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हे परन्तप अर्जुन ! इस प्रकार परम्परा से प्राप्त इस
बहुत काल से इस पृथ्वी लोक में लुप्तप्राय हो
गया ।। २ ।। ॥
Thus transmitted in succession from father
to son, Arjuna, this Yoga remained known to
the Rajarsis (royal sages). It has, however,
long since disappeared from this earth. (2)
WMA
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स एवायं मया तेऽद्य योग: प्रोक्त: पुरातन:।
WHS A AA चेति Wa ह्येतदुत्तमम् । । ३ । ।
तू मेरा भक्त six ra wer है, इसलिये वही ae
él उत्तम रहस्य है Had गुप्त रखने योग्य fava
1S ।। ह ।।
The same ancient Yoga has this day been
imparted to you by Me, because you are My
devotee and friend; and also because this is a
supreme secret.
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age अध्याय
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WW प्रसंग --उपर्युक्त वर्णन से मनुष्य को स्वाभाविक at यह शंका हो सकती है कि भगवान् श्रीकृष्ण ।
| dt अभी द्वापरयुग में प्रकट gut और a देव, मनु एवं इक्ष्वाकु बहुत पहले हो चुके हैं; तब इन्होंने इस
| योग का उपदेश सूर्य के प्रति Se Rar? अतएव इसके समाधान के साथ ही भगवान् के अवतार-तत्त्व
| को act प्रकार समझने की इच्छा से अर्जुन Yor F—
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HAs त्वमादौ प्रोक्तवानिति । । st
३ अर्जुन बोले--आपका जन्म a अर्वाचीन--अभी
(| art कहा था ।। ४ ।।
Arjuna said : You are of recent origin, while
the birth of Vivasvan dates back to remote
antiquity. How, then, am I to believe that
/| You taught this Yoga at the beginning of
| creations? (4)
// प्रसंग --इस प्रकार APA के पूछने पर अपने अवतार-तत्त्व का रहस्य समझाने के लिये अपनी सर्वज्ञता
,)। प्रकट करते EL भगवान् Het F—
श्रीभगवानुवाच
बहूनि A व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन।
तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परंतप । YI
ळ्ळिर्व्य र्व्यद्गु\ळै LW Yj
103 श्रीमद्भगवद्गीता
Wy
किंतु मैं जानता € ।। ५ ।।
Sri Bhagavan said ; Arjuna, you and I have
passed through many births, I remember
them all; you do not remember, O chastiser ||
of foes. (5) |
प्रसंग --भगवान् के मुख से यह बात सुनकर कि अव तक मेरे बहुत-से जन्म हो चुके B, यह जानने | .
की इच्छा होती है कि आपका जन्म किस प्रकार होता है और आपके जन्म में तथा अन्य लोगा के जन्म |
# क्या भेद है । अतएव इस बात को समञझझाने के लिये भगवान् अपने जन्मका तत्त्व बतलाते है । . .
अजोऽपि सन्नव्ययात्मा भूतानामीश्वरोऽपि सन् ।
प्रकृतिं स्वामधिष्ठाय संभवाम्यात्ममायया । । ६ । ।
मेअजन्माओरअचिनाशीस्यरूपहोतेह्रुएभीतथा
को अधीन`करके अपनी योगमाम्ला से प्रकट होता
ह ।। ६ ।।
Though birthless and deathless, and the |
Lord of all beings, I manifest Myself through । ।
My own Yogamaya (divine potency), keeping ——
My Nature (Prakrti) under control. (6) =
se ree ye से उनकं जन्म का तत्य सुनने पर यह जिजञासा झेती है कि |