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६० च
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२६
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अज्ञान के AR SAT SH Sat है, St से सब अज्ञानी
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मनुष्य मोहित हो रहे हैं ।। १५ ।।
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The omnipresent God does not receive the
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virtue or sin of anyone. Knowledge is envel-
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oped in ingorance; hence it is that beings are
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constantly falling a prey to delusion. (15)
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ज्ञानेन तु तदज्ञानं येषां नाशितमात्मन:।
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तेषामादित्यवज्ञानं प्रकाशयति तत्परम्̣ । । १६।।
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परन्तु जिसका वह अज्ञान परमात्मा के तत्त्व ज्ञान
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द्वारा नष्ट कर दिया गया है, उनका वह ज्ञान सूर्य के
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Tal Sa सच्चिदानन्दघन परमात्मा को प्रकाशित HK
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देता है ।। १६ ।।
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In the case, however, to those whose
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said ignorance has been set aside by true
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Knowledge of god, that wisdom shining like
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the sun reveals the supreme. (16)
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प्रसंग --यथार्थं ज्ञान से परमात्मा की प्राप्ति होती है, यह बात संक्षेप में कहकर अब छब्बीसवें श्लोक
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तक ज्ञानयोग द्वारा परमात्मा को प्राप्त होने के साधन तथा परमात्मा को प्राप्त सिद्ध TOSS लक्षण, आचरण,
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महत्त्व Gk Rafe का वर्णन करने के उद्देश्य से पहले यहाँ ज्ञानयोग के एकान्त साधन द्वारा परमात्मा
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की प्राप्ति बतलाते F—
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