान था. उनको मुझसे बड़ी आशा थी. उनके अनेक सिद्धांत बड़े कठोर थे, और मुझे प्रशंसा-मुग्ध करते थे. वे कभी चंदे के लिए पैसे नहीं देते थे. 'मैं सार्वजनिक जीवन के लिए अपने समय की बलि देता हूं, यही मेरी चंदे की सहायता है.' सार्वजनिक जीवन के विषय में वे अविक्रेय थे. एक बार किसी ने धारा सभा में किसी विषय पर प्रश्न करने की सिफारिश की. उन्होंने स्वीकार कर लिया. दो-चार दिनों बाद उन्हीं लोगों ने किसी अन्य काम के बहाने से सॉलिसिटर के द्वारा 100 गिन्नियां लिखकर उन्हें ब्रीफ भिजवायी. जिन्ना ने ब्रीफ देखी, उसका रहस्य समझा और उसे चेम्बर के बाहर सॉलिसिटर के पीछे फेंक दिया. 'मैं जो सवाल करने वाला हूं, उसकी कीमत दे रहे हो? मैं ब्रीफ भी नहीं लूंगा और सवाल भी नहीं करूंगा…'
उन्हीं दिनों उनके विवाह का अवसर उपस्थित हुआ. सर दिनशा पिटिट की सत्रह वर्षीय पुत्री रति पिटिट के साथ उनका प्रेम-सम्बंध हो गया था और दोनों को एक दूसरे के साथ विवाह करने की इच्छा हुई. पारसी कौम में एक बड़ा ऐक्य है- जब अपनी कौम पर आक्रमण होते दीख पड़ता है, तब सब मिल जाते हैं. जिन्ना पर धिक्कार की वर्षा हुई. रति पिटिट पर माता-पिता और कौम ने मनमानी की. मामला कोर्ट में आया. हमारी बार-लायब्रेरी में पारसी बैरिस्टरों की टीकाखोरी की सीमा नहीं थी. सुने न जा सकने योग्य काव्य रचे गये. इस तूफान में जिन्ना अकेले पर्वत के समान अचल और स्थिर खड़े रहे. उनके बचाव में मैं भी अनेकों के साथ मार-पीट पर उतर आता था.
श्रीमती जिन्ना से मैं बाद में मिला था, जमनादास के यहां, होमरूल लीग में और कभी-कभी जिन्ना के चेम्बर में. ऐसी तेजस्वी स्त्री मैंने कदाचित ही देखी है. तलवार की धार की तरह उनकी जिह्वा चलती थी. उनका स्वभाव भी बिजली की तरह तीक्ष्ण था. उस समय उनके मन में देश-स्वातंत्र्य की अग्नि धधकती थी. जिन्ना उन्हें देशोद्धारक दिखलाई पड़ते थे. उनके साथ रह कर रण-कौशल दिखलाने की उन्हें बड़ी अभिलाषा थी.
उन दोनों की आंखों से झड़ती हुई प्रणय-ज्योति का सुगम स्मरण अब तक मेरे मन में बाकी है.
जिन्ना और उनकी पत्नी दोनों ने इस आंदोलन में भाग लिया. जिन्ना के भाषण में अपरिचित तीक्ष्णता आ गयी.
हार्निमेन 'क्रॉनिकल' में रोज विलिंगडन पुराण का उल्लेख करते और बम्बई की जनता में विरोधोत्साह की बाढ़ आती. जयकर- जिसके साथ मेरा गाढ़ा परिचय 1922 के बाद हुआ- और हार्निमन अंग्रेज़ी में हृदय-वेधक भाषण देते. परंतु इस प्रचार में जमनादास द्वारकादास का विशेष रूप से हाथ था. उनकी मैत्री अनेक भेद-प्रभेदों के रहते हुए भी अभी तक टिकी हुई है. चौबीसवें वर्ष में कॉलेज से निकलने पर- बिसेंट के इस लाडले पुत्र को, सार्वजनिक जीवन का नेता और करोड़पति फर्म का हिस्सेदार होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. जिस प्रकार हवा में पतंग आकाश पर चढ़ती है, उसी प्रकार राजनैतिक गगन में वे चढ़े. उनका स्वभाव राजवंशी, परंतु स्नेहमय था. वे दोनों हथेलियां भर-भरकर पैसे देते और बहादुरी से भाषण करते. वे अंग्रेज़ी अच्छी बोलते थे, परंतु दो वर्षों से गुजराती वाक्पटुता का जो नया सम्प्रदाय स्थापित हो रहा था, उसमें वे सबसे श्रेष्ठ थे. उनकी गुजराती अशुद्ध थी- विशेषकर कच्छी के अपरिचित प्रभाव से, परंतु शब्द प्रवाह अस्खलित और भाव-वैविध्य बहुत था. बिसेंट के संसर्ग से उनकी बोलने की पद्धति छटापूर्ण हो गयी और क्षोभ की उसमें छाया तक न रही.
मास्टर बहुत अच्छा बोलते थे, शुद्ध और गौरव-पूर्ण, सुंदर शब्दों से अलंकृत. उनकी आवाज़ भी प्रौढ़ थी. वे घटनाएं और उद्देश्य लगातार स्पष्ट रूप में उपस्थित करते थे. आरम्भ में चंद्रशंकर बड़ी सुंदरता से, प्रभावोत्पादक रूप में बोलते थे. उनकी आवाज़ भारी, बोलने की विधि लय-पूर्ण और उनका शब्द-कोश समृद्ध था. वे बीच-बीच में रसीले चुटकुले भी बोलते जाते थे. दो वर्षों तक उन्होंने हम सबसे अधिक प्रचार किया, परंतु वे अपनी शक्ति सुरक्षित नहीं रख सके. वे बड़ी बुलंद आवाज़ निकालने लगे, चाहे श्रोता सौ हों या दस सहस्र. लोकरंजन के तत्त्व भी उन्होंने खूब मिलाये. बम्बई में उनके अपने चुटकुले लोगों को जबानी याद हो गये थे.
वर्षा में की हुई प्रचार-यात्रा के परिणाम-स्वरूप उन्हें दमे की बीमारी हो गयी और उसके कारण उसके बाद के उनके अनेक वर्ष व्यर्थ बीते. जब गुजराती वाक्पटुता और वाग्वैभव का विकास नहीं हुआ था, तब इन मित्रों ने नयी प्रणाली शुरू की. उनके प्रयत्न के परिणाम स्वरूप गुजराती व्याख्यान पद्धति प्रौढ़, प्रभावशाली और समृद्ध हुई. ये सब, और मैं भी विलिंगडन के विरुद्ध प्रचार करने में लग गये.
11 दिसम्बर की अगली रात को हमने देर तक सभाएं कीं, और सुबह के पांच बजने से पहले पंद्रह हजार आदमी टाउन-हॉल के आगे एकत्र हो गये. मान-पत्र देनेवालों ने भी हॉल भरने के लिए हरकारों, मजदूरों और बोहरों आदि को सबेरे के चार बजे से टाउन-हॉल की सीढ़ियों पर बिठा रखा था. जिन्ना हमारे नायक थे. वे पुलिस-कमिश्नर के साथ बात कर आये और यह निश्चय हुआ कि एक हरकारा या एक बोहरा यदि अंदर जाए, तो एक हम में से भी अंदर चला जाए. इस प्रकार सबेरे छह बजे सारा टाउन-हॉल भर गया. बाहर बम्बई की जनता का समूह एकत्र होने लगा.
हॉल के अंदर विनोद की सीमा नहीं थी. कोई बोहरे का मज़ाक उड़ाता, कोई हरकारे की खिल्ली उड़ाता, कोई हमारे पक्षवालों को भला-बुरा कहता, शोर-गुल होता, कुर्सियां टूटतीं, सीटियां बजतीं और कभी-कभी हंसी-मज़ाक भी होता. अनेक पारसी लोग जिन्ना को न कहने योग्य वचन भी कहते थे. एक बार उन पर किसी ने हमला करने का प्रयत्न किया. थोड़ी-थोड़ी देर बाद पुलिस भी अंदर आ जाती और शांति बनाने का प्रयत्न कर जाती थी.
पांच बजे व्यासपीठ पर बैठने वाले बम्बई के महाजन आने लगे. जब से वे आये, तभी से उन पर शब्दों की वर्षा होनी शुरू हो गयी. हम ते आवाज़ें लगाते ही थे, पर हरकारे और मजदूर आवाज़ें लगाने में जबर्दस्त थे. कोई किसी की सुनता नहीं था. महाजनों ने सर जमशेदजी को सभापति बनाने का प्रस्ताव किया. हमारी ओर से तेलंग के लिए सिफारिश हुई. थोड़ी शांति हुई, प्रस्ताव उपस्थित हुआ… हां… हां… नहीं… नहीं… 'डाउन विद विलिंगडन' की हमलोग आवाज़ें लगा रहे थे. बेचारे नासमझ मजदूरों की समझ में नहीं आता था कि वे क्या करें, अतः वे भी चिल्लाने में हमारा साथ दे रहे थे. दूसरे लोग घबरा गये. शोर-गुल इतना मचा कि अनेक लोग कुरसी पर खड़े हो गये और अनेक आगे आने लगे. अनेक लोग व्यास पीठ पर भी चढ़ने के लिए आ रहे थे, अतः सभापति और उनके मित्र उठकर पिछले रास्ते से चले गये.
जैसे-तैसे रात के आठ बजे हम बाहर निकलकर जगह-जगह पर भाषण देने लगे. मान-पत्र, प्रदान करने वाले के घर ही रह गया. बम्बई के गवर्नर ने पहली बार इसका स्वाद चखा कि बम्बई की जनता क्या है. इस अवसर की स्मृति के रूप में जनता ने 'जिन्ना-हॉल' बनवाया.
भूलाभाई और मेरे बीच की घटना के थोड़े दिनों बाद ही मैं दिल्ली-कांग्रेस में शामिल होने के लिए चल पड़ा. 'सम्पूर्ण प्रांतीय स्वराज्य के बिना सुधार अमान्य हैं', यह प्रस्ताव वहां भी उपस्थित हुआ और बम्बई में बिसेंट का पास कराया हुआ प्रस्ताव उड़ गया. परिणाम-स्वरूप बिसेंट और जिन्ना, दास और खापरडे के मुकाबले में निस्तेज हो गये.
ब्रिटिश सरकार की यह नीति थी कि एक ओर से सुधार उपस्थित करना और दूसरी ओर से देश-द्रोह के अपराध को विस्तृत करके उसके लिए सरकार को अधिक अधिकार देना. 1918 की जुलाई में 'रॉलेट-समिति' ने अपने वृत्तांत से इस नीति का समर्थन किया. देश में विरोध उत्पन्न हो गया. गांधीजी ने- जो अब तक राजनीतिक बहाव के बीच में नहीं आये थे- घोषणा की कि यदि रॉलेट के बताये हुए 'काले कानून' पास होंगे, तो वे सत्याग्रह आरम्भ करेंगे.
उस समय शंकरलाल बैंकर गांधीजी के सम्पर्क में आये थे, और उन्होंने यह निर्णय किया था कि उनको 'ऑल इंडिया होमरूल लीग' का अध्यक्ष पद दिया जाए. उन्होंने मुझसे बात की. जमनादास की तरह बिसेंट के साथ मेरा निकट सम्बंध नहीं था, परंतु गांधीजी का ढंग मुझे अव्यावहारिक मालूम हुआ था. दिल्ली में बिसेंट की स्वीकार की हुई नीति मुझे पसंद नहीं आयी थी. भारतीय मानस विचित्र है, ज़रा भी किसी ने धीरे चलने के लिए कहा, कि हमारी शाब्दिक हिम्मत एकदम बढ़ जाती है. इस मानस को बिसेंट का झुकाव कायरतापूर्ण मालूम हुआ. अनेक लोगों ने तो ऐसे आक्षेप भी किये कि 'यह तो सफेद चमड़ी है, इसे भारतीयों को स्वराज्य मिलना कहां से अच्छा लगेगा?' पर यह आक्षेप नितांत असत्य था. रंग-भेद का खयाल यदि किसी अंग्रेज़ में नहीं देखने को मिला है, तो वह बिसेंट में ही. भारत का यदि किसी विदेशी ने मातृवत् पूजन किया है, तो वह उन्हीं ने. फिर भी शंकरलाल की बात मुझे सत्य मालूम हुई. हमने सब जगह मुकाबला किया और अंत में गांधीजी अध्यक्ष चुने गये. हममें जो डोर खींचने का दावा करने वाले मित्र थे, उनके हृदय बैठ गये. रॉलेट एक्ट का विरोध करने के लिए गांधीजी सारे भारत में घूम आये. उनकी लोकप्रियता की बाढ़ आ गयी. थोड़े समय बाद ऐसा प्रतीत होने लगा, मानो हमने उन्हें अध्यक्ष नहीं बनाया था, वरन् वे कृपा करके हमें सदस्य बनाये हुए थे. अपने चाणक्यों की स्थिति देखकर-मुझे बड़ा मज़ा आता था.
गांधीजी के प्रति यह मेरा पहला अनुभव था. उनके अध्यक्ष होने के तुरंत बाद ही वैकुंठ देसाई के ऑफिस में पहली सभा हुई. रॉलेट-एक्ट के विषय में यह चर्चा हुई कि क्या करना चाहिए. तेरसी ने और मैंने बहिष्कार का समर्थन किया. हममें से कोई इसके सिवा दूसरा रास्ता नहीं जानता था. हमें यह मालूम था कि गांधीजी इसके विरुद्ध थे.
गांधीजी ने कहा कि बहिष्कार में हिंसा आ जाती है, अतः यह रास्ता व्यर्थ- वर्ज्य है. इसमें पाप है. बहिष्कार के विषय में उस समय मेरे विचार स्पष्ट थे. अगली रात को, बहिष्कार के समर्थन के लिए तैयार की हुई मेरे भाषण की प्रतिलिपि उस समय के मेरे राजनीतिक विचारों का परिचय देती है- 'आक्रमण को पाप समझकर अनेक लोग उससे दूर रहते हैं. वे युद्ध के प्रति उत्पन्न उत्साह को दानवी वृत्ति मानकर उससे विमुख हो जाते हैं. राजनीतिक प्रवृत्ति में प्रेम के लिए स्थान नहीं है. एक राष्ट्र और दूसरे राष्ट्र के बीच न्याय हो सकता है, पक्षपात हो सकता है, पर प्रेम नहीं हो सकता. बहिष्कार में प्रेम का अभाव है, यह कहना मानस-शास्त्र और नीति-शास्त्र दोनों के विरुद्ध है. यह शस्त्र किसी विदेशी व्यक्ति के लिए नहीं, परंतु तुम्हारा शोषण करने वाली राजनीति के विरुद्ध व्यवहृत होता है. द्वेष जितना अधम है, उतना ही प्रेरक है. द्वेष उत्पन्न होता है, तो उसे प्रेरणा के या जागृति के रूप में उत्पन्न होने दो. इसमें हिंसा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता, यह तो केवल औचित्य का प्रश्न है. हमारी पराधीन जनता के लिए, वह हिंसा अनुचित है, जो हमारा शासन-कर्ता के साथ संघर्ष करवा देती है, परंतु इससे हिंसा को हमेशा के लिए देश-निकाला दे देने का नाम राजनीति बिल्कुल नहीं है.
इस प्रतिलिपि- जिस पर कि अरविंद घोष का विशेष प्रभाव है- पर से मैं भाषण तैयार करके ले गया था. इसमें से कितना बोला गया, यह याद नहीं है, परंतु तेरसी ने इसका खूब समर्थन किया, एक-दो अन्य व्यक्ति भी इसके पक्ष में अचूक रीति से बोले! गांधीजी ने अपनी लाक्षणिक रीति से उत्तर दिया- 'स्वदेशी व्रत चल सकता है, बहिष्कार में हिंसा आ जाती है, अतः वह वर्जित है. और यदि आप लोग उसे स्वीकार करेंगे, तो मैं पद-त्याग कर दूंगा. आपको दूसरा अध्यक्ष चुनना पड़ेगा.'
हम चकित हो गये. हम समझते थे कि यदि बहुमत से इसे स्वीकार करवायेंगे, तो गांधीजी मान लेंगे. ज़रा-से मतभेद से ही यदि सदस्य इस्तीफा देने लगें, तो लोक-शासन किस प्रकार चले? हम लोगों को क्या पता था कि हमारे बीच में देवांशी मनुष्य आ गया था! हमारे भाग्य में दो ही रास्ते रह गये थे, या तो उसके अधीन हो जाना, या भाग जाना.
गांधीजी ने तुरंत सत्याग्रह-समिति स्थापित की. उमर सोमानी और शंकरलाल मंत्री बने. कानजी द्वारकादास और मैं बम्बई की होमरूल लीग के मंत्री नियुक्त हुए.
एक और भी ऐसा ही अवसर आया, अब गांधीजी ने स्पष्ट कह दिया कि- 'यह भी सेना है, भेद केवल इतना ही है कि युद्ध के समय उससे अलग हो जाओ, तो दंड मिलता है, इससे अलग होना चाहो, तो हो सकते हो.'
हम में से अनेक उतावले हो उठते, परंतु अंत में पिघले हुए घी की तरह होकर जो गांधीजी कहते, वही करते थे.
1919 के मार्च में काले कानून पास हुए, अतः गांधीजी ने सत्याग्रह करने का संकल्प प्रकट किया. सत्याग्रह-व्रत-पत्र पर हस्ताक्षर करवाये जाने लगे. छह अप्रैल को सारे देश में हड़ताल हुई और समस्त भारतीय जनता ने उसमें भाग लिया. उस दिन भारत ने अपने राष्ट्रीय महत्त्व का प्रथम दर्शन किया.
सरकार घबराहट से पागल हो गयी. गांधीजी को पंजाब जाते हुए रोक लिया गया. डॉ. किचलू और डॉ. सत्यपाल को प्रांत से बाहर निकाल दिया गया. ग्यारह को डायर अमृतसर में आया. तेरह को जलियांवाला बाग में हत्याकांड हुआ. सारा देश भड़क उठा. इंग्लैंड में भी हाहाकार मच गया.
18 अप्रैल को गांधीजी ने सत्याग्रह बंद कर दिया, और यह स्वीकार किया कि उन्होंने हिमालय के समान बड़ी भूल की थी. डायर के किये हुए हत्याकांड की जांच करने के लिए समिति बैठायी गयी. पंजाब में ऐसा कोई वकील नहीं था, जो जनता की ओर से खड़ा होता. 'प्रेसीडेन्सी एसोसियेशन' ने- दो-एक वर्ष मैं उसका मंत्री भी रहा था- हंटर-समिति के आगे जनता का प्रश्न उपस्थित करने का काम मुझे सौंपा. 3000रु. महीना फीस थी. राजनीतिक कामों में भी वकील फीस अवश्य लेते थे. यह उस समय की प्रथा थी. जब कांग्रेस-कमेटी ने निश्चय किया कि हंटर-समिति के सम्मुख लोक-पक्ष का बयान न लिया जाए और मुझे पंजाब जाने की आवश्यकता नहीं- तब मुझे शांति मिली. तीन हजार रुपये लेकर महीने-भर के लिए बम्बई से बाहर जाना मुझे गहरे आत्म-त्याग के समान मालूम हो रहा था. अभी गांधी-युग नहीं आया था.
उस सत्याग्रह के जमाने की एक घटना है. उमर थे महाराजा, कमाने और खर्च करने के लिए उनके पैसों की कोई सीमा नहीं थी. मिजाज भी था बड़ा, बड़े भले, उत्साही और उदार थे. कांग्रेस के वे अग्रगण्य संचालक बन गये थे. उन्हें जिस बात की धुन समा जाती, उससे उन्हें रोकने की किसी की मजाल नहीं थी. उन दिनों शौकतअली ने खिलाफत के विषय में एक फतवा दिया था, जिसे उमर ने छपवाया था. गवर्नर था लॉर्ड लाइड. उसने वह गांधीजी को बताया. गांधीजी ने उसे अनुचित बताया. उमर से पूछने पर उन्होंने कहा कि सारी कॉपियां खप चुकी हैं, इसलिए सरकार को सौंप देने की कोई चीज़ नहीं रही. गांधीजी ने इसे मान लिया और गवर्नर को इसकी सूचना दी.
वास्तव में उसकी सैकड़ों कॉपियां प्रेस में पड़ी हुई थीं और जब पुलिस की तलाशी का वक्त हुआ तब किसी भी तरीके से सारी कॉपियों को जला डालने का निश्चय हुआ. रात को जमनादास सिवरी जाकर सारी प्रतियां वहां जला आये. किसी ने यह बात गांधीजी से कह दी. गांधीजी ने सबको बुलाकर सत्य बात स्वीकार कर लेने की सूचना दी और उमर को पुलिस कमिश्नर से माफी मांग लेने की आज्ञा दी. उमर तड़प उठे. गांधीजी ने स्वयं भी उपवास आरम्भ किया और जमनादास तथा उमर से भी उपवास करवाया. अंत में हारकर उमर ने अभिमान छोड़ा और पुलिस से माफी मांग ली.
उस समय मैं जिन्ना के साथ काम कर रहा था. मेरे सहकारियों का मन गांधीजी के सहकारियों से दूर हटता जा रहा था.
1919 के दिसम्बर मास में मैं अमृतसर में होने वाली कांग्रेस में गया था- देवीदास सॉलिसिटर जैसे कुशल संचालक के दल के साथ. वे सब कुछ सम्भाल लेते थे. औरों को केवल खा-पीकर मौज करने का काम रह जाता था. रास्ते में जब स्टेशन आते, तब दो-चार मित्र उतरकर दही-बड़े, जलेबी आदि खरीद लाते, दावतें उड़तीं और धमा-चौकड़ी मची रहती.
मणिलाल नानावटी भी उस समय साथ थे.
मुझे जब भी लम्बा सफर करना पड़ता, तभी मेरे छक्के छूट जाते, ट्रेन में नींद न आती और पेट चमड़े की थैली बन जाता था. जरा भी धूल लगती कि खांसी-जुकाम हो जाता था. दो दिनों के सफर के बाद जब मैं निश्चित स्थान पर पहुंचता, तब एकदम ढीला पड़ जाता.
उस समय की कांग्रेस पहले दर्जे में सफर करने वालों की और अच्छे होटल में ठहरने वालो की कांग्रेस थी. कांग्रेस में जाने से सहन करने वाली अनियमितता, असुविधाएं और जागरण हमेशा मुझे निर्बल बना छोड़ते थे, परंतु अमृतसर में मणिलाल नानावटी ने मां की तरह मेरा ध्यान रखा.
अमृतसर-कांग्रेस की विषय-विचारिणी-समिति को हिंदुस्तान के इतिहास में एक सीमा-चिह्न कहा जा सकता है. मांटेग्यू के सुधार हमारे सामने थे. जलियांवाला बाग के शहीदों का बहता हुआ लहू हमारा खून उबाल रहा था.
कांग्रेस के नेताओं में एक ओर थे पंडित मोतीलाल नेहरू और बिसेंट, और दूसरी ओर थे लोकमान्य तिलक, विपिनचंद्र पाल और सी.आर. दास. देशबंधु दास 'मॉर्निंग कोट' पहनकर आते, सात-आठ युवक बैरिस्टरों को साथ लाते और हाथ ठोंककर ज़ोरदार भाषण करते थे.
दोनों पक्ष मन में गांधीजी से ईर्ष्या करते और प्रकट रूप में उपहास करते रहते थे. पर वे समझ में न आने वाली रीति से अकेले मौन बैठे हुए थे. सुधारों पर विवाद छिड़ गया. किसी ने- जहां तक याद है श्रीनिवास शास्त्री ने- कहा कि मांटेग्यू ने हिंदुस्तान की इतनी सेवा की है कि नगर-नगर में उसकी प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए. सत्यमूर्ति भयंकर भाषण करने में प्रसिद्ध थे. उन्होंने शास्त्री जी की खूब खबर ली और यह प्रतिपादित किया कि चेम्सफर्ड खराब-से-खराब वायसराय है.
बाद में जलियांवाला बाग के हत्याकांड और अमृतसर के दंगे के समय जनता द्वारा प्रदर्शित किये गये घातक आदेश, दोनों का विरोध करने वाला प्रस्ताव उपस्थित हुआ. इस प्रस्ताव का पिछला भाग हम लोगों को अच्छा नहीं लगा. दो अंग्रेज़ों की हत्या और सैकड़ों निर्दोष स्त्राr-पुरुषों को गोली से उड़ाना- इन दो बातों को एक समान कैसे माना जाए? अनेक लोगों को संदेह हुआ कि यह काम बिसेंट का होगा, ब्रिटिश होने के कारण अंग्रेज़ों के प्रति उसे सहानुभूति हुई होगी. एक पंजाबी नेता ने तो कह भी डाला कि भारतमाता की संतान ऐसा प्रस्ताव नहीं गढ़ सकती. लोकमान्य ने भी विरोध किया. पाल और दास ने रोष प्रदर्शित किया और बहुमत से इस प्रस्ताव का पिछला भाग उड़ा दिया गया.
दूसरे दिन जब हम विषय-विचारिणी-समिति में एकत्र हुए, तब यह चर्चा चली कि प्रस्ताव के उड़ जाने से रात को गांधीजी को नींद नहीं आयी थी. नेतागण हंस रहे थे, मज़ाक उड़ा रहे थे. 'हां… महात्मा को नींद नहीं आयी! क्या होगा? कहीं पृथ्वी पर प्रलय तो नहीं होगी?' आदि-आदि.
सभा आरम्भ हुई, सभापति ने कहा कि गांधीजी चाहते हैं, कि कल जो प्रस्ताव उड़ा दिया गया था, उस पर फिर से विचार हो. कइयों ने इसका विरोध किया. गांधीजी टेबल पर बैठे और उन्होंने इस प्रस्ताव पर पुनः विचार करने की सूचना दी. गांधीजी को मैंने अनेक बार बोलते सुना है, परंतु उनके इस भाषण को प्रभावोत्पादक वाक्पटुता के अद्वितीय उदाहरण के रूप में आगे वर्णित किये हुए बिसेंट के भाषण के साथ रखा जा सकता है. ऐसा याद है कि उन्होंने कुछ-कुछ इस प्रकार आरम्भ किया था-
'कल पंजाब के एक नेता ने कहा है कि भारतमाता की संतान ऐसा प्रस्ताव नहीं गढ़ सकती. इस प्रस्ताव का प्रारूप मैंने स्वयं बनाया है. मैं भारतमाता की संतान हूं. यह टीका सुनकर मैंने इस पर बड़ा विचार किया कि क्या मैं भारतमाता की संतान के रूप में ऐसा प्रस्ताव गढ़ सकता हूं? सारी रात मैंने विचार किया और मुझे विश्वास हो गया कि भारतमाता की संतान ही ऐसा प्रस्ताव गढ़ सकती है.'
बाद में उन्होंने हिंसा-अहिंसा का भेद समझाया. एक घंटे तक वे बोले होंगे. उनके प्रत्येक शब्द से जीवन-भर की तपश्चर्या और संकल्प प्रकट हो रहे थे. हम लोग श्वास रोके सुन रहे थे. जब वे बोल चुके, तब उनकी वाक्पटुता और व्यक्तित्व से परास्त होकर हमने उनकी शरण ली. फिर उस प्रस्ताव पर विवाद हुआ, मज़ाक हुआ और व्यंग्य-बाणों की वर्षा हुई. लोकमान्य, दास और पाल ने बहुत कहा, पर कोई प्रभाव नहीं हुआ. वही प्रस्ताव पास हुआ. इस प्रकार कांग्रेस के सम्राट का पद गांधीजी के हाथ में चला गया.
अक्टूबर 1919 में गांधीजी ने खिलाफत-कॉन्फ्रेंस की. इस कदम पर जिन्ना को ज़रा भी विश्वास नहीं था. असहयोग भी हमारी समझ में नहीं आता था. 1920 के मई मास में फ्रेंचब्रिज पर असहयोग-आंदोलन के सिलसिले में बड़ी सभा हुई. गांधीजी ने त्रिविधि बहिष्कार करने के लिए सूचित किया. जुलाई 1920 में गुजरात राजकीय मंडल ने धारा-सभा का बहिष्कार किया. उस सभा में मुझे बुलाया गया था, पर मैं नहीं गया. एक लिखित टिप्पणी मैंने भेज दी थी.
मेरे राजनीतिक विचारों में एक बात उस समय निश्चित थी. वह यह कि भारत के लिए राजनीतिक संस्थाओं की सत्ता बड़ी ही आवश्यक है. 1908 – 1909 से ही मैं विप्लववादी नहीं रह गया था.
मैं जानता था कि इस प्रकार का बहिष्कार गांधीजी कराना चाहते हैं, अतः मेरा अरण्य-रोदन कोई नहीं सुनेगा. परंतु अपने विचार भेजकर मैंने अपना कर्तव्य पूर्ण किया. उन विचारों का उपयोगी भाग निम्नलिखित था-
धारा-सभाओं का बहिष्कार
'मेरा यह दृढ़ मत है कि धारा-सभाओं के बहिष्कार का आंदोलन आरम्भ करने में कोई लाभ नहीं है. उसके कारण ये हैं-
बहिष्कार से देश के अच्छे-से-अच्छे व्यक्ति धारा-सभाओं से निकल जायेंगे या अलग रहेंगे, इससे धारा सभाओं के द्वारा देश की जो प्रगति होने की सम्भावना है, वह नहीं होगी.
जिनकी उपस्थिति से मार्ले-मिंटो के सुधारों वाली धारा-सभाओं में भी अधिकारियों की गैर-जिम्मेदार मनोवृत्ति पर अंकुश रहता है, वे देश के सबसे अधिक प्रभावशाली पुरुष, बहिष्कार के कारण धारा-सभा में जाना बंद कर देंगे.
चुनावों के सिलसिले में राज-काज में आगे बढ़े हुए राजनीतिज्ञों द्वारा जो प्रबल और व्यवस्थित प्रचार कार्य चलने की आशा है, और उस प्रचार से जनता को सामान्यतया जो राजनीतिक शिक्षा मिलती है, वह धारा-सभाओं का बहिष्कार होने से नहीं मिल सकती.
बहिष्कार से निम्न प्रकार के मान-मर्यादा और पद प्राप्त करने का प्रयत्न करने वाले खुशामदी लोगों को रचनात्मक कार्य करने का अवसर मिल जायेगा और लोगों के मन में यह समझकर बैठे रहने की वृत्ति उत्पन्न होगी कि आज जो भी स्थिति है, वही उत्तम है.
धारा-सभा में स्थान मिलने से मनुष्य को अमुक पद प्राप्त होते ही हैं, और जो न्याय चाहता है, वह यदि धारा-सभा का सदस्य हो, तो उसकी आवाज़ अधिक ज़ोरदार और प्रभावशाली साबित हुए बिना नहीं रह सकती.
मेरा मत है कि राजनीति में आगे बढ़े हुए विचारों वाले दल को अलग रखने की स्थिति और सरकार के साथ असहयोग की नीति में शामिल करने की दशा में यह पहला कदम है. आप जोश के साथ प्रचार कर सकते हैं, परंतु थोड़े ही समय में ध्येय-प्राप्ति न कर सकने पर आपको अधिक ज़ोरदार प्रचार करना पड़ेगा. अर्थात लोगों में असहयोग की अग्नि जलानी पड़ेगी और सम्भवतः सरकार दमन नीति काम में लायेगी. इससे समाज में इतना उत्पात मचेगा कि सुव्यवस्थित प्रगति का जो लाभ देश को मिलना चाहिए, वह नहीं मिल सकेगा.
इससे मेरा यह मत है कि राष्ट्रीय पक्ष के लोगों को खिलाफत और पंजाब के लिए न्याय प्राप्त करने के लिए धारा-सभाओं की बैठकों में चुने जाने के लिए देश के आगे आना चाहिए. मैं यह मानता हूं कि यदि हम पर्याप्त आंदोलन करें, तो देश भर में राष्ट्रीय पक्ष वाले उचित संख्या में धारा-सभाओं में चुने जायें. चुने जाने के पश्चात राष्ट्रीय पक्ष के सदस्य वफादारी की शपथ लें. परंतु जब तक न्याय न मिले, तब तक धारा-सभाओं के काम काज में अन्य किसी प्रकार का भाग न लें. यह सारा कार्यक्रम चुनाव के प्रचार के अंतर्गत लोगों के आगे रखा जाना चाहिए –
इस कार्यक्रम में पंजाब का प्रश्न एक पक्ष द्वारा अपना बनाया होने से उसके लिए बड़ा तीव्र-आंदोलन चलेगा.
असहयोग की धमकी देने से और चुनावों में खड़े होने से इनकार करने पर जो प्रभाव होगा, उसकी अपेक्षा चुनाव हो जाने के पश्चात धारा-सभाओं के साथ असहयोग करने से अधिक प्रभाव होगा.
ऐसा करने से धारा-सभा प्रतिष्ठा और पद प्राप्त करने का प्रयत्न करने वाले खुशामदी लोगों के हाथ में जाने से बच जायेगी.
ऐसा करने से सरकार को यह ढोंग रचने से रोका जा सकेगा कि वह सुधारों वाली धारासभाओं को निर्विघ्न और सरलता से चला रही है.'
अमृतसर-कांग्रेस के बाद गांधीजी ने देश पर जादू-सा कर दिया. पहली अगस्त को लोकमान्य स्वर्गवासी हुए और बम्बई की जनता ने उन्हें भव्य सम्मान प्रदान किया. सितम्बर में कलकत्ता की विशेष कांग्रेस ने असहयोग स्वीकार किया.
गांधीजी 'होमरूल लीग' का नाम 'स्वराज्य सभा' रखना चाहते थे, और उसके उद्देश्यों में से 'रचनात्मक साधन' (कॉन्स्टीट्यूशनल मीन्स) शब्द निकाल कर 'शांतिमय और अचूक साधनों'(पीसफुल एंड इफेक्टिव मीन्स) से स्वराज्य प्राप्त करना, यह परिवर्तन करना चाहते थे. चार सितम्बर को जब कलकत्ते में लीग की सभा हुई, तब जिन्ना ने यह विषय उठाया कि इसके लिए उचित नोटिस नहीं दिया गया था. अतः बम्बई में सभा की बैठक पुनः बुलाने का निश्चय हुआ.
गांधीजी के सोचे हुए परिवर्तनों में हमने जिन्ना और जयकर के हस्ताक्षरों से संशोधन उपस्थित किया.
'कांग्रेस के कानून एक प्रकार से स्वराज्य प्राप्त करना है,' यह संशोधन मैंने और हरसिद्ध भाई देवेटिया ने पेश किया था.
3 अक्टूबर को मुरारजी गोकुलदास मार्केट के हाल में यह सभा हुई. गांधीजी उसके अध्यक्ष थे. पंडित मोतीलाल जी, जवाहरलाल जी, राजगोपालाचार्य जी, ये सब उनके पक्ष में थे. उमर और शंकरलाल ने अच्छी संख्या में सदस्य एकत्र किये थे. अपने पक्ष की हार को हम निश्चित समझे बैठे थे.
जिन्ना और जयकर का संशोधन गिर गया. 20 के विरुद्ध 45 मतों से मेरा उपस्थित किया हुआ और हरसिद्धभाई का अनुमोदित प्रस्ताव भी उड़ गया. जिन्ना ने तीसरा संशोधन उपस्थित किया- 'स्वराज्य का अर्थ है साम्राज्य में जिम्मेदार राजतंत्र बनाना,' वह भी उड़ गया.
जिन्ना ने वैधानिक विषय उपस्थित किया- 'तीन चौथाई बहुमत के बिना विधान में परिवर्तन नहीं हो, लीग के विधान के अनुसार यदि उसमें परिवर्तन करना हो, तो कौंसिल के उपस्थित सदस्यों के तीन चौथाई बहुमत की आवश्यकता होगी.'
अध्यक्ष ने निर्णय दिया कि इस प्रस्ताव में जान नहीं थी, और प्रस्ताव उचित रूप में पास हो गया था. जिन्ना विरोध प्रदर्शित करके इस सभा से चले गये. हमने भी अनुकरण किया.
5 अक्टूबर को हम बीस सदस्यों ने लीग से इस्तीफा दे दिया. इन बीस में जिन्ना, जयकर आदि के अतिरिक्त हमारा मंडल भी शामिल था.
हमारे इस्तीफों का गांधी जी ने उत्तर दिया. जिन्ना ने उसका जवाब लिखा. उस पर विचार करने के लिए हम अंतिम बार एकत्र हुए और हमारी इस सामुदायिक प्रवृत्ति का अंत हो गया. गांधीजी ने अपना प्रयोग आरम्भ कर दिया था. देश उनके चरणों पर झुक गया था. परंतु हम लोगों को उस प्रयोग में बड़ा खतरा नज़र आया. गांधीजी की कार्य पद्धति का किसी को पूरा पता नहीं था और उनकी शांति की बात कितने अंश में सत्य थी, इसका भी हमें विश्वास नहीं था.
दिसम्बर में मैं नागपुर की कांग्रेस में गया- उसे छोड़ने से पहले उसके दर्शन करने के लिए. दो वर्षों में गांधीजी ने उसे भिन्न ही स्वरूप प्रदान कर दिया था. उसका बाह्य स्वरूप यात्रियों के बड़े समूह के समान हो गया था. विभिन्न प्रांतों से नये खद्दरधारी नेता उसमें आ गये थे. राजनीति के पुराने निष्णात मुश्किल से ही नज़र आते थे. जो समूह एकत्र हुआ था, वह अधिकांश में जोशीले गांधी भक्तों का था. विचार स्वातंत्र्य का उपहास करना, उसे दबा देना, सब जगह दीख पड़नेवाली इस मनोदशा में अहिंसा का अंश विशेष रूप से नहीं झलकता था. भारत विजय करने निकले हुए विजय-मस्त सैनिकों का यह पड़ाव था.
एक मित्र मिल गये- 'तुमने अभी तक खादी पहनना शुरू नहीं किया?' उन्हेंने पूछा.
'अभी मैं उसकी सार्थकता समझ नहीं सका हूं?' मैंने अपनी कमज़ोरी स्वीकार की.
'विदेशी, वेश्या है, खादी, पतिव्रता स्त्री है. इसमें सार्थकता समझने की क्या बात है?'
मेरे पास इसका कोई उत्तर नहीं था.
जयकर और मैं अलग रहते थे, पर दिन भर साथ-साथ घूमा करते थे.
मैं गुजरात कैम्प में गया. मेरे पुराने मित्रों के साथ मेरी राजनीतिक एकरूपता टूट गयी थी.
विषय-विचारिणी-सभा में जो अवास्तविक-सा वातावरण फैला हुआ था, वह मुझे बड़ा खटका. गांधीजी, मुहम्मदअली और शौकतअली जो कहते थे, वही होता था. गांधीजी बहुत कम बोलते थे. मुहम्मदअली ने एक बार कहा-
'ब्रिटिश साम्राज्य तो गुजर गया और दफनाया भी जा चुका है.'
मैं अपनी हंसी न रोक सका. इस प्रचंड उत्साह को अपनाने में मैं असमर्थ रहा. जिन्ना ने अद्भुत प्रगल्भता दिखलायी. तीस हजार विरोधियों के बीच भी उन्होंने अकेले यह आवाज़ उठायी कि कांग्रेस को अपना लक्ष्य नहीं बदलना चाहिए. उन्होंने मुहम्मदअली का उल्लेख 'मिस्टर मुहम्मदअली' कहकर किया.
हजारों आदमी खड़े हो गये. हजारों आवाज़ों ने विरोध प्रदर्शित किया. 'मौलाना… मौलाना…'
जिन्ना अटल रहे. इस प्रतिपक्षी जनसमूह में उन्होंने अकेले ही जिह्वा की झूठी अंजलि देने से इनकार किया.
उस समय की कांग्रेस का यह अंतिम दृश्य था.
मैं चला गया. यह संस्था मेरी समझ से बाहर की वस्तु बन गयी. मैंने उससे इस्तीफा दे दिया.
बाद में एक-दो मित्रों ने मुझसे कहा कि गांधीजी मुझसे मिलना चाहते हैं. मैंने मिलने जाना अस्वीकार कर दिया. उनके प्रभाव में घिसट जाने का अवसर अभी मेरे लिए नहीं आया था. |
Sushant Singh Rajput's US friend Made Statement About the actor's Hollywood Aspirations, saying Everything changed after Europe trip, Read Latest Bollywood News: सुशांत सिंह राजपूत की यूएस बेस्ड फ्रेंड ने अभिनेता के हॉलीवुड डेब्यू को लेकर किया बड़ा खुलासा, कहा 'यूरोप ट्रिप के बाद सब बदल...'
सुशांत सिंह राजपूत की यूएस बेस्ड फ्रे�...
सुशांत सिंह राजपूत की यूएस बेस्ड फ्रेंड ने अभिनेता के हॉलीवुड डेब्यू को लेकर किया बड़ा खुलासा, कहा 'यूरोप ट्रिप के बाद सब बदल...'
सुशांत सिंह राजपूत की यूएस बेस्ड फ्रेंड ने खुलासा करते हुए बताया है कि वो हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स को लेकर काफी उत्साहित थे, लेकिन यूरोप ट्रिप में सब कुछ बदल गया था।
| Updated: August 25, 2020 5:38 PM IST
सुशांत सिंह राजपूत न केवल एक अभिनेता और टैलेंटेड डांसर थे, बल्कि एक इंटरप्रेन्योर भी थे। बॉलीवुड में सक्सेस पाने के अलावा वो हॉलीवुड में भी छाप छोड़ने की प्लानिंग कर थे। सुशांत की अमेरिका की दोस्त अनीशा मधोक ने रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए खुलासा किया है कि सुशांत लॉस एंजेलिस आने और वहां के प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक थे। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि सुशांत का सपना कॉयन ब्रदर्स के साथ काम करना था। Also Read - इन 10 बॉलीवुड सेलेब्स का नाम सुनते ही खौल उठता है Salman Khan का खून, देखें लिस्ट
चैनल से बात करते हुए अनीशा मधोक ने बताया कि वह पहली बार 2017 में अभिनेता से मिली और उनके डांस और फिजिक्स की दीवानी हो गई थीं। अप्रैल 2019 में, वे लॉस एंजेल्स में मिलने की तारीखों पर चर्चा कर रहे थे और अमेरिका में रहने वाले अनीशा ने एक प्रोजेक्ट के लिए दिवंगत अभिनेता के नाम की भी सिफारिश की थी। तारीखों पर चर्चा करते हुए, सुशांत ने उनसे कहा कि वह उसे 'कुछ घंटों में' बता देंगे।
अनीशा ने आगे खुलासा किया कि उन्होंने यूरोप यात्रा के बाद सुशांत के सारे प्लान्स बदल गए थे। सुशांत और रिया चक्रवर्ती ने अक्टूबर 2019 के आसपास यूरोप की यात्रा की। उन्होंने कहा कि सुशांत ने तब से कभी जवाब नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि वह जनवरी 2020 में भारत आई थीं और नई दिल्ली में थी। जबकि वह अभिनेता को उसके जन्मदिन की शुभकामना देना चाहती थी, लेकिन वह उसके संपर्क में नहीं आ सकी क्योंकि उसने अपने फोन नंबर बदल दिए थे। Also Read - Exclusive: 'Brahmastra' और 'Liger' जैसी फिल्मों का इंतजार कर रहे दर्शकों को अगले हफ्ते तक सरप्राइज दे सकते हैं Karan Johar
अनीशा ने कहा, 'इस साल जनवरी में उनकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी। उन्होंने ड्राइवर को फोन किया लेकिन उसने कहा कि वह काम नहीं करता। वह गायब हो गया। उन्होंने अपना नंबर बदल दिया। हालांकि, मैंने उसके जन्मदिन के लिए फूल भेजे लेकिन मुझे इस बात का कोई पता नहीं है कि वे उसके पास पहुंचे या नहीं।' यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कभी संदीप सिंह और सिद्धार्थ पिठानी के बारे में सुना है, अनीशा ने कहा कि उन्होंने कभी इन लोगों के बारे में बात नहीं की, लेकिन फिल्मों, प्रोजेक्ट्स और साइंस पर चर्चा की। Also Read - Dance Plus 6 Promo: Neeraj Chopra ने राघव के सामने किया शक्ति को प्रपोज, प्रतियोगियों संग लगाए जमकर ठुमके |
कबड्डी विश्वकप: इंग्लैंड को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचा भारत
Today: Thu 27 October 2016
खबरें राष्ट्रीयराज्यदुनियाबिजनेसखेलमनोरंजन अपराधजीवनशैलीकार्यक्रमअजब-गजबराजनीतिबुंदेलखंडउत्तराखंडउत्तर प्रदेशगैजेट/ टैक्नोलॉजीनाच गानाअच्छी खबर आपकी खबरआपका रिपोर्टरगिरफ्तारधर्मयात्राअन्य राज्यताज़ा खबर राष्ट्रीय
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Updated On : 2016-10-19 15:36:54
अहमदाबाद। हमदाबाद में खेले जा रहे कबड्डी विश्व कप में भारत ने मंगलवार को अपने अंतिम ग्रुप मैच में इंग्लैंड को 51 अंकों के अंतर से हराकर कबड्डी विश्व कप-2016 के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। भारत ने इंग्लैंड को 69-18 से मात दी।
भारतीय टीम ने दमदार खेल दिखाते हुए इस मैच में शुरु से लेकर अंत तक अंग्रेजों पर दबदबा बनाए रखा। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाफ टाइम तक मेजबान टीम 45-6 से आगे थी। दूसरे हाफ में हालांकि टीम 24 अंक ही अपने खाते में जोड़ पाई जबकि इंग्लिश टीम ने 12 अंक जुटाए। भारत के लिए प्रदीप नरवाल ने सर्वाधिक 13 जबकि अजय ठाकुर ने 11 अंक जुटाए।
भारत की यह लगातार चौथी जीत थी। भारत को पांच मैचों से सिर्फ एक में हार मिली है और वह कोरिया के खिलाफ मिली थी। वहीं इस ग्रुप से दक्षिण कोरिया शीर्ष पर रहते हुए सेमीफाइनल में पहुंची है। सेमीफाइनल के मुकाबले 21 अक्टूबर को खेले जाएंगे।
मार्च 2017 तक बढ़ सकता है जियो का वेलकम ऑफर
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Vivo के इन स्मार्टफोन्स पर बंपर डील्स के साथ मिलेगा कैशबैक | Post Adda
Home गैजेट्स Vivo के इन स्मार्टफोन्स पर बंपर डील्स के साथ मिलेगा कैशबैक
Vivo के इन स्मार्टफोन्स पर बंपर डील्स के साथ मिलेगा कैशबैक
नई दिल्ली: हाल में फोन निर्माता कंपनी विवो ने कई सेंगमेट में स्मार्टफोन को लॉन्च किया है। ऐसे आप के लिए इस कंपनी स्मार्टफोन को खरीदने के लिए अच्छा ऑफर है। विवो भारत में दुर्गा पूजा और नवरात्रि त्यौहारों के मौके पर ग्राहकों के लिए अपने नए स्मार्टफोन डिल्स और ऑफर्स लेकर आया है। बता दें कि ये सेल आज दोपहर 12 बजे से शुरु हुई है।
जानिए क्या है Vivo नवरात्रि ऑफर?
जिसमें विवो हाल ही में लॉन्च किए गए स्मार्टफोन जैसे वी 19, एक्स 50 प्रो, वाई 50 और एस 1 प्रो पर मुफ्त स्क्रीन रिप्लेसमेंट, फाइनेंसिंग ऑप्शन और कैशबैक जैसे बेनेफिट्स देगा। इस ऑफ़र की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर है। ऐसे में ग्राहकों के पास इस सेल का फायदा लेने के लिए 15 दिन का समय है।
यहां से खरीदें विवो का सस्ता फोन
विवो स्मार्टफोन ऑफर सभी लीडिंग ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर उपलब्ध होगा, जिसमें फ्लिपकार्ट और अमेज़न, विवो ऑनलाइन स्टोर, और देश भर में ऑफ़लाइन रिटेल स्टोर शामिल हैं। अपने त्योहारी सीजन की पेशकश के तहत, विवो आपको केवल 101 रुपये का पेमेंट करके एक विवो स्मार्टफोन खरीदने देगा। उसके बाद बचे हुए अमाउंट को ग्राहक बजाज फिनसर्व के साथ इंस्टॉलमेंट में फाइनेंस कर सकते है। हालांकि, कंपनी ने इस पर कुछ नहीं कहा है कि ये किस्तें इंटरेस्ट मनी के साथ आएंगी या नहीं। विवो खरीद की तारीख से छह महीने के लिए वी19 और एस1 प्रो के साथ वन-टाइम स्क्रीन रिप्लेसमेंट भी दे रहा है।
जानिए विवो के कैशबैक ऑफर
बता दें कि 15 अक्टूबर से शुरू होने वाले क्रेडिट कार्ड (सीसी) और क्रेडिट कार्ड ईएमआई ट्रांजेक्शन पर आईसीआईसीआई बैंक के साथ 10 प्रतिशत तक का कैशबैक मिलेगा। वहीं कोटक महिंद्रा बैंक सीसी रेगुलर, और सीसी / सीसी ईएमआई ट्रांजेक्शन के साथ 10 प्रतिशत तक कैशबैक उपलब्ध है। सीसी / सीसी ईएमआई लेनदेन पर बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ 10 प्रतिशत तक का कैशबैक मिलेगा। जबकि डेबिट कार्ड, डेबिट कार्ड ईएमआई लेनदेन पर फेडरल बैंक के साथ 10 प्रतिशत तक का कैशबैक मिलेगा। 6 महीने की ईएमआई ट्रांजेक्शन पर जेस्ट मनी के साथ 10 फीसदी तक कैशबैक
इन ग्राहकों को रिचार्ज पर मिलेगा एक्सटेंडेड वारंटी
होम क्रेडिट से ज़ीरो डाउन पेमेंट ऑफर, एचडीबी और टीवीएस क्रेडिट से सबसे कम ईएमआई योजना 10/3 और 15/4 स्कीम के साथ 5 प्रतिशत आईडीएफसी फर्स्ट कैशबैक है। वहीं अगर आप वीआई ग्राहक बनते हैं, तो आपको 819 रुपये के टैरिफ के साथ रिचार्ज करने पर अपने फोन पर एक एक्सटेंडेड वारंटी मिलेगी। इसके साथ ही पेटीएम पर पेमेंट करने पर यह टैरिफ आपको 100 प्रतिशत कैशबैक भी देगा। इसके बाद भी अगर आपको ऑफर के बारे में ज्यादा जानकारी चाहिए तो आप वीवो वेबसाइट पर विजिट कर सकते है।
विवो एक्स50 प्रो की जानिए कीमत
विवो एक्स50 प्रो को हाल ही में लॉन्च किया गया है। यह फोन प्रोफेशनल फोटोग्राफी कैपेबिलिटीज, प्रीमियम स्लीक डिजाइन और स्मूथ परफॉर्मेंस के साथ आता है। फोन अल्फा ग्रे कलर ऑप्शन में उपलब्ध है। इसके 8जीबी आरएएम+256जीबी वेरिएंट की कीमत 49,990 रुपये है।
वहीं, विवो वाई 50 के 8जीबी आरएएम+128जीबी वेरिएंट की कीमत 16,990 रुपये है। यह स्मार्टफोन दो कलर ऑप्शन्स आइरिश ब्लू और पर्ल व्हाइट में उपलब्ध है। विवो एस1 प्रो के 8जीबी आरएएम + 128जीबी स्टोरेज वेरिएंट की कीमत 18,990 रुपये है। फोन तीन कलर ऑप्शन्स- ड्रीमी ब्लैक, जैजी ब्लू और मिस्टिक ब्लैक में उपलब्ध है। |
इतने अच्छे- अच्छे Anime Shows है कि उन्हें एक सूची में संकलित करना असंभव है। लेकिन हमने एक Anime Shows की सूची बनाई है जिसे आप ऐसे शुरुआती दिनों पर देख सकते है।
1• Death Note- Death Note एक बहुत ही अच्छा Anime Show है। इस पहले श्रृंखला के खत्म होने तक आप अपनी नज़र इस शो से नही हटा पाएंगे। इस शो की कहानी एक लड़के के इर्द- गिर्द घूमती है, जिसका नाम Light Yagami है। |
ट्रेलर सहित बीस लाख की सरिया लूटकांड का खुलासा, ईनामियां संग सात गिरफ्तार, बम, हथियार व लूट का माल बरामद - JANSANDESH TIMES (HINDI DAILY)
ट्रेलर सहित बीस लाख की सरिया लूटकांड का खुलासा, ईनामियां संग सात गिरफ्तार, बम, हथियार व लूट का माल बरामद
September 7, 2020 • रामसेवक प्रजापति • आगरा
एसओजी टीम व उतरांव पुलिस ने छापा मारकर नैनी के एक गोदाम से किया बरामद
तलाशी में 4 देशी बम, दो तमंचा, 4 कारतूस व घटना में शामिल टाटा सफारी बरामद
उतरांव/प्रयागराज। उतरांव थाना क्षेत्र के जलालपुर हाईवे पर ट्रेलर सहित बीस लाख की सरिया लूटकांड का खुलासा हो गया। लूटकांड के सात लुटेरों को पुलिस ने दबोच लिया हैं। 20 अगस्त को ट्रेलर पर 31 टन सरिया लादकर चालक जैसे ही जलालपुर हाईवे पर एक ढाबे के पास पहुंचा था तभी वाहन पर सवार बदमाशों ने चालक सहित सरिया लदा ट्रक को लूट लिया। बाद में चालक को रायबरेली रास्ते में बेहोशी हालत में फेंक दिया। पुलिस ने लूटकांड का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।
थानाध्यक्ष चन्द भूषण मौर्य व एसओजी टीम ने बड़ी चालाकी से लूटेरों के गिरेबान में हाथ डाल जहां सात लूटेरों को नैनी स्थित सोनू फैब्रिकेटर गोदाम से धर दबोचा। वहीं उनके निशानदेही पर नैनी प्रयागराज से सरिया से भरी ट्रेलर को बरामद कर सनसनी खेज लूटकांड का खुलासा किया। पुलिस ने जांच के दौरान अभियुक्तों के पास से घटना में शामिल टाटा सफारी, 4 देसी बम, दो तमंचा, चार कारतूस भी बरामद किए।
गिरफ्तार अभियुक्त गण इस्तियाक उर्फ नन्हे पुत्र अब्दुल समद निवासी याहिया पुर थाना कंधई प्रतापगढ़, मोहम्मद कलीम पुत्र मोहम्मद रफी निवासी कंधई प्रतापगढ़, रोमी उर्फ इरफान पुत्र रियाज अहमद दरियाबाद थाना अतरसुइया, हिमांशु जायसवाल पुत्र दिनेश जायसवाल निवासी सेमरा थाना घूरपुर, मनजीत सिंह पुत्र उमाशंकर सिंह पटेल निवासी हिनौता थाना करछना, अखिलेश कुमार पटेल पुत्र तेज बहादुर पटेल निवासी सिरसा थाना मेजा व मोहम्मद आफताब पुत्र मोहम्मद अख्तर निवासी चक भटाही थाना नैनी को पुलिस ने बहुत ही चालाकी के साथ गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया कि इनके खिलाफ गाड़ी लूट व चोरी के उड़ीसा इंदौर समेत सूरत में मुकदमा दर्ज है, जो जेल भी जा चुके है। वही पुलिस ने बताया कि इनके द्वारा सिर्फ अकेले ट्रक ले जा रहे ड्राइवर को निशाना बनाया जाता है। ड्राइवर को बंधक बनाकर माल को ठिकाने लगाने के बाद ही उसको छोड़ देते हैं।
गिरफ्तारी टीम में मुख्य रूप से थाना अध्यक्ष चंद्रभूषण मौर्य, उप निरीक्षक अमरनाथ सिंह, सिपाही शिव बचन यादव, प्रहलाद राम, अर्जुन सिंह, संजीत सिंह व एसओजी टीम में प्रभारी उप निरीक्षक मनोज कुमार सिंह, विनोद दुबे, इंद्र प्रताप सिंह, नवीन कुमार राय, सत्येंद्र प्रधान, राजकुमार राय, धनंजय राय, अभय कुमार, विनय कुमार व अभिषेक मिश्रा आदि ने बहुत ही चालाकी के साथ अपराधियों को पकड़ कर जेल की हवा खिला दी। |
★★★ शैल्फ़िश सेक्स कैसे करती है? ★★★
Shellfishly? * क्रिकेट *
उनके पास कोई आधुनिक, नाइटक्लब नहीं है। उनके पास चॉकलेट के फूल, गहने या बक्से नहीं हैं। उनके पास कोई वियाग्रा, कठोर पेय, या चीज पिकअप लाइन नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि शेलफिश भाग्यशाली नहीं हो रही है। ऑयस्टर, मुसलमान, केकड़ों, लोबस्टर, झींगा, और शेलफिश की हजारों किस्मों की अपनी अनूठी संभोग तकनीकें हैं। मैं यहां कुछ और दिलचस्प को कवर करूंगा।
लोबस्टर ले लो। मादाएं यहां यौन आक्रामक हैं क्योंकि नर लोबस्टर एक दूसरे के साथ अपनी लड़ाई रोकने और कुछ संभोग करने के लिए मनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। महिला लॉबस्टर कभी-कभी अपने पुरुष को पाने के लिए प्रमुख पुरुष लॉबस्टर के गुफा के बाहर भी कतार में आ जाएंगे।
जब मादा लॉबस्टर कार्रवाई के लिए तैयार होती है (और मोल्ट करने के लिए तैयार होती है), तो वह पुरुष की मांद पर हावी होने की कोशिश करती है। एक बार जब वह प्रवेश द्वार तक पहुंचने में कामयाब हो जाती है, तो वह पुरुष की मांद में फेरोमोन जारी करती है। प्रमुख पुरुषों को अन्य पुरुषों के साथ लड़ने के बजाए कुछ प्यार करने में अधिक रुचि रखने का यही एकमात्र तरीका है।
उसके बाद वह अपने स्नातक पैड से आक्रामक रूप से बाहर आ जाता है, जो कि किसी भी लॉबस्टर पर हमला करने के लिए तैयार है, लेकिन वह अपने चेहरे पर उसकी महिला को गंध करने के लिए तैयार है और वह आम तौर पर खुद को शांत कर देगा, हालांकि वह उसके साथ थोड़ा लड़ सकता है, सिर्फ इसलिए कि वह क्या करता है। लड़ाई के दौरान किसी बिंदु पर, वह हार जाएगी और उसे जीतने देगी।
अब जब वह विशेष रूप से मर्दाना महसूस करता है, तो मादा अपने पंजे के साथ अपने सिर का पीछा करना शुरू कर देगी और दोनों उसकी मांद में प्रवेश करेंगे।
मादा तब नग्न (मोल्ट) स्ट्रिप्स करती है और पुरुष धीरे-धीरे उसे संभोग करने के लिए बदल देता है ... या उसे खा रहा है। इस बिंदु पर, वह अपने मूड के आधार पर या तो एक कर सकता है। जैसे ही वह अपने खोल से छुटकारा पाती है, वह अपनी करुणा पर पूरी तरह से पूरी तरह से है। मान लीजिए कि पुरुष ने साथी होने का फैसला किया है, मादा को पुरुष के गुफा में रहने के लिए लगभग एक सप्ताह तक रहने की इजाजत है जब तक कि उसका नया खोल कठोर न हो जाए। (इस बात पर कोई शब्द नहीं कि वह कभी भी फोन करता है, शायद वह उसके साथ नहीं होने के बाद, वह अगली महिला को उसकी मांद में अनुमति देगी, मान लीजिए कि उसने उसे अपनी महिला गंध से पर्याप्त रूप से ड्रग किया है)। अगर वह मादा खाती है, तो अगली मादा उसकी किस्मत आजमाएगी, जिससे उसकी महिला गंध कर रही है। मेरा मतलब है, उसका पेट अब पूरा हो गया है, अब भी अपनी शारीरिक जरूरतों को अपील करने का प्रयास कर सकता है।
केकड़ों में एक समान अनुष्ठान होता है (मादा केकड़ा भी संभोग से पहले पिघला देता है), लेकिन इस बार नर को प्रभावशाली करना पड़ता है। यहां पिघलना एक फ्रेट पार्टी की याद ताजा दृश्य से पहले है। पुरुष मादा को अपने पैदल चलने वाले पैरों की युक्तियों पर खड़े होकर और साइड से दूसरी तरफ रुकने की कोशिश करता है। (शोधकर्ताओं ने अभी तक यह निर्धारित करना है कि वह एक टोगा पहने हुए हैं या नहीं।) यहां तक कि अगर महिला को वह जो पसंद करती है उसे पसंद करती है और निमंत्रण स्वीकार करती है, तब भी वह थोड़ा सा पाने के लिए कड़ी मेहनत करती है। पुरुष तब मादा को कुछ दिनों तक ले जाता है, इसमें कोई संदेह नहीं है कि वह कितनी मजबूत है, इससे पहले कि वह मोल्ट करे। फिर वे कुछ घंटों के लिए खुद को मिलते-जुलते हैं। जब वे समाप्त हो जाते हैं, तो नर अक्सर मादा को तब तक क्रैड करता है जब तक कि उसका नया खोल कठोर न हो जाए। (कौन कहता है कि सभी पुरुष सूअर हैं?)
केकड़ों और लोबस्टर के साथ, मादा मोल्ट के ठीक बाद झींगा साथी। जब समुद्री शैवाल में रोल के लिए जाने की बात आती है, तो झींगा आदत के प्राणियों के रूप में दिखाई देती है- कुछ मानव जोड़ों के विपरीत नहीं; झींगा आम तौर पर वर्ष में तीन बार (वसंत, गर्मी और सर्दी में) मिलती है।
मुसलमानों, clams, और oysters की संभोग की आदतें कमजोर निराशाजनक हैं। सभी तीन किस्मों के साथ, एक वयस्क पुरुष एक महिला को मारने की उम्मीद कर पानी में शुक्राणु को गोली मारता है। मादा में उसकी गिल में हजारों अंडे हैं। वह सभी शुक्राणुओं को पकड़ती है और फिर निषेचन शुरू करती है। किंकी ... |
बेलसंड में जीत का जश्न
बेलसंड. महागठबंधन के जदयू प्रत्याशी सुनीता सिंह के जीत पर सोमवार को समर्थकों ने विजय जुलूस निकाला। जुलूस विधान सभा क्षेत्र के सभी प्रखंडों के कई गावों में घुमी।जुलूस में दर्जनों मोटरसाईकिल पर समर्थक सवार होकर नीतीश कुमार व सुनीता सिंह जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। समर्थकों ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाते हुए मिठाईयां भी बांटी। जुलूस का नेतृत्व जदयू के वरीय नेता राणा रंधीर सिंह चौहान कर रहे थे। इसमें जदयू नेता नागेंद्र झा, महागठबंधन के नेता रामप्रवेश भगत, नवीन कुमार राजन, रामबाबू यादव, शशीभूषण सिंह, मनीष कुमार सिंह, मो. जुबैर आलम, श्याम सहनी, अरूण कुमार सिंह, कौशल सिंह, मदन सिंह आदि शामिल थे। विजय जुलूस प्रखंड क्षेत्र में भी निकाला गया। जदयू कार्यकर्ता श्री चौहान को पमरा पुल चौक पर फूल माला से लाद कर विजय जुलूस के साथ क्षेत्र के लिए रवाना हुए। विजय जुलूस देमा, पशुरामपुर, परसौनी प्रखंड मुख्यालय, तरखैली होते हुए बेलसंड मुख्यालय के लिए रवाना हुआ।इस दौरान समर्थकों ने नीतीश कुमार, लालू यादव एवं राहुल गांधी का नारा लगा रहे थे। जदयू के वरिष्ठ नेता श्री चौहान लोगों से मिलकर पार्टी की जीत पर बधाई दी। कहा की सभी वर्ग के लोगों के आशीर्वाद एवं मत से श्रीमती चौहान जीतने में कामयाब हुए हैं। वे अधूरे कार्यो को आगे बढ़ायेंगे। इस मौके पर जदयू के प्रखंड अध्यक्ष नसीम अंसारी, राजद के प्रखंड अध्यक्ष रामचंन्द्र मंडल, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष शत्रुध्न मिश्र सहित हजारों कार्यकर्ता थे।
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नागेंद्र झा का प्रयास रंग लाया,बेलसंड में बनेगा बस स्टैंड
बेलसंड। आखिरकार बेलसंड नगर पंचायत के डुमरिया घाट के निकट बस पड़ाव की कवायद शुरू हो गई है। जदयू के वरीय नेता राणा रंधीर सिंह चौहान ने भूमि पूजन कर निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। एक करोड़ 96 लाख की लागत से बस पड़ाव का निर्माण किया जाना है। इसके तहत यात्री शेड, चार काउंटर, शौचालय, लाइट व दुकानों का निर्माण व स्थल उन्नयन का कार्य कराया जाएगा। समारोह को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने कहा कि बस पड़ाव के अभाव में सड़क किनारे बसों के लगे रहने से नगर पंचायत में जाम की स्थिति बनी रहती थी। स्थानीय लोगों द्वारा बस पड़ाव निर्माण की मांग लगातार की जा रही थी। इसको देखते हुए नीतीश सरकार ने बेलसंड के निवर्तमान मुख्य पार्षद नागेंद्र झा की मांग को स्वीकार कर लिया है। गौरतलब है कि बेलसंड में बस स्टैंड के निर्माण को हुई बैठक का मुख्य पार्षद नथुनी आलम सहित कई पार्षदों ने विरोध किया था और बैठक से बर्हिगमन किया था। इस विरोध की खबर दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान सहित अन्य समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी थी। आखिरकार उस दिन के प्रयास का परिणाम आज बेलसंड की जनता के सामने है। उद्घाटन मौके पर जब मुख्य पार्षद नथुनी आलम को बैठने का इशारा किया गया तो वे शर्मा गए क्योंकि इसी योजना का विरोध उन्होंने अपने गुट के साथ किया था। भूमि पूजन का कार्य जदयू के वरिष्ठ नेता राणा रंधीर सिंह चौहान के कर कमलों द्वारा किया गया। शिलान्यास के दौरान बेलसंड नगर पंचायत मुख्य पार्षद नथुनी आलम,निवर्तमान मुख्य पार्षद नागेंद्र झा पूजा पर साथ बैठे थे। लगभग दो एकड़ में बस स्टैंड का निर्माण संवेदक दीलिप कुमार मिश्र द्वारा किया जाएगा। बस सटैंड में यात्रियों के लिए सभी सुविधाएं का निर्माण किया जाएगा। बस स्टैंड के भूमि पूजन के अवसर पर संवेदक प्रतिनिधि डा. बालमुकुंद, प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष रामप्रवेश भगत, नगर पंचायत बेलसंड के मुख्य पार्षद नथुनी आलम, पूर्व मुख्य पार्षद नागेंद्र झा, प्रखंड प्रमुख अनील कुमार गुप्ता, मुखिया द्वय शशीभूषण सिंह व मो. मुस्ताक, पूर्व मुखिया मनोज कुमार सिंह, मनीष कुमार सिंह,कौशल किशोर सिंह, अशोक कुमार सिंह, महेश मांझी, रामबाबू यादव, श्यामबाबू प्रसाद, अजय कुमार, सुजीत कुमार सिंह, साकेत कुमार, सुनिल कुमार सिंह, दिलिप कुमार सिंह, अनील मिश्र, सुजीत कुमार मिश्र आदि उपस्थित थे। डुमरिया घाट के निकट बस स्टैंड के निर्माण होने से क्षेत्र का विकास गति तेज होगा। इससे कई गांवों के लोंगों को लाभ होगा। आवागमन होने से क्षेत्र में व्यापार का विकास होगा। आवागमन की सुविधा मिलेगी। टेंम्पू रिक्सा आने जाने लगेगा। जिससे रोजगार का विकास होगा। क्षेत्र में लोगों को रोजगार मिलेगी। बस स्टैंड के निर्माण होने से विगत कई वर्षो से आवागमन में हो रही परेशानी से जनता को निजात मिलेगी।
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कंसार में घर-घर दस्तक
शनिवार को भी घर-घर दस्तक कार्यक्रम के तहत राणा रणधीर सिंह चौहान के नेतृत्व में जदयू कार्यकर्ताओं का बेलसंड अनुमंडल क्षेत्र के पंचायतों का दौरा जारी रहा। जदयू कार्यकर्ताओं ने कंसार पंचायत में घर-घर दस्तक देकर नीतीश कुमार द्वारा दस वर्षों में कराए गए विकाय कार्यों की जानकारी लोगों को देते हुए फिर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की। श्री चौहान ने कहा कि दस वर्षों में बिहार का सर्वांगिन विकास हुआ है, जिसकी चर्चा विदेश में भी की जा रही है। इसलिए बिहार के हित में एक बार फिर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनना जरूरी है। कार्यक्रम में प्रखंड अध्यक्ष राम प्रवेश भगत,मनीष कुमार, वरिष्ठ जदयू नेता नागेन्द्र झा,नथुनी आलम, शंभू साह, सुजीत कुमार प्यारे, गगनदेव पासवान, भूषण चौधरी, शशि भूषण कुमार सिंह, धमेन्द्र कुमार सिंह, मो. मुस्ताक, मो. जुबैर आलम, जगरनाथ राय व राम बाबू राय आदि मौजूद थे।
Posted by belsanda at 00:48 No comments:
प्रोजेक्ट को लेकर जनता ने जताई खुशी
बेलसंड के लोगों के लिए वह रूत आ ही गई। आखिरकार जवाहरलाल शहरी मलीन बस्ती योजना के तहत बनने वाले मकान को हरी झंडी मिल गई है। इस योजना के तहत बेलसंड नगर पंचायत में 1487 मकान बनाने की योजना है। इन मकानों का क्षेत्रफल 300 से 320 स्कावयर फूट होगा। इस मकान में दो बेडरूम सहित गैलरी, सीढ़ी होगा। बालकनी बनाने वाले इसमें थोड़ा बहुत अपने जगह के हिसाब से बनवा सकते हैं। काफी समय पहले केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दिया था लेकिन राज्य सरकार के ढीले रवैये के कारण इसमें देरी हो रही थी। लेकिन आखिरकार वह समय आ ही गया। बेलसंड के चेयरमैन ने पांच साल पहले इस योजना के लिए एड़ी चोटी का पसीना एक करके इस योजना को स्वीकृत कराने के लिए जोर लगाया था। उनके इस अथक प्रयास से इस योजना धरातल पर उतरा। चेयरमैन चुनाव के समय उन्होंने लोगों से वादा किया था कि चेयरमैन बनते ही काम प्रारंभ करने के लिए पूरी ताकत लगा दूंगा।
इस संबंध में बेलसंड डाट कॉम के संवाददाता ने जब उनसे पूछा तो वे भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मैंने चुनाव के समय ही बेलसंड नगर पंचायत के लोगों से वादा किया था कि चेयरमैन बनते ही बेलसंड को स्वर्ग बना दूंगा। आज वह घड़ी आ गई। इस प्रोजेक्ट के बारे में बेलसंड डाट कॉम के संवाददाता ने जब वार्ड नं. 3 के निवासी रामबाबू प्रसाद से की तो उन्होंने कहा कि नागेंद्र बाबा से यहीं उम्मीद थी। रामबाबू प्रसाद ने कहा कि आज बेलसंड इस प्रोजेक्ट पर नजरें गड़ाए बैठा था। लोगों का सपना पूरा होने को है। बेलसंड नगर पंचायत वार्ड नं. 7 के मो. सलीम का कहना है कि आपके माध्यम से हमे इसके बारे में पता चला। यह तो होना ही था। बेलसंड का चेयरमैन ईमानदार छवि के हैं। उनमें जाति-पाती का थोड़ा भी असर नहीं है। वे विचारों से ब्राम्ö है। वहीं वार्ड नं. 9 व चेयरमैन के क्षेत्र के निवासी गोरख पासवान ने कहा कि पंडिजी को सब हल्का में ले रहलई ह। बाबा कमाल कर दिलई। जुग-जुग जीयू ये बेलसंड के बाबू। बेलसंड नगर पंचायत वार्ड न. 13 के लालबाबू कुशवाहा ने कहा कि बाबा में असीम ऊर्जा है। हमलोग जवान होकर भी ऐसी ऊर्जा नहंी दिखा सकते है। लेकिन नाग्रेंद्र बाबा में असीम ऊर्जा है। उन्होंने विपक्षियों को चारो खाने चित कर दिया है। वार्ड न. 1 के निवासी महेश झा ने कहा कि यह बेलसंड का सौभाग्य है कि उन्होंने नागेंद्र झा जैसा चेयरमैन पाया। कुछ लोग कहते थे कि यह सिर्फ चुनावी शिगूफा है। लेकिन मेरा मन कहता था कि नागेंद्र झा साधारण व्यक्तित्व का मालिक नहीं है। वह जो कहते हैं उसे पूरा करने के लिए अपना सर्वस्व न्यौच्छावर कर देते हैं। वहीं ऊर्जा काम आई और आज यह प्रोजेक्ट का धरातल पर उतरने को तैयार है। वार्ड नं. 2 के निवासी रमई पासवान ने कहा कि बबा ने सब कुछ पूरा देहली। अब घर बने के इंतजार हये। बबा के बच्चा सब के मन से आशिर्वाद।
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मकान बनाने को हरी झंडी
आइएचएसडीपी योजना अन्तर्गत नगर पंचायत बेलसंड के निर्धन 1487 परिवार के गृह निर्माण की शुरुआत 11 दिसम्बर को मुख्यमंत्री पटना से ही रिमोट से करेंगे। मुशहर टोली में क्षेत्र भ्रमण के दौरान विधायक प्रतिनिधि राणा रणधीर सिंह चौहान और नगर पंचायत के मुख्य पार्षद नागेंद्र झा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2010-11 की योजना इस वर्ष के अंत में धरातल पर दिखेगी।
इसके तहत दो लाख तिरपन हजार की लागत से भवन का निर्माण कराया जाना है। बस्ती में आधारभूत संरचना के तहत पक्की सड़क, नाला व आठ सामुदायिक भवन का भी निर्माण कराया जाएगा। योजना के कार्यान्वयन के लिए चयनित लाभुकों का बैंक में खाता खुलवाना है। इसके बाद कैम्प लगाकर प्रत्येक लाभुकों को प्रथम किस्त के रुप में पांच प्रतिशत, द्वितीय किस्त साढे बारह प्रतिशत, तृतीय किस्त में पच्चीस प्रतिशत, चौथी किस्त में चालीस प्रतिशत व शेष राशि भवन कार्य कराने के बाद रंग रोगन व लकड़ी कार्यो के लिए दिया जाना है। इस योजना के तहत निर्मित भवनों के विद्युतीकरण का कार्य नगर पंचायत, पेयजल की व्यवस्था पीएचईडी व शौचालय निर्माण एनजीओ के माध्यम से कराया जाएगा। समय पर भवन निर्माण पुरा करने वाले लाभुक को नगर पंचायत पुरस्कार स्वरुप अधिक राशि भवन निर्माण के लिए उपलब्ध कराएंगी। मुख्य पार्षद नागेन्द्र झा ने बताया कि इस योजना के तहत नगर पंचायत में महावीर स्थान के निकट, बेलसंड क्लब, पुस्तकालय, पूर्वी मठ के अलावा वार्ड 3, 4, 12 व 13 में 38-38 लाख की लागत से आठ सामुदायिक भवन भी बनाया जाएगा। मुशहर टोला में आयोजित बैठक में विधायक प्रतिनिधि राणा रंधीर सिंह चौहान ने कहा कि इस योजना को स्वीकृत कराने से लेकर धरातल पर लाने में नागेंद्र झा का योगदान है। इस पर नागेंद्र झा ने कहा कि मैंने चेयरमैन का चुनाव ही इसी योजना को लेकर लड़ा था,जो आज पूरा हो गया। श्री झा ने कहा कि इस योजना की बलि के रुप में रामचंद्र सहनी शहीद हो गए। आज वे कापुी खुश होंगे। आखिर उनका सपना पूरा हो गया। श्री झा ने बताया कि बेलसंड की जनता ने मुझे शक्ति दी जिसके बदौलत आज यह योजना धरातल पर आ गई। मौके पर जदयू अध्यक्ष रामप्रवेश भगत, विनोद पासवान, श्याम सहनी, अशोक कुमार सिंह, महेश माझी, सुजीत कुमार सिंह, गुडडू सहनी, ललन कुमार, संजीव कुमार सिंह, मनोज कुमार सिंह व गौरी शंकर झा आदि मौजूद थे।
सीएम से कावर नाले की मांग
बेलसंड। सीतामढी नगर परिषद व नगर निकाय के प्रतिनिधियों की बैठक बुधवार को हुई, जिसमें सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर नगर परिषद व नगर पंचायतों की समस्याओं के निदान के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया। पारित प्रस्ताव के आलोक में मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें नगर परिषद द्वारा लक्ष्मणा नदी की उड़ाही को आवंटन देने, नासी नाला के पुननिर्माण कराने, गुदरी बाजार को आधुनिक मार्केट बनाना आदि शामिल है।
बेलसंड नगर पंचायत अध्यक्ष नागेंद्र झा ने कावर नाला निर्माण के लिए आवंटन की मांग की गयी। श्री झा ने मांग के बारे में कहा कि कावर नाला बनने से नगर पंचायत में सफाई व्यवस्था सुदृढ होगी। लोगों को पानी की निकासी में कोई भी दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि छोटे निकायों में सफाईकर्मियों की कमी से सफाई व्यवस्था ठीक रखने में दिक्कत होती है क्योंकि उतनी कर्मचरियों की संख्या नहीं होती है। कावर नाला बन जाने से पानी की निकासी बेहतर ढंग से हो सकेगी। नगर पंचायत बैरगनिया द्वारा वाटर सिवरेज प्लांट व अल्प लागत शौचालय निर्माण के लिए आवंटन की मांग की। नगर पंचायत डुमरा द्वारा कैलाशपुरी में जलमीनार व शवदाह गृह निर्माण के लिए आवंटन उपलब्ध कराने की मांग की गयी। नगर पंचायत जनकपुररोड में मुक्तिधाम शवगृह, कावर नाला निर्माण, पीसीसी सड़क निर्माण के लिए आवंटन उपलब्ध कराने की मांग की गयी। इस अवसर पर सुवंश राय, बेलसंड अध्यक्ष नागेंद्र झा के अलावा शिवकुमार प्रसाद, मो. वशीर अंसारी, धनंजय कुमार, रामनंदन मंडल, मनोज कुमार यादव मौजूद थे। |
होमज्ञानघर और कार्यालयअपने घर के लिए सबसे अच्छा काउंटरटॉप्स कैसे प्राप्त करें
जब जोन मैकग्राथ को अपने रहने वाले कमरे और बेडरूम में धूल मिली, तो वह बस फर्श पर बह गया और उस पर छोड़ दिया। लेकिन जब यह नियमित रूप से हुआ, तो उसने जांच शुरू की और इसका कारण पाया।
दीमक और अन्य सभी कीट अलमारियों और वार्डरोब में खुदाई कर रहे थे ताकि धूल के ढेर में इसे कम किया जा सके। धूल की दैनिक मात्रा बड़ी होने के कारण वह घबरा गई और अलमारियां ढहने लगीं। इसने उसे एक अलार्म दिया क्योंकि उसने अभी-अभी अपना होम ब्रांड नया प्रस्तुत किया था।
उसने अंतिम समाधान खोजना शुरू कर दिया और इससे वह आगे बढ़ी डोमक्रेट। डोमक्रेट सिडनी, वह समझती थी कि उसके सारे संकट का अंतिम समाधान है। उसने प्रशिक्षण सत्रों के लिए दाखिला लिया जिसने उसे अपनी रचनात्मकता का परीक्षण करने के लिए एक मंच दिया। इससे उसे काम में रूचि होने लगी क्योंकि उसने अपनी नौकरी छोड़ दी और डोमक्रीट काउंटरटॉप्स को डिजाइन करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ समय देना शुरू कर दिया।
इस प्रकार अब वह एक पेशेवर डिजाइनिंग डोमक्रीट सेवा है। उसका अपना घर अब रसोई, रहने की जगह और बेडरूम में हर जगह एक नए रूप के साथ तैयार है। जहाँ कहीं भी उसे काउंटरटॉप्स की आवश्यकता होती है, उसने ठोस बेंच टॉप बनाया और जिसने उसे रचनात्मक रूप से अपने घर के अंदरूनी हिस्से का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया।
आवासीय बाजार में लोकप्रियता प्राप्त करने वाले ध्वनिक छत बोर्ड 6 घर बनाते समय शामिल करने के लिए सबसे अच्छा वैकल्पिक उन्नयन
अब एक इंटीरियर डिजाइनर के रूप में पूर्णकालिक काम करते हुए, वह ज्यादातर डोमक्रेट निर्माणों पर ध्यान केंद्रित करती है जो उस लचीलेपन को प्रदान करती है जिसे वह खोज रही थी। GFRC ठोस आपूर्ति बाजार के शीर्षों की गिनती करें जो आपके लिए सर्वोत्तम संभव परिणाम लाते हैं।
आपके ब्रांड के नए घोंसले की घरेलू जरूरतों के लिए सबसे अच्छा प्रयास करने से बेहतर कुछ नहीं है और इसके लिए आप पूरी तरह से डोमक्रीट पर निर्भर हो सकते हैं जिसकी हर जगह उपलब्धता है। कीमतें ऐसी हैं कि आप इस क्रिसमस के मौसम के लिए अपनी कम से कम आधी कमाई बचाने के लिए एक नया प्रस्तुत करने के बाद भी प्राप्त करते हैं।
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अमेजन दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है लोग इसमें काम करना चाहते हैं लेकिन लोगों को अगर डिलीवरी का काम दिया जाए तो हिचकने लगते हैं। लेकिन ये कोई साधारण काम नहीं है इसमें जितनी मेहनत होती है उस हिसाब से अमेजन अपने कर्मियों को अच्छा पैसा और मुनाफा भी देती है जो शायद बेरोजगारी के वक्त में बहुत अच्छा ऑप्शन है और इससेे आसानी से पैसा कमाया जा सकता है।
अमेजन डिलीवरी ब्वॉय या डिलीवरी गर्ल उन लड़के-लड़कियों को कहा जाता है जो ऑनलाइन या रिटेल कंपनियों के प्रोडक्ट्स या पैकेज ग्राहकों तक पहुंचते है। डिलिवरी ब्वॉय अमेजॉन के वेयरहाउस से पैकेज लेकर ग्राहकों को डिलीवर करते हैं। देशभर में डिलीवरी ब्वॉय रोजाना लाखों पैकेज डिलीवर करके अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं। |
Gadgets Technology राष्ट्रीय
September 11, 2018 September 11, 2018 admin 0 Comments Technology
गेजेट डेस्क। रिलायंस जियो इन दिनों अपने नए जियो फोन 2 की बिक्री में लगा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ कंपनी के वादे के अनुसार पुराने जियो फोन में व्हाट्सएप का इंतजार खत्म हो गया है। कंपनी ने नए और पुराने जियो फोन के लिए व्हाट्सएप रोल आउट करना शुरू कर दिया है। |
RC CREATIONS - Page 16 of 18 - RC CREATIONS
Shivjayanti coming soon status Part 2
दोस्तो, सबसे पहिले आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया करता हूँ।आपने जो पिछले शिवजयंती ब्लॉग पे प्यार दिखाया वह मेरे लिए अविश्वसनीय था। दोस्तो आज के ब्लॉग पर भी उसी तरह के प्यार की आशा है, क्योंकि आज के Read more…
By RC CREATIONS, 1 year 1 year ago
Flash Warning × शंकरपाळ्या Status Editing
दोस्तो अगर मैं गलत नहीं हूँ, तो आपका इंस्टाग्राम एकाउंट जरूर होगा और अगर आप इंस्टाग्राम का उपयोग करते हैं। तो आपको पता ही होगा कि, Flash Warning वीडियो इंस्टाग्राम पर कितनी ट्रेंड में हैं। साथ ही साथ अगर आप Read more…
Trending Wave Effect Attitude Status Editing
आप सभी का मेरे नए ब्लॉग में स्वागत है। दोस्तो सबसे पहले मैं आप सभी का मन से आभार मानता हूँ, अपने जो मेरे पिछले attitude स्टेटस वीडियो और ब्लॉग को प्यार दिया वर अविश्वसनीय था। दोस्तो आपकी मांग की Read more…
26 January Status Editing
दोस्तो, 26 जनवरी आ रही है और मुझे ये बताने की जरुरत नहीं है कि, 26 जनवरी को क्या होता है। क्योंकि हर भारतीय इस दिन बड़े धूम धाम से गणतंत्र दिवस मनाता है। तो दोस्तो अगर आप इस मौके Read more…
Trending Dissolve Effect Attitude Status Editing
दोस्तो अपनी फोटो का Attitude स्टेटस वीडियो बनाना चाहते हैं ? अगर आपका जवाब हाँ है, तो आज का ब्लॉग पुरा पढ़े क्योंकि आज के ब्लॉग में मैन आपको बहुत सरल भाषा में बताया है, की आप कैसे अपनी फोटो Read more…
How To Make Attitude Status
Attitude स्टेटस वीडियो बनाना चाहते हैं? अगर आप बनाना चाहते हैं, तो आज का ब्लॉग सिर्फ आपके लिए है, क्योंकि आज के ब्लॉग में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे आप अपने मोबाइल फोन की मदद से Attitude स्टेटस वीडियो बना Read more…
Hruta Beat Sync Status Editing
जय महाराष्ट्र🚩 काहीतरी नवीन शिकायचं आहे ? मजेदार blog वाचायचं आहे ? तर मित्रांनो आजचा blog पूर्ण वाचा! स्वागत आहे मित्रांनो तुम्हा सर्वांचं एका नविन blog मध्ये, आज च्या blog मध्ये मी तुम्हाला सांगणार आहे की, तुम्ही तुमच्या मोबाइल फोन Read more…
Shiv Jayanti Coming Soon Status 2021
19 फरवरी क्या है? अगर आपको पता है, तो कृपया टिप्पणी(Comments) करें! मेरे नए ब्लॉग में आपका स्वागत है, दोस्तों, आज के ब्लॉग में हम देखेंगे कि आप शिवजयंती Coming Soon स्टेटस वीडियो कैसे बना सकते हैं। तो दोस्तों इस Read more…
Old Song Beat Sync Status Editing
जय महाराष्ट्र🚩 स्वागत आहे वाचकांनो तुम्हा सर्वांचे माझ्या एका नविन blog मध्ये, मित्रांनो आज च्या blog मध्ये मी तुम्हाला सांगणार आहे की, तुम्ही Old Song Beat Sync Status विडिओ कशाप्रकारे बनवु शकता. मी या blog मध्ये तुम्हाला एकदम सोप्या भाषेत Read more… |
रामायण, RAMAYAN IN WORLD | HINDUISM AND SANATAN DHARMA
Ramayana means Rama's travel path
आदिकवि वाल्मीकि कृत रामायण न केवल इस अर्थ में अद्वितीय है कि यह देश-विदेश की अनेक भाषाओं के साहित्य की विभिन्न विधाओं में विरचित तीन सौ से भी अधिक मौलिक रचनाओं का उपजीव्य है, प्रत्युत इस संदर्भ में भी कि इसने भारत के अतिरिक्त अनेक देशों के नाट्य, संगीत, मूर्ति तथा चित्र कलाओं को प्रभावित किया है और कि भारतीय इतिहास के प्राचीन स्रोतों में इसके मूल को तलाशने के सारे प्रयासों की विफलता के बावजूद यह होमर कृत 'इलियाड' तथा 'ओडिसी', वर्जिल कृत 'आइनाइड' और दांते कृत 'डिवाइन कॉमेडी' की तरह संसार का एक श्रेष्ठ महाकाव्य है। 'रामायण' का विश्लेषित रुप 'राम का अयन' है जिसका अर्थ है 'राम का यात्रा पथ', क्योंकि अयन यात्रापथवाची है। इसकी अर्थवत्ता इस तथ्य में भी अंतर्निहित है कि यह मूलत: राम की दो विजय यात्राओं पर आधारित है जिसमें प्रथम यात्रा यदि प्रेम-संयोग, हास-परिहास तथा आनंद-उल्लास से परिपूर्ण है, तो दूसरी क्लेश, क्लांति, वियोग, व्याकुलता, विवशता और वेदना से आवृत्त। विश्व के अधिकतर विद्वान दूसरी यात्रा को ही रामकथा का मूल आधार मानते हैं। एक श्लोकी रामायण में राम वन गमन से रावण वध तक की कथा ही रुपायित हुई है।
This entry was posted on February 9, 2015 by Sanatan Dharm and Hinduism in रामायण, RAMAYAN and tagged DIY, RAMAYAN. |
गुरुद्वारा कमिटी: Latest गुरुद्वारा कमिटी News & Updates,गुरुद्वारा कमिटी Photos & Images, गुरुद्वारा कमिटी Videos | Navbharat Times - Page 7
August,25,2019, 13:59:16
जिला स्तरीय शुल्क नियामक कमिटी भंग करने की मांग
गाजियाबाद पैरंट्स असोसिएशन के पदाधिकारी व विभिन्न स्कूलों के अभिभावक गुरुवार को जिलाधिकारी डॉ...
3 महीने बाद बनाई जांच कमिटी, अध्यक्ष ने सौंपा इस्तीफा
n एनबीटी, लखनऊ एलयू में फर्जी अंकपत्र मामले की जांच शुरू होने से पहले ही झटके खाने लगी है। कार्य परिषद में जांच कमिटी बनाने का फैसला 29 अप्रैल को ...
साजिशों का अड्डा बन गया है कमिटी भवन : जीके
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कमिटी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। जीके ने आरोप लगाया है कि गुरुद्वारा ...
फीस पर नजर रखने के लिए बनेगी निगरानी कमिटी
नगर संवाददाता, गाजियाबादनेहरू नगर क्रिकेट स्टेडियम को लीज पर देने के फैसले के बाद अब जीडीए ने इसके लिए निगरानी कमिटी बनाने का फैसला किया है। इसमें ...
\Bकेजीएमयू ने जांच के लिए बनाई है कमिटी एनबीटी
माधव मंदिर कमिटी की ओर से रोपे जाएंगे 100 पौधे
\Bमाधव मंदिर समिति डालीगंज की ओर से जुलाई और अगस्त में सौ पौधे रोपित करने का संकल्प लिया गया है। अभियान की शुरुआत शनिवार से हो रही है। इसके तहत आईटी ...
Aug 03, 2019, 12.20 AM
(एम जुल्करनैन) लाहौर, दो अगस्त (भाषा) विभाजन के 72 साल बाद पाकिस्तान ने पंजाब प्रांत में स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा चोआ साहिब के दरवाजे भारत समेत विभिन्न देशों के सिख श्रद्धालुओं के लिए शुक्रवार को खोल दिए। यह कदम नवंबर में गुरू नानक देव की 550वीं जयंती की तैयारी के मद्देनजर उठाया गया है। साल 1947 में पंजाब प्रांत के झेलम जिले में सिख समुदाय के पाकिस्तान से पलायन कर जाने के बाद से बंद यह गुरुद्वारा उपेक्षा की स्थिति में था। यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल रोहतास किले के करीब स्थित गुरुद्वारा चोआ साहिब को कई उच्चाधिकारियों और समुदाय के सदस्यों |
भारतीय जू. हॉकी टीम ने रचा इतिहास, पहली बार मेजबान बना विश्व चैंपियन
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भारतीय जूनियर हॉकी टीम ने 15 साल के सूख को खत्म करते हुए विश्व विजेता का खिताब अपने नाम कर लिया है। भारतीय टीम ने रविवार को एफआईएच जूनियर हॉकी विश्व कप के फाइनल मुकाबले में बेल्जियम को मात देकर दूसरी बार विश्व चैम्पियन का खिताब जीत लिया। भारत ने खिताब की आशा लिए पहली बार फाइनल में पहुंची बेल्जियम की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए 2-1 से जीत हासिल की। भारत की जीत इस मायने में भी खास है क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है जब मेजबान टीम ने विश्व खिताब पर कब्जा जमाया है।
पहले हाफ में मे ही भारत को मिली 2-0 की बढ़त
लखनऊ के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में खेले गए खिताबी मुकाबले में भारत के लिए गुरजंत सिंह और सिमरनजीत सिंह ने गोल किए। भारत की जीत में गोलकीपर विकास दहिया ने भी अहम भूमिका निभाई। गुरजंत ने मुकाबले के आठवें मिनट में फील्ड गोल करते हुए भारत का खाता खोला। इसके बाद अपने खेल को तेज करते हुए 22वें मिनट में सिमरनजीत ने एक और शानदार फील्ड गोल कर भारत की बढ़त को 2-0 कर दिया।
बेल्जियम की कोशिशें नाकाम रहीं
इस बीच, बेल्जियम के खिलाड़ियों ने गोल करने की काफी कोशिश की लेकिन उनकी सभी कोशिशें नाकाम रहीं। भारत को इस मुकाबले में चार बार पेनाल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन चारों बार भारतीय टीम गोल करने में असफल रही। बेल्जियम को 53वें मिनट में गोल करने का शानदार अवसर मिला लेकिन विकास ने बेहतरीन बचाव करते हुए बेल्जियम की कोशिश को सफल नहीं होने दिया। भारतीय डिफेंडरों ने मैच के आखिरी मिनट तक बढ़त कायम रखा।
मैच के आखिरी मिनट में बेल्जियम को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिस पर वे गोल करने में सफल रहे। हालांकि, यह गोल उन्हें जीत दिलाने में नाकाफी साबित हुआ। भारतीय टीम के खिलाड़ी गुरजंत सिंह को मैन ऑफ द मैच चुना गया। भारतीय टीम ने 2001 में अर्जेटीना को मात देकर पहली बार इस खिताब पर कब्जा जमाया था। |
अगला लोकसभा चुनाव निर्णायक होगा : आडवाणी | अगला लोकसभा चुनाव निर्णायक होगा : आडवाणी - Hindi Oneindia
अगला लोकसभा चुनाव निर्णायक होगा : आडवाणी
| Published: Thursday, September 25, 2008, 20:26 [IST]
भोपाल, 25 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कार्यकर्ताओं से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा है कि वर्ष 2009 में होने वाला लोकसभा चुनाव देश के लिए निर्णायक होगा। इसलिए कार्यकर्ताओं को इससे पहले मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी ताकत दिखानी होगी।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के जम्बूरी मैदान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिन पर आयोजित कार्यकर्ता महाकुंभ में जुटी भीड़ को देखकर आडवाणी ने इसे अब तक का सबसे बड़ा आयोजन करार दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद तीन ऐसे आम चुनाव हुए हैं जिनमें गैर कांग्रेस की सरकारें बनी। 1977 उसके बाद 1989 और 1998 के चुनाव में बनी गैर कांग्रेस सरकारों ने देश के विकास को नई दिशा देने की कोशिश की। आने वाला चुनाव देश के लिए निर्णायक होगा। इस चुनाव में भाजपा की जीत वास्तव में भारत की जीत होगी।
आडवाणी ने केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि आजादी के बाद यह पहली ऐसी सरकार है, जो इतनी अक्षम है। इस सरकार के कार्यकाल में महंगाई, आतंकवाद और भ्रष्टाचार ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। संसद में हुई सांसदों की खरीद ने तो देश की गरिमा को ही बट्टा लगा दिया है। किसानों की उपेक्षा का नतीजा है कि हजारों किसान आत्म हत्या कर चुके हैं।
पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भाजपा की बढ़ती ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि आज देश के 75 प्रतिशत मतदान केंद्रों तक उनकी पार्टी पहुंच गई है और उनकी कोशिश है कि शत प्रतिशत मतदान केंद्रो तक पार्टी के कार्यकर्ता अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं।
उन्होंने कांग्रेस की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा, "देश हर तरफ से संकट में है, मगर सरकार दावों के अलावा कुछ भी नहीं कर पा रही है। कांग्रेस को देश से ज्यादा अपने वोट बैंक की चिंता है।"
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने आतंकी हमलों पर चिन्ता जताते हुए कहा कि भारत के विचार को नष्ट कर नई विचारधारा को जन्म देने की कोशिश की जा रही है। आज जरूरत राष्ट्रवादी सरकार की है। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को भारतीय संस्कृति और समाज के अस्तित्व का प्रतीक बताते हुए कहा कि आज हमारी अस्मिता पर ही चोट करने की कोशिश की जा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी सरकार द्वारा जन हित में किए गए कार्यो का ब्यौरा दिया। साथ ही अगली बार सरकार बनने पर प्रदेश की तस्वीर बदलने का संकल्प दोहराया।
मध्यप्रदेश के साथ-साथ केन्द्र में विजय का संकल्प लेने के लिए जुटे कार्यकर्ताओं को पार्टी के वरिष्ठ नेता वेकैया नायडू, अनंत कुमार, सुषमा स्वराज और प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने संबोधित किया। प्रदेश में 45 हजार मतदान केंद्र है और प्रत्येक मतदान केंद्र से पांच-पांच कार्यकर्ताओं को इस महाकुंभ के लिए बुलाया गया था। |
PM मोदी की पहल को उत्तराखंड भाजपा संगठन ने बढ़ाया आगे, कहा-मैं भी चौकीदार हूं | Khabar Uttarakhand News
Home आपका शहर देहरादून PM मोदी की पहल को उत्तराखंड भाजपा संगठन ने बढ़ाया आगे, कहा-मैं...
PM मोदी की पहल को उत्तराखंड भाजपा संगठन ने बढ़ाया आगे, कहा-मैं भी चौकीदार हूं
देहरादून : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के कई नेताओं और मंत्रियों ने अपने नाम के सामने चौकीदार शब्द जोड़ा है। ट्विटर पर पीएम मोदी का नया नाम- चौकीदार नरेंद्र मोदी और अमित शाह का नया नाम – चौकीदार अमित शाह हो गया है। शनिवार को पीएम मोदी ने 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन की शुरुआत की थी. जिसमें उत्तराखंड भाजपा ने आगे बढ़ाया. अब भाजपा प्रदेश अध्य़क्ष ने ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार लिख दिया है जिससे उनका नाम अब CHOWKIDAR AJAY BHATT हो गया है.
उत्तराखंड बीजेपी संगठन पहले से सक्रिय
जी हां पीएम मोदी की पहल "मैं चौकीदार हूं" का अच्छा खासा असर उत्तराखंड भाजपा में भी देखने को मिला…उत्तराखंड के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के साथ-साथ सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधायक गणेश जोशी, धन सिंह रावत, अरविंदपांडे सहित तमाम मंत्री-विधायकों और कार्यकर्ताओं ने अपने नाम के आगे ट्विटर हैंडल में चौकीदार लिख दिया है और #MainBhiChowkidar का प्रयोग कर ट्वीट किया. पीएम मोदी के कैंपेन चौकीदार उत्तराखंड भाजपा संगठन में भी काफी ट्रेंड में है. उत्तराखंड बीजेपी संगठन भी पहले से ज्यादा सक्रिय नजर आ रहा है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने किया ट्वीट
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने लिखा कि वो एक अकेला चल पड़ा…मैं उसकी ही क़तार हूँ, मैं नये भारत की कल्पना से सहमत विचार हूँ, मैं देश के विकास में छोटा सा भागीदार हूँ, हाँ मैं भी चौक़ीदार हूँ। हर उस भारतीय में है एक चौक़ीदार जिसे है देश की फ़िक्र. अजय भट्ट ने लिखा कि जिसने बनाया स्वच्छता को संस्कार…वो है चौकीदार और साथ ही #MainBhiChowkidar कहो दिल से #ChowkidarPhirse. प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा कि देश को स्वच्छ रखने के लिए मै भी चौकीदार हूं.
भाजपा ने किया एक वीडियो लॉन्च
लोकसभा चुनाव के प्रचार के तहत भाजपा ने एक वीडियो लॉन्च किया। 3.45 मिनट के उस विडियो में 'मैं भी चौकीदार' प्रमुख था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के तंज 'चौकीदार चोर है' के जवाब में उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह अकेले चौकीदार नहीं हैं। उन्होंने लिखा जो भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा है वह चौकीदार है। मोदी के ट्वीट के बाद कई बीजेपी नेताओं ने भी '#MainBhiChowkidar' का प्रयोग कर ट्वीट किया। इसके बाद चौकीदार फिर से, मैं भी चौकीदार जैसे हैशटैग टॉप ट्रेंड में दिख रहे हैं। |
11 बिल लायेगी सरकार, हंगामे के आसार - Aakedekh
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कोरोना काल में संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। केंद्र सरकार इस सत्र में लगभग 11 विधेयक ला रही है, जबकि कांग्रेस समेत विपक्षी दल कोरोना, बदहाल अर्थव्यवस्था, लद्दाख में चीन की आक्रामकता, खेती से संबंधित अध्यादेश, एमएसएमई, व्यापार व कारोबार आदि मुद्दों पर मोदी सरकार से जवाब मांगेंगे। विपक्ष के तेवरों से साफ है कि इस सत्र के भी हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं।
कोरोना के कारण इस बार संसद सत्र के लिए अलग तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं। संसद भवन परिसर में कोरोना टेस्ट नेगेटिव होने पर ही प्रवेश मिलेगा। यह पहला मौका है जब संसद के दोनों सदनों की बैठकें मात्र 4-4 घंटे होंगी। दोनों सदनों के सदस्य सभा की कार्यवाही के दौरान दोनों सदन कक्षों का उपयोग करेंगे। सांसदों को प्रश्नों के उत्तर लिखित में दिए जाएंगे। लंबे समय बाद ऐसा हो रहा है जब सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक नहीं हुई। विपक्षी दल भारत-चीन सीमा पर तनाव से लेकर अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट और कोरोना महामारी के प्रबंधन को लेकर मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। कांग्रेस इस बार सरकार की ओर से सदन में पेश किए जाने वाले 11 विधेयकों में से 4 का विरोध करने जा रही है।
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि पार्टी ने फैसला किया है कि संसद के दोनों सदनों में कृषि-संबंधी 3 विधेयकों और बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक का विरोध किया जाएगा। कांग्रेस नेता व राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने भी कहा कि कोरोना, लद्दाख प्रकरण, गिरती जीडीपी, नयी शिक्षा नीति जैसे कई मुद्दे हैं जिनके बारे में देशवासी सुनना चाहते हैं और सांसद चर्चा करना चाहते हैं।
भाजपा ने भी विपक्ष, खासतौर पर कांग्रेस को निशाने पर लेने की रणनीति बनाई है। भाजपा का मानना है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी हमले करते हैं, उससे अधिकतर विपक्षी दल सहमत नहीं हैं। ऐसे में कई मुद्दों पर विपक्ष एकजुट नहीं रह पाएगा। भाजपा ऐसे में चीन से राजीव गांधी फाउंडेशन को मिले पैसे का मुद्दा उठा सकती है।
नयी दिल्ली (एजेंसी) : द्रमुक नेता टीआर बालू ने बताया कि मानसून सत्र के लिए एजेंडा पर चर्चा में विपक्षी दलों ने आर्थिक स्थिति, बेरोजगारी और भारत-चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा कराने की मांग की है। सत्र शुरू होने के एक दिन पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की। द्रमुक नेता ने कहा कि ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर संशोधित करने, जीएसटी के तहत संग्रहित राजस्व का हिस्सा राज्यों को नहीं देने के मुद्दे पर भी चर्चा कराने की मांग की गयी है। बिरला ने कहा कि सभी दलों के नेताओं ने सदन का कामकाज सुचारू रूप से चलाने में सहयोग देने का आश्वासन दिया है। |
मकर संक्रांति में लगता है पौड़ी गढ़वाल का अद्भुत गिंदी मेला - The awesome gindi festival of pauri garhwal on makar sankranti - AajTak
मकर संक्रांति में लगता है पौड़ी गढ़वाल का अद्भुत गिंदी मेला
हर साल मकर संक्रांति के दिन पौड़ी गढवाल जिले के यमकेश्वर ब्लॉक के थल नदी और डाडामंडी में गिंदी का मेला लगता है. खासबात यह है कि मकर संक्रांति के दिन यहां रग्बी जैसा खेल खेला जाता है, जिसको 12 से 14 इंच व्यास की चपटी चमड़े की गेंद से खेला जाता है. हालांकि, रग्बी में कुछ नियम होते हैं, पर यहां कोई नियम नहीं. छीना-झपटी में जो पक्ष ताकतवर होता है वह खेल जीत लेता है.
गिंदी मेला
चंद्रमोहन ज्योति
12 जनवरी 2018, अपडेटेड 18 जनवरी 2018 04:58 IST
डाडामंडी गिंदी मेले का स्वरूप
कोटद्वार से सिर्फ 23 किलोमीटर है डाडामंडी. जहां बलगाढ़ नदी के पूर्व में लंगर पट्टी के नजदीक करीब सौ गांवों के लोग मकर संक्रांति के दिन इकट्ठे होते हैं. यह जगह भटपुड़ी के बीच द्वारीखाल-कोटद्वार रोड के बीच ही है. डाडामंडी में लोहे के पुल के नीचे यह नदी अमूमन सूखी ही रहती है, और इसके बीचों-बीच रखी चमड़े की गेंद को अपने-अपने इलाके में ले जाने की प्रतियोगिता लोगों में होती है. बाहुबल के इस खेल में कई लोग जख्मी हो जाते हैं.
डाडामंडी गिंदी मेले का इतिहास
डाडामंडी मेले की शुरुआत बौंठा गांव के छवाण राम तिवाड़ी ने सन् 1877 में की थी. पेशे से कारोबारी छवाण राम की तीन पत्नियों में से एक का मायका डबरालस्यूं में था. यह गांव छल नदी गिंदी से ज्यादा दूर नहीं था, वह हर साल थल नदी गिंदी मेला जाया करती थीं, एक बाक छवाण राम का मन भी हुआ कि गिंदी मेला देखा जाए, क्योंकि उनकी पत्नी मेले की बहुत तारीफ किया करती थीं.
इसी बहाने उन्हें अपने मायके वालों से मिलने का मौका भी मिल जाया करता था. छवाण राम तिवाड़ी थल नदी गिंदी मेला देखकर बहुत प्रभावित हुए और अगले ही मकर संक्रांति को अपने यहां डाडामंडी में गिंदी मेले का आय़ोजन करवाया.
दिल्ली के लोग बहुत आसानी से गिंदी मेले तक पहुंच सकते हैं. कश्मीरी गेट बस अड्डे से कोटद्वार 205 किमी तक बस का आरामदायक सफर है. रेल के जरिए पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से गढ़वाल एक्सप्रेस ट्रेन भी कोटद्वार तक जाती है, आगे का सफर यानी कोटद्वार से डाडामंडी तक 23 किमी गढ़वाल मोटर यूनियन की बस या प्राइवेट शेयरिंग जीप से तय किया जा सकता है. |
NZ vs PAK, 1st Test: फवाद आलम-मोहम्मद रिजवान की पारी गई बेकार, न्यूजीलैंड ने पहला टेस्ट 101 रनों से जीता-NZ vs PAK New Zealand beats pakistan by 101 runs in first Test match – News18 Hindi
NZ vs PAK, 1st Test: फवाद आलम-मोहम्मद रिजवान की पारी गई बेकार, न्यूजीलैंड ने पहला टेस्ट 101 रनों से जीता
फवाद आलम की शतकीय पारी बेकार चली गई (फोटो साभार-@RealPcb)
NZ vs PAK, 1st Test: न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान को पहले टेस्ट मैच में 101 रनों से मात दी है. न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन (Kane Williamson) मैन ऑफ द मैच चुने गए हैं.
Last Updated : December 30, 2020, 11:47 IST
नई दिल्ली. न्यूजीलैंड (New Zealand) ने दो टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में पाकिस्तान (Pakistan) को 101 रनों से हरा दिया है. पाकिस्तानी बल्लेबाज फवाद आलम (Fawad Alam) और कप्तान मोहम्मद रिजवान ने मैच ड्रॉ कराने की पूरी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके. न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान के सामने 373 रन का लक्ष्य रखा था लेकिन पांचवे दिन पाक की पारी 271 रनों पर सिमट गई. पाक की ओर से फवाद आलम ने 102 और मोहम्मद रिजवान ने 60 रनों की पारी खेली. इस जीत के साथ ही कीवी टीम टेस्ट रैंकिंग में नंबर पर टीम बन गई है. न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन को उनकी शतकीय पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया.
फवाद आलम-मोहम्मद रिजवान मे की जबरदस्त बल्लेबाजी
इससे पहले पाकिस्तान ने दूसरी पारी में तीन विकेट पर 71 रन से आगे खेलना शुरू किया था. न्यूजीलैंड को सुबह पहली सफलता मिली जब ट्रेंट बोल्ट ने अजहर अली (38) को दिन की तीसरी ही गेंद पर पवेलियन भेजा. इसके बाद फवाद आलम और मोहम्मद रिजवान ने 167 रन की साझेदारी करके पांचवें और आखिरी दिन न्यूजीलैंड की जीत की उम्मीदों पर लगभग पानी फेर दिया था. टी तक पाकिस्तान के चार विकेट पर 215 रन थे लेकिन तीसरे सेशन में न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने जबरदस्त गेंदबाजी की. काइल जैमिसन ने फवाद-रिजवान के बीच साझेदारी को तोड़ा. पाक कप्तान के आउट होती है 11 साल बाद टेस्ट क्रिकेट में सैकड़ा जड़ने वाले फवाद आलम भी नील वैगनर की गेंद पर आउट हो गए.
न्यूजीलैंड की ओर से दूसरी पारी में ट्रेंट बोल्ट, टिम साउथी, काइल जैमिसन, नील वैगनर और मिशेल सैंटनर ने दो-दो विकेट झटके.
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केन विलियमसन बने मैन ऑफ द मैच
न्यूजीलैंड ने पहली पारी में केन विलियमसन के 129 रनों की बदौलत 431 रन बनाए थे. इसके बाद कीवी गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजी करते हुए पाकिस्तान को 239 रन पर आउट करके 192 रन की बढ़त दिला दी. न्यूजीलैंड ने दूसरी पारी पांच विकेट पर 180 रन पर घोषित की. न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज टिम साउथी ने इस मैच में चार विकेट झटके. वह रिचर्ड हैडली (431) और डेनियल विटोरी (361) के बाद 300 टेस्ट विकेट लेने वाले न्यूजीलैंड के तीसरे और दुनिया के 34वें गेंदबाज हो गए.उन्होंने 76 टेस्ट में इस आंकड़े को छुआ. |
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कई लोगो में अच्छी और बुरी दोनों आदते होती है, वहीं कुछ लोगो की बहुत अजीबो गरीब होती है। जो दूसरे लोगो को कभी कभी परेशान कर देते हैं। ऐसे में आज हम आपको बॉलीवुड के उन सितारों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें बड़ी अनोखी आदतें हैं। इन सितारों की अजीब आदतों के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। आईये आपको बताते हैं इन फ़िल्मी सितारों के बारे में – |
Comedy-drama film 'Lootcase' trailer will be released tomorrow कॉमेडी-ड्रामा फिल्म 'लूटकेस' का ट्रेलर कल होगा रिलीज़ - India TV Hindi News
Published on: July 15, 2020 20:08 IST
Image Source : INSTAGRAM कॉमेडी-ड्रामा फिल्म 'लूटकेस' का ट्रेलर कल होगा रिलीज़
कुणाल खेमू और रसिका दुग्गल की कॉमेडी-ड्रामा फिल्म "लूटकेस" 31 जुलाई, 2020 में ओटीटी रिलीज़ के लिए पूरी तरह से तैयार है। कहानी एक मध्यम आयु वर्ग के पारिवारिक व्यक्ति के बारे में जिसके हाथ पैसों से भरा एक लाल सूटकेस लग जाता है और उसके बाद जो होता हैं वह देखकर आप हँसी से लोटपोट हो जाएंगे।
हाल ही में, फॉक्स स्टार इंडिया ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर जारी किया है जिसमें खुलासा किया गया है कि फिल्म का ट्रेलर कल रिलीज़ होगा! उन्होंने पोस्टर साझा करते हुए लिखा:
"ये लूटकेस के पीछे पूरी दुनिया भाग रही है, आखिर क्या है ये सूटकेस में?''
फिल्म को लोकप्रिय स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म डिज्नी+ हॉटस्टार पर रिलीज किया जाएगा। कुणाल खेमू, रसिका दुग्गल, रणवीर शौरी, विजय राज और गजराज राव द्वारा अभिनीत, फिल्म राजेश कृष्णन द्वारा निर्देशित और फॉक्स स्टार स्टूडियो एवं सोडा फिल्म्स प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित है । फिल्म की कहानी राजेश कृष्णन और कपिल सावंत ने लिखी है। |
बेंगलुरू (आईएएनएस) | एंडयू टाइ और रवींद्र जडेजा की शानदार गेंदबाजी और फिर एरान फिंच (72) की दमदार पारी की बदौलत गुजरात लायंस टीम ने गुरुवार को एम.चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए आईपीएल के राउंड...
मुंबई (आईएएनएस)। मुंबई इंडियंस का विजय रथ रुक गया है। राइजिंग पुणे सुपरजाएंट टीम ने अपने गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर रोहित शर्मा की कप्तानी में खेल रही मुम्बई टीम को इंडियन प्रीमियर लीग... |
संतान प्राप्ति के अचूक उपाय ," यदि किसी व्यक्ति को संतान प्राप्ति में समस्या आ रही हो, तो ऐसे व्यक्ति इस लेख में लिखे गये सरल उपायों को अपना कर संतान की प्राप्ति अति ही सहजता के साथ कर सकते हैं। किंतु उपायों को अति सावधानी से व श्रद्धा के साथ करना अति आवश्यक होता है। उपाय निम्नवत हैं:
1. संतान प्राप्ति के लिए पति-पत्नी दोनों को रामेश्वरम् की यात्रा करनी चाहिए तथा वहां सर्प-पूजन करवाना चाहिए। इस कार्य को करने से संतान-दोष समाप्त होता है।
2. स्त्री में कमी के कारण संतान होने में बाधा आ रही हो, तो लाल गाय व बछड़े की सेवा करनी चाहिए। लाल या भूरा कुत्ता पालना भी शुभ रहता है।
3. यदि विवाह के दस या बारह वर्ष बाद भी संतान न हो, तो मदार की जड़ को शुक्रवार को उखाड़ लें। उसे कमर में बांधने से स्त्री अवश्य ही गर्भवती हो जाएगी।
4. जब गर्भ धारण हो गया हो, तो चांदी की एक बांसुरी बनाकर राधा-कृष्ण के मंदिर में पति-पत्नी दोनों गुरुवार के दिन चढ़ायें तो गर्भपात का भय/खतरा नहीं होता।
5. यदि बार-बार गर्भपात होता है, तो शुक्रवार के दिन एक गोमती चक्र लाल वस्त्र में सिलकर गर्भवती महिला के कमर पर बांध दें। गर्भपात नहीं होगा।
6. जिन स्त्रियों के सिर्फ कन्या ही होती है, उन्हें शुक्र मुक्ता पहना दी जाये, तो एक वर्ष के अंदर ही पुत्र-रत्न की प्राप्ति होगी।
7. यदि बच्चे न होते हों या होते ही मर जाते हों, तो मंगलवार के दिन मिट्टी की हांडी में शहद भरकर श्मशान में दबायें।
8. पीपल की जटा शुक्रवार को काट कर सुखा लें, सूखने के बाद चूर्ण बना लें। उसको प्रदर रोग वाली स्त्री प्रतिदिन एक चम्मच दही के साथ सेवन करें। सातवें दिन तक मासिक धर्म, श्वेत प्रदर तथा कमर दर्द ठीक हो जाएगा।
9. संतान प्राप्ति के लिए इनमें से किसी भी मंत्र का नियमित रूप से एक माला प्रतिदिन पाठ करें।
ओऽम् नमो भगवते जगत्प्रसूतये नमः।
ओऽम क्लीं गोपाल वेषघाटाय वासुदेवाय हूं फट् स्वाहा।
ओऽम नमः शक्तिरूपाय मम् गृहे पुत्रं कुरू कुरू स्वाहा।
ओऽम् हीं श्रीं क्लीं ग्लौं।
5. देवकी सुत गोविन्द वासुदेवाय जगत्पते। देहिं ये तनयं कृबज त्यामहं शरणंगत। इनमें से आप जिस मंत्र का भी चयन करें उस पर पूर्ण श्रद्धा व आस्था रखें। विश्वासपूर्वक किये गये कार्यों से सफलता शीघ्र मिलती है। मंत्र पाठ नियमित रूप से करें। कृष्ण के बाल रूप का चित्र लगाएं। लड्डू गोपाल का चित्र या मूर्ति लगाना लाभदायक होता है। क्रम संख्या 4 व 5 पर दिए गये मंत्र शीघ्र फलदायक हैं। इन्हें संतान गोपाल मंत्र भी कहा जाता है। संतान रक्षा हेतु मंत्र-तंत्र-यंत्र एवं उपासना 1. यदि पंचम भाव में सूर्य स्थित हो तो: – कभी झूठ मत बोलो और दूसरों के प्रति दुर्भावना मत रखें।
– यदि आप किसी को केाई वचन दें तो उसे हर हाल में पूरा करें। – प्राचीन परंपराओं व रस्म रिवाजों की कभी अवहेलना न करें। – दामाद, नाती (नातियों) तथा साले के प्रति कभी विमुख न हों न ही उनके प्रति दुर्भावना रखें। – पक्षी, मुर्गा और शिशुओं के पालन-पोषण का हमेशा ध्यान रखें। 2. यदि पंचम भाव में चंद्र हो तो:
– कभी लोभ की भावना मत रखें तथा संग्रह करने की मनोवृत्ति मत रखें। – धर्म का पालन करें, दूसरों की पीड़ा निवारणार्थ प्रयास करते रहें और अपने कुटुंब के प्रति ध्यान रखें। – चंद्र संबंधी कोई भी अनुष्ठान करने से पूर्व कुछ मीठा रखकर, पानी पीकर घर से बाहर जाएं।
– सोमवार को श्वेत वस्त्र में चावल-मिश्री बांध कर बहते जल में प्रवाहित करें। 3. यदि पंचम भाव में मंगल बैठा हो तो: – रात में लोटे में जल को सिरहाने रखकर सोएं। – परायी स्त्री से घनिष्ठ संबंध न रखें तथा अपना चरित्र संयमित रखें। – अपने बड़े-बूढ़ों का सम्मान करें और यथासंभव उनकी सेवा करें तथा सुख सुविधा का ध्यान रखें।
– अपने मृत बुजुर्गों इत्यादि का पूर्ण विधि-विधान से श्राद्ध करें। यदि आपका सुहृद संतान मर गया हो तो उसका भी श्राद्ध करें। – नीम का वृक्ष रोपंे तथा मंगलवार को थोड़ा सा दूध दान करें। 4. यदि पंचम भाव में बुध हो तो: – गले में तांबे का पैसा धारण करें। – यदि गो-पालन किया जाए तो संतान, स्त्री और भाग्य का पूर्ण सुख प्राप्त होगा। 5. यदि पंचम भाव में बृहस्पति विराजमान हो तो: – सिर पर चोटी रखें और जनेऊ धारण करें।
– आपने यदि धर्म के नाम पर धन संग्रह किया या दान लिया तो संतान को निश्चित कष्ट होगा। धर्म का कार्य यदि आप निःस्वार्थ भाव से करेंगे तो संतान काफी सुखी-संपन्न रहेगी। – केतु के भी उपाय निरंतर करते रहें। – मांस, मदिरा तथा परस्त्री गमन से दूर रहें। – संत, महात्मा तथा संन्यासियों की सेवा करें तथा मंदिर की कम से कम महीने में एकबार सफाई अवश्य करें। 6. यदि पंचम भाव में शुक्र स्थित हो तो:
– गोमाता तथा श्रीमाता जी की पूर्ण निष्ठा के साथ सेवा करें। – किसी के लिए हृदय मंे दुर्भावना न रखें तथा शत्रुओं के प्रति भी शत्रुता की भावना न रखें। – चांदी के बर्तन में रात में शुद्ध दूध पिया करें। 7. यदि पंचम भाव में शनि स्थित हो तो: (क) पैतृक भवन की अंधेरी कोठरी में सूर्य संबंधी वस्तुएं जैसे गुड़-तांबा, मंगल संबंधी वस्तुएं जैसे सौफ, खांड,शहद तथा लाल मूंगे व हथियार, चंद्र संबंधी वस्तुएं जैसे चावल, चांदी तथा दूब स्थापित करें।
– अपने भार के दशांश के तुल्य बादाम बहते हुए पानी में डालें और उनके आधे घर में लाकर रखें लेकिन खाएं नहीं। – यदि संतान का जन्म हो तो मिठाई न बांट कर नमकीन बांटें। यदि मिठाई बांटना जरूरी हो, तो अंशमात्र नमक का भी समावेश कर दें। – काला कुत्ता पालें और उसे नित्य एक चुपड़ी रोटी दें। – बुध संबंधी उपाय करते रहें 8. यदि पंचम भाव में राहु उपस्थित हो तो: – अपनी पत्नी के साथ दुबारा फेरे लेने से राहु की अशुभता समाप्त हो जाती है।
– एक छोटा सा चांदी का हाथी निर्मित करा कर घर के पूजा स्थल में रखें। – मांस, मदिरा व परस्त्री गमन से दूर रहें। – जातक की पत्नी अपने सिरहाने पांच मूलियां रखकर सोएं और अगले दिन प्रातः उन्हें मंदिर में दान कर दें। – घर के प्रवेश द्वार की दहलीज के नीचे चांदी की एक छोटी सी चादर/पत्तर दबाएं। 9. यदि केतु पंचम भाव में उपस्थित हो तो: – चंद्र व मंगल की वस्तुएं दूध-खांड इत्यादि का दान करें। – बृहस्पति संबंधी सारे उपाय करें। – घर में यदि कोई शनि संबंधी वस्तु (काली वस्तुएं) हो तो उसे ताले में ही रखें।
संतान प्राप्ति के अचूक उपायTotke For Baby Boy, पत्नी को मायके से वापिस लाने के उपाय, पत्नी वशीकरण- पत्नी को वश में करे, प्यार या पति या पत्नी को कैसे वापिस पाएं, भूत प्रेत जादू-टोने, यंत्र हाथ पर रगड़िये प्रेमी-प्रेमिका भाग आयेंगे', वशीकरण //या करे दुश्मन का नाश, वशीकरण अंगूठी -वशीकरण सामग्री, वशीकरण एवं सम्मोहन, वशीकरण करने के तरीके, वशीकरण तिलक-वशीकरण सामग्री, वशीकरण मंत्र-वशीकरण पंडित आनंद प्रकाश, वशीकरण यन्त्र-वशीकरण सामग्री, व्यापार में या रोजगार में सफलता पाने के उपाय, संतान प्राप्ति के अचूक उपाय, सियार सिंगी से अचूक वशीकरण, स्त्री का वशीकरण-पुरुष का वशीकरण |
even odd scheme – Rokthok Lekhani
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दिल्ली में अगले महीने की 4 से 15 तारीख तक सड़कों पर सम-विषम योजना लागू की जाएगी
On 19/10/2019 By Staff In Mumbai, National
दिल्ली में चार नवंबर से 15 नवंबर तक सड़कों पर सम-विषम योजना लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के उच्च स्तर से निपटना है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल … |
गर्मी ने तोड़ा कई वर्षों का रिकॉर्ड, पारा 45 डिग्री के पार पहुंचा, येलो अलर्ट जारी | Weather Update Today Heat Wave Delhi Up Bihar Rajasthan Temperature Reason For Temperature Increase Heat Wave - India Voice
गर्मी ने तोड़ा कई वर्षों का रिकॉर्ड, पारा 45 डिग्री के पार पहुंचा, येलो अलर्ट जारी
इन दिनों उत्तर भारत सहित देश के कई राज्य गर्मी से धधक रहे हैं। उत्तर पश्चिम भारत में पारा 45 डिग्री तक के आंकड़े को छू चुका है।
नई दिल्ली, 29 अप्रैल, 2022। Whether Update: देश के अधिकतर राज्यों में लू का कहर जारी है। यूपी, राजस्थान, बिहार, हरियाणा व गुजरात आदि राज्यों में मौसम का पारा 45 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है। यूपी के प्रयागराज में मौसम का पारा 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। इसके साथ ही दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र में बीते कुछ दिनों में तापमान 43 डिग्री तक पहुंच चुका है। अप्रैल महीने में दर्ज किया गया तापमान पिछले 12 वर्षों में सबसे अधिक रहा है।
पढ़ें :- दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा में अगले दो दिनों तक छाया रहेगा प्रदूषण का घना कोहरा
राजस्थान, एमपी और महाराष्ट्र में जारी येलो अलर्ट
कुछ रिपोर्टस के अनुसार मौसम विभाग की ओर से राजस्थान, एमपी और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सो में गर्मी अधिक पड़ रही है। जिसके चलते येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की मानें तो उत्तर-पश्चिम रीजन में तापमान 1 से 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। इसके साथ ही आने वाले पांच दिनों में हीटवेव में अधिकता आएगी।
जारी रहेगा लू का प्रकोप
मौसम विभाग के अनुसार आने वाले पांच दिनों में उत्तर पश्चिम व मध्य भारत के कई राज्यों में लू का प्रकोप बना रहेगा। राजस्थान और मध्यप्रदेश में लू का प्रकोप बने रहने की उम्मीद जताई गई है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में तापमान दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की बात कही गई है।
राजस्थान में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। राजस्थान के गंगानगर में तापमान सबसे अधिक दर्ज किया गया है। मौसम विभाग की मानें तो गंगानगर में पारा 45.7 डिग्री, चुरु में 45.5, बीकानेर में 45, पिलानी में 44.8 व कोटा में 44.5 डिग्री सेल्सियस तक मापा गया है।
इस बार क्यों पड़ रही इतनी गर्मी?
इस बार गर्मी का पारा काफी अधिक है। इसके पीछे एक वजह है। जानकारों का कहना है कि इस बार गर्मी मार्च महीने से ही पड़ना शुरू हो गई थी। जिसकी वजह से अप्रैल के अंत तक पारा अपने रिकेॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसके साथ ही हीट वेव लंबे समय तक पड़ना व बारिश के आसार न बनाना भी गर्मी बढ़ने के कुछ कारण है। फिलहाल मौसम विभाग ने कहा कि मार्च महीने में सामान्य तापमान 31.24 की अपेक्षा 32.65 डिग्री दर्ज किया गया। |
6 सेलिब्रिटी शादियाँ जो 2021 में रूढ़ियों को तोड़ती हैं 6 सेलिब्रिटी शादियाँ जो 2021 में रूढ़ियों को तोड़ती हैं - Vibes Of India
6 सेलिब्रिटी शादियाँ जो 2021 में रूढ़ियों को तोड़ती हैं
Team VoI | Updated: January 17, 2022 8:19 pm
जब सेलिब्रिटी शादियों की बात आती है, तो लोगों के उत्साह का कोई ठिकाना नहीं होता। ये शादियाँ व्यक्तिगत लगती हैं, और हम में से अधिकांश लोग शादी के हर मिनट के विवरण के साथ अद्यतन होना चाहते हैं।
शायद यही कारण है कि ये शादियाँ वायरल हो जाती हैं, और इंटरनेट इन भव्य समारोहों की तस्वीरों से भरा हुआ है। लेकिन साल 2021 इस मायने में अलग था। ये 6 हाई-प्रोफाइल सेलिब्रिटी शादियों ने न केवल अपने सेलेब वैल्यू के लिए, बल्कि पारंपरिक और प्रमुख सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने के लिए भी समाचार बनाया।
नियति जोशी और यशोवर्धन मिश्रा (दुल्हन ने अपने सफ़ेद बालों को गर्व किया)
नियति जोशी एक प्रसिद्ध नाम नहीं है, वह तारक मेहता का उल्टा चश्मा के प्रसिद्ध अभिनेता दिलीप जोशी ( जेठालाल की भूमिका निभाने के लिए प्रसिद्ध) की बेटी होने के लिए जानी जाती हैं। उसने 11 दिसंबर, 2021 को अपने प्रेमी यशोवर्धन मिश्रा के साथ शादी के बंधन में बंधी। हालांकि वह एक प्रसिद्ध नाम नहीं है, फिर भी उसके भूरे बालों को गले लगाने की पसंद के कारण उसकी तस्वीरें वायरल हो गईं। हाँ, दुल्हन के भूरे बाल थे और उसने उन्हें गले से लगा लिया!
कैटरीना कैफ और विक्की कौशल (जोड़े ने विभिन्न परंपराओं को तोड़ा और कैटरीना की बहनों ने फूल की चादर की रस्म निभाई)
9 दिसंबर 2021 को कटरीना कैफ और विक्की कौशल ने राजस्थान के सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा शहर के सिक्स सेंस फोर्ट बरवारा में शादी कर ली। यह एक निजी मामला था जिसमें सीमित मेहमानों को गंतव्य पर आमंत्रित किया गया था और इसलिए शादी से कोई निश्चित अपडेट नहीं था। सोशल मीडिया इस उम्मीद से भरा हुआ था कि कैटरीना अपने डी-डे के लिए क्या पहनेगी, जो सभी को शादी में आमंत्रित किया गया है, विक्की कौशल किस गाने पर डांस करेंगे और क्या नहीं! शादी में 'गोपनीयता' से संबंधित कई अफवाहें थीं जैसे किसी भी मेहमान को तस्वीरें क्लिक करने या सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने की अनुमति नहीं थी।
राजकुमार राव और पत्रलेखा (दुल्हन ने दूल्हे पर सिंदूर लगाया )
11 साल तक प्यार में रहने के बाद अभिनेता राजकुमार राव और अभिनेत्री पत्रलेखा पॉल ने 15 नवंबर, 2021 को ओबेरॉय सुखविलास चंडीगढ़ में शादी कर ली। अच्छे दिखने वाले जोड़े को प्रशंसकों का सारा प्यार तब मिला जब उन्होंने सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट करके अपनी शादी की आधिकारिक घोषणा की। एक या दो हफ्ते बाद, राजकुमार ने अपनी शादी के जश्न का एक वीडियो साझा किया जो वायरल हो गया और लोगों का दिल जीत लिया।
यामी गौतम और आदित्य धर (डिजाइनर लेबल पर सादगी)
अभिनेत्री यामी गौतम ने निर्देशक आदित्य धर के साथ 4 जून, 2021 को अपने गृहनगर हिमाचल प्रदेश में गुपचुप तरीके से शादी की। यह एक भव्य शादी नहीं थी, जैसा कि लोग मशहूर हस्तियों से उम्मीद करते हैं। उनकी शादी की तस्वीरें सिंपल, एलिगेंट और ट्रेडिशनल होने के कारण वायरल हुईं!
यामी गौतम ने अपने खास दिन के लिए डिजाइनर आउटफिट चुनने के बजाय अपनी मां की साड़ी पहनी। उसका मेकअप उसकी बहन ने किया था, उसने दुपट्टा पहना था जो उसकी नानी (नानी) ने उसके लिए रखा था। उन्होंने ट्रेडिशनल ज्वैलरी पहनी हुई थी।
दीया मिर्जा और वैभव रेखी (एक महिला पुजारी ने अनुष्ठान किया और कन्यादान और बिदाई से परहेज किया गया)
मॉडल, अभिनेत्री और जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता दीया मिर्जा ने मुंबई के व्यवसायी वैभव रेखी के साथ 15 फरवरी, 2021 को एक अंतरंग शादी में शादी के बंधन में बंध गए। दीया मिर्जा लाल बनारसी साड़ी में और वैभव हाथी दांत की शेरवानी में बेहद खूबसूरत लग रही थीं । उन्होंने बायोडिग्रेडेबल और प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करके न्यूनतम सजावट का विकल्प चुना।
अंगिरा धर और आनंद तिवारी (बिदाई के दौरान दूल्हे के आंसू छलक पड़े )
अभिनेत्री अंगिरा धर और अभिनेता, निर्देशक आनंद तिवारी ने 30 अप्रैल, 2021 को एक निजी शादी में शादी की। इस जोड़े ने जून में अपनी शादी का खुलासा अंगिरा के साथ शादी से भावनात्मक तस्वीरें पोस्ट करके किया। लेकिन ट्विस्ट ये था कि बिदाई के दौरान पत्नी की जगह दूल्हा रो रहा था. आमतौर पर बिदाई के दौरान दुल्हनों के रोने की उम्मीद की जाती है , लेकिन आनंद ने इस स्टीरियोटाइप को तोड़ा। पुरुषों को आमतौर पर महिलाओं की तुलना में कम भावुक माना जाता है, लेकिन क्या यह सच है? मुझे नहीं पता कि किसने इसे एक प्रमुख परंपरा बना दिया कि पुरुष रोते नहीं हैं, और उनमें भावनाएं नहीं होती हैं। यहाँ, आप स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, कि उनमें भावनाएँ होती हैं, कि वे संवेदनशील होते हैं, और यह कि वे बिदाई के दौरान रो सकते हैं ! अंगिरा ने तस्वीर को कैप्शन दिया: "आप जानते हैं कि आप सही हाथों में हैं, जबकि आप नहीं हैं जो विदाई को फाड़ रहे हैं"। |
Hindi IAS Topper 2015 Siddharth Jain shares his IAS Exam Preparation Strategy | Naukri
Updated: May 20, 2016 18:06 IST
आईएएस 2015 के टॉपर सिद्धार्थ जैन जोकि आईआईटी रुड़की से एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं, ने अपने दूसरे प्रयास में ही प्रतिष्ठित यूपीएससी आईएएस परीक्षा 2015 में 13 वीं रैंक हासिल किया है. सिद्धार्थ, जिनके पिता एक चार्टर्ड अकाउंटेंट है और माँ एक गृहणी है, साधारण पहनावा और भेष-भूषा के बावजूद एक अद्भुत व्यक्तित्व के स्वामी है. जीवन की कठिन परिस्थितियों के साथ लड़ने के लिए वह हर पल तैयार रहते है और इस संबंध में कहते हैं कि-" बुरे दौर और प्रतिकूल परिस्थितियों के साथ लड़ना ही जीवन है और इसमें उन्हें आनंद आता है."
जीवन और अखिल भारतीय सेवा के प्रति उनका नजरिया बेहद ही उत्साहवर्धक रहा है जोकि उनके व्यक्तित्व की पहचान भी है. इसके अतिरिक्त वह दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा उत्सुक रहते है और अपनी सफलता का श्रेय अपने दोस्तों को ही देते है. दोस्तों के बारे में अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए वह कहते हैं कि-"जीवन के लिए मित्र बहुत महत्वपूर्ण हैं और खासकर आईएएस परीक्षा के तैयारी के दौरान होने वाले दबाव से उबरने में वो काफी मदद भी करते हैं."
ग्रुप डिस्कशन में सिद्धार्थ हमेशा से विश्वास रखते है साथ ही वह मनुष्य की ऑडियो विजुअल मेमोरी के गुणों में भी भरोसा करते है. उनके मुताबिक "ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है" आज भी उतना ही प्रासंगिक है और इसमें उनका पूरा विश्वास है. इस सवाल के जवाब में कि अखिल भारतीय सेवाओं में भ्रष्टाचार धीरे-धीरे बढती जा रही है, सिद्धार्थ अपने शिक्षक की उन पंक्तियों को याद करते हैं कि-" जिला का राजा बनने जा रहे हो, भिखारी की तरह हाथ नहीं फैलाना."
शौक एवं रुचियां
सिद्धार्थ कहते है की प्रतिदिन कोई ना कोई खेल में खुद को व्यस्त रखना आवश्यक है साथ ही खुद को शांत रखने के लिए विपश्यना के अभ्यास पर भी वह बल देते है. विपश्यना से वह अच्छी तरह से प्रशिक्षित है और दबावों से पार पाने में इसके महत्त्व से भी वह भली भांति परिचित है. अध्ययन के दौरान अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वह 'ध्यान और इसके महत्त्व' का भी उल्लेख करना नहीं भूलते है.
अपनी तैयारी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 2012 में अपने बीटेक के तीसरे वर्ष के दौरान ही आरंभ कर दी थी. आईआईटी में पढ़ाई के दौरान ही सिद्धार्थ को अपने दोस्तों के साथ परिचर्या में समाज में बदलाव लाने की प्रेरणा मिली.
2014 में अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने सामान्य अध्ययन और वैकल्पिक विषय में अच्छे अंक हासिल किये लेकिन निबंध में औसत से भी नीचे अंक प्राप्त होने के कारण वह यूपीएससी आईएएस परीक्षा 2014 में चयनित उम्मीदवारों की अंतिम सूची में स्थान नहीं बना सके.
इसके बाद उन्होंने सामान्य अध्ययन के सभी पेपर को सामान महत्व दिया. उनका कहना था कि छात्रों को सामान्य अध्ययन के सभी प्रश्न पत्रों के बीच संतुलन बनाये रखना चाहिए क्योंकि सभी बराबर अंक के होते है. अपने तैयारी के दौरान उन्होंने अध्ययन के विभिन्न तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया और उपलब्ध ऑनलाइन अध्ययन सामग्री को उतना ही महत्त्व दिया. उन्होंने परीक्षा के वातावरण में ही मोक टेस्ट पेपर देने और उसे हल के अभ्यास पर भी बल दिया. उनका कहना है कि परीक्षा के जैसे वातावरण में मोक टेस्ट पेपर हल करने से आपका मस्तिष्क वास्तविक परीक्षा के लिए बेहतर रूप से प्रशिक्षित हो जाता है.
आईएएस उम्मीदवारों के लिए संदेश
सिद्धार्थ का कहना है की आईएएस परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को समाचार पत्र और मासिक पत्रिकाओं का अध्ययन उनकी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए. समाचार पत्र या पत्रिका में विभिन्न लेखों को पढ़ते समय उम्मीदवारों को उन मुद्दों के विभिन्न आयामों और उनसे जुडी हुई सरकारी नीतियों का आत्म-विश्लेषण करना चाहिए. साथ ही समाचार पत्रों और अन्य लेखों से जरुरी पॉइंट्स को नोट करना भी आपके तैयारी का हिस्सा होना चाहिए. इस दौरान वह सॉफ्ट नोट्स बनाने को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि उसे भविष्य के लिए संशोधित करना आसान और सहज होता है.
उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों को भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा के उभरते पैटर्न का सामना करने के लिए खुद के अन्दर विश्लेषणात्मक कौशल विकसित करना भी आवश्यक है.
सिद्धार्थ जैन की अंतिम मार्कशीट
सामान्य अध्ययन-I 103
सामान्य अध्ययन-II 82
सामान्य अध्ययन-III 97
सामान्य अध्ययन-IV 99
वैकल्पिक विषय गणित पेपर-I 114
वैकल्पिक विषय गणित पेपर-I 154
निबंध पेपर 142
साक्षात्कार 187
कुल 978
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आईपीएल फ्री में कैसे देखें लाइव टीवी एप FREE IPL LIVE TV APP 2021 - ILAJ UPAY DAWA - INHINDILIVE.COM
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IPL FREE ME KAISE DEKHE LIVE TV APP 2021 : आईपीएल फ्री में देखने के लिए कुछ एप्स के बारे में जाने आक्सर क्रिकेट के दीवाने आईपीएल फ्री में कैसे देखें लाइव टीवी एप 2021 के लिए सर्च करते है तो आईपीएल देखने वाला एप्स, क्रिकेट देखने वाला एप्स कौन से है आज जानकारी शेयर कर रहे है अगर आप Free IPL Dekhne Wala Apps 2021 में खोज रहे है तो आज जाने कुछ मस्त एप्स के बारे में जानकारी
फ्री मैच देखने के लिए बहुत सारे एप्स है वही कुछ एप्स पर आपको पैसे देना होता है जब आप एक महीने का प्लान लेते है तो ही आप IPL Dekhne Wala Apps 2021 प्रयोग में ले सकते है लेकिन आज हम बाते कर रहे है Free IPL Dekhne Wala Apps के बारे में तो आज हम कुछ ख़ास एप्स के बारे में बात करने वाले है जहाँ पर आप Free IPL Cricket match देख सकते है
अगर आप फ्री में IPL Cricket match देखना सच में चाहते है तो कुछ एप्स आपके लिए लेकर आये है आगे जाने वह कौन से एप्स है जहाँ फ्री में आईपीएल मैच देखा जा सकता है
आईपीएल फ्री में कैसे देखें लाइव टीवी एप्स
आईपीएल तो हर दिन चल रहे है और बहुत से लोग आईपीएल क्रिकेट मैच देखना चाहते है ऐसे में आज जाने कुछ आईपीएल देखने वाले एप्स के नाम और डाउनलोड करने का तरीका
JIO TV APP : अगर आपके पास जिओ सिम कार्ड है तो आप जिओ एप्स की मदद से आईपीएल बहुत आसानी से देख सकते है यह एकदम फ्री सर्विस है आईपीएल लाइव क्रिकेट मैच देखने के लिए अगर आप किसी और नेटवर्क को प्रयोग करते है तो आपको मंथली रेंट देना पड़ सकता है तो अगर आप जिओ यूजर है और आईपीएल फ्री देखना चाहते है तो जिओ टीवी लाइव डाउनलोड करके आईपीएल का लाइव मजा उठा सकते है
जिओ टीवी एप देखने के लिए आपको प्ले स्टोर से दो एप डाउनलोड करने की जरुरत है पहला जिओ टीवी एप और दुसरा हॉट स्टार डाउनलोड होने के बाद पहले जिओ एप्स को खोले और स्टार क्रिकेट चैनल को खोले ऐसा करते ही आप रिडायरेक्ट होकर स्टार क्रिकेट का मजा ले पायेंगे
THOP TV APP : थोप एप के बारे में हमने पहले ही बताया है थोप एप क्या है और थोप एप्स पर आईपीएल 2021 में कैसे देखे अगर आप थोप एप के बारे में जानना चाहते है तो यहाँ क्लिक करे थोप एप एक शानदार एप्स है जहाँ पर अपनी मनपसंद कार्यक्रम जैसे आईपीएल मैच आसानी से देख सकते है क्लिक से थोप एप्स
थोप एप पर क्रिकेट तो देख सकते है लेकिन थोप एप प्ले स्टोर में नहीं मिलता है इसलिए थोप एप आप हमारी वेबसाइट से फ्री में डाउनलोड कर सकते है अगर THOP APP Download करने में समस्या हो तो आप हमें इमेल कर सकते है हम आपको डाइरेक्ट डाउनलोड लिंक प्रोवाइड कर देंगे
थोप एप के यूजर मिलियन में है क्योकि यह एप क्रिकेट के लिए स्पेशल प्रयोग में लिया जाता है तो आप क्रिकेट मैच देखने के लिए थोप एप्स का इस्तेमाल कर सकते है
VideoBuddy : यह भी एक शानदार एप्स है लेकिन अफ़सोस यह एप भी आपको प्ले स्टोर पर नहीं मिलेगा इसको डाउनलोड करने के लिए आपको Videobuddy के आफिसियल वेबसाईट पर जाना होगा फिर इसे डाउनलोड करके Videobuddy पर Live IPL 2021का मजा आसानी से लिया जा सकता है
Oreo TV : लाइव क्रिकेट का मजा लेने के लिए Oreo TV भी एक बढ़िया प्लेटफार्म है यह एप बहुत कम साइज़ का होने के कारण आपके फ़ोन में जगह बहुत कम लेता है इस वजह से यूजर Oreo TV आईपीएल देखने के लिए प्रयोग में लेते है Oreo TV पर लगभग 100 से अधिक चैनल मौजूद है जिन्हें लाइव देखा जा सकता है लेकिन इस एप में स्टार क्रिकेट आपको नहीं मिलेगा लेकिन और सारे चैनल्स है जिनकी मदद से आईपीएल क्रिकेट आसानी से देख सकते है Oreo TV को डाउनलोड करने के लिए आपको हम डाउनलोड लिंक दे रहे है
HD Streamz : अगर आप एचडी क्वालटी में फ्री इंडियन प्रीमियर लीग देखना चाहते है तो HD STRAMZ पर इसका मजा लिया जा सकता है लेकिन यह एप भी आपको प्ले स्टोर में नहीं मिलेगा तो इसे डाउनलोड करने के लिए आपको इसकी ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा
क्रिकेट देखने के लिए या आईपीएल 2021 का मजा लेने के लिए यह पांच एप बहुत ही शानदार है तो आप इनमे से किसी भी एक एप्स को डाउनलोड करे और क्रिकेट देखे
आईपीएल फ्री में देखेंने के लाइव टीवी एप का प्रयोग
अगर आप फ्री में आईपीएल क्रिकेट मैच [ IPL LIVE CRICKET MATCH 2021 ] देखना चाहते है तो उपरोक्त में से किसी एक एप को इनस्टॉल करे
सबसे पहले IPL LIVE CRICKET MATCH 2021 के लिए एप्स को डाउनलोड करे डाउनलोड लिंक्स पहले ही दिया गया है
अगर आप IPL LIVE CRICKET MATCH 2021 देखने के लिए APK को Download कर रहे है तो आपको डाउनलोड करने के तुरंत बाद फ़ोन के सेटिंग में जाना है और UNknown Source को एनेबल करना है
इसके बाद एप को इनस्टॉल करना है IPL LIVE CRICKET MATCH 2021 देखने के लिए
अब आपके फ़ोन में जब आईपीएल फ्री में लाइव टीवी एप डाउनलोड और इनस्टॉल हो चुका है तो एप को खोले और आईपीएल चैनल को चुने और इंजॉय करे क्रिकेट मैच देखे |
ZEE Jankari: Why congress celebrated the P. chidambaram release from Tihar | ZEE जानकारी: जेल से बेल के बाद चिदंबरम पर कांग्रेस ने क्यों की 'पुष्प वर्षा' | Hindi News, देश
Dec 5, 2019, 12:22 AM IST
देश के लोग कानून नहीं मानते और देश के नेता भ्रष्टाचार को बुरा नहीं मानते. आज जब कांग्रेस के नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री ज़मानत पर जेल से बाहर आए तो उनका स्वागत कुछ ऐसे हुआ जैसे वो देश का स्वंतंत्रता संग्राम जीत कर आए हो. आज हम भ्रष्टाचार को समाज में मिली इस स्वीकृति का भी विश्लेषण करेंगे.
भ्रष्टाचार अब हमारे देश में एक Status Symbol बन गया है. ढोल नगाड़े बजाकर भ्रष्टाचारियों का स्वागत करना, उन्हें फूल माला पहनाना, उनके स्वागत में मिठाईयां बांटना अब हमारे देश में सामान्य बात हो गई है. इसे आप New Normal Of Indian Society भी कह सकते हैं. पहले आप ये देखिए कि कैसे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार के आरोपी पी. चिदंबरम का स्वागत उन्हें हार पहनाकर और मिठाइयां बांट कर किया.
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम 106 दिनों के बाद आज जमानत पर जेल से बाहर आ गए. वो जब जेल से बाहर निकले तो ऐसा लग रहा था जैसे वो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेकर बाहर निकल रहे हो. उनका स्वागत फूल मालाओं से किया गया चिदंबरम भी गाड़ी पर खड़े होकर ऐसे हाथ हिला रहे थे मानो सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें निर्दोष बताकर बा इजज्त बरी कर दिया हो. जमकर नारेबाज़ी और फूलो की बरसात के बीच पी चिदंबरम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने 10 जनपथ चले गए. अब आप सोचिए कि अगर भ्रष्टाचार में फंसे एक नेता का जेल से बाहर आने पर ऐसा स्वागत होता है तो ईमानदार और सज्जन पुरुषों का स्वागत कैसे होता होगा.
इन तस्वीरों को देखकर आपको तीन बातें समझनी चाहिए. पहली बात ये है कि हमारे देश में अब भ्रष्टाचार किसी को बुरा नहीं लगता और ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार की व्याख्या नए सिरे से करने की ज़रूरत है . क्योंकि हमारे देश में गोपाल कांडा जैसे दागी नेता विधायक बन जाते हैं. भ्रष्टाचार के आरोपी अजित पवार को बीजेपी डिप्टी सीएम बना देती है. भ्रष्टाचार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों के आरोपी चुनाव जीतकर विधायक या सांसद बन जाते हैं. यानी अब भ्रष्टाचार की परिभाषा बदलनी होगी.
दूसरी बात ये है कि अब राजनेता ही नहीं हमारे देश की जनता भी भ्रष्टाचार को बुरा नहीं मानती है. भ्रष्टाचारियों को समाज पूरी तरह स्वीकार कर लेता है और उनसे जुड़े किस्से कहानियों को ऐसे पेश किया जाता है जैसे किसी महापुरुष की जीवनी सुनाई जा रही हो और तीसरी बात ये है कि अब राजनीति के तहत की गई बदले की कार्रवाई और भ्रष्टाचार के असली मामलों के बीच भेद खत्म हो चुका है . जिस भी नेता पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं. वो कहता है कि उसे बदले की कार्रवाई के तहत फंसाया गया है. ये देश विरोधी ताकतों की साजिश है. पुराने ज़मान में भ्रष्ट नेता ये कहते थे कि ये विदेश ताकतों की साजिश है लेकिन अब इन्हें सांप्रदायिक ताकतों का किया धरा बताने लगते है . और भ्रष्टाचार के आरोपी जेल से बाहर ऐसे निकलते हैं. जैसे वो कोई स्वतंत्रता सेनानी हो.
राजनीति में अब भ्रष्टाचार स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है. नेता अब अपने उपर लगे आरोपों को ग्लैमराइज़ करने लग हैं. यही नहीं चुनाव के समय यही नेता VICTIM कार्ड भी खेलते हैं. 2015 से लेकर अब तक जितने भी चुनाव बिहार में हुए, RJD के अध्यक्ष लालू यादव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनैतिक प्रतिशोध बता कर सहानभूती बटोरने की कोशिश की. BSP अध्यक्ष मायावती, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन ने भी यही Victim Card खेला. आज चिदंबरम के स्वागत की तस्वीर देख कर आप ये सवाल भी पूछ सकते हैं कि हमारे देश में नैतिकता को लेकर कोई कानून क्यों नहीं बनता ? ऐसे उदाहरण भरे पड़े हैं, जब दागी नेता चुनाव लड़ते हैं, और चुनाव जीतकर संसद या विधानसभाओं में पहुंच जाते हैं . नैतिक रूप से अयोग्य होने के बावजूद भी ये नेता हमारे लोकतंत्र में योग्य साबित हो जाते हैं .
हम आपको ऐसे नेताओं के कुछ उदाहरण दिखाते हैं:
अतुल राय इस समय उत्तर प्रदेश के घोसी से बहुजन समाज पार्टी के सांसद हैं. उनके ऊपर बलात्कार का आरोप है और वो इस वक्त जेल में बंद हैं. गोपाल कांडा इस समय हरियाणा के सिरसा से विधानसभा के सदस्य हैं. उन पर एक महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है और वो विधायक हैं. मुख्तार अंसारी मऊ के विधायक हैं. उन पर हत्या, अपहरण और दूसरे गंभीर आरोप हैं . वो भी इस समय जेल में बंद हैं. कुलदीप सिंह सेंगर उत्तर प्रदेश के उन्नाव से विधायक हैं . उन पर बलात्कार और हत्या की साजिश में शामिल रहने के आरोप हैं. ये भी इस समय जेल में बंद है. नैतिकता का कोई कानून होता, तो शायद ये सभी नेता संसद या विधानसभा के लिए नहीं चुने जाते, लेकिन हमारे संविधान बनाने वालों ने शायद इस दिन की कल्पना ही नहीं की थी.
पी चिदंबरम को ज़मानत मिल गई है . लेकिन वो अकेले नहीं हैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेता ऐसे हैं, जो इस वक्त ज़मानत पर हैं. इनमें कार्ति चिदंबरम, भुपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, शशि थरूर , दिग्विजय सिंह, वीरभद्र सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू जैसे नेता शामिल हैं. |
सीतारमण ने इंफोसिस के अधिकारियों से मुलाकात की, नए आईटी ई-फाइलिंग पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियों की समीक्षा की | News India24
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सीतारमण ने इंफोसिस के अधिकारियों से मुलाकात की, नए आईटी ई-फाइलिंग पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियों की समीक्षा की
Posted by News India24 | Jun 22, 2021 | बिजनेस | 0 |
छवि स्रोत: पीटीआई / फ़ाइल छवि
सीतारमण ने इंफोसिस के अधिकारियों से मुलाकात की, नए आईटी ई-फाइलिंग पोर्टल पर तकनीकी गड़बड़ियों की समीक्षा की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इंफोसिस के अधिकारियों के साथ नए आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल में तकनीकी खामियों की समीक्षा की। सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, राजस्व सचिव तरुण बजाज, सीबीडीटी के अध्यक्ष जगन्नाथ महापात्र और अन्य वरिष्ठ मंत्रालय के अधिकारियों के साथ, इंफोसिस के अधिकारियों के साथ नए पोर्टल का सामना करने वाले मुद्दों पर बिंदु-दर-बिंदु गए – विक्रेता जिसने साइट विकसित की।
हालांकि बैठक में क्या हुआ, इस पर कोई आधिकारिक शब्द नहीं था, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि “तकनीकी गड़बड़ियों को तेजी से संबोधित किया जाएगा”।
मंगलवार को हुई बैठक में आईसीएआई के प्रतिनिधि शामिल हुए।
7 जून को लॉन्च किए गए पोर्टल को लंबे समय तक लॉग इन करने, आधार सत्यापन के लिए ओटीपी उत्पन्न करने में असमर्थता, पिछले वर्षों से आईटीआर की अनुपलब्धता सहित कई गड़बड़ियों का सामना करना पड़ा।
कई हितधारकों ने पोर्टल के सामने आने वाली समस्याओं के साथ-साथ उन क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए लिखित इनपुट प्रस्तुत किए हैं जिन्हें ठीक करने की आवश्यकता है।
हितधारकों ने कमजोर यूजर इंटरफेस, पुरानी मांग को देखने में असमर्थता, शिकायतों और सूचना आदेशों को उन मुद्दों के रूप में भी उजागर किया है जिन्हें ठीक करने की आवश्यकता है।
बैठक के बाद जारी एक बयान में आईसीएआई ने कहा कि उसे सीबीडीटी और इंफोसिस को मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए अपना निरंतर समर्थन और इनपुट प्रदान करने के लिए कहा गया है।
आईसीएआई के बयान में कहा गया है, “आयकर विभाग ने कहा कि नए पोर्टल का उद्देश्य अनुपालन को अधिक करदाताओं के अनुकूल बनाना है, हालांकि सभी की सुविधा के लिए तकनीकी गड़बड़ियों को तेजी से दूर किया जाएगा।”
ई-फाइलिंग पोर्टल www.incometax.gov.in 7 जून को लॉन्च किया गया था, जिसे कर विभाग के साथ-साथ सरकार ने अनुपालन को अधिक करदाता-अनुकूल बनाने के उद्देश्य से कहा था।
यह वह पोर्टल है जिसका उपयोग आम आय करदाता वित्तीय वर्ष 2020-21 में अर्जित आय के लिए आकलन वर्ष 2021-22 के लिए अपना वार्षिक रिटर्न दाखिल करने के लिए भी करेंगे।
व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा ऐसे रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर है।
कंपनी की वार्षिक शेयरधारक बैठक में शनिवार को इंफोसिस ने कहा था कि वह मुद्दों को सुलझाने के लिए काम कर रही है और कुछ मोर्चों पर पहले ही सफल हो चुकी है।
इस मामले पर शेयरधारकों के सवालों को संबोधित करते हुए, इंफोसिस ने कहा कि वह नए आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल में तकनीकी गड़बड़ियों के कारण हुई असुविधा से बहुत चिंतित है, और यह कि सभी मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए काम कर रहा है।
“इन्फोसिस नए आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल में चिंताओं को हल करने के लिए काम कर रहा है। पिछले सप्ताह के लिए, प्रदर्शन और स्थिरता को प्रभावित करने वाली कई तकनीकी गड़बड़ियों को दूर किया गया है। और इसके परिणामस्वरूप, हमने लाखों लोगों को देखा है पोर्टल में अद्वितीय दैनिक उपयोगकर्ता,” इंफोसिस के मुख्य परिचालन अधिकारी प्रवीण राव ने एजीएम के दौरान प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा।
एक शेयरधारक के सवाल का जवाब देते हुए राव ने बताया कि पोर्टल पर अब तक करीब एक लाख आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं।
इंफोसिस के साथ मंगलवार की बैठक से पहले, वित्त मंत्रालय ने 16 जून को नए आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर आने वाली गड़बड़ियों या मुद्दों के बारे में हितधारकों से लिखित प्रतिनिधित्व आमंत्रित किया था।
कर सलाहकारों ने तकनीकी और प्रदर्शन मुद्दों, लापता डेटा के मुद्दों, मॉड्यूल जो काम नहीं कर रहे हैं, से संबंधित अपने अभ्यावेदन प्रस्तुत किए हैं।
कुछ सलाहकारों ने यह भी सुझाव दिया है कि पुराने ई-फाइलिंग पोर्टल को तब तक सक्रिय रहना चाहिए जब तक कि नया पोर्टल स्थिर न हो जाए और इस बीच उपयोगकर्ताओं के सामने आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए बीटा परीक्षण किया जाए।
इंफोसिस को 2019 में अगली पीढ़ी के आयकर फाइलिंग सिस्टम को विकसित करने के लिए 63 दिनों से एक दिन के लिए प्रसंस्करण समय को कम करने और रिफंड में तेजी लाने के लिए एक अनुबंध से सम्मानित किया गया था।
8 जून को सीतारमण ने खुद इंफोसिस और उसके चेयरमैन नंदन नीलेकणि से तकनीकी खामियों को दूर करने को कहा था।
नए पोर्टल के लॉन्च के एक दिन बाद, सोशल मीडिया यूजर्स ने वित्त मंत्री को नए ई-फाइलिंग पोर्टल में गड़बड़ियों के बारे में बताया था।
उसके बाद, सीतारमण ने ट्विटर का सहारा लिया और इंफोसिस और उसके अध्यक्ष को समस्या को ठीक करने के लिए कहा।
नीलेकणि ने ट्वीट का जवाब देते हुए कहा था कि इन्फोसिस खामियों को दूर करने के लिए काम कर रही है।
और पढ़ें: इंफोसिस को पछताना पड़ता है, उम्मीद है कि सप्ताह के दौरान सिस्टम स्थिर हो जाएगा: नीलेकणि ने सीतारमण को जवाब दिया
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न्यूजीलैंड की दो मस्जिद में अंधाधुंध फायरिंग, 9 की मौत, बाल-बाल बचे ये बांग्लादेशी क्रिकेटर्स - Live Samachar
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न्यूजीलैंड की दो मस्जिद में अंधाधुंध फायरिंग, 9 की मौत, बाल-बाल बचे ये बांग्लादेशी क्रिकेटर्स
न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में अलनूर मस्जिद के बाहर अंधाधुंध फायरिंग की सूचना आ रही है. फायरिंग में कई लोगों के हताहत होने की बात कही जा रही है. न्यूजीलैंड पुलिस के अनुसार, "क्राइस्टचर्च में गंभीर स्थिति पैदा हो गई है. पुलिस इससे निपटने की कोशिश कर रही है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है." गोलीबारी में कई लोग हताहत हुए हैं. बताया जा रहा है कि घटना के दौरान वहां बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी मौजूद थे, जो बाल-बाल बच गए. बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ी तमीम इकबाल ने ट्वीट कर कहा, "गोलीबारी में पूरी टीम बाल-बाल बच गई. बेहद डरावना अनुभव था"
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जसींदा अर्दर्न ने अपने सभी अप्वाइंटमेंट कैंसिल कर दिए हैं. एक प्रत्यक्षदर्शी ने रेडियो न्यूजीलैंड को बताया, "उसने फायरिंग की आवाज सुनी और तत्काल चार लोगों को जमीन पर गिरते देखा. तुरंत ही वहां खून पसर गया."
अभी तक आधिकारिक रूप से मृतकों या घायलों के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन न्यूजीलैंड हेराल्ड के अनुसार, 9 लोग मारे गए हैं. आसपास के घरों के लोगों से खिड़की से दूर रहने की सलाह दी गई है. जानकारी के अनुसार, दो हमलावरों ने मस्जिद में करीब 50 राउंड फायरिंग की, जिनमें से एक हमलावर को वहां की पुलिस ने पकड़ लिया है. |
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महिलाओं को होते हैं 4 तरह के ऑर्गैज़्म (4 Kinds Of Female Orgasm Every Woman Should Have)
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मैं 27 साल की वर्किंग वुमन हूं. अभी तक मेरी शादी नहीं हुई है, पर मैं वर्जिन (Virgin) नहीं हूं. मैं कई बार सेक्सुअल रिलेशन (Sexual Relations) का अनुभव ले चुकी हूं. लेकिन मैं यह जानना चाहती हूं कि क्या वर्जिनिटी (Virginity) को दोबारा पाया जा सकता है? यदि हां, तो कैसे? समाधान करें.
– नसरीन मलिक, हैदराबाद.
ऑपरेशन द्वारा हाइमन सर्जरी से वर्जिनिटी को दोबारा प्राप्त किया जा सकता है. इसमें ऑपरेशन द्वारा आर्टिफिशियल हाइमन वेजाइना (योनि) में स्थापित की जाती है. ऐसी कई सर्जरी हुई हैं. लेकिन इस तरह की सर्जरी की सुविधा देश के कुछेक शहरों के हॉस्पिटल में ही उपलब्ध है. वैसे इस तरह की सर्जरी सफल भी हुई हैं. लेकिन आपने यह नहीं बताया कि आप वर्जिनिटी को दोबारा क्यों पाना चाहती हैं. यदि आपको सर्जरी करानी ही है, तो इसके बारे में पूरी जानकारी के लिए किसी अच्छे सेक्सोलॉजिस्ट से मिलें और उनसे सलाह-मशवरा करके ही उचित निर्णय लें.
यह भी पढ़े: सेक्स प्रॉब्लम्स- क्या रेग्युलर सेक्स करने से महिलाओं का वज़न बढ़ता है? (Sex Problems- Does Regular Sex Make Women Fat?)
मैं 35 साल का हूं. हाल ही में मेरी शादी हुई है. मुझे बच्चों से काफ़ी लगाव है. सेक्स से संबंधित बातों के बारे में मुझे कम ही जानकारी है. उस पर संकोची स्वभाव होने के कारण किसी से पूछ भी नहीं पाता हूं. मुझे आपसे यह जानना है कि शीघ्रपतन (प्रीमैच्योर इजैक्युलैशन) के कारण पिता बनने में द़िक्क़त तो नहीं आती है.
– अजय वर्मा, जयपुर.
सेक्सुअल रिलेशन के समय यदि पार्टनर का सीमन (वीर्य) उसकी अपेक्षा से जल्दी निकल जाता है, तो इसे शीघ्रपतन कहते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उस वीर्य में शुक्राणुओं की वही मात्रा रहती है, जो देर से निकलनेवाली वीर्य में होती है. इसलिए शीघ्रपतन की समस्या के कारण पिता बनने में कोई परेशानी नहीं आती यानी यह बाधक नहीं होती हैं. अत: आप चिंतित न हों और अपनी सेक्स लाइफ एंजॉय करें. हां, यदि आपकी पत्नी को कोई परेशानी हो यानी उन्हें सेक्सुअल रिलेशन में संतुष्टि नहीं मिल पा रही हो, तो किसी डॉक्टर या फिर सेक्सोलॉजिस्ट से सलाह-मशवरा करके उचित उपचार ज़रूर करवाएं.
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'अमित शाह के बेटे की संपत्ति में 16,000 गुना का इजाफा उन गरीबों के जख्मों में खौलता तेल है जो नोट बदलवाने की कतार में मर गए'
Home Hindi 'अमित शाह के बेटे की संपत्ति में 16,000 गुना का इजाफा उन...
'अमित शाह के बेटे की संपत्ति में 16,000 गुना का इजाफा उन गरीबों के जख्मों में खौलता तेल है जो नोट बदलवाने की कतार में मर गए'
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे की कंपनी का टर्नओवर कथित तौर पर 16 हजार गुना बढ़ने की खबर सामने आने के बाद कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। रविवार(8 अक्टूबर) को कांग्रेस ने अमित शाह के बेटे जय अमित भाई शाह की कंपनी के टर्नओवर में भारी इजाफा के मामले को उठाते हुए जमकार हमला बोला। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसा लगता है कि 2014 में सरकार बदलने के साथ अमित शाह के बेटे की किस्मत भी बदल गई है। उन्होंने कहा कि अमित शाह के बेटे की कंपनी टेम्पल इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड मार्च 2013 में घाटे में थी और ये घाटा 6,239 रुपये था। जबकि मार्च 2014 में भी कंपनी घाटे में रही और घाटा था 1,724 रुपये।
लेकिन 2014-15 में ये कंपनी एकाएक फायदे में आ गई। यानि मई 2014 में कुछ बदलाव हुआ और मुनाफे का कारवां चल पड़ा। सिब्बल ने कहा कि उस वक्त मुनाफा था 18,728 रुपये और कंपनी का कुल राजस्व था सिर्फ 50,000 रुपये। लेकिन असल बदलाव 2015-16 में हुआ, जब कंपनी का टर्नओवर 80 करोड़ हो गया। एक साल में टर्नओवर में ये बढ़ोतरी 16,000 गुना रही।
इन आरोपों पर कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस के किसी नेता पर 10 लाख की गड़बड़ी के आरोप क्यों न हो, उनके पीछे सीबीआई, ईडी लगा देते हैं। क्रोनी कैपिटिलिज्म का आरोप लगा देते हैं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह पर कितने केस चालू कर दिए। सिब्बल ने कहा कि क्या देश के प्रधान सेवक इस मामले पर अपना मुंह खोलेंगे।
सोशल मीडिया पर लोगों ने साधा निशाना
अमित शाह के बेटे जय अमितभाई शाह की कंपनी का टर्नओवर कथित तौर पर 16 हजार गुना बढ़ने पर सोशल मीडिया पर मोदी सरकार लोगों के निशाने पर आ गई है। ट्विटर पर #AmitShahKiLoot टॉप ट्रेंडिंग बना हुआ है। ट्वीट में कई यूजर्स ने मोदी सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त और घोटाला मुक्त सरकार पर सवाल उठाए हैं।
देश का व्यापार नोटबंदी से ठप्प पड़ा है..और अमित शाह के बेटे की सम्पत्ति 16000 गुना बड़ गयी।
वाह..क्या विकास किया मोदीजी ने#AmitShahKiLoot
— Mahendrasingh Gurjar (@M_S_Gurjar) October 8, 2017
अमित शाह के बेटे की संपत्ति में १६००० गुना का इजाफा उन गरीबों के जख्मों में खौलता तेल है जो नोट बदलवाने की कतार में मर गए । #AmitShahKiLoot
— Jitu Patwari (@jitupatwari) October 8, 2017
जय शाह(अमित शाह पुत्र)की कंपनी "टेम्पल एंटरप्राइज प्राइवेट लिमिटेड"
2013:6230₹ घाटा
2014:1724₹ घाटा
2015:18,728₹ लाभ
2016:16000 गुणा कमाई
— Alka Lamba – अलका लाम्बा (@LambaAlka) October 8, 2017
— Nagma (@nagma_morarji) October 8, 2017
Your words sound hollow, your actions are a sham. Mr Prime Minister, will you act now? In your backyard there's a scam? #AmitShahKiLoot https://t.co/CM4Qer8S4c
Temple Enterprise Pvt. Ltd. Owned by Amit Shah's son, revenue jumped from just ₹50,000 to over ₹80 crore in a single year! #AmitShahKiLoot
— Saral Patel (@SaralPatel) October 8, 2017
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मुख्यपृष्ठrecentअखरोट खाने के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान, जानें कब और कैसे खाएं? | #NayaSaveraNetwork
अखरोट खाने के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान, जानें कब और कैसे खाएं? | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क अक्तूबर 12, 2022
नया सवेरा नेटवर्क
अखरोट को ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर ब्रेन फूड माना जाता है। वैसे इसमें अन्य कई पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। खासतौर से, ठंड के मौसम में नट्स का सेवन जरूर करना चाहिए। अगर आप भी अपनी डाइट में अखरोट को शामिल करते हैं। कहते हैं कि यदि स्वस्थ रहना है तो दिल का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है और दिल यानि हृदय। हेल्थ एक्सपर्टस की मानें तो पूरी दुनिया में मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है हृदय रोग। ऐसे में दिल की देखभाल करना बेहद ज़रूरी है।
संचार प्रणाली के माध्यम से हमारा दिल का काम पूरे शरीर में रक्त को पंप करना है और शरीर के विभिन्न भागों में ऑक्सीजन के साथ-साथ अन्य पोषक तत्वों की आपूर्ति करना है। इसके अलावा दिल में जमा कचरे को हटाने में भी मदद करता है। ऐसे में दिल को स्वस्थ रखने में खान-पान एक बहुत ही बड़ी भूमिका निभाता है क्योंकि जो हम खाना खाते हैं उसका सीधा असर हृदय स्वास्थ्य पर पड़ता है।
अखरोट जैसे कुछ अन्य नट्स व बीज हृदय के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं और इनका एक निश्चित मात्रा में सेवन आपके दिल के लिए काफी लाभकारी है। यह हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य को आश्चर्यजनक लाभ प्रदान करते हैं। तो इससे आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ बेमिसाल फायदों के बारे में−
अखरोट खाने के कितने फायदे हैं, यह जानकार आप यकीनन इसे अपने आहार में शामिल कर लेंगे। तो आइये हम आपको बताते हैं कि कैसे आप अखरोट को दैनिक जीवन में ला सकते हैं और इसे कब और कैसे खाया जा सकता है।
अखरोट कब और कैसे खाएं?
विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिदिन अखरोट के दो से तीन टुकड़ें सुबह-शाम या शाम के नाश्ते के रूप में खाए जाने चाहिए। कोशिश करें कि अखरोट को खाली पेट न खाएं क्योंकि अखरोट के तेल से पेट में आपको जलन हो सकती है।
अखरोट के फायदे
- अखरोट में कई तरह के पोषक तत्वों मौजूद होते हैं, जिसमें मैग्नीशियम, फाइबर, हेल्दी फैट, विटामिन ई और खनिज शामिल होते हैं। साथ ही इसका सेवन टाइप 2 डायबिटीज को मैनेज करने में मदद करता है।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से युक्त अखरोट शरीर में मौजूद बैड कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है, सूजन को कम कर सकता है और साथ ही ब्लड प्रेशर के स्तर को भी कम करने में मदद करता है। जिसके चलते हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है।
- अखरोट के खाने से शाकाहारियों में विशेषकर से ओमेगा-3 और 6 फैटी एसिड की ज़रूरत को पूरा करने में मदद करता है।
- इसके अलावा अखरोट वजन घटाने में मदद करता है। इसके अलावा आपको एंटीऑक्सीडेंट भी प्रदान करता है। अखरोट के ये सभी गुण एक साथ हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।
दिन में कितना सेवन करना होगा फायदेमंद?
हमारे दिल व दिमाग के लिए अखरोट बेहद फायदेमंद माने जाते हैं लेकिन इसे कितनी मात्रा में खाना चाहिए यह बहुत कम लोगों को ही पता होता है। वैसे तो नट्स का सेवन सेहत के लिए अच्छा ही होता है लेकिन अधिक व अनियंत्रित तरीके से सेवन करने पर नुकसान भी हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अखरोट का सेवन सब के लिए अलग प्रकार से है जैसे कुपोषित लोग अखरोट के 10 से 12 टुकड़े खा सकते हैं, जबकि स्वस्थ व्यक्ति 6-7 हिस्से ले सकते हैं। इसके अलावा मोटे लोगों को प्रतिदिन 5 से अधिक अखरोट के टुकड़े का सेवन व हृदय रोग से पीड़ित को 2-4 हिस्सों का ही सेवन करना चाहिए।
अखरोट खाने के क्या हैं नुकसान?
अखरोट में अधिक कैलरी होती है। ऐसे में इसका सेवन नियंत्रित तरीके से ही करें। अधिक मात्रा में सेवन आप के वज़न को बढ़ा सकता है और दस्त या पेट से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। अखरोट के सेवन से कुछ लोगों को एलर्जी भी हो सकती है तो डाइट में शामिल करने से पहले एलर्जी की जांच ज़रूर कर लें। |
Lion and Clever Fox Hindi Story with Moral for Kids - Hinglish Talk
December 22, 2019 December 22, 2019 PARAS SINGLA 0 Comments Hindi Kahaniyan with Moral, Hindi Stories, Moral Stories, प्रेरणादायक कहानियां, हिन्दी कहानियां
Lion and Clever Fox – Hindi Moral Story for Kids
धोखेबाज शेर और चालाक लोमड़ी
Lion and Clever Fox Hindi Story with Moral
एक बार एक शेर बड़े और मजबूत पिंजरे में फंस गया। उसने आजाद होने के लिए बहुत प्रयास किए। लेकिन उसकी सारे प्रयास व्यर्थ हो गए। तभी उधर से एक राहगीर गुजरा।
शेर को पिंजरे में बंद देखकर वह सकपकाकर चुपचाप भागने ही वाला था कि शेर ने उससे प्रार्थना की, "हे भले मनुष्य! कृपया मुझे इस पिंजरे से बाहर निकाल दो। मैं आपका उपकार जिंदगी भर नहीं भूलूंगा।"
राहगीर डरते हुए बोला, "अगर मैंने तुझे इस पिंजरे से बाहर निकाल दिया तो तुम मुझे खा जाओगे।"
शेर ने राहगीर से कहा, "मेरा विश्वास करो। मैं ऐसा घिनौना काम नहीं करूंगा कि जान बचाने वाले को ही खा जाऊं।"
राहगीर ने शेर की बात पर विश्वास कर लिया और पिंजरे का दरवाजा खोल दिया।
फिर क्या था? शेर ने एक भरपूर अंगड़ाई ली और शैतानियत से मुस्कराकर बोला, "मूर्ख मानव! मुझे बहुत भूख लगी है, अब तुम्हें खा जाने के सिवाय मेरे पास और कोई रास्ता नहीं है।"
राहगीर समझ गया कि वह धोखेबाज निकला। तब उसने बड़े धैर्य के साथ शेर से कहा, "ठीक है। तुम चाहो तो मुझे खा लो, पर यह कतई न्यायसंगत नहीं है। और हां, अगर यहां कोई अन्य जानवर है तो उसी से पूछ लेते हैं। वह जैसा कहेगा, मैं तैयार हूं।"
शेर ने सोचा कि इसमें हर्ज़ ही क्या है। वह बोला, "ठीक है, लेकिन पूछें तो पूंछे किससे?"
संयोगवश उधर एक लोमड़ी आ निकली। लोमड़ी की बुद्धिमानी तो सभी जानते हैं। उन दोनों को देख वह छिप ही रही थी कि राहगीर और शेर ने उसे बुला लिया और अपनी-अपनी बात उसे बता दी।
लोमड़ी शेर की मूर्खता और राहगीर की विवशता समझ गई। उसने मन ही मन निश्चय किया कि आज शेर को सबक जरूर सिखाऊंगी।
शेर भी शायद इस गुमान मे था कि लोमड़ी उसके भय से फैसला मेरे पक्ष मे करेगी।
लोमड़ी ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और फिर बड़ी गंभीर होकर बोली, "मैं एक बार देखना चाहती हूं कि किस तरह यह सब हुआ। उसे एक बार दोनों मेरे सामने दोहरा लें, जिससे आपकी बात स्पष्ट हो सके।"
शेर ने लोमड़ी से कहा, "मैं कुछ समझा नहीं।"
लोमड़ी बोली, "मेरा मतलब है कि आप एक बार फिर से पिंजरे में तो जाइए।"
फिर राहगीर की ओर मुखातिब होकर उसने कहा, "आप भी जरा वहां (पिंजरे के बाहर) खड़े हो जाएं।"
शेर पिंजरे में घुसा तो लोमड़ी ने राहगीर से पूछा, "जब तुम यहां आए थे तो पिंजरे का दरवाजा खुला था या बंद?"
राहगीर ने कहा, "जी, दरवाजा तो बंद था।"
राहगीर का इतना कहा ही था कि लोमड़ी ने फुर्ती से उछलकर पिंजरे का दरवाजा बंद कर दिया। तब लोमड़ी मुस्कुराते हुए शेर से बोली, "अब आप यहीं बैठकर आराम फरमाइए।"
फिर लोमड़ी ने राहगीर से विदा ली। राहगीर ने लोमड़ी को हृदय से धन्यवाद दिया और उसकी बुद्धिमानी की प्रशंसा की।
शिक्षा – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि किसी पर जल्दी विश्वास नहीं करना चाहिए और मुसीबत में हमेशा धेर्य से काम लेना चाहिए।
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Cricket World Cup 2019- Live cricket match dekhne ke 10 tarike - TechnTrolls
Cricket World Cup 2019- Live cricket match dekhne ke 10 tarike
Cricket World Cup 2019 का 30 मई को इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच में होने वाला मैच से होगा दुनिया की टॉप 10 वनडे टीमें इस साल अपने कब्जे में करने के लिए एक दूसरे से भिड़ेगी। और वर्ल्ड कप 2019 के किसी भी मैच हो मिस नहीं करना चाहते हैं जिससे आप कहीं बैठकर अपने फोन में मैच मजा उठा सकते हैं
Hotstar Watch Cricket World Cup 2019
इस स्टार स्पोर्ट चैनल के अलाव हॉटस्टार पर भी लाइव मैच का प्रसारण होगा आप अपने स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर इन मैचों को लाइव देख सकते हैं और आपको अपने मोबाइल में होस्टार डाउनलोड करना होगा इसके बाद आपको 365 रूपये में एक साल का सब्सक्रिप्शन लेना होगा और इस सब्सक्रिप्शन से आप Live वलर्ड कप मैच देख सकेंगे और इस के अलावा और भी कई कटेंट देख सकते है।
Jio Tv Watch Cricket World Cup 2019
अगर आप के पास जिओ सब्स्क्राइबर्स हे तो जिओ टीवी पर भी मैच देख सकते है और यहां पर आपको फ्री में मैच देखने को मिलेगा और इसके अलावा आपको किसी भी प्रकार का पैक नहीं लेना होगा और जिओ टीवी ऐप आपको हॉटस्टार ऐप पर रीडायरेक्ट करके ले जायगा।
Cricket World Cup 2019के मैच स्काई स्पोर्टस पर लेपटॉप पर देख सकेंगे इस सेवा को आपको प्रतिदिन $8.00 और प्रति सप्ताह के लिए $15.00 और प्रति माह $25.00 है क्रिकेट प्रशंसक स्टेटस विलो टीवी के माध्यम से विश्व कप मैच देख सकते है
इस में Cricket World Cup 2019 में भारत, साऊथ अफ्रीका , पाकिस्तान,आइसलैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रलिया जैसी टीमें हिस्सा के रही हे। और इस बार Cricket World Cup 2019इंग्लैंड में खेला जा रहा है और पहला मैच इंग्लैंड और साऊथ अफ्रीकाके बीच में होगा।
1-: 6 Tips अपने मोबाइल की निजी जानकारी सुरक्षित कैसे करे
2-: ऑडियो फीचर्स अब WhatsApp को जल्द ही करें Update
3-: बिना इंटरनेट के भेजे व्हाट्सप्प पर मैसेज
2019 वर्ल्ड कप कब कहां और कैसे देखें how to watch match online in hindi ICC World cup kab kaha aur kaise dekhe Live cricket match dekhne ke 10 tarike |
बेगम Badar संयुक्त राष्ट्र nissa अख्तर एक भारतीय सामाजिक सुधारक और शिक्षक से कटक, उड़ीसा. वह जाना जाता है को चुनौती देने के लिए कठोर और रूढ़िवादी सामाजिक मानदंडों और प्रोत्साहित करने के लिए मुस्लिम लड़कियों को प्राप्त करने के लिए औपचारिक और कौशल ...
लेफ्टिनेंट जनरल जोगिंदर सिंह बक्शी MVC, वीएसएम था एक सामान्य अधिकारी भारतीय सेना में. वह था के साथ सजाया महा वीर चक्र में उसकी भूमिका के लिए भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 के.
प्रोमेथियस स्कूल में स्थापित किया गया था 2019. मुकेश शर्मा का अध्यक्ष है । उन्होंने यह भी है के संस्थापक और सीईओ क्यूए इन्फोटेक, एक सॉफ्टवेयर कंपनी में आधारित है नोएडा. 18 मई, 2020, स्कूल में नियुक्त Rashima Vaid के प्रधानाचार्य के रूप में माध्यम ...
पुलिस अधिनियम 1861 के स्थापित सिद्धांतों के संगठन के लिए पुलिस बलों और भारत में, मामूली संशोधनों के साथ, जारी है में प्रभाव पड़ता है । हालांकि राज्य पुलिस बलों को अलग कर रहे हैं और में अलग हो सकता है गुणवत्ता के उपकरण और संसाधनों, अपने पैटर्न के ... |
मैक्सिको: पूर्व प्रशासन ने 'स्पाइवेयर' खरीदने के लिए सरकारी कोष से 30 करोड़ डॉलर खर्च किए – नई दिल्ली टाइम्स
मैक्सिको: पूर्व प्रशासन ने 'स्पाइवेयर' खरीदने के लिए सरकारी कोष से 30 करोड़ डॉलर खर्च किए
मैक्सिको सिटी, मैक्सिको की वित्तीय खुफिया इकाई के प्रमुख सैंटियागो नीतो ने बताया कि 2012 से 2018 के बीच पूर्व प्रशासन के अधिकारियों ने इज़राइल के एनएसओ से 'स्पाइवेयर' खरीदने के लिए सरकारी कोष से 30 करोड़ डॉलर खर्च किए थे।
ऐसा प्रतीत होता है कि पेगासस स्पाइवेयर जैसे कार्यक्रमों के 'बिल' में अतिरिक्त भुगतान शामिल हैं, जिन्हें शायद रिश्वत के रूप में पूर्व सरकारी अधिकारियों को वापस भेज दिया गया होगा।
मैक्सिको की वित्तीय खुफिया इकाई के प्रमुख सैंटियागो नीतो ने बुधवार को कहा कि यह जानकारी मेक्सिको में अभियोजकों को दी जा रही है। भुगतान की गई राशि और जिस तरह से उन्हें भुगतान किया गया था, वह सरकारी भ्रष्टाचार के संकेत देती है, जिसमें पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और विपक्षी हस्तियों को लक्षित किया गया था और इसमें देश राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्राडोर और उनके करीबी भी शामिल है।
नीतो ने कहा कि लोपेज ओब्राडोर ने एक दिसम्बर 2018 को राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाला और 'स्पाइवेयर' का इस्तेमाल ना करने का संकल्प किया। तभी से मौजूदा प्रशासन द्वारा ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम देने के सबूत भी नहीं मिले हैं।
इस बीच, मोरक्को सरकार ने उन खबरों का खंडन किया है कि जिनमें कहा गया है कि देश के सुरक्षा बलों ने संभवत: फ्रांस के राष्ट्रपति और अन्य सार्वजनिक हस्तियों के सेलफोन पर नजर रखने के लिए इजराइल के एनएसओ समूह द्वारा बनाए गए स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया होगा।
मोरक्को सरकार ने मंगलवार देर रात एक बयान में कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनेताओं को लक्षित करने के लिए एनएसओ के पेगासस स्पाइवेयर के संदिग्ध व्यापक उपयोग की जांच कर रहे एक वैश्विक मीडिया समूह पर निशाना साधा। सरकार ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
समूह के एक सदस्य, फ्रांसीसी अखबार 'ले मोंडे' ने बताया कि राष्ट्रपति फ्रांस के एमैनुएल मैक्रों और फ्रांसीसी सरकार के 15 तत्कालीन सदस्यों के सेलफोन 2019 में मोरक्को की सुरक्षा एजेंसी की ओर से पेगासस स्पाइवेयर द्वारा निगरानी के संभावित लक्ष्यों में से शामिल हो सकते हैं। फ्रांसीसी सार्वजनिक प्रसारक 'रेडियो फ्रांस' ने बताया कि मोरक्को के राजा मोहम्मद षष्ट्म और उनके दल के सदस्यों के फोन भी संभावित लक्ष्यों में शामिल थे।
बयान में कहा गया, ''मोरक्को साम्राज्य लगातार झूठे, बड़े पैमाने पर और दुर्भावनापूर्ण मीडिया अभियान की कड़ी निंदा करता है।'' सरकार ने कहा कि वह ''इन झूठे और निराधार आरोपों को खारिज करती है।'' |
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